जयपुर. जन्म के समय जो योग बनते हैं उनका असर जीवनभर रहता है. ज्योतिष में कुल 27 योग बताए गए हैं. इनमें सौभाग्य योग भी शामिल है. यह बहुत शुभ योग में माना गया है. इस योग का जातक अपने माता—पिता तथा परिवार के लिए भी भाग्यशाली होता है.
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई के अनुसार सौभाग्य योग में जन्मे जातक को प्राय: तेरह साल की उम्र के बाद कुछ भटकना पडता है. हालांकि इससे उसे लाभ ही होता है. ऐसा बालक अपने पिता से दूर रहता है लेकिन उसे माता का साथ बना रहता है. यह जातक अपनी बुआ या बहन के पास रहता है. ऐसे जातक की सन्तान भी कम रहती की कमी मानी जाती है लेकिन सन्तान अपने पिता की हर बात मानती है. यही कारण है कि सौभाग्य योग में जन्मे जातक को जीवन पर्यन्त पारिवारिक सुख के साथ धन—यश—सम्मान मिलता है.
ऐसे जातकों के विरोधी प्राय: उसे प्रताडित करते रहते हैं लेकिन शत्रुओं की कोई भी चाल सफ़ल नहीं हो पाती है. ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार अगर जातक सदाचारी बना रहा तो पूरी उम्र सुखपूर्वक जीता है. जातक यदि दुराचार में लिप्त हो जाए, दूसरों के लिए उसके मन में बुरी भावनाएं आने लगें तो उसका पतन भी शुरु हो जाता है. कई बार ऐसे लोगों को उनके जीवनसाथी स्वयं के हित या लोभ—लालच के कारण गलत रास्ते पर चलने के लिए विवश कर देते हैं.
इनकी सबसे खास बात यह है कि ऐसे लोग औरों के लिए भी बहुत भाग्यशाली साबित होते हैं. इस योग में जन्मे बच्चे इतने पवित्र और शुभ होते हैं कि यदि ये किसी घर में एक रात भी सो जाएं तो उस परिवार का भी भाग्य खुल जाता है। जिस दिन ये योग बना हो उस समय जन्म लेनेवाले सभी बच्चों में ये विशेषता पाई जाती है.
September 24, 2020 at 08:00AM