>>: Digest for March 17, 2024

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Table of Contents

पाली\रोहट. रोहट क्षेत्र के मोरिया से सोनाईलाखा के बीच मात्र चार सौ मीटर डामर सड़क का अधूरा कार्य आज तक शुरू नहीं हो पाया है। जबकि, इस अधूरे कार्य को पूरा कराने के लिए खुद जिला कलक्टर व संभागीय आयुक्त तक निर्देश दे चुके हैं। सड़क का कार्य पूरा नहीं होने से ग्रामीणों व वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। \B दरअसल, रोहट क्षेत्र के मोरिया से सोनाईलाखा के बीच प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के अन्तर्गत छह किलोमीटर सड़क चौडाईकरण व सृदढीकरण का कार्य 27 मई 2022 को शुरू किया गया था और 26 नवम्बर 2022 को कार्य पूरा भी हो गया। लेकिन, छह किलोमीटर डामर सड़क कार्य के दौरान बीच रास्ते में करीब चार सौ मीटर सड़क पर विवाद के चलते उपखंड मजिस्ट्रेट ने स्टे दे दिया गया था।हालांकि, कुछ समय बाद उपखंड मजिस्ट्रेट ने उस स्टे काे खारिज भी कर दिया और सार्वजनिक निर्माण विभाग को अधूरे पड़े चार सौ मीटर कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए थे। लेकिन, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी इसे गंभीरता से नही ले रहे है।

प्रशासन को बताई पीड़ा, फिर भी राहत नहीं

पूर्व में 1 फरवरी को जिला कलक्टर एलएन मंत्री ने रोहट ग्राम पंचायत में जनसुनवाई की थी, जिसमें ग्रामीणों ने जिला कलक्टर के समक्ष पीड़ा रखी तो जिला कलक्टर मंत्री ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता सुशील गोयल को तुरन्त प्रभाव से कार्य करने के निर्देश दिए थे। लेकिन, हालात जस के तस है। उसके बाद तत्कालीन संभागीय आयुक्त वन्दना सिंघवी रोहट पहुंची तो भी ग्रामीणों ने अधूरे पड़े कार्य के बारे में अवगत करवाया था। इस पर सिंघवी ने तत्कालीन उपखंड अधिकारी से जानकारी ली और पीडब्लूडी के सहायक अभियंता सुशील गोयल को तीन दिन में कार्य पूरा करने के निर्देश दिए थे। लेकिन, सड़क अब तक नहीं बन पाई है।

नया अधिकारी करवाएगा कार्य

मोरिया से सोनाईलाखा के बीच में चार सौ मीटर कार्य अधूरा पडा है। मैं तो अब बहुत जल्दी सेवानिवृ़त्त होने वाला हूं। मेरे बाद में जो अधिकारी आएगा, वो ही ये कार्य पूरा करवाएगा। - सुशील गोयल, सहायक अभियंता, पीडब्लूडी रोहट

किसी भी सामान की खरीद व बिक्री करने पर बिल लेना व बिल देना ग्राहक व दुकानदार का कर्तव्य है, लेकिन उसका पालन पूरे जिले में कुछ प्रतिष्ठानों व दुकानों के अलावा कहीं नहीं हो रहा है। यदि कोई ग्राहक बिल मांग लेता है तो दुकानदार उसे जीएसटी राशि अतिरिक्त जुड़ने का कहते हैं। ग्राहक सोचता है क्याें दस-बीस रुपए अधिक दें। अपना तत्कालीक फायदा हो रहा है और वह बिल नहीं लेता है। जिससे दुकानदार की जीएसटी बच जाती है और सरकार को भी राजस्व का नुकसान होता है। ग्राहक को यह नुकसान है कि यदि सामान खराब निकला तो वह दुकानदार पर कोई आक्षेप नहीं लगा सकता। अदालत का दरवाजा भी नहीं खटखटा सकता।

पैसे दिए और हो गए रवाना

सूरजपोल िस्थत एक पेट्रोल पम्प पर सुबह 11:07 बजे पेट्रोल भरवाने के लिए वाहनों की कतार लगी थी। पम्प पर पेट्रोल भरने के बाद नकद या ऑनलाइन राशि तो ली गई, लेकिन अधिकांश ग्राहकों ने बिल नहीं मांगा और पेट्रोल पम्प कार्मिकों ने दिया भी नहीं। किसी ने बिल मांगा तो उसे पीछे जाकर लेने टेबल पर बैठे कार्मिकों से लेने का कह दिया।

market: इस तरह से बाजार में की जाती है कर की चोरी...

पर्ची देखकर दवा दी, बिल नहीं

बांगड़ चिकित्सालय के सामने मेडिकल की दुकान पर दो महिलाएं व एक पुरुष दवा लेने पहुंचे। उन्होंने पर्ची दी, दुकानदार ने दवा निकाली। कैलकुलेटर पर राशि जोड़कर बताई। उन्होंने रुपए दिए, दवा ली और वहां से रवाना हो गए। ऐसा अन्य मेडिकल की दुकान पर हुआ। दुकानदार ने बिल बनाने का नहीं कहा और ग्राहक ने मांगा नहीं।

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कागज की पर्ची पर जुड़ता हिसाब


सर्राफा बाजार व फतेहपुरिया बाजार में किराणे की दुकानों पर ग्राहक खड़े थे। एक दुकान पर विक्रेता ने ग्राहक के कहे अनुसार सामान निकाला। तख्ते पर लगी एक पर्ची पर सामान लिखा, उसके आगे राशि लिखकर जोड़ी और ग्राहक को बताई। रुपए लिए और पर्ची ग्राहक को पकड़ा दी। एक ग्राहक के बिल मांगने पर जीएसटी जुड़ने का कहकर बिल नहीं बनाया।

टॉपिक एक्सपर्ट
दिनेश मोहन शर्मा, अधिवक्ता

सवाल: दुकानदार की ओर से बिल देना व ग्राहक का बिल लेना कितना आवश्यक है?
जवाब: दुकानदार की ओर से बिल देना कानून जरूरी है। क्रेता व विक्रेता का कर्तव्य है कि वे बिल प्राप्त करें व दे। बिल नहीं देना जीएसटी की सीधी चोरी है। सामान के गुणवत्ता की भी गारंटी बिल ही होता है।

सवाल: दुकानदार बिल क्यों देने में आनाकानी क्यों करते हैं या बचते हैं?
जवाब: अधिकांश दुकानदार जीएसटी बचाने के लिए बिल देने से बचते हैं या आनाकानी करते हैं। यदि उपभोक्ता के 108 रुपए का बिल बना तो दुकानदार जीएसटी नहीं लेने का कहकर 105 या 100 रुपए ले लेता है। इसी लालच में उपभोक्ता फंस जाता है।

सवाल: उपभोक्ता कहां शिकायत कर सकता है?

जवाब: उपभोक्ता जिला रसद विभाग, जिला बिक्री कर अधिकारी, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में शिकायत कर सकता है। बिल नहीं होने पर सामान की कोई गारंटी नहीं है। खराबा सामान के लिए उपभोक्ता दुकानदार को दोषी नहीं ठहरा सकता। बिल हर छोटे से छोटे दुकानदार को देना अनिवार्य है।

पाली के सदर थाना क्षेत्र के जोधपुर रोड स्थित ओवरब्रिज के निकट शनिवार सुबह चाय बेचने वाले व्यक्ति ने जोधपुर-इंदौर एक्सप्रेस ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी। ट्रेन के आगे आने से उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े हो गए। शव के टुकड़ों को शामिल कर बांगड़ अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। इसके बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम की कार्रवाई के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।

जानकारी के अनुसार शहर के मिशन स्कूल के निकट स्थित वैष्णव कॉलोनी निवासी मदन वैष्णव 50 साल पुत्र केवलदास वैष्णव जो शहर के अंबेड़कर सर्किल से नहर पुलिया की तरफ जाने वाले मार्ग पर चाय की केबिन चलाता था।। शनिवार सुबह जोधपुर रोड स्थित ओवरब्रिज के निकट पटरियों पर आ रही जोधपुर-इंदौर एक्सप्रेस ट्रेन के सामने आकर खड़ा हो गया। जिसके बाद उसके शरीर के कई टुकडे हो गए।

सूचना के बाद पहुंची पुलिस को मौके पर मृतक की बाइक और बैंक डायरी भी मिली। घटना की जानकारी मिलने पर मृतक के परिजन भी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद पुलिस ने शव के टूकड़ों को शामिल कर बांगड़ अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। जहां पुलिस ने पोस्टमार्टम की कार्रवाई कर शव परिजनों को सौंप दिया। इधर, घटना के कारण ट्रेन करीब एक घंटा देरी से पाली के रेलवे स्टेशन पर पहुंची।

Watch Video : यहां जोधपुर-इंदौर एक्सप्रेस के आगे कूदा चाय बेचने वाला, मौत

आत्महत्या के कारणों का नहीं हुआ खुलासा
मृतक मदन वैष्णव की ओर से ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या करने के कारणों का फिलहाल खुलासा नहीं हो पाया है। इसको लेकर सदर थाना पुलिस जांच में जुटी हुई है।

मैं पाली शहर का पुराना बाजार हूं। संकरी गलियां और उनमें अलग-अलग नाम के स्थल। सर्राफा बाजार, फतेहपुरिया बाजार, बाइसी बाजार, घी का झण्डा, धौला चौतरा, धानमंडी सभी है। छोटी दुकान बड़ी बन गई है, लेकिन मेरा दम घुट रहा है, अव्यवस्था से। सबसे बड़ी अव्यवस्था है पार्किंग नहीं होना। संकरी गलियों में बेतरतीब हर दुकान के आगे वाहन खड़े कर दिए जाते है। परिणाम यह निकलता है कि कई बार पैदल चलने वाले तक कदम नहीं बढ़ा पाते है। उनको वहां खड़े वाहनों के आगे-पीछे खड़े होकर वाहनों के गुजरने का इंतजार करना पड़ता है। जाम कितनी बार लगता है, यह तो मैने गिनना ही छोड़ दिया है।

सूरजपोल से सोमनाथ
सूरजपोल से सोमनाथ मार्ग पर प्रवेश करने के बाद एक इंच जगह ऐसी नहीं है, जहां वाहन खड़ा नहीं हो। उसमें यदि सामने से ऑटो भी आ गया तो जाम लग जाता है। धौला चौतरा पर चौक में वाहन रखने की थोड़ी जगह है, लेकिन वाहन चालक उसका उपयोग करने के बजाय दुकानों व प्रतिष्ठानों के आगे ही वाहन खड़ा करते हैं।

सोमनाथ से धानमंडी
सोमनाथ के पीछे की तरफ मार्ग अधिक संकरा हो जाता है। यहां दो ऑटो आमने-सामने आते ही जाम लग जाता है। दुकानों के आगे रखे वाहन कितना ही जाम क्यों नहीं हो हटाए नहीं जाते हैं। उनको आड़ा-तिरछा कर वाहनों को निकलने का इशारा कर दिया जाता है। इस मार्ग से धानमंडी के महाराणा प्रताप की जन्म स्थली जाना तक जाना जंग जीतने जैसा लगता है।

धानमंडी चौक
धानमंडी चौक में मार्ग तो संकरा है, लेकिन चौक काफी चौड़ा है, लेकिन वह पार्किंग स्थल के रूप में ही उपयोग हो रहा है। दुकानदार व आस-पास के लोग वाहन खड़ा कर देते है। जो सुबह से शाम तक पड़े रहते है। खरीदारी करने वालों के वाहन तो सड़क की ही शोभा बढ़ाते है। मार्ग अवरुद्ध करते हैं। जबकि जूनी कचहरी में बड़ी जगह है, जिसे पहले पार्किंग स्थल बनाने का प्रस्ताव भी आया है।

बाइसी बाजार से सर्राफा बाजार
धानमंडी से आनन्द भैरू होकर निकलने वाली गली से एक बाइक मुश्किल से निकलती है, लेकिन वहां भी वाहनों का ही जमावड़ा रहता है। ऐसा ही हाल घी का झण्डा का है। बाइसी बाजार में गली फिर संकरी होती है, लेकिन वाहन सड़क पर खड़े रहते है। कई बार तो सड़क के बीच तक वाहन खड़े कर दिए जाते है, लेकिन दुकानदार या पुलिसकर्मी किसी को ऐसा करने से नहीं रोकते।

बीमार को ले जाना मुश्किल
शहरवासी हरीश कुमार घांची बताते है कि बाजार में कई लोग निवास करते है। कई मोहल्लों में आने-जाने मार्ग भी बाजार ही है। बीमार व्यक्ति को बेतरतीब पार्किंग के कारण नहीं ले जा पाते है। कुछ समय पहले एक व्यक्ति को हार्ट अटैक आने पर अस्पताल ले जाते समय जाम के कारण रास्ते में ही उसका दम टूट गया था। तेजाराम का कहना है कि पार्किंग नहीं होने के कारण बाजार आने का मन नहीं करता है।

पाली के सदर थाना क्षेत्र के मंडली बाइपास पर मजदूरी कर घर लौट रहे युवक पर बजरी के ट्रैक्टर को धीरे चलाने की बात को लेकर तीन युवकों ने जानलेवा हमला कर दिया। जिससे युवक गंभीर घायल हो गया। उसे बांगड़ अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में भर्ती करवाया है।

जानकारी के अनुसार केशव नगर निवासी ओमप्रकाश पुत्र शंकरलाल बंजारा (23) के बड़े भाई जगदीश ने बताया कि चार दिन पहले बजरी माफिया का ट्रैक्टर मोहल्ले से तेज रफ्तार से गुजरा था। तब ओमप्रकाश ने ट्रैक्टर चालक को मोहल्ले में ट्रैक्टर धीरे चलाने की बात कही थी। ताकि कोई हादसा न हो। इससे नाराज ट्रैक्टर चालक ने रंजिश के चलते शनिवार को मंडली बाइपास के निकट मजदूरी कर लौट रहे ओमप्रकाश पर लोहे के सरिया और धारदार हथियार से हमला कर दिया। हमले में युवक को गंभीर चोटें आई है।

परिजनों ने उसे बांगड़ अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में भर्ती करवाया। घायल के परिजनों का कहना है कि आए दिन बजरी माफिया मोहल्ले में तेज रफ्तार से ट्रैक्टर चलाते हैं। मना करने पर आए दिन मोहल्ले वासियों से झगड़ा करते हैं।

स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की खाद्य सुरक्षा टीम ने त्योहार को देखते हुए अलर्ट मोड पर है। टीम ने शनिवार को बीकानेर से एक बस में पाली पहुंचा 240 किलोग्राम मावा व 90 किलोग्राम रसगुल्ले संदेश के आधार पर जब्त किए। उनके सेम्पल जांच के लिए भेजे है।

सीएमएचओ डॉ. विकास मारवाल ने बताया कि टीम ने बांगड़ अस्पताल के सामने बीकानेर से आई एक निजी बस में पाली पहुंचे मावा और रसगुल्लों को जब्त किया। उनमें मिलावट का संदेह है। मावे व रसगुल्लों के सेम्पल के मौके पर ही मोबाइल फूड सेफ्टी टेस्टिंग वैन से जांच की गई। इसके बाद सेम्पल जोधपुर लैब भिजवाए। इस दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारी आनंद चौधरी, भूराराम गोदारा, एमएफटी वैन के एलटी प्रेमप्रकाश शर्मा, लक्ष्मणदान, डीईओ ओमप्रकाश मौजूद रहे।

लगातार जारी रहेगी कार्रवाई
होली त्योहार पर मिठाइयों की मांग आम दिनों की तुलना में अधिक रहती है। इस कारण मिठाई निर्माता बीकानेर से काफी मात्रा में मावा व रसगुल्ले आदि मंगवाते है। कई बार मिलावटी मावा व मिठाई भी आती है। इससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसी कारण कार्रवाई में तेजी लाई है। डॉ. मारवाल ने बताया कि कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।

खाद्य पदार्थों के लिए पांच सैंपल
खाद्य सुरक्षा टीम ने शहर के सुमेरपुर रोड स्थित एक मॉल का निरीक्षण किया। टीम ने वहां से खाद्य पदार्थों के पांच सैंपल लिए। हल्दी, धनिया, बेसन, मैदा व सूजी के सैंपल जांच के लिए भिजवाए है।

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