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शर्मनाक: मां की गोद के बजाय मासूम को मिला 'पालना' Wednesday 28 February 2024 06:21 AM UTC+00 ![]() शिक्षानगरी के रूप में पहचान बनाने वाले सीकर के माथे पर सोमवार को एक और दाग लग गया। एक निष्ठुर मां सोमवार रात अपने कुछ घंटे पहले जन्मे लाल को सरकारी जनाना अस्पताल के पालना गृह में छोड़ गई। करीब ढाई किलोग्राम वजनी बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है, जिसे मंगलवार को बाल कल्याण समिति के प्रतिनिधियों को सौंप दिया गया। पुलिस बच्चे को छोड़ने वाली की तलाश कर रही है। जनाना अस्पताल के एसएनसीयू इंचार्ज जय सिंह शेखावत ने बताया कि घटना सोमवार रात करीब 11 बजे की है। इस दौरान अचानक पालना गृह का सायरन बजने लगा। इसके बाद ड्यूटी स्टॉफ मौके पर पहुंचा तो पालना गृह में साफ-सुथरे कपड़े में एक नवजात दिखा। उसे तुरंत उपचार के लिए एसएनसीयू ले जाया गया। घटना की सूचना पुलिस को दी गई है। मौके पर पहुंची पुलिस वहां सीसीटीवी कैमरे के जरिए जानकारी जुटा रही है। सरकारी पालना गृह में नवजात कन्या को छोड़ऩे के मामलों के बीच नवजात बालक को छोड़ जाना चर्चा का विषय रहा। उल्लेखनीय है कि नए साल के दौरान सरकारी जनाना अस्पताल के पालना गृह में यह पहला नवजात मिला है। निजी अस्पताल में डिलीवरी की संभावना चिकित्सकों के अनुसार नवजात का जन्म घटना से करीब दो घंटे पहले ही होना सामने आ रहा है। अस्पताल कर्मियों के अनुसार नवजात के लगी कॉर्ड को देखकर लगाता कि किसी निजी अस्पताल में प्रशिक्षित चिकित्साकर्मी ने ही डिलीवरी करवाई गई है। हालांकि आमतौर पर बेटी होने पर ही नवजात को छोड़ा जाता है लेकिन कोई बड़ी मजबूरी ही होगी कि बेटा होने के बावजूद संभवतया पैदाइश को छिपाने के लिए मां ने उसको घर के पालने की बजाए सरकारी पालने में छोड़ दिया। |
सरकार को ठेंगा दिखा रहे गुरुजी...खुद विभाग में टोटा और यहां उधारी का खेल Wednesday 28 February 2024 07:15 AM UTC+00 ![]() राज्य सरकार की शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति खत्म करने के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। जिला शिक्षा अधिकारियों के डेपुटेशन रद्द करने के शपथ देने के बाद भी अल्पसंख्यक विभाग में बरसों से लगे शिक्षक व्यवस्था को ठेंगा दिखा रहे हैं। इनमें से कई शिक्षक तो सात-आठ साल से अपने पदों पर जमे हैं। इसके चलते स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था तो प्रभावित हो रही है। उपनिदेशक से लेकर जिला स्तर पर प्रतिनियुक्ति मनमर्जी से किया सेवा नियमों में संशोधन वर्तमान में 24 पदों पर प्रतिनियुक्ति का खेल |
Khatu Mela 2024 : फाल्गुनी खाटू लक्खी मेला 11 मार्च से, इन पर लगी रोक, ऐसे समझें नई व्यवस्थाओं को Wednesday 28 February 2024 10:00 AM UTC+00 ![]() Khatu Shyam Falgun Mela 2024 : खाटूश्यामजी। खाटूधाम में 11 मार्च से भरने वाले 11 दिवसीय फाल्गुनी लक्खी मेले की तैयारियों को लेकर अब प्रशासन मैराथन तैयारी शुरू कर दी है। जिला कलक्टर कमर उल जमान चौधरी ने मंगलवार को कस्बे के मेला मजिस्ट्रेट कार्यालय में संबंधित अधिकारियों, पुलिस व मंदिर कमेटी के सदस्यों के साथ बैठक की। कलक्टर ने कहा कि लाखों श्रद्धालुओं की यात्रा कैसे सुगम की जा सकें और कैसे चीजें व्यवस्थित हो। यह सब पहले से ही स्पष्ट हो कि कहां क्या अनुमति है और कहां क्या नहीं है। कलक्टर ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र को आठ सेक्टर में बांटा गया है। 10 मार्च की शाम से रींगस-खाटू मार्ग को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है। मेले में लगने वाले भंडारों की अनुमति मेला मजिस्ट्रेट जारी करेंगे। अवैध भंडारों व मार्गों पर अवैध अतिक्रमण को रोकने के लिए तहसीलदार के नेतृत्व में एक टीम निगरानी रखेगी। मेले के दौरान डीजे पर पूर्णतया पाबंदी रहेगी। पालिका को सफाई पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा। रींगस से खाटू रोड पर पदयात्रा मार्ग से अतिक्रमण को हटाने व सफाई व्यवस्था के लिए कलक्टर ने पालिका, पीडब्ल्यूडी व रेवेन्यु विभाग को निर्देशित किया। उन्होंने सभी अधिकारियों, पुलिस व मंदिर कमेटी आदि को दर्शन मार्ग, चिकित्सा, सड़क, पानी, सुलभ, अग्निशमन आदि व्यवस्थाओं को समय पर दुरुस्त करने के निर्देश दिए। बैठक में मौजूद खाटूधाम व्यापार मंडल के मंत्री सोनू जोशी ने कहा कि मेले में श्याम कुंड को बंद करने से वहां के 300 व्यापारी प्रभावित होते हैं। कलक्टर ने कहा कि मेले में अव्यवस्था ना हो इसके लिए श्याम कुंड को बंद करना जरूरी है। इसमें व्यापारियों का सहयोग जरूरी है। नई राहें: सुगम हो दर्शन व्यवस्था पहल: जगह-जगह लगेंगे साइन बोर्ड खाद्य पदार्थों की जांच चलेंगी सिर्फ 150 बसें, एनओसी देने से इनकार नवाचार: नया नक्शा बनेगा राहत: मेले में 10 मेडिकल कैंप लगेंगे खाटू को आने वाली सड़कें रहे दुरुस्त मंढा गांव में नाली को ढकने के निर्देश कुछ नए रूट तय किए ऐसे समझें लक्खी मेले की नई व्यवस्थाओं को... हादसे रोकने की पहल |
खुशखबर ! रींगस स्टेशन पर रुकेगी हिसार-मुंबई दुरंतो एक्सप्रेस ट्रेन, खाटूश्याम भक्तों को होगा फायदा Wednesday 28 February 2024 02:19 PM UTC+00 ![]() Hisar Mumbai Central Duronto Express To Stop At Ringas : खाटूश्याम जाने वाले भक्तों के लिए अच्छी खबर है। उत्तर पश्चिम रेलवे (एनडब्ल्यूआर) ने हिसार से मुंबई सेंट्रेल के बीच हफ्ते में दो दिन चलने वाली दुरंतो एक्सप्रेस ट्रेन का रींगस स्टेशन पर ठहराव दिया है। एनडब्ल्यूआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण ने बताया कि 29 फरवरी को गाड़ी संख्या 12240 हिसार-मुंबई सेंट्रल दुरंतो एक्सप्रेस रींगस स्टेशन पर दोपहर 3.20 मिनट पर पहुंचेगी। यहां 3 मिनट रुकने के बाद 3.23 मिनट पर प्रस्थान करेगी। इसी प्रकार गाड़ी संख्या 12239 मुंबई सेंट्रल-हिसार दुरंतो एक्सप्रेस 4 मार्च से रींगस स्टेशन पर दोपहर 2.35 पर पहुंचेगी और 3 मिनट रुकने के बाद 2.38 बजे प्रस्थान करेगी। यह ठहराव आगामी आदेशों तक दिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि खाटू मेला 11 मार्च से शुरू होने वाला है। मेले में लाखों भक्त शामिल होते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने दुरंतो एक्सप्रेस का ठहराव रींगस स्टेशन पर देने का फैसला लिया है। रींगस से खाटूश्याम मंदिर की दूरी महज 17 किलोमीटर है। ट्रेन के ठहराव से मुंबई और हिसार से आने वाले भक्तों को आर्थिक रूप से काफी फायदा होगा क्योंकि उन्हें यहां तक पहुंचने के लिए न तो ट्रेन बदलनी पड़ेगी और न ही कोई अन्य साधनों का इंतजाम करना पड़ेगा। साथ ही, समय की भी बचत होगी। ढहर के बालाजी स्टेशन पर रुकेगी श्रीगंगानगर-बांद्रा टर्मिनस अरावली एक्सप्रेस इसी प्रकार, गाड़ी संख्या 14701 श्रीगंगानगर-बांद्रा टर्मिनस अरावली एक्सप्रेस 1 मार्च से ढहर का बालाजी स्टेशन पर सुबह 8.38 बजे आगमन होगा और दो मिनट के ठहराव के बाद ट्रेन सुबह 8.40 बजे प्रस्तान करेगी। इससे, ढहर के बालाजी स्टेशन के पास रहने वाले यात्रियों को काफी फायदा होगा क्योंकि उन्हें अब ट्रेन पकडऩे के लिए जयपुर जंक्शन नहीं जाना पड़ेगा। |
स्टूडेंट ने बनाया ऐसा डिवाइस, परीक्षा में अब नहीं हो सकेगी चीटिंग Wednesday 28 February 2024 03:08 PM UTC+00 ![]() नीमकाथाना जिले के पचलंगी निवासी और बीटेक सैकंड ईयर के छात्र इंजोय कुमावत ने वाई-फाई जैमर बनाने में सफलता हासिल की है। इसे परीक्षा केंद्र पर लगाकर वायरलेस नेटवर्क को बाधित कर नकल पर लगाम लगाई जा सकती है। इंजोय चिड़ावा की यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहा है। उसने बताया कि परीक्षाओं में नकल के बढ़ते मामलों को देखकर उसने वायरलेस नेटवर्क जैमर बनाने का निर्णय किया और सहपाठी बिहार के अविनाश सिंह, रोहन मिश्रा, कौशल चौधरी के साथ मिलकर जैमर बनाने में सफलता हासिल की। इस जैमर से मोबाइल नेटवर्क जाम नहीं होता, केवल वाई-फाई नेटवर्क को ही जाम किया जा सकता है। मोबाइल नेटवर्क जैमर के लिए अलग से डिवाइस लगानी पड़ती है। एग्जाम सेंटरों पर नकल रोकने के लिए यह जैमर फायदेमंद साबित हो सकता है। यूं काम करता है वाई-फाई जैमर |
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