>>: CT scan: इस नियम ने बढ़ा दी ओपीडी में आने वालों की परेशानी

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सरकारी चिकित्सालयों में सभी जांच व दवा मुफ्त होने से राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी (आरएमआरएस) के साथ अस्पतालों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। ऐसे में अब वे आय के विकल्प तलाश रहे हैं। ऐसा ही विकल्प बांगड़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने तलाशा है। अब अस्पताल की ओपीडी में आने वाले मरीज को सीटी स्कैन करवानी है तो चिकित्सक को उसे डे केयर में भर्ती करना होगा। मरीज को कम से कम एक दिन अस्पताल में रहना होगा। ऐसा उस समय नहीं किया जाएगा, जब सीटी स्कैन बहुत ज्यादा जरूरी है।
इन योजनाओं के डे केयर पैकेज में करेंगे भर्ती
चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना
मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना
आयुष्मान भारत दुर्घटना बीमा योजना
आरजीएचएस
इनका कहना है
मरीज की सीटी स्कैन करने से पहले चिकित्सक को यह देखना होगा कि उसकी जांच व उपचार डे केयर पैकेज में है या नहीं। यदि है तो मरीज को भर्ती किया जाएगा। वैसे यह भर्ती करने का नियम अनिवार्य नहीं है। अस्पताल की व्यवस्था में सुधार के लिए नियम तय किए है।
डॉ. पीसी व्यास, अधीक्षक, बांगड़ चिकित्सालय, पाली

चिकित्सक व नर्सिंगकर्मियों के साथ एजेंसियों पर भी सख्ती
बांगड़ चिकित्सालय ने चिकित्सालय की व्यवस्था में सुधार के लिए चिकित्सकों, नर्सिंगकर्मियों और एजेंसी के माध्यम से लगे कार्मिकों पर भी सख्ती की है। उनके लिए भी नियम तय कर दिए हैं, जिससे मरीजों व उनके परिजनों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
यह किया गया है तय
1. यूनिट हैड उनके यूनिट में कार्यरत जूनियर रेजिडेंट्स की उपस्थिति बनाएंगे।
2. मासिक उपस्थिति आरएमओ को देनी होगी।
3. सभी कार्मिकों को सुबह 8:30 बजे से पहले बायोमेट्रिक मशीन पर उपस्थिति दर्ज करानी होगी।
4. एमएमसीएसबीवाई के तहत पंजीकरण और उपचार बढ़ाने के लिए तत्काल कदम उठाएंगे, जो फिलहाल संतोषजनक नहीं है।
5-यूनिट हैड सुबह 10 बजे से पहले वार्ड में राउंड लेंगे। जिससे आइपीडी मरीजों के सैंपल लिए जा सकें।
6. मरीजों के लिए आवश्यक दवाएं वार्ड में सहायक की ओर से दी जानी है। मरीज के परिजनों से नहीं मंगवाई जाएगी।
7. सभी जांच और दवाओं के लिए मांग प्रपत्र पर हस्ताक्षर होना चाहिए। पर्ची पर मुहर के साथ चिकित्सक अपना नाम लिखेंगे। कोई भी मांग उचित इतिहास, निदान और नाम के बिना स्वीकार नहीं की जाएगी।
8. अस्पताल प्रशासन को 24 घंटे सीएमओ की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।
9. यूनिट प्रमुखों को वार्ड और गलियारों की सफाई और बायो-मेडिकल वेस्ट को हटवाना होगा। प्रभारी नर्सिंग अधिकारी की मदद से सुबह 9 बजे से पहले वार्डों की सफाई होना तय करना होगा।
10. नर्सिंग अधीक्षक यह तय करेंगे कि किसी भी वार्ड या अन्य जगह के नर्सिंग प्रभारी अवकाश पर है तो दूसरे को अवकाश स्वीकृत नहीं करेंगे।
11. शाम के समय वार्ड की सफाई एजेंसी की ओर से की जाती है। सभी वार्डों/ओपीडी में शौचालय की सफाई का एक चार्ट बनाया जाए।
12. लेखा अधिकारी विभिन्न जॉब वर्क के अनुबंध की प्रति उपनियंत्रक को उपलब्ध कराएंगे।
13. विभिन्न एजेंसियों को भुगतान से पहले लेखा विभाग संतोषजनक स्थिति प्राप्त करेगा, अस्पताल प्रशासन को रिपोर्ट देंगे।
14. उपनियंत्रक मंत्रालयिक कर्मचारियों एवं संबंधित कर्मचारी के कार्य का पुनः आवंटन करेंगे।
15. अस्पताल प्रशासन ठेकेदार की ओर से विभिन्न स्थानों पर पार्किंग दर का प्रदर्शन करवाएगा। अधिक राशि लेने व शिकायत होने पर ठेकेदार पर जुर्माना लगाया जाएगा।

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