>>: Digest for July 04, 2021

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भरतपुर . दोपहर 05 बजे। स्थान जनाना अस्पताल। कोई हाथ से पंखा झल रहा है तो कोई दुधमुुंहे को लेकर बरामदे में टहल रहा है। कोई घर से कूलर लाकर राहत पा रहा है तो कोई गत्ते से हवा कर रहा है। यह सब जतन भीषण गर्मी से राहत पाने को हैं। व्याकुल और जननी और परिजन यदि स्टाफ से सुविधा की बात कर दें तो उन्हें टका सा जवाब मिल रहा है कि 'सुविधा चाहिए तो निजी अस्पताल में जाकर इलाज कराओ।
अव्यवस्थाओं के बीच जनाना में जननी की जान और नवजातों की नब्ज गर्मी से व्याकुल है, लेकिन व्यवस्थाएं यहां हांफती नजर आ रही हैं। आलम यह है कि गर्मी से राहत पाने को मरीज घर से कूलर-पंखा लाकर काम चला रहे हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। अस्पताल में पूर्व में लगा सेंट्रल एसी सिस्टम अब यहां बीते दिनों की बात हो गई है। अस्पताल प्रशासन ने यूं तो यहां कूलर लगा रखे हैं, लेकिन वह दिखावे ज्यादा कुछ नजर नहीं आते। कुछ कूलरों में पंखड़ी नहीं है तो कुछ में पानी नहीं रहता है। शेष सही कूलरों से अस्पताल का स्टाफ राहत पा रहा है। ऐसे में भीषण गर्मी में मरीजों की जान मुश्किल में नजर आ रही है। आलम यह है कि यहां पंखे भी हवा कम और आवाज ज्यादा करते नजर आ रहे हैं। ऐसे में मरीज गर्मी से हलकान हो रहे हैं। भले ही सरकार जननी की सुरक्षा पर हर माह लाखों रुपए खर्च कर रही हो, लेकिन जननी और नवजात भीषण गर्मी से राहत दिलाने के इंतजाम यहां नजर नहीं आ रहे। गर्मी में सहूलियत के नाम पर यहां मरीज अव्यवस्थाओं की पीर सहने को विवश नजर आ रहे हैं।

सेंट्रल एसी सिस्टम बीते दिनों की बात

जनाना अस्पताल में मरीजों को राहत देने के लिए सेंट्रल एसी की व्यवस्था की गई। वर्ष 2008 मेें आठ सितम्बर को पूर्व उद्योग राज्यमंत्री दिगंबर सिंह ने इसका उद्घाटन किया था, जो अब यहां नाम मात्र का ही रह गया है। मरीजों को इसका लंबे समय से लाभ नहीं मिल रहा है। ऐसे में यहां मरीज व्याकुल हो रहे हैं। शिकायत करने के बाद भी मरीजों की यहां सुनवाई नहीं हो रही है।

यूं झलकी मरीजों की पीड़ा

रारह निवासी कविता के 29 जून को लड़का पैदा हुआ है। ऐसे में वह अस्पताल में भर्ती है। कविता की सास मीना ने बताया कि अस्पताल में गर्मी से राहत पाने को कोई इंतजाम नहीं है। पहले कूलर में पानी भरने को स्टाफ से विवाद हो गया। स्टाफ से इस संबंध में शिकायत की गई तो उनका जवाब था कि सुविधा चाहिए तो प्राइवेट अस्पताल में उपचार कराओ।
- मीना, निवासी गोपालपुरा रारह

सुभाष नगर निवासी विवाहिता कामिनी के 30 जून को लड़की हुई है। कामिनी की मां गीता ने बताया कि अस्पताल में गर्मी से राहत देने को कोई इंतजाम नहीं हैं। गर्मी में राहत नहीं मिलने पर घर से पंखा लेकर आए हैं। सभी मरीज गर्मी से बेहाल हैं। कई बार स्टाफ को कहा गया है, लेकिन यहां कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

- गीता, निवासी सुभाष नगर

शहर के आनंद नगर निवासी जनाना में भर्ती जूली ने बताया कि अस्पताल में गर्मी से राहत देने को कोई इंतजाम नहीं है। यहां कूलर-पंखे खराब पड़े हैं। पंखे भी ठीक से हवा नहीं दे रहे हैं। कई बार इसको लेकर कहा गया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इससे मरीज परेशान हैं।
- जूली, निवासी आनंद नगर

शहर के बुद्ध की हाट निवासी रीना को 28 जून को लड़का हुआ है। वह अभी अस्पताल में भर्ती है। रीना के भाई रोहिताश ने बताया कि अब उमस भरी गर्मी नहीं झेली जा रही है। ऐसे में घर से कूलर लाकर राहत पा रहे हैं। अस्पताल में मरीजों को कोई राहत नहीं मिल रही है।
- रोहिताश, निवासी बुद्ध की हाट

रजनी को 30 जून को पुत्र हुआ था। वह उसी दिन से उमस और गर्मी से इतनी परेशान थी कि रात को उसे बेचैनी हो गई। ऐसे में रात जागकर और कपड़े से हवा कर गुजारनी पड़ी। गर्मी से बेहाल मरीजों को राहत देने के लिए अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है।
- रुक्मणि, मरीज की नानी

अस्पताल में गर्मी से बचने का कोई भी उपाय नहीं है। छत पर लगा हुआ पंखा भी धीमी हवा दे रहा है। हाथ के पंखे से हवा कर गर्मी से बचाव कर रहे हैं। मेरी बहू रेखा यहां भर्ती है। गर्मी में यहां सभी बेहाल हैं।

- श्यामवती, मरीज की सास


गर्मी में सभी मरीज व्याकुल हो रहे हैं। शुक्रवार को मुझे पुत्र की प्राप्ति हुई है। वार्ड में गर्मी और उमस से परेशान हैं, लेकिन गर्मी से राहत पाने को यहां कोई इंतजाम नहीं हैं। शिकायत पर भी सुनवाई नहीं है।

- पिंकी, भर्ती मरीज


मेरी बहू भर्ती है। गर्मी से बहुत परेशान हैं। अस्पताल में कूलर-पंखों की व्यवस्था नहीं है। रात भर हाथ का पंखा झलकर हवा करनी पड़ती है। न रात को राहत है और न ही दिन में आराम मिल रहा है। अस्पताल प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।

- आरती, भर्ती मरीज की सास


वार्ड में बहुत गर्मी है, लेकिन यहां एक ही कूलर लगा है। वह भी खराब है। कूलर में पानी नहीं चल सकता। यह केवल हवा दे रहा है। हवा को अपनी तरफ करने को लेकर मरीजों में हर रोज झगड़ा हो रहा है।

- सुमन, भर्ती मरीज

इनका कहना है

सेंट्रल एसी पहले से ही खराब है। खारे पानी के कारण वह खराब हो गया। तीन एसी लुपिन ने डोनेट किए हैं। लुपिन ने पांच की घोषणा की है, जो जल्द मिल जाएंगे। साथ ही 50 पंखे देने की भी बात कही है। हम खराब पंखे-कूलरों को जल्द बदलवा देंगे। मरीजों को राहत देने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए पीएमओ मैडम से भी एसी की डिमांड रखी गई है।

डॉ. रूपेन्द्र झा, प्रभारी जनाना अस्पताल

भरतपुर. शहर के विकास का जिम्मा संभाल रहे नगर निगम व नगर सुधार न्यास की कार्यशैली हमेशा सवालों के घेरे में रहती है। यही कारण है कि शहर में आए दिन लापरवाही सामने आती है। अब मामला सुभाष नगर की अशोक विहार कॉलोनी से जुड़ा हुआ है, जहां नगर निगम ने जिस ठेकेदार को 20 लाख रुपए से नाला निर्माण का ठेका दिया, वह अधूरा काम छोड़ गया। खुद नगर निगम के अधिकारियों को ही इस बारे में पता नहीं है। नगर निगम की लापरवाही की सजा वहां की जनता को भुगतनी पड़ रही है। बताते हैं कि अशोक पार्क की ओर से नाला आ रहा है। आउटलेट गोलपुरा रोड पर है। करीब 30 फीट का नाला बनाकर उसे जोडऩा बाकी है।
जानकारी के अनुसार सुभाष नगर अशोक विहार कॉलोनी में जलभराव की समस्या से लोग परेशान है। लोगों का घर से निकलना भी दूभर हो रहा है। जलभराव के कारण बच्चे तो घर से निकलते ही नहीं है। मोहल्ले वासियों का कहना है कि अशोक विहार पार्क के पास ठेकेदार की ओर से बनाई गई सड़क एवं नाली का निकास सही नहीं किया गया है। इससे मोहल्लेवासियों के घरों के आगे गंदा पानी भरा रहता है। उनका कहना है कि बारिश में तो बहुत ही बुरी स्थिति हो जाती है। कुछ माह पूर्व ठेकेदार की ओर से सड़क एवं नाली का निर्माण कराया गया था, लेकिन ढलान सही नहीं होने से घरों के आगे ही पानी भरा रहता है। इससे आवागमन में समस्या हो रही है।

आपस में हो रहे झगड़े, थाने तक पहुंच चुका विवाद

अशोक विहार कॉलोनी में जलभराव की समस्या के कारण आए दिन झगड़े भी हो रहे हैं। पड़ोसियों के बीच कहानुी हो रही है। दो प्रकरणों में तो मारपीट तक हो गई है व थाने में कई रिपोर्ट भी हो गई हैं। मोहल्लेवासियों की ओर से कई बार नगर निगम को भी अवगत कराया जा चुका है, लेकिन समस्या समाधान के नाम पर सिर्फ झूठ बोला जा रहा है।

लोग बोले: नगर निगम की लापरवाही सजा भुगत रहे हम

-सड़क नीचे और नाली ऊपर होने के कारण जलभराव की समस्या बनी रहती है। रोज कोई न कोई गंदे पानी में गिर जाता है। बच्चों का घर से निकलना दूभर है।

डॉ. लाखन सिंह, अशोक विहार कॉलोनी


-जलभराव के कारण घर में पानी भरा रहता है। नाली ऊंची और सड़क नीचे है। इससे सड़क पर ही पानी भरा रहता है। एक माह पहले ही नाली-सड़क का निर्माण हुआ था। आवागमन में काफी समस्या हो रही है।

गीता, अशोक विहार कॉलोनी


-एक माह पहले नाली व सड़क निर्माण हुआ था। सड़क और नाली का लेवल सही नहीं होने से पानी नालियों की बजाय सड़क पर ही भरा रहता है।

बहादुर सिंह, अशोक विहार कॉलोनी

-जलभराव के कारण मच्छर होने से बीमार हो जाते हैं। घर से निकलना भी दूभर हो जाता है। नाली वे सड़क सही तरह से बनाई नहीं गई है। काफी समस्या होती है।

सिमरन, छात्रा, अशोक बिहार कॉलोनी


-जलभराव के कारण घर से निकलना मुश्किल हो रहा है। घर से बाहर जाते समय कई बार गंदे पानी में गिर चुका हूं। पहले इतनी समस्या नहीं थी जब से नाली व सड़क निर्माण हुआ है तब से समस्या ज्यादा हो गई है।

दिव्यांश, छात्र, अशोक विहार कॉलोनी


-गंदे पानी से जलभराव होने के कारण घर में ही रहना पड़ता है। गंदे पानी में निकल कर कैसे जाएं। जलभराव की समस्या का निदान शीघ्र होना चाहिए।

जगदीश, अशोक विहार कॉलोनी

-जलभराव की समस्या से काफी दिन से परेशान हैं। कोई सुनने वाला नहीं है। जब से नाली और सड़क का निर्माण हुआ है। तब से तो भारी समस्या हो रही है। बच्चों भी घर से बाहर नहीं निकलते हैं। इस समस्या का शीघ्र निदान होना चाहिए।

नीतू, अशोक विहार कॉलोनी


-कॉलोनी में पानी निकासी की काफी समस्या है। बारिश में बुरा हाल है। जल की निकासी को लेकर लोग आपस में ही झगड़ा करते हैं। मारपीट के बाद थाने में मुकदमा भी दर्ज हो गया है।

वीर सिंह, अशोक विहार कॉलोनी सुभाष नगर

-पानी की निकासी नहीं होने से बारिश में काफी समस्या रहती है। नाला अवरुद्ध है तो पानी कहां से निकलेगा। नाला आगे से बंद है। मकानों में पानी भरा रहता है।

प्रहलाद शर्मा, सुभाष कॉलोनी अशोक विहार

-जलभराव की समस्या को लेकर काफी दिन से परेशान हैं। नगर निगम की ओर से नाला अधूरा पड़ा हुआ है। मकानों में ही पानी भर रहा है। मैं बहुत बुरी स्थिति होती है। मच्छरों का प्रकोप रहता है।

संजय, सुभाष नगर अशोक विहार कॉलोनी


इनका कहना है

-वार्ड नंबर पांच में सुभाष नगर कॉलोनी की अशोक विहार कॉलोनी में नाला अधूरा पड़ा हुआ है, क्योंकि ठेकेदार सुनील गुप्ता को ब्लेक लिस्ट कर दिया था। उस दौरान उसने सात काम ले लिए थे। इसके बाद ठेकेदार को कोरोना हो गया। इससे आर्थिक परेशानी आ गई। जेईएन ने बिल पास नहीं किए। जलभराव की समस्या इसलिए भी है कि आउटलेट नहीं है, नो आउटलेट एरिया में जल निकासी कर नहीं सकते हैं। ठेकेदार का भुगतान हो जाए तो आउटलेट जुड़कर काम हो जाए। नाला 30-40 फुट का अधूरा रह गया है।

सुरजीत सिंह, पार्षद वार्ड नंबर पांच


-अगर कोई अधूरा रह गया है तो जानकारी कर उसे पूरा कराया जाएगा। ठेकेदार ने सड़क तो बनाई थी। नाले के बारे में जानकारी कर रहा हूं।

विनोद चौहान
एक्सईएन

भरतपुर. आगरा-जयपुर स्थित उच्चैन तिराहे पर शनिवार तड़के एक संदिग्ध कंटेनर पुलिस नाकाबंदी तोड़कर भाग निकला। पुलिस के पीछा करने पर तस्कर जाट माडौली के पास कंटेनर खड़ा कर भाग निकले। पुलिस ने कंटेनर को खोला तो उसमें 30 गोवंश मृत मिले। इन सभी की दम घुटने से मौत हो कई। कंटेनर पूरी तरह बंद था और उसमें हवा आने-जाने का कोई रास्ता नहीं था।

थाना प्रभारी अरुण सिंह ने बताया कि एएसआई अमीरचंद को मुखबिर से सूचना मिली कि एक कन्टेनर गाड़ी गोवंश से भरी हुई उच्चैन की तरफ जा रही है। इस सूचना पर पुलिस ने मय जाब्ते उच्चैन तिराहे एनएच-21 बाइपास पर नाकाबंदी कराई। संदिग्ध कंटेनर आता देख पुलिस ने चालक को रोकने का इशारा दिया। गोतस्कर पुलिस को देख नाकाबंदी तोड़ कन्टेनर को भगा ले गया। पुलिस ने पीछा किया जिस पर हाइवे स्थित जाट माडौली के पास तस्कर कंटेनर को छोड़ कर भाग निकले। पुलिस ने मौके पर जांच की तो उसमें 10 गाय, 20 बछड़ा निर्दयतापूर्ण तरीके से बंधे मिले जो सभी मृत थे। पुलिस ने बाद कंटेनर को जब्त कर थाने लेकर आई और बाद में पशु चिकित्सक से पोस्टमार्टम करा दफना दिया। पुलिस ने मामले में फरार गोतस्करों के खिलाफ मामला दर्ज कराया।


पुलिस को देख गोतस्कर भाग निकले, 21 गोवंश किए बरामद


भरतपुर. कैथवाडा थाना पुलिस ने पैदल-पैदल गोवंश ले जा रहे आधा दर्जन तस्करों से 21 गोवंश बरामद किए हैं। जबकि तस्कर भाग निकले। पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को सूचना मिली कि कुछ गोतस्कर गोवंशों को पैदल-पैदल गांव खेडा-बांसोली होते हुए हरियाणा की तरफ गोकशी के लिए ले जा रहे हैं। जिस पर पुलिस मौके पर पहुंची, जहां कुछ संदिग्ध लोग जाते दिखे। यह पुलिस को देख जंगल में भाग निकले। पुलिस ने इनकी पहचान आरोपी यूनुस उर्फ गुण्डा पुत्र भावला, जीमल पुत्र सुलेमान, सुब्बा पुत्र मछर उर्फ रमजानी, भज्जू पुत्र दीनू, सुक्खी पुत्र भावला निवासी बांसोली थाना कैथवाडा व साहून पुत्र सरबला निवासी भुआपुरगढ़ी के रूप में की है। पुलिस ने मौके से 2 सांड, 2 बछडा, 7 बछिया व 10 गाय को बरामद कर गोशाला भिजवाया है।

भरतपुर. उच्चैन क्षेत्र के गांव मुढेरा से करीब एक किलोमीटर दूर जंगलों में स्थित शांति वन हनुमान मंदिर पर कलयुगी मंदिर महंत संत लक्ष्मणदास एवं शिष्य संत पुरुषोतमदास ने मंदिर परिसर में तांडव मचाकर मंदिर स्थित राधाकृष्ण प्रतिमा को तोड़कर बाहर फेंक दिया जबकि यज्ञ शाला, दुर्गामाता, रामदरवार, प्रहलाददास, भौना बाबा, लालदास, हनुमान मंदिर, सहित संत कक्षों में तोडफ़ोड़ कर आग लगा दी। जिससे फ्रीज, कूलर सहित आदि सामान नष्ट हो गया। इसके अलावा मंदिर के बर्तनों को एक सूखे कुंआ में डाल दिया। हालांकि घटना 20 दिन पहले की बताई जा रही है। दोनों संतों के तामसी वृति होने से लोग यहां कम आते थे। घटना की सूचना पर गांव मुढेरा सहित हाडौली कुन्देर के लोग एकत्रित हुए और घटना के बाद से दोनों संत मंदिर परिसर से लापता हैं। ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी है। शुक्रवार को सूचना संत समाज को मिली तो मौके पर महामंडलेश्वर रामदास बाबा लुधावई के निर्देश पर संत समाज मंडल भरतपुर के सचिव महंत किशनदास लुधावई ने घटना का मौके पर पहुंचे और जानकारी ली और घटना की घोर निंदा की। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस मौके पर गांव मुढेरा सहित हाडौली, कुन्देर के भक्तगण मौजूद थे। हालांकि मंदिर महंत लक्ष्मणदास करीब बीस साल से मंदिर पर देव प्रतिमाओं की सेवा पूजा कर रहे है लेेकिन इनके शिष्य के आने के बाद शिष्य के रवैया को देखकर मंदिर पर महिलाएं जाने पर कतराती थी। उक्त घटना को लेकर ग्रामीणों में रोष व्याप्त हैं।

बसंत पंचमी को लगता है मेला

- गांव मुढेरा स्थित हनुमान मंदिर पर देव प्रतिमाओं को तोड़ फोड़ के मामले में संज्ञान में नहीं है और कोई भी व्यक्ति उनके पास इस शिकायत को लेकर नहीं आया है।
- जुगिता मीणा, नायब तहसीलदार उच्चैन


- करीब 20 दिन पूर्व गांव मुढेरा के दो व्यक्ति आए थे उन्होंने कहा कि मंदिर का बाबा भक्तगणों को परेशान करता है। उसे मंदिर से निकलवा दो मौके पर पुलिस ने उक्त शिष्य को मंदिर से निकाल दिया मंदिर में देव प्रतिमाओं की तोडफ़ोड़ के मामले में पुलिस को जानकारी नहीं है।
- महावीरप्रसाद, थाना प्रभारी उच्चैन

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