>>: उम्र सौ के पार, फिर भी वोट डालने का जज्बा बरकरार, कम नहीं हुआ रामकंवर और मालूदेवी का उत्साह

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जब इन्होंने किशोरावस्था में पहली बार वोट डाला होगा तो किसी ने सोचा भी नहीं होगा वोट डालने का यह जज्बा उनके भीतर सौ साल की उम्र को पार करने पर भी जस का तस रहेगा। सौ की उम्र पार कर चुकीं प्रदेश की ये महिला वोटर आज भी उसी दमखम के साथ लोकतांत्रिक अधिकार का भरपूर इस्तेमाल कर रही हैं। दरअसल प्रदेश में शतायु मतदाताओं की संख्या 17241 मतदाता है, इसमें 13000 के करीब महिलाएं और 3700 पुरुष मतदाता शामिल हैं।

 

उदयपुर और झुंझुनू में सर्वाधिक: प्रदेश में उदयपुर और झुंझुनूं ऐसे दो जिले हैं, जहां सौ के पार उम्र के 1000 से अधिक मतदाता हैं। वहीं तीसरे स्थान पर बाड़मेर में भी 864 मतदाताओं ने सौ बसंत देख लिए है।

 

राज्य सरकार व चुनाव आयोग के लिए यह आंकड़ा महिला सशक्तीकरण को लेकर बड़ा उदाहरण है। चुनाव के अवसर पर 100 साल पूरे करने वाले मतदाताओं को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए सरकार विशेष पेंशन देने की घोषणा करे, जिसकी राशि कम से पांच हजार रुपए मासिक हो।

 

106 साल की मतदाता मालूदेवी पत्नी हुकमाराम निंबलकोट की निवासी हैै। वे हर बार वोट देती रही है। ऐसा कोई अवसर नहीं आया जब वोट नहीं दिया हों। उनके मुताबिक मोटियार-परिवार सब तय कर लेता है कि इसको वोट देना है, उसको देते है। इस बार वे घर से वोट देंगी।

 

महिलाओं की उम्र के साथ ही उनका उत्साह भी बदस्तूर कायम है। आराबा गांव की रामकंवर की उम्र 109 साल है। उनके पुत्र उम्मेदसिंह आराबा बताते हैं कि उनकी मां अब तक हर चुनाव में वोट देने बूथ तक पहुंचती रही हैं। हालांकि इस बार सरकार ने बैलेट पेपर की सुविधा दी है तो घर से वोट करेंगी।

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