जयपुर शहर में जलदाय विभाग पेयजल उपभोक्ताओं से भारी भरकम बिल वसूलने में सबसे आगे है। लेकिन जब पेयजल संबधी परिवेदनाओं के समाधान की बात आती है विभाग की तस्वीर कुछ अलग ही सामने आती है। सम्पर्क पोर्टल पर पेयजल उपभोक्ताओं की ओर से दर्ज पेयजल संबधी परिवेदनाओं को अधिशाषी अभियंता कार्यालयों में ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है। शहर के सभी खंडों में 150 से ज्यादा परिवेनाओं को महीनों से समाधान का इंतजार है। वहीं प्रमुख सचिव से लेकर मुख्य अभियंता कार्यालय तक सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज इन परिवेदनाओं की मॉनिटरिंग का हाल भी बेहद ही लचर है। इस स्थिति में पेयजल उपभोक्ता बिल भी भर रहे हैं और पेयजल संबधी समस्याओं को भी भुगत रहे हैं।
मॉनिटरिंग की लचर व्यवस्था
जलदाय विभाग में सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज परिवेदनाओं की प्रमुख सचिव से लेकर मुख्य अभियंता स्तर तक मॉनिटरिंग की व्यवस्था नहीं है। परिवेदनाएं प्रथम स्तर से तृतीय स्तर तक महीनों तक घूमती रहती हैं और लंबित परिवेदनाओं की संख्या बढती रहती है।
इस तरह की हैं परिवेदनाएं
मीटर खराब होना,पाइप लाइन में लीकेज,गंदे पानी की समस्या,क्षेत्र में नई पेयजल लाइन बिछाने,पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त होने जैसी समस्यांए सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज होती हैं।
जयपुर शहर के नार्थ और साउथ खंड में इतनी इतनी परिवेदनाएं लंबित
अधिशाषी अभियंता नार्थ प्रथम में 5,दितीय में 2,तृतीय में 12 और चतुर्थ में 3 परिवेदनाएं लंबित हैं।
इसी तरह से अधिशाषी अभियंता खंड साउथ प्रथम में 47, द्वितीय में 25,तृतीय में 1 और चतुर्थ में पेयजल संबधी 2 परिवेदनाएं महीनों से लंबित हैं।
अगर जिला वृत की बात करें तो स्थिति ठीक नहीं है। यहां अधिशाषी अभियंता दूदू कार्यालय में 31,शाहपुरा में 13 परिवेदनाएं लंबित हैं। इसी तरह अधिषाशी अभियंता जिला वृत प्रथम में 1 और द्यितीय में 2 परिवेदनाएं लंबित हैं।
September 24, 2020 at 07:59AM