>>: सीएम गहलोत ने 'मिशन चंद्रयान' की सफलता पर नेहरू-इंदिरा को क्यों याद किया ? जानिए वजह

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जयपुर।


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 'चंद्रयान 3' की लाइव लैंडिंग को विद्यार्थियों के साथ मुख्यमंत्री निवास पर देखा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से मुलाकात की और चंद्रयान के बारे में उनके अनुभव जाने। उपस्थित बालिकाओं ने इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के तहत मिले स्मार्टफोन से मुख्यमंत्री के साथ सेल्फी ली।

 

कार्यक्रम में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह यादव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जाहिदा खान, मुख्यमंत्री सलाहकार संयम लोढ़ा, मुख्य सचिव उषा शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोरा, अतिरिक्त मुख्य सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संदीप वर्मा, प्रमुख शासन सचिव उच्च एवं तकनीकी शिक्षा भवानी सिंह देथा, शासन सचिव स्कूल शिक्षा नवीन जैन सहित वरिष्ठ अधिकारी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

 

चांद पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम गहलोत ने कई बड़ी बातें कहीं। उन्होंने चंद्रयान-3 की सफलता को ऐतिहासिक तो बताया ही, साथ ही तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी का भी ज़िक्र किया।

 

सीएम गहलोत की 5 बड़ी बातें

- ''जब चांद पर पहली बार इंसान उतरा था, तब इस ऐतिहासिक घटना को लेकर एक छात्र के रूप में बेहद उत्साहित था। आज हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत, देशवासियों की आशा एवं विश्वास का परिणाम है कि चंद्रयान-3 को दक्षिणी ध्रुव पर उतारकर इसरो ने एक नया इतिहास रच दिया है। इस अभूतपूर्व उपलब्धता के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई।''


- ''22 अक्टूबर 2008 को चंद्रयान-1 मिशन के रूप में भारत का चंद्रमा के लिए पहला मिशन लॉन्च हुआ था जोकि 2009 में सफल मिशन के रूप में समाप्त हुआ था। फिर 2019 में चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च किया गया था परन्तु तकनीकी कारणों से लैंडिंग से महज कुछ मिनट पहले इसका संपर्क टूट गया था।''


- ''भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को वर्ष 1962 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने डॉ. विक्रम ए. साराभाई की सलाह पर भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (इन्कोस्पार) के नाम से स्थापित किया था। जबकि 15 अगस्त, 1969 को इंदिरा गांधी के कार्यकाल में इस संगठन को मजबूत करते हुए इसका नाम इसरो किया गया।''


- ''राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के युवाओं में खगोलीय और अंतरिक्ष विज्ञान के विकास को लेकर वैज्ञानिक समझ को विकसित करने के लिए निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं। जयपुर का जंतर मंतर प्राचीन भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान का प्रतीक है जो खगोल विज्ञान को लेकर प्रदेशवासियों के उत्साह और जिज्ञासा को दर्शाता है।''


- ''प्रदेश के लगभग 1500 राजकीय विद्यालयों के कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों में वैज्ञानिक गतिविधियों के प्रोत्साहन के लिए साइंस एंड स्पेस क्लब खोले जा रहे हैं। कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए नासा के सहयोग से एस्टेरॉइड खोज अभियान भी संचालित किया जा रहा है। डिजिटल प्लेनेटोरियम, डिस्प्ले इन्फ्रास्ट्रक्चर, विज्ञान केन्द्र, उच्च स्तरीय रेजोल्यूशन के टेलीस्कोप, साइंस पार्क के विकास सहित विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं।''

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