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जीवन में भक्ति,ज्ञान व वैराग्य की पुष्टि के लिए श्रीमद् भागवत श्रवण जरूरी Thursday 15 June 2023 04:15 PM UTC+00 भीलवाड़ा। श्रीमद् भागवत कथा श्रवण का अवसर जन्म-जन्मान्तर के कितने ही पुण्यों का उदय होने पर भाग्योदय से ही मिलता है। इसे श्रवण करने का एक बार अवसर मिल जाए तो ही जीवन का कल्याण हो जाता है यहां तो अष्टोत्तर शत श्रीमद भागवत मूल पाठ का अवसर मिला है इससे श्रेष्ठ कुछ नहीं हो सकता। भागवत भगवान के दिव्य स्वरूप व उसके दिव्य चरित्रों का दर्शन कराने वाली है।
ये विचार ठाकुर श्री दूधाधारी गोपालजी महाराज का नूतन महल प्रवेश महोत्सव के तहत नूतन महल प्रवेश महोत्सव समिति के तत्वावधान में अग्रवाल उत्सव भवन में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन गुरूवार को व्यास पीठ से श्री निम्बार्काचार्य पीठाधीश्वर श्री श्यामशरण देवाचार्यश्री 'श्रीजी' महाराज ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि परम पावन भीलवाड़ा नगरी में हो रहे भगवान श्रीकृष्ण की कथा के इस आयोजन में शामिल होकर हम अपना जीवन धन्य कर सकते है। भक्ति, ज्ञान व वैराग्य की पुष्टि के लिए श्रीमद् भागवत श्रवण जरूरी है। भगवान को भक्ति बहुत प्रिय है ओर जो भक्ति का दामन पकड़ लेता है वे सीधे भगवान के समीप पहुंच जाता है। जब कोई पतित, दुष्ट, अनाचारी भी श्रीमद् भागवत का आश्रय ले तो उसका कल्याण हो जाता है ऐसे कई उदाहरण हमे मिल जाएंगे। श्रीजी महाराज ने नित्य निरन्तर भगवान व प्राणीमात्र की सेवा करने का संदेश देते हुए कहा कि अपने कल्याण के लिए श्रीमद् भागवत व भगवान की सुंदर कथाओं का श्रवण अवश्य करना चाहिए। सात दिन में जीव का कल्याण कैसे हो ये श्रीमद् भागवत बताता है। कथा के तहत राजा परीक्षित के जन्मोत्सव, परीक्षित को सर्पदंश से मृत्यु का श्राप मिलने, श्रीशुकदेव के जन्म, राजा परीक्षित के मोक्ष हेतु शुकदेव द्वारा भागवत कथा प्रारंभ करने से जुड़े प्रसंग भी बताए गए। |
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