>>: Digest for June 13, 2023

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weather update: सीकर. राजस्थान में झोंकेदार हवाओं के साथ बारिश का दौर सोमवार को भी जारी रहेगा। इस दौरान पूर्वी व पश्चिमी राजस्थान के छह जिलों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं व मेघ गर्जन के साथ कुछ इलाकों में बारिश की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर ने इस संबंध में येलो अलर्ट जारी किया है। जिसके अनुसार आज पूर्वी राजस्थान के जयपुर, भरतपुर व अजमेर तथा पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर व बीकानेर संभाग के छह जिलों में बरसात देखने को मिल सकती है। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में बारिश का असर आगामी 14 जून तक जारी रहने की संभावना है।

आज इन जिलों में होगी बारिश
मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार सोमवार को पूर्वी राजस्थान के अलवर, भरतपुर, धौलपुर, झुंझुनूं तथा पश्चिमी राजस्थान के हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर में बारिश होने की संभावना है। बादलों की गरज व बिजली की चमक के साथ होने वाली बारिश के साथ इस दौरान कुछ इलााकों में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की गति वाली झोंकदार हवाएं भी चल सकती है।

तीन दिन रहेगा असर
मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार प्रदेश में बारिश का दौर फिलहाल तीन दिन और रहने के आसार हैं। इस दौरान मंगलवार को पूर्वी राजस्थान के अजमेर, कोटा, भरतपुर व उदयपुर तथा पश्चिमी राजस्थान जोधपुर संभाग में कहीं कहीं हल्की बारिश होगी। जिलों की बात करें तो इस दौरान अलवर, भरतपुर, धौलपुर व झुंझुनूं के अलावा पश्चिमी रास्थान के श्रीगंगानगर में मेघ गर्जन व वज्रपात के साथ बरसात की संभावना है।

सीकर.सरकार के तमाम दावों के बाद भी बालश्रम का दाग नहीं मिट पा रहा है। लेकिन सुखद तस्वीर यह है कि बालश्रमिक अब झाडू के बजाय कलम के जरिए किस्मत बदलने में जुटे हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा भिक्षावृत्ति धार्मिक स्थलों पर होती है। प्रदेश में सबसे ज्यादा जयपुर, सीकर, अजमेर, पुष्कर, करौली, राजसमंद, जैसलमेर, दौसा, सवाईमाधोपुर, चूरू सहित अन्य जिलों के धार्मिक स्थलों पर भिक्षावृत्ति के मामले सामने आए है। जयपुर जिले में एक्शन मंथ के तहत एक मई से लेकर 10 जून तक 33 बच्चों को बालश्रम से मुक्त कराय गया है। वहीं भिक्षावृत्ति से 30 बच्चों को मुक्त करवाकर 27 का पुर्नवास किया गया है। इनमें से चार बच्चों के पैरेंट्स पर मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। सीकर जिले में जुलाई 2015 से चाइल्डलाइन 1098 सेवा शुरू हुई है। इसमें पिछले आठ साल में 439 बालश्रम कराने की शिकायतें आई है। वहीं बाल भिक्षावृत्ति के 538 मामले सामने आए हैं। यहां 350 बालश्रमिकों को छुड़वाकर पुर्नवास के लिए बाल कल्याण समिति को सुपुर्द किया गया। वहीं बाल भिक्षावृत्ति में करीब 475 बच्चों को मुक्त गया है।

खाटू में एमपी, यूपी सहित कई जिलों के बालश्रमिक

खाटूश्यामजी और अजमेर दरगाह, पुष्कर मेले के दौरान व अन्य दिनों में जगह-जगह बच्चे भिक्षावृत्ति करने के लिए अपने परिवार के साथ यहां आते रहते हैं। मेले के दौरान हजारों परिवार अपने बच्चों को भिक्षावृत्ति के लिए लेकर आते हैं। इनमें से ज्यादातर परिवार मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान के भरतपुर, अलवर, दौसा सहित अन्य जिलों से ज्यादा बच्चे आ रहे हैं। बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त करवाकर बच्चे को पुर्नवास के लिए शिक्षा से जोड़ा जाना बहुत जरूरी है।

कपास चुगने सहित कई उद्योग में हो रहा बालश्रम

चाईल्डलाइन के अनुसार बालश्रम छोटे कम आमदनी वाले क्षेत्रों में होता है। बीटी कॉटन कपास चुगने के लिए बांसवाड़ा, डूंगरपुर व उदयपुर की कई तहसीलों से हजारों बच्चे गुजरात व आसपास के क्षेत्रों में ले जाए जाते हैं। वहीं चाय, मिठाई की दुकान, चूड़ी उद्याेग, बीड़ी उद्योग सहित कई क्षेत्रों में बच्चों से बालश्रम कराया जा रहा है। वहीं सीकर में प्याज की पौध लगाने व खुदाई के लिए भी बालश्रमिक आते हैं। 7 साल से लेकर 17 साल तक के बच्चों से भिक्षावृत्ति करवाते हैं।

चाइल्डलाइन भी बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त करवा रही

चाइल्डलाइन देखरेख एवं संरक्षण के जरूरतमंद बच्चों के लिए एक राष्ट्रीय, 24 घंटों के लिए, मुफ्त, आपातकालीन फोन आउटरीच सेवा है।। चाइल्डलाइन राज्य सरकारों, गैर सरकारी संगठनों, सहायक प्रणालियों और कॉरपोरेट सेक्टर के साथ भागीदारी में भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की परियोजना है।

एक्सपर्ट व्यू

परिवार से समझाइश करके और काउंसलिंग करके बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की कवायद लगातार की जा रही है। जहां भी हम बाल श्रम देखते है उसकी चाइल्ड लाइन, मानव तस्करी यूनिट आदि को सूचना देकर कार्रवाई करा सकते है। वहीं ऐसे परिवारों को किसी भी रोजगार से जोड़कर बच्चों को भी स्कूल भिजवाने की पहल करनी होगी। वहीं बालश्रम अपराध की श्रेणी में आ गया है जिस पर पूर्णतया रोक लगाने के लगातार प्रयास किए जा रहे है।

बिहारी लाल बालान, सदस्य, बाल कल्याण समिति

95 फीसदी बच्चों को चूड़ी कारखानों से मुक्त करायाएक अप्रेल 2022 से लेकर 31 मार्च 2023 तक 240 बच्चाें को बालश्रम से मुक्त करवाया गया। रेसक्यू के बाद सेल्टर होम भेजा गया। इसके साथ ही 47 आरोपियों के खिलाफ मामले दर्ज कराए हैं। वहीं 37 बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराया है। इसमें 95 प्रतिशत बच्चे चूड़ी कारखानों से मुक्त करवाए हैं और ज्यादातर बच्चे बिहार के हैं।

सुमनसिंह शेखावत, कोर्डिनेटर, चाइल्डलाइन

Husband severed wife's throat, repeatedly attacked her with an axe. सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में एक पति ने बर्बर तरीके से पत्नी का मर्डर कर दिया। दासा की ढाणी में पति ने पत्नी के शरीर पर कुल्हाड़ी से इतने वार किए कि उसकी गर्दन धड़ से अलग होकर लटक गई। आरोपी पति ने उसका चेहरा भी पूरी तरह से नोच लिया। हत्या के बाद वह मौके से फरार हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर मामले की जांच शुरू कर दी है। उद्योग नगर पुलिस के अनुसार मृतका मृतका 45 वर्षीय गुड्डी देवी है। उसके बेटे विनोद के मुताबिक पिता होशियार राम ने बीती देर रात करीब तीन बजे वारदात को अंजाम दिया। उस समय वह श्याम बाबा के दर्शन करने खाटूश्यामजी गया हुआ था। सुबह उसे पिता द्वारा मां की हत्या की सूचना मिली।

शव पहचानना भी मुश्किल
आरोपी पति ने पत्नी का चेहरा पूरी तरह नोच लिया। उसके आंख, नाक व मुंह पूरी तरह विकृत हो गया। गर्दन पर भी इतने वार किए कि वह धड़ से अलग होकर लटक गई। इस बर्बर हत्या के कारणों का अब तक पता नहीं चला है।

(Death of SSB jawan, wife pregnant, village sitting on dharna keeping dead body) सीकर/नीमकाथाना. राजस्थान के सीकर जिल के नीमकाथाना के मावंडा कला पंचायत के कुंडली की ढाणी निवासी एसएसबी के जवान दाताराम सैनी को शहीद का दर्जा देन की मांग को लेकर सोमवार को ग्रामीण नीमकाथाना में ही धरने पर बैठ गया। लखनऊ से शव आने पर ग्रामीणों ने उसे खेतड़ी मोड़ पर ही रोककर रास्ता जाम कर दिया। हाथ में तिरंगा लिए शहीद के जयकारे लगाते हुए वे अपनी मांग बुलंद करने लगे। प्रदर्शन से रास्ता जाम होने पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। सूचना पर पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। जिन्होंने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की। पर करीब ढाई घंटे तक ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे। बाद में एसडीएम राजवीर यादव ने मांगपत्र लेकर उचित कार्यवाही का आश्वासन देते हुए प्रदर्शनकारियों को शांत करवाया। इसके बाद शव को पैतृक गांव ले जाया गया।

शारीरिक अभ्यास के दौरान मौत

कुंडली निवासी दाताराम सैनी पुत्र भोमाराम सैनी एसएसबी फ्रंटियर हेड क्वार्टर लखनऊ में कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात था। जहां शनिवार को शारीरिक अभ्यास के दौरान वह दौड़ते समय अचानक गिर गया। अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों का तर्क है कि दाताराम ने ड्यूटी को अंजाम देते हुए प्राण देश के लिए न्योछावर किए हैं। ऐसे में उसे शहीद के दर्जे के साथ परिवार को शहीद परिवार के लाभ दिलाए जाए। मामले में भाई महिपाल सैनी ने एसडीएम को ज्ञापन दिया।

तीन साल पहले हुई थी शादी, पत्नी गर्भवती
जानकारी के अनुसार मृतक भोमाराम सैनी की शादी 2020 में हुई थी। उसके दो साल की बेटी है। पत्नी सात महीने की गर्भवती है। पति की मौत की सूचना पर उसके सहित पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

सीकर/कांवट. कस्बे के नालोट रोड स्थित मैरिज गार्डन में रविवार को पूर्व प्रधान शिवदयाल पालीवाल की अध्यक्षता में खंडेला तहसील को नवगठित जिला नीमकाथाना में शामिल नहीं करने पर विरोध सभा की। वक्ताओं ने कहा कि लोग कांवट सहित आसपास की ग्राम पंचायतों को नीमकाथाना में शामिल करने की मांग कर रहे थे, लेकिन दो दिन पहले दुल्हेपुरा में आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्पष्ट कर दिया कि खंडेला विधानसभा सीकर जिले में ही रहेगी। वक्ताओं ने कहा कि कांवट सहित आसपास के गांवों से सीकर जिला मुख्यालय 70 किमी दूर पड़ता है जबकि नीमकाथाना महज 20 से 25 किमी दूरी है। इस दौरान एडवोकेट जगदीश मल्लाका ने आमजन के हितों को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने की बात कही। बैठक के दौरान तय किया कि इन गांवों को नीमकाथाना में शामिल करने की मांग को लेकर 13 जून को पिपलोदा का बास बस स्टैंड पर सभा का आयोजन किया जाएगा। साथ ही नीमकाथाना में शामिल करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री, जिला पुनर्गठन समिति के अध्यक्ष रामलुभाया व नीमकाथाना विशेषाधिकारी को ज्ञापन दिया जाएगा। इस दौरान भाजपा मंडल अध्यक्ष रंगलाल स्वामी, लालचंद खैरवा, रजनीश फोगावट, हम्मीराम खोखर, रामवतार बड़सरा, किसान नेता बोदूराम, रणजीत सिंह गढ़ी आदि मौजूद रहे।

इधर, जुगलपुरा में भी सरदार वल्लभ भाई पटेल सेवा समिति के नेतृत्व में ग्रामीणों ने कांवट, जुगलपुरा, भादवाड़ी सहित आसपास की ग्राम पंचायतों को नीमकाथाना जिले में शामिल करने की मांग को लेकर बैठक की। इस दौरान समिति अध्यक्ष शक्तिसिंह तंवर, उपाध्यक्ष मूलचंद वर्मा, कोषाध्यक्ष कृष्ण सिंह राठौड़, सतपाल चौहान, नंदसिह आदि थे।

कांवट. ग्राम जुगलपुरा में नीमकाथाना जिले में शामिल होने की मांग को लेकर आयोजित बैठक।

लक्ष्मणगढ़. क्षेत्र की प्रतिभाएं प्रदेश और देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर क्षेत्र को गौरवान्वित कर रही है। इसी कड़ी में क्षेत्र के बासनी (बैरास) गांव की बेटी रचना ढाका इंग्लैंड में कील पोस्टग्रेजुएट एसोसिएशन की अध्यक्ष निर्वाचित हुई है। कील पोस्टग्रेजुएट एसोसिएशन इंग्लैंड के उन दो स्टूडेंट यूनियन में से एक है जो कि पोस्टग्रेजुएट (स्नातकोत्तर) विद्यार्थियों के लिए बने है और सक्रियता से काम कर रहे है। गौरतलब है कि यहा के विद्यार्थी संघों में यूरोपियन पुरुष विद्यार्थियों का बोलबाला रहता है। रचना पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी मोहिनी ढाका एवं वृक्ष मित्र पूर्व वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक सुल्तान सिंह ढाका की पुत्री हैं। इनके भाई विकास ढाका राजस्थान बार एसोसिएशन जोधपुर के उप सचिव एवं विवेक ढाका भारतीय सीमा सुरक्षा बल में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर कार्यरत हैं।

दूसरी भारतीय अध्यक्ष

रचना इस संगठन की अध्यक्ष बनने वाली मात्र दूसरी भारतीय विद्यार्थी है। इससे पहले 2007-08 में भारतीय छात्रा रूही अध्यक्ष बनी थी। रचना वर्तमान में कील यूनिवर्सिटी से अपराध-शास्त्र एवं आपराधिक-न्याय के विषय में स्नातकोत्तर कर रही है।

रचना को हाल ही में राजस्थान चैरिटेबल ट्रस्ट की ट्रस्टी भी मनोनीत किया गया है। राष्ट्रपति गाइड रही रचना वहां सेक्शन असिस्टेंट लीडर के रूप में वालंटियर सेवा भी दे रही है। हंसमुख व्यक्तित्व की धनी रचना अपने आस-पास के वातावरण को सकारात्मक बनाकर विद्यार्थियों का सहयोग करती हैं। इसी वजह से गतवर्ष उनको सहपाठियों को प्रेरित करने हेतु बॉब बिट्टी खिताब मिला था। इसीलिए रचना को इस चुनाव में विरोधी कैंडिडेट के दुगुने से भी अधिक वोट मिले हैं।

उपाध्यक्ष के रूप में किए कई कार्य किए

यहां उल्लेखनीय होगा कि रचना गतवर्ष इसी स्टूडेंट यूनियन की उपाध्यक्ष का चुनाव जीतने वाली प्रथम भारतीय बनी थी। बतौर उपाध्यक्ष उसने सक्रिय रहते हुए पूरे सत्र में कई सफल कार्यक्रम आयोजित किए थे। रचना की सक्रियता ब्रिटिश मीडिया में भी चर्चा का विषय रही। गतवर्ष के दिवाली के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में बीबीसी-स्टॉक के सदस्य भी शरीक हुए थे तथा आयोजन से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपने प्रात: काल के टॉक शॉ में रचना को आमंत्रित कर इस स्टूडेंट यूनियन और यहां आयोजित दिवाली के बारे में चर्चा करने का अवसर दिया। रचना ने वहां दिवाली के साथ-साथ लोहड़ी एवं अफ्रीकन नाईट प्रोग्राम का भी सफल आयोजन किया जिनमें बड़ी संख्या में विद्यार्थी शामिल हुए। इसके अलावा एजुकेशन कमेटी की सदस्य के रूप में रचना ने अपने सहपाठियों की विभिन्न समस्याओं का निराकरण किया, जिससे प्रभावित होकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनको अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों की समिति का सदस्य भी मनोनीत किया।

स्टूडेंट यूनियन की उपाध्यक्ष चुने जाने के बादे से रचना की लगातार सक्रियता तथा कील पोस्टग्रेजुएट एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में दावेदारी से वहां पढ़ने वाले भारतीय एवं अन्य अंतराष्ट्रीय विद्यार्थियों को भी प्रोत्साहन मिला। इसकी झलक इस बार के चुनाव में मिलती है। इस चुनाव में विद्यार्थी संघ के पांच निर्वाचित सदस्यों में से चार भारतीय हैं और एक सीरियन।

विद्यार्थी-हित के साथ-साथ देश की सांस्कृतिक विरासत बढ़ाना है लक्ष्य

पत्रिका से बातचीत में रचना ने बताया कि बतौर स्टूडेंट यूनियन अध्यक्ष विद्यार्थियों के हित के साथ-साथ भारत की बेटी के रूप में देश की सांस्कृतिक विरासत को विदेशों में बढ़ावा देना उनका लक्ष्य है। गतवर्ष कील विवि में आयोजित डाइवर्सिटी फेस्टिवल में भी रचना ने राजस्थानी लोकनृत्य घूमर की शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों को रोमांचित कर दिया था। कील विश्वविद्यालय रिसर्च एवं अपने विविध पृष्ठभूमि से आने वाले विद्यार्थियों को बराबरी एवं सम्मान के साथ अपनी स्टूडेंट कम्युनिटी में सम्मिलित करने के लिए जाना जाता है।

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