3462 किलोमीटर पद यात्रा से शुरू करेंगे पूरे पानी की लड़ाई
- बोले किसान नेता, भाखड़ा क्षेत्र का हिस्सा 2672 क्यूसेक, मगर मिलता नहीं
- भाखड़ा बचाओ जन जागरण पद यात्रा का एक से होगा आगाज
- पद यात्रा के जरिए भाखड़ा क्षेत्र की समस्याओं पर किसानों से करेंगे मंथन
हनुमानगढ़. भाखड़ा सिंचाई प्रणाली के तहत आने वाले सम्पूर्ण क्षेत्र के हिस्से का सिंचाई पानी लगभग 2672 क्यूसेक तय है। मगर शेयर के अनुसार दशकों से पानी नहीं दिया जा रहा है। निर्धारित से कम पानी के लिए हर साल किसानों को आंदोलन करना पड़ता है। दुर्भाग्य से यह पीड़ादायक परिपाटी बन चुकी है। इसलिए अब भाखड़ा क्षेत्र के किसानों से जुड़ी करीब दस समस्याओं व मांगों को लेकर भाखड़ा बचाओ जन जागरण पद यात्रा निकाली जाएगी। किसान आर्मी किसान एकता मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ राठौड़ एवं भाखड़ा किसान संगठन के संयोजक रायसिंह जाखड़ ने सोमवार को प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पद यात्रा का आगाज एक सितम्बर को संगरिया से होगा। वहां किसान शहीद स्मारक पर शहीद किसानों को नमन कर पद यात्रा प्रारंभ की जाएगी। भाखड़ा सिंचाई प्रणाली के अंतर्गत आने वाले संगरिया, हनुमानगढ़, पीलीबंगा, सिद्धमुख, श्रीगंगानगर के कुछ क्षेत्र आदि गांवों में किसानों से संपर्क किया जाएगा तथा करीब 3462 किलोमीटर की दूरी पद यात्रा के दौरान तय की जाएगी। सौरभ राठौड़ एवं किसान आर्मी किसान एकता मिशन के प्रदेशाध्यक्ष महेन्द्र कड़वा ने कहा कि पद यात्रा पूर्णत: गैर राजनीतिक होगी। किसी भी दल या संगठन का व्यक्ति किसान हित की मंशा से इसमें शामिल हो सकता है, उनका स्वागत करेंगे। अगर कोई बेवजह पद यात्रा को राजनीति में घसीटने का प्रयास करेगा तो उसके लिए कोई जगह नहीं है। सौरभ राठौड़ ने कहा कि विभिन्न किसान संगठनों का भी सोचने का तरीका या नजरिया अलग हो सकता है। किन्तु सबका उद्देश्य एक ही है, वह है किसानों का हित। उन्होंने बताया कि पद यात्रा में देश के विख्यात सामाजिक कार्यकर्ता, किसान नेता आदि भी समय-समय पर शामिल होंगे। यात्रा दो चरणों में पूरी होगी। प्रेस वार्ता में किसान नेता राकेश सहारण आदि मौजूद रहे।
प्रतिदिन दस किलोमीटर
किसान नेताओं ने बताया कि पद यात्रा प्रारंभ में हर दिन दस किलोमीटर की दूरी तय करेगी। पांच किलोमीटर सुबह और पांच किलोमीटर शाम को पद यात्रा होगी। इसमें तीस जने हर समय शामिल रहेंगे बाकी लोग हर दिन जगह के हिसाब से जुड़ेंगे।
हिस्सा 1810, देते नहीं 1200 भी
किसान नेताओं ने बताया कि भाखड़ा सिंचाई प्रणाली की सार्दुल ब्रांच व करणी ब्रांच प्रमुख नहरें हैं। इनमें 1810 क्यूसेक पानी का हिस्सा तय है। मगर नहरों की हालात ऐसी है कि पूरा पानी लेने में संकट रहता है। वहीं दूसरी हकीकत यह है कि कभी 1200 क्यूसेक से ज्यादा पानी दिया ही नहीं जाता है।
पद यात्रा : यह रहेंगे मुद्दे
- सम्पूर्ण भाखड़ा क्षेत्र के हिस्से का पूरा सिंचाई पानी करीब 2672 क्यूसेक स्थाई रूप से मिले।
- पंजाब क्षेत्र में राजस्थान फीडर की रिलाइनिंग का कार्य जल्द पूरा कराया जाए।
- इंदिरा गांधी नहर की बुर्जी संख्या 496 हैड के क्ररेस्ट को तोडकऱ चार फीट नीचा किया जाए।
- रिलाइनिंग कार्य के लिए नहरबंदी की अवधि 70 से घटाकर 45 दिन की जाए।
- भाखड़ा की प्रमुख ब्रांच एवं हैड की रिपेयर कर क्षमता बढ़ाई जाए।
- भाखड़ा प्रणाली की सभी वितरिकाओं की पूर्ण रूप से मरम्मत की जाए।
- लौहगढ़ हैड पर पुरानी भाखड़ा को गेट लगाकर बंद किया जाए।
- भाखड़ा व पोंग डेम को अपने पूर्ण भराव बिन्दू तक भरा जाए।
- एमएसपी पर कृषि जिंस की खरीद की गारंटी का कानून बने।
- खेती वास्ते विक्रय कराए जाने वाले बीजों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए गारंटी कानून बनाया जाए।