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Rajasthan News : बूंदी जिले में स्थित केशोरायपाटन क्षेत्र में घर में अकेली पुत्र वधू पर प्राण घातक हमला कर आत्महत्या करने वाले ससुर के शव का सोमवार को पोस्टमार्टम करवा कर शव उसके पुत्र को सौंप दिया गया।

शराब के नशे में ससुर रामलाल माली ने घर पर अकेली पुत्र वधू पर पारिवारिक कलह के चलते लोहे के सरिए से एक दर्जन वार किए हैं। थाना प्रभारी बाबूलाल मीणा ने बताया रविवार को मृतक की पत्नी व पुत्र रिश्तेदार की मौत पर बैठने गए थे। घर पर ससुर व पुत्र वधू ही थी। मृतक ने पहले कमरे बैठ कर शराब पी और ससुर ने पुत्रवधू के कमरे में पहुंच कर हमला बोल दिया। इनके बीच लम्बे समय से पारिवारिक कलह चल रही थी। निर्दयता से हमला कर जब उसे लगा की उसकी मृत्यु हो गई तो वह अपने कमरे में गया और रस्सी का फंदा लगाकर कर आत्महत्या कर ली।

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रात को जब मृतक की पत्नी व पुत्र आए तो घर पर सन्नाटा पसरा देख कर सकते में आ गए। पुत्र वधू खून से लतपथ उसके कमरे में देख कर होश उड़ गए। पुत्र सुरेन्द्र ने जब मकान के ऊपर कमरे में जा कर देखा तो पिता रामलाल माली को पंखे के कड़े पर झूलते हुआ पाया। सुरेन्द्र ने पुलिस को सूचना देकर बुलाया गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करकाया। इस बीच बूंदी से आई एसएफएल टीम ने मौका मुआयना कर जांच की।

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बूंदी में सिर्फ 58 फीसदी अभिभावकों ने जानी बच्चों की प्रगति, दूसरे नम्बर पर रहा
बूंदी. प्रदेश में निजी स्कूलों की तर्ज पर शुरू की गई सरकारी स्कूलों में टीचर-अभिभावक बैठक (पीटीएम) को लेकर सरकारी स्कूल गंभीर नहीं है।

प्रदेश के केवल 67 फीसदी स्कूलों ने ही इस बारे में शाला दर्पण पर आंकड़ा भरा है, जबकि सभी स्कूलों को पीटीएम उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य है। इसके प्रति सरकारी स्कूल कितने संजीदा हैं, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है। सात जिलों में जहां 80 फीसदी से अधिक स्कूलों में मेगा पीटीएम हो पाई है, वहीं नौ जिलों में 60 फीसदी से कम उपस्थिति दर्ज की गई है। शेष बचे जिलों में 60 से 80 फीसदी तक उपस्थिति हुई है।

आंकड़ों का अध्ययन करें तो प्रदेश में भीलवाड़ा के अभिभावकों ने पीटीएम में सबसे अधिक रूचि दिखाई है। यहां 93 फीसदी उपस्थिति के साथ जिला प्रदेश में सिरमौर है। जबकि अंतिम पायदान पर 44 फीसदी उपस्थिति के साथ चूरू जिला है। बूंदी जिला 86 फीसदी अंको के साथ दूसरे नंबर पर है। बूंदी जिले में 86 प्रतिशत स्कूलों में पीटीएम आयोजित की गई, जिसमें 58 फीसदी अभिभावकों ने उपस्थिति दर्ज कराई। इस शिक्षा सत्र की अंतिम मेगा पीटीएम 22 मार्च को आयोजित की गई थी, जिसका जिलेवार निदेशालय ने आंकड़ा जारी किया है।

यह था उद्देश्य
इस पीटीएम में शिक्षकों ने अभिभावकों को उनके बच्चे की पढ़ाई की प्रगति एवं कमजोरी के बारे में जानकारी दी। प्रदेश के नौ जिलों की स्थिति तो यह थी कि वहां के अभिभावकों ने पीटीएम में रुचि ही नहीं दिखाई, जबकि पीटीएम मीटिंग के लिए शिक्षा विभाग ने कई निर्देश जारी किए थे। हालांकि कई स्कूलों में बोर्ड परीक्षाएं संचालित होना भी उपस्थिति कम होने का कारण माना जा रहा है।

इतने अभिभावक पहुंचे
चूरू जिले में 44 प्रतिशत स्कूलों में पीटीएम हुई। इनमें 30 फीसदी अभिभावकों ने ही अपनी भागीदारी निभाई। भीलवाड़ा जिले में 93 प्रतिशत स्कूलों में पीटीएम आयोजित की गई, इसमें 68 फीसदी अभिभावकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसके अलावा डूंगरपुर में 49, जोधपुर व बासवाड़ा में 50, सिरोही, बाड़मेर व झुंझूंनुुं में 56 फीसदी स्कूलों में पीटीएम आयोजित की गई।

80 प्रतिशत से अधिक जिले
प्रदेश के सात जिलों में 80 प्रतिशत से अधिक स्कूलों में पीटीएम आयोजित की गई। इसमें कोटा 80, श्रीगंगानगर में 81, बारां में 82, भरतपुर 85, झालावाड़ 86, बूंदी 86 तथा भीलवाड़ा में 93 प्रतिशत स्कूलों में पीटीएम आयोजित की गई। हाड़ौती के सभी जिलों में 80 से अधिक फीसदी स्कूलों में पीटीएम हुई।

सरकारी स्कूलों में शुरु की गई टीचर-अभिभावक बैठक (पीटीएम) जिले में 86 फीसदी स्कूलों में आयोजित हुई। जिसमें 58 फीसदी अभिभावकों ने बच्चों की प्रगति बैठक में जानी। जिले के लिए अच्छी बात है प्रदेश में दूसरे नंबर पर रहा। आगे नंबर वन पर लाने के प्रयास होंगे।
राजेंद्र कुमार व्यास, जिला शिक्षा अधिकारी,बूंदी

पूर्ण समर्पण की प्रक्रिया शुरू, चार भाइयों का मकान ध्वस्त किया
खटकड़. रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में स्थित खटकड़ ग्राम पंचायत के गुलखेड़ी गांव को विस्थापित करने के तहत सोमवार को वन विभाग ने पूर्ण समर्पण की प्रक्रिया शुरू की है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद ग्रामीणों को अंतिम किस्त की साढ़े चार लाख की राशि बैंक खाते में जमा होगी।

इसके तहत सोमवार दोपहर को चार भाईयो के सम्मिलित मकान को उनकी सहमति से ध्वस्त किया गया। रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के सहायक वन संरक्षक हरि सिंह हाड़ा, क्षेत्रीय वन अधिकारी हेमेंद्र सिंह, खटकड़ वनपाल नाका प्रभारी रतिराम जाट, हल्का पटवारी किशन लाल सैनी मय सुरक्षा जाप्ता गुलखेडी गांव पहुंचे।

ग्रामीणों से अंतिम किश्त के लिए मकान ध्वस्त करने की सहमति जानी। इस पर घनश्याम, प्रहलाद, बरधी लाल, महावीर पुत्र श्योजीनाथ ने सहमति दी। बाद में उनका मकान जेसीबी से ध्वस्त किया गया। मकान में घनश्याम नाथ रहता था और तीन भाई बाहर दूसरे गांव में रहते हैं।

घनश्याम महादेव की सेवा पूजा करता है। मकान ध्वस्त होने के बाद महादेव का मंदिर ही उसका सहारा है। सहायक वन संरक्षक हरि सिंह हाड़ा ने इस संबंध में बताया कि विस्थापित किए जाने वाले परिवारों को पंद्रह लाख का पैकेज दिया जाना है जिसके तहत ग्रामीणों को दो किश्त दी जा चुकी है। तीसरी किस्त साढ़े चार लाख पूर्ण समर्पण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दी जाएगी।

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