>>: Digest for June 15, 2023

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Table of Contents

ऐसे में जहां सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान है। वहीं लाखों की लागत से लगाए सीसीटीवी कैमरों का कोई औचित्य नहीं दिख रहा। ग्राम पंचायत की ओर से गत वर्षों यहां सुरक्षा दृष्टि एवं संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए निजी बस स्टैण्ड से लेकर जोधपुर तिराहे तक डिवाइडरयुक्त सीसी रोड के बीच समेत अन्य प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। विभिन्न स्थानों पर करीब 19 सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। वर्तमान में इनमें से आधे कैमरे ही शुरू है। आधे कैमरे उचित देखरेख व सारसंभाल के अभाव में बंद है। सीसीटीवी कैमरे लगाकर इसका कंट्रोल रूम पुलिस थाने में बनाया था। ताकि पुलिस सीसीटीवी कैमरों से नजर रख सके।

सभी सीसीटीवी कैमरे दुरुस्त रहने जरुरी

संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सभी सीसीटीवी कैमरोंं का दुरुस्त रहना जरुरी है। लेकिन, आलम है कि उचित देखरेख व सारसंभाल के अभाव में अक्सर अधिकतर कैमरे बंद रहते है। मोबाइल लूट की वारदात पर भी व्यापारियों ने बंद कैमरों को शुरू करवाने की मांग की थी।

सुव्यवस्थित करेंगे कैमरे

अभी कैमरों की देखरेख व सारसंभाल के लिए ग्राम पंचायत में अलग से बजट का अभाव है। हाल ही प्रदेश सरकार ने बजट घोषणा की पालना में आहोर में नगरपालिका की अधिसूचना लागू की है। ऐसे में नगरपालिका का कार्य प्रारंभ होते हुए सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था को सर्वप्रथम दुरुस्त करवाया जाएगा। सीसीटीवी कैमरों का कंट्रोल रूम भी नगरपालिका कार्यालय में स्थापित करवाया जाएगा।

-सुजाराम प्रजापत, सरपंच, ग्राम पंचायत आहोर

Rajiv Gandhi Rural and Urban Olympic Game : खेलों के प्रति प्रदेशवासियों की रुचि बढ़ाने और खेल प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए शुरू राजीव गांधी ग्रामीण व शहरी ओलम्पिक खेलों में महिलाओं की रुचि नहीं है। प्रदेश में पुरुषों की तुलना में महज 28 प्रतिशत महिलाएं ही इन खेलों में भाग ले रही हैं। प्रदेश में ग्रामीण व शहरी ओलम्पिक में 23 लाख 67 हजार 4 पुरुष खिलाड़ियों की तुलना में 16 लाख 96 हजार 175 महिला खिलाड़ियों ने ही पंजीयन कराया है।

प्रदेश में शहरी ओलम्पिक में 6 लाख 88781 पुरुष खिलाड़ियों ने पंजीयन कराया है। जबकि महिलाओं की संख्या 4 लाख 17573 ही है। जो पुरुषों से 2 लाख 71 हजार 208 कम है। ग्रामीण ओलम्पिक में 16 लाख 78223 की तुलना में 12 लाख 86002 महिलाओं ने पंजीयन कराया है। ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं की संख्या पुरुषों से 3 लाख 99621 कम है।

टॉपिक एक्सपर्ट
महिलाओं यदि अच्छा मार्गदर्शन मिले तो वे बेहतर खिलाड़ी बन सकती है। हमारे राजस्थान की सोच महिलाओं व बालिकाओं खेलों में आगे आने में बाधा बनती है। जबकि महिलाओं के खेलों में पुरुषों की तुलना में कम प्रतिस्पर्द्धा है। हमारे पाली जिले से कई महिला खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर तक भी खेली है। उनको प्रोत्साहित करना जरूरी है।
-राजेश पाटनेचा, सचिव, जिला ओलम्पिक संघ, पाली

शहरी ओलम्पिक में इतने खिलाड़ी पंजीकृत
जिला पुरुष महिला
श्रीगंगानगर 36372 29563
जयपुर 42490 18825
भरतपुर 40922 18715
पाली 30364 22152
सवाई माधोपुर 30106 21857
हनुमानगढ़ 29617 22133
सीकर 31194 17118
उदयपुर 24295 21263
बीकानेर 24688 17412
अलवर 27627 12867
झुंझनूं 23664 15801
भीलवाड़ा 22292 15660
दौसा 24134 13071
चित्तौड़गढ 19140 14875
चूरू 21363 12040
नागौर 22417 9617
सिरोही 16596 12648
जालोर 16814 12440
धौलपुर 18536 9584
कोटा 17697 9670
टोंक 17959 9360
करौली 18313 8806
बारां 16185 9626
बूंदी 15272 9703
जोधपुर 15612 5857
बांसवाड़ा 13013 6741
बाड़मेर 14050 5583
अजमेर 12088 5006
राजसमंद 9645 7358
डूंगरपुर 10238 6633
प्रतापगढ़ 9597 6814
जैसलमेर 8803 4834
झालावाड़ 7258 4241

ग्रामीण ओलम्पिक में पंजीकृत खिलाड़ी
जिला पुरुष महिला
सवाई माधोपुर 73602 64745
करौली 53363 41858
भतरपुर 90764 70819
झुंझनूं 98952 86801
श्रीगंगानगर 114956 105563
पाली 68012 51404
जालोर 39245 24733
चूरू 53096 42403
टोंक 43075 30247
जयपुर 103671 72747
बीकानेर 82442 71709
उदयपुर 119647 105683
बारां 40960 30060
प्रातपगढ़ 28540 17939
दौसा 37225 27486
धौलपुर 30520 22427
चित्तौडगढ 34425 23004
सिरोही 35918 26870
बूंदी 47715 38995
राजसमंद 27490 22799
डूंगरपुर 22523 11468
झालावाड़ 32713 20263
कोटा 27362 21566
सीकर 41990 28988
भीलवाड़ा 54065 44842
हनुमानगढ़ 41747 33262
जोधपुर 42912 22911
जैसलमेर 18504 11077
बांसवाड़ा 53649 35717
नागौर 43277 31914
अजमेर 17986 10103
बाड़मेर 24860 7560
अलवर 33017 20639

Youth in Depression : युवाओं में तनाव, अवसाद और नींद की कमी की शिकायत बढ़ती जा रही है। यह इतनी भयावहता तक पहुंच जाती है कि युवा मरने व मारने तक को उतारू हो रहे है। इसके मुख्य रूप से बेरोजगारी, प्रतिस्पर्द्धा, आर्थिक तंगी, पारिवारिक कलह आदि कारण मुख्य रूप से सामने आ रहे है। पाली के बागड़ मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में ही रोजाना अवसाद के शिकार चार-पांच युवाओं को लेकर उनके परिजन पहुंच रहे हैं। कई लोग मनो चिकित्सक के पास जाने की झिझक के कारण मरीज के अधिक उग्र होने या मानसिक पीड़ित होने के बाद पहुंचते हैं। ये हालात न केवल युवक के लिए, बल्कि उसके परिजनों के लिए भी घातक सिद्ध होते हैं।

केस एक
पाली शहर के एक 23 साल के युवक को उसके परिजन मनोचिकित्सक के पास लेकर पहुंचे। उसने पूरे शरीर पर ब्लेड से कट लगा दिए थे। नशा करता था। घरवालों के नशे के लिए पैसे देने से इनकार करने पर खुद को हानि पहुंचाने के साथ परिजनों पर भी हमला कर देता।

केस दो
एक 20 साल की युवती पढ़ाई में कम नम्बर आने से अवसाद से ग्रसित हो गई। परिजनों के कुछ कहने पर गुमसुम रहने लगी और इसके बाद उसने एक साथ नींद की बहुत सी गोलियां खा ली। जब उसे परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे तो हालत काफी गंभीर थी। उसका उपचार किया गया।

यह है अवसाद के कारण
● प्रतिस्पर्धात्मक माहौल, परीक्षा में असफलता
● धैर्य की कमी
● बेरोजगारी/ आर्थिक तंगी
● आपसी संबंधों में तनाव/ पारिवारिक कलह
● बढ़ते एकाकी परिवार
● सोशल मीडिया का अधिक उपयोग
● समाज-परिजन व मित्रों से कम मेलजोल
● बढ़ती नशे की लत

टॉपिक एक्सपर्ट
युवा या बच्चे के व्यवहार में बदलाव आते ही परिजनों को सतर्क होना चाहिए। विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। जीवन में सफलता व असफलता का दौर आता है। घर-परिवार के बड़ों को चाहिए कि वे युवाओं को इसके लिए मानसिक रूप से दृढ़ बनाए। कारण यह है वे इस दौर से गुजर चुके होते हैं। कई लोग मानसिक रोग होने पर चिकित्सक के पास जाने से झिझकते हैं। उनको अन्य जगहों पर ले जाते है। इससे बीमारी अधिक गंभीर हो जाती है। मानसिक रोग भी अन्य रोगों की तरह है, जो अपनत्व व दवाओं से ठीक हो जाते हैं। बच्चों व युवाओं को अवसाद से बचाने के लिए उनसे बातचीत करना भी जरूरी है। -डॉ. अंकित अवस्थी, विभागाध्यक्ष, मनोरोग विभाग, मेडिकल कॉलेज, पाली

Cyclonic Storm In Rajasthan : राजस्थान में चक्रवाती तूफान की आहट शुरू हो गई है और 15 जून से मौसम में बड़ा बदलाव दिखाई देगा। मौसम विभाग ने 16 और 17 जून को राजस्थान के तीन संभागों में भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी करते हुए चेतावनी दी है कि बाड़मेर और जालोर जिले व आसपास के इलाकों में 250 एमएम तक बारिश दर्ज हो सकती है। उधर, चक्रवाती तूफान का असर 18 व 19 जून को भी बना रहेगा। विभाग का मानना है कि कुछ जिलों में तूफानी आंधी भी चलेगी, जिसकी रफ्तार 70 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है।

इन तीन संभागों पर ज्यादा असर
मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक आर.एस. शर्मा की माने तो चक्रवात का असर 15 जून से शुरू होगा, जो 19 जून तक बना रह सकता है। सबसे ज्यादा असर 16 से 18 जून तक दिखाई देगा। इसमें भी 16 व 17 जून को जोधपुर और उदयपुर संभाग के जिलों में भारी से अति भारी बारिश होने की संभावना बनी हुई है। जबकि बाड़मेर, जालोर और आसपास के इलाकों में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिसके चलते दिनभर में 250 एमएम बारिश भी दर्ज हो सकती है।

रात को बदल सकता है मौसम का मिजाज
मौसम विभाग की माने तो राजस्थान के आधा दर्जन जिलों में मंगलवार रात को बारिश और आंधी का अलर्ट जारी किया है। माना जा रहा है कि मौसम का मिजाज किसी भी समय बदल सकता है। टोंक, सवाईमाधोपुर, बूंदी, कोटा, पाली, अजमेर, नागौर, भीलवाड़ा में किसी भी समय मेघगर्जन के साथ हल्की बारिश और 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का यलो अलर्ट जारी किया गया है।

जिला कलक्टरों की अपील
राजस्थान के जोधपुर संभाग में अति भारी बारिश की संभावना को देखते हुए पाली, जालोर और सिरोही जिला कलक्टर ने तेज आंधी अंधड़ व मेघ गर्जन के दौरान आमजन से घरों के अन्दर रहने, बड़े पेड़ों के नीचे खड़े ना होने, कच्ची दीवारों के पास खड़े नहीं होने, पशुओं को पेड़ से नहीं बांधने, घर में बिजली के उपकरणों का संपर्क हटा देने, बिजली के खंभों के पास व नीचे दुपहिया व चार दुपहिया वाहन खड़ा नहीं करने, जिन घरों में टीन शेड है उनके गेट बंद रखने, बड़े होर्डिंग्स लगे स्थानों से दूर रहने, विद्युत खंभों तारों व ट्रांसफार्मर आदि से पर्याप्त दूरी बनाए रखने सहित अन्य सावधानियां बरतने की अपील की है।
साथ ही कलक्टर ने आंधी तूफान के साथ मेघ गर्जन रहने के दौरान सभी उपखंड अधिकारियों, तहसीलदार, चिकित्सा विभाग, नगरी निकाय विभाग, पीएचईडी, पीडब्ल्यूडी, जेवीवीएनएल व पुलिस विभाग आदि को स्वयं के स्तर से तत्काल अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं जिससे किसी भी प्रकार की संभावित जनहानि से बचा जा सके।

इन जिलों के लिए अलर्ट
15 जून- अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, डूंगरपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुनूं, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर, सिरोही, उदयपुर, बाड़मेर, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालोर, जोधपुर, नागौर, पाली, श्रीगंगानगर।
16 जून- अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, भरतपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, दौसा, डूंगरपुर, जयपुर, झुंझुनूं, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर, उदयपुर, चूरू, हनुमानगढ़, नागौर, श्रीगंगानगर, बाड़मेर, बीकानेर, जैसलमेर, जालोर, जोधपुर, पाली।
17 जून- अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, भरतपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, दौसा, डूंगरपुर, जयपुर, झुंझुनूं, प्रतापगढ़, सीकर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, राजसमंद, सिरोही, उदयपुर, बाड़मेर, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर, जोधपुर, नागौर, पाली।

Cyclonic Storm In Rajasthan : राजस्थान में चक्रवाती तूफान बिपरजाॅय से आगामी दिनों में संभावित तबाही को देखते हुए जालोर जिले में 10 से ज्यादा नियंत्रण कक्ष स्थापित कर नंबर जारी किए गए हैं ताकि किसी भी तरह की आपदा के समय लोगों को राहत दी जा सके। जिला कलक्टर ने जिले के सभी अेधिकारियों को निर्देशित कर दिया है कि वे 14 से 18 जून तक हर स्थिति पर नजर रखेंगे और जहां कहीं समस्या दिखाई देगी, तुरंत समाधान में जुटेंगे।

घरों में रहने की अपील जारी

जालोर जिले में तेज आंधी एवं बारिश की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए आमजन से सावधानी बरतने और घरों में रहने को लेकर अपील जारी की है। जिला कलक्टर निशांत जैन ने जिले के सभी उपखंड अधिकारियों, तहसीलदार, विकास अधिकारी, ईओ, डिस्कॉम सहित पुलिस विभाग के अधिकारियों को सतर्क रहने और किसी अप्रिय घटना की स्थिति में तुरंत राहत बचाव कार्य शुरू किए जाने को लेकर निर्देशित किया है। उन्होंने अधिकारियों से लगातार सघन फीडबैक लेते रहने और आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था व राहत बचाव कार्यों को समय पर सुनिश्चित करने को लेकर विस्तृत निर्देश दिए हैं।

यह निर्देश भी दिए
जिला कलक्टर ने जल संसाधन विभाग एवं जिला परिषद के अधिकारियों को बांधों के रख-रखाव, फाटक खोलने संबंधी पूर्व तैयारी करने, छोटे बांध, एनीकट व तालाबों का जायजा लेकर सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने को लेकर निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने निर्देशित किया कि आंधी-तूफान से क्षतिग्रस्त विद्युत लाइनों, पेयजल पाइप लाइनों व सडक़ों की मरम्मत प्राथमिकता के साथ सुनिश्चित करें ताकि मानसून के दौरान जिले की विद्युत एवं पेयजल व्यवस्था बाधित न हो।

नियंत्रण कक्षों की सूचना
जिले में बाढ़ नियंत्रण एवं बचाव राहत कार्य के लिए जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष व विभिन्न विभागीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। जिन पर आमजन सूचना प्राप्त करने के साथ ही अपनी समस्या बता सकेंगे।

जिला स्तरीय बाढ़ नियंत्रण रूम
नंबर 02973-222216

जल संसाधन विभाग
बाढ़ नियंत्रण कक्ष नंबर 02973-222249 व 9413852378

विद्युत विभाग
जिला नियंत्रण कक्ष नंबर 02973-222535, 18001806045(जोधपुर डिस्कॉम), जालोर खण्ड नियंत्रण कक्ष नंबर 9413359485, भीनमाल खण्ड नियंत्रण कक्ष नंबर 9413359495, सांचौर खण्ड नियंत्रण कक्ष नंबर 9413359487, रानीवाड़ा खण्ड नियंत्रण कक्ष नंबर 9414374784 व सायला खण्ड नियंत्रण कक्ष नंबर 9414674797

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभााग
खण्ड जालोर नियंत्रण कक्ष नंबर 02973-222272, खण्ड भीनमाल नियंत्रण कक्ष नंबर 02969-220120 व सांचौर खण्ड नियंत्रण कक्ष नंबर 02979-283624

पुलिस विभाग
कंट्रोल रूम नंबर 100 व 02973-224031

चिकित्सा विभाग
नियंत्रण कक्ष नम्बर 02973-222246 व 02973-294455 (जिला अस्पताल जालोर)

नगर परिषद जालोर
नियंत्रण कक्ष नंबर 02973-222270

नगरपालिका भीनमाल
नियंत्रण कक्ष नंबर 02969-220003

नगरपालिका सांचौर
नियंत्रण कक्ष नंबर 02979-283280 व 9828745355

नगरपालिका रानीवाड़ा
नियंत्रण कक्ष नंबर 9610511051

सार्वजनिक निर्माण विभाग
जालोर खण्ड नियंत्रण कक्ष नंबर 9414325353, भीनमाल खण्ड नियंत्रण कक्ष नंबर 8135037660 व सांचौर खण्ड नियंत्रण कक्ष नंबर 7062172929

वन विभाग
खण्ड जालोर नियंत्रण कक्ष नंबर 9549414846, जसवंतपुरा खण्ड नियंत्रण कक्ष नंबर 7425008320, भीनमाल नियंत्रण कक्ष नंबर 9636286941, रानीवाड़ा नियंत्रण कक्ष नंबर 7742922929

 

पाली। राजस्थान किसान आयोग के अध्यक्ष महादेवसिंह खण्डेला ने कहा कि किसान आयोग किसानों और सरकार के बीच की कड़ी है। आयोग ने पाली सहित अब तक 21 जिलों में किसानों से संवाद किया है। कृषक संवादों के माध्यम से जो समस्याएं सामने आ रही है, आयोग उन्हें सरकार के समक्ष रखकर उनका समाधान कराने के लिए प्रयासरत है।

खण्डेला मंगलवार को पाली कलक्ट्रेट परिसर स्थित जिला परिषद सभागार में कृषक संवाद कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किसानों के प्रति पूर्णतया संवेदनशील हैं। उनका मानना है कि किसान खुशहाल तो देश खुशहाल। किसानों की हर छोटी से छोटी समस्या को भी गंभीरता से लिया जाता है।

जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि कृषक संवाद जैसे आयोग शासन और किसानों के मध्य सेतु का कार्य करेगा तथा किसानों की बात सरकार तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। उन्होंने संवाद के दौरान सामने आई विभिन्न समस्याओं पर बिन्दूवार चर्चा करते हुए कहा कि कृषक भूमि का ट्रस्टी है उसे जमीन पूर्वजों से उपजाउ हालत में मिली है। इसलिए उसकी नैतिक जिम्मेदारी है कि आने वाली पीढी को वह भूमि को उसी प्रकार उपजाउ स्थिति में सौंपे। इसके लिए जरूरी है कि रसायनों और कीटनाशकों का इस्तेमाल क्रमिक रूप से कम करते हुए जैविक खेती की ओर कदम बढाए जाएं।

कृषक संवाद के दौरान आवारा पशुओं की समस्या सामने आने पर जिला कलक्टर ने राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक करोड़ की लागत से गौ शाला संचालन की योजना की जानकारी दी।

कार्यक्रम में आयोग सदस्य नारायणलाल बेड़ा, सोहनी चौधरी भी मौजूद रही। कृषि विश्वविद्यालय कोटा के पूर्व उप कुलपति जी.एल. केशवा, कृषि महाविद्यालय नौगामा अलवर के पूर्व डीन ओ.पी.खेदड़ ने बतौर विषय विशेषज्ञ किसानों को मार्गदर्शन दिया। कार्यक्रम में राजस्थान राज्य बीज निगम के सदस्य भूराराम सीरवी, समाजसेवी महावीरसिंह सुकरलाई ने भी विचार व्यक्त किए।

सोजत की मेहंदी को मिले फसल जिन्स का दर्जा

कृषक संवाद के दौरान जिले भर से आए काश्तकारों ने अपनी विभिन्न समस्याएं रखी। इसमें सोजत क्षेत्र के ताराराम सैनी ने सोजत की मेहंदी को फसल जिन्स का दर्जा नहीं होने से किसी भी प्रकार की फसली योजना का लाभ काश्तकार को नहीं मिलने की बात कही। इस पर जिला कलक्टर मेहता ने विभागीय अधिकारियों को इसके लिए आवश्यक कार्यवाही कर सरकार को प्रेषित करने की बात कही।


इन काश्तकारों ने रखी बात

कृषक संवाद में सोनाई मांझी के घीसाराम, हेमावास के मांगीलाल माली, सोजत के ताराराम सैनी, कोसेलाव के हरीशकुमार, सेमली के नवाराम देवासी, हेमावास देवीसिंह भाटी, झितड़ा ढाणी के रमेशकुमार, उंदरा के नारायणलाल मेघवाल, पीराराम पटेल, पिपलिया ढाणी के भूराराम चौधरी, बतरों की ढाणी के गेबाराम पटेल, बुसी के दरगाराम, मारवाड़ जंक्शन के वली खां, हितेंद्र टांक, भीण्डर के मंगलाराम आदि ने अपनी बात रखी।

रतन दवे
पाली. मारवाड़-गोढ़वाड़ के तीन जिलों सिरोही, पाली और जालोर की लाइफलाइन है जवाई बांध। आजादी के 75 साल में इस इलाके में मॉल खड़े हैं। हाईवे पर सरपट वाहन दौड़ रहे हैं। नए-नए उद्योगों से लगता है कि आर्थिक उन्नति गगनचुम्बी हो गई है, लेकिन बात जब पानी पर आती है... तरक्की की बात फीकी पड़ जाती है। एकमात्र लाइफलाइन है जवाई बांध। 1946 में रियासती काल में बना यह बांध नहीं हों तो पाली, मारवाड़ जंक्शन, जैतारण, बाली, समुमेरपुर और सोजत में पीने को भी पानी नसीब न हो। जवाई बांध के रीतते ही पाली शहर तक वाटर ट्रेन चलाने की नौबत आती है।

मैं जवाई बांध पर था...सामने अथाह पानी। क्षमता 7887.50 मिलियन क्युबिक मीटर और 500 वर्गकिमी तक फैलाव। मेरे साथ खड़े चंद्रशेखर का कहना था कि सरकार ने जवाई पुनर्भरण योजना बनाई है, जो 2554.23 करोड़ की है। वर्ष 2027 तक काम पूरा होगा। इस इलाके के लिए यह बड़ी सौगात है। सच मानिए, जब यह बांध रीतता है तो खानों में जमा पानी पीना मजबूरी हो जाता है। जवाई में अभी भरपूर पानी है। इससे यहां मेहंदी, अजवायन, अरण्डी, सरसों, गेहूं और अन्य फसलें भी हो रही हैं।


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बाली सहित तीन जिले बनाने की मांग
पाली को संभाग बनाया गया, लेकिन पाली में कोई नया जिला नहीं बना। सोजत के साथ बाली और सुमेरपुर भी अब जिला बनाने की मांग करने लगे है। बाली के शरीफखां और एम.ए. कलाम का कहना था कि हमारी यह मांग पुरानी है। शिकायत यह भी है कि यहां के लिए कई पद स्वीकृत हैं, लेकिन अधिकारी नहीं मिले। बाली में कृषि उपज मंडी नहीं होने से सुमेरपुर जाना पड़ता है
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फालना : छातों का कारोबार संकट में
बाली के ही फालना कस्बे में छाते बनाने का बड़ा काम है। अरुण चौधरी का कहना था कि फालना के छाते पूरे देश में पहुंचते है। यहां इससे प्रतिदिन 4000 से अधिक लोगों को रोजगार नसीब हो रहा है। चीन से आने वाले छाते सस्ते होने के कारण कारोबार संकट में है। सरकार चीन के छातों पर टैक्स बढ़ाए। फालना के सुरेश राजपुरोहित ने पते की बात कही कि राज्य सरकार ने महिलाओं के लिए रोडवेज किराया आधा कर दिया, लेकिन पूरे मारवाड़ में रोडवेज बसें ही बहुत कम हैं। लोगों को निजी बसों से सफर करना पड़ता है, जिससे यह फायदा नहीं मिल रहा।

रणकपुर में नहीं नेटवर्क
रणकपुर जंगल का क्षेत्र बाली का हिस्सा है। यहां पहुंचे तो पंडित महेश ने बताया कि 20 किमी क्षेत्र में यहां कोई मोबाइल नेटवर्क नहीं है। यात्री बड़ी संख्या में आते है। लगता है यह इलाका देश दुनियां से कटा हुआ है।
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सुमेरपुर ऑयल मील का नया केंद्र
सुमेरपुर मंडी के मोहन देवड़ा बताते है कि यहां सरसों इंडस्ट्री बढ़ रही है। 60 से अधिक ऑयल मिल्स हो गई हैं। सरकार सरसों की एमएसपी पर खरीद बढ़ाएं तो यह उद्योग किसानों को लाभ देगा। सुमेरपुर कस्बे में पहुंचे तो दीपक गोयल मिले। बोले, यहां सडक़ों के क्षतिग्रस्त होने की समस्या से लोग परेशान है। महेंद्रकुमार का कहना था कि यहां जो उद्योग आ रहा है, पनप रहा है। सरकार सहूलियत देकर विकसित करे तो सुमेरपुर बड़ा ओद्यौगिक इलाका बनने की कुव्वत रखता है।

गुजरात से भरवाते पेट्रोल
स्थानीय लोगों का कहना था कि गुजरात में पेट्रोल 12 और डीजल तीन रुपए सस्ता है। सुमेरपुर और आस-पास के गांवों के लोग गुजरात से पेट्रोल भरवाकर लाते हैं। नतीजा सामने है कि राजस्थान बॉर्डर पर स्थित पंप बंद हो रहे हैं।

 

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केस एक
पाली शहर के एक 23 साल के युवक को उसके परिजन मनोचिकित्सक के पास लेकर पहुंचे। उसने पूरे शरीर पर ब्लेड से कट लगा दिए थे। नशा करता था। घरवालों के नशे के लिए पैसे देने से इनकार करने पर खुद को हानि पहुंचाने के साथ परिजनों पर भी हमला कर देता।

केस दो
एक 20 साल की युवती पढ़ाई में कम नम्बर आने से अवसाद से ग्रसित हो गई। परिजनों के कुछ कहने पर गुमसुम रहने लगी और इसके बाद उसने एक साथ नींद की बहुत सी गोलियां खा ली। जब उसे परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे तो हालत काफी गंभीर थी। उसका उपचार किया गया।

पाली शहर के एक 23 साल के युवक को उसके परिजन मनोचिकित्सक के पास लेकर पहुंचे। उसने पूरे शरीर पर ब्लेड से कट लगा दिए थे। नशा करता था। घरवालों के नशे के लिए पैसे देने से इनकार करने पर खुद को हानि पहुंचाने के साथ परिजनों पर भी हमला कर देता।

बांगड़ चिकित्सालय में रोजाना आते हैं चार से पांच मरीज

पाली. युवाओं में तनाव, अवसाद और नींद की कमी की शिकायत बढ़ती जा रही है। यह इतनी भयावहता तक पहुंच जाती है कि युवा मरने व मारने तक को उतारू हो रहे है। इसके मुख्य रूप से बेरोजगारी, प्रतिस्पर्द्धा, आर्थिक तंगी, पारिवारिक कलह आदि कारण मुख्य रूप से सामने आ रहे है। पाली के बागड़ मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में ही रोजाना अवसाद के शिकार चार-पांच युवाओं को लेकर उनके परिजन पहुंच रहे हैं। कई लोग मनो चिकित्सक के पास जाने की झिझक के कारण मरीज के अधिक उग्र होने या मानसिक पीड़ित होने के बाद पहुंचते हैं। ये हालात न केवल युवक के लिए, बल्कि उसके परिजनों के लिए भी घातक सिद्ध होते हैं।

यह है अवसाद के कारण

● प्रतिस्पर्धात्मक माहौल, परीक्षा में असफलता ● धैर्य की कमी ● बेरोजगारी/ आर्थिक तंगी ● आपसी संबंधों में तनाव/ पारिवारिक कलह ● बढ़ते एकाकी परिवार ● सोशल मीडिया का अधिक उपयोग ● समाज-परिजन व मित्रों से कम मेलजोल ● बढ़ती नशे की लत

टॉपिक एक्सपर्ट

युवा या बच्चे के व्यवहार में बदलाव आते ही परिजनों को सतर्क होना चाहिए। विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। जीवन में सफलता व असफलता का दौर आता है। घर-परिवार के बड़ों को चाहिए कि वे युवाओं को इसके लिए मानसिक रूप से दृढ़ बनाए। कारण यह है वे इस दौर से गुजर चुके होते हैं। कई लोग मानसिक रोग होने पर चिकित्सक के पास जाने से झिझकते हैं। उनको अन्य जगहों पर ले जाते है। इससे बीमारी अधिक गंभीर हो जाती है। मानसिक रोग भी अन्य रोगों की तरह है, जो अपनत्व व दवाओं से ठीक हो जाते हैं। बच्चों व युवाओं को अवसाद से बचाने के लिए उनसे बातचीत करना भी जरूरी है।

डॉ. अंकित अवस्थी, विभागाध्यक्ष, मनोरोग विभाग, मेडिकल कॉलेज, पाली

कटऑफ अंकों के आंकड़े
जनरल एवं ईडब्ल्यूएस-कैटेगरी
वर्ष-2023 : 137-अंक
वर्ष-2022 : 117-अंक
ओबीसी, एससी एवं एसटी-कैटेगरी
वर्ष-2023 : 107-अंक
वर्ष-2022 : 93-अंक
राज्य तीसरे स्थान पर

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मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2023 का परीक्षा परिणाम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एनटीए नई दिल्ली की ओर से मंगलवार को जारी किया गया। परीक्षा परिणाम के आंकड़ों के अनुसार जनरल तथा ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लिए नीट-यूजी-2023 की क्वालीफाइंग कट-ऑफ वर्ष 2022 के मुकाबले 117-अंक से बढ़कर 137 अंक हो गई है। एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि वर्ष-2023 में सभी कैटेगरी के विद्यार्थियों की कट ऑफ में इजाफा हुआ है।

देव शर्मा ने बताया कि वर्ष-2023 में राजस्थान राज्य से एक-लाख से अधिक विद्यार्थियों ने नीट-यूजी में क्वालिफाई किया है। क्वालिफाइड विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर राजस्थान राज्य का देश में तीसरा स्थान है। प्रथम स्थान पर उत्तर प्रदेश तथा द्वितीय स्थान पर महाराष्ट्र है। उत्तर प्रदेश से 1.39-लाख विद्यार्थियों ने, महाराष्ट्र से 1.31 लाख विद्यार्थियों ने राजस्थान से 1.03 लाख विद्यार्थियों ने क्वालिफाई किया है। यदि नीट-यूजी-2022 में क्वालिफाइड-विद्यार्थियों का राज्य-वार विश्लेषण किया जाए तो राजस्थान तीसरे स्थान पर है। इस आधार पर उत्तर प्रदेश प्रथम तथा महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर हैं। राजस्थान से क्वालिफाई करने वाले विद्यार्थियों की संख्या क्रमश: 1.13 लाख तथा 0.82 लाख थी।

टॉप-10 रैंक्स में सिर्फ एक फीमेल कैंडिडेट
715-अंक पर 10-वीं रैंक राजस्थान से
शर्मा ने बताया कि टॉप-10 रैंक्स में सिर्फ और सिर्फ एक फीमेल कैंडिडेट प्रांजल अग्रवाल है। पंजाब की इस फीमेल कैंडिडेट ने 715-अंक प्राप्त कर चौथी-रैंक हासिल की। राजस्थान राज्य से सर्वश्रेष्ठ रैंक पार्थ खंडेलवाल ने प्राप्त की। पार्थ खंडेलवाल ने 715-अंक हासिल कर 10 वीं रैंक पर कब्जा किया।

प्रदेश में लंपी वायरस से लाखों गायों की मौत हुई थी। पाली जिले में भी हजारों गाय इस बीमारी की चपेट में आने से काल का ग्रास बन गई, लेकिन पशुपालन विभाग की मानें तो लंपी से जिले में 2136 गायों की मौत ही हुई। इन मौतों में पशुपालकों के मृत गायों की संख्या 1353 है। वहीं गोशालाओं में मृत गायों की संख्या 783 ही मान रहा है। इनमेें से भी मुआवजा देने के लिए महज 1159 गायों के प्रस्ताव ही भेजे गए हैं। इस अनुदान का भी अब तक पशुपालकों को इंतजार ही है। मुआवजा कब मिलेगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। हालांकि, गोशालाओं को अनुदान मिलने के कारण विभाग इनको मुआवजा नहीं देगा।
कोरोना की तरह टूटा था कहर

गायों पर लंपी का कहर कोरोना की तरह बरपा था। इस बीमारी में गायों के शरीर पर गांठे बन गई थी। इससे गांवों से शहरों तक गाय चपेट में आ गई थी। इससे जिले में हजारों गायों की मौत हुई थी। बेसहारा गायों का तो कोई आंकड़ा ही नहीं है। ऐसे में कितनी बेसहारा गाये मरी। यह भी बताना मुश्किल है।

नाम व खाता संख्या गलत होने से देरी

लंपी से मृत गायों के पशुपालकों को मुआवजा देने की तैयारी कर ली गई थी, लेकिन कुछ पशुपालकों के नाम व बैंक खाता गलत थे। उसमें सुधार के कारण मुआवजा देने में देरी हुई है। वह प्रक्रिया होते ही मुआवजा दे दिया जाएगा।

मनोज पंवार, उपनिदेशक, पशुपालन विभाग, पाली

जिले में पशुओं की संख्या

360271 मवेशी है पाली जिले में

20 प्रतिशत कम हुए मवेशी लंपी के बाद

Rajasthan Weather Alert: राजस्थान में चक्रवाती तूफान का असर किसी भी समय दिखाई दे सकता है। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर मारवाड़ सहित प्रदेश के अन्य जिलों के लिए ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया है। उधर, च्रकवात का सबसे ज्यादा असर 16 व 17 जून को रहेगा, जिसके चलते पाली, जालोर और सिरोही में भारी बारिश और तेज अंधड़ की संभावना बनी हुई है। उधर, 25 जिलों के लिए भी अलर्ट जारी किया गया है। पाली जिला कलक्टर ने चक्रवात की स्थिति को देखते हुए जनता से घरों में रहने की अपील की है और अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश भी दिए हैं।

इन जिलों के लिए अलर्ट
- 14 जून- बांसवाड़ा, बारां, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, डूंगरपुर, जयपुर,झालावाड़, झुंझुनूं, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर, सिरोही, टोंक, उदयपुर, जालोर, पाली।

- 15 जून- अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, डूंगरपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुनूं, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर, सिरोही, उदयपुर, बाड़मेर, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालोर, जोधपुर, नागौर, पाली, श्रीगंगानगर।
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- 16 जून - अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, भरतपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, दौसा, डूंगरपुर, जयपुर, झुंझुनूं, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर, उदयपुर, चूरू, हनुमानगढ़, नागौर, श्रीगंगानगर, बाड़मेर, बीकानेर, जैसलमेर, जालोर, जोधपुर, पाली।

- 17 जून- अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, भरतपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, दौसा, डूंगरपुर, जयपुर, झुंझुनूं, प्रतापगढ़, सीकर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, राजसमंद, सिरोही, उदयपुर, बाड़मेर, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर, जोधपुर, नागौर, पाली।
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जिला कलक्टर ने की सतर्क रहने की अपील
जिला कलक्टर नमित मेहता ने तेज आंधी अंधड़ व मेघ गर्जन के दौरान आमजन से घरों के अन्दर रहने, बड़े पेड़ों के नीचे खड़े ना होने, कच्ची दीवारों के पास खड़े नहीं होने, पशुओं को पेड़ से नहीं बांधने, घर में बिजली के उपकरणों का संपर्क हटा देने, बिजली के खंभों के पास व नीचे दुपहिया व चार दुपहिया वाहन खड़ा नहीं करने, जिन घरों में टीन शेड है उनके गेट बंद रखने, बड़े होर्डिंग्स लगे स्थानों से दूर रहने, विद्युत खंभों तारों व ट्रांसफार्मर आदि से पर्याप्त दूरी बनाए रखने सहित अन्य सावधानियां बरतने की अपील की है।

साथ ही कलक्टर ने आंधी तूफान के साथ मेघ गर्जन रहने के दौरान सभी उपखंड अधिकारियों, तहसीलदार, चिकित्सा विभाग, नगरी निकाय विभाग, पीएचईडी, पीडब्ल्यूडी, जेवीवीएनएल व पुलिस विभाग आदि को स्वयं के स्तर से तत्काल अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं जिससे किसी भी प्रकार की संभावित जनहानि से बचा जा सके।

Rad Alert Issued In Rajasthan : अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान बिपरजाॅय राजस्थान में जमकर तबाही मचा सकता है। तूफान की तीव्रता को देखते हुए मौसम विभाग ने कुछ जिलों के लिए हेड अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में 200 से 250 एमएम बारिश के अलावा 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाओं का जोर रह सकता है। उधर, राजस्थान के करीब 15 जिलों में अलर्ट को देखते हुए जिला प्रशासन ने निचले स्तर तक सावधानी और सतर्कता बरतने के निर्देश जारी कर रखे हैं। राजसथान में संभवतः यह पहली बार होगा कि जब जून में तूफानी चक्रवात का बड़ा खतरा बना हुआ है।

दो दिन रहेगा रेड अलर्ट
राजस्थान में चक्रवाती तूफान की आहट शुरू हो गई है और जून में मौसम का ऐसा नजारा दिखाई देगा जो शायद ही पहले कभी देखा गया हो। मौसम विभाग की माने तो 15 जून की शाम से मौसम में बड़ा बदलाव दिखाई देगा और 16 व 17 जून को चक्रवाती तूफान का सबसे ज्यादा असर दिखाई देगा। इसके चलते बाड़मेर, जालोर, पाली, नागौर और जोधपुर के कुछ इलाकों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। 16 जून को बाड़मेर और जालोर पर रेड अलर्ट रहेगा। जबकि 17 जून को बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, जालोर और पाली के लिए रेड अलर्ट जारी किया गय है। बतादें कि रेड अलर्ट यानि 200-250 एमएम बारिश के अलावा तूफानी हवाओं का जोर रह सकता है। उधर, चक्रवाती तूफान का असर 18 व 19 जून को भी बना रहेगा।

इन संभागों पर ज्यादा असर
मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक आर.एस. शर्मा की माने तो चक्रवात का असर 15 जून से शुरू होगा, जो 19 जून तक बना रह सकता है। सबसे ज्यादा असर 16 से 18 जून तक दिखाई देगा। इसमें भी 16 व 17 जून को जोधपुर, अजमेर, जयपुर और उदयपुर संभाग के जिलों में भारी से अति भारी बारिश होने की संभावना बनी हुई है। जबकि बाड़मेर, जालोर, सिरोही और आसपास के इलाकों में अति भारी बारिश और तेज हवाओं का रेड अलर्ट जारी किया है, जिसके चलते दिनभर में 250 एमएम बारिश भी दर्ज हो सकती है।

आधा दर्जन कलक्टरों ने जारी की अपील
राजस्थान में चक्रवाती तूफान की स्थिति को देखते हुए मारवाड़ में जिला कलक्टरों ने सुरक्षा और सतर्कता बरतने की अपील जारी कर दी है। पंचायत स्तर तक नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिेए हैं ताकि किसी भी प्रकार की आपदा से निपटा जा सके। बाड़मेर, जोधपुर, पाली, जालोर और सिरोही जिला कलक्टर ने तेज आंधी अंधड़ व मेघ गर्जन के दौरान आमजन से घरों के अन्दर रहने, बड़े पेड़ों के नीचे खड़े ना होने, कच्ची दीवारों के पास खड़े नहीं होने, पशुओं को पेड़ से नहीं बांधने, घर में बिजली के उपकरणों का संपर्क हटा देने, बिजली के खंभों के पास व नीचे दुपहिया व चार दुपहिया वाहन खड़ा नहीं करने, जिन घरों में टीन शेड है उनके गेट बंद रखने, बड़े होर्डिंग्स लगे स्थानों से दूर रहने, विद्युत खंभों तारों व ट्रांसफार्मर आदि से पर्याप्त दूरी बनाए रखने सहित अन्य सावधानियां बरतने की अपील की है।

इन जिलों के लिए अलर्ट
16 जून- बाड़मेर और जालोर के लिए रेड अलर्ट जारी किय गया है। जबकि जैसलमेर, जोधपुर, पाली, और जालोर के कुछ इलाकों में ऑरेंज अलर्ट रहेगा। वहीं बीकानेर, राजसमंद, सिरोही, उदयपुर जिले के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है।
17 जून- बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, जालोर और पाली के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। जबकि जैसलमेर, बीकानेर, अजमेर, राजसमंद, उदयपुर, सिरोही के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। उधर, चूरू, सीकर, जयपुर, टोंक, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा जिले के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है।

18 जून-नागौर, अजमेर, जयपुर, टोंक और सवाई माधोपुर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि जोधपुर, चूरू, पाली, भीलवाड़ा, बूंदी, दौसा, अलवर, करौली जिले के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है।

Youth injured after being hit by train in Pali: रेलवे स्टेशन पर मंगलवार देर रात को अपनी बहन को छोड़ने आया एक युवक चलती ट्रेन से वापस उतरते समय संतुलन बिगड़ने से नीचे गिर गया। ट्रेन की चपेट से उसका हाथ कट गया। हालांकि, समय रहते लोगों ने बाहर खींच लिया, वरना जान पर बन आती। युवक को बांगड़ अस्पताल ले जा गया। जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद जोधपुर रेफर कर दिया गया।

दरअसल, पाली जिले के शिवपुरा थाना क्षेत्र के कानावास गांव निवासी प्रकाश चौधरी (30) पुत्र पोलाराम चौधरी अपनी बहन को मंगलवार रात को यशवंतपुर-बीकानेर ट्रेन में बिठाने आया था। ट्रेन में बहन को बिठाने के बाद चलती ट्रेन से उतरने के समय प्रकाश का संतुलन बिगड़ गया और प्लेटफॉर्म पर ही गिर गया। इससे एक हाथ कलाई तक कट गया और सिर में गंभीर चोट लगी। अचानक हुए हादसे को देख लोग मौके पर पहुंचे और प्रकाश को ट्रेन से दूर खींचा।

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