>>: ग्रामीण अनजान, शौचालय निर्माण का उठ गया भुगतान

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टोडारायसिंह. स्वच्छ भारत मिशन योजनान्तर्गत दाबड़दुम्बा पंचायत ओडीएफ होने के साथ शौचालय बने बिना ही फर्जी तरीके भुगतान उठाने का मामला प्रकाश में आया। पीडि़तों द्वारा एसडीएम व तहसीलदार से मामले की जांच करने पर विकास अधिकारी ने कार्रवाई शुरू की है।

उल्लेखनीय है कि 2012 के सर्वे अनुसार दाबड़दुम्बा पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन में कुल 689 परिवारों के घरों में शौचालय निर्माण होने थे, जिसमें प्राप्त आवेदनों में ग्राम पंचायत प्रशासन ने पंचायत को ओडीएफ घोषित करने को लेकर 412 परिवारों को ऑफ लाइन चैक द्वारा तथा 215 परिवारों को पंचायत समिति द्वारा 1200 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि का ऑन लाइन भुगतान किया गया था।

शेष 62 परिवारों को अपात्रता के बीच प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई। इसी बीच दाबड़दुम्बा पंचायत के टोपा कॉलोनी निवासी कैलाश पुत्र मांगीलाल गुर्जर ने दो माह पूर्व शौचालय निर्माण के लिए के लिए आवेदन किया, लेकिन पंचायत ग्राम विकास अधिकारी ने उसे गत 2017 में ही शौचालय निर्माण की प्रोत्साहन राशि चेक द्वारा प्राप्त करने की बात कहकर आवेदन के लिए मना किया।

ठगे से महसूस कैलाश ने कॉलोनी व आस पड़ोस के लोगों को बताया। जानकारी मिलते ही नाथू पुत्र भोजा गुर्जर भी पंचायत में जानकारी जुटाने पहुंचा तो जानकारी मिली कि पूरा गांव ओडीएफ होने के साथ गत 2017 की सूची में करीब 8-10 व्यक्तियों के फर्जी तरीके से शौचालय निर्माण की प्रोत्साहन राशि उठाने का मामला प्रकाश में आया।

उक्त फर्जीवाड़े से आहत धनराज, कैलाश, लालाराम, श्योजी, रंगलाल, मोहन, नाथू गुर्जर समेत अन्य व्यक्तियों ने उपखण्ड अधिकारी रूबी अंसार व तहसीलदार मनमोहन गुप्ता ने शिकायत की, जिसमें बताया कि दाबड़दुम्बा पंचायत के टोपा कॉलोनी स्थित उनके मकानों में न शौचालय निर्माण नहीं है तथा न ही स्वच्छ भारत मिशन योजनान्तर्गत किसी ने ऑनलाइन या ऑफ लाइन प्रोत्साहन राशि का भुगतान प्राप्त किया है। जबकि गत 2017 में फर्जी तरीके से उनके नाम से भुगतान प्राप्त किया है। इस पर सबंधित अधिकारी को आवश्यक जांच कार्रवाई के निर्देश दिए है।

यह सम्मिलित होते है दस्तावेज
योजना में शौचालय निर्माण को लेकर पात्र व्यक्ति को आवेदन के साथ मनरेगा जॉब कार्ड, राशन कार्ड, आधार कार्ड के अलावा सबंधित ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी व सरपंच की रिपोर्ट आदि दस्तावेजों को सम्मिलित करना होता है।

यह सम्मिलित होते है दस्तावेज
योजना में शौचालय निर्माण को लेकर पात्र व्यक्ति को आवेदन के साथ मनरेगा जॉब कार्ड, राशन कार्ड, आधार कार्ड के अलावा सबंधित ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी व सरपंच की रिपोर्ट आदि दस्तावेजों को सम्मिलित करना होता है।

टोपा कॉलोनी (दाबड़दुम्बा) निवासी लालाराम पुत्र बजरंग गुर्जर ने बताया कि उसने पंचायत में शौचालय निर्माण के लिए न कोई आवेदन किया तथा नहीं उसने घर पर शौचालय निर्माण कराया। जबकि 2017 में उसके घर शौचालय निर्माण के साथ भुगतान उठाना बताया।


टोपा कॉलोनी निवासी धन्नालाल व नाथूलाल पुत्र भोजाराम गुर्जर के अनुसार उनके घर भी शौचालय निर्माण नहीं हुआ, जबकि पंचायत से चेक द्वारा भुगतान उठाने का मामला प्रकाश में आया है।
टोपा कॉलोनी निवासी कैलाश पुत्र मांगीलाल गुर्जर ने बताया कि लम्बे अर्से बाद दो माह पूर्व उसने शौचालय निर्माण कराने के साथ ग्राम पंचायत में आवेदन किया। जहां सबंधित ग्राम विकास अधिकारी ने उसे पहले से ही शौचालय निर्माण होने के साथ प्रोत्साहन राशि उठाने की जानकारी दी।


भौतिक सत्यापन के बाद होता है भुगतान
स्वच्छ भारत मिशन के तहत पात्र व्यक्ति सबंधित ग्राम पंचायत में शौचालय निर्माण को लेकर आवेदन करता है। सबंधित व्यक्ति द्वारा शौचालय निर्माण करवा कर पूर्ण कार्य की फोटो ग्राम पंचायत में पेश करता है। तब सबंधित ग्राम विकास अधिकारी शौचालय निर्माण कार्य का भौतिक सत्यापन करने के बाद भुगतान करता है। वही वर्तमान में आधार कार्ड के आधार पर ऑन लाइन आवेदन करने के बाद निर्माण कार्य पूर्ण होने पर जीओ टे्रकिंग करवाकर, ऑनलाइन खाते में भुगतान की कार्रवाई की जाती है।

दाबड़दुम्बा में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालत निर्माण में फर्जी भुगतान उठाने की शिकायत मिली है। इसको लेकर सबंधित अधिनस्थ अधिकारियों को आवश्यक जांच कार्रवाई के लिए निर्देश दिए है।
प्रीति सिंह, विकास अधिकारी टोडारायसिंह।

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