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Plate of elderly and women should be full of calcium-vitamins

Monday 28 August 2023 01:39 PM UTC+00 | Tags: women-health

calcium vitamins benefits: पोषण माह का उद्देश्य सुपोषित भारत का निर्माण करना है, क्योंकि हम जानते हैं कि स्वास्थ्य व वेलबीइंग की दृष्टि से भोजन मुख्य भूमिका अदा करता है। इसलिए जरूरी है, थाली में संतुलित व पोषक आहार की मात्रा तय की जाए। क्योंकि हर आहार स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। चूंकि महिलाएं परिवार की आर्किटेक्ट होती हैं। अगर महिलाएं सुपोषित और जागरूक होंगी तो परिवार का भी बेहतर ध्यान रख पाएंगी। वहीं, परिवार के बुजुर्ग जिन्हें अतिरिक्त देखभाल के साथ पोषण की जरूरत होती है, उनकी डाइट को नजरअंदाज न करें। पोषण माह विशेष में इस बार हम बात करेंगे परिवार की महिलाओं व बुजुर्गों की डाइट पर।

बचे-खुचे के बजाय पोषण पर ध्यान दें
देखा गया है कि जब भी प्राथमिकता देने की बात आती है महिलाएं खुद को अंतिम स्तर पर रखती हैं। बचे-खुचे से अपना पेट भर लेती हैं, जो सही नहीं है। पर्याप्त पोषक तत्त्वों के अभाव से आंतरिक कमजोरी आने लगती है। इसका असर उन्हें 40 वर्ष के बाद पता चलना शुरू होता है। इसलिए जरूरी है कि परिवार की महिलाओं के पोषण पर जरूर ध्यान दिया जाए।

बोन डेन्सिटी चेकअप करवाएं
छरहरी काया के चक्कर में युवतियां क्रैश डाइटिंग करती हैं, जो सही नहीं है। उन्हें ऐसी डाइट लेनी चाहिए जो उनके दिनभर के पोषण स्तर को बनाए रखे। चॉकलेट, कॉफी, फास्ट फूड से दूर रहें। बोन मिनरल डेन्सिटी का महिलाएं व युवतियां खयाल रखें। ३० वर्ष के बाद बोन डेन्सिटी चेकअप अवश्य करवाएं।

डाइट में माइक्रो-न्यूट्रिएंट ज्यादा हों
बुजुर्गों को मानसिक व शारीरिक, दोनों तरह की केयर की जरूरत होती है। उनमें कब्ज की शिकायत अधिक पाई जाती है। इसे दूर करने के लिए पानी की मात्रा और संतुलित भोजन उनके लिए सही है। उनके भोजन में सब्जियों की मात्रा अधिक होनी चाहिए। उनकी डाइट में वेजिटेबल जूस व सूप की मात्रा बढ़ाएं। इससे उनकी डाइट में माइक्रोन्यूट्रिएंट रहेंगे।

महिलाएं इन बातों को रुटीन में करें शामिल
पानी ज्यादा पीएंं, क्योंकि कई बार पानी का इंटेक अच्छा न रहने से भी हार्मोन्स असंतुलित होते हैं।
महिलाओं की डाइट में प्रोटीन की मात्रा कम होती है। प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने के लिए पनीर, अंडा, नट्स, सीड्स, हरी सब्जियां, मिल्क प्रोडक्ट, सोया, दालें शामिल करना चाहिए।
खुद को रिफ्रेश करने के लिए मी-टाइम निकालें, फिटनेस पर ध्यान दें।

मौसमी फल और रंगीन सब्जियों का कॉम्बिनेशन अपनी डाइट में रखें।
लंच में सभी पोषक तत्त्वों से भरपूर आहार लें।
शाम को ग्रीन टी, जूस, फल या मेवे खा सकती हैं

डिनर हल्का रखें, दो रोटी, हरी सब्जियां, सलाद आदि लें।
प्रसव के बाद शिशु को ब्रेस्ट फीड आवश्यक रूप से करवाएं।
ऑयल अब्यूज न करें। यानी तेल सही तरह से उपयोग में लें। बार-बार गर्म किए हुए तेल में भोजन न पकाएं। रेडी-टु-ईट फूड से भी बचें।
अपना हर भोजन निश्चित समय पर करें। उसे स्किप न करें।

Tags:
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