>>: Digest for April 09, 2024

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भरतपुर। कुछ साल पूर्व एक व्यक्ति को एक साल में पैसा डबल करने का प्रलोभन देकर एक व्यक्ति की ओर से उसकी जीवन की कमाई मोटी पूंजी 45 लाख रुपए बाइक वोट कंपनी में लगवा दिए जाने और अब मूल रकम भी वापस दिलाने में मदद नहीं करने का मामला प्रकाश में आया है। पीडित की ओर से घटना के संबंध में थाना मथुरा गेट पुलिस में आरोपी के खिलाफ नामजद मामला थाना मथुरा गेट पुलिस में दर्ज कराया गया है।

दर्ज कराई रिपोर्ट में पीडित मुरारीलाल पुत्र करकीराम निवासी बछगांव मगोर्रा मथुरा यूपी ने कहा है कि आरोपी शहर की शास्त्री नगर कॉलोनी निवासी बिजेंद्र सिंह पुत्र रामस्वरूप ने कई साल पहले अपनी मीठी और चिकनी चुपड़ी बातों में फंसाकर एक साल में पैसा दोगुना कराने की योजना समझाई और मुझसे 45 लाख रुपए की रकम बाइक बोट कंपनी में लगवा दी, लेकिन बाइक बोट कंपनी की ओर से ब्याज की बात तो दूर अब मूल रकम भी वापस नहीं लौटाई जा रही है।

जब आरोपी बिजेंद्र से बार-बार तकादा किया तो पहले तो वह पैसा वापस दिलाने का आश्वासन देता रहा, लेकिन बीते दिन जब आरोपी से कड़ा तकादा किया तो उसने इस मामले में किसी भी प्रकार से कोई मदद नहीं करने की बात कहकर साफ इंकार कर दिया। अनुसंधान एएसआई मुकेश कुमार ने बताया कि मामला दर्ज कर मामले का अनुसंधान किया जा रहा है।
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भरतपुर। पाकिस्तानी व्हाट्सअप कॉल के जरिए किया जा रहा साइबर क्राइम बढ़ता जा रहा है। पिछले एक सप्ताह में अकेले भरतपुर शहर में तीन घटनाएं सामने आ गई हैं। यह वे मामले हैं जो सार्वजनिक हो गए हैं, लेकिन माना यह जा रहा है कि इनकी संख्या कहीं ज्यादा होगी, जिनमें व्हाट्सअप कॉल के जरिए लोगों को उनके बाहर पढऩे वाले बच्चों को गिरफ्तार कर केस में फंसाने की बोलकर धमकाने का प्रयास किया गया हो। हालांकि ठगी का यह ट्रेंड मेवात के ठग भी अपना रहे हैं।

 

केस-1

 

एक पीड़ित ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि छह अप्रेल की शाम उनके बेटे को जयपुर में पढ़ रहे उनके पोते के नाम पर फोन आया, जिसमें फोन करने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया। हालांकि वे सतर्क होने के कारण जालसाजी से बच गए। इन सब घटनाओं के बाद भी अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इन साइबर ठगों के पास बच्चों से संबंधी पूरी जानकारी कहां से पहुंच रही है।

 

केस-2

 

इसी तरह मुखर्जी नगर निवासी योगेंद्र ने बताया कि चार अप्रेल की शाम 7.14 बजे व्हाटसअप कॉल आया। नंबर पर एक पुलिस अधिकारी की डीपी लगी थी। वह पूरे रौब में बोला कि मैं सीबीआई से दुर्जन सिंह बोल रहा हूं। आपका बेटा बाहर पढ़ रहा है, हॉस्टल में रहता है। वह गड़बड़ कर रहा है। जब उन्होंने शांति से बात करने की बोला तो खुद को सीबीआई का अधिकारी बता रहा शख्स भडक़ गया। हालांकि योगेंद्र को ऐसे कॉल के संबंध में जानकारी होने के चलते वे जालसाजी से बच गए। उन्होंने तत्काल अपने बेटे से बात की तो उसने बताया कि इस तरह का कोई घटनाक्रम नहीं हुआ है। वह सुरक्षित है। उनके बेटे ने बताया कि उसके दोस्त के परिजनों को इस तरह के फोन आए थे।

 

ये एहतियात बरतें :

 

1. प्लस-91 के अलावा आने वाले अनजान नंबर से आने वाले कॉल, व्हाट्सएप कॉल, वीडियो कॉल, टेलीग्राम कॉल न उठाएं।

2. अपने परिवार व बच्चों संबंधी जानकारी न किसी के साथ साझा न करें।

3. फोन आने पर घबराएं नहीं, समझदारी से काम लें और सबसे पहले जिसके नाम पर डराया जा रहा है उससे संपर्क करें।

4. यदि आपके साथ कोई सायबर अपराध घटित होता है तो उसकी शिकायत सायबर क्राइम हेल्प लाइन टोल फ्री नंबर 1930 पर करें।

5. भारतीय कानून में डिजटल अरेस्ट का कोई नियम नहीं है।

6. अपनी निजी जानकारी जैसे बैंक खाते संबंधी, आधार, पेनकार्ड आदि किसी के साथ साझा न करें।

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