-पार्क के ब्लॉक में गंदे पानी के जमाव से पैदा हुई सड़ांध के कारण बिगड़ रहे हालात से बेखबर शहर की सरकार, जिम्मेदार
-नाले का जमा गंदा पानी न केवल जमीन के अंदर रिसकर पहुंच रहा, बल्कि आड़े-तिरछे अंदाज में रखी निर्माणार्थ लाई सामग्री में पत्थरों व अन्य सामानों की वजह से बढ़ी मुश्किल
नागौर. शहर के बख्तासागर पार्क में सौन्दर्यीकरण के नाम पर व्यय हुई करोड़ों की राशि पर अब पानी फिरता नजर आने लगा है। स्थिति यह हो गई है कि पार्क के तीन ब्लॉक में पूरी तरह नाले का गंदा पानी भरा हुआ है। शेष में से ज्यादातर जगहों पर पार्क में चल रहे कार्य के निर्माणार्थ आई सामग्री इधर-उधर बिखरी पड़ी हुई है। बताते हैं कि यह स्थिति पिछले कुछ दिनों से लगातार बनी हुई है। गंदे पानी से भरे होने के कारण पार्क में आने वालों की संख्या में तेजी से कमी आई है। इसके बाद भी जिम्मेदार इससे बेखबर बने हुए हैं।
शहर के बख्तासागर तालाब के निकट स्थित पार्क की हालत अब खराब होने लगी है। पार्क के तीन ब्लॉकों में भरे गंदे पानी के कारण न केवल यहां की लगी घास खराब होने लगी है, बल्कि जमीन के रास्ते यह पानी अंदर रिसकर पहुंचने के साथ जमीन के अंदरूनी हिस्से को भी जहरीला बना रहा है। लगातार कई दिनों से भरे गंदे पानी की वजह से यहां पर विषैले मच्छरों की भरमार हो गई है। हालत यह हो गई है कि पार्क के मुख्य गेट पास बैठने पर भी सड़े हुए कचरे की दुर्गन्ध लोगों तक पहुंचने लगी है। इसकी वजह से पार्क में सुबह व शाम टहलने के लिए आने वाले भी अब सेहत खराब होने के भय से पार्क से दूर होने लगे हैं।
हालात-ए-बख्तासागर पार्क
पार्क में प्रवेश करने के बाद सीधा सामना गंदगी से होता है। सामने स्थित ब्लॉक के लगभग 90 प्रतिशत एरिया में गंदा नाले का पानी भरा हुआ नजर आया। स्थिति यह रही कि पार्क में बैठने के लिए लगी बेंचों पर बैठने के लिए भी इसी गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ रहा था। हालांकि गंदगी के कारण ज्यादातर लोग इस ब्लॉक में जाने से बचते नजर आए। इसी से सटे पार्क के दूसरे ब्लॉक में पहुंचे तो यहां की हालत पहले वाले ब्लॉक की अपेक्षा ज्यादा खराब मिली। यहां पर सड़ांध मारता पानी, उस पर उड़ते बड़े पंखों वाले विषैले मच्छर मिले। मच्छरों की भिनभिनाहट वाली आवाजों के बीच कीड़ों की खासी तादाद भी मिली। इसकी वजह से यहां पर खड़ा होना भी मुश्किल हो रहा था। इसके सामने स्थित दायीं ओर के ब्लॉक की हालत भी बेहद खराब मिली। इस ब्लॉक में जमा गंदे पानी के कारण पूरे एरिया में कई जगहों पर दलदलीय स्थिति बनी नजर आई। हालत यह रही कि ब्लॉक में कदम रखते हुए पैर आठ से दस इंच तक जमीन में धंस जा रहे थे। हालांकि पार्क के अंतिम छोर से सटे हिस्से में जमीन सूखी होने के कारण कुछ लोग वहां पर बैठे तो मिले, लेकिन नगरपरिषद को कोसते नजर आए।
दीवार के रास्ते भी अंदर आ रहा गंदा पानी
पार्क के अंतिम छोर के पास पहले बनी दीवार के रास्ते से आए पाइप के सहारे गंदा पानी आ रहा है। यह पाइप गत दिनों ठेकेदार की ओर से जेसीबी संचालन के दौरान उसकी भुजा से टूट गई। इसके चलते पूरा पानी पार्क के अंदर ही भरने लगा। अब जेसीबी से पाइपलाइन टूटने के बाद न तो इसे संबंधित ठेकेदार की ओर से सही कराया गया, और न ही नगरपरिषद के जिम्मेदारों ने ठेकेदार को पाबंद किया। फलस्वरूप पार्क की हालत अब और ज्यादा बिगड़ती नजर आने लगी है।
ट्रेक की हालत भी बदहाल
पार्क में कई जगहों पर सफाई के अभाव में गंदगी के साथ ही अंदर टहलने के लिए बने ट्रेक भी टूटे मिले। बताते हैं कि दो दिन पूर्व ही यहां पर टहलने आया क्षेत्र का रामसुमेर टूटे ट्रेक के कारण टहलते हुए गिर कर जख्मी हो गया था। मंगलवार को पार्क में मिले लोगों जयेश, पवन, लुक्माराम, जानकी, सुनैना व शिवराम आदि ने बताया कि आसपास कोई टहलने की जगह नहीं होने से मजबूरी में इसी पार्क में आना पड़ता है, लेकिन यहां पर टूट चुके ट्रेक के कारण अब पार्क में न केवल टहलना मुश्किल हो गया है, बल्कि गंदे पानी के दुर्गन्ध की वजह से बीमार होने का भी अंदेसा बना रहता है।
इनका कहना है...
पार्क में टूटे हुए ट्रेक की मरम्मत कराने के साथ ही अंदर के ब्लॉक में भरे गंदे पानी की समस्या का समाधान जल्द ही करा दिया जाएगा।
रामप्रसाद मीणा, अधिशासी अभियंता नगरपरिषद नागौर