>>: Digest for March 18, 2024

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गंदगी देख महिलाओं ने उठाया बीड़ा, हाथ में झाडू ले कर की सफाई
बूंदी. सामान्य चिकित्सालय में गंदगी की समस्या को लेकर शनिवार को निरीक्षण करने पहुंची कुमावत महिला मंडल अस्पताल में गंदगी देख दंग रह गई। अव्यवस्था देख महिलाओं ने खुद हाथों में झाडू उठाया और सफाई करने लग गई। महिलाओं को सफाई करता देख स्टॉफ हरकत में आ गया और सूचना उच्चाधिकारियों को दी।

महिलाओं के उक्त कार्य करने से वार्ड में भर्ती मरीजों के परिजनों ने मंडल की प्रशंसा करते हुए अस्पताल की समस्या से अवगत कराया। कुमावत महिला मंडल की महिलाएं अस्पताल में निरीक्षण करने पहुंची थी। जिन्हें जगह-जगह गंदगी नजर आई। उल्लेखनीय है राजस्थान पत्रिका ने अपने 14 मार्च के अंक में जनाना अस्पताल के हालातों को लेकर खबर प्रकाशित की थी।

इस पर कुमावत महिला मंडल ने जनाना अस्पताल में हो रही गंदगी की सफाई करवाने का बीड़ा उठाया और उसी के तहत महिलाएं अस्पताल में पहुंची और वार्डों में फैली गंदगी व शौचालय को साफ करवाया गया। महिलाओं ने वहां पर आए हुए तीमारदारों को भी समझाया गया कि वह जगह-जगह यहां-वहां वार्ड में गंदगी ना फैलाएं,ताकि बीमारी से बच सके। महिलाओं की सफाई करने की सूचना पर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ.प्रभाकर विजय मौके पर पहुंचे और सफाई कर्मचारियों को निर्देश दिए कि वे मरीज के साथ परिजनों को गंदगी नहीं फैलाने के लिए टोके।

सफाई कर्मचारियों द्वारा सहयोग के लिए कर्मचारियों को प्रोत्साहन के रुप में उपहार दिया गया। इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष डॉ.ज्योति कुमावत, सचिव ज्योति बदनिया, कोषाध्यक्ष दीपा बारवाल, संगठन मंत्री कल्पना कुमावत, मीनू छापोला, संतोष कुमावत व खुशबू रानी आदि उपस्थित रही।

महिला सुपरवाइजरों के सात में से पांच पद रिक्त
नैनवां. महिला व बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय में महिला सुपरवाइजरों के सात में से पांच पद रिक्त पड़े है। कार्यालय में मंत्रालयिक कर्मचारियों के भी पूरे ही पद रिक्त पड़े है, जिसस अधिकारियों को ही लिपिकीय कार्य करना पड़ रहा है।

नैनवां शहर में 15 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है। एक भी आंगनबाड़ी केंद्र के पास अपना भवन नहीं है। नैनवां क्षेत्र में 249 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है, जिनकी मॉनिटरिंग के लिए नैनवां, जजावर, बामनगांव, करवर, तलवास, देई व बांसी सात सेक्टर बने हुए है। साथ सेक्टरों के लिए सात महिला सुपरवाइजर के पद सृजित है।

जबकि दो ही महिला सुपरवाइजर नियुक्त है, जिससे आंगनबाड़ी केंद्रों की प्रोपर मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही। कार्यालय में कनिष्ठ लिपिक व वरिष्ठ लिपिक के पद भी रिक्त पड़े है। कार्यालय में परियोजना अधिकारी व सहायक लेखाधिकारी ही नियुक्त है, जिनको लिपिकों के कार्य के साथ आंगनबाड़ी केंद्रों की भी मॉनिटरिंग करनी पड़ रही है। नैनवां शहर में 15 केंद्र संचालित है। अपना भवन नहीं होने से आधे से ज्यादा 8 केंद्र किराए के भवन में संचालित है तो सात केंद्र विद्यालयों में संचालित हो रहे है।

शहर के भवानी नगर, देइपोल, प्रताप नगर, सुभाष नगर, टोडापोल द्वितीय, टोडापोल तृतीय, विवेकानन्द कॉलोनी व कालबेलिया बस्ती के आंगनबाड़ी केंद्र किराए के भवन में व किसान नगर, शिवपुरी, राजीव कॉलोनी, टोडापोल प्रथम, कोलियों की बस्ती, खानपोल व हरिजन बस्ती के आंगनबाड़ी केंद्र विद्यालयों में संचालित हो रहे है। आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए निशुल्क भूमि मिलने पर ही विभाग द्वारा भवन का निर्माण कराया जाता है।

शहर नगरपालिका क्षेत्र आबादी क्षेत्र होने से नगरपालिका को निशुल्क भूमि उपलब्ध कराने का अधिकार नहीं होने से भवन के लिए भूमि निशुल्क नहीं मिल पा रही है। निदेशालय को अवगत करा रखा नैनवां के महिला व बाल विकास परियोजना अधिकारी मोनीश गुर्जर ने बताया कि रिक्त पदों के लिए निदेशालय को अवगत कराया जा चुका है। किराए के भवन में चल रहे भवनों की स्थिति भी बता रखी है।

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