
पाली/रायपुर मारवाड़। सरपंच चुनाव में जीत की गणित के लिए ‘डमी’ प्रत्याशियों को बड़ी तादाद में चुनावी दंगल में उतारा गया है। हालांकि, ऐसे प्रत्याशी चुनाव मैदान में खुद के नाम का प्रचार तो नहीं कर रहे हैं, लेकिन अक्सर हार-जीत के गणित पर असर अवश्य डालते हैं। चुनावी रणनीति का यह भी हिस्सा माना जाता है।
क्षेत्र में 40 ग्राम पंचायतें हैं। जहां 28 सितम्बर को सरपंच व वार्डपंच के चुनाव को लेकर मतदान होगा। सरपंच के इन 40 पदों के लिए कुल 219 जनों ने नामांकन दाखिल किया। अब हालात ये है कि 219 में से 101 प्रत्याशी ही प्रचार-प्रसार कर वोट मांगते नजर आ रहे हैं, जबकि शेष 118 प्रत्याशी अपने रोजमर्रा के काम में व्यस्त है। वे अपने समर्थन में वोट मांगने कही नहीं जा रही है। ऐसे में अधिकांश ग्राम पंचायतों में दो प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला है।
क्या है खानापूर्ति का खेल
ऐसे कई प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं जिन्हें अपनी जीत का पूरा अनुमान है। उन्होंने जीत सुनिश्चित करने के लिए नया तरीका इजाद किया। अपने प्रतिद्वंद्वी के नाम के अपने ही समर्थकों के नाम का नामांकन दाखिल करवा दिया। जिससे एक ही नाम के तीन से चार प्रत्याशी हो गए। यही तरीके प्रतिद्वंद्वी ने भी अपना लिया। ऐसी कई पंचायतें हैं जहां सात से आठ प्रत्याशी मैदान में है। जबकि झाला की चौकी में 10 प्रत्याशी मैदान में है।
खुद का नहीं, समर्थक का कर रहे प्रचार
अब जिन प्रत्याशियों ने खानापूर्ति का खेल खेला था वे अपने स्वयं का प्रचार प्रसार नहीं कर अपने चहेते प्रत्याशी को जिताने के लिए उसके पक्ष में प्रचार प्रसार करते नजर आ रहे हैं। जबकि कई ऐसे भी है जो न तो खुद का प्रचार कर रहे है न ही किसी ओर का,वे अपने रोजमर्रा के काम में व्यस्त हो रखे हैं। यूं कहे कि उन्हे चुनाव से कोई सरोकार नहीं है।
एक नजर खानापूर्ति वाली पंचायतों पर
क्षेत्र की 40 पंचायतों में से महज तीन ऐसी पंचायते हैं जहां दो-दो प्रत्याशी ही मैदान में है। जबकि 18 पंचायतें ऐसी है जहां पांच से अधिक प्रत्याशी मैदान में उतरे हुए हैं। अब अगर सर्वाधिक चर्चा में रहने वाली पंचायतें की बात करें तो रायपुर, बर, सेंदड़ा, पिपलिया कलां, देवली कलां, बाबरा, गिरी, चांग है। जहां के परिणाम को लेकर ज्यादा कयास लगा रहे हैं।
September 25, 2020 at 09:15AM