>>: नौगांवा में रही डोलची मार होली की धूम...देखने उमड़े कई गांवों के लोग...पढ़ें खबर

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राजस्थान के सिंहद्वार जिला अलवर के मेवात अंचल का कस्बा नौगांवा जहां अपने परम्परागत त्योहारों के लिए दूर-दूर तक मशहूर है, वहीं ब्रज की लट्ठमार होली की तर्ज पर यहां डोलची मार होली का तो क्या कहना। सोमवार को डोलची मार होली खेली गई। इस होली को देखने के लिए आस-पास के गांवोंं के लोग जमा हुए। कस्बे में यह होली का कार्यक्रम दो दिन तक मनाया गया।
पहले दिन रविवार को दोनों पक्षों के लोग ढोलों पर गीत ख्याल गाते हुए होलिका दहन स्थल पर पहुंचे। यहां गांव के खेड़ापति की ओर से विधि-विधान पूर्वक होलिका दहन की रस्म निभाई गई। यहां से चलकर सभी लोग चौपड़ा बाजार पहुंचे, जहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। कस्बे एवं दूर दराज से आए कलाकारों ने पूरी रात सुर ताल एवं लय के साथ अपना जौहर दिखाया। धुलंडी पर मंगलवार सुबह दस बजे तक रंग गुलाल की होली खेली गई। दस बजे ढोल नगाडों और डीजे की धुनों के साथ नाचते गाते लोगों ने डोलची मार होली खेली। डोलची मार होली के बाद लोग नहा धोकर एवं खाना खाकर बाजार आए। आस-पास के दर्जनों गांवों से आए लोगों के मनोरंजन के लिए लोग भांति-भांति के स्वांग भरते रहे, जिसका ग्रामीण भरपूर लुत्फ उठाया और बाजार में जमकर खरीदारी की।


ऐसे खेली जाती है डोलची मार होली
धुलंडी पर सुबह दस बजे तक रंग गुलाल की होली खेली जाती है। दस बजे ढोल नगाडों और डीजे की धुनों के साथ नाचते गाते लोग सीताराम मंदिर चौक के लिए रवाना होते है। रास्ते में लोग इन पर रंग गुलाल डालते रहते हंै और कस्बे के लोग सीताराम मंदिर पहुंचते हैं। मंदिर के चौक में दो तरफ पर्याप्त मात्रा में पानी भरा जाता है। इस पानी में डोलची मार होली खेली जाती है। डोलची में पानी भरकर दूसरे पक्ष के लोगों पर तेजी से मारा जाता है। डोलची में भरे पानी की मार लट्ठ की मार के समान होती है।

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