>>Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment! |
एक स्थायी बस स्टैंड के इंतजार में पथरा गई आंखें, चार अलग-अलग जगहों से हो रहा बसों का संचालन Saturday 16 March 2024 03:44 AM UTC+00 ![]() सरहदी जिले का प्रवेश द्वार माने जाने वाले परमाणु नगरी पोकरण में वर्षों से स्थायी बस स्टैंड का इंतजार बना हुआ है। यहां आए दिन यातायात व्यवस्था लडख़ड़ा रही है, साथ ही यात्रियों को भी परेशानी हो रही है। पोकरण राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 11 व 125 से जुड़ा हुआ है। जैसलमेर जाने वाले पर्यटक भी यहीं से गुजरते है। ऐसे में यहां दिन-रात राहगीरों व वाहन चालकों का आवागमन लगा रहता है। पोकरण से जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, बाड़मेर, जयपुर, अजमेर, दिल्ली, आगरा, अहमदाबाद, सूरत, मुंबई, पुणे सहित देश व प्रदेश के कई बड़े शहरों के लिए बसों का संचालन होता है। इसके अलावा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी बसें संचालित होती है। कस्बे से प्रतिदिन 80 से अधिक बसों का संचालन होता है। इनमें सैकड़ों यात्री सफर करते है। कस्बे में हर रूट के लिए अलग-अलग बस स्टैंड स्थित है। रोडवेज बसें केन्द्रीय बस स्टैंड, इंडेन गैस एजेंसी व खटीकों की धर्मशाला के आगे से संचालित होती है। निजी बसें केन्द्रीय बस स्टैंड, जैसलमेर रोड पर खटीकों की धर्मशाला के आगे, धर्मशाला व मदरसे के बीच एक होटल के आगे, गैस एजेंसी के आगे व रावणा राजपूत समाज के बाड़े में स्थित अस्थायी बस स्टैंड से निकलती है। इसके अलावा कुछ लंबी दूरी की बसें अपने-अपने ट्रैवल्स एजेंसी के कार्यालय के आगे और होटलों के आगे खड़ी की जाती है। अलग-अलग जगहों पर अस्थायी स्टैंड बनाकर बसों को खड़ा करने और सभी अस्थायी बस स्टैंड सड़क पर ही होने के कारण आए दिन यातायात व्यवस्था बिगड़ जाती है। कस्बे में अलग-अलग जगहों के अस्थायी बस स्टैंड से बसों का संचालन होता है। इस दौरान बसों के आसपास थ्री-व्हीलर टैक्सियों व हाथ ठेलों की भीड़ लग जाती है। जैसलमेर रोड पर स्थित अस्थायी बस स्टैंड पर दोपहर के समय एक साथ तीन से चार बसें खड़ी होती है। इस दौरान हालात और भी बद्तर हो जाते है। अन्य वाहन निकलने के लिए केवल पांच से सात फीट की जगह रहती है। जिसके कारण राहगीरों व वाहन चालकों को आवागमन में परेशानी से रु-ब-रु होना पड़ता है। कस्बे में बाइपास मार्ग बना हुआ है, लेकिन उसका उपयोग नहीं हो रहा है। बसों के साथ ही अन्य भारी वाहन भी कस्बे से होकर गुजरते है। ऐसे में आमजन को बिगड़ी यातायात व्यवस्था से परेशान होना पड़ता है। साथ ही कस्बे में केन्द्रीय बस स्टैंड बना हुआ है, लेकिन यहां पर्याप्त सुविधाएं नहीं है। यदि नगरपालिका की ओर से बस स्टैंड में पर्याप्त सुविधाओं का विस्तार कर सभी बसों का यहीं से संचालित किया जाता है तो यातायात व्यवस्था में सुधार होगा। कस्बे में अलग-अलग जगहों से बसों के संचालन के कारण आए दिन बिगड़ रही यातायात व्यवस्था को संभालने के लिए यातायात पुलिस को मशक्कत करनी पड़ती है। कस्बे से निकलने वाली निजी के साथ रोडवेज बसें अस्थायी बस स्टैंड पर सड़कों पर ही खड़ी रहती है। जिसके कारण प्रतिदिन लगने वाले जाम को संभालने के लिए पुलिस को पसीना बहाना पड़ता है। जबकि सभी बसों को एक जगह से संचालित करने अथवा केन्द्रीय बस स्टैंड में सुविधाएं विकसित करने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। - 2 राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ा है पोकरण- 80 से अधिक बसों का होता है प्रतिदिन संचालन - 4 अलग-अलग बस स्टैंड से संचालित होती है बसें |
You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at rajasthanss63@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription. |