>>Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment! |
You are receiving a digest because your subscriptions have exceeded your account's daily email quota. Your quota has automatically reset itself. |
मनमाने ढंग से आदेश जारी करने का लगाया आरोप, निजी विद्यालय के संचालकों ने जताया रोष Tuesday 27 February 2024 01:27 PM UTC+00 ![]() सरकार की ओर से निजी विद्यालयों के लिए मनमाने आदेश जारी करने के खिलाफ स्कूल शिक्षा परिवार की और से सोमवार को कलक्ट्रेट में विरोध-प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम एडीएम व जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया है। ज्ञापन में बताया कि राज्य सरकार और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की और से निजी विद्यालयों के विरुद्ध जारी मनमाने आदेश जारी करने पर निजी शिक्षण संस्थानों में रोष है। परेशान करने का लगाया आरोप जिला अध्यक्ष शब्बीर नागोरी ने बताया की राजस्थान में हाल ही में भाजपा सरकार का गठन हुआ है सरकार ने आते ही मनमाने ढंग से आदेश जारी करने शुरू कर दिए है। नागौरी ने बताया कि निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने हाल ही में राज्य के सभी निजी विद्यालयों को हैरान एवं परेशान करने के उद्देश्य से जांच के आदेश जारी किए है । जबकि सुप्रीम कोर्ट ने निजी विद्यालयों की स्वायत्ता में बिना किसी कारण के हस्तक्षेप नहीं करने के लिये निर्देशित किया हुआ है। प्रत्येक बच्चे को शिक्षा देना सरकार का दायित्व ज्ञापन में बताया कि सरकार स्वयं के दायित्व को तो पूरा नहीं कर पा रही उसे छुपाने के लिए जान बुझ कर परेशान कर रही है । सरकार समय पर भुगतान नहीं करती। राज्य के प्रत्येक बच्चे को शिक्षा देना सरकार का दायित्व है जिसे पूरा करने में निजी विद्यालय कंधे से कंधा मिला कर चल रहे है फिर भी उन्हें परेशान किया जा रहा है। विद्यार्थीयों को भी कर रहे परेशान उन्होने ने ज्ञापन में आरोप माध्यमिक शिक्षा बोर्ड भी नए-नए आदेश निकालकर विद्यार्थीयों को परेशान कर रहा है । एक और जहा केन्द्र सरकार ओपन बुक परीक्षा लागू करने जा रही है वहीं राज्य सरकार और बोर्ड विद्यार्थियों को मानसिक रूप से परेशान कर रही है । ज्ञापन में निजी विद्यालय संचालकों ने सरकार को आगाह किया के यदि विवादित आदेश वापस नहीं लिए गए तो प्रदेश स्तरीय उग्र आंदोलन होगा। जिसकी समस्त ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। इस अवसर पर रमेश काला, ख़ालिद एहतेशाम, विशाल श्रीवास्तव, महावीर यादव, फज़़लुरहम्न, मुमताज़ ख़ान, शिव प्रसाद श्रीवास्तव, चौथमल सैनी, राजीव पाल आदि सहित अन्य निजी विद्यालय संचालक उपस्थित रहे । |
अनदेखी: सरकारी भवन हो रहे जर्जर, जानलेवा न बन जाए दरकती दीवारें और छत Tuesday 27 February 2024 02:38 PM UTC+00 ![]() तहसील कार्यालय पीपलू का भवन अत्यंत जर्जर हो गया है। भवन की छतों, कक्षों में आए दिन प्लास्टर गिर रहा है। भवन में जगह-जगह सीपेज आ रहा है। छत से प्लास्टर गिरने के कारण हमेशा यहां काम कर रहे कर्मचारियों पर खतरे की आशंका बनी रहती है। वर्ष 1999 में बने इस भवन की मरम्मत के नाम पर कई बार खानापूर्ति हुई है। इससे यह परेशानी हो रही हैं। पीपलू तहसील कार्यालय की ओर से सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता, सहायक अभियंता को जिला कलक्टर के आदेशों की पालना में कार्यालय-आवास भवनों की मरम्मत के संबंध में तकमीना बनाकर भेजे जाने को लेकर कई बार लिखा जा चुका है, लेकिन हर बार सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। गत दिनों तहसील कार्यालय के मुख्य द्वार से अंदर प्रवेश करने वाली छत का अचानक से प्लास्टर गिर गया। हालांकि वहां कोई नहीं होने से कोई हताहत नहीं हुआ है। इससे पूर्व भी कई बार यहां इस तरह के हादसे हो चुके हैं। करीब 7 माह पहले बारिश के दिनों में तहसील कार्यालय पीपलू के भू-अभिलेख निरीक्षक कक्ष की छत से प्लास्तर गिर गया, लेकिन उस वक्त वहां कोई नहीं होने से बड़ा हादसा टल गया। वहीं पंजीयन कक्ष, टीआरए, एलआर शाखा, कोर्ट रूम की छतों से इतना पानी टपकता है कि वहां बैठकर काम तक नहीं किया जा सकता। इतना ही नहीं भवन गीला होने की वजह से करंट तक भी प्रवाहित होने लगा था। बारिश के दिनों में तो तहसीलदार अपने कामों को क्वार्टर पर या एसडीएम चैंबर में बैठकर करते है। पूर्व में तहसील कार्यालय के टीआरए कक्ष की छतों से प्लस्तर उखड़ कर गिर गया। छत से प्लस्तर उखड़ रखा है। हो सकता है कभी भी बड़ा हादसा तहसील कार्यालय पीपलू में जाति निवास व जमीन सहित अन्य कार्यों के लिए रोजाना करीब पांच सौ से अधिक लोगों का आना-जाना होता है। ऐसे में कार्यालय के जर्जर होने से अपने काम से आने वाले ग्रामीणों, अधिवक्ता सहित कर्मचारी हादसें का शिकार हो सकते हैं। इधर तहसील कार्यालय में सरकारी वाहन नहीं तहसीलदार एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट पीपलू कार्यालय में सरकारी वाहन नहीं हैं। यहां का पुराना वाहन पूरी तरह से खटारा हो चुका था। जिसको लेकर टोंक पत्रिका में 13 दिसंबर को खटारा गाड़ी में साहब की सवारी शीर्षक से प्रकाशित खबर के बाद उसे वापस से जिला पुल में जमा तो करवा दिया गया है लेकिन नया अभी तक नहीं मिला है। जिसके चलते तहसील कार्यालय में तहसीलदार को राजकीय कार्यों के लिए आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। तहसील पीपलू भवन कई जगह से जर्जर हो चुका है। वहीं तहसील कार्यालय का खराब वाहन जमा करवा दिया गया है। उच्चाधिकारियों को भवन की मरम्मत व नए वाहन के संबंध में अवगत करवाया हुआ है। |
You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at abhijeet990099@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription. |