>>: राजस्थान में यहां पहाड़ की तलहटी मेें आग से मचा हड़कम्प, प्रशासन ने जारी की ये एडवाइजरी

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दौसा जिले के लालसोट क्षेत्र के निर्झरना तहसील मुख्यालय पर सोमवार दोपहर पहाड़ी की तलहटी में लगी आग से हड़कम्प मच गया। करीब आधा किमी क्षेत्र में फैली आग ने आधा दर्जन छप्पर व बाड़ों को जला दिया। इससे ग्रामीणों का हजारों रुपए का नुकसान हो गया। आग में अनाज, चारा, पेड़-पौधे व ईंधन के लिए रखी लकड़ियां जलकर राख हो गई। वहीं एक फायरकर्मी भी आग बुझाने के प्रयास में झुलस गया। आग लगने के कारणों के बारे में पता नहीं चल सका है।

जानकारी के अनुसार सोमवार दोपहर निर्झरना तहसील मुख्यालय के एक बाड़े में लगी आग कुम्हार मोहल्ला व पहाड़ की तलहटी के क्षेत्र तक जा पहुंची। आग ने मोहल्ले में आधा दर्जन छप्परपोश व झोपड़ी को राख कर दिया। आग की सूचना मिलते ही पूरे गांव में हड़कम्प मच गया।

हर कोई ग्रामीण आग पर काबू करने का प्रयास करने लगा, लेकिन पहाड़ी की तलहटी में रखी सूखी लकड़ियां तक आग पहुंचते ही मामला बेकाबू हो गया। सूचना मिलते ही मौके पर लालसोट दमकल की दोनों गाडियां पहुंची और फायरकर्मियों ने ग्रामीणों की मदद से दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग बुझाने के प्रयास में फायरकर्मी रामचरण मीना झुलस गया, जिसका मौके पर ही उपचार किया गया।

लिया नुकसान का जायजा
Dausa News: आग की सूचना मिलने पर ग्राम पंचायत के सरपंच प्रद्युम्न सिंह एवं हल्का पटवारी ने मौके पर पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया। तहसीलदार अमितेश मीना ने बताया कि मौका रिपोर्ट के अनुसार गिरधारी प्रजापत के दो छप्परपोश में रखे चार-पांच बोरी अनाज व चारा, कैलाश प्रजापत के दो छप्परपोश, बाबूलाल प्रजापत के एक छप्पर पोश में दो बोरी गेहूं, चंदू प्रजापत के एक छप्परपोश में पांच बोरी गेहूं, उदयलाल प्रजापत के एक छप्परपोश में तीन बोरी गेहूं एवं बद्रीलाल का एक छप्परपोश जलकर राख हो गया।

प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी
क्षेत्र में लगातार बढ़ रही आग की घटनाओं को देखते हुए तहसीलदार अमितेश मीना ने सावधानियां बरतने की अपील जारी की है। तहसीलदार ने बताया कि रसोईघर अगर छप्पर में हो तो उसकी दीवार पर मिट्टी का लेप लगाया जाए। शॉर्ट सर्किट से बचने के लिए बिजली वायरिंग की समय पर मरम्मत कराएं। गर्मियों के दौरान सुबह का खाना 9 बजे से पूर्व व शाम का खाना 6 बजे बाद ही बनाएं। आग बुझाने के लिए घर में बोरी में भरकर बालू अथवा दो बाल्टी पानी अवश्य रखें। जली हुई माचिस की तिली व अधजली बीड़ी और सिगरेट को इधर-उधर नहीं फेंके एवं खेतों में फसल की कटाई के बाद छोड़े गए डंठल में आग नहीं लगाएं।

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