>>: Digest for March 01, 2024

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हनुमानगढ़ जिले की भादरा तहसील क्षेत्र के गांव भाडी में कक्षा बारह की विदाई पार्टी में छात्र-छात्राओं को कोल्ड ड्रिंक में शराब पिलाने के मामले की जांच को लेकर शिक्षा विभाग की टीम बुधवार को विद्यालय पहुंची। शिक्षा विभाग ने प्रारंभिक जांच के बाद राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भाडी के शिक्षक भानीराम, देवीलाल, शिक्षिका सीमा को एपीओ करते हुए ब्लॉक शिक्षा कार्यालय में उपस्थिति देने के आदेश जारी किए हैं।

जांच दल में अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी जैनेन्द्र खन्ना, अजीतपुरा के प्रधानाचार्य च्यानणमल भार्गव, शिक्षिका प्रमीला स्वामी डोभी, सुरेन्द्र बेनीवाल रासलाना, प्रवीण कुमार मुन्दडिय़ाबड़ा सम्मलित रहे। विद्यालय में जांच टीम के पहुंचने पर ग्रामीण भी भारी संख्या में विद्यालय में पहुंच गए। शान्ति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौके पर पुलिस टीम भी पहुंची। जांच दल ने ग्रामीणों की सुनवाई करते हुए निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया।

एपीओ की कार्यवाही के बाद ग्रामीण संतुष्ट नजर आए। विद्यालय की तालाबंदी करने का निर्णय निरस्त कर दिया। ज्ञातव्य रहे कि गांव भाडी के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में 26 फरवरी 2024 को कक्षा 12वीं के छात्र-छात्राओं की आयोजित विदाई पार्टी में कोल्ड ड्रिंक में शराब मिलाकर पिलाने की घटना सामने आई।

इसको लेकर ग्रामीण मंगलवार को भारी संख्या में विद्यालय पहुंचे व अधिकारियों को सूचित करते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी रामानुज भारद्वाज ने बुधवार सुबह घटना की जांच करने के लिए ग्रामीणों को आश्वस्त करते हुए जांच टीम का गठन किया था। इसके बाद बुधवार को तीन शिक्षकों को एपीओ करने करने की कार्रवाई की गई। इसके बाद ग्रामीणों ने एक बारगी तालाबंदी का निर्णय टाल दिया है।

कलक्टर और विधायक ने किया गांव मुंसरी का दौरा, पशुपालकों से की बातचीत
-पशुपालन विभाग की टीम को 24 घंटे कार्य करने के दिए निर्देश
- विभागीय टीम ने मृत पशुओं का पोस्टमार्टम किया तथा बीमार पशुओं के नमूने लिए
हनुमानगढ़. भादरा तहसील में पशुओं की लगातार हो रही मौत के बाद जिला कलक्टर कानाराम और विधायक संजीव बेनीवाल ने बुधवार को प्रभावित गांवों का दौरा किया। इस दौरान पशुओं के मुंहपका- खुरपका रोग से ग्रसित गांव मुंसरी में जाकर पशुपालकों से बात की। जिला कलक्टर ने इस मौके पर पशुपालकों से बातचीत की तथा पशुपालकों की समस्याओं से रूबरू हुए। जिला कलक्टर ने पशुपालन विभाग की टीम से मौके का फीडबैक लिया। क्षेत्र में उपचार और टीकाकरण कर रही टीम को 24 घंटे कार्य करने, अधिक सावधानी बरतने, बीमारी को फैलने से रोकने के लिए मृत पशुओं के निस्तारण इत्यादि के लिए निर्देश दिए। पशुपालन विभाग की तरफ से संयुक्त निदेशक डॉ. हरीश गुप्ता मौजूद रहे। इससे पहले अपेक्स सेंटर राजूवास की टीम ने गांव में घर-घर जाकर पशुओं की जांच की। मृत पशुओं का पोस्टमार्टम किया तथा बीमार पशुओं से बीमारी के नमूने लिए। डॉ. गुप्ता ने बताया कि फील्ड में दो पशु चिकित्सक और 10 पशुधन सहायक उपचार व टीकाकरण के कार्य के लिए लगाए गए हैं। सभी अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहे हैं। कुछ दिन पहले रोग निदान इकाई हनुमानगढ़ की टीम ने दौरा किया था। मृत पशुओं के पोस्टमार्टम से रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें मुंहपका- खुरपका रोग की पुष्टि हुई। साथ में बैक्टेरियल इनफेक्शन होने की संभावना मिली थी। जिससे पशुओं की मौत हो रही थी। विधायक ने गांव वासियों को पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन दिया। ग्राम वासियों को पशुपालन विभाग की टीम का सहयोग करने का आग्रह किया।

पत्रिका ने समझा दर्द
26 फरवरी 2024 को राजस्थान पत्रिका ने 'पशुओं की हो रही मौत से पशुपालको में बेचैनी' शीर्षक से समाचार का प्रकाशन किया। इसके बाद सरकारी तंत्र ने और सतर्कता बढ़ाकर पशुओं में बढ़ रहे संक्रमण को रोकने का प्रयास तेज किया है। इसके तहत पशुओं की सेहत जांची जा रही है। वैक्सीन की पर्याप्त आपूर्ति भी पशुपालन विभाग को करवा दी गई है। पशुपालकों के दर्द को समझकर पत्रिका लगातार संक्रमण से जुड़े समाचारों का प्रकाशन कर रहा है।

Hanumangarh News : आगामी अप्रैल में फिर से नरमा-कपास की बिजाई शुरू होगी। इस नकदी फसल को गुलाबी सुंडी से बचाने को लेकर विभागीय टीम अभी से किसानों को जागरूक करने में जुट गई है। ताकि बिजाई के वक्त ही आवश्यक सावधानियां बरतकर फसल को सुरक्षित बनाया जा सके। आगामी खरीफ सीजन में करीब दो लाख हेक्टैयर में इसकी बिजाई का अनुमान है। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार कपास भारत की प्रमुख रेशे वाली फसल है। विश्व में भारत का कपास उत्पादन क्षेत्र में प्रथम स्थान है। देश में करीब 133.41 लाख हेक्टैयर तथा राजस्थान में 6.72 लाख हेक्टैयर में कपास की खेती की जाती है।

 

राजस्थान में कपास खेती में हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर जिले का प्रमुख स्थान है। करीब एक दशक से अच्छा उत्पादन लेने के बाद बीटी नमरें में अब गुलाबी सुंडी का प्रकोप नजर आने लगा है। इससे किसान परेशान हो रहे हैं। गत बरस तो हनुमानगढ़ जिले में करीब 70 प्रतिशत तक सुंडी से फसल नुकसान की पुष्टि हो चुकी है। ऐसे में कृषि विभाग की टीम गांवों में जाकर अब किसानों को बिजाई के समय ही सभी तरह की सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। जिससे सुंडी के प्रकोप को कम किया जा सके।

पौधे से पौधे की दूरी का रखें ध्यान
बिजाई के समय ही किसान यदि अपने खेतों के आसपास नरमे की बनसटियों को हटा दें तो काफी हद तक सुंडी के फैलाव को रोका जा सकता है। खेतों के आसपास पड़ी बनसटियों को मिट्टी में दबाने की सलाह किसानों को दी गई है। इसके अलावा खेतों के आसपास पड़ी नरमे की लकड़ी को वर्ष में दो-तीन बार झाड़ने की सलाह भी दी। ताकि अधिक मात्रा में सुंडी नहीं पनप सके। बीटी कपास में गुलाबी सुंडी नियंत्रण के लिए कतार से कतार एवं पौधे से पौधे की दूरी का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी होता है।

 

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मिट्टी व पानी को जांचें
कपास की बिजाई से पहले किसानों को चाहिए कि वह अपने खेत की मिट्टी व पानी की जांच करवाएं। कपास के अनुकूल रिपोर्ट आने के बाद ही बिजाई करें। कृषि विभाग के सहायक निदेशक बीआर बाकोलिया के अनुसार विभाग की सलाह मानकर खेती करने पर निश्चित ही नुकसान के स्तर को कम किया जा सकता है।

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