>>: Digest for April 09, 2024

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Table of Contents

Ahmedabad. तीर्थ गोपीकॉन लिमिटेड' इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में माहिर है और मुख्य रूप से सड़कों, सीवरेज और जल वितरण परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है। कंपनी एसएमई आईपीओ से 44.40 करोड़ रुपए जुटाने की योजना बना रही है। कंपनी को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के एनएसई इमर्ज प्लेटफॉर्म पर अपना पब्लिक इश्यू लॉन्च करने की मंजूरी मिल गई है। कंपनी का आईपीओ 8 अप्रैल को सदस्यता के लिए खुलकर 10 अप्रैल,2024 को बंद होगा। कंपनी द्वारा आईपीओ की आय का उपयोग कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों को पूरा करने सहित कंपनी की विस्तार योजनाओं में पूंजीगत निवेश करने के लिए किया जाएगा। इश्यू के प्रमुख प्रबंधक की जिम्मेदारी 'इंटरएक्टिव फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड' द्वारा निभाई जा रही है।

कंपनी आईपीओ के तहत कंपनी द्वारा 111 रुपये प्रति इक्विटी शेयर (प्रति इक्विटी शेयर 101 रुपये के प्रीमियम सहित) के भाव पर 10 रुपए फेसवैल्यू के 39.99 लाख फ्रेश इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे। कंपनी की योजना इश्यू से प्राप्त 44.40 करोड़ रुपये की राशि का उपयोग करने की है, जिसमें से कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं के लिए 33.40 करोड़ रुपये और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों की पूर्ति के लिए 10.24 करोड़ रुपए उपयोग किए जाएंगे। आवेदन के लिए न्यूनतम लॉट साइज 1200 शेयर है जो प्रति आवेदन 1.33 लाख रुपये के निवेश के बराबर है। आईपीओ में रिटेल निवेशकों के लिए शुद्ध ऑफर के 50% शेयर आरक्षित किए गए हैं।

Weather Update : पश्चिमी विक्षोभ का असर कम होने से प्रदेश में तापमान फिर से बढ़ने लगा है। रविवार को दिन का तापमान 40 डिग्री तक पहुंच गया है। सबसे अधिक दिन का तापमान फलौदी में 40 डिग्री दर्ज किया गया। इसके अलावा बाड़मेर में दिन का तापमान 39.9 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, जालौर में 39 और जयपुर में 36.8 डिग्री दिन का तापमान दर्ज किया गया। वहीं, प्रदेश के कुछ जिलों में हल्की बूूंदाबांदी हुई। झालावाड़ जिले में लगातार चौथे दिन भी मौसम खराब रहा। सुबह से बादल छाए रहे। दोपहर बाद खानपुर, सारोला सहित कई क्षेत्रों में बूंदाबांदी हुई। भालता व मनोहरथाना में करीब आधा घंटे बारिश हुई।

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जयपुर मौसम केन्द्र के अनुसार, प्रदेश में 10-11 अप्रेल से पूर्वी हवा के प्रभावी होने से दक्षिणी व दक्षिण पूर्वी राजस्थान के कुछ भागों में मेघगर्जन, बारिश की गतिविधियां होने की संभावना है। 13 से 15 अप्रेल के दौरान एक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है। इसके प्रभाव से राज्य के कुछ भागों में आंधी-बारिश होने की संभावना है।

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Lok Sabha Election 2024 : कांग्रेस की जयपुर में शनिवार को हुई रैली में उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं जुटने को कांग्रेस थिंक टैंक ने गंभीरता से लिया है। केंद्रीय नेताओं की जनसभाओं में प्रदेश कांग्रेस की फिर से किरकिरी न हो, इसके लिए अब जिम्मेदारी तय करने का फैसला लिया गया है। रैली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के सामने 6 लोकसभा क्षेत्रों के कांग्रेस नेता भीड़ जुटाने में असफल रहे। इस पर पार्टी के शीर्ष नेताओं ने नाराजगी भी व्यक्त की।


कौन कितनी भीड़ लाया, होगी एंट्री
प्रदेश में केंद्रीय नेताओं की जितनी भी जनसभाएं होंगी, उसके लिए पहले ही नेताओं को भीड़ लाने की जिम्मेदारी तय की जाएगी। कौन नेता कितनी भीड़ लाया... इसकी लिखित में एंट्री होगी। जनसभा से पहले अलग-अलग चेक पोस्ट बनाए जाएंगे जहां पर किस नेता के साथ कितनी बसें और गाड़ियां आई हैं और उनमें कितने लोग हैं ... उसकी वीडियोग्राफी होगी। भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी पार्टी के विधायकों, जिलाध्यक्षों और लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों की होगी।

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6 जिलों के 19 विधायक और लोकसभा प्रत्याशी नहीं जुटा पाए भीड़
जयपुर रैली में जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, दौसा, सीकर, अलवर और अजमेर जिले में कांग्रेस के 19 विधायक और 6 लोकसभा प्रत्याशी हैं। इसके बाद भी कांग्रेस की रैली में भीड़ नहीं जुट पाई।

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Lok Sabha Elections 2024 : जयपुर। राजस्थान में लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस सप्ताह फिर राजस्थान आ रहे हैं। पीएम अब तक तीन सभाएं कर चुके हैं। इस सप्ताह उनकी दो सभाएं और एक रोड शो प्रस्तावित है। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी चुनाव प्रचार के लिए पहली बार राजस्थान आ रहे हैं।


पार्टी सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी करौली-बाड़मेर में भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में सभा कर सकते हैं और दौसा में रोड शो कर सकते हैं। दौसा का रोड शो पीएम का प्रदेश में पहला चुनावी रोड शो होगा।

 

2 दिन राजस्थान में रहेंगे पीएम मोदी


पार्टी सूत्रों के अनुसार 11 और 12 अप्रेल को पीएम का राजस्थान आने का कार्यक्रम बन रहा है। 11 को करौली और बारह को बाड़मेर और दौसा आने का कार्यक्रम प्रस्तावित है। पीएम अब तक कोटपूतली, चूरू और पुष्कर में सभाएं कर चुके हैं।

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राहुल 11 को फलौदी-अनूपगढ़ में करेंगे चुनावी सभाएं

इधर, जयपुर में एक दिन पहले चुनाव घोषणाओं को लेकर न्याय पत्र 2024 जारी करने के बाद कांग्रेस ने नेताओं के चुनावी दौरे के कार्यक्रम तय करना शुरू कर दिया है। केन्द्रीय नेताओं में राहुल गांधी का 11 अप्रेल का दौरा तय किया गया है। राहुल अनूपगढ़ और फलौदी में चुनावी सभाएं कर करीब पांच लोकसभाओं के मतदाताओं को साधने का प्रयास करेंगे। राहुल अनूपगढ़ की चुनावी सभा से श्रीगंगानगर और बीकानेर तथा फलौदी की सभा से जोधपुर, बाड़मेर, पाली लोकसभा क्षेत्रों को लेकर फोकस करेंगे।

प्रियंका के दौरे तय करना मुश्किल



पहले चरण में 12 लोकसभा क्षेत्रों में 19 अप्रेल को चुनाव होना है। बताया जा रहा है कि पहले चरण की सीटों पर प्रियंका के दौरे तय करना मुश्किल हो रहा है। प्रदेश में प्रियंका की डिमांड ज्यादा है, लेकिन वे अन्य राज्यों में व्यस्तता के चलते अभी समय नहीं दे पा रही है। ऐसे में उनके दूसरे चरण में दौरे ज्यादा होंगे। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और जिग्नेश मेवानी, कन्हैया कुमार से भी समय मांगा गया है। ईद के बाद ईमरान प्रतापगढ़ी के दौरे होंगे।

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सुविचार
लोगों की निंदा से परेशान होकर अपना रास्ता ना बदलना.. क्योंकि सफलता शर्म से नहीं साहस से मिलती

आज क्या खास?

- राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का बाड़मेर में चुनावी दौरा आज, गुढ़ामालानी और बाड़मेर में करेंगे सभा, भाजपा प्रत्याशी के लिए मांगेंगे वोट

- लोकसभा चुनाव के तहत जारी रहेगा पीएम नरेंद्र मोदी का प्रचार अभियान, आज छत्तीसगढ़ के बस्तर और चंद्रपुर में जनसभा, ाभाजपा प्रत्याशियों के लिए मांगेंगे वोट

- भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज दोपहर साढ़े 4 बजे राजस्थान में हनुमानगढ़ के संगरिया में जनसभा को करेंगे संबोधित, इससे पहले उत्तर प्रदेश के रामपुर और बिजनौर में दो जगह करेंगे रैली

- यूपी CM योगी आदित्यनाथ का महाराष्ट्र दौरा आज, वर्धा, भंडारा और नागपुर में तीन जगहों पर करेंगे रैली

- दिल्ली शराब घोटाला मामले में भारत राष्ट्र समिति (BRS) नेता के. कविता की जमानत याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट आज सुनाएगी सुरक्षित रखा फैसला, वहीं नियमित जमानत याचिका पर 20 अप्रैल को होगी सुनवाई

- दिल्ली सीएम केजरीवाल को सीएम पद से हटाने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई आज

- महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर के फैसले को चुनौती देने वाली पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, शिंदे गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराने से स्पीकर राहुल नार्वेकर के किया था इनकार

- रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव आज और कल, दो दिन के चीन दौरे पर, समकक्ष वांग यी से करेंगे मुलाकात, यूक्रेन संकट सहित काइआ अन्य महत्वपूर्ण मसलों पर होगी पर चर्चा

- आईपीएल क्रिकेट में आज चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच मुकाबला, चेन्नई स्थित चिदंबरम स्टेडियम पर शाम साढ़े 7 बजे से शुरू होगा मैच

काम की खबरें

- लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के तहत शराब की दुकानों के अवैध संचालन पर कार्रवाई, पाली में 1 आबकारी इंस्पेक्टर सस्पेंड, 3 दुकानों के लाइसेंस भी निलंबित

- लोकसभा चुनाव 2024 के तहत राजस्थान में प्रभावी आचार संहिता के दौरान अब तक 537 करोड़ रुपये मूल्य की अवैध शराब, नकदी और अन्य सामग्री जप्त

- लोकसभा चुनाव कार्य में लगे 3 लाख 76 हजार अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए डाक मतपत्रों से मतदान की सुविधा शुरू, कल पहले दिन 20 हज़ार 797 मतदान कार्मिकों ने की वोटिंग

- मध्य प्रदेश के जबलपुर में पीएम नरेंद्र मोदी के रोड शो गुजरने के ठीक बाद पीएम स्वागत के लिए तैयार मंच टूटा, एक पुलिसकर्मी सहित 3 लोग घायल

- भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की चोरी हुई कार यूपी के बनारस से बरामद, दिल्ली से 15 दिन पहले चोरी हुई थी सांसद स्टीकर लगी कार

- तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के रोड शो को नहीं मिली इज़ाज़त, स्थानीय पुलिस ने सुरक्षा कारणों के चलते अनुमति नहीं देने का दिया हवाला

- जम्मू-कश्मीर में पूर्व सीएम और पीडीपी नेता महबूबा मुफ़्ती अनंतनाग लोकसभा सीट से लड़ेंगी चुनाव

- मध्य प्रदेश में एक ही दिन में 1 लाख 26 हजार कांग्रेसियों ने ली भाजपा की सदस्यता

- उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी काजल निषाद को चुनाव प्रचार के दौरान आया हार्ट अटैक, अस्पताल में भर्ती

- भाजपा प्रत्याशी लॉकेट चटर्जी के वाहन पर हमले का मामला, BJP ने चुनाव आयोग से की शिकायत

- NIA अधिकारी और BJP नेता जितेंद्र तिवारी की मीटिंग के संबंध में SC जाएगी TMC

- कर्नाटक में लोकसभा चुनाव से पहले बेल्लारी पुलिस ने ₹5.60 करोड़ रुपये कैश किए जब्त, 3 किलो सोना और 103 किलो चांदी भी बरामद, एक शख्स हिरासत में

- खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की मां और चाचा समेत 6 पर केस दर्ज, भेजे गए जेल

- इजरायली हमले में मारे गए फिलिस्तीनी नागरिकों की संख्या बढ़कर 33 हज़ार 175 के पार, इधर दक्षिणी गाजा से और सैनिकों को हटाएगा इजरायल

- आइपीएल क्रिकेट में मुंबई ने दिल्ली को 29 रन से शिकस्त देकर खोला जीत का खाता, तो दूसरे मुकाबले में लखनऊ ने गुजरात को 33 रन से हराया

Unique Wedding Card: राजस्थान में कई शादी के कार्ड वायरल होते रहते हैं। सोशल मीडिया पर भी इनदिनों एक ऐसा ही शादी का कार्ड वायरल हो रहा है, जिसे देखकर रिश्तेदार भी माथा पकड़ कर बैठे हैं कि इस शादी में जाएं या नहीं।

इस कार्ड के वायरल होने का कारण इसमें लिखी बाल मनुहार की जुमला-शायरी हैं। गलत छपा इस बाल मनुहार वाले कार्ड ने सोशल मीडिया पर धूम मचा रखी है। दरअसल कार्ड के मनुहार में लिखा है कि 'भेज रहा हूं स्नेह निमंत्रण, प्रियवर तुम्हें बुलाने को, हे मानस के राजहंस, तुम भूल जाना आने को'। इस बाल मनुहार में गलती से 'भूल न जाना आने को' की जगह 'भूल जाना आने को' लिखा हुआ है। जिसे पढ़कर यूज़र हंस-हंस कर लोट-पोट हो रहे हैं, तो रिश्तेदार इस असामंजस्य में है की शादी में जाएं या नहीं।
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17 भाई-बहनों की एक साथ शादी वाला कार्ड भी हुआ वायरल
संयुक्त परिवार में 17 चचेरे भाई-बहनों की एक साथ शादी का कार्ड भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। जिसकी शादी का अनोखा दृश्य देखने के लिए कई लोग शामिल हुए। 12 दूल्हे बारात लेकर पहुंचे, तो उनकी खातिरदारी में पूरा गांव जुट गया। उससे एक दिन पहले पांच चचेरे भाई परिणय सूत्र में बंधे थे। संयुक्त परिवार में किफायत की एक मिसाल कायम करने के लिए अपने 17 पोते-पोतियों का एक साथ विवाह रखा। इसके लिए शादी का निमंत्रण कार्ड भी एक ही छपाया गया। जिसमें पांच पौत्रों को आयुष्मान और 12 पौत्रियों को आयुष्मती के रूप में लिखाया गया। पांचों दूल्हों की एक ही समय में बारात रवानगी की गई। पोतियों को ब्याहने आने वाले बारातियों के स्वागत कार्यक्रम भी एक ही समय दर्ज किया गया।

जयपुर: किसी विदेशी पर्यटक के साथ किया गया किसी भी तरह का व्यवहार राष्ट्रीय चरित्र का विषय होता है क्योंकि वह पर्यटक अपने देश में हमारे देश की वही छवि लेकर जाता है, जैसा उसके साथ भारत में हुआ होता है, बात यह नहीं होती कि ऐसा किस राज्य में हुआ है। गुलाबी नगर में पहले तो ठगों ने और फिर दो पुलिसकर्मियों ने देश के चरित्र पर जो दाग लगाया है, शायद उसकी माफी नहीं है।

 

गुलाबी नगरी घूमने आए जापानी पर्यटक सासो ताकेसी से 26.50 लाख रुपए सोना ठगी कर और साढ़े पांच लाख रुपए हड़पने वाले आरोपियों को बचाने के मामले में वर्तमान में ज्योति नगर थाने का हेड कांस्टेबल सत्येन्द्र सिंह व विधायकपुरी थाने के कांस्टेबल राजकुमार सिंह को गिरफ्तार किया है। पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने कहा है कि पर्यटकों से ठगी करने वाले बड़ी संख्या में सक्रिय हैं और उनके साथ पुलिसकर्मी भी शामिल हो जाएं तो विश्व स्तर पर गुलाबी नगरी की छवि धूमिल हो जाएगी। दोनों पुलिसकर्मियों ने जापानी पयर्टक से ठगी करने वाले रैकेट का पता चलने के बाद गिरोह को गिरफ्तारी से बचाने की एवज में 7 लाख रुपए वसूल लिए थे।

 

जोसफ ने बताया कि जापानी पर्यटक सासो ताकेसी ने वर्ष 2023 में जापानी दूतावास के जरिए विधायकपुरी थाने में ठगी की शिकायत भेजी। विधायकपुरी थाने के तत्कालीन हेड कांस्टेबल सत्येन्द्र सिंह को जांच सौंपी गई। आरोपी सत्येन्द्र सिंह ने कुछ माह बाद आरोपियों का पता नहीं चलने की कहकर शिकायत को बंद कर दिया और रिपोर्ट जापानी दूतावास भेज दी।

 

दूतावास ने मार्च में संपर्क किया, तब पर्यटक थाना पुलिस को दी जांच

पुलिस कमिश्नर जोसफ ने बताया कि मार्च के आखिरी सप्ताह में जापानी दूतावास से मैसेज आया और उन्होंने मिलने की बात कही। तब दूतावास अधिकारियों से मुलाकात हुई तो उन्होंने जापानी पर्यटक से ठगी होने के संबंध में बताया। जांच बंद कर देने की बात भी कही। इस पर आरोपी हेड कांस्टेबल से जवाब मांगा तो उसने गैंग का पता नहीं चलने की बात दोहराई। तब एडिशनल डीसीपी नॉर्थ रानू शर्मा व पर्यटक थानाधिकारी धर्म सिंह को जांच के निर्देश दिए गए। दोनों अधिकारियों ने पांच दिन में रैकेट का पता किया और मूलत: सीकर के रामगढ़ सेठान हाल झोटवाड़ा स्थित संजय नगर डी निवासी सरगना असगर खान, हसनपुरा निवासी शरीफ बेग और कय्यूम को गिरफ्तार किया। मामले में एक आरोपी की मृत्यु हो गई। जबकि एक नेपाल भाग गया था।

 

जापान जाने के बाद भी वसूली के लिए किया था संपर्क, तब की शिकायत
आरोपी असगर दिसंबर 2022 में जयपुर आए जापानी पर्यटक सासो ताकेसी को झांसा देकर सीकर के रामगढ़ सेठान स्थित खुद के गांव ले गया। रात को फर्जी पुलिसकर्मी बनकर दो लोग वहां पहुंचे और जापानी पर्यटक को मादक पदार्थ तस्करी के मामले में फंसाने की धमकी दी। आरोपियों ने उसी समय जापानी पर्यटक से 1.50 लाख रुपए वसूल लिए और फिर जयपुर लाकर उसके क्रेडिट कार्ड से 26.50 लाख का सोना खरीद लिया। पर्यटक जापान चला गया तो उसके बाद भी उससे संपर्क कर 2.90 लाख रुपए ऑनलाइन मंगवा लिए। तब पर्यटक ने दूतावास में इस संबंध में शिकायत की थी लेकिन विधायकपुरी थाने में तैनात दोनों पुलिसकर्मियों ने आरोपियों से पैसे वसूलकर मामला रफा दफा कर दिया। बाद में दोनों पुलिसकर्मियों को तबादला दूसरी जगह हो गया।

 

ऐसे खुला मामला
पर्यटक थाना पुलिस ने कमिश्नर जोसफ से जांच मिलने के बाद आरोपियों को पकड़ा। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पहले तो दोनों पुलिसकर्मियों ने उन्हें थाने बुलाकर पर्यटक को 2.90 लाख रुपए लौटाने की बात कही। फिर गिरफ्तारी से बचने के लिए 4 लाख रुपए रिश्वत मांगी। आरोपियों ने 15 दिन का समय मांगा। इस अवधि में दोनों पुलिसकर्मियों ने चार किस्तों में 7 लाख रुपए लेकर मामला दबा दिया। कमिश्नर जोसफ ने मामले की जांच वापस करवाई तो इसकी भनक आरोपी पुलिसकर्मी सत्येन्द्र को लग गई।

 

पैसे लौटाते उससे पहले गिरफ्तार

आरोपी हेड कांस्टेबल सत्येन्द्र ने कमिश्नर को मामले की जानकारी लगने के बाद आरोपी असगर को ज्योति नगर थाने के पास चाय की थड़ी पर बुलाया और कहा कि मामला आला अधिकारियों तक पहुंच गया है। वह सात लाख रुपए वापस लौटा देगा लेकिन उसका नाम नहीं आना चाहिए। उसके बाद असगर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसे सात लाख रुपए वापस नहीं मिले तो उसने सारा मामला टीम के सामने खोल दिया।

 

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Paper Leak In Rajasthan : स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने रविवार को गिरफ्तार अन्य 10 प्रशिक्षु थानेदारों का डमी साक्षात्कार लिया। इसमें कोई भी भारत में पहला परमवीर चक्र किसको मिला, नहीं बता सका। एसओजी अधिकारियों ने अन्य कई सवाल पूछे...अधिकांश ने आधे से अधिक सवालों के जवाब नहीं दिए। दिए भी तो गलत बताए। हालांकि एसओजी की अभी आरपीए में प्रशिक्षण ले रहे 40 प्रशिक्षु थानेदारों की भूमिका की जांच और की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक परीक्षा से पहले पेपर लेने और डमी अभ्यर्थी बैठकार उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा में चयन होने वाले अभी कई प्रशिक्षु थानेदार और गिरफ्तार होंगे। एसओजी ने प्रशिक्षु थानेदारों से ये सवाल पूछे:

सवाल : भारत का पहला परमवीर चक्र किसको मिला?
जवाब : नहीं पता (सही जवाब, सोमनाथ शर्मा)

सवाल : अब तक भारत के कितने महापुरुषों को भारत रत्न दिया गया?
जवाब : नहीं पता

सवाल : गीतांजलि किसने लिखी?
जवाब : नहीं पता

सवाल : जनवरी से दिसम्बर तक माह के नाम अंग्रेजी में लिखें?
जवाब : स्पेलिंग गलत लिखी

सवाल : सेवन सिस्टर राज्य कौन से हैं?
जवाब : पांच थानेदारों ने ही एक-दो राज्यों के ही नाम बताए

सवाल : राजस्थान का कौन सा मंत्री ओलम्पिक में पदक विजेता है?
जवाब : नहीं पता

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डमी अभ्यर्थी बैठाकर शिक्षक बनने वाला गिरफ्तार
एसओजी ने डमी अभ्यर्थी बैठाकर शिक्षक बनने वाले एक आरोपी को रविवार को गिरफ्तार किया है। एडीजी वी.के. सिंह ने बताया कि सांगानेर थाने में मामला दर्ज हुआ था, जिसकी जांच एसओजी कर रही थी। जालोर के बालेरा स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय देवला नाड़ी के थर्ड ग्रेड शिक्षक अरविंद कुमार बिश्नोई को गिरफ्तार किया है। आरोपी परीक्षा में खुद की जगह डमी कैंडिडेट बैठाकर शिक्षक बना है। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई।

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5 Foods to Keep You Hydrated in Summer :

गर्मी का मौसम (Summer season) आते ही तेज धूप और लू चलने लगती है, जिससे हमारा शरीर थका हुआ और बेजान महसूस करता है। ऐसे में ठंडे रहने के लिए हम AC या ठंडे पेय पदार्थों का सहारा लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो आपको अंदर से ठंडा रखने में मदद करते हैं? जी हां, गर्मियों में हमारे खानपान में थोड़ा बदलाव करके हम न सिर्फ खुद को हाइड्रेट (Hydrate) रख सकते हैं बल्कि तरोताजा और एनर्जेटिक (Energetic) भी रह सकते हैं। तो आइए जानते हैं ऐसे 5 लाजवाब खाद्य पदार्थों के बारे में जिन्हें अपनी गर्मियों की डाइट में शामिल करके आप गर्मी को मात दे सकते हैं:

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1. खीरा (Cucumber):

खीरा पानी से भरपूर होता है (लगभग 96%) जो आपको हाइड्रेट रखने में मदद करता है।
इसके अलावा, खीरे में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर को सूजन से बचाते हैं।
आप खीरे को ऐसे ही खा सकते हैं, इसका रायता बना सकते हैं या फिर इसे अपनी स्मूदी या सलाद में शामिल कर सकते हैं।

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2. तरबूज, खरबूजा और तरबूज की सब्जी (Melons and Watermelon Sabzi):

तरबूज, खरबूजा जैसी खरबूजे की किस्में भी पानी से भरपूर होती हैं और गर्मियों में तरोताजा रखने के लिए बेहतरीन होती हैं।
- इन फलों में मौजूद प्राकृतिक शर्करा शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है।
- आप चाहें तो तरबूज को सीधे खाएं या फिर इसका शरबत बनाकर पिएं।
- इसके अलावा, आप तरबूज की सब्जी बनाकर भी ख सकते हैं, जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद है।

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3. पत्तेदार सब्जियां (Leafy Greens):

पालक, लेट्यूस, चौलाई, सरसों का साग जैसी पत्तेदार सब्जियां गर्मियों में खाने के लिए बहुत ही फायदेमंद होती हैं।
ये सब्जियां ना सिर्फ कैल्शियम और पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं बल्कि शरीर को ठंडा रखने में भी मदद करती हैं।
आप इन सब्जियों का रायता बना सकते हैं, सलाद में शामिल कर सकते हैं या फिर इनकी सब्जी बनाकर खा सकते हैं।

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4. छाछ (Buttermilk):

छाछ न सिर्फ पाचन क्रिया को दुरुस्त रखती है बल्कि गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने में भी बहुत कारगर है।
इसमें मौजूद लैक्टिक एसिड शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है।
आप चाहें तो छाछ में थोड़ा सा पुदीना, जीरा और काला नमक डालकर उसका स्वाद बढ़ा सकते हैं।

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5. पुदीना (Mint):

पुदीना एक ठंडी तासीर वाली जड़ी बूटी है जो गर्मियों में सेवन के लिए बहुत ही फायदेमंद मानी जाती है।
पुदीने की पत्तियों को आप अपने दही या रायते में डाल सकते हैं।
इसके अलावा आप पुदीने की चटनी बनाकर भी खा सकते हैं या फिर ठंडे पानी में पुदीने की पत्तियां डालकर उसका फ्रेश ड्रिंक तैयार कर सकते हैं।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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जयपुर। सरकारी मशीनरी एक्टिव रहे और हमेशा काम को लेकर गंभीर रहे। इसे लेकर ब्यूरोक्रेसी के मुखिया मुख्य सचिव सुधांश पंत एक्शन में नजर आ रहे है। पंत की ओर से हर दिन किसी न किसी सरकारी महकमें का अचानक निरीक्षण किया जाता है। कल पंत रोडवेज स्टैंड पर निरीक्षण के लिए अचानक पहुंचे थे तो आज सुबह पंत अचानक जेडीए में पहुंचे गए। सीएस बनने के बाद पंत का जेडीए में यह दूसरा औचक निरीक्षण है।

आज सुबह करीब साढ़े नौ बजे सीएस जेडीए के मुख्य भवन पहुंचे। अचानक सीएस के आने से जेडीए में हलचल मच गई। सीएस ने जेडीए में घुसते ही कर्मचारियों की हाजिरी चैक की तो सामने आया कि कई कर्मचारी और अधिकारी तो देर तक ड्यूटी पर ही नहीं आए है। इसके बाद कई कर्मचारी व अधिकारियों को सीएस के दौरे की भनक लगी तो भागते दौड़ते अपने अपने कार्यालय में पहुंचते हुए नजर आए। जिन अधिकारियों के चैंबर खाली नजर आए, उसे देखकर सीएस ने नाराजगी जताई।

सीएस के इस तरह से अचानक जेडीए मुख्यालय पहुंचने की किसी को उम्मीद नहीं थी। यही कारण रहा कि सीएस के मुख्यालय पहुंचते ही हलचल मच गई। दफ्तर में मौजूद स्टाफ उन अफसरों और कर्मियों को फोन करते देखे गए जो दफ्तर से गायब थे। मुख्य बिल्डिंग के बाद वे उपायुक्त भवन पहुंचे। सीएस पंत ने पार्किंग स्थल का भी निरीक्षण किया। इसी तरह से जोन कार्यालयों में भी गंदगी और अव्यवस्थित फाइलों को देखकर भी पंत ने नाराजगी जताई। सीएस ने फाइलों को भी चैक किया। फाइलों में पेडेंसी को देखकर सीएस ने नाराजगी जताई।

पहले निरीक्षण में तीन अधिकारियों को किया था एपीओ...

मुख्य सचिव सुधांश पंत इससे पहले 23 जनवरी को अचानक जयपुर विकास प्राधिकरण के मुख्यालय पहुंचे थे। इस दौरान सीट से गायब मिले तीन अधिकारियों को पद से हटकर एपीओ कर दिया था। उनमें से एक आईएएस और दो आरएएस अधिकारी थे। आरएएस आनंदी लाल वैष्णव, प्रवीण कुमार और जेडीए सचिव नलिनी कठोतिया (आईएएस) को एपीओ किया गया था।

Indian Navy Bharti 2024: इंडियन मर्चेंट नेवी में नौकरी करने वालों के लिए काम की खबर है। इंडियन नेवी ने बंपर भर्ती निकाली है, जिसके तहत 4000 पदों पर भर्ती होगी। ये पद विभिन्न विभाग के लोगों के लिए है और ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।

आखिरी तारीख (Jobs For 10th Pass)


10वीं और 12वीं पास युवा भी इस वैकेंसी के लिए अप्लाई कर सकते हैं। आवेदन करने की आखिरी तारीख 30 अप्रैल है। आवेदन करने के लिए उम्मीदवार के पास संबंधित विषय में आईटीआई डिप्लोमा भी होना चाहिए।

आयु सीमा (Indian Navy Bharti 2024 Age Limit)


इस वैकेंसी के लिए अप्लाई करने वाले उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 17 वर्ष और अधिकतम आयु 27 वर्ष होनी चाहिए।

वैकेंसी का विवरण (Indian Navy Jobs Vacancy)


इस भर्ती के माध्यम से कुल 4000 पद भरे जाएंगे।

  • डेक रेटिंग- 721 पद
  • इंजन रेटिंग- 236 पद
  • सीमेन- 1432 पद
  • इलेक्ट्रीशियन- 408 पद
  • वेल्डर/हेल्पर- 78 पद
  • मेस ब्वॉय- 922 पद
  • कुक- 203 पद

आवेदन शुल्क (Sarkari Naukri)


इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवार को 100 रुपये के शुल्क का भुगतान करना होगा। उम्मीदवार का चयन लिखित परीक्षा, इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट के आधार पर होगा।

सैलरी (Indian Navy Jobs Salary)


इस सरकारी नौकरी (Sarkari Naukri) में पद के अनुसार सैलरी मिलेगी। इंडियन नेवी के इस जॉब में अलग-अलग पदों के लिए अलग सैलरी निर्धारित है। सैलरी (प्रति महीना) संबंधित विवरण के लिए नीचे देखें-

  • डेक रेटिंग- 50 हजार से 85 हजार
  • इंजन रेटिंग- 40 हजार से 60 हजार
  • सीमैन- 38 हजार से 55 हजार
  • इलेक्ट्रीशियन- 60 हजार से 90 हजार
  • वेल्डल- 50 हजार से 85 हजार तक
  • मेस ब्वॉय- 40 हजार से 60 हजार
  • कुक - 40 हजार से 60 हजार

कैसे करें आवेदन? (Indian Navy Bharti 2024)


इंडियन मर्चेंट नेवी की इस नौकरी के लिए अप्लाई करने के लिए सभी उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। आधिकारिक वेबसाइट का पता है- sealanmaritime.in. है। इस वेबसाइट की मदद से इन भर्तियों के संबंध में सभी जानकारी इक्ट्ठा कर सकते हैं।

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जयपुर। कांवटिया अस्पताल में खुले में महिला के प्रसव का मामला बढ़ गया है। इस मामले में तीन रेजिडेंट्स को एपीओ किया गया था। जिसके बाद अब सभी रेजिडेंट डॉक्टर स्ट्राइक पर चले गए है। आज सुबह सात बजे से रेजिडेंट्स की ओर से कार्य बहिष्कार कर दिया गया है। ऐसे में एसएमएस मेडिकल कॉलेज से संबंधित सभी अस्पतालों में हालात बिगड़ चुके है।

जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स के अध्यक्ष डॉ राजेश कुमावत ने कहा कि जिन पीजी छात्रों पर एकतरफा कार्यवाही की गई है। उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांवटिया अस्पताल में प्रसव मामले में कमेटी की ओर से एक तरफा कार्रवाई की गई है। ऐसे में अब सभी रेजिडेंट्स को लगता है कि उन्हें कभी भी किसी भी झूठे मामले में फंसाकर सस्पेंड किया जा सकता है।

जब कांवटिया अस्पताल में यह वाक्या हुआ था तब उस समय पर मौके पर प्रोफेसर गॉयनोलॉजिस्ट मौजूद नहीं था। पीजी छात्रों को जब पता चला तो उन्होंने तुरंत ट्रॉली भेजी और प्रसूता को लेबर रूम में लिया। इसके बाद प्रसूता का इलाज किया। इसके बाद जच्चा और बच्चा स्वस्थ रहे और इसके बाद दोनों को स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई। लेकिन इस मामले में तीन रेजिडेंट्स पर एपीओ की कार्रवाई कर दी गई। आखिर रेजिडेंट्स ने क्या गलती की।

पहले भी दो रेजिडेंट्स को किया था एपीओ...

जार्ड अध्यक्ष डॉ राजेश कुमावत ने कहा कि पहले भी उनके दो साथियों को एपीओ किया गया था। जो अब तक एपीओ चल रहे है। बता दें कि सचिन शर्मा को गलत ब्लड चढ़ाने के मामले में पहले दो रेजिडेंट्स को एपीओ किया गया था। कुमावत ने कहा कि अब कुल पांच रेजिडेंट्स पर एपीओ कार्रवाई हो चुकी है। ऐसे मे अब जब तक इनके एपीओ आदेश निरस्त नहीं होंगे तब तक रेजिडेंट्स की ओर से अस्पतालों में कार्य नहीं किया जाएगा। रेजिडेंट्स हड़ताल पर रहेंगे।

एसएमएस अस्पताल में बिगड़े हालात...

एसएमएस अस्पताल में आज सुबह ओपीडी में रेजिडेंट्स डॉक्टर नहीं होने के कारण मरीजों की लंबी कतारें लगी हुई है। सुबह आठ बजे ओपीडी शुरू होने का समय है। ऐसे में आज सोमवार होने के कारण मरीजों की भारी भीड़ अस्पतालों में है। लेकिन रेजिडेंट्स नहीं होने के कारण डॉक्टरों के चैंबर के बाहर मरीजों की लंबी कतारें लगी हुई है। एसएमएस अस्पताल में आज सुबह 9 बजे तक कई ऐसे चैंबर रहे। जहां सीनियर डॉक्टर भी मरीजों को देखने के लिए नहीं पहुंचे। मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके अलावा वार्डों में भी रेजिडेंट्स की स्ट्राइक का असर देखने को मिल रहा है। भर्ती मरीजों को ड्रेसिंग व अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

जनाना, गणगौरी व अन्य अस्पतालों में भी खासा असर..

एसएमएस मेडिकल कॉलेज से संबंधित जनाना, गणगौरी, कांवटिया, महिला चिकित्सालय सहित अन्य अस्पतालों में भी रेजिडेंट्स स्ट्राइक पर जा चुके है। जिसकी वजह से अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्थाए पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है। जनाना, गणगौरी व महिला चिकित्सालय में प्रसुताओं को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रेजिडेंट्स के नहीं होने के कारण महिला मरीजों को परेशानी हो रही है। सीनियर डॉक्टर्स मरीजों को नहीं संभाल पा रहे है, जिसका खासा असर देखा जा रहा है।

इनका कहना है..

रेजिडेंट्स स्ट्राइक पर चले गए है। अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था नहीं बिगड़े, इसके लिए हमने सीनियर फैकल्टी को लगाया है।

डॉ अचल शर्मा
अधीक्षक, एसएमएस अस्पताल, जयपुर

Lok Sabha Elections 2024 : जयपुर। सुप्रीम कोर्ट दागी राजनेताओं के संसद-विधानसभा में प्रवेश पर गंभीरता और सख्ती दिखा रहा है, पर दागियों का राजनीति में प्रवेश रुकने का नाम ही नहीं ले रहा। दाग भी ऐसे, जो समाज के लिए अच्छे नहीं है। एक प्रत्याशी हेट स्पीच, एक गोरक्षा के नाम पर मॉब लिंचिंग और एक आचार संहिता उल्लंघन का आरोपी है तो एक दहेज उत्पीड़न और एक आर्थिक अपराध का दागी है। ऐसे भी है, जिन पर आंदोलन के दौरान हत्या के प्रयास, बलवा व राजकार्य में बाधा के आरोप है।

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में शामिल सीटों पर 11 प्रत्याशी ऐसे हैं, जो दामन दागदार होने के बावजूद मैदान में हैं। दागियों को रोकने के लिए नामांकन के शपथ पत्र में मुकदमों का खुलासा करने की अनिवार्यता सुप्रीम कोर्ट ने की। इस पर भी दागियों का लोकतंत्र के मंदिरों में प्रवेश नहीं रुका तो दलों को दागियों को टिकट देने की मजबूरी बताने के लिए विज्ञापन जारी करना अनिवार्य किया।

स्वयं दागियों को भी तीन बाद अपने मुकदमों के बारे में विज्ञापन जारी करने की बाध्यता की। इस सबके बावजूद निर्दलीय प्रत्याशियों के साथ ही बड़े राजनीतिक दल भी दागियों को चुनाव मैदान में उतारने से परहेज नहीं कर रहे हैं।

 

राजनीतिक दल कहते है...जिताऊ है, टिकट देना मजबूरी

राजनीतिक दल सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर चुनाव आयोग तैयार प्रारूप में दागियों को टिकट देने की मजबूरी का खुलासा करने के लिए विज्ञापन तो देते हैं, लेकिन अक्सर टिकट देने की मजबूरी बताने के लिए यही कहा जाता है कि प्रत्याशी जिताऊ है और आरोप सही नहीं हैं।

 

विज्ञापन के नाम पर खानापूर्ति

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दागियों के बारे में राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों को आपराधिक मामलों को लेकर विज्ञापन देने की अनिवार्यता है, लेकिन विज्ञापन के नाम पर खानापूर्ति ही की जाती है। राजस्थान जैसे हिंदी भाषी राज्यों में भी विज्ञापन अंग्रेजी अखबारों या बढ़ा चढ़ाकर सर्कुलेशन बताने वाले अखबारों में दिए जाते हैं या चुनाव आयोग के प्रारूप के नाम पर तकनीकी भाषा में विज्ञापन दिए जाते हैं। टीवी पर दिखाए जाने वाले विज्ञापन में भी आपराधिक मामलों की सूची को ठीक से नहीं दिखाया जाता और आपराधिक मामले शब्द का इस्तेमाल करने के बजाय प्रारूप सी-2 या अन्य निर्धारित प्रारूप का जिक्र कर सूची दिखा दी जाती है।

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प्रत्याशियों पर ऐसे हैं दाग

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प्रत्याशी निर्दलीय या दल का नाम लोकसभा क्षेत्र आराेप
रमेश कुमार निर्दलीय चूरू गोरक्षा के नाम पर मारपीट व हत्या का प्रयास
डॉ. ओमप्रकाश मीना सेहरा निर्दलीय जयपुर दहेज प्रताड़ना व घरेलू हिंसा का आरोप
राजेन्द्र सिंह शेखावत निर्दलीय झुंझुनूं भड़काऊ भाषण देने के दो मामले और एक में जालसाजी का आरोप
हजारीलाल बहुजन क्रांति पार्टी (मार्क्सवाद-अंबेडकरवाद) झुंझुनूं अमानत में खयानत व धोखाधड़ी
धीरेन्द्र वर्मा उम्मीद पार्टी ऑफ इंडिया सीकर धमकाना, जबरन वसूली, फिरौती
शुभकरण चौधरी भारतीय जनता पार्टी झुंझुनूं चैक अनादरण के मामले
फजल हुसैन बहुजन समाज पार्टी अलवर आचार संहिता उल्लंघन

 

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इन पर आंदोलन के दौरान मामले दर्ज

प्रत्याशी निर्दलीय या दल का नाम लोकसभा क्षेत्र आराेप
हनुमान बेनीवाल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी नागौर राजकार्य में बांधा, पुलिस पर पथराव, मारपीट व हत्या का प्रयास
ललित यादव कांग्रेस अलवर रेल पटरी पर प्रदर्शन व सरकारी संपत्ति पर पोस्टर लगाना
भजन लाल जाटव कांग्रेस- करौली-धौलपुर आरक्षण आंदोलन के दौरान प्रदर्शन
अनिल चोपड़ा कांग्रेस जयपुर ग्रामीण लापरवाही से वाहन चलाना, बलवा, लोकसेवक की अवज्ञा, कानून के विरुद्ध भीड़ जमा करना व संपत्ति को खराब करना

 

Patrika Interview: कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले गौरव वल्लभ ने कहा है कि जिसने सनातन का विरोध किया, प्रभु राम को नकारा, उसका अस्तित्व मिटता रहा है। कांग्रेस का भी यही हश्र होता दिख रहा है। भाजपा में शामिल होने के बाद पहली बार जयपुर आए गौरव वल्लभ ने उन नेताओं को नाकारा-निकम्मा कहा, जिनके कहने पर शीर्ष नेतृत्व गलत दिशा में कदम बढ़ा रहा है। प्रस्तुत है राजस्थान पत्रिका से बातचीत के मुख्य अंश...।

 

सवाल- कांग्रेस के सनातन विरोधी होने का अहसास कब हुआ ?

जवाब- मैंने कांग्रेस के हर शीर्ष नेता को कहा कि सनातन का विरोध करने वालों को हम मौन स्वीकृति नहीं दे सकते। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर जाने का न्योता तक ठुकरा कर कांग्रेस ने घोर पाप किया।

 

सवाल- आप अडानी के खिलाफ बोलते रहे हैं, तो फिर सुर कैसे बदले?

जवाब- मैं अडानी के खिलाफ बोला हूं, लेकिन सेबी की जांच पूरी होने से पहले तक। मुझ पर कांग्रेस ने दबाव बनाया, लेकिन मैंने इस कृत्य को स्वीकार नहीं किया।

 

सवाल- कांग्रेस नेताओं को कोसने की क्या वजह है?

जवाब- सुबह उठते ही मोदी को गोली देने पर बात करते हैं, लंच में राम मंदिर के खिलाफ बोलने का प्लान तैयार करते हैं और शाम को तो जो काम करते हैं, उसे बोल भी नहीं सकता।

 

सवाल- जिनके खिलाफ आप बोलते रहे, क्या उनके बारे में हाईकमान को बताया था?

जवाब- मैंने हर वह बात हाईकमान को बताई, जिससे कांग्रेस को नुकसान हो रहा था। लेकिन दिक्कत तो यह थी कि इस समय कांग्रेस में जो निर्णय ले रहे हैं, वे तो क्लास के मॉनिटर का चुनाव भी नहीं लड़े।

 

सवाल- भाजपा में आपकी क्या भूमिका रहेगी?

जवाब- मेरी जो भी भूमिका होगी, वह केन्द्रीय नेतृत्व तय करेगा। अगले 4-5 दिन में सामने भी आ जाएगा।

 

सवाल- लोकसभा चुनाव में राजस्थान के बारे में क्या सोचते हैं?

जवाब- भाजपा यहां पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है। सभी 25 सीट जीत रहे हैं।

 

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नारायण औषधि समूह की ओर से हरियाली को बढ़ावा देने और बेजुबानों की मदद के लिए मुहिम शुरू की गई है। जयपुर में विभिन्न जगहों पर रविवार को विभिन्न जगहों पर औषधीय ओर फलदार पोधे लगाए। साथ ही भीषण गमी्र में पक्षियों को पानी पिलाने के लिए परिंडा लगाया गया। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार के कई अधिकारी उपस्थित रहे। नारायण औषधि के निदेशक अनिल सिंह ने अपनी पूरी टीम के साथ इस सामाजिक कार्य में भाग लिया। उन्होंने आयुर्वेद में वृक्षारोपण के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि प्राकृतिक औषधियों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। अभियान के तहत नीम और पीपल के पौधे लगाए गए। यह नारायण औषधि प्राइवेट लिमिटेड का पहला सीएसआर कार्यक्रम था। उत्तर प्रदेश से आए आयुर्वेद के अनुभवी जे पी शुक्ला ने पूरी टीम को सम्बोधित किया। इसके साथ ही कंपनी की एनुअल मीटिंग का भी समापन किया गया।

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अनिल सिंह ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा करना हमारा सामूहिक दायित्व है। वृक्षारोपण करके हम न केवल पर्यावरण को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक स्वस्थ जीवन सुनिश्चित कर सकते हैं। आयुर्वेद में प्राकृतिक औषधियों का उपयोग करके कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। हम लोगों को आयुर्वेद के लाभों के बारे में जागरूक करना चाहते हैं और उन्हें स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं। नारायण औषधि एक आयुर्वेदिक दवा निर्माता संगठन हैं। आयुर्वेद के लाभों के बारे में जागरूक करना और उन्हें प्राकृतिक औषधियों के माध्यम से रोगों का इलाज करने के लिए प्रेरित करना है।

जयपुर। 15 दिन बाद घर में बेटी की शादी थी। पिता शादी की तैयारियों में लगा था। सभी रिश्तेदारों को समय पर शादी के कार्ड मिल जाए। इसके लिए रात को पिता कार्ड बांटने जा रहे थे। लेकिन उन्हें अहसास नहीं था कि अब वह वापस जिंदा लौटकर घर नहीं जा सकेंगे। बेटी की शादी के कार्ड बांटने निकले पिता की एक्सीडेंट में मौत हो गई। वहीं साथ में बाइक पर सवार भतीजा घायल हो गया। जिसे गंभीर हालत में हायर सेंटर रेफर किया गया है। शादी से पहले परिवार में मातम पसर गया। हादसा आज रात भुसावर इलाके में हुआ।

जानकारी के अनुसार बयाना की सुनार गली निवासी होरीलाल उर्फ प्रहलाद पुत्र रामदयाल अपने भतीजे राहुल पुत्र अमर सिंह के साथ बेटी की शादी का निमंत्रण पत्र बांटने बाइक से निकाला था। जहां खेड़ली की तरफ से निमंत्रण पत्र बांटकर वापस घर आते समय छोकरवाड़ा नेशनल हाईवे पर अज्ञात वाहन ने बाइक को टक्कर मार दी। जिससे बाइक पर सवार दोनों ताऊ भतीजा बुरी तरह घायल हो गए। घटना की सूचना पर पहुंची भुसावर थाना पुलिस ने घायलों को हाईवे सेफ्टी एम्बुलेंस की मदद से भुसावर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराया जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद होरीलाल को मृत घोषित कर दिया और राहुल का प्राथमिक उपचार कर गंभीर हालत में भरतपुर रेफर कर दिया।

आज होगा पोस्टमार्टम..

मृतक होरीलाल के शव को रात को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मोर्चरी में रखवाया गया। आज शव का पोस्टमार्टम होगा। इसके बाद पुलिस की ओर से परिजनों को शव सुपुर्द किया जाएगा। बता दें कि 23 अप्रैल को होरीलाल की बेटी की शादी है। जिसकी तैयारियों को लेकर और निमंत्रण देने के लिए रिश्तेदारी में गए हुए थे। घटना के बाद घर में पूरी तरह कोहरा मच गया और शादी वाले घर में मातम छा गया।

Include These 3 Types of Rotis in Your Diet to Control Diabetes : आजकल भारत में डायबिटीज (Diabetic) की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे हर उम्र के लोग इस गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं। डायबिटीज एक गंभीर रोग है जो खराब खानपान और बिगड़ी लाइफस्टाइल (Lifestylr) के कारण हो सकता है। डायबिटीज (Diabetic) के मरीजों के लिए कौन-सी आटे की रोटियां सर्वोत्तम हैं।

आधुनिक जीवनशैली के साथ, भारत में डायबिटीज (Diabetic) की बीमारी की भयावह तेजी से फैलाव देखा जा रहा है। यह समस्या अब केवल बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि छोटे गाँवों और गाँवों में भी उसका प्रसार हो रहा है। मधुमेह, जिसे आम भाषा में डायबिटीज (Diabetic) कहा जाता है, न केवल एक बीमारी है, बल्कि एक जीवनशैली की परिणाम है। खराब खानपान और असंतुलित जीवनशैली के कारण, लोग इस रोग के शिकार हो रहे हैं।

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डायबिटीज (Diabetic) के विकास में खासतौर पर खानपान का महत्वपूर्ण योगदान होता है। यदि व्यक्ति अपने आहार में सुधार नहीं करता, तो उसके शरीर में ब्लड शुगर (Blood sugar) स्तर में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे विभिन्न समस्याएं हो सकती हैं। यहां, हम जानेंगे कि डायबिटीज (Diabetic) के मरीजों के लिए कौन-से आटे की रोटियां सर्वोत्तम हैं।

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डायबिटीज के रोगियों को कौनसी रोटी खानी चाहिए? Which Chapati/bread should diabetic patients eat?

डायबिटीज के लिए राजगिरा का आटा Rajgira flour for diabetes

राजगिरा, जिसे रामदाना और अमरंथ भी कहा जाता है, एक प्राचीन अनाज है जो कई प्रकार के पोषणीय गुणों से भरपूर होता है। यह व्रत के दौरान उपयोग में आता है और डायबिटीज (Diabetic) के रोगियों के लिए भी अत्यंत उपयोगी है। राजगिरा के आटे में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है जिससे शरीर का ब्लड शुगर (Blood sugar) लेवल नियंत्रित रहता है।

यह आटा उच्च प्रोटीन और फाइबर का भी अच्छा स्रोत होता है, जो पाचन को सुधारता है और भोजन को संतुलित रखने में मदद करता है। राजगिरा के आटे से बनी रोटियां, चीले, दलिया और लड्डू अत्यंत स्वादिष्ट और पौष्टिक होते हैं।
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इसका उपयोग सिर्फ व्रत के दौरान ही नहीं, बल्कि रोजाना के भोजन में भी किया जा सकता है ताकि शरीर को सही पोषण मिले और डायबिटीज (Diabetic) की समस्याओं को नियंत्रित किया जा सके। इस अनाज का सेवन उम्र बढ़ने के साथ-साथ युवा पीढ़ी के लोगों के लिए भी अत्यंत लाभकारी है, जो स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली को अपनाना चाहते हैं।

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डायबिटीज के लिए रागी आटा - Ragi flour for diabetes


रागी, जिसे मंडुआ भी कहा जाता है, एक प्राचीन अनाज है जिसका उपयोग भारत के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न तरीकों से किया जाता है। रागी के आटे की रोटी डायबिटीज (Diabetic) के मरीजों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होती है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं।

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रागी का सेवन करने से भूख कम लगती है और पेट लंबे समय तक भरा रहता है, जिससे खाने की अधिक मात्रा नहीं खाई जाती है और वजन की नियंत्रण में मदद मिलती है। इसके अलावा, रागी के आटे से बने डोसा, चीला और लड्डू भी स्वादिष्ट और पौष्टिक होते हैं।

डायबिटीज (Diabetic) के मरीजों को रागी के आटे को अपने आहार में शामिल करने से उन्हें उपयोगी पोषक तत्व मिलते हैं जो उनके शरीर में ब्लड शुगर (Blood sugar) लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं। इसलिए, रागी का आटा एक स्वस्थ और पोषण से भरपूर विकल्प होता है जो डायबिटीज के रोगियों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित हो सकता है।

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डायबिटीज के लिए जौ आटा - Barley flour for diabetes


डायबिटीज (Diabetic) के रोगियों के लिए सही आहार का चयन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिससे उनका ब्लड शुगर (Blood sugar) लेवल नियंत्रित रहे और वजन को भी संतुलित रखा जा सके। इस मामले में, जौ का आटा एक उत्तम विकल्प साबित हो सकता है।

जौ, जिसे अंग्रेजी में 'Barley' कहा जाता है, एक प्राचीन अनाज है जो कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, और प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है, जो डायबिटीज (Diabetic) के मरीजों के लिए उत्तम होती है। इसके साथ ही, जौ (Barley Flour) में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जिससे खाने के बाद पेट लंबे समय तक भरा रहता है और भूख कम लगती है।

डायबिटीज (Diabetic) के रोगियों को अपनी सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए जौ का आटा उनके आहार में शामिल करना उत्तम हो सकता है। इसका सेवन न केवल उनके ब्लड शुगर (Blood sugar) को कंट्रोल करने में मदद करता है, बल्कि उनके वजन को भी संतुलित रखने में सहायक होता है।


डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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पृथ्वीराज नगर के 20 हजार परिवार नियमों के फेर में फंसकर रह गए हैं। पृथ्वीराज नगर (पीआरएन) की 100 से अधिक कॉलोनियों में लोगों को हाईटेंशन लाइन के नए नियमों को लागू करने और इनको भूमिगत होने का इंतजार है। पीआरएन में 15 हाईटेंशन लाइनें गुजरती हैं। 81 किमी क्षेत्र में ये लाइनें फैली हुई हैं। जैसे-तैसे मामला आगे बढ़ा तो जेडीए में 650 करोड़ रुपए खर्च की फाइल छह माह से डम्प है।
दरअसल, पीआरएन में हाईटेंशन लाइन के नीचे सडक़ नहीं बनाने का प्रावधान है। जबकि, विधानसभा के सामने, वैशाली नगर, चित्रकूट सहित अन्य इलाकों में हाईटेंशन लाइन के नीचे सडक़ बनी हुई हैं।


ऐसे उलझे नियमों के फेर में
- जुलाई, 2020 में केंद्र सरकार ने 132 केवी लाइन के लिए 27 मीटर के स्थान पर 19 मीटर और 220 केवी लाइन के लिए 35 मीटर के स्थान पर 24 मीटर छोडकऱ पट्टे जारी करने का आदेश जारी किया।
- फरवरी, 2015 में राज्य सरकार ने 132 केवी के लिए 27 मीटर सेफ्टी कॉरिडोर का प्रावधान किया था। 220 केवी के लिए 35 मीटर छोडकऱ पट्टे जारी करने का आदेश जारी किया।
-इससे पहले राजधानी की कई कॉलोनियों में 60 फीट पर पट्टे जारी किए हैं।


सर्वे का काम हो चुका पूरा
राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड ने पृथ्वीराज नगर से गुजरने वाली हाईटेंशन लाइन को भूमिगत करने का सर्वे कराया। इसमें 650 करोड़ रुपए का खर्चा बताया है।


पीआरएन में यह स्थिति

क्षमता लाइन किमी
132 KV 08 36.5
220 KV 07 45.0


दिक्कत होगी दूर
हाईटेंशन लाइन से प्रभावित भूखंडों के मालिकों के पास पट्टे नहीं हैं। नए नियम लागू होते हैं तो ये लोग पट्टे ले सकेंगे। इससे जेडीए को राजस्व मिलेगा। जेडीए पट्टा न होने की वजह से ये भूखंडधारी विद्युत कनेक्शन भी नहीं ले पा रहे हैं।


राजधानी में सर्वाधिक हाईटेंशन लाइन पीआरएन की कॉलोनयों से गुजरती हैं। लेकिन, इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नए नियम लागू करने की बात हम पिछले डेढ़ वर्ष से कर रहे हैं। लेेकिन, सुनवाई नहीं हो रही।
-अनिल माथुर, अध्यक्ष, पृथ्वीराज नगर जन विकास समिति

राजधानी जयपुर में रेंगता ट्रैफिक बड़ी समस्या है। सार्वजनिक परिवहन का सीमित दायरा भी शहरवासियों को दर्द देता है। सफाई की बदहाली किसी से छिपी नहीं है और विश्व विरासत सूची में शामिल परकोटा के संरक्षण की भी जरूरत है। क्योंकि कई बार सामने आया है कि जनप्रतिनिधियों की शह पर ही परकोटे पर हथौड़े चल रहे हैं। ऐसे में जयपुर को सफाई व्यवस्था इंदौर से सीखने की जरूरत है। क्योंकि इंदौर पिछले सात वर्ष से सफाई में अव्वल है। वहीं, विरासत को सहेजना अहमदाबाद से सीखना होगा।
दरअसल, यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में देश में सबसे पहले अहमदाबाद ही शामिल हुआ था। उसके बाद जयपुर के परकोटा क्षेत्र की बारी आई थी।

इंदौर: औद्योगिक राजधानी में ट्रैफिक बदहाल
शहर में सुविधाओं की दरकार है। मध्यप्रदेश की औद्योगिक राजधानी होने के कारण इंदौर में लोगों की आवाजाही भी ज्यादा होती है।
-सड़कों के कई बड़े प्रोजेक्ट अधूरे हैं। बढ़ता यातायात बड़ी समस्या है।
-इसके लिए सुपर हाईवे की मांग चल रही है।
-ट्रेन कनेक्टिविटी में भी इंदौर पीछे है।
-हवाई सुविधाओं में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की कमी है।


भोपाल: बिन झीलों के कैसा शहर
भोपाल यानी झीलों का शहर। लेकिन, यहां झीलों का दम घोंटा जा रहा है। इसके अलावा ग्रीन लैंड पर अवैध रूप से कब्जे का खेल चल रहा है। इसको रोकने के लिए लोगों को कोर्ट की शरण लेनी पड़ रही है। ग्रीन लैंड पर 692 जगह अतिक्रमण पाया गया है। कलक्टर ने हटाने के निर्देश दिए।

-झीलों का संरक्षण किया जाए।
-तालाब किनारे अतिक्रमण हटाने से रोकने वाले जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई हो।
-मास्टर प्लान रोड पर झुग्गी झोपड़ियों के नाम पर पक्के निर्माण हटाए जाएं ताकि यातायात सुचारू हो।
-बढ़ते शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अभाव है, इसको बेहतर किया जाए।
-पार्किंग समस्या को दूर किया जाए। सौ करोड़ की हाइड्रोलिक पार्किंग तक पहुंच मार्ग बेहतर किया जाए, ताकि उपयोग हो सके।


जयपुर: निगम के भरोसे सफाई और संरक्षण
राजधानी जयपुर में दो नगर निगम हैं। सफाई की जिम्मेदारी निगम के कंधों पर है। निगम के अधिकारी ही जमीन पर दिखते हैं। निगम से जुड़े जनप्रतिनिधियों को छोड़ बाकी अन्य प्रतिनिधि दूर ही नजर आते हैं। जबकि, सफाई के नाम पर 500 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हो रहे हैं। हैरिटेज निगम सीमा क्षेत्र में आने वाले विश्व विरासत परकोटे का बुरा हाल है।

ये हैं राजधानी में बड़े मुद्दे
-जयपुर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें सीमित हैं। इसकी वजह से यात्रियों को दिल्ली जाना पड़ता है। विदेश के लिए सीधी फ्लाइट मिलें।
-बढ़ते शहर के कारण सार्वजनिक परिवहन जवाब दे गया है। लोग निजी वाहन खरीदने को मजबूर हैं।
-परकोटे में व्यावसायिक गतिविधि बढ़ने से लोगों का वहां रहना मुश्किल हो गया है। इसको रोका जाए। तभी विरासत भी बचेगी।
-ट्रैफिक जाम बड़ी समस्या बन गया है। इसको दूर करने के लिए मेट्रो का विस्तार हो और रिंग रेलवे को भी जल्द धरातल पर लाया जाए।

जयपुर। फार्म हाउस में लॉन, स्वीमिंग पूल ही नहीं, अब झरने, बांस की झोपड़ियां व चट्टानें भी देखने को मिल रही है। लोग आलीशान मकानों का मोह छोड़ प्राकृतिक सौन्दर्य से बीच रहना पसंद करने लगे हैं। यही कारण है कि कोविड के बाद पिंकसिटी के आसपास कई फार्म हाउस बन गए, जो लोगों की कमाई का जरिया भी बनते जा रहे हैं। कई फार्म हाउस कॉमर्शियल बन गए हैं। जहां लोगों को गार्डनिंग करवाने के साथ खेल की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जा रही है। फार्म हाउस में बड़ी स्क्रीन पर लोग आइपीएल मैच भी देख रहे हैं।

राजधानी के दिल्ली रोड, सुमेल रोड, कानोता डेम के आसपास, आगरा रोड, अजमेर रोड पर ऐसे कई फार्म हाउस है, जहां वीकेंड पर लोगों की भीड़ नजर आती है। कुछ लोग परिवार के साथ वीकेंड फार्म हाउस पर बिता रहे हैं, तो कुछ लोग दोस्तों के समूह में फार्म हाउस पर दिन-रात गुजार रहे हैं। एक फार्म हाउस मालिक ने बताया कि 10 लोगों के एक समूह का एक दिन का खर्चा 8 से 10 हजार रुपए आता है। जहां लोगों को रहने और खेल सुविधा भी मिल जाती है। फार्म हाउस में पेटियो एरिया, क्रिकेट, फुटबॉल जैसे गेम खेलने के साथ स्वीमिंग की सुविधा है, वहीं म्यूजिक व डांस की सुविधा भी लोगों को मिल रही है।

बर्थ-डे पार्टी व मीटिंग भी होने लगी
फार्म हाउस में लोग बर्थ-डे पार्टी जैसे छोटे आयोजन भी करना पसंद कर रहे हैं। परिवार के कुछ लोग दिनभर यहां ठहरकर पार्टी कर रहे हैं। यहां उन्हें कमरे, लॉन, पानी व किचन की सुविधा मिल जाती है। वहीं कई बड़ी कंपनियां अपने कर्मचारियों की मीटिंग के लिए भी फार्म हाउस बुक करने लगी है।

स्टेटस सिंबल भी बनते फार्म हाउस
फार्म हाउस हाई क्लास सोसायटी वालों के बीच स्टेटस सिंबल भी बन गया है। राजधानी के नजदीक फार्म हाउस में सुंदर घर के साथ प्राकृतिक सौन्दर्य भी नजर आने लगा है। फार्म हाउस में स्वीमिंग व गार्डनिंग के साथ झरने, झोपड़ियां व चट्टानें भी लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। जनता कॉलोनी निवासी गौरी गर्ग कहती हैं कि घर के आगे लॉन, पर्सनल स्वीमिंग पूल, बेहतरीन पार्किग स्पेस के साथ फार्म हाउस में गार्डेनिंग का शौक भी पूरा हो रहा है। वीकेंड पर यहां सुकून के पल गुजारे जा सकते हैं।

Balanced Diet for Strong Immune System : स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) का कहना है कि संतुलित आहार हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाता है, जिससे तपेदिक (टीबी) जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है।

मंत्रालय ने लोगों से पौष्टिक भोजन का चुनाव करने का आग्रह किया है ताकि "#TBMuktBharat" अभियान को सफल बनाया जा सके। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत ने 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है, जो 2030 के वैश्विक लक्ष्य से पांच साल पहले है।


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भारत में टीबी के 28 लाख से भी ज्यादा मामले सामने आए हैं, जो दुनियाभर में टीबी के मामलों का 27 फीसदी है। पिछले महीने, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा था कि साथ मिलकर काम करने से भारत टीबी मुक्त हो सकता है।

फरवरी में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया था कि सरकार देश के 25 लाख टीबी मरीजों के लिए मुफ्त दवाइयां, जांच और पोषण पर सालाना करीब 3,000 करोड़ रुपये खर्च करती है। उन्होंने यह भी बताया कि देश के 10 लाख टीबी मरीजों को सेवाभावी नागरिकों द्वारा अपनाया जा रहा है, जो उन्हें हर महीने पोषण आहार भी उपलब्ध करा रहे हैं।

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राजस्थान की बासंवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर नामांकन वापसी के आखिरी दिन के आखिरी समय तक अजब-गजब खेला जारी रहा। कांग्रेस आलाकमान ने जहां इस लोकसभा सीट के प्रत्याशी के साथ ही बागीदौरा विधानसभा सीट पर उप-चुनाव के प्रत्याशी के नाम वापसी का ऐलान कर भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) को समर्थन देने का ऐलान किया, वहीं इस घोषणा के बाद से ही इन दोनों सीटों पर खलबली मची रही।

इधर, नामांकन वापसी प्रक्रिया ख़त्म होने के चंद रहे वक्त पहले दो प्रत्याशी अचानक और रहस्यमयी ढंग से गायब हो गए, इससे कांग्रेस पार्टी में हड़कंप का माहौल बना रहा। दोनों प्रत्याशी कहां 'लापता' हो गए किसी को कोई खबर नहीं लगी। लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद डामोर का फोन देर रात से स्विच ऑफ़ बता रहा है।

रंधावा के ट्वीट से मच खलबली
बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट और बांसवाड़ा विधानसभा सीट पर घोषित प्रत्याशी के नाम वापसी का ऐलान प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स से किया था। बस उसके बाद से ही कांग्रेस प्रत्याशियों से लेकर स्थानीय समर्थकों और कार्यकर्ताओं के बीच खलबली मच गई। रंधावा ने भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) को समर्थन देने के लिए कांग्रेस प्रत्याशी के नाम वापस लेने का ऐलान किया था।

रंधावा ने लिखा, 'आगामी चुनाव में भारतीय आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी का समर्थन बांसवाड़ा संसदीय क्षेत्र और बागीदौरा विधान सभा के उप चुनाव में करेगी। भारत के संविधान और लोकतंत्र को बचाना हमारा प्राथमिक उद्देश्य है।'

इधर, भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के लोकसभा प्रत्याशी राजकुमार रोत ने कांग्रेस के इस फैसले का स्वागत किया है। एक प्रतिक्रिया जारी करते हुए रोत ने लिखा, 'कांग्रेस ने भारत की लोकतांत्रिक संवैधानिक व्यवस्था को संरक्षित करने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने "बांसवाड़ा संसदीय क्षेत्र एवं बागीदौरा विधान सभा उप चुनाव" में भारत आदिवासी पार्टी (BAP) को समर्थन देने की घोषणा की, उसका हम स्वागत करते है।'

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सकते में स्थानीय नेता
कांग्रेस के अचानक लिए इस फैसले पर बांसवाड़ा और डूंगरपुर दोनों जिलों के कांग्रेस नेता सकते में हैं। यहां भाजपा ने पहले कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे महेंद्रजीत सिंह मालवीया को, तो बीएपी ने चौरासी (डूंगरपुर) विधायक राजकुमार रोत को चुनाव मैदान में उतारा है। इसके बाद 4 अप्रेल को नामांकन के आखिरी समय में कांग्रेस ने नए चेहरे अरविंद डामोर से पर्चा भरवाया था। अब ऐन वक्त पर नाम वापसी के ऐलान से हर कोई सकते हैं।

पहले उतारे प्रत्याशी, अब गठबंधन
बीएपी और कांग्रेस में इंडिया गठबंधन को लेकर चर्चाएं लंबे समय से थी, लेकिन तालमेल नहीं बैठने से एक के बाद एक दोनों पार्टियों ने उम्मीदवार उतारे। फिर नामांकन के आखिरी दिन बीएपी प्रत्याशी ने लोकतंत्र बचाने की दुहाई देकर ट्वीट किया और अब कांग्रेस की ओर से आए ट्वीट ने तस्वीर स्पष्ट कर दी है।

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भारी पड़ी थी कांग्रेस पर
इससे पहले हाल ही हुए विधानसभा चुनाव की दृष्टि से देखा जाए तो बांसवाड़ा संसदीय क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों में पांच पर कांग्रेस, दो पर भाजपा और एक पर बीएपी का कब्जा हुआ। कांग्रेस भारी पड़ी, लेकिन इन सभी सीटों पर टक्कर में बीएपी रही। उधर, उदयपुर लोकसभा क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों में दो पर बीएपी का कब्जा है।

'लापता' प्रत्याशी का मैसेज

लोकसभा चुनाव के लिए घोषित कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद डामोर भले ही व्यक्तिगत रूप से देर रात से लापता हैं, लेकिन उन्होंने वर्चुअल रूप से एक संदेश ज़रूर जारी किया है। डामोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लिखा, 'कांग्रेस की आस भरोसा, आत्मसम्मान जिंदा रखने की लड़ाई है। लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। हमारे नेता राहुल गांधी के न्याय यात्रा की लड़ाई है। लड़ेंगे और जीतेंगे।'



... ऐसे तो ख़त्म हो जायेगी कांग्रेस
'सिंबल देने के बाद पार्टी आला कमान कदम पीछे लेने का निर्णय अकेले नहीं कर सकता। इस कदम से तो जिले में कांग्रेस खत्म हो जाएगी।' -- वल्लभ पाटीदार, कांग्रेस जिलाध्यक्ष, डूंगरपुर

निर्णय की पालना तो करनी होगी

मुझे भी रात नौ बजे ट्वीट मिला। अब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का निर्णय है, तो पालना की जाएगी। -- रमेशचंद्र पंड्या, कांग्रेस जिलाध्यक्ष बांसवाड़ा

World Health Day : हमारी जीवनशैली बहुत तेज़ी से बदल रही है। इसका नतीजा ये हुआ है कि हम अपना, अपने स्वास्थ्य का ढंग से ध्यान नहीं रखते। कोरोना पैंडमिक के बाद से ये स्थिति और बिगड़ गई है और इसकी मूल वजह है अनुचित खानपान, अव्यवस्थित जीवन शैली, व्यायाम की कमी, स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही। शुगर, हाई बीपी, हार्ट अटैक व किडनी से संबंधित बीमारियां बढ़ रही है।

हर साल हृदय संबंधी बीमारियों की वजह से लाखों लोगों की मृत्यु हो जाती है। ऐसे में बहुत ज़रूरी है कि लोगों को इन बीमारियों के बारे में जानकारी मिले। विश्व स्वास्थ्य संगठन दुनिया भर के लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने हेतु हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस (World Health Day) मनाता है। अपनी जीवन शैली में बदलाव करना और कुछ स्वस्थ आदतें अपनाने से आपके दिल के दौरे के जोखिम को रोकने या कम करने में काफी मदद मिल सकती है। एक स्वस्थ, संतुलित आहार खाएं (अतिरिक्त फैट/ तेल/ मांस से बचें; हरी सब्जियां, फल, नट्स, मछली अपनी डाइट में शामिल करें)। धूम्रपान और शराब के अधिक सेवन से बचें। फास्ट फूड से दूर रहना चाहिए, बाहर बने खाद्य पदार्थों की अपेक्षा घर में बने खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता देना चाहिए।


डॉ. विनोद पूनिया, सीनियर कंसल्टेंट कार्डियोलॉजी एंड इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी, नारायणा हॉस्पिटल, जयपुर ने कहा , अपने ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर के स्तर और कोलेस्ट्रॉल को सामान्य रखें। नियमित रूप से व्यायाम करें। शरीर के स्वस्थ वजन को बनाए रखने के लिए यह बेहद आवश्यक है। मेडिटेशन, ब्रीदिंग तकनीक और योग व्यायाम का अभ्यास करके तनाव को प्रबंधित करें। डॉक्टर से सालाना स्वास्थ्य जांच कराते रहें व परामर्श लेते रहें।

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Degenerative Brain Diseases : दक्षिण कोरियाई वैज्ञानिकों की टीम ने एक नई तकनीक विकसित की है जो मस्तिष्क संबंधी बीमारियों का पता लगाने में मदद कर सकती है। ये बीमारियां दिमाग की कोशिकाओं को खराब कर देती हैं, जिनमें अल्जाइमर (Alzheimers disease) और पार्किंसंस रोग (Parkinsons disease) शामिल हैं। स्ट्रोक भी इसी तरह की बीमारी है।

इस नई तकनीक को ' न्यूएम' ( न्यूरोनल मेम्ब्रेन-सिलेक्टिव) नाम दिया गया है। यह दिमाग की कोशिकाओं में बदलाव को 72 घंटे तक ट्रैक कर सकती है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि यह तकनीक बीमारी होने पर और स्वस्थ दिमाग दोनों में दिमाग की कोशिकाओं के बदलाव को देखने में मदद करेगी। दिमाग की कोशिकाओं का काम इंद्रियों से दिमाग तक जानकारी पहुंचाना होता है और ये लगातार बदलती रहती हैं।

अभी तक दिमाग की कोशिकाओं को ट्रैक करने के लिए जीन और एंटीबॉडी का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन ये तरीके कम सटीक होते हैं और लंबे समय तक ट्रैक नहीं कर पाते हैं।

न्यूएम तकनीक दिमाग की कोशिकाओं के डिजाइन के आधार पर बनाई गई है। यह कोशिकाओं से आसानी से जुड़ जाती है और लंबे समय तक उनकी स्थिति पर नजर रख सकती है। साथ ही इससे दिमाग की कोशिकाओं की हाई रेजोल्यूशन इमेज भी ली जा सकती है।

न्यूएम यह बता सकती है कि कौन सी कोशिकाएं पुरानी हो रहीं हैं और कौन सी खराब हो रही हैं। इससे दिमाग की बीमारियों को समझने और उनका इलाज खोजने में मदद मिलेगी," डॉ. किम यून क्यूंग ने बताया। वह कोरिया इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (KIST) के ब्रेन साइंस इंस्टीट्यूट में हैं।

आने वाले समय में वैज्ञानिक न्यूएम को और बेहतर बनाना चाहते हैं ताकि दिमाग की कोशिकाओं का और भी सटीक विश्लेषण किया जा सके।

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इमरान शेख़
अलविदा माह-ए-रमजान की घड़ी नजदीक आने के साथ ही कल यानी मंगलवार को घर-घर चांद देखने की रस्म अदा की जाएगी। कल चांद दिखा तो ईद-उल-फितर अगले दिन यानी बुधवार को मनाई जाएगी। चांद नहीं दिखने की सूरत में अगले दिन भी रोजा रखा जाएगा और फिर 10 अप्रेल को बुधवार के दिन चांद नजर आएगा और ईद का पर्व गुरुवार यानी 11 अप्रेल को मनाया जाएगा।

जयपुर की जौहरी बाजार स्थित जामा मस्जिद इंतेजामिया कमेटी की ओर से बुधवार को मगरिब की नमाज के बाद शाम 7 बजे चांद देखने की रस्म अदा की जाएगी। ऐसे में समाज के लोगों से अपील की गई है कि ईद का चांद देखने की कोशिश करें और चांद दिखे तो चांद की गवाही दें।
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खाड़ी देशों में चांद का दीदार आज
आज 8 अप्रेल को भारत में 28 रोजे हो चुके हैं, जबकि अरब देशों में 29 रमजान मुकम्मल हो जाएंगे। ऐसे में सऊदी अरब और दुबई जैसे खाड़ी देशों में ईद का चांद आज या परसो नजर आ सकता है। सऊदी अरब में आज शाम ईद का चांद देखने की कोशिश की जाएगी। अरब देशों में रमजान का चांद 10 मार्च को नजर आया था। ऐसे में पहला रोजा 11 मार्च 2024 को रखा गया था। आज की तारीख में अरब में 29 रोजे पूरे हो जाएंगे। रमजान में रोजे या तो तीस होते हैं, या फिर कई बार 29 रोजे भी हो जाते हैं।

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इसी वजह से सऊदी अरब में ईद का चांद आज सोमवार की शाम को भी नजर आ सकता है। ज्यादा संभावना 9 अप्रेल की शाम को ईद का चांद नजर आने की है। क्योंकि 30 रमजान से ज्यादा कभी नहीं होते हैं। अरब देशों में ईद एक दिन पहले मना ली जाती है। क्योंकि वहां टाइम जोन की वजह से शाम को चांद एक दिन पहले ही नजर आ जाता है।

ईद की खरीदारी चरम पर
शहर की चारदीवारी में ईद की खरीदारी चरम पर है। मुसलमनों में एक तरफ अलविदा माह-ए-रमजान के जाने का ग़म है, वहीं ईद के आने की खुशी भी है। मुस्लिम समाज के लोग ईद की तैयारी में जुटे हैं। बाजारों में ज़्यादातर लोग कुर्ते-पायजामा, टोपी, सेवईयां और ड्राई फ्रूट्स की खरीदारी कर रहे हैं। परकोटे में शॉपिंग का आलम यह है कि देर रात तक दुकानों पर खरीदारी की जा रही है। ईद को लेकर बच्चों में अलग ही खुशी है।

ईदगाह में होगी ईद की नमाज़
ईद-उल-फितर की मुख्य नमाज़ शहर की दिल्ली रोड स्थित ईदगाह में सुबह 8:30 बजे अदा की जाएगी। जबकि जौहरी बाजार स्थित जामा मस्जिद में ईद की नमाज़ सुबह 7 बजे अदा होगी। चार दरवाजा स्थित मौलाना जियाउद्दीन साहब की दरगाह में ईद की नमाज सुबह 8:45 बजे अदा होगी।

लोकसभा चुनाव की तारीखें नज़दीक आने के साथ ही राजस्थान में भी सियासी पारा गर्माता जा रहा है। खासतौर से स्टार प्रचारकों के बढ़ते दौरे इस गर्माहट के पैमाने को और ज़्यादा गरम कर रहे हैं। इसी क्रम में आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रदेश दौरे पर आ रहे हैं। वे यहां हनुमानगढ़ के संगरिया में जनसभा कर अपने भाषण से विरोधियों को निशाने पर लेंगे और साथ ही पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में वोट अपील करेंगे।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद जिले में किसी राष्ट्रीय नेता की ये पहली जनसभा है। भाजपा पदाधिकारी इसे सफल बनाने में जुट गए हैं।

जारी हुए कार्यक्रम के अनुसार नड्डा की चुनाव रैली आज शाम पांच बजे संगरिया नई धान मंडी में होगी। वे श्रीगंगानगर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी प्रियंका बैलान के समर्थन में जनसभा करने आ रहे हैं। नड्डा पंजाब के भटिंडा पंजाब से हेलीकॉप्टर से रवाना होकर संगरिया हेलीपैड पहुंचेंगे। यहां से वे सीधे सभास्थल पर जाएंगे। जनसभा को संबोधित करने के बाद वे वापस भटिंडा लौटेंगे।

स्टार प्रचारकों की बढ़ती डिमांड
लोकसभा चुनाव का प्रचार तेज होने के साथ ही स्टार प्रचारकों की डिमांड भी बढ़ने लगी है। कांग्रेस में आठ राष्ट्रीय नेताओं की जनसभाएं कराने की मांग प्रत्याशियों ने की है। प्रत्याशियों की ओर से कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं में सबसे ज्यादा डिमांड राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, जिग्नेश मेवानी, इमरान प्रतापगढ़ी, दीपेंद्र हुड्डा और भूपेंद्र हुड्डा का नाम शामिल है। केंद्रीय स्टार प्रचारकों में राहुल गांधी की मांग सबसे ज्यादा है, लेकिन पार्टी उनकी सभाएं संभागवार की कराने की तैयारी कर रही है।

अखिलेश से लेकर तेजस्वी भी आ सकते हैं
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की भी डिमांड कांग्रेस प्रत्याशियों ने की है। जयपुर ग्रामीण और अलवर लोकसभा क्षेत्र में यादव मतदाताओं की बहुलता को देखते हुए यहां के कांग्रेस प्रत्याशियों ने इन दोनों नेताओं की सभा करने की मांग रखी है। कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार की भी जयपुर ग्रामीण और अलवर में सभाएं कराने का रोडमैप तैयार किया जा रहा है।

सीकर-झुंझुनूं-नागौर में इनकी मांग
सीकर, झुंझुनूं और नागौर में जाट मतदाताओं की बहुलता के चलते कांग्रेस प्रत्याशी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा की सभाएं करने की मांग कर रहे हैं। दीपेंद्र हुड्डा हालांकि भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा के नजदीकी रिश्तेदार हैं, लेकिन वे गठबंधन प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल के समर्थन में जनसभा करते नजर आएंगे। दिलचस्प बात ये भी है कि स्टार प्रचारकों के दौरे में जातिगत समीकरणों का ध्यान रखा जा रहा है।

World's oldest Briton, 111-year-old John Tinniswood :

दुनिया के सबसे उम्रदराज ब्रिटेन के 111 साल के जॉन टिनिसवुड ने बताया है कि उनकी लंबी उम्र का राज सिर्फ "किस्मत" है और उनकी डाइट का कोई खास राज नहीं है - हालांकि उन्हें हर शुक्रवार को मछली और चिप्स (Fish and chips) खाना बहुत पसंद है।

टिनिसवुड (Tinniswood) , जो 50 साल से ज्यादा समय से रिटायर हैं, उन्हें ये खिताब 114 साल के वेनेजुएला के जुआन विसेंट पेरेज़ मोरा के दुनिया छोड़ने के बाद मिला है।

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टिनिसवुड ने बताया लंबी उम्र का राज Tinniswood reveals the secret of long life

टिनिसवुड (Tinniswood) का जन्म 1912 में उत्तरी इंग्लैंड के मर्सीसाइड में हुआ था। वह रिटायर्ड अकाउंटेंट और पूर्व डाक विभाग कर्मचारी हैं. उन्होंने लंबी उम्र का राज पूछने पर जवाब दिया, "आप या तो लंबे समय तक जिएंगे या कम, और आप इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सकते।"

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Guinness World Records) ने एक बयान में कहा कि टिनिसवुड (Tinniswood) के दावे का मूल्यांकन उनके विशेषज्ञों और गेरोंटोलॉजी रिसर्च ग्रुप द्वारा किया गया था, जो दुनिया के "सुपरसेंटेनरियन" (Supercentenarian) (110 साल से ज्यादा उम्र वाले लोग) को मान्यता देता है।

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सबसे ज्यादा उम्र जीने वाले व्यक्ति जापान के जिरोमोन किमुरा थे

The oldest person to live was Jiromon Kimura of Japan.

सबसे ज्यादा उम्र जीने वाले व्यक्ति जापान के जिरोमोन किमुरा (Jiromon Kimura) थे, जो 116 साल 54 दिन जिए। दुनिया की सबसे उम्रदराज महिला और कुल मिलाकर सबसे उम्रदराज इंसान स्पेन की मारिया ब्रान्यास मोरेरा हैं, जिनकी उम्र 117 साल है।

टिन दुनिया के बारे में थोड़ा संतुलित नजरिया रखते हैं। उन्होंने कहा, "दुनिया अपने आप में हमेशा बदल रही है। यह एक तरह का चलता हुआ अनुभव है... यह थोड़ा बेहतर हो रहा है लेकिन अभी बहुत ज्यादा नहीं। यह सही दिशा में जा रहा है।"

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Delhi School Admission 2024: आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से कक्षा 9 तक में प्रवेश पाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का लिंक खुलेगा। यदि आप भी अपने बच्चों का एडमिशन यहां के सरकारी स्कूल में कराना चाहते हैं तो लिंक ओपन होने के बाद अप्लाई करना शुरू कर दें। जानकारी के मुताबिक, यह प्रवेश तीन चरणों में होंगे, आज से पहले चरण की शुरुआत है।

अप्लाई करने की अंतिम तारीख (Delhi School Admission 2024 Last Date)


यदि आपको अपने बच्चों का एडमिशन कक्षा 6,7,8 या 9 में कराना है तो आज से आवेदन करना शुरू कर दें। वहीं आवेदन करने की अंतिम तारीख 17 अप्रैल 2024 निर्धारित की गई है।


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दिल्ली के सरकारी स्कूल में एडमिशन पाने के लिए उम्र सीमा (Age Limit Delhi Schools)


नई शिक्षा नीति (New Education Policy 2020) के तहत स्कूल में प्रवेश (School Admission) पाने के लिए आयु सीमा में बदलाव किए गए हैं। इसके तहत कक्षा 6 में प्रवेश पाने के लिए छात्रों की न्यूनतम आयु 10 वर्ष और अधिकतम आयु 12 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। वहीं कक्षा में 7 में प्रवेश पाने के लिए छात्रों की न्यूनतम आयु 11 वर्ष और अधिकतम आयु 13 वर्ष से कम होनी चाहिए।

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कक्षा 8 में प्रवेश पाने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 12 वर्ष है और अधिकतम आयु सीमा 14 वर्ष से कम निर्धारित की गई है। कक्षा 9 में प्रवेश पाने के लिए न्यूनतम आयु 13 वर्ष एवं अधिकतम आयु 15 वर्ष से कम होनी चाहिए।


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तीन चरणों की तारीखों को नोट कर लें (Delhi School Admission 2024)

पहला चरण

  • आवेदन 8 अप्रैल से शुरू होकर 17 अप्रैल तक होंगे
  • स्कूल अलॉट करने की लिस्ट 29 अप्रैल को प्रकाशित की जाएगी
  • आवेदन प्रक्रिया 30 अप्रैल से 10 मई तक पूरी की जाएगी

दूसरा चरण

  • आवेदन 15 मई से शुरू होकर 15 जून तक होंगे
  • स्कूल अलॉट करने की लिस्ट 27 जून को प्रकाशित की जाएगी
  • आवेदन प्रक्रिया 28 जून से 6 जूलाई तक पूरी की जाएगी

तीसरा चरण

  • आवेदन 7 जुलाई से शुरू होकर 31 जुलाई तक होंगे
  • स्कूल अलॉट करने की लिस्ट 12 अगस्त को प्रकाशित की जाएगी
  • आवेदन प्रक्रिया 13 अगस्त से 31 अगस्त तक पूरी की जाएगी

अधिक जानकारी के लिए और रजिस्ट्रेशन करने के लिए edudel.nic.in. पर क्लिक करें

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How To Check Fake NCERT Books: नए सत्र की शुरुआत हो चुकी है। इसी के साथ किताबों के बाजार भी गुलजार हो गए हैं। अप्रैल से मई के महीने में लगभग हर किताब की दुकानों पर भीड़ दिखाई देती है। किताब खरीदने की इन्हीं आपाधापी के बीच कई लोग असली-नकली की जांच नहीं कर पाते हैं। हाल ही में दिल्ली के बाजारों से NCERT की नकली पुस्तकें बेचने के मामले सामने आए हैं। ऐसे में सभी अभिभावकों से यह अनुरोध किया जाता है कि वो अपने बच्चों के लिए NCERT की किताब खरीदने जाएं तो उसकी अच्छे से जांच कर लें। आज की इस खबर में हम जानेंगे कि कैसे एनसीईआरटी की किताबों की जांच (How To Check NCERT Books) करें।


दरअसल, सीएम फ्लाइंग स्क्वॉड और शिक्षा विभाग की संयुक्त टीम ने दिल्ली के बाजारों पर रेड की, जहां उन्हें NCERT के नाम पर नकली किताबें मिली। दिल्ली के सदर बाजार के आस-पास 7 बुक स्टॉल पर एनसीईआरटी की नकली किताबें (Delhi Vendors Sell NCERT Fake Books) बेची जा रही हैं। शिक्षा विभाग की जांच में इस बात की पुष्टि हुई है।


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नकली किताबों के नुकसान (Fake NCERT Books)


खाद्य पदार्थ की तरह नकली पुस्तकों से भी बहुत नुकसान पहुंचता है। आमतौर पर लोगों को पता नहीं होता है लेकिन नकली किताबों में घटिया क्वालिटी के कागज और स्याही का इस्तेमाल किया जाता है, जो आंखों और सेहत के लिए हानिकारक है। बच्चे जब इन नकली पुस्तकों के संपर्क में आते हैं तो उनकी सेहत पर असर पड़ता है। वहीं नकली पुस्तकों से बाजार में पाइरेसी को बढ़ावा मिलता है। इसके साथ ही नकली किताबों से बच्चों के भविष्य को भी खतरा है। इन किताबों में सिलेबस के कुछ हिस्से नहीं होते हैं।


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कैसे पता करें किताब नकली है या असली? (How To Check NCERT Books)


अगर आप भी चाहते हैं कि आपके बच्चों का भविष्य न खराब हो तो NCERT की नकली किताबों को पहचाना बेहद जरूरी है। नकली एनसीईआरटी की पुस्तकें (Fake NCERT Books) न सिर्फ आपके बच्चों का भविष्य और उनकी साल भर की मेहनत को खराब करेगी बल्कि इसका असर उनकी सेहत पर भी पड़ेगा। ऐसे में नीचे बताए गए तरीके से आप खुद भी एनसीईआरटी की फेक किताबों (Fake NCERT Books) की पहचान कर सकते हैं।

  • किसी भी किताब को खरीदने से पहले उसके 8 पन्ने लगातार चेक करें। अगर किताब एनसीईआरटी की हुई तो हर दूसरे पन्ने पर NCERT Watermark नजर आएगा। ये वॉटरमार्क नहीं है तो किताब नकली है।
  • असली एनसीईआरटी की किताब के पन्नों की क्वालिटी अच्छी होती है, ग्राफिक्स और चित्र स्पष्ट होंगे और प्रिंट क्वालिटी भी सही होगी।
  • दुकानदारों को प्रिंटेड रेट से अधिक पर NCERT टेक्सटबुक बेचने की अनुमति नहीं है। सिली हुई या दोबारा बाइंड की गईं किताबें भी न खरीदें।
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वजन घटाने के लिए खीरा : Cucumber for weight loss


खीरे प्रायः पानी से बने होते हैं और कैलोरी में कम होते हैं, जिससे ये तरलता बनाए रखने और वजन घटाने (Weight Loss) के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प होते हैं। इनमें फाइबर भी होता है, जो आपको भरा और संतुष्ट महसूस कराता है, अधिक खाने की संभावना को कम करता है। खीरे को सलाद में कटा हुआ, हमस के साथ एक स्नैक के रूप में, या पानी में भिगोकर एक रिफ्रेशिंग पेय के रूप में आनंद लें।

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वजन घटाने के लिए तरबूज Watermelon for weight loss


तरबूज अपने अधिक पानी के अनुप्रयोग के कारण अत्यंत तरल होता है। इसमें कम कैलोरी होती है और विभिन्न पोषक तत्वों सहित विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो सामान्य स्वास्थ्य को समर्थन करते हैं। तरबूज के टुकड़ों को अकेले में खाएं, उन्हें स्मूथीज़ में मिलाएं, या तरबूज सलाद बनाएं जिसमें फेटा पनीर और पुदीना हो, यह सभी तरीके हैं जो आपको तरोताज़ा कर देते हैं। इसके अलावा, तरबूज का सेवन गर्मियों में शरीर की ताजगी और ताजगी को बनाए रखने में मदद करता है, इसलिए यह गर्मियों के मौसम में एक अत्यंत लाभकारी और स्वादिष्ट फल है। तो, अगली बार जब आप गर्मियों के दिनों में ठंडा और स्वादिष्ट फल की तलाश में हों, तो तरबूज को अपने आहार में शामिल करने का सोचें।

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वजन घटाने के लिए सेलरी Celery for weight loss


सेलरी एक प्रकार का सब्जी है जो आमतौर पर सलाद या सूप्स में उपयोग की जाती है। इसकी मुख्य विशेषता यह है कि यह पानी और कम कैलोरी की मात्रा में अधिक है। इसमें फाइबर भी होता है जो आपको कम कैलोरी में भी भरपूर महसूस कराता है। सेलरी को नट बटर के साथ या सलाद या सूप में मिला कर भी खाया जा सकता है। इसका रस निर्मित करके भी आप इसका आनंद ले सकते हैं, जो कि अन्य तरल फल और सब्जियों के साथ है।

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वजन घटाने के लिए बेरीज़ Berries for weight loss


जैसे की स्ट्रॉबेरी, रस्पबेरी, और ब्लूबेरी, जैसे फल तरलता पूर्वक होते हैं और कैलोरी में कम होते हैं। इनमें फाइबर, विटामिन, और एंटीऑक्सिडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं जो वजन घटाने और कुल स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं। बेरीज़ को ताजा खाने के रूप में, उन्हें योगर्ट या ओटमील में मिला कर, या स्मूथीज़ में मिलाकर सेवन किया जा सकता है। इन फलों का सेवन करके आप अपने स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं और एक स्वास्थ्यपूर्ण जीवन जी सकते हैं।

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वजन घटाने के लिए टमाटर Tomatoes for weight loss


टमाटर पानी से भरपूर और कैलोरी में कम होते हैं, जो इसे तरलता प्रदान करता है और वजन घटाने के लिए उपयुक्त बनाता है। ये लाइकोपीन जैसे एंटीऑक्सिडेंट्स भी होते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं और वसा की हानि को बढ़ावा दे सकते हैं। टमाटर को सैलेड में काटकर या सैंडविच या रैप्स में मिलाकर, या सूप और सॉस में मिलाकर आनंद लें। ये स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर होते हैं, और स्वस्थ जीवनशैली का समर्थन करते हैं।

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वजन घटाने के लिए संतरे Oranges for weight loss


संतरे एक रसदार फल हैं जिनमें पानी की अधिक मात्रा होती है, जो तरलता प्रदान करता है और साथ ही फाइबर और विटामिन सी भी उपलब्ध कराता है। फाइबर रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है और भूख को कम करके वजन घटाने में सहायक होता है। आप संतरे को एक स्नैक के रूप में खा सकते हैं, ताजा निचोड़ा हुआ संतरे का जूस पी सकते हैं (मात्रा में), या सलाद या मिठाइयों में संतरे के टुकड़े डाल सकते हैं। ये स्वादिष्ट फल न केवल ताजगी प्रदान करते हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होते हैं।


डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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Rajasthan Weather : राजस्थान में पिछले हफ्ते पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिला। हल्की बारिश और गरज के साथ मौसम बदला था। तापमान में कमी देखने को मिली। लेकिन अब मौसम विभाग ने आगामी 72 घंटों के लिए अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक, आगामी 72 घंटों में राजस्थान के ज्यादातर जिलों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री के पार रहने वाला है। ऐसे में इन शहरों के लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ सकता है।

 

 

 

 

अधिकतम तापमान 40 डिग्री पार

 

मौसम विभाग के अनुसार, आगामी 72 घंटे में फलौदी का तापमान 40 डिग्री पार रह सकता है वहीं, जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर और नागौर में भी तापमान 40 डिग्री के आसपास रहेगा। राज्य के जोधपुर, कोटा, जयपुर और भरतपुर संभागों में अधिकतम तापमान 34-39 डिग्री ही रहेगा वहीं, उदयपुर संभाग में अधिकतम तापमान सामान्य से काफी नीचे 33-35 डिग्री रहने की संभावना है। हालांकि राज्य में आगामी पांच दिन हिटवेव से राहत मिलेगी।

 

 

 

 

 

 

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जयपुर। कांवटिया अस्पताल में खुले में महिला के प्रसव मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में तीन रेजिडेंट्स को एपीओ किया गया था। इसके विरोध में रेजिडेंट्स डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए हैं। आज सुबह सात बजे से रेजिडेंट्स की ओर से कार्य बहिष्कार कर दिया गया है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज से संबंधित सभी अस्पतालों में हालात बिगड़ चुके हैं।

जयपुर एसोसिएशन आॅफ रेजिडेंट्स डॉक्टर्स के अध्यक्ष डॉ. राजेश कुमावत ने चेतावनी दी है कि पीजी छात्रों पर एकतरफा कार्यवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांवटिया अस्पताल में प्रसव मामले में कमेटी की ओर से एक तरफा कार्रवाई की गई है। ऐसे में अब सभी रेजिडेंट्स को लगता है कि उन्हें कभी भी किसी भी झूठे मामले में फंसाकर सस्पेंड किया जा सकता है।

कांवटिया अस्पताल में जब यह वाक्या हुआ था, तब उस समय पर मौके पर गायनोलॉजिस्ट मौजूद नहीं था। पीजी छात्रों को जब पता चला तो उन्होंने तुरंत ट्रॉली भेजी और प्रसूता को लेबर रूम में लिया। इसके बाद प्रसूता का इलाज किया। इसके बाद जच्चा और बच्चा स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई। इसके बाद भी तीन रेजिडेंट्स पर एपीओ की कार्रवाई कर दी गई। आखिर रेजिडेंट्स ने क्या गलती की।
पहले भी दो रेजिडेंट्स को किया था एपीओ

जार्ड अध्यक्ष डॉ. कुमावत ने कहा कि पहले भी उनके दो साथियों को एपीओ किया गया था। जो अब तक एपीओ चल रहे हैं। बता दें कि सचिन शर्मा को गलत ब्लड चढ़ाने के मामले में दो रेजिडेंट्स को एपीओ किया गया था। कुमावत ने कहा कि अब तक पांच रेजिडेंट्स पर एपीओ कार्रवाई हो चुकी है। ऐसे मे जब तक इनके एपीओ आदेश निरस्त नहीं होंगे, तब तक रेजिडेंट्स हड़ताल पर रहेंगे।

एसएमएस अस्पताल में लगीं मरीजों की कतारों

एसएमएस अस्पताल में आज सुबह ओपीडी में आज सोमवार होने के कारण मरीजों की भारी भीड़ हो रही है। रेजिडेंट्स के कार्य बहिष्कार के चलते डॉक्टर्स के चैंबर के बाहर मरीजों की लंबी कतारें लगी हुई है। एसएमएस अस्पताल में सुबह 9 बजे तक अधिकांश चैंबर में सीनियर डॉक्टर्स भी नदारद रहे। कई सीनियर डॉक्टर्स देर से पहुंचे। उसके बाद मरीजों को देखा, लेकिन लंबी कतार होने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके अलावा वार्डों में भी रेजिडेंट्स की हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है। भर्ती मरीजों को ड्रेसिंग के लिए इंंतजार करना पड़ रहा है।
जनाना, गणगौरी व अन्य अस्पतालों में भी खासा असर

एसएमएस मेडिकल कॉलेज से संबंधित जनाना, गणगौरी, कांवटिया, महिला चिकित्सालय सहित अन्य अस्पतालों में भी रेजिडेंट्स हड़ताल पर है। जनाना, गणगौरी व महिला चिकित्सालय में प्रसुताओं को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रेजिडेंट्स के नहीं होने के कारण महिला मरीजों को परेशानी हो रही है। सीनियर डॉक्टर्स मरीजों को नहीं संभाल पा रहे हैं, जिसका खासा असर देखा जा रहा है।
सीनियर फैकल्टी को लगाया

रेजिडेंट्स स्ट्राइक पर चले गए है। अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था नहीं बिगड़े, इसके लिए हमने सीनियर फैकल्टी को लगाया है।
डॉ. अचल शर्मा

अधीक्षक, एसएमएस अस्पताल, जयपुर

बहुत बड़ी तादाद होती है ऐसे लोगों की जो अपनी ज़िंदगी से लगभग संतुष्ट होते हैं। 'लगभग' शब्द ऐसा है उन्हें अपनी ज़िंदगी से शिकायतें तो रहती हैं। ऐसे कम ही लोग मिलेंगे जिन्हें ज़िंदगी से कोई शिकायत नहीं, कोई अप्रसन्नता नहीं लेकिन उनकी शिकायतें बड़ी मद्धम होती हैं, खौलती, दहकती, लपट देती शिकायतें नहीं होती उनके पास। तो वो खींझते रहते हैं, चिढ़ते रहते हैं पर उनकी खींझ, उनकी चिढ़ कभी भी क्रांति या विद्रोह नहीं बनती।

ये शब्द ही अलग-अलग आयामों के हैं, कहाँ खींझ और चिढ़ जो हम ज़्यादातर लोगों में देखते हैं और कहाँ विद्रोह और क्रांति। अधिकांश लोग अपनी ज़िंदगी से थोड़ा बहुत गिला-शिकवा रखते हुए भी लगभग संतुष्ट होते हैं। उनसे अगर कहा जाए कि, तुम बीच-बीच में असंतुष्टि दिखा देते हो, अपनी किस्मत को कोसने लग जाते हो, तुम अपनी ज़िंदगी वाकई बदलना चाहते हो क्या?" तो कहेंगे — "हाँ साहब, ये समस्या है, ठीक नहीं चल रहा है, ये गड़बड़ है, परेशान रहता हूँ, ज़िंदगी बदलनी है।"

और ज़िंदगी को बदलने के लिए जो श्रम लगना है जैसे ही उसकी आप बात करेंगे वैसे ही ये जनाब कदम पीछे खींच लेंगे। क्योंकि जैसा हम कह रहे थे कि इनके पास बस गुनगुनी सी खींझ है, ऐसी ज्वाला नहीं जो इनकी शिकायतों को पूरी तरह भश्मीभूत कर दे तो ये लगभग संतुष्ट की श्रेणी में है, इनका जीवन जैसा चल रहा है वैसा ही चलता रहेगा। जैसे कि कोई गाड़ी जो खटर-पटर आवाज़ तो बहुत करती हो लेकिन उस खटर-पटर आवाज़ के साथ ही वो सड़क पर चली जा रही हो,

ये गाड़ी ना तो अपनी खटपट छोड़ेगी, ना इसके पुर्जों से जो चूँ-चाँ हो रही है वो खत्म होगी और ना ही इसका मालिक इस गाड़ी को सड़क से उतारेगा। उसका इस गाड़ी को छोड़ने का कोई इरादा नहीं है, हालाँकि वो इस गाड़ी में बैठे-बैठे चिढ़ता बहुत रहता है, शिकायतें बहुत करता रहता है कि, "अरे! ये देखो, कभी टायर पंचर हो गया, कभी इंजन गर्म हो गया, कभी धुँआ ज़्यादा फेंक रही है", कभी कुछ-कभी कुछ। ये वो सब शिकायतें करता रहेगा पर इस गाड़ी को ना तो पूरी तरह सुधारने की कीमत उसे अदा करनी है और ना ही इस गाड़ी से आगे बढ़कर कुछ और पाने का उसका कोई इरादा ही है। ये गाड़ी चलती रहेगी।

अधिकांश लोगों की ज़िंदगियाँ ऐसी होती हैं, उनकी गाड़ियाँ चलती रहती हैं ,दुःख हैं पर इतने नहीं हैं कि दम घोंट दे। वो हैं पर इतने नहीं हैं कि प्राण उनसे मुक्ति के लिए छटपटाने लग जाए।

तो हम उनको साथ लिए-लिए भी जी लेंगे जैसे कि कोई पुरानी बीमारी हो जिसके साथ सह-अस्तित्व की आपने आदत बना ली हो, समझौता कर लिया हो। ऐसा होता है ज़्यादातर लोगों का जीवन। इसीलिए ज़्यादातर लोगों की ज़िंदगी में कभी कोई अध्यात्मिक क्रांति होने नहीं पाती।

अब क्या करें? अब एक तो तरीका ये है कि आपका जो निजी जीवन चल रहा है जिसको आप कह रहे हैं कि, "करीब-करीब ठीक चल रहा है, कोई ख़ास दुःख, अफसोस वगैरह नहीं है मुझे", अचानक आपके ऊपर कोई आपदा ही टूट पड़े।अध्यात्म में कोई किसी के दुर्भाग्य की कामना क्यों करे? पर अक्सर आध्यात्मिक जागरण इस जगह से शुरू होता है कि आपकी ठीक-ठाक ज़िंदगी चली जा रही थी, अचानक उस ज़िंदगी में कुछ अनहोनी घट गई। और वो जो फिर अनहोनी घटना होती है वो आपके जीवन को एक नई, साफ, ज़्यादा ईमानदार दृष्टि से देखने को मजबूर कर देती है। आपको विवश कर देती है कि आप वो प्रश्न पूछें जो आपने पहले कभी पूछे नहीं थे। वो प्रश्न कभी उठते भी थे तो या तो बेईमानी के चलते या आलस्य के चलते आपने उनको दबा दिया था। ये पहला मार्ग हुआ अनहोनी का, दुर्भाग्य का, आपदा का, कुसंयोग का। ये मार्ग ज़्यादातर लोगों पर आता नहीं है, और जैसे-जैसे समय बढ़ता जा रहा है विज्ञान, तकनीक, आधुनिक चिकित्सा, अर्थव्यवस्था ये सब सुनिश्चित करे दे रहे हैं कि आकस्मिक आपदाएँ तो अब लोगों पर कम-से-कम ही आती हैं। कुछ हो भी जाए तो उसके पीछे कोई-न-कोई आपने सामाजिक या आर्थिक सहारा वगैरह खड़ा कर रखा होता है ।

पहले बीमारियाँ लग जाती थीं और बीमारियाँ इतनी कठिन और दुर्निवार होती थीं कि अच्छे-अच्छों की अक्ल ठिकाने ले आ दें। अब बीमारियाँ या तो लगेंगे नहीं क्योंकि टीकाकरण हो जाता है, दवाइयाँ हैं या कभी बीमारी लग भी गई तो अस्पताल बड़े हैं, चिकित्सा शास्त्र ने प्रगति कर ली है, आप ठीक हो जाते हैं।

दुनिया भर में आदमी की औसत आय भी बढ़ती जा रही है और औसत आयु भी। आज दुनिया का औसत आदमी जितना कमाता है उतना कभी नहीं कमाता था, और आज दुनिया के औसत आदमी की जितनी आयु रहती है, जितनी उम्र तक वो जीता है उतना वो कभी नहीं जीता था। तो अब फिर क्या तरीका बचता है अपनी 'लगभग' ठीक-ठाक चल रही ज़िंदगी में अचानक उठ बैठने का?

एक रास्ता हुआ डाकू रत्नाकर का। उसका क्या रास्ता है? उसकी ज़िंदगी भी बढ़िया चल रही थी। रत्नाकर डाकू जिसे वाल्मीकि के नाम से जानते हैं।

बढ़िया चल रही थी ज़िंदगी। जंगल पर उसका एकछत्र राज्य था। आते-जातों को लूटता था और बड़ा डाकू था ! देश थर्राता था उससे। कहा जाता है कि सिपाही भी उसके इलाके से गुज़रने से कतराते थे, बढ़िया उसकी ज़िंदगी चल रही थी ठीक वैसे जैसे कि आज के अधिकांश लोग दावा करेंगे कि हमारी ज़िंदगी कैसी चल रही है। ठीक-ठाक चल रही है। कुछ छोटे-मोटे कष्ट, असुविधाएँ उसको भी रहे होंगे कि, "भाई जंगल से गुज़रता हूँ मच्छर काट लेते हैं या कि अर्थव्यवस्था में मंदी चल रही है आजकल सेठों ने जंगल से गुज़रना ज़रा कम कर दिया है। गुज़रते भी हैं तो उनके पास दो चार सिक्के निकलते हैं बस।" तो इस तरह की छोटी-मोटी दो-चार तकलीफें वो भी कह देता होगा पर कुल मिला-जुला करके ठाठ थे।

अब ये जो मस्त चलती ज़िंदगी थी, इसमें अचानक अवरोध आया बल्कि ये कहिए कि उसने अवरोध को आमंत्रित किया। तो ये एक तरीका है कि तुम अपनी मस्त चलती ज़िंदगी में एक अवरोध को आमंत्रित ही कर लो।

कैसे आमंत्रित किया? कहते हैं कि एक दिन कोई जंगल से एक साधु गुज़र रहे थे। कोई कहता है नारद ही गुज़र रहे थे। तो ये जो साधु महाराज गुज़र रहे थे, इनको लूटने के लिए भी डाकू खड़ा हो गया। तो वो हँसने लग गए। बोले – "मेरे पास है क्या? जो कुछ है ले लो तुम, पर ये बता दो कि ये जो तुम कर रहे हो ये किसके लिए कर रहे हो?" बोला – "अपने लिए कर रहा हूँ।" "परिवार है, पत्नी है; कुछ अपने लिए करते हैं, कुछ उनके लिए करते हैं।"

साधु ने कहा – "बढ़िया है, जो कर रहे हो, करे चलो। बस एक काम करना, घर जाना और अपने परिवार से पूछ कर आना कि ये सब जो तुम कर रहे हो जब इसका अंजाम मिलेगा, कर्मफल मिलेगा, एक नर्क में सड़ोगे तुम तो क्या घर वाले भी तुम्हारा साथ देंगे?"

तो कुपित हो गया रत्नाकर। बोला – "सब साथ देंगे, क्यों नहीं देंगे? जो करता हूँ उन्हीं के लिए करता हूँ। गर्दन काटता हूँ, उन्हीं के लिए काटता हूँ। पाप है, उन्हीं के लिए करे हैं। सब साथ देंगे मेरा।" साधु लगा हँसने, बोला – "सब साथ देंगे तो बढ़िया बात है। तुम्हारा खड्ग मेरी गर्दन, उड़ा देना। इतनों की तुमने हत्या की है मेरी भी कर देना और मैं यही प्रतीक्षा करूँगा। साधु डरता नहीं, भागता नहीं। तुम घर जाओ और पूछ कर आओ। अगर घर वाले कहते हैं कि जैसे उन्होंने कर्म को भोगने में तुम्हारा साथ दिया है वैसे ही कर्मफल को भोगने में तुम्हारा साथ देंगे, तो फिर तुम्हारी तलवार और मेरी गर्दन, मैं यहीं प्रतीक्षा करूँगा।"

रत्नाकर घर जाता है, सामने पत्नी। वो सवाल वो पत्नी से कर लेता है जो कभी करा ही नहीं था, खुशहाल चल रही थी ज़िंदगी। जब ज़िंदगी खुशहाल चल रही होती है तो उसमें बहुत सवाल-जवाब किए नहीं जाते। भाई जब सब कुछ अच्छा ही चल रहा है तो जाँच-पड़ताल क्या करनी! जब सब अच्छा चल रहा होता है तो कौन परतें उधेड़-उधेड़कर देखे कि नीचे क्या है। गाड़ी बढ़िया चल रही है न, कौन फिर उसका हिस्सा-दर-हिस्सा खोले, सब कलपुर्ज़े जाँचे। गाड़ी की भी जाँच-पड़ताल आप तब करते हैं जब उसमें कोई आपको कमी, दिक्कत, तकलीफ पता चलती है। शरीर की जाँच भी तभी कराते हैं जब कोई बीमारी आती है, नहीं तो कौन जाता है स्वस्थ शरीर की जाँच कराने।

तो जो महत्वपूर्ण प्रश्न होते हैं जीवन के वो हम कभी पूछते नहीं। रत्नाकर ने भी अपनी पत्नी से कभी भी जो महत्वपूर्ण प्रश्न है वो पूछा नहीं था। दुनिया भर की इधर-उधर की छोटी-मोटी व्यर्थ बातें पति-पत्नी आपस में खूब करते रहते हैं। जो असली सवाल है, वो हो सकता है कि बीस साल, चालीस साल आप अपने पति या पत्नी के साथ रह रहे हो और आपने वो सवाल कभी पूछा ही ना हो।

साधु ने उकसा दिया था रत्नाकर को। रत्नाकर को विवश हो करके वो सवाल पूछना पड़ा पत्नी से जो आमतौर पर किसी पति को अपनी पत्नी से पूछना नहीं चाहिए। पर साधु की चाल, साधु होते ही ऐसे हैं। उसने ऐसी जगह पर उंगली रख दी थी कि रत्नाकर मजबूर।

रत्नाकर ने (पत्नी से) कहा – "ये सब जो मैं कर रहा हूँ, दुनिया का गला काटता हूँ, सबको लूटता हूँ, ये तो पक्का है कि नर्क में गिरूँगा, तू चलेगी मेरे साथ?" अब रत्नाकर रत्नाकर ही जैसा और आज उसके पूछने में कुछ धार थी। वो धार धर्म की थी। ईमानदारी से पूछा गया सवाल था। कोई और मौका होता तो पत्नी झूठ बोल भी देती कि, "हाँ प्राणनाथ! तुम्हारे साथ में कैद में भी जाऊँगी। अगर कभी तुम पकड़े गए और मरने के बाद अगर नर्क में सड़े तुम तो मैं नरक में भी जाऊँगी तुम्हारे साथ।" पर आज रत्नाकर ने जिस भाव से पूछा था, जिस तेवर से पूछा था पत्नी समझ गई कि आज झूठ नहीं बोला जा सकता इससे। प्राणनाथ बाद में हैं, प्राणलेवा पहले हैं। हैं तो डाकू ही और आज इनका चेहरा बिलकुल रक्तिम और आँखें खूनी लाल-लाल हो रही हैं, खिलवाड़ नहीं किया जा सकता।

उसने बोल दिया या कहिए उसके मुँह से निकल गया कि, "नहीं, नर्क-वर्क तो तुम अकेले ही जाना। यहाँ का जो कुछ है वो अपना साथ-साथ है। तुम लूट कर लाते हो, अपन दोनों उसको साथ भोग लेते हैं वो चलेगा लेकिन भई अंजाम वगैरह तुम अकेले ही भुगत लेना।"

रत्नाकर को वो सवाल दोबारा पूछना भी नहीं पड़ा। रत्नाकर फट गया अंदर से उसी समय। उसकी चेतना, उसका विश्व, उसका आंतरिक जगत सब चिथड़े-चिथड़े हो गया कुछ बचा ही नहीं। ये दूसरा तरीका है। मर गया रत्नाकर, वाल्मीकि का जन्म हो गया।

कहते हैं कि जो बार-बार मरा-मरा कहता था, वो राम-राम कहने लग गया। ये दूसरा तरीका है कि तुम्हारी चल रही है सुचारू ज़िंदगी, तुम्हारी चल रही है बड़ी आसान ज़िंदगी, तुम जानबूझकर ख़ुद ही उसमें कुछ व्यवधान पैदा कर लो। जिसे कहते हैं पंगे लेना, कि सब बढ़िया चल रहा है तुमने ख़ुद ही जाकर के कहीं पर उंगली दे दी क्योंकि सब कुछ बढ़िया है नहीं बस लग रहा है कि सब बढ़िया है क्योंकि तुम वो मुद्दे छूना ही नहीं चाहते। तुम वो सवाल उठाना ही नहीं चाहते जहाँ तुमको पता है कि गंदगी छुपी है। जहाँ तुमको पता है कि सच्चाई छुपी है।

देखो कि कौन-सी बातें करने से सबसे ज़्यादा घबराते हो और देखो कि कौन सी बातें हैं जो दिन रात किए जाते हो। देखो कि किनके सामने नहीं पड़ते, देखो कि किनसे मुँह चुराते हो। देखो कि कौन से अल्फाज़ तुम्हारी ज़ुबान पर कभी नहीं आते, देखो किनके सामने तुम कभी नहीं आते। बिलकुल समझ जाओगे कि कहाँ तुम्हारी खोट है। बिलकुल समझ जाओगे कि जीवन तुम्हारा उतना भी सुहाना नहीं चल रहा जितना तुमने अपने-आपको समझा रखा है।

तो ये तरीका है डाकू रत्नाकर का तरीका कि अपना जो सुचारू जीवन चल रहा है उसमें ख़ुद ही कोई बाधा खड़ी कर दो। वो जो बाधा होगी, वो जो सीधे-साधे चलते जीवन में अचानक एक अवरोध आ जाएगा, वो तुमको बता देगा कि जैसा तुम्हारा जीवन चल रहा था उसमें कितनी सच्चाई और कितनी ताक़त थी। ताक़त होती तो उस अवरोध को पार कर जाती न ज़िंदगी।

सच्चाई होती तुम्हारी ज़िंदगी में तो तुमने जो सवाल खड़े किए ज़िंदगी तुरंत उनका सहज जवाब दे देती न। पर तुम्हारी ज़िंदगी में ताक़त नहीं थी। तुमने यूँ ही उसके सामने अवरोध खड़ा किया ज़िंदगी रुक गई, थम गई, बिखर गई। और सच्चाई नहीं थी ज़िंदगी में। जहाँ तुमने दो निर्भीक कड़े सवाल पूछे, तुमने पाया कि ज़िंदगी के पास कोई जवाब ही नहीं सवालों का। तो देख लो फिर कि ज़िंदगी वाकई कैसी चल रही है।

और तीसरा तरीका फिर है राजकुमार सिद्धार्थ का। उनकी भी ज़िंदगी बहुत अच्छी चल रही थी। रत्नाकर तो फिर भी डाकू था, उसे तो फिर भी लूटना पड़ता था लोगों को, सिद्धार्थ गौतम का तो कहना क्या! प्रतिभाशाली राजकुमार, अभी उन्होंने कुछ करा नहीं, कुछ कमाया नहीं, कहीं अपनी कोई योग्यता सिद्ध नहीं करी फिर भी दुनिया उनकी वाहवाही कर रही है। उनकी प्रतिभा के डंके बज रहे हैं बाल्यकाल से ही। उनकी शिक्षा का विशेष प्रबंध किया गया, उनके मनोरंजन इत्यादि का विशेष प्रबंध करके रखा गया है।

उनके जीवन में तो वाकई कोई दुःख नहीं था। ज़्यादातर लोग तो फिर भी झूठ बोला करते हैं कि हमारी ज़िंदगी बढ़िया चल रही है, हमारे पास कोई दुःख नहीं। सिद्धार्थ की ज़िंदगी में तो कोई दुःख वाक़ई था ही नहीं। जैसे रुई के फाहे में लपेटकर के परवरिश हुई हो उनकी। दुनिया भर के सब कष्टों से उनके पिता ने उनको बचा कर रखा था। कह रहे हैं कि कुछ भी पता ना लगे इसको। दुःख कहते किसको हैं, दर्द कहते किसको हैं इसका ज़रा भी अनुभव होने ना पाए राजकुमार को। और था भी नहीं।

और सुनी है आप सभी ने कहानी कि चले जा रहे थे, युवा महोत्सव था और देख रहे हैं एक बीमार आदमी को—नहीं ख़ुद नहीं बीमार थे, एक चला जा रहा है बीमार आदमी। फिर देख रहे हैं एक वृद्ध आदमी को—नहीं ख़ुद नहीं वृद्ध हुए थे, किसी और का बुढ़ापा देख लिया, किसी और का रोग देख लिया और फिर किसी और की मृत देह, लाश देख ली। और समझ गए, बोले कि, "व्यक्ति में समष्टि है। एक व्यक्ति में ही पूरा संसार है। जो पूरी दुनिया की कहानी है वही प्रत्येक व्यक्ति की कहानी है। मैं कैसे कह दूँ अपने-आपको कि मैं सुखी हूँ जब मेरे सामने ये पूरी दुनिया इतनी दुखी है? ज़रूर मुझे सुखी होने का भ्रम हो रहा होगा।"

ये उन लोगों के लिए है जो बहुत जाँच-पड़ताल करके, खोजबीन करके भी अपनी ज़िंदगी में कहीं दुःख नहीं खोज पाते। उनके लिए है राजकुमार सिद्धार्थ का तरीका। तुम कैसे अपने-आपको सुखी बोल सकते हो जब तुम्हारे चारों ओर दुःख-ही-दुःख बिखरा हुआ है? तुम दुनिया से अलग हो क्या? व्यष्टि-समष्टि अलग-अलग तो नहीं हैं न? बस इतना है कि दुनिया का दुःख किसी तरीके से प्रकट हो गया है, बिलकुल साक्षात; तुम्हारा दुःख छुपा हुआ है।

सिद्धार्थ अगर अपने निजी जीवन में दुःख खोजने निकलते तो शायद दो-चार दशक खोजते रह जाते उन्हें दुःख कहीं दिखाई नहीं पड़ता। तो उन्होंने फिर ये परोक्ष तरीका निकाला, निकाला या कह दो कि विधि ने उन्हें भेंट कर दिया। उन्होंने कहा – "अब मुझे अपनी ज़िंदगी में तो कोई दुःख दिखता नहीं पर देखो ज़माने में कितना दुःख है। और ज़माने में इतना दुःख है तो अरे, मैं कैसे सुखी हो गया?"

गाड़ीवान था साथ में, उससे पूछते हैं कि, "वो जा रहा है व्यक्ति, वो रोगी है क्या मुझे भी कभी रोग लगेगा?" गाड़ीवान बोला — "राजकुमार, बोलते हुए मेरी ज़बान काँपती है लेकिन हाँ जीवन में आपको भी कभी-न-कभी रोग लगेगा।" सिद्धार्थ के लिए ये नई बात थी। जैसे उनका पालन-पोषण हुआ था, कदाचित उनको कभी कोई रोग लगा ही नहीं था। फिर बढ़ रहे हैं दिखाई दे रहा है बूढ़ा आदमी, उससे पूछ रहे हैं – "एक दिन मैं भी ऐसे ही कृशकाय, जर्जर वृद्ध हो जाऊँगा?" गाड़ीवान बोला – "राजकुमार, कठिन प्रश्न कर रहे हैं आप लेकिन झूठ नहीं बोल सकता। हाँ, बुढ़ापा आपको भी आएगा। इसी व्यक्ति की तरह आप भी जर्जर हो जाएँगे, पीठ झुक जाएगी, तन काँपेगा, लाठी टेकेंगे, डगमगाएँगे।"

अब प्रतिभाशाली तो थे ही सिद्धार्थ। आगे बढ़े देखा मृत देह, अर्थी सजी हुई थी। इस बार तो उन्होंने गाड़ीवान से पूछा भी नहीं, बोले – "मैं मर गया।" इस बार उन्होंने पूछा भी नहीं कि, "क्या कभी मैं भी मरूँगा? जैसे सामने ही मरा हुआ है?" बोले — "मैं मर गया।" ये तीसरा तरीका है। जब तक तुम्हें अपने जीवन में दुःख, कष्ट, बेचैनी संताप, अनुभव ना होते हो लेकिन ये दुःख, कष्ट, बेचैनी, संताप कोई दूर की बातें है क्या कि पूछ रहे हो कि, "कहाँ से लाऊँ ये तो मेरी ज़िंदगी में हैं ही नहीं"? भाई पैदा हुए हो न मानुष देह लेकर के, दुःख वहीं से शुरु हो जाता है। अचरज की बात तो ये है कि वो दुःख तुम्हें दिखाई क्यों नहीं दे रहा? जो इंसान पैदा हुआ है वो दुःख-धर्मा ही पैदा हुआ है।

प्रकृति में भोग है, भोक्ता है; सुख है और दुःख है। और जिसको तुम सुख कहते हो वो हमेशा दुःख की आशंका से और दुःख के साए तले काँपता रहता है। कोई मुझे सुखी व्यक्ति दिखा दो जिसे अब सुख की ज़रूरत ना हो। कोई मुझे सुखी व्यक्ति दिखा दो जो अपने सुख को बचाकर ना रखना चाहता हो। कोई मुझे सुखी व्यक्ति दिखा दो जो आशंकित ना हो कि सुख कहीं छिन ना जाए। और अगर सुख के पल में भी तुम्हें यही आशंका है कि ये पल कहीं बीत ना जाए तो तुम सुखी हो कि दुखी?

तो दुःख तो दुःख है ही, सुख भी दुःख ही है। जिसने ये जान लिया उसके बाद वो कैसे ऐसा प्रश्न करेगा कि, "मेरे जीवन में कोई ख़ास दुःख या बेचैनी मुझे दिखती नहीं"? ख़ैर नहीं दिखती तो तुमको दो रास्ते बता दिए — वाल्मीकि का रास्ता और गौतम बुद्ध का रास्ता। दुःख अगर नहीं पता चल रहा तो ज़रा कड़े प्रश्न पूछ लो या तो ख़ुद से या अपने आसपास वालों से जो तुम्हारे सुख के स्रोत हैं। एक ये तरीका है और दूसरा तरीका जो बड़े संवेदनशील लोगों का तरीका होता है। जो बड़े जागृत और प्रतिभाशाली लोगों का तरीका होता है। वो ये है कि तुम दुनिया को देखो और दुनिया के प्रति ज़रा संवेदना रखो, थोड़ी करुणा रखो और कहो, "मैं कैसे सुखी हो गया जब दुनिया इतनी दुखी है?" फिर जान जाओगे कि अभी करने को बहुत काम बाकी है और वो जो काम बाकी है करने को वो अध्यात्म के माध्यम से ही हो सकता है और कोई तरीका है नहीं। दुःख अगर है तो अध्यात्म उस दुःख के निवारण का अभियान है — ये अध्यात्म की परिभाषा है। क्या है अध्यात्म? जीवन दुःख है और दुःख के उस भवसागर के पार जाने के लिए जो नाव लगती है, जो चप्पू चलते हैं, जो नाविक लगता है, बाज़ुओं में जो बल चाहिए और बुद्धि की जो दिशा चाहिए इन सब का सामूहिक नाम अध्यात्म है।

आचार्य प्रशांत

वेदांत मर्मज्ञ, लेखक

पूर्व सिविल सेवा अधिकारी

संस्थापक, प्रशांत अद्वैत फाउंडेशन

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लोकसभा चुनाव के रण में नागौर सीट इस वक्त राजस्थान की सबसे हॉट सीट बनी हुई है। हो भी क्यों ना, इस सीट पर मुकाबला दो चिर प्रतिद्वंदियों के बीच कांटे की टक्कर का जो माना जा रहा है। भाजपा से जहां डॉ ज्योति मिर्धा चुनाव मैदान में हैं, तो वहीं उन्हें मुकाबला देने के लिए कांग्रेस-इंडिया गठबंधन से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व मौजूदा विधायक हनुमान बेनीवाल उतरे हुए हैं।

डॉ ज्योति मिर्धा और हनुमान बेनीवाल का ये सीधा मुकाबला नागौर में पहले से गरम हो रहे मौसम के ताप को और ज़्यादा गरम किए हुए है। दोनों प्रत्याशी इस सीट के रास्ते संसद तक पहुंचने को लेकर अपना पूरा दमखम लगाते दिख रहे हैं।

'साली' के खिलाफ उतरेंगे 'जीजा'

नागौर लोकसभा सीट से अब एक और दिलचस्प खबर सामने आई है। दरअसल, जानकारी के अनुसार हरियाणा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पुत्र दीपेंद्र हुड्डा लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के सिलसिले में राजस्थान आ सकते हैं। कई अन्य सीटों के अलावा उनका नागौर सीट पर प्रचार करने आना भी लगभग तय माना जा रहा है। कांग्रेस मुख्यालय से हुड्डा के औपचारिक कार्यक्रम का फिलहाल इंतज़ार हो रहा है।

ऐसे में अगर दीपेंद्र हुड्डा नागौर में प्रचार के लिए जाते हैं, तो वे कांग्रेस-इंडिया गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल के समर्थन में वोट अपील करते दिखेंगे। वहीं रिश्ते में अपनी ही साली भाजपा प्रत्याशी डॉ ज्योति मिर्धा को हराने के लिए पूरा दमखम लगाते भी दिखेंगे।

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ज्योति की बहन के पति हैं हुड्डा

राजनीति से इत्तर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और डॉ ज्योति मिर्धा का पारिवारिक रिश्ता भी है, जिससे बहुत कम लोग वाकिफ हैं। ये रिश्ता है जीजा-साली का। दरअसल, दीपेंद्र सिंह हुड्डा की पहली पत्नी श्वेता मिर्धा हुड्डा ज्योति मिर्धा की सगी बहन हैं। ज्योति बड़ी तो श्वेता छोटी बहन हैं।

श्वेता और ज्योति मिर्धा, दोनों राजस्थान के दिग्गज जाट नेता और 5 बार सांसद रहे नाथूराम मिर्धा की पौत्री हैं। हालांकि दीपेंद्र हुड्डा और श्वेता का वैवाहिक रिश्ता लंबे वक्त तक नहीं चला और दीपेंद्र ने गीता ग्रेवाल से दूसरी शादी कर ली।

हनुमान बेनीवाल को करेंगे सपोर्ट

नागौर के अलावा सीकर और झुंझुनूं में जाट मतदाताओं की बहुलता के चलते हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा की सभाएं करने की डिमांड बढ़ रही है। दीपेंद्र हुड्डा हालांकि भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा के नजदीकी रिश्तेदार हैं, लेकिन वे गठबंधन प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल के समर्थन में जनसभा करते नजर आएंगे। दिलचस्प बात ये भी है कि स्टार प्रचारकों के दौरे में जातिगत समीकरणों का ध्यान रखा जा रहा है।

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तीसरी बार हो रहा आमना-सामना
ज्योति मिर्धा और बेनीवाल तीसरी बार आमने-सामने हो रहे हैं। इससे पहले 2014 और 2019 में भी दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा है। ठीक 5 साल बाद चेहरे नहीं बदले हैं, लेकिन समीकरण बदल चुके हैं। जहां 2019 में ज्योति मिर्धा कांग्रेस की प्रत्याशी थीं, तो वहीं हनुमान बेनीवाल ने उनके खिलाफ चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। तब बेनीवाल को भाजपा का समर्थन था। इस बार की परिस्थिति में बेनीवाल कांग्रेस के समर्थन से चुनावी मैदान में हैं, तो वहीं ज्योति मिर्धा भाजपा टिकट से प्रत्याशी है।

जाट बाहुल्य है नागौर लोकसभा सीट
नागौर परंपरागत रूप से जाट राजनीति का प्रमुख गढ़ माना जाता है। नागौर के जातीय समीकरण पर नजर डालें तो नागौर में जाट बहुसंख्यक हैं। मुस्लिम मतदाताओं की आबादी दूसरे स्थान पर बताई जाती है। इसके अलावा राजपूत, एससी और मूल ओबीसी वोटर भी अच्छी संख्या में हैं। नागौर लोकसभा सीट पर लंबे समय तक मिर्धा परिवार का दबदबा रहा है। नागौर से सबसे ज्यादा बार सांसद बनने का रिकॉर्ड नाथूराम मिर्धा के नाम है, जो छह बार नागौर से जीते थे। नाथूराम मिर्धा परिवार जाट समुदाय से है।



जयपुर. प्रवासी युवाओं ने कहा, लोकसभा चुनाव के बाद केन्द्र में जो भी सरकार आए पढ़ाई का स्तर सुधारकर रिसर्च बढ़ाने, रोजगार को तनावरहित बनाने और युवाओं को अवसाद आदि से बचाने के लिए प्राथमिकता से कार्य करे। उन्होंने मतदान अवश्य करने की अपील करते हुए कहा, वे भारत में होते तो अवश्य वोट डालते, सरकार उन्हें भी दोहरी नागरिकता और विदेश में ही वोट का अधिकार दे। पत्रिका के ईवीएम यानी 'Every Vote Matters' अभियान के अंतर्गत मतदाता जागरूकता के लिए आयोजित संवाद में रविवार को प्रवासी युवा यूनाइटेड किंगडम के लंदन, ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न, जर्मनी के हाइडलबर्ग, संयुक्त अरब अमीरात के दुबई जैसे शहरों से वर्चुअल माध्यम से जुड़े। आस्ट्रेलिया से अभिषेक भार्गव ने कहा कि भारत सरकार अच्छे संस्थानों में कम खर्च पर पढ़ाई के अवसर बढ़ाए, ताकि ज्यादा युवाओं को अच्छी शिक्षा मिले और उन्हें जॉब के अवसर भी मिल सकें। लंदन में सिविल सेवा की अधिकारी नीहारिका चौधरी ने कहा कि जब युवा विदेश में पढ़ने जाते हैं तो उनसे अपने साथ पैसा लाने पर सरकार 20 प्रतिशत टैक्स लेती है, यह परिजनों पर आर्थिक बोझ बढ़ाता है। मतदाताओं से यही अपील है कि वोट डालने अवश्य जाएं। मेलबर्न से जुड़े निखिल ने कहा कि भारत की शिक्षा में रिसर्च पर जोर नहीं है। आईआईटी जैसे संस्थानों में पढ़ने वाले बाहर चले जाते हैं। आस्ट्रेलिया की आबादी दिल्ली से कम है, पर यहां नवाचार को प्रोत्साहित किया जाता है। लोकसभा चुनाव के बाद आने वाली सरकार प्रवासियों को दोहरी नागरिकता दे और ऑनलाइन वोटिंग का अधिकार भी दिया जाए। हाइडलबर्ग से रमेश चाहर ने कहा कि जर्मनी में प्लम्बर का भी उतना ही सम्मान है, जितना दूसरा काम करने वालों का। आने वाली सरकार सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कार्य करे। लोग भारत से बाहर जॉब करना इसलिए पसंद करते हैं, क्योंकि उनके काम के दौरान तनाव का माहौल नहीं होता। दुबई से रिद्धमा पुरोहित ने कहा कि कोविड के समय भारत में बात होती थी, तो पता चला कि पढ़ाई के दौरान काफी तनाव झेलना पड़ रहा था। आने वाली सरकार को लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर ज्यादा काम करना चाहिए, अभी कोटा में युवा आत्महत्या कर रहे हैं जो चिंताजनक है। लंदन में वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में कार्यरत शिवी सिंह ने कहा कि भारत की कंपनियां विदेश में अध्ययन करने वालों का कैम्पस प्लेसमेंट करें, ताकि प्रवासी भारत में आकर जॉब कर सकें और उन्हें वतन वापसी का मौका मिले। आस्ट्रेलिया से स्नेहा ने कहा कि आज भारत में आर्किटेक्चर जैसे पाठ्यक्रमों के लिए गिने चुने ही अच्छे संस्थान हैं, जिनमें टॉपर्स को ही दाखिला मिलता है। अन्य युवा भी अच्छे संस्थानों में पढ़ सकें, इसके लिए सरकार ध्यान दे।

New Nanosensor Detects Inflammation for Faster Disease Detection : जोधपुर के भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (आईआईटी) के शोधकर्ताओं ने एक नया नैनोसेंसर बनाया है। यह शरीर में सूजन पैदा करने वाले साइटोकाइन नामक प्रोटीन की जांच करता है. इस सेंसर से 30 मिनट में ही बीमारी का पता लगाया जा सकता है और यह भी बताया जा सकता है कि बीमारी किस अवस्था में है.

नया नैनोसेंसर ज्यादा तेज़ और कम खर्चीला है

आजकल बीमारी पता लगाने के लिए एलआईएसए और पीसीआर टेस्ट होते हैं, लेकिन इनमें बहुत समय लगता है (6 घंटे से ज्यादा) और इन्हें करने के लिए खास ट्रेनिंग भी जरूरी होती है. नया नैनोसेंसर इन टेस्ट से कहीं ज्यादा तेज़ और कम खर्चीला है.

यह सेंसर सूक्ष्म मात्रा में पाए जाने वाले पदार्थों को भी आसानी से पहचान सकता है. इसका इस्तेमाल मल्टीपल स्केलेरोसिस, डायबिटीज़ और अल्जाइमर जैसी बीमारियों का इलाज करने वाली दवाइयां बनाने में भी किया जा सकता है.

यह टेक्नोलॉजी अभी विकास की अवस्था में है, लेकिन अब तक इंटरल्यूकिन-6 (IL-6), इंटरल्यूकिन-बीटा (IL-beta), और टीएनएफ-अल्फा नामक सूजन पैदा करने वाले तीन पदार्थों का पता लगाने में काफी सफल रही है.

अभी तक इस सेंसर का इस्तेमाल सिर्फ नियंत्रित परिस्थिति में किया गया है, लेकिन जल्द ही इसे क्लिनिकल ट्रायल (मानव परीक्षण) में इस्तेमाल किया जाएगा. इस तकनीक का इस्तेमाल सेप्सिस और फंगल इंफेक्शन जैसी बीमारियों का जल्दी पता लगाने के लिए भी किया जा सकता है.

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जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में आईपीएल मैच के दौरान सिरोही जिले की एक आदिवासी महिला आकर्षण का केन्द्र रही। मैच के टॉस से पूर्व राजस्थान रॉयल्स टीम के कप्तान संजू सैमसन को सिरोही जिले के आबूरोड निचलागढ गांव की आदिवासी महिला थावरी देवी ने सोलर लैम्प भेंट किया। जबकि राजस्थान रॉयल्स के तेज गेंदबाज कुलदीप सेन ने थावरी देवी को अपने हस्ताक्षर के साथ बॉल भेंट की। अपने गांव में सोलर इंजीनियर के रूप में पहचान रखने वाली थावरी देवी पत्नी भारमाराम गरासिया गांव के कई घरों को विद्युतीकृत करने का कार्य कर रही है। इसके साथ ही गांव में सोलर ऊर्जा के उपयोग को लेकर भी ग्रामीणों को जागरूक कर अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत बनी है। थावरी देवी एक संस्थान से सोलर सिस्टम पर नवाचार का कार्य कर रही है।

किशनगढ़ में लिया था 5 माह का प्रशिक्षण
थावरी देवी के साथ गांव की ही केसरी बाई ने कुछ माह पूर्व किशनगढ़ के सिविल सोसायटी बेयरफुट कॉलेज इंटरनेशनल हरमाड़ा में टॉर्च, लालटेन, होम लाइटिंग सिस्टम जैसे सौर उपकरण बनाने का पांच माह का व्यावहारिक प्रशिक्षण लिया था। रॉयल राजस्थान फाउंडेशन की ओर से करवाए गए इस प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान को थावरी देवी व केसरी बाई ने अपने गांव लौटकर गांव की अन्य महिलाओं को कार्यशाला के माध्यम से बांटकर उपकरण बनाने व उनकी मरम्मत का कार्य शुरू किया।
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गृहिणी से बनी सोलर इंजीनियर, गांव में प्रेरणा स्रोत

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घर का घरेलू कामकाज करने वाली दोनों महिलाओं ने गृहिणी से चेंजमेकर बनने का सफर तय कर गांव की अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत बनने का काम कर रही है। दोनों महिलाओं ने शुरुआत में 100 घरों को सौर ऊर्जा से विद्युतीकृत करने व आगे पूरे गांव को विद्युतीकृत करने का लक्ष्य लेकर कार्य शुरू किया है।

आदिशक्ति की उपासना का पर्व चैत्र नवरात्र की शुरुआत विशेष योग संयोगों में मंगलवार से होगी। इसके साथ ही हिन्दू नवसंवत्सर-2081 की शुरुआत भी होगी। अगले नौ दिन देवी उपासना के लिए खास रहेंगे। कालयुक्त संवत्सर रेवती-अश्विनी नक्षत्र, वैधृति योग, सर्वार्थसिद्धि, कुमार योग, अमृतसिद्धि योग में शुरू होगा। मुख्य मार्ग, चौराहे भगवा पताका से सजे नजर आएंगे। मंदिरों में आज सुबह शंख-घंटा, घडियाल बजाकर महाआरती की जाएगी। ठाकुर जी का अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण कराकर नवीन पंचांग पढ़कर सुनाया जाएगा।

आमेर रोड शिला माता मंदिर, स्थित मनसा माता मंदिर, दुर्गामाता मंदिर, कालक्या माता मंदिर, राजपार्क वैष्णोदेवी माता मंदिर सहित अन्य मंदिरों में कई कार्यक्रम होंगे। खरीददारी के चलते बाजार में ग्राहकों की रौनक दिखने के साथ ही धनवर्षा होगी। वाहन, प्रापर्टी सहित नवीन कार्य शुरू करने के लिए नौ दिन बेहतर रहेंगे।


50 मिनट का सबसे सर्वश्रेष्ठ घटस्थापना का मुहूर्त
घटस्थापना का सर्वश्रेष्ठ मुहुर्त अभिजीत समय में 12.04 बजे से 12.54 बजे मिनट तक रहेगा। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी। देवी का आगमन अश्व पर होगा, प्रस्थान हाथी पर होगा। ज्योतिषाचार्य पं.घनश्याम लाल स्वर्णकार ने बताया कि यह नवरात्र सभी जातकों के लिए सिद्धिदायक रहेगा। खरीदारी के लिए पूरे नो दिन शुभ योग रहेंगे। आमेर स्थित शिला माता मंदिर में पुजारी बनवारी लाल शर्मा के सान्निध्य में दोपहर 12.05 बजे अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना होगी। दर्शन का समय सुबह 6:00 से 12:30 बजे तक ओर शाम को 4:00 से 8:30 बजे तक रहेगा।

IIT Patna: 12वीं पास छात्रों के लिए काम की खबर है। आईआईटी पटना ने तीन साल के हाईब्रिड ऑनलाइन अंडरग्रेजुएट कोर्सेज बीबीए, बीएससी (ऑनर्स) कंप्यूटर साइंस एवं डेटा एनालिटिक्स के लिए आवेदन मांगे हैं।

नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखकर आईआईटी ने शुरू किया कोर्स (IIT Patna Courses)


IIT पटना में रजिस्ट्रेशन के लिए अंतिम तारीख 15 अप्रैल है। आईआईटी पटना (IIT Patna) के अनुसार, इन जॉब ऑरियंटेड कोर्स को 12वीं पास छात्रों के लिए डिजाइन किया गया है। छात्रों का चयन जेईई मेन स्कोर(JEE Main), सीयूईटी (CUET UG), SAT (US) KVPY, स्टेट लेवल एंट्रेंस टेस्ट और IIIP-SAT स्कोर के आधार पर होगा। नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत इन कार्यक्रम को शुरू किया गया है।


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बीबीए, बीएससी कोर्स की फीस (IIT Patna Fees)

आईआईटी पटना की ओर से बीबीए (BBA Course) की फीस करीब 50 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर तय की गई है। वहीं बीएससी (ऑनर्स) कंप्यूटर साइंस की फीस करीब 40 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर निर्धारित की गई है।

योग्यता (IIT Patna Eligibility)


बीएससी (ऑनर्स) कंप्यूटर साइंस एवं डेटा एनालिटिक्स कोर्स में दाखिला पाने के लिए उम्मीदवार का 12वीं में साइंस विषय से पास होना जरूरी है। वहीं बीबीए में किसी भी स्ट्रीम के छात्र दाखिला ले सकते हैं। साथ में जेईई मेन/एडवांस, नीट, सीयूईटी, BITSAT स्कोर कार्ड होना चाहिए या KVPY/NTSE/INSPIRE स्कॉलरशिप होल्डर्स होना चाहिए। इसके अलावा , US (SAT-I/SAT-II), UK(BMAT) या IITP-SAT पास होना चाहिए। योग्यता संबंधित अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

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Lok Sabha Elections 2024 : बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर काफी सोच विचार के बाद आखिरकार कांग्रेस ने यह घोषणा की कि अब वह इस लोकसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ेगी। राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कांग्रेस और BAP के गठबंधन की घोषणा की है। रंधावा ने लिखा, कांग्रेस बांसवाड़ा लोकसभा और बागीदौरा विधानसभा सीट पर उप चुनाव में भारतीय आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी का समर्थन करेगी। कांग्रेस के इस एलान के बाद बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर एक नया इतिहास बन गया। राजस्थान के इस लोकसभा सीट पर 72 साल में पहली बार कांग्रेस चुनाव नहीं लड़ेगी। यह क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा है। अब इस सीट पर भाजपा और बीएपी में सीधा मुकाबला होगा।

आज 8 अप्रैल को दूसरे चरण के नामांकन की वापसी का अंतिम दिन था। कांग्रेस की घोषणा के बाद आज बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट के प्रत्याशी अरविंद डामोर को अपना नामांकन वापस लेना था। पर 3 बजे तक नामांकन वापसी कोई सूचना नहीं है। बताया जा रहा है कांग्रेस प्रत्याशी सुबह से गुम हैं। अभी अभी सूचना के अनुसार अरविंद सिंह डामोर को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया है।


कांग्रेस के दिग्गज नेता परेशान



राजस्थान की बासंवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर नामांकन वापसी के आखिरी दिन के आखिरी समय तक अरविंद डामोर का इंतजार रहा पर अभी तक की सूचना के अनुसार उन्होंने अपना पर्चा वापस नहीं लिया है। चर्चा में है कि जब से कांग्रेस ने समर्थन की घोषणा की है तब से कांग्रेस प्रत्याशी लापता हैं। ढूंढ़ने पर भी कोई पता नहीं चल रहा है। बताया जा रहा है कि फोन देर रात से स्विच ऑफ़ बता रहा है। कांग्रेस के दिग्गज नेता परेशान है।

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बागीदौरा विधानसभा उप-चुनाव का प्रत्याशी भी है गायब



वहीं एक और रोचक बात यह है कि कांग्रेस ने बागीदौरा विधानसभा सीट पर उप-चुनाव के प्रत्याशी के नाम वापसी का भी एलान किया है और भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) को समर्थन दिया है। इस घोषणा के बाद से ही इस सीट पर घोषित कांग्रेस प्रत्याशी कमल कांत कटारा भी गायब हैं। कांग्रेस के अचानक लिए इस फैसले पर बांसवाड़ा और डूंगरपुर दोनों जिलों के कांग्रेस नेता सकते में हैं।

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Career Options After 12th In Commerce: 12वीं की पढ़ाई के बाद छात्रों के मन में भविष्य को लेकर कई सवाल आते हैं। उनके मन में सबसे बड़ी दुविधा यह होती है कि 12वीं के बाद कौन से विषय का विकल्प चुनें, जिससे उनका करियर बन सके। कई छात्र कंफ्यूजन में रहते हैं कि वो 12वीं के बाद अगर अपने मन का विषय चुनते हैं तो किस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। ऐसा ही कंफ्यूजन कॉमर्स स्ट्रीम चुनने वालों को भी होता है। ऐसे में कॉमर्स विषय को ध्यान में रखकर हम कुछ कोर्स (Career Courses After 12th) बताने जा रहे हैं, जिसमें आप अपना करियर बना सकते हैं।

12वीं में कॉमर्स लिया है तो कौन सा कोर्स करें (Career Courses In Commerce)


12वीं में अगर आपने कॉमर्स विषय चुना है तो आप बीकॉम, बीबीए, सीए, सीएस, आईसीडब्लूए कोर्स में अपना करियर बना सकते हैं। इसके अलावा आप बैंक की तैयारी कर सकते हैं और साथ ही इनकम टैक्स (Income Tax Ki Padhai) की पढ़ाई भी कर सकते हैं। एसएससी/सीजीएल (SSC/CGL) के माध्यम से इनकम टैक्स ऑफिसर बना जा सकता है।


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आज के समय में कॉमर्स (Commerce Related Courses) की पढ़ाई को भी साइंस की तरह महत्व दिया जा रहा है। कॉमर्स की पढ़ाई में छात्रों को मार्केटिंग स्किल के बारे में बताया जाता है। साथ ही उन्हें व्यवसाय अध्ययन, अर्थशास्त्र, लेखा, अर्थशास्त्र के बारे में भी जानकारी दी जाती है।


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बीबीए कोर्स के फायदे (BBA Karne Ke Fayde)

  • बिजनेस प्रबंधन के बारे में सीखते हैं
  • व्यापार कौशल और नवाचार सीखाता है
  • खुद का बिजनेस खोलने में मिलेगी मदद
  • कॉर्पोरेट गतिविधियां सीखने में मिलेगी मदद
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सावधानी व सुरक्षा के उपाय अपनाएं
भूकंप से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए सावधानी व सुरक्षा ही एकमात्र उपाय है। सुरक्षा के लिए बिजली के तारों, रैंपों,पुलों,बिल्डिंगों,पेड़ों आदि से दूर रहकर खुले में रहें। गाड़ी न चलाएं। मकानों में आई दरारों,बिजली उपकरणों, गैस ,खराब पलस्तर आदि को समय पर सही कराएं। मौसम चेतावनियों पर विश्वास रखें।
—शिवजी लाल मीना, जयपुर
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भूकंप से बचने के लिए हो प्रशिक्षण
जिन स्थानों पर अधिक भूकंप आते हों, वहां भूकंप से बचने के लिए लोगों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाए। हाल ही में ताइवान में भूकंप आया था, जिसमें जनहानि बहुत कम हुई। ताइवान एक उदाहरण हैं कि बच्चों को विद्यालय में भूकंप से बचाव का प्रशिक्षण दिया गया। नई तकनीक से भूकम्प का पूर्वानुमान लगाकर भूकंप से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है
—शुभम वैष्णव, सवाई माधोपुर, राजस्थान
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प्रभावी आपातकालीन योजना हो
भूकंप के प्रभाव को कम करने के लिये आपातकालीन योजना महत्त्वपूर्ण है। इसमें निकासी योजना विकसित करना, आपातकालीन आश्रयों की स्थापना और भूकंप का सामना करने के तरीके पर कर्मियों को प्रशिक्षित करना शामिल है।
—राहुल कुमार पालीवाल, राजसमंद
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खुले स्थान पर पहुंचें
भूकंप संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अपने भवनों के निर्माण में मजबूत संरचनाओं को शामिल करना चाहिए। भूकंप आने पर सर्वप्रथम अपने सिर को बचाएं। अगर आप घर से बाहर है तो किसी खुली जगह पर जाने की कोशिश करें।
-ज्योति अभिषेक शर्मा, जयपुर
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भूकंप अवरोधी मकानों का निर्माण हो
देश में कई स्थानों पर भूकंप के खतरे मौजूद है। कई जगह इनकी आवृत्ति बढ़ गई है। इसके लिए भूकंप अवरोधी आवासों का निर्माण हो, आधुनिक तकनीकी के इस्तेमाल से भूकंप की चेतावनी मिल सके। बहुमंजिला भवनों में भूकंप अवरोधी, खतरे के समय आपातकाल निकासी मार्ग, डबल सीढ़ियां, पर्याप्त मात्रा में बहुमंजिली भवनों के मध्य खुली जगहों की कमी आपातकाल में बचाव में अवरोध बन जाता है।
— हरिप्रसाद चौरसिया, देवास, मध्यप्रदेश
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बड़े बांधों के निर्माण को टाला जाना चाहिए
भूकंप का पूर्वानुमान लगाना संभव नहीं है। लेकिन कुछ एहतियात के उपायों को अपना कर इसकी विभीषिका को काम किया जा सकता है। इसमें भूकंप रोधी तकनीक से भवनों का निर्माण सबसे महत्वपूर्ण है। साथ ही आपदा प्रबंधन के गुर लोगों को सिखा कर, आपातकालीन संसाधनों का प्रयोग करके, भारी भरकम विस्फोट से परहेज कर के एवं बड़े बांधों के निर्माण को हतोत्साहित करके भी भूकंप आने की संभावनाओं को कम किया जा सकता है।
— ललित महालकरी, इंदौर
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प्रकृति से छेडछाड बंद हो
भूकम्प एक प्राकृतिक आपदा है इसे रोका नहीं जा सकता। प्रकृति से छेड़छाड़ बंद कर इसे कुछ हद तक कम किया जा सकता है । संवेदनशील क्षेत्रों में बहुमंजिला इमारतों के निर्माण पर प्रतिबंध और भूकम्प रोधी मकानों का निर्माण किया जाए। भूकम्प आने का पूर्वानुमान लगाने वाले सैंसर को अधिक उन्नत बनाने और अनुसंधान की आवश्यकता है
— संजय डागा, हातोद

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सतर्कता जरूरी है
भूकम्प के प्रति सतर्कता रखना आवश्यक है। तभी इसके नुकसान से बचा जा सकता है। भूकम्प के प्रति संवेदनशील स्थानों पर अधिक सतर्कता बरतनी जरूरी है।
– प्रियव्रत चारण, जोधपुर
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weather update : राजस्थान में अप्रैल का दूसरा सप्ताह शुरू हो चुका है। कुछ जिलों में गर्मी अपने शबाब पर है तो कुछ जिलों में मौसम लगातार बदल रहा है। मौसम विभाग के नए अलर्ट के अनुसार 9 अप्रैल से पूर्वी हवाओं के प्रभाव से पूर्व व दक्षिणी-पूर्व राजस्थान में कहीं-कहीं मेघ गर्जन, बारिश की गतिविधियों होने की संभावना है। आंधी-बारिश की गतिविधियां 11-12 अप्रैल को भी कहीं-कहीं जारी रहने की संभावना है। पर 13 अप्रैल से राजस्थान में एक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना बलवती है। जिसके प्रभाव से प्रदेश के कुछ जिलों में आंधी-बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी। साथ ही अधिकतम तापमान में एक बार फिर 2-3 डिग्री सेल्सियस गिरावट दर्ज होने की संभावना है। बीते 24 घंटों में राजस्थान के अधिकांश भागों में अधिकतम तापमान में 1-2 डिग्री बढ़ोतरी दर्ज हुई है। सर्वाधिक अधिकतम तापमान फलोदी में 40.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। आगामी 72 घंटों में 2-3 डिग्री बढ़ोतरी होने की संभावना है।

जोधपुर संभाग में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस

मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार वर्तमान में जोधपुर संभाग के कुछ भागों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर दर्ज किया जा रहा है। आगामी 72 घंटे में अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस बढ़ोतरी होने की संभावना है। इस दौरान जोधपुर-बीकानेर संभाग में कहीं-कहीं अधिकतम तापमान 42-43 डिग्री सेल्सियस (सामान्य से 3-4 डिग्री ऊपर) दर्ज होने तथा शेष अधिकतर भागों में 39-41 डिग्री दर्ज होने की संभावना है।

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जयपुर में 9 अप्रेल को कैसा रहेगा मौसम जानें

मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार जयपुर में आज 8 अप्रेल को मौसम गरम है। आज अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। पर मौसम विज्ञानियों के अनुसार सोमवार 9 अप्रेल को आकाश बादल छाए रहेंगे।

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लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के नामांकन वापसी के अंतिम दिन सोमवार को राजस्थान की बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर बड़ा रोचक घटनाक्रम देखने को मिला। कांग्रेस ने रविवार रात को बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के लिए छोड़ने का फैसला किया था। इसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद डामोर को अपना नामांकन वापस लेना था, लेकिन अरविंद डामोर ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया। इसके बाद कांग्रेस ने बड़ा एक्शन लेते हुए अरविंद डामोर को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।

बता दें कि कांग्रेस ने रविवार को बासंवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट और बागीदौरा विधानसभा सीट पर उप-चुनाव के प्रत्याशी के नाम वापसी का ऐलान कर भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) को समर्थन देने का ऐलान किया था। इसके बाद से ही दोनों प्रत्याशी अचानक और रहस्यमयी ढंग से गायब हो गए। दोनों प्रत्याशी कहां 'लापता' हो गए किसी को कोई खबर नहीं लगी। लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद डामोर का फोन देर रात से स्विच ऑफ बता रहा है।

'लापता' प्रत्याशी का मैसेज
लोकसभा चुनाव के लिए घोषित कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद डामोर भले ही व्यक्तिगत रूप से देर रात से लापता हैं, लेकिन उन्होंने वर्चुअल रूप से एक संदेश ज़रूर जारी किया है। डामोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लिखा, 'कांग्रेस की आस भरोसा, आत्मसम्मान जिंदा रखने की लड़ाई है। लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। हमारे नेता राहुल गांधी के न्याय यात्रा की लड़ाई है। लड़ेंगे और जीतेंगे।'

बांसवाड़ा सीट पर रोचक हुआ चुनाव
इस घटनाक्रम के बाद अब बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर चुनाव रोचक हो गया है। कांग्रेस भले ही अपने उम्मीदवार का प्रचार न करे, लेकिन उसका प्रत्याशी मैदान में रहेगा। इस वजह से इस सीट पर भाजपा के महेंद्रजीत सिंह मालवीया, बीएपी के राजकुमार रोत और कांग्रेस के अरविंद डामोर के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होगा।

राजाओं की धरती कहा जाने वाला राजस्थान खुद में भी बेहद अनोखा है। हमारा प्यारा - सा राजस्थान जहां कुछ जगहों के नाम बेहद निराले हैं। अगर आपको हम इन जगहों के नाम बताएंगे तो यकीन मानिए आपकी हंसी नहीं रुकेगी। खास बात तो यह है कि इन जगहों का नाम लेने से लोग खुद में शरमा जाते हैं। यहां हम आपको राजस्थान के कुछ ऐसे ही गांव, ढाणी, व रेलवे स्टेशन से रू-ब-रू करा रहे हैं।

 

 

 

1. झूठों की ढाणी- पुष्कर के गनाहेड़ा में स्थित "झूठों की ढाणी" नामक ढाणी का नाम लेते हुए यहां रहने वाले लोगों को लोग हंसी मजाक में झूठा कह देते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि यहां कई लोगों के झूठों का खुलासा हुआ होगा जिसके बाद यहां का नाम "झूठों की ढाणी" पड़ा। हालांकि असली वजह कोई नहीं जानता।

 

2. "रेल" गांव- करेड़ा क्षेत्र में एक गांव का नाम ही "रेल" है।

 

 

3. "रंगीली" और "मेहंदी" गांव- गंगापुर का "रंगीली" और "मेहंदी" नामक गांव।

 

 

4. पापड़बड़ा - बिजौलिया में स्थित गांव पापड़बड़ा, लोग अकसर गांव के लोगों को इस नाम से चिढ़ाते हैं।

 


5. "छछूंदरा" ग्राम पंचायत - अजमेर के मसूदा में स्थित छछूंदरा ग्राम पंचायत जिसका नाम लेने भर से लोग हसंने लगते हैं। ये बताने में कि "मैं छछूंदरा से हूं", लोग शरमा जाते हैं।

 

 

 

 

रेलवे स्टेशन के नाम भी अजब-गजब

 

 


राजस्थान में कई ऐसे अजब-गजब नाम वाले रेलवे स्टेशन हैं कि अगर कोई व्यक्ति इन स्टेशनों से गुजरता है तो इनके फोटो जरूर क्लीक करता है। इनमें जोधपुर का "साली" रेलवे स्टेशन, जो अजमेर से करीब 53 किमी दूर है। उदयपुर के पास स्थित "नाना" नामक रेलवे स्टेशन जो सिरोही पिंडवारा में स्थित है।

 

 

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Gangaur Utsav Jaipur : गणगौर उत्सव के लिए जयपुर विश्वभर में विख्यात है। उत्सव के तहत 11 अप्रैल को गणगौर की सवारी एवं 12 अप्रैल को बूढ़ी गणगौर की सवारी शाम 6 बजे जनानी डयोढ़ी सिटी पैलेस से रवाना होकर त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़, गणगौरी बाजार होती हुई पालका बाग पहुंचेगी। जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि गणगौर की सवारी को देखने के लिए देश-विदेश से सैलानी जयपुर पहुंचते हैं। अतः दर्शकों की सुरक्षा एवं उत्सव में जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। आयुक्त नगर निगम हैरिटेज को सवारी मार्ग पर सफाई, पेयजल व्यवस्था, रोशनी की व्यवस्था, पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था, अग्निशमन वाहन मय आवश्यक उपकरण एवं स्टाफ तैनात करवाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

सांप्रदायिक सौहार्द व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश

पुलिस उपायुक्त, जयपुर उत्तर को सवारी के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द, सुरक्षा, कानून एवं शांति व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, वहीं, पुलिस उपायुक्त, जयपुर यातायात को सवारी के दौरान यातायात की माकूल व्यवस्था करने एवं समुचित मात्रा में यातायात पुलिसकर्मियों को तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं।

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विदेशी पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था

पर्यटन विभाग के अधिकारियों को विदेशी पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था करने, नगर निगम व सार्वजनिक विभाग से समन्वय रखते हुए सवारी के मार्ग में बेरिकेडिंग करवाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, अधीक्षण अभियंता, जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, जयपुर को सवारी मार्ग में विद्युत तारों को दुरुस्त करवाने के निर्देश दिए हैं।

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जनकपुरी में जैनधर्म के 18वें तीर्थंकर अर नाथ भगवान का वरदान दिवस के रूप में मोक्ष कल्याणक मनाया गया। जनकपुरी ज्योतिनगर जैन मन्दिर में सोमवार को भगवान के श्री चरणों में अपने समस्त दुखों की निर्वृत्ति हेतु अर्थात निर्वाण की भावना के साथ अठारहवे तीर्थंकर भगवान श्री 1008 अर नाथ के मोक्ष कल्याण पर निर्वाण लाडू समर्पित किया गया। प्रबंध समिति के अध्यक्ष पदम जैन बिलाला ने बताया कि भगवान अरनाथ का जन्म कुरुक्षेत्र के हस्तिनापुर में हुआ था। इस राज्य के महाराजा सुदर्शन उनके पिता थे और महारानी श्रीदेवी, जिन्हें महादेवी भी कहा गया है, इनकी माता थीं। इनका चिन्ह मीन है तथा इनका निर्वाण ,नाटक कूट से सम्मेद शिखर पर हुआ था।मन्दिर में अभिषेक वृहत शान्तिधारा व पूजन के बाद आचार्य समंतभद्र गाथा का तथा निर्वाण काण्ड का वाचन किया गया। इसके बाद भगवान के मोक्ष कल्याण का अर्घ बोलते हुए जयकारो के साथ देवेंद्र मीना कासलीवाल परिवार द्वारा 18 किलो का लाडु मय श्रीफल व दीपक के उपस्थित श्रावकों के साथ चढ़ाया गया ।

भारत विकास परिषद राजस्थान उत्तर पूर्व प्रांत की, नव निर्वाचित प्रांतीय कार्यकारिणी 24-25 का दायित्व ग्रहण समारोह का अयोजन भारत विकास परिषद रीजन भवन, जय सिंहपुरा जयपुर में किया गया। जिसमें राजीव शरण सक्सेना को प्रांतीय अध्यक्ष व रणवीर सिंह त्यागी को प्रांतीय महासचिव एवं कार्यकारिणी के अन्य सदस्यों को भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय प्रोजेक्ट चेयरमैन मुकन सिंह राठौड़ द्वारा दायित्व ग्रहण कराया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय संघचालक डॉ. रमेश अग्रवाल ,भारत विकास परिषद के संगठन सचिव विक्रांत खंडेलवाल एवं रीजन संरक्षक डॉ कृष्ण कुमार गुप्ता उपस्थित रहें। अपने उद्बोधन में डॉ रमेश अग्रवाल ने सामाजिक समरसता के माध्यम से समाज में परिवर्तन लाने,कुटुंब प्रबोधन के माध्यम से परिवार व्यवस्था को मजबूत करने पर जोर दिया एवं पर्यावरण संरक्षण पर अपने विचार रखें। संगठन सचिव विक्रांत खंडेलवाल ने अहंकार रहित निस्वार्थ सेवा को ही सच्ची सेवा बताया। उन्होंने भारतीय संविधान में नागरिकों के मूल अधिकारों की चर्चा करते हुए कहा कि नागरिकों को अपने कर्तव्य के बारे में भी जागरूक होना चाहिए। कार्यक्रम में शाखा विस्तार,सदस्यता विस्तार एवं आगामी योजनाओं के बारे में भी चर्चा की गई।

NEET UG Exams Tips & Tricks: नीट यूजी परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवार के पास अब एक महीने से भी कम का समय बचा है। ऐसे में सभी छात्र अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। छात्रों के लिए ये समय बहुत महत्वपूर्ण है। इस समय वे मुख्यत: रिवीजन पर ध्यान दे रहे हैं। हालांकि, कुछ ऐसे छात्र भी हैं जो अपनी तैयारियों को लेकर कंफ्यूज हैं कि कम-से-कम समय में किस प्रकार से तैयारी की जाए। अगर आप भी परेशान हैं तो हम आपको बताएंगे नीट यूजी परीक्षा (NEET UG Exams Tips & Tricks) की तैयारी के लिए कुछ टिप्स एंड ट्रिक।

एनसीईआरटी की किताबों को देखें (NCERT Revision For NEET UG Exam 2024)


इस समय ज्यादा-से-ज्यादा NCERT की किताबों को देखें। एनसीईआरटी की पुस्तकों में दिए डायग्राम, फ्लोचार्ट को जरूर देखें। साथ ही कोर विषय जैसे कि बायोलॉजी को प्राथमिकता दें।

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हर विषय के लिए समय निर्धारित करें (NEET UG Exam Tips And Tricks)

हर विषय के लिए समय बांट लें और जितने दिन बचे हुए हैं, उन्हें कुछ इस प्रकार बांट लें कि सभी विषय कवर हो जाएं। कोई भी विषय या टॉपिक को छोड़ें नहीं। ये ट्रिक (Exam Tips and Tricks) आपके काम आएगी।

मॉक टेस्ट और रिवीजन को समय दें


नीट यूजी परीक्षा (NEET UG 2024) का समय नजदीक है। ऐसे में अधिकतम समय रिवीजन और मॉक टेस्ट को दें। क्वैश्चन बैंक से हर टॉपिक के 40-50 सवाल तैयार करें। कुछ भी नया शुरू न करें, इससे आपका समय बर्बाद होगा।

कमियों को पहचानें


नीट परीक्षा की तैयारी के दौरान यह भी देखें कि आप कहां-कहां गलतियां कर रहे हैं। अपनी कमियों और मजबूती को पहचानें और उसी हिसाब से तैयारी को आगे बढ़ाएं। एक छात्र को पता होना चाहिए कि वो किस विषय और टॉपिक में कमजोर है और उसकी ताकत क्या है।


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फोकस करें (Focus On Your Goals)


अब परीक्षा में बहुत कम समय बचा है इसलिए लगन के साथ तैयारी में जुट जाएं। कोई भी चीज जो आपका ध्यान भंग करे उससे दूरी बनाएं। केवल पढ़ाई और अपनी मानसिक और शरीरिक सेहत पर ध्यान दें।

भरपूर नींद लें और सेहत का ध्यान रखें (Exam Tips For NEET Students)


परीक्षा के समय मानसिक तनाव होना आम बात है। ऐसे में छात्रों को सलाह दी जाती है कि भरपूर नींद लें और एक्सरसाइज करें। साथ ही खाने-पीने का भी ध्यान रखें। इन दिनों गर्मी बहुत पड़ रही है। ऐसे में छात्रों को अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए।

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MPBDC Bharti 2024: ऐसे छात्र जिन्होंने इंजनीयरिंग की डिग्री प्राप्त की है और अब सरकारी नौकरी का वेट कर रहे हैं, उनके लिए काम की खबर है। मध्य प्रदेश बिल्डिंग डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने कुल 55 पदों पर भर्ती निकाली है। योग्य और इच्छुक उम्मीदवार जल्द अप्लाई करें।

मध्य प्रदेश बिल्डिंग डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने कुल 55 पर भर्ती निकाली है। यह पद असिस्टेंट मैनेजर के हैं। इस भर्ती के माध्यम से असिस्टेंट मैनेजर टेक्निकल और इलेक्ट्रिकल के कुल 55 पद भरे जाएंगे। आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन है। ऐसे में उम्मीदवार एमपीबीडीसी के आधिकारिक वेबसाइट mpbdc.mp.gov.in पर जाएं। यहां आपको इस भर्ती के संबंध में सभी जानकारी भी मिल जाएगी।

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आवेदन तारीख (Sarkari Naukri)

इस सरकारी नौकरी (Sarkari Naukri) के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 30 अप्रैल है। 40 पद असिस्टेंट मैनेजर टेक्निकल के हैं तो वहीं 15 असिस्टेंट इलेक्ट्रिकल मैनेजर के हैं।

योग्यता (Eligibility For MPBDC Bharti 2024)

उम्मीदवार के पास किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से बीटेक की डिग्री (Btech Degree) होनी चाहिए। साथ ही उनके गेट परीक्षा पास करना भी जरूरी है। यदि आपके पास ये डिग्री नहीं है तो आप इस पद के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। राहत की बात यह है कि इस सरकारी नौकरी (Sarkari Naukri) के लिए कोई परीक्षा पास करने की जरूरत नहीं है। केवल गेट स्कोर (Gate Score) के आधार पर चयन होगा।

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उम्र सीमा (Age Limit MPBDC Bharti 2024)

वहीं उम्र सीमा की बात करें तो उम्मीदवार की उम्र 21 से 35 साल के बीच निर्धारित की गई है। वहीं आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार को उम्र सीमा में छूट दी गई है। उम्र सीमा संबंधित अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। बता दें, चयन प्रक्रिया की पहली लिस्ट 5 जून को जारी की जाएगी। वहीं डॉक्यूमेंट्स वेरीफिकेशन 25 जून को किया जाएगा। चयनित उम्मीदवार को कुछ दिन प्रोबेशन पीरियड में रखा जाएगा।

सैलरी (Salary In Sarkari Naukri)

एमपीबीडीसी द्वारा निकाली भर्ती (MPBDC Bharti 2024) पर यदि किसी उम्मीदवार का सेलेक्शन होता है तो उसे 42,700 रुपये प्रति माह सैलरी के रूप में मिलेगी। हालांकि, ये सैलरी सिर्फ प्रोबेशन पीरियड के लिए तय की गई है। प्रोबेशन पीरियड के खत्म होने के बाद उम्मीदवार को 42,700 रुपये से लेकर 1,35,100 रुपये तक की सैलरी मिल सकती है।

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जयपुर से दौसा, सिकंदरा, बांदीकुई होते हुए करीब 115 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद सीधे अलवर लोकसभा क्षेत्र के राजगढ़ कस्बे में कदम रखा। थाने से कुछ कदम पहले ही चाय की दुकान पर पांच-छह लोगों को बैठे देखकर वाहन रोका। राजा भृर्तहरि की भूमि के इस चुनावी दंगल के बीच लोकसभा चुनाव की चर्चा छेड़ते ही इस बार मतदाता की उदासी की झलक साफ नजर आई।

लल्लूराम, रामजीलाल, मंगतूराम और कजोड़मल को तो कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी तक की जानकारी नहीं थी। क्षेत्र की समस्याओं पर चर्चा करते ही उन्होंने कहा कि इन कामों की परवाह किसे है ? सरपंच हो..विधायक हो या सांसद..। सब चुनाव के समय ही घूमते हैं। जीतने के बाद कोई जनप्रतिनिधि नहीं आता। राजगढ़ से अलवर की ओर चलने पर छोटूलाल ने कहा कि उनके यहां रोजगार के साधन ही नहीं है। कोई भी सरकार आए, इन मुद्दों पर बात करने वाला कोई है ही नहीं। यहीं उनके साथ बैठी सीमा ने कहा कि उनके घरों में एक बूंद पानी नहीं आता। चुनाव में बात कहते हैं मगर जीतने के बाद वो उनके..और हम हमारे जैसा माहौल हो जाता है। लोकसभा चुनाव में माहौल के लिए पूछने पर इन्होंने कहा कि इसका इंतजार मतदान के दिन तक करना होगा। अंतिम दिनों में इसी आधार पर वोट देंगे...उम्मीद इन्हें किसी से नहीं है। लक्ष्मणगढ़ विधानसभा के मालाखेड़ा कस्बे से तीन किलोमीटर आगे सड़क किनारे एक छोटी दुकान पर बैठे कलसाणा गांव के विजेन्द्र, हरिकिशन और शैलेन्द्र ने कहा कि गांवों में जाकर देखिये नाली भी साफ नहीं होती, सड़कें नहीं है। कोई गिरे...चाहे कुछ भी हो..सब वोट लेने ही आते हैं। फिलहाल किसे मतदान करना है, इसका मानस इन्होंने भी नहीं बनाया। किशनगढ़ बास उपखण्ड कार्यालल में खेरथल से आये लक्ष्मीनारायण, हरिकिशन, सरपंच प्रतिनिधि अशोक कुमार आदि ने बताया की आठ साल से पेयजल की समस्या का समाधान नहीं हुआ है। यहां ओवरब्रिज की जरूरत है। माहौल के बजाय स्थानीय राजनीति और जातिगत समीकरण का असर नजर आया। तिजारा में माहौल का चुनाव है।जनता में जोश नहीं है। इस चुनाव में विकास के मुद्दों की बात नहीं है लेकिन गाँवो की सड़कों, अस्पतालो में डॉक्टर्स, जांच और प्रसव सुविधाओं की कमी यहां है। भिवाड़ी में नगर परिषद की उठापटक का असर देखने में आया। हरियाणा की ओर से पानी रोकने, ओद्योगिक क्षेत्र में जल के शोधन, जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण और टोल के यहां मुद्दे हैं। अलवर शहर के गांधी चौक पर लोगों ने कहा की शहर के लोगों में मुद्दों की बात नहीं हो रही। लोग बोले ये बातें तो स्थानीय चुनाव में होती है, यह तो देश का चुनाव है, जो देश के मुद्दों पर ही लड़ा जाता है।

... रोचक रहेगा चुनावी दंगल

अलवर जिले में11 विधानसभा सीट हैं। जिसमें छह कांग्रेस और पांच भाजपा के पास है। अलवर लोकसभा सीट में कुल आठ विधानसभा सीट आती है। इनमें पांच पर कांग्रेस और तीन पर भाजपा का कब्जा है। शेष तीन सीटों में बानसूर सीट जयपुर ग्रामीण, कठूमर सीट भरतपुर और थानागाजी सीट दौसा लोकसभा क्षेत्र में आती है। विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो इस बार यहां चुनावी दंगल रोचक नजर आ सकता है। भाजपा से यहां केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव और कांग्रेस से मुंडावर विधायक ललित यादव चुनावी मैदान में है।

जूली, जितेन्द्र, संजय शर्मा की प्रतिष्ठा भी दांव पर

भाजपा जहां पेपर लीक पर हुई कार्रवाई, ईआरसीपी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कामों के दम पर जनता के बीच जा रही है। तो वहीं कांग्रेस स्थानीय बनाम बाहरी उम्मीदवार के साथ ही राजस्थान की मौजूदा भाजपा सरकार को विफल बताते हुए जनता से वोट की अपील कर रही है। मतदाता मौन है, ऐसे में दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही है। यह चुनाव भले ही भूपेन्द्र यादव और ललित यादव के बीच हो लेकिन जहां कांग्रेस के दिग्गज नेता राष्ट्रीय महासचिव भंवर जितेन्द्र और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित भाजपा के दिग्गज नेता राजस्थान सरकार में मंत्री संजय शर्मा की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है।

जयपुर शहर लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास और भाजपा की मंजू शर्मा चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस ने पूर्व मंत्री प्रताप सिंह को इस सीट पर उतारकर चौंकाया तो भाजपा ने नए चेहरे के तौर पर मंजू शर्मा को चुना। राजस्थान पत्रिका ने दोनों से बात कर दोनों का विजन जाना। पेश है उनसे बातचीत के अंश।

युवाओं को यहीं मिले रोजगार, लाएंगे बड़ी कंपनियां-एम्स : मंजू शर्मा, भाजपा प्रत्याशी

सवाल : प्रदेश के होनहार युवाओं को जयपुर में ही रोजगार मिले, आप किस तरह के प्रयास करेंगे?
जवाब : जयपुर को टेक्नोलॉजी हब बनाने का प्रयास करेंगे। बच्चे जयपुर में ही पढ़ भी लेंगे। उन्हें नौकरियां भी यहीं मिलेंगी
सवाल : जयपुर को आइटी हब बनाने की बातें ही होती हैं, आपका विजन क्या है?
जवाब : आइटी कंपनियों की समस्याओं को चिह्नित कर उनका निदान करेंगे। उद्योगों को लाने के लिए उनसे हमारी सरकार बात करेगी। उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए जो करना होगा वो करेंगे
सवाल : एम्स, आइआइटी जैसे बड़े शिक्षण संस्थान जयपुर में नहीं हैं, आप क्या प्रयास करेंगे?
जवाब : जयपुर के लिए जो भी करना होगा, उसके लिए हमारी सरकार पूरे काम करेगी
सवाल : आपको क्या लगता है, जयपुर का सबसे बड़ा मुद्दा कौन सा है ?
जवाब : जयपुर के लिए यातायात सबसे बड़ी समस्या है। इसका समाधान करेंगे। मेट्रो में केन्द्र की भी मदद लेंगे। जयपुर शहर को सिग्नल फ्री करने का काम पूरा होगा। जहां-जहां जरूरत होगी अंडरपास, ओवरब्रिज बनाएंगे
सवाल : जीत के लिए क्या रणनीति बनाई है?
जवाब : भाजपा का हर छोटा-बडा कार्यकर्ता हमारे साथ है तो जीत निश्चित हो जाती है। यही हमारी जीत का आधार है। इसीलिए जयपुर भाजपा का है
सवाल : भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टी कहती हैं कि जयपुर का विकास हमारी देन है ?
जवाब : पौंड्रिक उद्यान भाजपा ने बनाया, गणगौरी अस्पताल भाजपा ने बनाया, जवाहर सर्कल भाजपा ने बनाया। कांग्रेस ने क्या किया...। कांग्रेस कुछ करती तब तो जनता उनके साथ होती

जयपुर को आइटी हब बनाएंगे, एम्स लाने को जान लगा देंगे : प्रताप सिंह खाचरियावास,

सवाल : प्रदेश के होनहार युवाओं को जयपुर में ही रोजगार मिले, आप किस तरह के प्रयास करेंगे?
जवाब : पिछले दस वर्ष में केन्द्र सरकार और राजस्थान के 25 सांसदों ने जयपुर के लिए कुछ नहीं किया। हम जयपुर को आइटी हब बनाने की दिशा में काम करेंगे।
सवाल : जयपुर को आइटी हब बनाने की बातें ही होती हैं, आपका विजन क्या है?
जवाब : कांग्रेस हर काम विजन से ही करती है। घाट की गूणी टनल, अंडरपास, ओवरब्रिज, एलिवेटेड जैसे काम कांग्रेस की ही देन है। ये नहीं होते तो आज जयपुर के यातायात का क्या हाल होता।
सवाल : एम्स, आइआइटी जैसे बड़े शिक्षण संस्थान जयपुर में नहीं हैं, आप क्या प्रयास करेंगे?
जवाब : मैंने पहले ही कहा कि दस साल में केन्द्र ने जयपुर के लिए एक बड़ा काम नहीं किया। जयपुर से भाजपा के सांसद चुने जाते रहे हैं। इसका जवाब उन्हें देना चाहिए। हम जयपुर को एम्स दिलाने के लिए जान लगा देंगे।
सवाल : आपको क्या लगता है, जयपुर का सबसे बड़ा मुद्दा कौन सा है ?
जवाब : जयपुर में यातायात समस्या के समाधान पर कांग्रेस की पिछली सरकारों ने काफी काम किया है। अब भी इसमें काफी सुधार की संभावना है।
सवाल : जीत के लिए क्या रणनीति बनाई है?
जवाब : कांग्रेस का हर नेता, कार्यकर्ता जी जान से जुटा है। शुरुआत में मुझे लग रहा था कि यहां मुश्किल होगा। लेकिन अब माहौल बदला है। जनता भाजपा की मनमानियों और विकास ठप होने को पहचान चुकी है। जनता से जुड़ी कांग्रेस की योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। इस बार यहां कांग्रेस इतिहास रचेगी।
सवाल : भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टी कहती हैं कि जयपुर का विकास हमारी देन है ?
जवाब : विकास किसी के कहने से नहीं होता। वह तो स्वत: नजर आता है कि किसने किया। यह सिर्फ मैं नहीं कहता, जयपुर के आम नागरिक कहते हैं कि जयपुर का आधुनिक विकास कांग्रेस की ही देन है।

जयपुर। डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट पर नाम वापसी से एक दिन पहले रविवार रात भारतीय आदिवासी पार्टी(बीएपी) को समर्थन देने को लेकर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि इस सीट पर पार्टी आलाकमान ने जनहित में बहुत सोच-समझकर फैसला लिया है।

डोटासरा ने सोमवार को पीसीसी में मीडिया से बातचीत में कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए हमने इंडी गठबंधन के तहत सभी पार्टियों को जोड़कर लड़ाई शुरू की है। बांसवाड़ा-डूंगरपुर में भी गठबंधन के सामूहिक प्रयासों से ये सीट हम जीतेंगे। प्रदेश की तीन सीटों पर गठबंधन किया है।

बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए छोटे-मोटे स्वाद छोड़ने पड़ते हैं,इसलिए हमने समान विचारधारा वालों को गठबंधन में साथ लिया है। डोटासरा ने कहा कि हनुमान बेनीवाल भी भाजपा विचारधारा के विरोधी हैं और किसानों के हक की लड़ाई के लिए हमारे साथ आना चाह रहे थे तो हम साथ क्यों नहीं लेंगे।


मोदी गारंटी काठ की हांडी जैसी
डोटासरा ने मोदी गारंटी को जुमलेबाजी करार देते हुए कहा कि हमारी और मोदी की गारंटी में फर्क है। हमने यूपीए सरकार में फ़ूड सिक्योरिटी एक्ट, नरेगा, आरटीआई गारंटी जैसे कानून बनाए और लागू किए। इनकी गारंटी जुमला साबित हुई है। किसानों को एमएसपी पर दी गारंटी फेल हो गई। हमने तेलंगाना,कर्नाटक में जो गारंटी दी वो पूरी करके दिखाई।

हिमाचल में ओपीएस की गारंटी,अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की गारंटी पूरी कर दी। राजस्थान की गहलोत सरकार ने 10 गारंटी दी थी वो 10 गारंटी हमने पूरी की। सिलेण्डर दाम, नरेगा और शहरी रोजगार गारंटी, कामधेनु पशुधन योजना, चिरंजीवी, इंदिरा गांधी स्मार्ट फोन योजना की गारंटी को हमने पहले ही पूरा कर दिया था। इसलिए हमारे कांग्रेस का वचनपत्र की गारंटी पर लोगों को भरोसा है। मोदी तो झूठे भाषण देकर चले जाते हैं लेकिन वादे पूरा नहीं कर पाते। डोटासरा ने कहा कि मोदी की गारंटी काठ की हांडी जैसी है, जो बार बार नहीं चढ़ेगी।

वीडियो देखेंः- जयपुर में कांग्रेस की चुनावी घोषणा पत्र रैली,खरगे,सोनिया और प्रियंका ने साधा मोदी सरकार पर निशाना

जयपुर। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के चुनाव प्रचार के बीच शनिवार को कांग्रेस की जयपुर रैली में उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं जुटने को कांग्रेस थिंक टैंक ने गंभीरता से लिया है। आगे से केंद्रीय नेताओं की जनसभाओं में प्रदेश कांग्रेस की किरकिरी नहीं हो, इसके लिए अब जिम्मेदारी तय करने का फैसला लिया गया है।

रैली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के सामने 6 लोकसभा क्षेत्रों के कांग्रेस नेता भीड़ जुटाने में असफल रहे। रैली के बाद पार्टी के शीर्ष नेताओं ने नाराजगी भी व्यक्त की और नेताओं की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए थे।

कौन कितनी भीड़ लाया, दिखाना होगा

पार्टी सूत्रों की माने तो प्रदेश में केंद्रीय नेताओं की आगे से जितनी भी जनसभाएं होंगी, उसके लिए पहले ही नेताओं को भीड़ लाने की जिम्मेदारी तय की जाएगी। कौन नेता कितनी भीड़ लाया इसके लिए बाकायदा लिखित में एंट्री होगी।जहां भी जनसभा होगी उसके आसपास तीन से चार किलोमीटर पहले पार्टी की ओर से अलग-अलग चेक पोस्ट बनाए जाएंगे जहां पर किस नेता के साथ कितनी बसें और गाड़ियां आई हैं और उनमें कितने लोग हैं उसकी वीडियोग्राफी भी होगी। बाद यह रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को भेजी जाएगी। विशेषकर भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी पार्टी के विधायकों, जिलाध्यक्षों और लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों की होगी।

6 जिलों के 19 विधायक और लोकसभा प्रत्याशी नहीं जुटा पाए भीड़

जयपुर रैली में जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, दौसा,सीकर, अलवर और अजमेर जिले में कांग्रेस के 19 विधायक हैं और 6 लोकसभा प्रत्याशियों के साथ ही विधानसभा प्रत्याशी रहे नेता भी भीड़ जुटा पाए थे। गौरतलब है कि पहले चरण के चुनाव के तहत कांग्रेस ने शनिवार को खरगे, सोनिया और प्रियंका की चुनावी सभा के जरिए प्रचार अभियान को गति देने के प्रयास किया था, लेकिन रैली स्थल पर उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं आ पाई।

वीडियो देखेः- Lok Sabha Election 2024 : Jyotiraditya Scindia के बेटे Mahanaaryaman की धमाकेदार एंट्री

weather news : जयपुर। राजस्थान में मंगलवार से एक परिसंचरण तंत्र के कारण मौसम में बदलाव रहेगा। प्रदेश के आठ शहरों में इसका असर देखने का मिलेगा। इसके बाद 10 अप्रेल से प्रदेश के अधिकतर जिलों में पश्चिमी विक्षोभ का असर रहेगा।

जयपुर मौसम केन्द्र के अनुसार, 9 अप्रेल से पूर्वी हवाओं के प्रभावी होने से पूर्वी व दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में कहीं-कहीं मेघगर्जन, बारिश की गतिविधियां होने की संभावना है। आंधी-बारिश की गतिविधियां 11-12 अप्रेल को भी कहीं-कहीं जारी रहने की संभावना है। 13 अप्रेल से राज्य में एक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से आंधी-बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होने और अधिकतम तापमान में पुन: 2-3 डिग्री सेल्सियस गिरावट होने की संभावना है।

इधर, गर्मी का असर सोमवार रहा। प्रदेश में सबसे अधिक तापमान फलौदी में 41.6 डिग्री दर्ज किया गया। इसके बाद बाड़मेर में अधिकतम तापमान 41.2 डिग्री दर्ज किया गया। राजधानी जयपुर में दिन का तापमान 37.6 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं सीकर में मौसम शुष्क रहा। दिन का तापमान सामान्य से ज्यादा रहा। बादल छंटने के कारण शाम को भी गर्मी का अहसास हुआ। फतेहपुर में अधिकतम तापमान 38.5 डिग्री व न्यूनतम तापमान 16.5 डिग्री और सीकर में अधिकतम तापमान डिग्री व न्यूनतम तापमान डिग्री दर्ज किया गया।

लोकतंत्र के महापर्व में अपना योगदान किस प्रकार दिया जाए इसकी मिसाल पेश की है पूरण कंवर ने। 101 वर्षीय पूरण कंवर ने होम वोटिंग सुविधा का लाभ उठाते हुए अपने घर से ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस दौरान पूनम कंवर काफी उत्साहित नजर आई। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने बुजुर्गों के लिए यह काफी अच्छी सुविधा दी है। गत विधानसभा चुनाव में पूरण कंवर ने मतदान केन्द्र में जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।

वहीं, होम वोटिंग के चौथे दिन सोमवार को जयपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 95.45 फीसदी और जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट में 96.73 फीसदी 85 वर्ष से अधिक आयुवर्ग व 40 फीसदी से अधिक दिव्यांग मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

उप जिला निर्वाचन अधिकारी नीलिमा तक्षक ने बताया कि जयपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में होम वोटिंग के चौथे दिन पंजीकृत कुल 440 में से 420 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। 5 मतदाता निधन होने के कारण और 15 मतदाता अनुपस्थित होने के कारण मतदान नहीं कर पाए।

सोशल मीडिया पर इन दिनोें काफी संख्या में लोग रील के आदी हो चुके हैं। इसमें दो तरह के लोग हैं, एक वो जो इसे बनाने के आदी हैं..दूसरे वो जो इसे देखने के। रील जैसे वीडियो पर हजारों-लाखों की संख्या में व्यूज आते हैं। जिसके कारण लोगों के बीच लोकप्रिय होने की होड़ सी मची हुई है। आप देखेंगे कि जमीन से लेकर आसमान, सड़क से लेकर पानी और घर से लेकर दुकान तक लोग रील के वीडियो को शूट कर रहे हैं।

खासकर युवाओं के बीच इसको लेकर गजब का क्रेज हो गया है। हाल में एक घटना सामने आई जब एक रील क्रिएटर ट्रेन के पटरी पर रील्स बना रहा था, तभी ट्रेन आ गई और युवक अपनी जान से हाथ धो बैठा। हाल में इसी रील ने राजस्थान में दो जानें ली हैं। एक में पति ने आत्महत्या कर ली तो दूसरे में पति ने पत्नी की हत्या कर दी। आइए दोनोें केस को जानते हैं..

 

अलवर में पति ने सुसाइड किया

हाल की खबर राजस्थान के अलवर की है जहां रील की वजह से पति ने आत्महत्या कर ली। जानकारी के अनुसार पत्नी रील बनाने की आदी थी। पत्नी के सोशल मीडिया पर रील बनाने और उस पर आने वाले भद्दे कमेंट से पति और ससुराल जन परेशान थे। इस बात को लेकर पति-पत्नी के बीच अक्सर झगड़ा होता रहता था। जिससे दोनों में मारपीट हुई और महिला ने पति के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया। मना करने के बावजूद भी पत्नी द्वारा सोशल मीडिया पर रील बनाने से परेशान और आहत होकर पति ने आखिर आत्महत्या कर ली।

 

फलोदी में पति ने ली पत्नी की जान

दूसरी घटना इसी साल फरवरी महीने में हुई जब पत्नी की रील बनाने की आदत से परेशान होकर पति ने उसकी जान ले ली। मृतक अनामिका विश्नोई रील बनाती थी। जिससे पति अक्सर परेशान रहता था। इसी बात को लेकर दोनों के बीच अक्सर विवाद होता, पति उसे रील बनाने से मना करता था। लेकिन पत्नी ने रील बनाने की आदत जारी रखी। समय के साथ-साथ इनके रिश्ते के बीच दूरियां भी बढ़ने लगीं।

रील्स बनाने के बाद लोग बड़ी संख्या में अनामिका को फॉलो करने लगे। कई तरह के कमेंट्स आते। जांच में पता चला कि अनामिका किसी दूसरे लड़के से शादी करना चाहती थी। इससे पहले ही उसके पति ने उसकी जान ले ली।

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सांगानेर में दादाबाड़ी जैन मंदिर के नजदीक एक जमीन पर कब्जा लेने की बात को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। इस दौरान सोमवार को जमीन पर कब्जा लेने आए पक्ष के पन्द्रह बीस लोगों ने दूसरे पक्ष पर जमकर पथराव कर दिया। जिसमें एक परिवार को निशाना बनाया गया। जिसमें पति-पत्नी और बेटा शामिल थे।

सरेआम पथराव को देखकर क्षेत्र में दहशत फैल गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और पथराव करने वाले पक्ष के दो लोगों को हिरासत में लिया। जबकि दो को गिरफ्तार किया। पथराव करने वाले अन्य लोग भाग गए। पथराव में चार लोग घायल हो गए। पुलिस मौके से भागे अन्य बदमाशों को तलाश रही है। पथराव का भयावह कर देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से लोगों में दहशत है।

एसीपी विनोद ने बताया कि जमीन खुद की होने का दावा करने वाले दूसरे पक्ष के भरतपुर के बयाना निवासी सुभाषचंद व नंदकिशोर को शांति भंग करने के मामले में गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी विवादित जमीन में से 600 वर्गगज जमीन खरीदना बताया है और पहले भी दोनों पक्षों में कब्जा लेने की बात को लेकर झगड़ा हो चुका है। मौके पर रहने वाले पक्ष के शंकर सुईवाल ने दूसरे पक्ष के खिलाफ पथराव करने के संबंध में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। पथराव करने वाले अन्य बदमाशों की तलाश में पुलिस टीम जुटी है। मामले की जांच की जा रही है।

आरोप घर पर महिलाएं थीं, तब आए आरोपी

पथराव में घायल हुए लोगों का कहना है कि बदमाश सोमवार दोपहर को घरों में महिलाएं थीं, तब जमीन पर कब्जा करने पहुंचे और विरोध करने पर महिलाओं पर पथराव कर दिया। बाद में पुरुष पहुंचे तो उन पर भी जमकर पथराव किया।

जयपुर। डिंकर पिकलबॉल ओपन में छात्र वंश रुहेला ने स्वर्ण पदक हासिल किया है। एथलेटिक कौशल के चमकदार प्रदर्शन में रुहेला ने 29 से 31 मार्च तक अहमदाबाद में आयोजित डिंकर पिकलबॉल ओपन चैंपियनशिप में बेहतर प्रदर्शन कर जीत हासिल की। धारव हाई स्कूल की प्रिंसिपल सीमा सहजपाल ने कहा कि वंश रुहेला की उपलब्धि दृढ़ता और समर्पण का सार प्रस्तुत करती है। उनकी सफलता न केवल गौरवान्वित करती है बल्कि हमारे पूरे छात्र समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनती है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि न केवल रुहेला की असाधारण क्षमताओं को रेखांकित करती है, बल्कि देश भर के महत्वाकांक्षी एथलीटों के लिए एक प्रेरणा भी है। खेल के प्रति उनके दृढ़ समर्पण ने उन्हें पिकलबॉल महिमा के शिखर पर पहुंचा दिया है, जो किसी के जुनून की खोज में निहित असीमित क्षमता की पुष्टि करता है। उन्होंने कहा कि सभी छात्र छात्राओं को खेलों में रूचि लेनी चाहिए और जीवन में चाहे जो खेल हो, उसमें बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करनी चाहिए। ताकी सफलता के शिखर तक पहुंचा जा सके।

नई दिल्ली. धरती पर एक से एक खतरनाक पदार्थ पाए जाते हैं, लेकिन आपने यूक्रेन के पिपरियात में मौजूद 'हाथी पांव' के बारे शायद ही कभी सुना हो। विज्ञान पत्रिका नॉटिलस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक इसे धरती की सबसे खतरनाक वस्तु माना जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक यदि कोई 30 सेकंड इसके संपर्क में आ गया तो कोशिकाओं में रक्तस्राव शुरू हो जाएगा। चार मिनट तक इसके पास रुके तो उल्टी-दस्त और बुखार हो सकता है, जबकि 300 सेकंड यदि इसके संपर्क में रहे तो दो दिन के भीतर जान जा सकती है। दरअसल हाथी पांव वह आकृति है जो, परमाणु विस्फोट के बाद पिघले हुए द्रव्यमान से बनी। ये स्थान चेर्नोबिल के हादसे वाले स्थान पर बताया जाता है।

10 हजार रेंटजेन मापा गया विकिरण का स्तर
अप्रेल 1984 में चेर्नोबिल परमाणु त्रासदी के बाद विकिरण का स्तर भले ही कम हुआ है, लेकिन विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इस जगह की तस्वीरें ही कम से कम एक दशक बाद आ सकी थी। इसके बाद ही पिपरियात के तहखाने में इस पिघले हुए द्रव्यमान की तस्वीरें सामने आई थीं। विशेषज्ञों के मुताबिक 1986 में इस हाथी पैर के विकिरण का स्तर 10 हजार रेंटजेन प्रति घंटे मापा गया था, जो 300 सेकंड तक तीन फीट के दायरे में खड़े व्यक्ति को विकिरण की घातक डोज देने में पर्याप्त है।

हजारों वर्षों तक डरावनी रहेंगी चीजें
ऑस्ट्रेलियाई पुरातत्त्वविद रॉबर्ट मैक्सवेल ने बताया कि तहखाने में विकिरण का असर इतना है कि अभी भी कोर्ठ बिना सावधानी के यहां जा नहीं सकता। मैक्सवेल के मुताबिक पिपरियात के तहखाने में मौजूद चीजें हजारों वर्षों तक डरावने रूप में खतरनाक रेडियोधर्मी बनी रहेंगी। उन्होंने बताया उस वक्त चेर्नोबिल के रिएक्टर नंबर चार में विस्फोट हुआ था, जिससे 6 से 10 टन कंक्रीट की दीवारें हवा में उड़ गई थीं। इसके बाद से यहां के जर्रे-जर्रे में खतरनाक स्तर का विकिरण है। खासकर तहखाने में जहां, कंक्रीट, ग्रेफाइट और परमाणु ईंधन के अंश 'हाथीपांव' के रूप में अभी भी मौजूद हैं।

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जयपुर।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने सोमवार को बताया कि लोकसभा आम चुनाव के तहत मतदान और मतगणना सहित अन्य कार्य में नियुक्त कार्मिकों के मानदेय में वृद्धि की गई है।

गुप्ता ने बताया कि चुनाव डयूटी के तहत मतदान के दिन बूथ पर नियुक्त माइक्रो ऑब्जर्वर को अब प्रथम दो दिवस के लिए 1,000 रुपये तथा दो दिवस से अधिक ड्यूटी पर 500 रुपये प्रतिदिवस (अधिकतम 3,000 रुपये) पारिश्रमिक दिया जाएगा। इससे पहले माइक्रो ऑब्जर्वर को पारिश्रमिक के रुप में एकमुश्त 1,000 रुपये दिए जाते थे। उन्होंने बताया कि होम वोटिंग के कारण कई माइक्रो ऑब्जर्वर की चुनाव ड्यूटी दो दिवस से अधिक होती है। अब इस वृद्धि से उन्हें लाभ मिल सकेगा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान और मतगणना दल के साथ नियुक्त सहायक कर्मचारी का दैनिक भत्ता 250 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये किया गया है। इसी प्रकार, मतदान दल, जोनल मजिस्ट्रेट, एरिया मजिस्ट्रेट के साथ नियुक्त कार्मिक, होम गार्ड, फॉरेस्ट गार्ड, ग्राम रक्षक दल, एनसीसी सीनियर कैडेट, भूतपूर्व सैनिक आदि का मानदेय 350 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये किया गया है। साथ ही, वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के कार्य में नियुक्त कार्मिकों का मानदेय भी 250 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये किया गया है।

गुप्ता ने बताया कि राज्य विधानसभा चुनाव-2023 के दौरान भी चुनाव कार्य में नियुक्त अधिकारियों और कर्मचारियों के मानदेय एवं पारिश्रमिक में वृद्धि की गई थी। मंहगाई दरों में वृद्धि को दृष्टिगत निर्वचान विभाग द्वारा इन कार्मिकों के मानदेय और पारिश्रमिक में वृद्धि की गई है।

मुंबई . निवेश क्षेत्र में एक जाने-माने नाम, होलानी ग्रुप द्वारा प्रमोटेड(प्रचारित) होलानी वेंचर कैपिटल फंड को अपने वैकल्पिक निवेश फंड के पंजीकरण के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI-सेबी) से एक सरकारी विज्ञप्ति प्राप्त हुई है, जो इसे इक्विटी फंड हाउस के तौर पर संचालित करने में सक्षम बनाती है। यह ऐतिहासिक संचार होलानी समूह के लिए एक महत्वपूर्ण सीमाचिह्नरुप है, जो फंड प्रबंधन और निवेश के क्षेत्र में इसके प्रवेश का संकेत देता है। वेंचर कैपिटल फंड (VCF) - होलानी वेंचर कैपिटल फंड श्रेणी I AIF (ऑल्टरनेटीव इन्वेस्टमेंट फंड-वैकल्पिक निवेश फंड) - एक भारतीय विकास पूंजी निजी इक्विटी फंड है, जिसे होलानी कैपिटल एडवाइजर्स LLP द्वारा प्रबंधित और प्रायोजित किया जाता है। यह फंड अब SEBI के तहत श्रेणी I AIF - वेंचर कैपिटल फंड के रूप में विधिवत पंजीकृत हो गया है। SEBI की हरी झंडी के साथ, होलानी वेंचर कैपिटल फंड अब गतिशील भारतीय इक्विटी बाजारों में निवेशकों के 300 करोड़ रुपये जुटाने और निवेश करने के लिए सशक्त है। फंड के पास अतिरिक्त ₹100 करोड़ बनाए रखने का ग्रीनशू विकल्प भी है।

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