>>: Nav Samvatsar 2081 और चैत्र नवरात्रि आज से शुरू, अंग्रेजी नववर्ष से 57 साल आगे चल रहा है हिंदी नव वर्ष, दिन में इस समय होगी घट स्थापना

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Nav Samvatsar 2081 : पांच साल के बाद ऐसा हो रहा है कि चैत्र के नवरात्रि में घट स्थापना सवेरे नहीं होकर दोपहर में हो रही है। घट स्थापना का सर्वश्रेष्ठ मुहुर्त सवेरे का ही रहता है, लेकिन कुछ गृह - नक्षत्रों के कारण इस बार स्थापना का समय दोपहर में रखा गया है। दोपहर में बारह बजकर पांच मिनट से बारह बजकर 54 मिनट तक घट स्थापना का उत्तम और अभिजित महुर्त है। आज से ही हिंदी नव संवत्सर 2081 भी शुरू हो रहा है। जो अंग्रेजी नव वर्ष से 57 साल आगे चल रहा है। जयपुर के आमेर में स्थित शिला माता मंदिर में भी घट स्थापना का समय दोपहर बारह बजकर पांच मिनट पर रखा गया है। आज से शुरू होने वाले चैत्र नवरात्रि 17 अप्रेल को पूर्ण होंगे।

ज्योतिषाचार्य पंडित राजकुमार चतुर्वेदी ने बताया कि माता की घट स्थापना अक्सर सवेरे होती है। लेकिन इस बाद दोपहर में हो रही है। इसका कारण है चित्रा नक्षत्र और वैघिति योग.....। इन्हें टालकर ही घट स्थापना होती है। इन दोनो का समय दोपहर करीब बारह बजे तक का है। इस कारण इस बार घट स्थापना दोपहर में की जा रही है।


चतुर्वेदी ने बताया कि नौ दिन में माता के अलग अलग रूप और स्वरूप की पूजा होती है। हर स्वरूप की पूजा करने का अपना अलग महत्व है। शास्त्रों के अनुसार माता की पूजा करने के लिए अपने घट यानी मिट्टी के पात्र की स्थापना करनी होती है। आज का दिन इसलिए भी शुभ है क्योंकि आज एक साथ तीन राजयोग हो रहे हैं। इस बार मां का आगमन अश्व पर हो रहा है। उन्होनें बताया कि नवरात्रि का हर दिन वैसे तो उत्तम होता है लेकिन इस बार शुरू के पांच दिनों में खरमास का साया रहेगा, इस कारण से तमाम मांगलिक कार्य पांच दिन के बाद ही शुरु होंगे। हांलाकि माता के हवन और पूजन में किसी तरह की कोई टोक नहीं हैं।

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