>>: Monsoon Update : राजस्थान में आ गई मानसून की तारीख, 25 प्रतिशत टारगेट पहले ही पूरा IMD Alert in Rajasthan

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Monsoon Update : राजस्थान में विपरजाॅय की तूफानी बारिश का कहर थम गया है और इसी बीच खुशखबर मिली है कि चक्रवात ने मानसून के दौरान होने वाली बारिश का 25 प्रतिशत कोटा पूरा कर दिया है। मौसम विभाग की माने तो राजस्थान में मानसून के दौरान 434 एमएम बारिश का टारगेट रहता है, जिसमें से चक्रवात तूफानी के दौरान 110 एमएम बारिश हो चुकी है। बड़ी बात यह भी है कि मानसून 27 से 29 जून के बीच राजस्थान में प्रवेश कर सकता है।

बिपरजाॅय से 110 एमएम बारिश
मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक आर.एस. शर्मा ने बताया कि राजस्थान में बिपरजाॅय की सक्रियता से चल रहा भारी बारिश का दौर पूरा हो गया है। अच्छी बात यह रही कि चक्रवात के चलते राजस्थान में अब तक 110 एमएम बारिश हो चुकी है और मानसून के दौरान टारगेट 434 एमएम बारिश का रहता है। इसमें से चक्रवात ने 25 प्रतिशत बारिश कर दी। अब मानसून के दौरान टारगेट पूरा करना भारी नहीं रहेगा। उधर, मानसून के लिए कंडीशन अच्छी बनी हुई है और वह आगे बढ़ रहा है। अगले तीन दिन तक राजस्थान में बारिश का दौर नहीं चलेगा, केवल पूर्वी राजस्थान में हल्की बारिश हो सकती है। बाकी राजस्थान सूखा ही रहेगा।

27 जून तक भारी बारिश की संभावना
राजस्थान में 25 जून से बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी और प्री मानसून मेहर बरसाएगा। मौसम विभाग की माने तो मानसून पूर्वी भारत के बचे हुए राज्यों से होता राजस्थान में प्रवेश करेगा। माना जा रहा है कि 27 से 29 के बीच राजस्थान में मानसून का प्रवेश होगा। 25 से हल्की और 27 तक भारी बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। राजस्थान में मानसून की स्थिति फिलहाल सामान्य बताई जा रही है। लेकिन मानसून की एंट्री के बाद ही वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा।

तूफान थमा, लेकिन बांधों में पानी की आवक जारी
बिपरजॉय तूफान से लगातार दो दिन तक हुई बरसात मानसून से पहले ही बहार ले आई। पाली जिले के नदी-नाले उफान पर आए तो बांधों में तेजी से पानी की आवक हुई। पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जवाई बांध का गेज 40 फीट को पार गया है। वहीं जिले का दूसरा सबसे बड़ा बांध हेमावास भराव क्षमता के करीब पहुंच गया है। इसके साथ ही जिले के 32 बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं। जो बांध ओवरफ्लो नहीं हुए हैं। उनमें भी पानी की आवक हुई है और नदियों के रिचार्ज होने से अब मानसून आने पर अतिरिक्त पानी बांधों में पहुंच सकेगा। जिससे बांधों का जल स्तर तेजी से बढ़ सकता है।

पाली के ये बांध ओवरफ्लो (मीटर में)
सिंदरू 0.55
खिवांदी 0.30
तखतगढ़ 0.40
गलदेरा 0.30
जादरी डायवर्जन फीडर 0.15
बलवना 0.10
दुजाना 0.10
गोडाना 0.050
कैलाश नगर 0.05
मांडवारा 0.100
मीठड़ी 0.05
ढारिया 0.300
सादड़ी 0.76
एंदला 0.30
गिरोलिया 0.36
दांतीवाड़ा 0.20
कोट 0.00
फुटिया 0.15
लाटाड़ा 0.02
धणी 0.15
पीपला0.01
मुथाणा 0.02
काणा 0.07
घोड़ादड़ा 0.10
सेली की नाल 0.15
राजपुरा 0.02
केसूली 0.10
जूना मलारी 0.03
हरिओम सागर 0.61
फुलाद 0.05
जोगड़ावास प्रथम 0.02
सेली की ढाणी 0.30
स्रोत: जल संसाधन विभाग

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