>>: सरकारी भर्तियों में आवेदनों की बढ़ रही संख्या, लेकिन इस वजह से सरकार को हो रहा बड़ा नुकसान

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अजमेर. आरएएस-अधीनस्थ सेवा, कॉलेज-स्कूल शिक्षा, सब इंस्पेक्टर और अन्य भर्तियों में आवेदनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। आवेदनों के मुकाबले पूरे अभ्यर्थी परीक्षाओं में नहीं बैठने से सरकार को भी फायदा नहीं हो रहा है। यह नुकसान पेपर-ओएमआर की प्रिंटिंग और उन्हें केंद्रों तक पहुंचाने-वापस मंगवाने के खर्चे, स्टाफ की ड्यूटी-भत्तों के रूप में हो रहा है। राज्य में आरपीएससी, राजस्थान मंत्रालयिक एवं अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड से अधिकांश भर्तियां होती हैं। जबकि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड रीट, विश्वविद्यालयों के स्तर पर शिक्षकों-अधिकारियों की भर्तियां होती हैं।

भर्तियों में आवेदन ज्यादा मिलना ठीक है, पर परीक्षा कितने अभ्यर्थी देते हैं यह अहम है। सरकार अथवा संस्थानों की परीक्षात्मक तैयारी और व्यवस्थाओं तथा अभ्यर्थियों के ठहरने-खाने से जुड़े खर्चे होते हैं। अभ्यर्थियों को परीक्षाओं में अधिकाधिक शामिल होना चाहिए।

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भर्ती संस्थानों-सरकार के खर्चे
केंद्रों पर अधिकारी-कर्मचारी की ड्यूटी:1 से 5 हजार रुपए

प्रशासनिक/पुलिस अधिकारी- 1 से 5 हजार रुपए

रोडवेज को भुगतान-5 से 8 करोड़

पेपर प्रिंटिंग: 2 से 3.50 करोड़

आरपीएससी का परीक्षा शुल्क 350 से 150 रुपए

जैमर-सीसीटीवी-5 से 7 करोड़

कॉपियां पहुंचाना-मंगवाना: 1 से 1.50 करोड़

वीडियोग्राफी-1 से 2 करोड़

फीस का गणित (प्रति अभ्यर्थी)

राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड- 450 से 250 रुपए

अन्य भर्ती परीक्षाएं 1500 से 3500 हजार रुपए

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