>>: Digest for July 11, 2021

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चन्द्र प्रकाश जोशी/अजमेर। जिन्दगी में हिम्मत हारने के बजाय हौसले के साथ मेहनत की जाए तो शारीरिक विकलांगता पर भी पार पाया जा सकता है। शहर में एक ऐसे ही युवक का बसेरा है जो खुद को संभालने में मोहताज होने के बावजूद खुद के वजूद को बाकमाल बचाए हुए है और परिवार पर बोझ बनकर नहीं रहना चाहता। खुद को जिलाए रखने के लिए जिन्दगी से जंग लड़ रहा है जिसका हथियार बना रखी है ट्राइसिकल। इसी तिपहिया साइकिल पर अपनी जिन्दगी को हर सुबह गति देता है और शहर भर में जहां-तहां गोली-बिस्किट बेचकर दिनभर में जो कमाता है शाम को अपने परिवार को थमा देता है।

जन्मजात लकवाग्रस्त
अजमेर के ब्रह्मपुरी एवं इंडिया मोटर चौराहे के पास चन्दनदास (40) जन्म से ही लकवाग्रस्त है। हाथ मुड़े हुए, पैरों से चलने में असमर्थ और बोलने में भी कुछ परेशानी। ऐसी शारीरिक विषमताओं व दुश्वारियों के बावजूद चेहरे पर हमेशा मुस्कान। परिवार भी खस्ताहाल। इस परेशानी और मजबूरी के बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी और सरकारी मदद से मिली ट्राईसिकल को ही आमदनी का जरिया और खुद के हौसलों की उड़ान बना ली।

. . बेशक लाचार, मगर नहीं मानी हार
चन्दनदास ने बताया कि जन्म से ही लकवा होने से चलने-फिरने में परेशानी हो रही थी। फिर सोचा मैं क्यूं ना कोई काम कर लूं। जब ट्राईसिकल मिली तो रोजाना इस पर ही गोली-बिस्किट, सुपारी के अलावा पेन, पेन्सिल आदि बेचना प्रारंभ कर दिया। अब प्रतिदिन 200-250 रुपए मिल जाते हैं, जिससे गुजारा हो रहा है।

मासूम भी देता है साथ. . .
नि:शक्त चंदनदास के साथ परिवार का एक बच्चा भी कभी-कभार उसके साथ आता है जो चढ़ाई होने पर ट्राईसिकल को पुश कर उसकी सहायता करता है।

जुनून और खुद्दारी की मिसाल. . .
नि:शक्त व लकवाग्रस्त चन्दनदास की जिन्दगी मुंह बोलती किसी किताब से कम नहीं। शहर में कई स्वस्थ युवा-महिलाएं-बच्चे मेहनत व काम करने के बजाय भीख मांगकर जीवनयापन करते देखे जा सकते हैं। ऐसे लोग घर-परिवार के साथ समाज पर भी बोझ हैं। उनके बीच चंदनदास जुनून की मिसाल है जिसकी जिंदगी से सबक लिया जा सकता है।

अजमेर. अजमेर विद्युत वितरण निगम के तहत आने वाले 12 सर्किलों के सरकारी विभाग बिजली का उपभोग तो भरपूर कर रहे है लेकिन निगम का बिजली बिल भरने में परहेज कर रहे हैं। इसके चलते अजमेर डिस्कॉम का सरकारी विभागों पर 2 अरब 85 करोड़ 63 लाख रुपए बिल बकाया हो गया है। विभाग बिजली का तो भरपूर उपयोग कर रहे हैं लेकिन बिल जमा नहीं करवा रहे। निगम अभियंता तथा लेखाशाखा अधिकारी भी वसूली में ढिलाई बरत रहे हैं। सर्वाधिक 98 करोड 37 लाख 16 हजार रुपए का बिजली बिल जलदाय विभाग विभाग पर बकाया हैं। स्वायत विभाग के तहत आने वाले नगर पालिका तथा यूआईटी पर ही 80 करोड़ 64 लाख 28 हजार रूपए का बिल शेष है। ग्राम पंचायतों से 55 करोड़ 77 लाख रुपए बिल बाकी है। सरपंच यह बिल नहीं भर रहे है। जनता जल योजना में लगे नल कनेक्शनों के पेटे 29 करोड़ 21 लाख रूपए का बिल शेष है। इसका बिल भी नहीं भरा जा रहा है।

इन पर भी बकाया

केंद्रीय सरकार से 3 करोड़ 71 लाख , प्रशासनिक विभाग से 4 करोड 50 लाख, पुलिस विभाग से 3 करोड़ 33 लाख तथा अन्य सरकारी विभागों से 8 करोड़ 48 लाख रुपए बकाया चल रहे हैं।

नागौर सब पर भारी

नागौर में 88 करोड़ 48 लाख 34 हजार का बिजली बिल सरकारी विभागों पर बकाया हैं। इनमें जलदाय विभाग पर 36 करोड़ 32 लाख 44 हजार, जनता जल योजना के 12 करोड़ 53 लाख 26 हजार, सरपंचों पर 21 करोड़ 87 लाख 90 हजार, नगर पालिका/ यूआईटी पर 12 करोड़ 13 लाख, केन्द्र सरकार के विभागों पर 1 करोड़ 13 लाख 34 हजार, प्रशासनिक विभागों पर 1 करोड़ 17 लाख 53 हजार, पुलिस महकमें पर 51 लाख 15 हजार तथा अन्य पर 27 करोड़ 9 लाख 44 हजार रुपए का बिजली बिल बाकी चल रहा है।

जिलेवार सरकारी महकमों का बकाया

अजमेर सिटी (डीएफ सहित) में सरकारी विभागों पर 12 करोड़ 39 लाख बिजली के बिल के पेटे बकाया चल रहे हैं। अजमेर जिला सर्किल में 6 करोड़ 71 लाख रुपए 69 हजार ,भीलवाड़ा में 22 करोड़ 21 लाख 84 हजार, उदयपुर में 9 करोड़ 62 लाख 89 हजार, राजसमन्द में 14 करोड़ 30 लाख 77 हजार, चित्तौडगढ़़ में 35 करोड़ 8 लाख, प्रतापगढ़ में 3 करोड़ 8 लाख, बांसवाड़ा में 3 करोड़ 77 लाख, डूंगरपुर में 5 करोड़ 48 लाख 95 हजार, सीकर में 39 करोड़ 34 लाख 83 हजार तथा झुंझुनूं में 45 करोड़ 10 लाख 48 हजार रूपए का बिजली का बिल सरकारी विभागों से लम्बे समय से बकाया चल रहा है।

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अजमेर. अजमेर विद्युत वितरण निगम एक तरफ लगातार छीजत घटाने व राजस्व बढ़ाने पर जोर दे रहा है लेकिन निगम मुख्यालय पर ही उल्टी गंगा बह रही है। टीएंडडी व एटीएंडसी लॉस एक ओर जहां निगम प्रशासन कोरोना काल में भी निगम के टीएंडडी लॉस को लेकर गंभीर रुख अपनाए हुए है बावजूद इसके निगम मुख्यालय पर ही निर्देशों की अवहेलना व लापरवाही बरती जा रही है। अजमेर सिटी सर्किल के गत वर्ष जून माह तक 18.25 प्रतिशत टीएंडडी लॉस थे जो कि इस वर्ष बढ़कर संभावित 20.35 प्रतिशत (विद एचटी) पहुंच गया है। जिसमें अकेले एक्सईएन (रूरल) अजमेर दिनेश सिंह के गत वर्ष जून माह तक 17.10 प्रतिशत लॉस थे। जो कि इस वर्ष 25.21 तक पहुंच गए हैं। इसके अलावा एटीएंडीसी लॉस 32.88 प्रतिशत से बढ़कर 37.77 प्रतिशत हो गए हैं। वहीं सिटी सर्किल के टीएंडडी व एटीएंडसी लॉस (विदाउट एचटी) गत वर्ष जून माह तक 20.47 प्रतिशत से बढ़कर इस वर्ष 24.75 प्रतिशत (संभावित) हो गए हैं।

वहीं एटीएंडसी लॉस गत वर्ष के 36.10 प्रतिशत से बढ़कर 37.24 प्रतिशत हो गए हैं। जिसमें भी एक्सईएन रूरल के विदाउट एचटी टीएंडडी लॉस गत वर्ष 19.13 प्रतिशत से बढ़कर इस वर्ष जून माह तक संभावित 30.33 प्रतिशत हो गए हैं वहीं एटीएंडसी लॉस 35.36 प्रतिशत से बढ़कर इस वर्ष जून माह तक संभावित 44.48 प्रतिशत हो गए हैं। यह बढ़ोतरी साफ दर्शाती है कि मुख्यालय के सबसे समीप बैठे अधीक्षण व अधिशाषी अभियंता कितनी कुशलता से काम कर रहे हैं और निगम के निर्देशों को कितनी गंभीरता से ले रहे हैं।
एमपी एमएल फंड के कामों में भी लापरवाही

निगम के सिटी सर्किल में एमपी एमएल के स्वीकृत कार्यों में भी लापरवाही बरती जा रही है। यूसी सीसी देने में देरी तथा कार्यों की स्वीकृति जारी करने में भी लापरवाही बरती जा रही है। अधिकारी जिला स्तरीय बैठक में नहीं जाते। महिला सब डिवीजन कार्यालय के उद्घाटन को लेकर अधिशाषी अभियंता के अभद्र व्यवहार को लेकर जनप्रतिनिधियों ने सब डिवीनज का घेराव प्रबन्ध निदेशक के सामने ही घेराव किया गया था जैसे-तैसे मामले को रफादफा कर कार्यक्रम करवाया गया।

महिला एईएन ने की एमडी को शिकायत

निगम द्वारा गठित राज्य के प्रथम महिला सब डिवीजन की महिला सहायक अभियंता की शिकायत पर अधिशाषी अभियंता (रूरल) दिनेश सिंह को फटकार लगाई है। उन्हें बांसवाड़ा भेजने की चेतावनी भी दी। सहायक अभियंता ने अधिशाषी अभियंता पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया।
इनका कहना है

टीएंडडी लॉस का पता जुलाई के बाद ही चल पाएगा। एमडी ने बुलाया था, गेगल में धरना चल रहा था उसे हटाने के लिए कहा था। मै तो सहायक अभियंता को पूरा सहयोग कर रहा हूं।

दिनेश सिंह अधिशाषी अभियंता (रूरल) अजमेर डिस्कॉम

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अजमेर/ब्यावर. शराब की तस्करी से करोड़ों रुपए का कारोबार जारी है। शराब माफियाओं का नेटवर्क इतना तगड़ा है कि शराब निर्माण से लेकर परिवहन, सप्लाई और खपत घटने की बजाए बढ़ रही है। गुजरात व हरियाणा में शराबबंदी है। इसके बावजूद यहां बड़े पैमाने पर शराब का कारोबार हो रहा है। ब्यावर सदर थाना पुलिस ने शनिवार को हरियाणा से गुजरात ले जाई जा रही पचास लाख रुपए की मत की अवैध शराब जब्त की है। पुलिस ने हरियाणा निर्मित 800 पेटियां जब्त की। यह एक्सपोर्ट की आड में शराब की तस्करी कर रहे थे।

सरमालिया तिराहे पर नाकाबंदी

सदर थाना पुलिस के अनुसार मुखबिर से सूचना मिली कि अजमेर की ओर से आ रहे ट्रक में शराब की खेप है। यह हरियाणा से गुजरात जा रही है। सूचना पर सदर थानाधिकारी सुरेन्द्रसिंह जोधा ने मय टीम के सरमालिया तिराहे पर नाकाबंदी की। इस दौरान संदिग्ध ट्रक को रुकवाकर पूछताछ की गई। तब गांव खडीन तहसील रामसर जिला बाड़मेर निवासी चालक मुकेश ने पुलिस को बताया कि ट्रक में एक्सपोर्ट का माल भरा है। चालक ने ट्रक पर प्लास्टिक की सील लगा रखी थी।

ट्रक में हरियाणा निर्मित अंग्रेजी शराब की 800 पेटियां

पुलिस ने ट्रक पर लगी सील हटवाकर तलाशी ली तो पाया कि ट्रक में हरियाणा निर्मित अंग्रेजी शराब की 800 पेटियां भरी हुई थी। इस पर पुलिस ने शराब की पेटियां जब्त कर चालक को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने जब्त शराब की कीमत 50 लाख रुपए आंकी है। पुलिस टीम में सदर थानाधिकारी सुरेन्द्रसिंह जोधा, सहायक पुलिस निरीक्षक माणकचंद, कांस्टेबल शेरसिंह, गोपीराम तथा राजूराम आदि शामिल रहे।

Ajmer अजमेर. कोराना टीकाकरण के प्रति उत्साह से अजमेर जिले ने 12 लाख वैक्सीनेशन का आंकड़ा छू लिया। राज्य में सर्वाधिक प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर अजमेर जिला अव्वल रहा है। यह जिले की एक बड़ी उपलब्धि है। जिले में 19 लाख 38 हजार 106 लोगों का टीकाकरण करने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया था,जिसमें से शनिवार तक 12 लाख 8 हजार 264 टीके लगा दिए गए।

जिला कलक्टर के निर्देशन में चला काम

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.के. सोनी ने बताया कि जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने कोरोना टीकाकरण अभियान की मॉनिटरिंग की। टीकाकरण केन्द्रों पर आवश्यक संसाधनों के संबंध में कार्मिकों एवं आमजन से सीधा संवाद किया गया।

इसके आधार पर टीकाकरण के लिए प्रभावी रणनीति बनाई गई। सरकार द्वारा टीकाकरण अभियान आरम्भ करने के साथ ही जिले के अधिकतम लोगों को प्रतिरक्षित करने के लिए प्रत्येक स्तर पर कार्य किया गया। इसके लिए उपखण्ड अधिकारी को इंसीडेन्ट कमांडर नियुक्त कर वैक्सीनेशन की मॉनिटरिंग के लिए निर्देशित किया गया।

9.72 लाख को प्रथम खुराक

जिलेभर में 9 लाख 72 हजार 636 को टीके की प्रथम खुराक व 2 लाख 35 हजार 628 व्यक्तियों को द्वितीय खुराक लगाई गई है। निर्धारित लक्ष्यों में से 49.3 प्रतिशत को प्रथम तथा 12.1 प्रतिशत को द्वितीय खुराक लगाई जा चुकी है। अजमेर इस आधार पर राज्य में सर्वाधिक प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने वाला जिला बन गया है।

फैक्ट फाइल

994000 व्यक्तियों को कोविशील्ड

218000 लोगों को कोवैक्सीन

618000 पुरुष लाभान्वित

589000 महिलाएं

60 आयु वर्ग से अधिक ।3.79 लाख

45 आयु वर्ग से अधिक

4.73 लाख 18 से 44 आयु वर्ग दूर की वैक्सीनेशव

टीके के संबंध में लोगों की भ्रांतियों का निराकरण भी किया गया। इसके लिए इंसीडेन्ट कमांडर के नेतृत्व में दलों का गठन कर क्षेत्रों में सम्पर्क कर टीके के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ भ्रान्तियों को दूर किया गया। घर-घर सर्वे अभियान के दौरान टीकाकरण से वंचित व्यक्तियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर इन्हें प्रेरित किया गया।

कैलादेवी/ करौली. कैलादेवी थानान्तर्गत मनोहरपुरा गांव समीप नयावास्या की ढाणी में शुक्रवार शाम चार बच्चों की गहरे गड्ढे में डूबने से हुई मौत के बाद शनिवार दोपहर गमगीन माहौल के बीच एक साथ अंत्येष्टि कर दी गई। घरों से चार अर्थियां उठी तो परिजन दहाड़े मार-मारकर विलाप करते रहे। इस दौरान हर किसी की आंखें नम हो गई। इससे पहले सुबह 11 बजे तक विभिन्न मांगों को लेकर बच्चों के पोस्टमार्टम तथा अंतिम संस्कार में गतिरोध बना रहा। क्षेत्रीय विधायक रमेश मीणा की समझाइश के बाद परिजन पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार के लिए सहमत हुए।
उल्लेखनीय है कि बकरियां चराकर घर लौट रहे चार बच्चों लवकेश व शिवकेश पुत्र बबलू जाटव, काजल पुत्री सुमेर, पूजा पुत्री राजू की गहरे गड्ढ़े में भरे पानी में डूबने से मौत हो गई थी। इसके बाद परिजन तथा ग्रामीण आर्थिक सहायता दिए जाने, गड्ढा करने वाले अवैध क्रेशर को बंद करने तथा इसके संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर शवों के साथ धरना देकर बैठ गए थे।

गतिरोध खत्म करने में विधायक के प्रयास सफल

मामले में गतिरोध खत्म करने के लिए विधायक रमेश मीणा ने समझाइश करने की प्रभावी पहल की। वह सुबह जयपुर से सीधे कैलादेवी चिकित्सालय पहुंचे। फिर पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय में अधिकारियों से चर्चा की। इस बीच उन्होंने पीडि़त परिजन को ढांढस बंधाया और ग्रामीणों तथा मामले में परिजन का साथ दे रहे भीम आर्मी सेना के पदाधिकारियों से उनकी मांगों के बारे में जानकारी ली। बाद में प्रशासन से वार्ता कर सुलह कराई।

इन मांगों पर बनी बात

मृतक बच्चों के परिजन, ग्रामीणों तथा भीम आर्मी सेना के पदाधकारियों की विभिन्न मांगों के कारण पोस्टमार्टम व अंतिम संस्कार में गतिरोध था। इस पर विधायक की समझाइश से कुछ मांग मान ली गई, जबकि कुछ पर आश्वासन देकर उनको राजी किया गया। इसी क्रम में कैलादेवी क्रेशर उद्योग के संचालकों के खिलाफ दो मृतक बालकों के पिता बबलू जाटव की ओर से हत्या के आरोप की प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्राथमिकी में ऋषभ अग्रवाल, नीतू अग्रवाल, विपिन अग्रवाल, राजेश सिंह, अज्जू मीणा आदि नामों का उल्लेख है। प्राथमिकी में आरोप है कि अवैध संचालित क्रेशर के आसपास क्षेत्र में खनिज खुदाई के कारण पोखर नुमा गहरा गड्ढ़ा हुआ, जिसमें नलकूप से पानी भर दिया गया। इस जल भराव के कारण ही बच्चों के डूबने से मौत का हादसा हुआ।

क्रेशर को अवैध बताया

इसके अलावा प्रत्येक मृतक के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से 1-1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का एलान विधायक रमेश मीणा ने किया। मृतक बच्चों के परिजनों को संविदा पर नौकरी देने, अवैध खनन में लिप्त अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने, अवैध क्रेशर संचालकों के की गिरफ्तारी आदि मांगों पर प्रभावी कार्रवाई करने और राज्य सरकार स्तर की मांगों पर सरकार को लिखने का पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने भरोसा दिया।

एसपी की समझाइश से देर रात कैलादेवी लाए शव

बच्चों के शवों के साथ विरोध जता रहे ग्रामीणों तथा भीम आर्मी सेना के पदाधिकारियों को समझाइश करने शुक्रवार रात पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रकाश चंद, उपखण्ड अधिकारी देवेन्द्र सिंह परमार, कैलादेवी पुलिस उपाधीक्षक महावीर सिंह पहुंचे। इन अधिकारियों से ग्रामीणों ने अवैध क्रेशर के संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग रखी जिनके अवैध खनन से गहरा गड्ढ़ा होने से ये हादसा हुआ। ग्रामीणों ने कहा कि दो वर्ष पहले कैलादेवी ग्रिट उद्योग क्रेशर के खिलाफ शिकायत और प्राथमिकी पर कार्रवाई नहीं की गई। ए

20 घंटे नहीं जले चूल्हे

हादसे के बाद से नयाबास की ढाणी में शोक छाया है। किसी घर में शुक्रवार शाम से 20 घंटे तक चूल्हा नहीं जला और रुदन सुनाई दिया। शनिवार दोपहर में गमगीन माहौल में एक साथ चार अर्थियों के उठने पर पूरे इलाके में रुदन को सुनकर हर किसी की आंखें नम हो गई। अंतिम संस्कार में क्षेत्रीय विधायक रमेश मीणा, बहुजन समाज पार्टी के हंसराज मीणा बालौती सहित कई जनप्रतिनिधि तथा राजनीतिक लोग शामिल हुए।

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