>>: पिछोला झील में नगर निगम की ओर से पहली बार चलेगी इको फ्रेंडली नावें

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क/उदयपुर। पिछोला में डीजल-पेट्रोल चलित बोट संचालन को लेकर राजस्थान पत्रिका की ओर से चलाई गई मुहिम को आखिर मुकाम मिल गया। झील में इको फ्रेंडली नावों के संचालन को लेकर नगर निगम की ओर से निविदाएं खोली गई। आखिर एक फर्म की ओर से इको फ्रेंडली नावों का संचालन होना तय कर दिया गया। पिछोला में पहली बार 5 करोड़ 78 लाख का कॉन्ट्रेक्ट तय हुआ है। इसके लिए निगम की ओर से मांगी गई निविदा में 6 फर्में शामिल हुई थी, जिसमें से 3 फर्म के आवेदन तकनीकी खामी के कारण बाहर हो गए। शेष तीन फर्मों में से सर्वाधिक दर वाली फर्म एमएम ट्रावेल्स को ठेका मिला। इस ठेके के साथ ही निगम को पहले से 2.78 लाख की अतिरिक्त आय हुई है, वहीं हर साल 10 प्रतिशत राशि बढ़ाई जाएगी। निगम ने पत्रिका अभियान की खबरों को आधार बनाते हुए इको फ्रेंडली नावों के संचालन की प्रक्रिया शुरू की थी। इसी के अनुसार पहली बार इको फ्रेंडली नावें चलेगी। इसी के आधार पर निगम की ओर से हाइकोर्ट में भी जवाब पेश किया जाएगा।

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नावों की संख्या भी घटाई
निगम की ओर से निविदा शर्तों के मुताबिक नावों की संख्या भी कम की गई है। पहले जहां 18 नावें चलती थी, उसकी जगह अब 15 नावें चलेगी। इसमें एक रेस्क्यू बोट होगी, वहीं पर्यटकों के लिए दो विशेष नावें होंगी। झील में नावों का रूट भी निर्धारित होगा। अभी तक पिछोला में पेट्रोल संचालित 64 नावें चल रही है।

छह माह पहले प्रक्रिया
एक पांच सितारा होटल ने मार्च में इको फ्रेंडली बोट की शुरुआत की थी। पहले दो नावें उतारी गई थी, जबकि चार नावें और तैयार की गई। 18 सीटर इको फ्रेंडली बोट की शुरुआत तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों ने की थी। उस दरमियान परिवहन विभागीय अधिकारियों ने भी बोट संचालन की गतिविधियों का निरीक्षण किया था।

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होटल संचालक भी पाबंद
इको फ्रेंडली नावों का संचालन शुरू होने के साथ ही पिछोला झील किनारे के होटल संचालकों को भी इको फ्रेंडली नावों का संचालन करने के लिए पाबंद किया जाएगा। इसके अलावा झील में मानव गतिविधियां कम करने को लेकर नावों की संख्या भी सीमित की जाएगी। इसी तरह फतहसागर पर यूआइटी काम करेगी।

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