कृषि विधेयक : तीखे हमलों के बचाव में भाजपा डिफेंसिव, पार्टी नेता और प्रकोष्ठ सक्रिय

पाली। कृषि विधेयक के मुद्दे पर केन्द्र सरकार विपक्ष और किसानों के निशाने पर हैं। सरकार को तीखे हमलों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार की मंशा किसानों तक पहुंचाने और विपक्ष के हमलों का जवाब देने के लिए भाजपा डिफेंसिव मोड में है। पार्टी ने नेताओं और अनुशांगिक संगठनों को जवाबी हमले के लिए उतार दिया गया है। आइटी विभाग को भी सोशल प्लेट फार्म पर विधेयक की पैरवी में माहौल बनाने की हिदायत दी गई है।

पार्लियामेंट के बाद ग्राउंड स्तर पर भी कृषि विधेयक पर केन्द्र सरकार को आलोचना झेलनी पड़ रही है। विपक्ष इस मुद्दे को भुनाने के लिए सदन से सडक़ तक सरकार को घेर रहा है। वहीं, किसानों की प्रतिक्रिया भी ज्यादा सकारात्मक नहीं दिखी है। ऐसे में भाजपा अब सरकार के पक्ष में माहौल बनाने के लिए आक्रामकता का रुख कर रही है। पार्टी ने राष्ट्रीय नेताओं के साथ-साथ प्रदेश संगठन को पूरी तरह से सक्रिय कर दिया है। प्रदेश आलाकमान ने नीचे ब्लॉक स्तर तक पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को कृषि विधेयक के बारे में जन-जन तक सरकार का संदेश पहुंचाने की हिदायत दी है।

केन्द्रीय मंत्री की वेबिनार
केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत भी इसी मुद्दे पर पार्टी नेताओं और मीडिया से वर्चुअल मुखातिब हुए। उन्होंने दावा किया कि यह विधेयक किसानों के हित में है। उन्होंने यह भी बताने का प्रयास किया कि कृषि क्षेत्र में अमूलचूल बदलाव आएगा और किसान समृद्ध होंगे। उन्होंने मीडिया के साथ-साथ पार्टी नेताओं को भी किसानों के बीच जाकर सरकार की मंशा से अवगत कराने की बात कही। इसी तरह, पार्टी के जिला संगठन पदाधिकारी भी अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए कृषि विधेयक को किसानों के लिए फायदेमंद बता रहे हैं।

आइटी विभाग को दिया टास्क
पार्टी ने आइटी विभाग को भी सक्रिय कर दिया है। प्रदेश से लेकर ब्लॉक स्तर तक आइटी विभाग के पदाधिकारियों को टास्क दिया गया है कि वे सोशल मीडिया पर सरकार के पक्ष में माहौल खड़ा करें और हर व्यक्ति को विधेयक की खूबिंया बताएं। इसी तरह, हर जिले में जनप्रतिनिधियों और संगठन के पदाधिकारियों को किसानों तक बात पहुंचाने के लिए सक्रिय रहने के लिए कहा गया है।

यों पक्ष में बनाएंगे माहौल
-केन्द्र ने कृषि विधेयक से जुड़ी विस्तृत जानकारी कार्यकर्ताओं को उपलब्ध कराई है। इसमें साफ तौर पर यह बताया गया है कि यह विधेयक किसानों के जीवन में किस तरह से बदलाव लाएगा।
-दोनों विधेयकों की खूबियां बताई है ताकि भाजपा कार्यकर्ता किसानों को संतुष्ट कर सकें।
-स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के बिंदु भी बताए हैं। यह भी अवगत कराया है कि कौन-कौन सी सिफारिशें लागू की जा रही है।
-लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस के घोषणा पत्र के बिंदुओं को भी शामिल किया गया है। इसके माध्यम से कार्यकर्ता किसानों को यह समझाने का प्रयास करेंगे कि यूपीए सरकार ने क्या-क्या वादे किए थे।
-मुख्यमंत्रियों की उच्च स्तरीय समिति जिसमें मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा किसान हितों के लिए दिए गए सुझाव भी बताए हैं। इसमें कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी कृषि क्षेत्र में यह बदलाव जरूरी बताया।
-प्रधानमंंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन में कृषि क्षेत्र में किए गए कार्यों को भी किसानों को समझाने की हिदायत दी गई है।

किसानों का जीवन बदलेगा
कृषि विधेयक किसानों के जीवन में बदलाव लाने वाला है। इसके लिए केन्द्र सरकार बधाई की पात्र है। कृषि क्षेत्र में इससे क्रांतिकारी परिवर्तन आएंगे। -मंशाराम परमार, जिलाध्यक्ष, भाजपा, पाली

किसानों का जीवन स्तर उठेगा
किसानें की उपज का उचित मूल्य दिलाने का प्रयास किया गया है। इससे किसानों का जीवन स्तर ऊपर उठेगा। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रधानमंत्री का यह बेहतरीन प्रयास है। -तिलोक चौधरी, प्रवक्ता, जिला भाजपा, पाली



September 25, 2020 at 09:00AM