जोधपुर.
रिश्तेदारों और परिचितों के नाम से 33 क्रेडिट कार्ड जारी कर 1.33 करोड़ रुपए का गबन करने के आरोपी यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया के निलम्बित सहायक प्रबंधक को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने बैंक की दो शाखाओं से 5-5 लाख रुपए के क्रेडिट कार्ड जारी करवाकर लिमिट उपयोग में लेकर शेयर बाजार में निवेश कर दी थी।
साइबर थाना प्रभारी सहायक पुलिस आयुक्त जयराम मुण्डेल ने बताया कि यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया के मुख्य प्रबंधक चेतन प्रकाश कुमावत ने गत वर्ष 30 नवम्बर को सहायक प्रबंधक आकाश वर्मा के खिलाफ 1.33 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी व गबन का मामला दर्ज कराया था। जांच में आरोप प्रमाणित पाए गए थे। गबन उजागर होते ही आरोपी भूमिगत हो गया था। इस बीच, उसके सरस्वती नगर में एक अन्य मकान में रहने का पता लगा। पुलिस ने दबिश देकर आकाश को पकड़ लिया। पूछताछ में गबन स्वीकार करने पर मूलत: उत्तर प्रदेश में ईटावा हाल रामेश्वर नगर सेक्टर सी निवासी आकाश वर्मा (34) पुत्र उमाशंकर सागर को गिरफ्तार किया गया। उसे रविवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने पर पांच दिन के रिमाण्ड पर भेजने के आदेश दिए गए। गबन का मामला पकड़ में आने के बाद ही बैंक ने उसे निलम्बित कर दिया था। कार्रवाई में एएसआइ जमशेद खान, हेड कांस्टेबल कानसिंह, कांस्टेबल महिपाल, रतनाराम, रामदयाल व नितेश शामिल थे।
मोबाइल नम्बर 4, सभी आरोपी के
जांच में सामने आया कि आरोपी सहायक मैनेजर आकाश वर्मा बैंक की बासनी और चांद शाह तकिया शाखाओं में पदस्थापित रहा था। उसके पास चार सिम हैं। तीन सिम उसके खुद के नाम की है और चौथी सिम गुजरात से जारी हो रखी है, लेकिन वह उपयोग लम्बे समय से आरोपी आकाश ही कर रहा है। उसने अपने रिश्तेदारों के साथ ही विभिन्न परिचितों के नाम बैंक खाते खुलवाए। साथ ही इनके नाम से क्रेडिट कार्ड जारी करवा लिए थे। इतना ही नहीं, उसने प्रत्येक क्रेडिट कार्ड की लिमिट 5-5 लाख रुपए या इससे अधिक कर दी थी। सभी क्रेडिट कार्ड की सम्पूर्ण लिमिट काम में ले ली थी। बदले में राशि जमा नहीं करवाई थी। बैंक ने जांच की तो सभी क्रेडिट कार्ड में दस्तावेजों में सहायक प्रबंधक आकाश वर्मा के चारों मोबाइल नम्बर ही निकले थे। यहीं से वह फंस गया था।
बचने के लिए यूपी भागा
आरोपी आकाश वर्मा लम्बे समय से शेयर बाजार में निवेश कर रहा है। खाताधारकों की बगैर सूचना के उसने क्रेडिट कार्ड जारी करवाकर सम्पूर्ण लिमिट को शेयर बाजार में निवेश कर दिया था। पुलिस से बचने के लिए वह अपनी मोबाइल सिमें बंद कर यूपी भाग गया था। पुलिस यूपी भी गई थी, लेकिन वह पकड़ में नहीं आ पाया था।