>>: Digest for February 29, 2024

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वन विभाग की ओर से प्रतिवर्ष नर्सरी में पौधे तैयार किए जाते हैं। इन पौधों का वितरण बारिश की शुरुआत में किया जाएगा। सरकारी विभागों एवं स्वयं सेवी संगठनों के माध्यम से पौधरोपण किया जाता है। इसके साथ ही आमजन अपने स्तर पर पौधरोपण भी करता है। वन विभाग की ओर से जिले की दस नर्सरी में 4.40 लाख पौधे तैयार करवाए जा रहे हैं। वर्तमान में थैलियों भरी जा रही है। इसमें नीम, सहजन, कचनार, शहतूत, इमली, करंज, सुरेल, कनेर, गुड़हल, गुलाब, चमेली, आम, अमरूद, नींबू, शीशम, कचनार, पारस पीपल सहित कई छायादार एवं फलदार पौधे तैयार किए जा रहे हैं।
पिछले साल नाममात्र की हुई बिक्री
पिछले साल भी वन विभाग की ओर से पौधे तैयार किए गए थे, लेकिन मानसून की अच्छी बारिश नहीं होने के कारण सरकारी विभागों एवं स्वयं सेवी संगठनों के माध्यम से नाममात्र के पौध रोपण किए जाने के कारण बिक्री काफी कम हुई थी। इसके पश्चात वन विभाग की ओर से ट्रक में भरकर कॉलोनियों में भी पौधों की बिक्री करने का प्रयास किया था, लेकिन यह व्यवस्था दो-चार दिन ही चल पाई थी। विभाग के पास वर्तमान में 1,03026 के करीब पौधे बचे हुए हैं। यह पौधे इस बार दो साल के हो जाएंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले साल पौधों की ऑनलाइन बिक्री शुरू की गई थी। इसमें पौधे खरीदने के साथ ही भुगतान भी करना था, लेकिन सरकारी विभागों में बाद में भुगतान करने की व्यवस्था होने के कारण भी सरकारी विभागों में नाममात्र का पौधरोपण हो पाया था।

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