>>: एक्शन मोड पर राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत, अब अफसरों को दे डाली ये नसीहत

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जयपुर: मुख्य सचिव सुधांश पंत सोमवार को एक बार फिर जेडीए पहुंचे। एक घंटा निरीक्षण के बाद पंत ने अधिकारियों की क्लास ली। बैठक में पंत ने अधिकारियों को काम करने के तौर-तरीकों के बारे में समझाया। करीब 45 मिनट की बैठक में पंत ने प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर, अभियंताओं और प्रवर्तन शाखा के अधिकारियों को जिम्मेदारी से काम करने की नसीहत दी। बैठक में पंत ने यहां तक कहा कि जेडीए में भ्रष्टाचार पनप रहा था, लेकिन पिछले ढाई माह में इसकी छवि बदली है। स्टाफ की कमी को लेकर उन्होंने कहा कि मई-जून तक इसका भी समाधान हो जाएगा।

 

सुबह 9:08 बजे पंत जेडीए की मुख्य इमारत में पहुंचे। इसके बाद अतिरिक्त आयुक्त, नगर नियोजन शाखा, विधि और निदेशक अभियांत्रिकी शाखा में गए। उन्होंने अतिरिक्त मुख्य अभियंता और एक्सईएन हेडक्वार्टर के ऑफिस मेें जाकर फाइलों को देखा। फाइलों की पेंडेंसी देख वे नाराज हुए। निरीक्षण के दौरान वे करीब 40 कमरों में गए।

 

जेडीसी मंजू राजपाल ने कहा कि ई-फाइलिंग का काम काफी हद तक पूरा हो गया है। सी श्रेणी की फाइलों को ऑनलाइन करने का काम चल रहा है।

 

गौरतलब है कि 23 जनवरी को मुख्य सचिव ने जेडीए का औचक निरीक्षण किया था। उस समय ढेर सारी खामियां मिली थीं और लैंड फॉर लैंड की फाइलें पेंडिंग मिली थीं। निरीक्षण के बाद सरकार ने सचिव, अतिरिक्त आयुक्त और एक उपायुक्त को एपीओ कर दिया था।

 

किसके लिए क्या कहा
सभी से: कार्य को मैरिट के आधार पर समय सीमा में पूरा करें। सीधे लाइन पर चलना है। सही को गलत नहीं करना और गलत को सही नहीं करना।

इंजीनियरिंग विंग: हर सप्ताह प्रोजेक्ट की समीक्षा करें। हर दस दिन में बिल तैयार करवाएं। समय पर बिलों का भुगतान करें।

प्रवर्तन शाखा: सही को सही और गलत को गलत कहें। निजी विवाद में पार्टी नहीं बनना है। जेडीए की जमीन को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास करें।

सामूहिक जिम्मेदारी: सफाई व्यवस्था को बेहतर करने की जिम्मेदारी प्रशासनिक शाखा की है, लेकिन सभी सहयोग करेंगे। यहां काम के लिए शहर भर से लोग आते हैं।

 

ई-फाइलिंग से पहले की तुलना में पेंडेंसी कम हुई है। कुछ अधिकारियों के कमरे में तीन-चार दिन पुरानी ही फाइलें मिलीं। सचिव नौ घंटे में फाइल डिस्पोज कर रही हैं। कुछ अन्य अधिकारियों का फाइल डिस्पोज करने का समय 14 से 18 घंटे का है। इसे अधिकतम पांच घंटे करना है। एक-दो अधिकारियों के काम में लापरवाही सामने आई है। उन पर कार्रवाई के लिए जेडीसी को लिखकर भेजूंगा।
- सुधांश पंत, मुख्य सचिव

 

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