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जिले में बारिश की आस में बैठे किसानों को तरसा रहे बादल
बुवाई की तैयारी पूरी, मेघ बरसे तो हो शुरुआत
बूंदी. इस बार मानसून की देरी से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें नजर आने लगी है। गत वर्ष भी कम बारिश से जलस्तर नीचे चला गया है तो इस वर्ष भी अब तक अच्छी बारिश की उम्मीद में बैठे किसान बुवाई नहीं कर पाए हैं। बारिश की इंतजार में बुवाई का समय भी निकलता जा रहा है। इधर, कुछ किसानों ने बुवाई तो कर दी लेकिन बारिश नहीं होने से उनके भी फसल पर संकट मंडराने लगा है। ऐसे में या तो महंगे डीजल से इंजन चलाकर काम चलाना पड़ रहा है या फसल के खराब होते देखना पड़ रहा है।
बड़ानयागांव. क्षेत्र में मानसून की बेरुखी के चलते आषाढ़ माह का एक पखवाड़ा से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी अच्छी बरसात नहीं होने से खेतों में रबी की फसलों की बुवाई नहीं होने से क्षेत्र के किसानों की फसलों को लेकर दिनोंदिन चिंता बढऩे लगी है। क्षेत्र के किसानों ने खेतों में फसलों की बुवाई को लेकर बाजार से बीज की खरीदारी कर रखी है, लेकिन बरसात नहीं होने से फसलों की बुवाई के समय में देरी हो रही है। किसान प्रकाश सांबलिया मांगली खुर्द के भंवरसिंह सोलंकी, भीमराज सिंह सोलंकी ने बताया कि क्षेत्र में बरसात नहीं होने से खेत खाली पड़े हैं। फसलों की बुवाई का समय निकलता जा रहा है, अगर समय पर बुवाई नहीं हुई तो फसलों की पैदावार प्रभावित होगी। क्षेत्र में बरसात नहीं होने से भूजल स्तर गहराने के साथ नलकूपों पर पानी रीतने लगा है। जिससे पेयजल संकट के साथ खेतों में खड़ी सब्जी की फसलों को बचाना मुश्किल हो रहा है।
कापरेन. कस्बे में बादल किसानों को तरसा रहे हैं। आसमान में बादल तो आ रहे हैं, लेकिन बिन बरसे ही निकल रहे हैं। ऐसे में किसान मायूस नजर आ रहे हैं। कई किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं। किसानों को कहना है कि मानसून देरी से आने से खेत खाली पड़े हैं। कई किसानों ने फसल की बुवाई कर दी तो भी बारिश का इंतजार करना पड़ रहा है।
किसानों को बेसब्री से बरसात का इंतजार
लाखेरी. कस्बे एवं ग्रामीण अंचल में रविवार को भी आसमान में बादल छाए रहे। लोगों को अच्छी बरसात की उम्मीद थी, लेकिन बादल बिना बरसे ही निकल गए। क्षेत्र में अभी तक भी अच्छी बरसात नहीं होने से आधे से अधिक उपखण्ड में बुवाई नहीं हुई है। किसानों को बेसब्री से बरसात का इंतजार है। किसानों का कहना है कि 1-2 दिन में अच्छी बरसात हो जाए तो 20 जुलाई तक सोयाबीन की बुवाई हो सकती है।
फसलों की बुवाई के लिए मानसून का इंतजार
रामगंजबालाजी. क्षेत्र में मानसून का लंबा इंतजार करने के बाद बरसात नहीं होने के चलते अब किसान निजी संसाधनों से धान रोपाई करने में जुट गए। किसानों की माने तो आषाढ़ आधा बीतने के बाद भी अच्छी बरसात नहीं हुई। जिससे किसान मक्का, ज्वार, उड़द, सोयाबीन, तिल्ली आदि की बुवाई नहीं कर सके। किसान निजी संसाधन ट्यूबवेल, इंजन आदि से खेतों में पानी भरकर धान रोपाई का कार्य कर रहे हैं। हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार धान रोपाई का कार्य ज्यादा शुरू नहीं हो सका। वर्तमान स्थिति को देखते हुए अधिकतर किसान निजी संसाधनों से धान की रोपाई करने से कतरा रहे हैं।

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