>>: Chinese Manjha: छह माह का कारावास व जुर्माने का प्रावधान, बैन के बावजूद बिक रहा चाइनीज मांझा

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Chinese Manjha: शहर में दिसम्बर आते ही आसमान में पतंगें दिखाई देने लगती हैं। लेकिन प्रतिबंद के बावजूद चायनीज मांझे का धड़ल्ले से पतंग उड़ाने में उपयोग हो रहा है। इससे कई लोग घायल हो गए तो कई पक्षियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है। चायनीज मांझे से राहगीरों खासतौर पर बाइक सवारों की जान खतरे में रहती है। हाल ही में चाइनीज मांझे की चपेट में आने से स्कूटी सवार युवती गम्भीर घायल हो गई थी। हर साल चायनीज मांझे से दर्जनों लोग व हजारों पक्षी घायल होते है। लेकिन संबंधित अधिकारी कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति कर इतिश्री कर लेते हैं।

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अब पहचान वालों को ही मिलता है
प्रतिबंध के चलते शहर में दुकानदार दुकानों पर चायनीज मांझे को नहीं रखते। सिफ पहचान वालों को ही चायनीज मांझा बेचते है। आम मांझा 200 से 250 रुपए प्रति बंडल बाजार में मिल जाता है जो जानलेवा नहीं होता। वहीं पतंग उड़ाने वाले 300 से 400 रुपए प्रति बंडल की दर से मिलने वाले चायनीज मांझे का उपयोग दूसरी पतंग की डोर काटने के लिए करते हैं।

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2017 से प्रतिबंधित है चायनीज मांझा
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने साल 2017 में सिंथेटिक मांझे के निर्माण, वितरण, बिक्री व उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बावजूद पूरे देश चोरी छिपे हर साल चायनीज मांझे का कारोबार किया जाता है। शहर में छावनी, सब्जीमंडी मोहन टाकीज रोड, मकबरा, पाटनपोल, नयापुरा, स्टेशन क्षेत्र एवं नए कोटा में चोरी छिपे कारोबार चल रहा है।

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एक माह में चार कार्रवाई
नगर निगम कोटा उत्तर के मुख्य अग्निशमन अधिकारी गौतम लाल ने बताया कि पिछले दिनों में 3 स्थानों पर पंतग की दुकानों पर कार्रवाई की गई जिसमें करीब 230 से ज्यादा बंडल जब्त किए है। इधर नगर निगम कोटा दक्षिण के मुख्य अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास ने बताया कि उनकी टीम ने नए कोटा क्षेत्र में एक दुकान पर कार्रवाई की, जहां केवल 1-2 बंडल चायनीज मांझा मिला। दुकानदारों के खिलाफ पुलिस में कोई मामला दर्ज करवाया गया क्या, इसके जबाव में उन्होंने बताया कि अभी केवल समझाइश की जा रही है। अगर इसमें पुलिस कार्रवाई बनती है तो उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर पुलिस में मामला दर्ज कराया जाएगा।

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छह माह का कारावास व जुर्माने का प्रावधान
चायनीज मांझा मानव जीवन ही नहीं पशु पक्षियों के लिए भी खतरा उत्पन्न करता है। ऐसे में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत जिला मजिस्ट्रेट को यह शक्ति प्राप्त है कि वह इसकी बिक्री व उपयोग पर अविलंब रोक इस कारण लगाए कि राह चलते व्यक्ति का जीवन खतरे में पडऩे की सम्भावना रहती है। यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता है तो उसे भादस की धारा 188 के तहत दंडित किए जाने का प्रावधान है। जिसमें आदेश की अवहेलना करने पर 6 माह तक का कारावास या 1 हजार रुपए तक का जुर्माना या दोनों से दंडित किए जाने का प्रावधान है। इसके अलावा किसी व्यक्ति के जीवन को खतरा उत्पन्न होने की सम्भावना के आधार पर थानाधिकारी चायनीज मांझा विक्रेता और उपयोग करने वाले व्यक्ति को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 107 व 151 के तहत बगैर वारंट के मौके पर गिरफ्तार करने में सक्षम है। साथ ही चायनीज मांझे से किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो मृत व्यक्ति के आश्रित क्षतिपूर्ति प्राप्ति के लिए सक्षम न्यायालय में कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं। --विवेक नंदवाना, एडवोकेट

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