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आज का राशिफल 23 अगस्त: जानिए आज क्या कहा है आपका भाग्य बता रहे हैं तीन ज्योतिषाचार्य Tuesday 22 August 2023 01:12 PM UTC+00 आपके सवालों के जवाब फैमिली एस्ट्रो स्पेशल पर यहां पाएं चार तरह की एस्ट्रो विधाओं के टिप्स ज्योतिषाचार्य: पं. मुकेश भारद्वाज अंकगणित के अनुसार आज का मूलांक 5 और भाग्यांक 1 है। आज के दिन में बैंकिंग व्यवसाय और वाणी से जुड़ी गतिविधियों में श्रेष्ठ कार्य करने की विशेष ऊर्जा उपलब्ध रहेगी। भावनात्मक संबंधों ज्ञान के क्षेत्र में धन के प्रवाह को संतुलित करने के क्षेत्र में और साझेदारी व्यवसाय में भी अच्छी प्रगति होने की संभावना है। आज के दिन में भावनात्मक संबंधों में जिन लोगों के बीच थोड़ी भी इमोशनल ट्रांजैक्शन है उन्हें इसे अधिक प्रगाढ़ता देने वाली ऊर्जा और समझ गतिविधियों में सम्मिलित रहेगी। यात्रा लाभकारी रहेगी। स्वास्थ्य को लेकर के थोड़ी चिंता रहेगी। मूलांक 2,3,5,7, 8 और 9 वालों के लिए आज का दिन बेहतर रहेगा। टैरोकार्ड में आज का कार्ड द सन के साथ फॉर ऑफ वैंड्स है। इसके मायने यह है कि आज के दिन में कोई खास विचार या विशिष्ट व्यक्ति जो बहुत ही आउटस्टैंडिंग या ग्रेटनेस लिए हुए हो आज के कार्यों पर हावी रह सकता है। अगर टीम वर्क और सकारात्मक सोच के साथ काम किया गया तो इस विचार को या व्यक्ति के संपर्क को विशेष ऊंचाई तक ले जाने की संभावना मौजूद है।
मूनसाइन के अनुसार आज का दिन भावनात्मक संबंधों में एक दूसरे को सहयोग प्रदान करते हुए एक दूसरे की आर्थिक उन्नति के लिए कार्य करने का रहेगा। विचारों की भिन्नता होते हुए भी आर्थिक और मानसिक तौर पर एक दूसरे का सहयोग मिलने की संभावना रहेगी।
विद्यार्थियों के लिए आने वाला सप्ताह नई उपलब्धियां से भरा हो सकता है। चीज नियंत्रण में आने लगेगी। नए सहयोगी मिल सकते हैं। छोटी यात्रा या नए लोग मिलने से मन प्रसन्न रहने की संभावना रहेगी। धन खर्च पर नियंत्रण रखना होगा और एकाग्रता का स्तर भी बढ़ाना होगा। आपका सवाल प्रश्न: बिना हवन के घर में मन्त्रोंच्चारण कर सकते है और इससे क्या लाभ होता है? — श्रेयांस गुप्ता उत्तर: सनातन संस्कृति में मंत्रोच्चार का बड़ा महत्व है। ऐसा माना जाता है कि हर मंत्र का हमारे मन मस्तिष्क पर और प्रकृति पर एक अलग प्रभाव होता है। मंत्रों में बहुत सारी ऊर्जा समाहित होती है। जो मंत्र का उच्चारण करने वाले या जिसके लिए यह मंत्र साधना की जा रही है उसे और पूरी प्रकृति को लाभान्वित और प्रभावित कर सकती है। मंत्र साधना जितनी एकाग्रता से की जाएगी इसका फल उतना ही अधिक प्राप्त हो सकता है। मंत्रों को उच्चारित करने के बाद उसके दसवें हिस्से की आहुति देने का प्रावधान है। लेकिन ऐसा नहीं है कि अगर आप आहुतियां नहीं दे रहे हैं तो इसका कोई भी प्रभाव नहीं मिलेगा। बिना आहुति दिए भी इसके अच्छे प्रभाव मन मस्तिष्क और शरीर के साथ आसपास के लोगों पर और पूरे वातावरण को सकारात्मक करने में बहुत ऊंचे दर्जे की भूमिका निभाते हैं। ज्यों पं चंदनश्यामनरयण व्यास पंचांगकर्ता मेष- नए मित्रों से मेलजोल बढ़ेगा। वाहन मशीनरी पर खर्च बढ़ेगा। आजीविका का नया साधन मिल सकता है। अपने कार्य को व्यवस्थिक रूप से करना सीखें। वृषभ- अपने अनुभव का भरपूर प्रयोग करें। पारिवारिक महौल अनुकूल मिलने से कार्य आसानी पूरे होंगे। किसी ओर के भरोसे काम छोड़ने पर नुकसान हो सकता है। आर्थिक लाभ होगा। मिथुन- राजकार्य से जुड़े लोगों के लिए समय अनुकूल है। नौकरी में पदोन्नति के योग बन रहे हैं। माता—पिता से मतभेद समाप्त होंगे। प्रेम प्रसंग में सफलता के योग है। मित्रों से मदद मिलेगी। कर्क- जीवनसाथी के साथ चल रही गलतफहमी दूर होगी। नौकरी में तनाव रहेगा। विवाह योग्य जातकों के लिए समय शुभ है। मांगलिक आयोजनों में शामिल होंगे। कर्ज से मुक्ति मिलेगी। सिंह- धार्मिक आयोजनों का लाभ मिलेगा। नौकरी में जवाबदारी बढ़ेगी। शत्रु परास्त होंगे। भाइयों से संबंध कमजोर होंगे। ज़मीन जायदाद से सम्बंधित कार्य जल्द पूरे करने का प्रयास करें। कन्या- भूलने की आदत आपको बडी परेशानी में डाल सकती है। मन की बात हर किसी को बताने से बचें। परिजनों का सहयोग मिलने से कार्य आसानी से पूरे होंगे। तुला- व्यवसाय विस्तार की योजना सार्थक होगी। आस पड़ोस के लोगों की सहायता करनी पड़ सकती है। संतान के दाम्पत्य जीवन की चिंता बनी रहेगी। निजी जीवन में तनाव रहेगा। वृश्चिक- सामाजिक कार्यों में सहभागिता करेंगे। आमदनी अधिक होने से आर्थिक पक्ष मज़बूत रहेगा। क्रोध त्यागे, घमंड करने से बचें। नौकरों से परेशान रहेंगे।
मकर- कई दिनों से जीवन में चल रही उथल पुथल के कारण तनाव व थकान रहेगी। तरक्की में आने वाली परेशानीयों का अंत होने वाला है। नए वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। कुम्भ- समय पर कार्य करें। अपने परिजनों को महत्व दें। सही का साथ दे परिजानों से अनबन हो सकती है। नौकरी में बदलाव करने का मन है। प्रेम प्रसंग में विफल होंगे। मीन- आप सबका अच्छा सोचते है लेकिन लोग आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे। सतर्क रहे, समझदारी से कार्य करें। जीवनसाथी का साथ मिलने से कार्य पूरे होंगे। ग्रह-नक्षत्र ज्योतिर्विद: पं. घनश्यामलाल स्वर्णकार शुभ वि. सं: 2080 शुभ मुहूर्त: आज विवाह अ.आ. में (शनि वेध) गृहारम्भ व गृह-प्रवेश अ.आ. में (शनि वेध दोष युक्त) नामकरण व अन्नप्राशन स्वाति नक्षत्र में, चूड़ा पहिनना विशाखा में तथा हलप्रवहण का स्वाति नक्षत्र में शुभ मुहूर्त हैं। सप्तमी भद्रा संज्ञक शुभ तिथि अन्तरात 03-32 तक तदन्तर अष्टमी जयासंज्ञक तिथि है। सप्तमी तिथि में यात्रा, सवारी, विवाह, आदि मांगलिक कार्य, नृत्य, गीत, संगीत, वस्त्र-अलंकार, गृहारम्भ व गृह-प्रवेश आदि सभी कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं। श्रेष्ठ चौघडिय़ा: आज सूर्योदय से प्रात: 9-18 बजे तक लाभ व अमृत, पूर्वाह्न 10-53 बजे से दोपहर 12-29 बजे तक शुभ तथा अपराह्न 03-41 बजे से सूर्यास्त तक चर व लाभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिये अत्युत्तम हैं। बुधवार को अभिजित नामक मुहूर्त शुभकार्यों में त्याज्य है।
नक्षत्र: स्वाति ''चर व तिङर््यंमुख'' संज्ञक नक्षत्र प्रात: 08-08 बजे तक, तदन्तर विशाखा ''मिश्र व अधोमुख'' संज्ञक नक्षत्र है। स्वाति नक्षत्र में देवालय, विवाहादि मांगलिक कार्य, वस्त्र, अलंकार, वास्तु व शस्त्रादि कार्य करने योग्य हैं। विशाखा नक्षत्र में पदार्थ संग्रह, औषध व अलंकारादिक कार्य प्रशस्त है।
विशिष्ट योग: रवियोग नामक शक्तिशाली शुभ योग प्रात: 08-08 बजे तक है। रवियोग: सभी तिथि, वार, नक्षत्रजन्य कुयोगों की अशुभताओं को नष्ट कर शुभकार्यारम्भ के लिए मार्ग प्रशस्त करता है। करण: गर नामकरण अपराह्न 03-19 बजे तक, तदन्तर रात्रि 03-32 बजे तक वणिज नामकरण है। इसके बाद भद्रा प्रारम्भ हो जायेगी। व्रतोत्सव: सूर्य सायन कन्या में दोपहर बाद 02-31 बजे से, राष्ट्रीय भाद्रमास प्रा., शरद् ऋतु प्रारम्भ, शुक्र का बाल्यत्व समाप्त प्रात: 09-15 बजे से तथा गोस्वामी तुलसीदास जयन्ती है। आज जन्म लेने वाले बच्चे: आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (ता, ति, तू, ते, तो) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। रात्रि 02-54 बजे तक जन्मे जातकों की जन्म राशि तुला व इसके बाद जन्मे जातकों की जन्म राशि वृश्चिक है। तुला राशि के स्वामी शुक्र व वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल है। |
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