>>: Digest for June 20, 2023

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Table of Contents

कोटा. आईआईटी गुवाहाटी की ओर से जेईई-एडवांस्ड के परिणाम जारी करने के बाद सोमवार से ज्वाइंट काउंसलिंग प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। इससे इस वर्ष देश के 23 आईआईटी, 32 एनआईटी, 26 ट्रिपलआईटी, 33 जीएफटीआई की 57152 सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा। विद्यार्थियों को कुल 119 कॉलेजों की 813 ब्रांचेंज को भरकर लॉक करने का विकल्प दिया गया। विद्यार्थी 28 जून तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन एवं च्वाइस फिलिंग कर सकते है।

कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि इस वर्ष 23 आईआईटी की 17385 सीटों (सुपरन्यमेरेरी सीटेंं मिलाकर) पर, एनआईटी की 23954, ट्रिपलआईटी 7746, जीएफटीआई की 8067 सीटों पर प्रवेश मिलेगा। जबकि गत वर्ष आईआईटी की 16598, एनआईटी की 23994, ट्रिपलआईटी की 7126, जीएफटीआई की 6759 सीटों पर प्रवेश दिया गया, यानी इस वर्ष आईआईटी की 787 सीटें, ट्रिपलआईटी की 620 सीटें व जीएफटीआई की 1308 सीटें बढ़ी हैं। कुल मिलाकर इस वर्ष 2675 सीटें बढ़ी हैं।

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सीट आवंटन की स्थिति

इस वर्ष आईआईटी, एनआईटी व ट्रिपलआईटी में प्रवेश के लिए होने वाली जोसा काउंसलिंग प्रक्रिया 31 जुलाई के मध्य छह राउंड में संपन्न होगी। 28 जून को शाम 5 बजे तक च्वाइस फिलिंग एवं रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। पहला मॉक सीट आवंटन 25 जून को होगा। उसके बाद दूसरा मॉक सीट आवंटन 27 जून को होगा। 30 जून को पहले राउण्ड का सीट आवंटन होगा। जिन विद्यार्थियों को पहले राउण्ड में सीट का आवंटन होगा, उन्हें ऑनलाइन रिपोर्टिंग के दौरान सीट असेपटेंस फीस जमा कर डाक्यूमेंट्स अपलोड कर अपनी सीट कंफर्म करनी होगी। दूसरे राउण्ड का सीट आवंटन 6 जुलाई, तीसरे का 12 जुलाई, चौथे का 16 जुलाई, पांचवें का 21 जुलाई को होगा। अंतिम यानी छठे राउण्ड का सीट आवंटन 26 जुलाई को होगा। फाइनल रिपोर्टिंग 28 जुलाई तक करनी होगी।

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7 आईआईटी की 25 नई ब्रांचेंज में 787

आईआईटी इंदौर में केमिकल इंजीनियरिंग की 40, इंजीनियरिंग फिजिक्स 20, स्पेस साइंस एण्ड इंजीनियरिंग की 20, मैथेमेटिक्स एण्ड कम्प्यूटिंग की 40, आईआईटी गांधीनगर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की 30, मैकेनिकल इंजीनियरिंग (5 वर्षीय) की 20, आईआईटी भिलाई में मटिरियल इंजीनियरिंग एण्ड मेटालर्जीकल इंजीनियरिंग 20, आईआईटी जम्मू में मैथेमेटिक्स एण्ड कम्प्यूटिंग की 40, आईआईटी मंडी में डाटा साइंस एण्ड कम्प्यूटिंग की 50, बैचलर इन साइंस इन केमिकल साइंसेज 30, बीटेक मैथेमेटिक्स एण्ड कम्प्यूटिंग की 30, बीटेक मेटिरियल साइंस एण्ड इंजीनियरिंग की 30, बीटेक माइक्रो इलेक्ट्रोनिक्स की 30, आईआईटी पटना में केमिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी की 40, इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग की 50, बीटेक इन इलेक्ट्रोनिक एण्ड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग, एमटेक इनकम्यूनिकेशन सिस्टम की 10, बीटेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग एमबी (एनआईटीआईई) की 15, बीटेक इन कम्प्यूटर इंजीनियरिंग, एमटेक इन जियो टेक्नीकल इंजीनियरिंग की 10, , कम्प्यूटर इंजीनियरिंग, एमटेक इन स्ट्रक्चरल इंजीनियरियरिंग की 10, कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग, एमटेक इन सीएसई की 10, बीटेक-एमटेक इलेक्ट्रोनिक्स एण्ड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग 10, इलेक्ट्रीकल एण्ड इलेक्ट्रोनिक्स इंजीनियरिंग-एमटेक इन पॉवर एण्ड कंट्रोल में 10, मैथेमेटिक एण्ड कम्प्यूटिंग में 10, मैकेनिकल इंजीनियरिंग में 10, मेकाट्रोनिक्स में 10, आईआईटी रोपड़ में आर्टिफिशिल इंजीनियरिंग एण्ड डेटा इंजीनियरिंग में 20 सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा।

ऐसे करें च्वाइस फिलिंग

विद्यार्थियों को च्वाइस फिलिंग का अवसर एक बार ही दिया गया। विद्यार्थी ज्यादा से ज्यादा कॉलेजों के विकल्प को अपनी प्राथमिकता के घटते क्रम में भरें। विद्यार्थी गत वर्षों की कॉलेजों की ओपनिंग एवं क्लोजिंग रैंकों को देखते हुए कॉलेजों को चुनने के ट्रेण्ड का अनुमान लगा सकते हैं। विद्यार्थी अपनी रैंक के अनुसार गत वर्षों की क्लोजिंग रैंक से नीचे की रैंक वाले कॉलेज ब्रांचों को भी अपनी रुचि अनुसार कॉलेज प्राथमिकता सूची के क्रम में शामिल करें।

कोटा. भामाशाह मंडी में सोमवार को 50 हजार कट्टे कृषि जिंस की आवक हुई। गेहूं 25 सोयाबीन 50 धनिया 150 तेज रहा।

लहसुन की आवक 8,000 कट्टे की रही। लहसुन 3000 से 11500 रुपए प्रति क्विंटल बिका।

भाव : गेहूं मिल दडा लस्टर 2101 से 2171, गेहूं एवरेज 2171 से 2351, बेस्ट टुकड़ी 2351 से 2551 सोयाबीन 4200 से 5150 बीज क्वालिटी 5200से5400 सरसो 4400 से 5000 धान (1509) 3000 से 3200 , धान सुगन्धा 2500से 3200, धान ( 1718) 3800 से 4100 धान ( 1121 ) 3800 से 4000 ,धान (पूसा-1) 3600 से 4301 मक्का लाल 1700 से 1900 मक्का सफेद 1700 से 2000 अलसी 3800से 4200 ग्वार 4000से 4500 मैथी 5400से 5800 कलौंजी 12000से 14000 जौ 1600से 2000 ज्वार नई शंकर 2100 से 2400 ज्वार सफेद 5000 से 6800, बाजरा 1900से2200 मसूर 5000से 5400 , मूंग हरा 6800से 7400 चना दैशी बेस्ट नया 4550से 4600चना देशी मिडियम 4350से 4500 चना पेप्सी 4500 से 4900 चना मौसमी 4400 से 4600 चना कांटा 4300 से 4350 उड़द एवरेज 3600 से 6800 बेस्ट 6000से 7000 , धनिया रेनडेमेज 4000 से 4700 धनिया बादामी 4700से 5500, धनिया ईगल 5400से 6000 रंगदार 6000 से 9000 ,

खाद्य तेल भाव: (15 किलो प्रति टिन) सोया रिफाइंड फॉच्र्यून 1830, चम्बल 1790, सदाबहार 1725, एलेक्सा 1590, दीप ज्योति 1745, सरसों स्वास्तिक 1840, अलसी 2190 रुपए प्रति टिन।

मूंगफली: ट्रक 3160, स्वास्तिक निवाई 2800, कोटा स्वास्तिक 2740, सोना सिक्का 2910 रुपए प्रति टिन।देसी घी: मिल्क फूड 7750, कोटा फ्रेश 7700, पारस 7800, नोवा 7830, अमूल 10400, सरस 9300, मधुसूदन 8050 रुपए प्रतिटिन।

वनस्पति घी: स्कूटर 1480, अशोका 1480 रुपए प्रतिटिनचीनी: 3910 से 3950 प्रति क्विंटल।

चावल व दाल: बासमती चावल 6500-12500, पौना 6500-8500, डबल टुकड़ी 5500-7000, टुकड़ी 3800-4800, गोल्डन बासमती साबुत 8200-9700, पौना 4000-5000, डबल टुकड़ी 3000-3800, कणी 2500-3000, तुअर 13000-15000, मूंग 9000-9500, मूंग मोगर 9500-10500, उड़द 9500-11000, उड़द मोगर 9000-12000, मसूर 6800-7200, चना दाल 5950-6100, पोहा 4000-5000 रुपए प्रति क्विंटल।

कोटा सर्राफा: चांदी स्थिर-सोना मंदा

कोटा. स्थानीय सर्राफा बाजार में सोमवार को चांदी के भाव स्थिर रहे। वहीं सोने में मंदी रही। चांदी 72,500 रुपए प्रति किलो बोली गई। जबकि जेवराती सोना 200 रुपए मंदी के साथ भाव 60,700 रुपए प्रति दस ग्राम रहे। भाव: चांदी 72,500 रुपए प्रति किलोग्राम, कैडबरी सोना प्रति 10 ग्राम 60,700 रुपए, शुद्ध सोना प्रति 10 ग्राम 61,000 रुपए बिका। टैक्स व अन्य खर्चे अलग।

अंडा बाजार

कोटा. अंडा कारोबार में फार्मी अंडा 520 रुपए प्रति सैकड़ा, 170 रुपए प्रति प्लेट, 70 रुपए दर्जन।

कोटा. हाड़ौती में भी बिपरजॉय चक्रवात का असर दिख रहा है। रविवार रात से ही हाड़ौती में कई तेज तो कई रिमझिम बारिश का दौर जारी रही है। पश्चिम राजस्थान में जिस तरह बिपरजॉय तूफान ने तबाही मचाई है। उसके बाद हाड़ौती में भी प्रशासन अलर्ट हो गया है। जल संसाधन विभाग की ओर से भी बांधों में पानी की आवक पर नजर रखी जा रही है। हालांकि सोमवार शाम तक बांधों में पानी की आवक नगण्य रही। उधर मानसून के आगमन से पहले ही चम्बल के बांध भरे हुए हैं। कोटा बैराज 96.96 फीसदी भरा हुआ है।
जल संसाधन विभाग के अनुसार चम्बल नदी के सबसे बड़े बांध गांधी सागर में भी भरपूर पानी है। गांधी सागर की जल भराव 1312 फीट के मुकाबले 1293.70 फीट भरा हुआ है। जल संसाधन विभाग के अनुसार इस बांध में राजस्थान और मध्यप्रदेश में सिंचाई, पेयजल और उद्योगों के लिए आपूर्ति के लिए इतना पानी भरा हुआ कि आगामी दो साल तक कोई दिक्कत नहीं आएगी। राणा प्रताप सागर बांध पानी का गेज 354.83 मीटर के मुकाबले 351.063 मीटर है। यानी यह बांध भी अपनी कुल जल भराव क्षमता के मुकाबले 88 फीसदी से अधिक भरा हुआ है। जवाहर सागर बांध का भी पानी का गेज 298.70 मीटर के मुकाबले 298.09 मीटर है। चम्बल के बांधों से राजस्थान और मध्यप्रदेश की पांच लाख हैक्टेयर भूमि सिंचित होती है।

बांधों पर कन्ट्रोल रूप शुरू

जल संसाधन विभाग ने प्रदेश के सभी बांधों पर मानसून से पहले कन्ट्रोल रूम शुरू कर दिया है। जहां बरसात की िस्थति और बांधों में पानी की आवक के आंकड़ों पर नजर रखी जा रही है। हाड़ौती के बांधों का प्री मानसून चेकअप कर लिया गया है। जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता भरतरत्न गौड़ ने बताया कि 15 जून से कन्ट्रोल रूम शुरू हो गए हैं।

रावतभाटा. ग्रामीण क्षेत्र के लिए राज्य सरकार की बिना ब्याज की सहकारी आजीविका योजना धारा 20 की वजह से अटक गई है। योजना के तहत ग्रामीणों को आजीविका के लिए 2 लाख रुपए तक का ऋण दिया जाना है, लेकिन वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र की जद में आने से फिलहाल इन्हें योजना का लाभ नहीं मिलेगा। योजना के तहत मकान, दुकान का पट्टा या कृषि भूमि की आवश्यकता होती है जो बैंक के पक्ष में रहन रखी जानी है। 40 गांवों के किसान अपनी जमीन रहन नहीं रख सकते, इससे वह फिलहाल योजना से वंचित रहेंगे।
थमा 40 गांवों के लोगों का विकास
रावतभाटा क्षेत्र के भैंसरोडगढ़ और जवाहरसागर अभयारण्य क्षेत्र के 40 गांव के किसान बैंक और सहकारी समितियों से ऋण नहीं मिलने के कारण ब्याजखोरों के जाल में फंसते जा रहे हैं। इन गांवों में पिछले 13 साल से विकास भी अटका हुआ है। यहां न नया स्कूल बन सकता है और न ही अस्पताल। यही नहीं नया कोई भी सरकारी भवन, ग्रिड स्टेशन, सड़क के लिए वन विभाग की अनुमति आवश्यक होती है जो एक जटिल एवं लंबी प्रक्रिया है। यह सब दंश लोग झेल रहे हैं वन्यजीव अभयारण्य की धारा 20 के कारण। लोगों ने ऐसी कल्पना ही नहीं की थी कि जिस नियम से किसानों को सरकार पूरे देश में ऋण दे रही है, वह नियम भैंसरोडगढ़, जवाहरसागर वन्यजीव अभयारण्य के क्षेत्र में रह रहे 40 गांवों के किसानों और लोगों पर लागू नहीं होंगे। किसान यहां अपनी जमीन पर खेती करने के लिए ऋण नहीं ले सकते हैं। किसी भी परिवार पर आर्थिक संकट या आपदा आ जाए, तो वह अपना खेत न गिरवी रख सकेगा न बेच सकेगा। 40 गांवों में पक्की सड़क, पुल, स्कूल, अस्पताल को मंजूर कराने के लिए वनविभाग की लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। वन्यजीव अभयारण्य अधिनियम 1972 में बना, लेकिन इसे 13 साल पहले 2012 में क्षेत्र में लागू किया गया। बॉर्डर की जमीन बिकने एवं रणथंभौर वन्यजीव अभयारण्य के आसपास की जमीन का व्यवसायिक उपयोग होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए सरकार ने प्रदेश के 32 वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में यह प्रतिबंध लागू किया था।
क्या है धारा 20
धारा 20 में वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र की किसी भी भूमि का बेचान नहीं किया जा सकता। साथ ही गिरवी रखना या उपहार में भी नहीं दी जा सकती।
इन गांवों में है धारा 20 का प्रतिबंध
रावतभाटा के भैंसरोडगढ़ वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र में पाड़ाझर, सेटलडैम, चेनपुरा, लसाणा, झूंझला, हेमपुरा, लुहारिया, सुठाला, बखतपुरा, हथौली, मोरटुका, नली, खेड़ा, बहेलिया, कोलगढ़, खालगांव, जैपुरिया, सादड़ा, रामनगर, गणेशपुरा, उदपुरिया, प्रेमपुरा, दरीबा, भवानीपुरा, बीड़कालाखेत, उदपुरा में प्रतिबंध लागू किया गया है। इसके अलावा जवाहरसागर अभयारण्य के आंबा, नासेरा, खालगांव, भूंजरखुर्द, श्रीपुरा, सणीता, जावराकलां, मोतीपुरा, नीमका खेड़ा, दौलतपुरा, जगपुरा, बालापुरा, मंदारचौक के अलावा जवाहरसागर गांव भी इसमें शामिल हैं।

रावतभाटा. राणा प्रताप सागर बांध के सामने से हाई लेवल ब्रिज का निर्माण कार्य करने के लिए राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम की ओर से कंसल्टेंसी को हायर किया गया है। मौसम साफ होने पर शीघ्र ही कंसल्टेंसी जयपुर से रावतभाटा आकर हाई लेवल ब्रिज के लिए मौका निरीक्षण कर डीपीआर बनाने का कार्य प्रारंभ करेगी। यह जानकारी राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम चित्तौड़गढ़ के अधिशासी अभियंता नवीन अग्रवाल ने दी।
रावतभाटा से डूब विस्थापित गांवों को सड़क मार्ग से जोड़ने वाली पेराफेरी सड़क मार्ग पर वर्ष 2019 में राणा प्रताप सागर बांध के खोले गए गेटों के पानी के निकास के दौरान जल संसाधन विभाग की ओर से बनाया गया सममर्सिबल पुल क्षतिग्रस्त हो गया और इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही रुक गई। क्षेत्रीय विधायक राजेंद्र सिंह बिधूड़ी ने इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जानकारी दी और उन्होंने हाई लेवल ब्रिज निर्माण के लिए 55 करोड़ की राशि स्वीकृत की।
इससे पूर्व 58 किलोमीटर पेराफेरी सड़क और पुलियाओं का कराया निर्माण
क्षेत्रीय विधायक ने हाई लेवल ब्रिज की स्वीकृति से पूर्व डूब विस्थापित गांवों को 12 माह यातायात सुविधा से जोड़ने के लिए क्षेत्र में पुरानी रपट के स्थान पर ऊंची पुलियाओं और सड़क का नवनिर्माण कराया। इसमें 58 किलोमीटर क्षतिग्रस्त सड़क के स्थान पर नई सड़क का निर्माण कराया और पतलोई, खोकी, कालिया खाल पर पुलियाओं का निर्माण कराया है। अब बरसात के दिनों में भी ग्रामीणों को यातायात सुविधा सुलभ होगी, जबकि पूर्व में बरसात के दिनों में यह क्षेत्र अन्य क्षेत्रों से कट जाता था और लोगों का संपर्क भी टूट जाता था।
सार्वजनिक निर्माण विभाग को पूर्व में मिला था निर्माण कार्य
हाई लेवल ब्रिज निर्माण कार्य का पूर्व में सार्वजनिक निर्माण विभाग बेगूं रावतभाटा की ओर से एस्टीमेट बनाकर भेजा था, जिस पर निर्माण कार्य के लिए बजट स्वीकृत किया गया था। निविदा भी जारी की गई थी जिसे बाद में निरस्त कर दिया। निविदा के बीच सार्वजनिक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त सचिव संजीव माथुर ने यह कार्य राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम (आरएसआरडीसी) को कराने के आदेश जारी किए। जिस पर आरएसआरडीसी ने इसके लिए कंसल्टेंसी को हायर किया जो अब इसकी डीपीआर बनाएगी।
क्या होगा डीपीआर में
हाई लेवल ब्रिज की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट में पुल की लंबाई, कितने पियर, कितनी क्षमता और कहां पर इसका निर्माण किया जाएगा और कितनी ऊंचाई रखी जाएगी। बांध के सारे गेट खोलने के बाद पानी की निकासी के दौरान यातायात अवरुद्ध नहीं हो, इस बात का ध्यान रखा जाएगा। कंसल्टेंसी 3 महीने में यह कार्य पूरा करेगी और इस पर 10 लाख रुपए की राशि खर्च की जा रही है।

कोटा. जिले के सांगोद शहर में धार्मिक, पारिवारिक एवं अन्य आयोजनों के लिए बनी धर्मशालाओं में पार्किंग व्यवस्था नहीं होने का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। धर्मशालाओं में आयोजनों के दौरान यहां आम रास्तों एवं सड़कों पर ही वाहनों की जमावड़ा लग जाता है। जिससे आसपास दुकानदारों के साथ राहगीरों एवं वाहन चालकों को परेशानी होती है। हालत यह है कि आयोजनों के हजारों रुपए किराया वसूलने के बाद भी धर्मशालाओं की ओर से पार्किंग की व्यवस्था नहीं की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि यहां धार्मिक, पारिवारिक एवं अन्य आयोजनों के लिए शहर में बाजा मार्केट स्थित पुरानी धर्मशाला, काशीपुरी धर्मशाला पुरानी व इसी के सामने नवीन धर्मशाला में आए दिन आयोजन होते हैं। लेकिन तीनों ही जगह पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में आयोजनों के दौरान यहां आने वाले लोगों के वाहन धर्मशालाओं के बाहर सड़कों पर ही खड़ा करते है। काशीपुरी धर्मशालाओं में आयोजन के दौरान तो मुख्य सड़क पर बार-बार जाम लगता है। दुकानदार मोनिल मंगल, पवन अग्रवाल आदि ने बताया कि बाजा मार्केट पुरानी धर्मशाला के सामने सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। लेकिन प्रशासन भी सुध नहीं ले रहा। जिसका खामियाजा दुकानदारों एवं रास्ते से गुजरने वाले लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
सबसे ज्यादा परेशानी यहां
दुकानदारों ने बताया कि संकरी गली में संचालित धर्मशाला में आयोजन के दौरान आम रास्ते पर दुकानों के सामने बेतरतीब वाहन खड़े हो जाते हैं। कई बार तो वाहनों की संख्या इतनी ज्यादा होती है कि वाहन छोड़ पैदल निकलने में भी परेशानी होती है। दुकानों तक ग्राहकों को पहुंचने में भी दिक्कत आती है।

कोटा. मोड़क स्टेशन क्षेत्र में मुकन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में एक जगह ऐसी है जहां प्रकृति, रेल व सड़क मार्ग का एक अलग ही संगम देखने को मिलता है। रिजर्व से एक और जहां दिल्ली-मुम्बई रेल लाइन गुजर रही है वही रेलवे लाइन के नीचे से राजस्थान की राजधानी जयपुर को मध्यप्रदेश के शहर जबलपुर को जोड़ने वाला नेशनल हाइवे 52 गुजर रहा है। नजारा तब खास हो जाता है जबकि पटरियों से विकास की रेल छुक छुक करती निकलती है और सड़क मार्ग से वाहनों का रेला दिखाई देता है तो मुकन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व का प्राकृतिक सौंदर्य विकास की आभा से आच्छादित होकर खिल उठता है। रिजर्व में अभी तक जंगल सफारी शुरू नहीं होने से पर्यटक रिजर्व के सौंदर्य दर्शन से वंचित हो रहे हैं। यहां जंगल सफारी शुरू होने से काफी संख्या में पर्यटकों की आवक हो सकती है और यहां का प्राकृतिक सौंदर्य देख उनका मन भी खिल उठेगा। सरकार व प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरुरत है और इसे पर्यटक के रुप में विकसित किया जा सकता है। चक्रवती तूफान बिपरजॉय के प्रभाव से आसमान में छाई घटाओं के बीच मुकन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व से गुजरती ट्रेन व नीचे से नेशनल हाइवे 52 से गुजरते वाहन का नजारा देखते ही बन रहा है।

कोटा. जिले के खैराबाद से रामगंजमंडी प्रतिदिन सड़क मार्ग से गुजरने वाले राहगीरों, बाइक सवार व वाहन चालकों को खैराबाद की सीमा में प्रवेश करने वाले सड़क मार्ग के गहरे गड्ढ़ों से होकर इस बरसात में भी सावधानी से निकलना होगा। राज्य सरकार ने इस सड़क मार्ग को सुधारने के लिए 35 लाख की राशि तो स्वीकृत की है लेकिन इस साल बरसात में यह कार्य चालू नहीं हो पाएगा। ऐसे में लोगों की परेशानी बरकरार रहेगी।
खैराबाद से रामगंजमंडी की यह क्षतिग्रस्त सड़क चौधरी कृषि फार्म से शुरू होती है जो बाईपास सड़क तक जाती है। करीब तीन सौ मीटर की यह सड़क बरसात में जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच जाती है। हालांकि यह हिस्सा सीमेंट सड़क का बना हुआ है, लेकिन बरसात होने पर जब सड़क में जलभराव होता है और पानी की निकासी नहीं होती तो निरंतर जल भराव से सड़क में गहरे गड्ढे हो गए हैं। बरसात थमने पर निर्माण विभाग की तरफ से गहरे गड्ढे का पेच भरा जाता है लेकिन मामूली बरसात होने पर मसाला पानी में बह जाता है और गड्ढे फिर परेशानी का सबब बन जाते हैं। करीब दो दशक से अधिक समय की इस परेशानी को निर्माण विभाग ने स्वीकृति दिलाकर भविष्य की इस परेशानी को दूर तो किया है लेकिन संभव है विधानसभा चुनाव से पहले लोगों को इस परेशानी से निजात मिल सकेगी।
28 जून को खुलेगी निविदा
तीन सौ मीटर की 35 लाख लागत की स्वीकृत सड़क की निविदा निर्माण विभाग की तरफ से आमंत्रित की हुई है। तीस लाख की राशि की यह निविदा 28 जून को खुलेगी। इसके बाद स्वेदक को कार्यादेश सौंपे जाएंगे। बरसात का समय होने से सड़क का कार्य संवेदक चालू नहीं कर पाएगा। ऐसे में सितंबर में इसकी शुरुआत होने की संभावना है।
दस मीटर उठेगी सड़क
अभी तीन सौ मीटर सड़क नीचे और उसकी साइड उपर होने के बाद बरसाती पानी की निकासी की नाली सड़क किनारे बनी हुई नहीं है। निर्माण विभाग इस सड़क को दस फुट सीसी करके उठाएगा, ताकि सड़क की साइड सड़क लेवल से नीचे रहे। सड़क उठेगी तो सड़क पर बरसाती पानी नहीं आएगा।

रावतभाटा. शिवशक्ति सेवादल झालरबावड़ी कावड़ दल कार्यकारिणी की घोषणा राम मंदिर संत प्रेमदास महाराज, मुख्य संरक्षक विष्णु प्रकाश टेलर, संरक्षक अजय सोनी ने की। मंडल अध्यक्ष विकास धाकड़, कोषाध्यक्ष दीपक माहेश्वरी, पवन माहेश्वरी, उपाध्यक्ष हरीश धाकड़, महामंत्री कमल मीणा, प्रचार मंत्री मोहित हाड़ा, संगठन मंत्री प्रदीप वैष्णव, 2023 कावड़ संचालन अध्यक्ष संदीप जांगिड़, उपाध्यक्ष प्रदीप वैष्णव, कोषाध्यक्ष नरेंद्र अहीर, सचिव प्रफुल्ल शर्मा, प्रचार मंत्री रवि मोदी, चंदू रावत, व्यवस्था प्रमुख यशपाल को नियुक्त किया। सभी सदस्यों ने जुलाई से होने वाले, सावन मास की तैयारियों को लेकर द्वितीय बैठक का आयोजन राममंदिर संत प्रेम दास महाराज की अध्यक्षता में हुई। जिसमें कावड़ यात्रा की समय सारणी तैयार की। पहली कावड़ यात्रा 10 जुलाई को प्रातः 5 बजे झालरबावड़ी से अणुशक्ति मन्दिर, 17 जुलाई प्रातः 5 बजे बाड़ोलिया मन्दिर से बरकत नगर काया कड़केश्वर महादेव झालरबावड़ी, 24 जुलाई प्रातः 5 बजे पाड़ाझर महादेव से चारभुजा मन्दिर छतरी पर झालरबावड़ी, 31 जुलाई त्रिवेणी संगम से ऋण मुक्तेश्वर महादेव घाटे पर झालरबावड़ी, 07 जुलाई अम्बा खाल महादेव से मारुति नगर झालरबावड़ी, 14 जुलाई झालरबावड़ी से इंडिया गेट महादेव मन्दिर, 21 जुलाई झालरबावड़ी से मुक्तेश्वर महादेव एनटीसी, 28 जुलाई कनकेश्वर महादेव से श्री राममंदिर झालरबावडी कावड़ यात्रा निकाली जाएगी और मंदिरों में अभिषेक किया जाएगा। इस अवसर पर बनवारी अहीर, हंसराज, रामाधार, राजेश सोनी, संदीप नागर, संदीप जांगिड़, हरीश धाकड़, मोहित कुमार, प्रभात भाई, आदित्य कंडारा, विवेक वैष्णव, पंकज माहेश्वरी, आशू, रोहन, गौरव, रूद्र, मुकुल गौर, गुलशन, विनोद सेन, रमेश मीणा, रुस्तम जाट, गौरव कटारिया, अर्जुन प्रजापत आदि मौजूद थे।

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