>>: Digest for July 04, 2021

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सीकर/मूंडरू. इन दिनों राज्य सरकार की ओर से दिये जाने वाला मिड-डे मील चर्चा में है। पोषण का एक ऐसा कोम्बो किट बच्चों को मिला है जिसमें मूंगदाल और मिर्च मसालों में साथ कंकर-पत्थर और व अन्य अपशिष्ट शामिल हैं। पिछले दिनों आंगनबाड़ी केंद्रों पर घुन लगे चने बांटे जाने का मामला सामने आया था। इसके बाद अब सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिल रहे मिड-डे-मील के राशन किटों में घटिया गुणवत्ता वाले मिर्च, मसाले व दालें वितरित किया जाना सामने आ रहा है। हाल ही में राजस्थान सरकार आयुक्तालय की मिड-डे-मील योजना के अंतर्गत कोविड-19 के दौरान जुलाई 2020 से मार्च 2021 तक की अवधि के मिड-डे-मील के कोम्बो किट विद्यार्थियों को वितरित किये जा रहे हैं। ये किट सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले कक्षा 1 से 5 व 6 से 8 तक के बच्चों को अलग-अलग मात्राओं में वितरित किये गए। दाल व मसालों की शिकायत पर विभाग के अधिकारियों से बात की तो सामने आया कि यह राशन स्कूलों में ठेकेदार के जरिये सप्लाई हो रहा है। शिकायत पर पत्रिका टीम ने दस गांवों के करीब 50 से अधिक घरों में बच्चों व अभिभावकों से छानबीन की तो हकीकत सामने आई।

केस 1- गांव नावलाई की कक्षा 7 की खुशी शर्मा ने कहा कि मूंग दाल के पैकेट को खोला गया तो दाल में बारीक- बारीक कंकर-पत्थर मिले है। जिन्हें छांटने पर करीब 10 प्रतिशत कंकर-पत्थर के टुकड़े निकले हंै। मिर्च मसालों की क्वालिटी भी हल्की है।

केस-2 - अभिभावक मांगीलाल जांगिड़ का कहना है कि ऐसी दाल तो मैंने अपने 70 साल की उम्र में भी नहीं देखी। इसे तो जानवर भी नहीं खाये। सरकार ने क्या बच्चों को बीमार करने के लिए ऐसी दाल भेजी है।


केस-3- कक्षा 8 की उमा जांगिड़ दाल दिखाते हुए बोली कि पेकिंग किट पर मार्का तो आइएसआइ का लगा है। परन्तु इसकी क्वालिटी लोकल से भी बेकार है। हल्दी, मिर्च, धनिया पाउडर व मसाले भी हल्के स्तर के है।


केस-4 -कक्षा 8 की निशा सैनी ने अपने घर की मूंग दाल दिखाते हुए कहा कि कहने को तो मूंग दाल पर इसमें कई दाले मिक्स है। दाल का रंग भी अलग है।

श्रीमाधोपुर ब्लॉक में कक्षा 1 से 8 तक वितरित राशन व मात्रा -
राशन कक्षा 1- 5 कक्षा 6- 8 वितरित राशन

चना दाल 2 किलो 3 किलो 41499 किलो
मूंग दाल 3 किलो 5 किलो 65786 किलो

सोयाबीन तेल 1 लीटर 1.5 लीटर 20749 किलो
धनिया पाउडर 500 ग्राम 700 ग्राम 10021 किलो

लाल मिर्च 500 ग्राम 700 ग्राम 10021 किलो
हल्दी 500 ग्राम 700 ग्राम 10021 किलो

नमक 2 किलो 3 किलो 41499 किलो
जीरा 200 ग्राम 300 ग्राम 4149 किलो

चिकित्सक की सलाह-

बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पोषण की अधिक आवश्यकता होती है। यदि उन्हें दूषित दाल खिलाएंगे तो बच्चों के पेटदर्द के साथ उल्टी, दस्त की शिकायतें हो सकती है। साथ ही बच्चे कुपोषित होने के शिकार हो सकते हैं।
डाक्टर मुकेश चौधरी, पीएचसी प्रभारी मूंडरू

इनका कहना है-

विद्यार्थियों को चने व मूंग की दाल के पैकेट मिले है। अभिभावक व विद्यार्थियों ने मूंग दाल में कचरा व कंकर पत्थर मिलने की शिकायत की है। उच्च अधिकारियों को अवगत कराएंगे।
रामकरण सेठी प्रधानाध्यापक,नावलाई

राशन किट आगे से ठेकेदार के जरिये आ रहे है। बिना खोले पूरा किट विद्यार्थियों को सीधा दे दिया जाता है। शिकायत मिली है। उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। -

मालीराम रैगर- सीबीईओ श्रीमाधोपुर ।

सीकर/लोसल. राजस्थान के सीकर जिले के लोसल कस्बे में कोरोना टीकाकरण को लेकर शनिवार को फिर बवाल हो गया। राजकीय डेडराज खेतान स्कूल में लोगों ने इस बार भी टोकन वितरण में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। स्कूल दरवाजे पर धरना देकर स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारे भी लगाए। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला। करीब दो घंटे प्रदर्शन के बाद सीएचसी प्रभारी व पटवारी के आश्वासन से मामला शांत हुआ। गौरतलब है कि पिछले महीने भी टीकाकरण में पक्षपात का आरोप लगाते हुए लोगों ने सीएचसी में विरोध प्रदर्शन किया था।

चहेतों को रात को टोकन बांटने का आरोप
राजकीय डेडराज स्कूल में विवाद टीकाकरण के लिए जारी किए जाने वाले टोकन को लेकर हुआ। दरअसल यहां टीकाकरण की सूचना पर अल सुबह से ही लोग टीका लगवाने के लिए कतार में खड़े हो गए। जो टीकाकरण के समय तक काफी लंबी हो चुकी थी। लोगों का आरोप है कि इसी बीच देरी से आए लोगों केा सीधे अंदर प्रवेश देकर उनका टीकाकरण शुरू कर दिया गया। जिसे लेकर कतार में मौजूद लोगों में आक्रोश छा गया। पहले तो उन्होंने कतार में खड़े ही विरोध करना शुरू कर दिया। लेकिन, जब सुनवाई नहीं हुई तो स्कूल के दरवाजे पर धरना देकर उन्होंने सीएचसी प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसी बीच पुलिस ने आकर भी प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की। लेकिन, विवाद शांत नहीं हुआ। प्रदर्शनकारियों का ये भी आरोप था कि कस्बे में कोरेाना के टीके पहुंचते ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी रातोंरात ही चहेतों को टोकन बांट देते हैं। जिन्हें ही अगले दिन टीका लगाया जाता है।

समझाइश पर शांत हुआ मामला
प्रदर्शनकारी आक्रोश में स्कूल दरवाजे पर धरना देकर बैठ गए। उन्होनें सीएचसी व स्थानीय प्रशासन के खिलाफ नारे भी लगाए। प्रदर्शन की सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की। लेकिन, वे नहीं माने। बाद में सीएचसी प्रभारी अशेाक वर्मा व पटवारी सुखदेव ने अगले टीकाकरण सत्र में व्यवस्थाओं में सुधार का आश्वासन देकर मामला शांत करवाया।

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