>>: Digest for July 04, 2021

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Table of Contents

जयपुर। प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यकारिणी के शनिवार को विस्तार होने के साथ ही कार्यकारिणी विवादों में आ गई। कार्यकारिणी विस्तार में जयपुर ग्रेटर महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनाई गई भावना पटेल वासवानी की नियुक्ति पर नियुक्ति के 5 घंटे बाद ही रोक लगा दी गई है। दरअसल जैसे ही भावना पटेल वासवानी की नियुक्ति के आदेश हुए।

वैसे ही शहर कांग्रेस के कई नेताओं ने इसके विरोध में मोर्चा खोलते हुए विरोध शुरू कर दिया। बताया जाता है कि नवनियुक्त जिला अध्यक्ष भावना पटेल वासवानी ने नगर निगम चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर कांग्रेस प्रत्याशी के सामने चुनाव लड़ा था, जिसके चलते इन्हें कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था ।

निर्दलीय चुनाव लड़ने और विरोध की खबरें जैसे ही प्रदेश महिला कांग्रेस के अध्यक्ष रेहाना रियाज तक पहुंची तो उन्होंने आनन-फानन में तुरंत ही नियुक्ति पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए। इस संबंध में प्रदेश प्रदेश प्रभारी नीतू वर्मा से भी चर्चा कर आगामी आदेश तक युक्ति पर रोक लगा दी है।

प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रेहाना रियाज ने बताया कि जयपुर ग्रेटर महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर एक कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी पूरे मामले की जांच पड़ताल के बाद ही अपना फैसला लेगी और उसके बाद ही जयपुर गेटर महिला कांग्रेस की अध्यक्ष की नियुक्ति के आदेश जारी होंगे।

विधानसभा चुनाव लड़ चुके नेता ने की थी लॉबिंग
बताया जाता है कि भावना पटेल वासवानी को जयपुर ग्रेटर महिला कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नियुक्ति करवाने के लिए विधानसभा चुनाव चुनाव लड़ चुके एक कांग्रेस नेता ने लॉबिंग की थी। गौरतलब है कि प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यकारिणी का शनिवार को ही विस्तार किया गया था। जिसमें 13 महिला नेताओं को जगह दी गई थी। इससे पहले शनिवार को महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रेहाना रियाज ने कार्यकारिणी का विस्तार करते हुए प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यकारिणी विस्तार में दो उपाध्यक्ष, चार महासचिव, पांच सचिव और दो जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां की थी।

अश्विनी भदौरिया / जयपुर। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम यहां दिल्ली रोड स्थित चौंप में अब शीघ्र आकार लेगा। सितम्बर-अक्टूबर में भूमि पूजन कर स्टेडियम की नींव रख दी जाएगी। स्टेडियम लगभग 30 माह में बनकर तैयार हो जाएगा। इसके लिए आवंटित भूमि का पट्टा और कब्जा पत्र शुक्रवार को जेडीसी गौरव गोयल ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) के अध्यक्ष वैभव गहलोत को सौंपा।

इस मौके पर वैभव ने कहा, आरसीए की नई कार्यकारिणी ने जो सपना देखा था, उसे पूरा करने की दिशा में यह पहला कदम है। इसके निर्माण के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने भी 100 करोड़ का अनुदान देने की सहमति दे दी है। टेंडर डॉक्यूमेंट की प्रक्रिया शीघ्र शुरू होगी।

जेडीसी गोयल ने बताया कि स्टेडियम के लिए जेडीए ने चौंप गांव में 100 एकड़ जमीन आवंटित की है। यह सी-जोन बाइपास और प्रस्तावित उत्तरी रिंग के पास है। सी-जोन बाइपास से स्टेडियम की दूरी 1300 मीटर होगी। आरसीए के सलाहकार जीएस संधू ने बताया कि यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम होगा। यहां 3500 गाडिय़ों की पार्किंग हो सकेगी। स्टेडियम के चहुंओर सड़क बनेगी।


खास-खास

- देश में नरेन्द्र मोदी स्टेडियम (मोटेरा) के बाद दर्शक संख्या के लिहाज से यह दूसरा सबसे बड़ा स्टेडियम होगा। इसका निर्माण दो चरणों में होगा।
- इससे बड़े शहरों का जुड़ाव रहेगा। कोटा, अजमेर, दौसा, दिल्ली की ओर से आने वाले दर्शक आसानी से पहुंच सकेंगे।


हो पाएंगे टेस्ट मैच

आरसीए का स्वयं का स्टेडियम बनने से दर्शकों को टेस्ट मुकाबले देखने को मिलेंगे। बीसीसीआइ की शर्त के अनुसार टेस्ट के लिए एसोसिएशन का स्वयं का स्टेडियम होना जरूरी है, जहां सभी सुविधाएं हों। बीसीसीआइ के नियमों के कारण यहां वर्ष 1987 के बाद से टेस्ट मैच नहीं हुआ। वर्तमान में आरसीए का 2022 तक क्रीड़ा परिषद से एमओयू है। प्रत्येक आइपीएल मैच के लिए 20 लाख रुपए देने पड़ते हैं।

देश व दुनिया में यह कद
चौंप में 75000 दर्शक क्षमता वाला यह स्टेडियम इस क्षमता के लिहाज से मोटेरा और मेलबर्न के बाद दुनिया का तीसरा और भारत का दूसरा बड़ा स्टेडियम होगा। पहले चरण में 40 हजार और दूसरे चरण में 35 हजार दर्शकों क्षमता विकसित होगी। पहले फेज की निर्माण लागत 300 से 350 करोड़ आएगी। इसके लिए बीसीसीआई से 100 करोड़ मिलेंगे। 100 करोड़ का लोन लिया जाएगा। शेष राशि कार्पोरेट हाउस पेवेलियन एवं आरसीए स्वयं खर्च करेगा।

जयपुर। पेट्रोल-डीजल की दरों में लगातार वृद्धि और रसोई गैस की कीमतें बढ़ने पर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। खाचरियावास ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले 7 महीनों में 6 बार गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाए हैं। 1 दिसंबर 2020 को 598 रुपए का गैस सिलेंडर था उसके दाम बढ़ाकर 838 रुपए कर दिए हैं। इसी तरह पेट्रोल-डीजल में सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क के रूप में केंद्र सरकार ने अपना राजस्व बढ़ाकर देश की जनता का रसोई का बजट बिगाड़ दिया है।

खाचरियावास ने कहा कि केंद्र सरकार को पेट्रोल और डीजल से लगभग 5 लाख करोड़ की कमाई हो गई लेकिन देश की जनता इस कोरोना महामारी के दौरान पेट्रोल डीजल की महंगाई और रसोई गैस की मूल्य वृद्धि से पूरी तरह से टूट गई है, देश की जनता के सपने चकनाचूर हो गए।

महंगाई के मुद्दे पर चुनाव जीतने वाली भाजपा ने जनता की पीठ में लगातार खंजर घोपने का काम किया है। परिवहन मंत्री ने कहा कि देश इस समय महंगाई रोजी रोटी से संघर्ष कर रहा है, कोरोना संकट में जनता के हाल बेहाल है लेकिन केंद्र की मोदी सरकार महलों में बैठकर आंख पर पट्टी बांधकर भूख के दर्द से परेशान जनता के दर्द पर महंगाई का बोझ डाले जा रही है।
खाचरियावास ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी के समय पेट्रोल-डीजल और गैस के दाम एकदम न्यूनतम स्तर पर थे उसके बाद केंद्र में आई मोदी सरकार ने गैस सिलेंडर पर 300 बढ़ा दिए और पेट्रोल-डीजल पर 32 से 35 तक बढ़ा दिए गए हैं।

ड्यूटी के दौरान उत्कृष्ट एवं सराहनीय कार्य के लिए पुरस्कार और पदोन्नति कमेटी ने तीन हैड कांस्टेबल को गैलेंट्री प्रमोशन की सिफारिश की है। जिसमें सीआईडी सीबी के दो और जोधपुर कमिश्नरेट का एक हैड कांस्टेबल शामिल है। इनको एएसआई पद पर विशेष पदोन्नति दी गई है।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध डॉ रविप्रकाश ने बताया कि सीआईडी क्राइम ब्रांच में हैड कांस्टेबल शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने एसओजी जयपुर में पदस्थापन के दौरान करौली के कुख्यात हथियार तस्कर प्रेम सिंह मीणा को जान कोखिम में डालकर गिरफ्तार किया था। जिनके कब्जे से 23 पिस्टल, 30 मैग्जीन तथा 06 कारतूस बरामद किए थे। हैड कांस्टेबल दुष्यन्त सिंह ने सीआईडी क्राइम ब्रांच की स्पेशल टीम में रहकर मादक पदार्थो व हथियारों की तस्करी की रोकथाम के अभियान में 29 बड़ी कार्रवाइयां की थी। जिसमें करीब 3000 किलो डोडा-चूरा, 80 किलो गांजा, 29 किलो अफीम, 9000 किलो प्रतिबंधित खैर की लकड़ी तथा 12 अवैध हथियार जब्त हुए।

इनका भी हुआ प्रमोशन
जोधपुर के हेड कांस्टेबल कमरू खान ने कुख्यात गैंगेस्टर लारेंस विश्नोई गैंग के पवन सोलंकी व गैंगस्टर मोंटू कण्डारा के बीच होने वाली गैंगवार से पहले साजिश का पता कर दो शूटरों को गिरफ्तार करवाने में अहम भूमिका निभाई। भर्ती एवं पदोन्नति बोर्ड राजस्थान की एसपी ममता गुप्ता ने बताया कि इन तीनों को वर्ष 2021-22 की रिक्तियों के विरूद्ध पदोन्नति हेतु विशेष नामांकन किया गया हैं।

अलवर। पश्चिमी बंगाल, बिहार और आसाम में इस साल आम की फसल (Mango crop) अच्छी होने से अलवर जिले (Alwar District) की कई सरसों तेल इकाइयां (Mustard Oil Units) बंद हो गई हैं। आप सोचेंगे कि सरसों तेल का आम से क्या संबंध है। इन राज्यों में गर्मी तेज है और मानसून नहीं आया है तो लोग रोटी सब्जी से खाने की बजाए आम से खाना अधिक पसंद करते हैं। इसके चलते सरसों तेल कच्ची घानी की मांग अचानक कम हो गई है और मजबूरन सरसों तेल मील बंद करनी पड़ी।
सरसों तेल हुआ सस्ता, सरसों महंगी
तेल उत्पादक अजय आनंद गोयल कहते हैं कि इन दिनों सरसों तेल सस्ता हो गया है, जबकि सरसों के भाव 6900 रुपए प्रति क्विंटल पर अटक गए हैं। एेसे में सरसों तेल के भाव 145 रुपए प्रति किलो तथा इस पर जीएसटी अलग है। यह भाव थोक के हैं। एक तरफ तो सरसों के भाव अधिक हैं और दूसरी तरफ कई राज्यों में सरसों तेल की मांग कम है जिसके चलते कई सरसों तेल मील ही बंद हो गई हैं। अलवर जिले में इस समय 15 सरसों तेल मील बंद हैं, जबकि कुल इनकी संख्या 55 है।

दूसरी ओर मानसून की बेरुखी के चलते कई राज्यों में गर्मी अधिक है। एेसे में लोग रात के भोजन में सब्जी में सरसों तेल का तड़का लगाने की बजाए आम से ही रोटी खा लेते हैं। बिहार में सबसे अधिक आम से रोटी खाने का चलन है। इस बारे में सरसों तेल उत्पादक बृज भूषण गुप्त कहते हैं कि यह सही है कि इन दिनों आम का असर इसकी मांग पर पड़ा है। जब तक बरसात तेज नही ंआएगी, तब तक सरसों तेल की मांग नहीं निकलेगी। इसके लिए मानसून का इंतजार करना होगा।

पूर्वात्तर राज्यों में कोल्हू के तेल की मांग
पूर्वात्तर राज्यों असम, अरूणाचल, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड के साथ पश्चिम बंगाल में अलवर और भरतपुर के कच्ची घानी के तेल की बहुत मांग है। कच्ची घानी सरसों तेल बनाने का वही परम्परागत रूप कोल्हू से तेल निकालना है। इस तेल में झाग के कारण तीखापन अधिक होता है जिससे मच्छली का स्वाद बढ़ जाता है।

जयपुर। डीएनए परीक्षण करने वाली प्रदेश की एकमात्र एफएसएल में वैज्ञानिकों के 9 में से 8 पद खाली हैं। इससे 84 संगीन मामलों में दो साल से डीएनए परीक्षण अटका हुआ है। अब राज्य सरकार मेडिकल कॉलेजों में भी परीक्षण शुरु कराने की तैयारी कर रही है।
बारा—अटरू विधायक पानाचंद मेघवाल ने बजट सत्र में गृह विभाग से प्रश्न पूछा था, जिसका अब जवाब आया है। मेघवाल ने डीएनए परीक्षण में देरी की ओर सरकार का ध्यान दिलाते हुए लंबित प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण का मुद्दा उठाया था। इसके जवाब में गृह विभाग ने बताया है कि डीएनए परीक्षण के लिए प्रदेश में एफएसएल जयपुर ही एकमात्र प्रयोगशाला है। इस प्रयोगशाला में प्रयोगशाला सहायक से लेकर वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी व सहायक निदेशक स्तर तक 11 पद हैं, जिनमें से 9 पद खाली चल रहे हें।
जवाब से यह हुआ खुलासा
— डीएनए सेल के खाली पदों को सीधी भर्ती से भरा जाएगा
— डीएनए प्रकरणों के निस्तारण में तेजी के लिए आउटसोर्सिंग से परीक्षण कराने की तैयारी
— प्रदेश से बाहर की लैब में भी डीएनए टेस्ट करवाए जाएंगे
— प्रदेश के मेडिकल काॅलेज में डीएनए परीक्षण की कार्यवाही विचाराधीन
— विशेष कार्ययोजना के तहत सीरम एवं जैविक सेल के अधिकारी—कर्मचारी भी अटैच होंगे
विधायक मेघवाल की चिंता
संगीन अपराधिक मामलो अनुसंधान में डीएनए टेस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका है। लम्बित प्रकरणो के निस्तारण मे देरी से पीडित को न्याय मिलने में विलंब होता हैं। जल्द से जल्द एफएसएल प्रयोगशाला के रिक्त पदो को भरा जाए। मेडिकल काॅलेज में डीएनए परीक्षण शुरु हो, जिससे समस्या का समाधान संभव है।

गलता गेट थाना पुलिस ने पाईप चुराने वाले दो बदमाशों को पकड़ा हैं। पुलिस ने उनके कब्जे से चोरी के समय काम में लिया गया लोडिंग वाहन जब्त किया हैं।
डीसीपी (उत्तर) परिस देशमुख ने बताया कि 18 जून को परिवादी फतेहपुर सीकर हाल अशोक कॉलोनी मालवीय नगर निवासी विद्याधर मील ने थाने में मामला दर्ज करवाया था। जिसमें बताया कि उसकी विद्याधर मील प्रोपराईटर हीराचंद्रा कंस्ट्रक्शन कंपनी के तहत रिलायन्स जिओ की भूमिगत केबल डालने का काम कर रही हैं। पाइप के चार बंडल पार्षद कार्यालय वार्ड 76 से लगभग 50 मीटर आगे फुटपाथ पर रखे हुए थे। होली से पहले दिन 26 मार्च तक काम चल रहा था। उसके बाद लेबर वापस आई तो 5 अप्रेल को देखा तो 2 बण्डल गायब थे। 6 अप्रेल को एक पिरवादी थाने में दिया था। जांच के लिए सीसीटीवी फुटेज अभय कमाण्ड से देखा तो एक पिकअप गाड़ी बण्डल उठाते हुए दिख रही हैं। 10 अप्रेल को दो बण्डल और गायब हो गए। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपी जमवारामगढ़ हाल बाईजी की कोठी झालाना गांधी नगर निवासी गिरधारी लाल गुर्जर (28) और जमवारामगढ़ निवासी भैरूलाल गुर्जर (21) को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस बदमाशों से चोरी के पाइप बरामद करने का प्रयास कर रही हैं।

जयपुर। डाक विभाग अब कर और बाइक का इश्योरेंस भी करेगा। उसके लिए विभाग ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक का दो इंश्योरेंस कंपनियों से करार हुआ है। विभाग 5 से 17 जुलाई तक विशेष अभियान चलाएगा।जयपुर नगर मंडल में प्रवर अधीक्षक प्रियंका गुप्ता के अनुसार सिटी मंडल के अंतर्गत आने वाले 65 पोस्टमेन और ग्रामीण डाक सेवक का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। ये पोस्टमेन अब उपभोक्ताओं को उनके घर पर ही कार व बाइक का इश्योरेंस कराने की सुविधा देंगे। साथ ही अन्य पोस्टमेन का प्रशिक्षण भी अंतिम चरण में है। इसके लिए उपभोक्ता को अपने नजदीकी डाकघर में संपर्क करना होगा। साथ ही संबंधित डाकिए से भी संपर्क किया जा सकता है।

देशभर के डाकघरों में आम लोगों से जुड़ी सेवाएं मुहैया कराने की है तैयारी
डाक विभाग की नई सुविधाओं में आधार (Aadhar) सेवाएं, जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र (Birth/Death Certificate), वोटर आईडी (Voter ID), पेंशन (Pension), रोजगार संबंधी सेवाएं शामिल हो सकती है।


जयपुर। केबल व डीटीएच के जरिए मन पसंदीदा चैनल देखने की सहुलियत अब और सस्ती होगी। इसके तहत उपभोक्ता यदि पैकेज की बजाय मनचाहे चैनल (अ-ला-कार्ट के तहत) देखना चाहता है तो उसे अधिकतम 12 रुपए ही देने होंगे। यह दर पहले तक अधिकतम 19 रुपए प्रति चैनल थी। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के मुताबिक कोर्ट आदेश के बाद ब्रॉडकास्टर्स को चैनलों के दाम और बकेट (ग्रुप चैनल) दर में बदलाव करना होगा। इसके लिए ब्रॉडकास्टर्स को निर्धारित मियाद में इसे लागू करने के लिए कहा जा रहा है। हालांकि, पैकेज लेने पर यह दर लागू नहीं होगी। ट्राई के स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक न्यू टैरिफ आॅर्डर के खिलाफ ब्रॉडकास्टर्स कोर्ट में गए थे लेकिन इस मामले में यही प्रभावी होगा।

अनिवार्य चैनल नहीं होंगे एनसीएफ का हिस्सा
ट्राई राजस्थान के अधिकारियों के मुताबिक सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जिन चैनलों को अनिवार्य घोषित किया है, उन्हें नेटवर्क केपेसिटी फीस (एनसीएफ) चैनलों की संख्या में नहीं गिना जाएगा। इसके अलावा एक से ज्यादा टीवी वाले घरों में दूसरे कनेक्शन पर एनसीएफ पहले कनेक्शन के 40 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकेगा। साथ ही ट्राई की ओर से वितरण प्लेटफार्म परिचालकों (डीपीओ) को लंबी अवधि यानि छह महीने या अधिक के सब्सक्रिप्शन पर रियायत देने की भी अनुमति दी जाएगी।

किसके कितने उपभोक्ता
-9 मल्टी सिस्टम आॅपरेटर (एमएसओ) हैं यहां
-350 केबल आॅपरेटर कर रहे हैं काम
-1.25 लाख उपभोक्ता हैथवे एमएसओ के
-70 हजार बॉक्स होम टीवी
-30-30 हजार सिटी केबल, जीटीपीएल, डेन से जुड़े हुए
-3 लाख बॉक्स लगे हुए हैं शहर में
(इसके अलावा डीटीएच के उपभोक्ता अलग है। यह जयपुर शहर का आंकड़ा है, प्रदेश में कई गुना है)

इसका भी समाधान जरूरी : 24 घंटे सेवा तो राउंड-द-क्लॉक समाधान क्यों नहीं
जहां-जहां भी चौबीस घंटे काम हो रहा है वहां रात को अलग से स्टॉफ की व्यवस्था रहती है, लेकिन केबल प्रसारण मामले में ऐसा नहीं है। शाम सात बजे बाद तो केबल प्रसारण बाधित होने पर ठीक अगले दिन ही होगा। उपभोक्ताओें का कहना है कि कम से कम रात 10 बजे तक तो स्टॉफ रहना चाहिए, लेकिन ऐसा भी नहीं है।

राइट्स डीपीआर को करेगा अपडेट, सरकार ने दिए निर्देश

जयपुर. दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) के तहत कोटकासिम में प्रस्तावित नए अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर योजना केंद्र के सामने रखने के बाद अब राज्य सरकार इस एयरपोर्ट की डीपीआर को मौजूदा हालात के लिहाज से संशोधित करेगी। सरकार ने 10 हजार करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार करने वाली कम्पनी राइट्स को इस बारे में निर्देश दिए हैं। सूत्रों के अनुसार 2015 से चल रहे इस प्रोजेक्ट में 2018 में पर्यावरण मंजूरी मिली थी। हाल ही जब सरकार के स्तर पर डीपीआर की समीक्षा की गई तो सामने आया कि यह मंजूरी अब एक्सपायर हो चुकी है। ऐसे में अब फिर से ये मंजूरी लेकर नए सिरे से डीपीआर में संशोधन करने होंगे।

एक्सप्रेस-वे और भूमि पर भी मंथन

सूत्रों ने बताया कि डीपीआर को अपडेट करने की इस कवायद में सरकार एयरपोर्ट की जमीन और समीप से गुजर रहे दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे से इनकी कनेक्टिविटी को लेकर भी मंथन कर रही है। दरअसल, फिलहाल जो जमीन परियोजना के लिए निश्चित है उसमें निजी खातेदारी आ रही है। जबकि इसी के समीप ही सरकारी भूमि का विकल्प भी है। शुरुआती योजना के बाद एक्सप्रेस-वे का काम भी शुरू हो गया। ऐसे में सरकार सोच रही है कि इस मार्ग से भी एयरपोर्ट की सुगम कनेक्टिविटी मुहैया कराई जाए।

ये है योजना

सरकार की ओर से तैयार योजना के अनुसार भिवाड़ी के निकट कोटाकासिम में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट को चार चरणों में विकसित किया जाएगा। पहला चरण 2022 से 2027 तक चलेगा। 2058 हैक्टेयर भूमि पर प्रस्तावित इस एयरपोर्ट पहले चरण में प्रति वर्ष 30 लाख यात्रीभार संभावित है।

मुंबई. कॉटन यार्न की मल्टीनेशनल कंपनी एसवीएल ग्लोबल वेंचर्स ने अपने चौथी तिमाही के परिणामों की घोषणा की। कंपनी ने इस दौरान कुल 1422.4 करोड़ रुपए आय हुई। कंपनी का चौथी तिमाही में कुल राजस्व 571.1 करोड़ रुपए का रहा, जो वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में 321.3 करोड़ रुपए था। कंपनी ने इस तिमाही में कुल 38.3 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में 33.3 करोड़ रुपए था। कंपनी ने 3.0 रुपए का एपीएस दर्ज करवाया है, जो सालाना आधार पर 52.5 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है। एसवीपी ग्रुप के अध्यक्ष ओपी गुलिया ने कहा कि कंपनी उच्च स्तर के 100 फीसदी कोम्बेड कॉम्पैक्ट कॉटन और ब्लेंडेड यार्न का उत्पादन अपनी आधुनिक इकाइयों के माध्यम से करती है। कंपनी के इतने अच्छे वित्तीय परिणाम बताते हैं कि कंपनी निरंतर विकास के मार्ग पर जा रही है। लॉकडाउन के कारण वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में जो परिणाम आए थे उससे उलट कंपनी ने ऊँची छलांग लगायी है।

जयपुर. बहुजन समाज पार्टी प्रदेश में संगठन को मजबूत करने के लिए अधिक से अधिक युवाओं को पार्टी में पद देगी। लखनऊ में हुई बैठक में पार्टी अध्यक्ष मायावती की ओर से दिए गए निर्देशों के क्रियान्वयन को लेकर बसपा के प्रदेश पदाधिकारियों ने शुक्रवार को यहां बैठक की।
प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने बताया कि 2023 के चुनावों की तैयारियों के मद्देनजर दलित, मुस्लिम और पिछड़े वर्ग के प्रतिनिधियों समेत सभी समाजों को पार्टी से जोड़ा जाएगा, ताकि अगले चुनाव में पार्टी बैलेंस ऑफ पावर बन सके। आगामी दिनों में सदस्यता अभियान में तेजी लाई जाएगी। हाल ही बसपा प्रमुख ने लखनऊ में हुई हिन्दी भाषी राज्यों के पदाधिकारियों की बैठक में यह निर्देश दिए थे।
नेताओं के टकराव से जनता परेशान: लखनउ की बैठक में मायावती ने भाजपा और कांग्रेस नेताओं के बीच आपसी टकराव को लेकर राजस्थान, मध्यप्रदेश और हरियाणा की सरकारों पर निशाना साधा था। मायावती ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस, मध्यप्रदेश में भाजपा और हरियाणा में भाजपा गठबंधन की सरकारों की जनविरोधी नीतियों के कारण जनहित के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इन राज्यों में नेताओं की आपसी खीचतान से राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो रही है।

मुंबई. क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज वजीरएक्स ने ब्लॉकचैन एनालिटिक्स प्रोवाइडर टीआरएम लैब्स के साथ उनके सहयोग की घोषणा की है, जिसके तहत वजीर एक्स प्लेटफॉर्म पर संचालित किए जाने वाले लेन-देन के लिए मनी लॉन्डरिंग रोधी और धोखाधड़ी रोधी उपायों में वृद्धि की जाएगी।
टीआरएम लैब्स क्रिप्टो अनुपालन और जोखिम प्रबंधन के लिए एक संपूर्ण 'सेवा प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती है, जिसमें शामिल है वॉलेट स्क्रीनिंग लेनदेन निगरानी और जांच। वजीरएक्स के संस्थापक निश्चल शेट्टी ने कहा कि टीआरएम की निगरानी क्षमताओं में बीईपी-20 टोकन्स (बिनान्स स्मार्ट चेन), ईआरसी-20 टोकन (ईथीरियम), डोजकॉइन, कार्डानो और कई अन्य सहित 3.60 लाख डिजिटल असेट्स शामिल हैं, जो इस इंडस्ट्री में सबसे विस्तृत असेट कवरेज का प्रतिनिधित्व करता है। टीआरएम लैब्स के सीईओ इस्तेबान कास्तानो का कहना है, वजीरएक्स जैसे प्रगतिशील बिजऩेस इस बात को मान्यता देते हैं कि सही जोखिम प्रबंधन साधन तरक्की को सुगम बनाते हैं। हमारा नेक्स्ट जनरेशन प्लैटफॉर्म उन ग्राहकों के लिए तैयार किया गया है जिन्हें विनियामक अनुपालन और जोखिम प्रबंधन के सर्वोच्च मानकों को बनाए रखते हुए ग्राहकों की मांग की पूर्ति के लिए तेज़ी से आगे बढ़ना ज़रुरी है।

जयपुर। राज्य सरकार ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को सीनियर सैकण्डरी की शेष रहीं प्रायोगिक परीक्षाएं आयोजित करने की अनुमति दे दी है। शिक्षा बोर्ड ने 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों की शेष रही प्रायोगिक परीक्षाएं प्रत्येक पारी में 10-10 विद्यार्थियों के बैच बनाकर विद्यालय स्तर पर पूर्व में दिए दिशा-निर्देश अनुसार आयोजित करने के निर्देश जारी किए हैं। बोर्ड सचिव अरविन्द कुमार सेंगवा ने बताया कि बोर्ड की वर्ष 2021 की शेष रही सीनियर सैकण्डरी की प्रायोगिक परीक्षाएं विद्यालयों को 8 जुलाई तक सम्पन्न करानी होगी।

बोर्ड ने राज्य के सभी संस्था प्रधानों को निर्देशित किया है कि जिन विद्यालयों में अब तक प्रायोगिक परीक्षा आयोजित नहीं हुई है वहां विषयाध्यापक से प्रायोगिक परीक्षा सम्पन्न होने के बाद 24 घंटे में प्राप्तांक आवश्यक रूप से बोर्ड के पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड करें। जिन विद्यालयों द्वारा उनके विद्यार्थियों की प्रायोगिक परीक्षाएं सम्पन्न करवा ली गई है लेकिन बोर्ड को पूर्व में किसी कारण बोर्ड के पोर्टल पर ऑनलाइन अंक अपलोड नहीं किए जा सके ऐसे विद्यालय विद्यार्थियों के प्राप्तांक शीघ्र अपलोड करें।

प्राप्तांक बोर्ड को ऑनलाइन अपलोड करने होंगे

सेंगवा ने बताया कि जो परीक्षार्थी पूर्व में विद्यालय द्वारा आयोजित प्रायोगिक परीक्षा में किसी कारण से सम्मिलित नहीं हुए हैं ऐसे विद्यार्थियों की भी प्रायोगिक परीक्षा उसी विद्यालय में 8 जुलाई तक सम्पन्न कराकर प्राप्तांक बोर्ड को ऑनलाइन अपलोड करने होंगे। निर्धारित अवधि के बाद यदि कोई छात्र अनुपस्थित रहता है तो उस छात्र को अनुपस्थित मानकर परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन से पूर्व राज्य के 40 प्रतिशत से अधिक विद्यालयों के प्रायोगिक परीक्षाओं के प्राप्तांक बोर्ड को प्राप्त हो चुके हैं।

जयपुर। सरकारी तेल कंपनियों ने शनिवार को पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया। इससे पहले तेल कंपनियों ने शुक्रवार को पेट्रोल के दामों में 59वीं बढ़ोतरी की थी। हालांकि इस बार कंपनियों ने डीजल के दाम नहीं बदले। तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दाम में 37 पैसे की बढ़ोतरी की। जयपुर में अभी पेट्रोल 105.91 रुपए प्रति लीटर और डीजल 98.29 रुपए प्रति लीटर बिक रहा हैं। इस तरह इस साल तेल कंपनियों ने 59 बार में डीजल के दाम 17.41 रुपए और पेट्रोल के दाम 17.34 रुपए प्र्रति लीटर महंगा कर दिया हैं। श्रीगंगानगर में तो अब डीजल 102.42 रुपए और पेट्रोल 110.04 रुपए प्रति लीटर हो चुका है। पूरे देश में ये डीजल के सबसे अधिक भाव हैं।
कई राज्यों में पेट्रोल का शतक
कई राज्यों और संघ शासित प्रदेशों राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा और लद्दाख के बाद तमिलनाडु के कई शहरों मसलन सलेम, वेल्लौर, कुडालोर में पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर के पार हो गया है।
देश के महानगरों में पेट्रोल-डीजल का हाल
दिल्ली में पेट्रोल के दाम 99.16 रुपए व डीजल के दाम 89.18 रुपए प्रति लीटर, मुंबई में पेट्रोल 105.24 रुपए व डीजल के दाम 96.72 रुपए प्रति लीटर, कोलकाता में पेट्रोल 99.04 रुपए और डीजल 92.03 रुपए प्रति लीटर, चेन्नई में पेट्रोल 100.13 रुपए और डीजल के दाम 93.72 रुपए प्रति लीटर पहुंच गए।
प्रति दिन छह बजे बदलती है कीमत
बता दें कि प्रति दिन सुबह छह बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। सुबह छह बजे से ही नई दरें लागू हो जाती हैं। पेट्रोल व डीजल के दाम में कीमत में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोडऩे के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है।
जानिए आपके शहर में कितना है दाम
पेट्रोल-डीजल की कीमत आप एसएमएस के जरिए जान सकते हैं। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, आपको आरएसपी और अपने शहर का कोड लिखकर 9224992249 नंबर पर भेजना होगा। हर शहर का कोड अलग-अलग है, जो आपको आईओसीएल की वेबसाइट से मिल जाएगा।

फिरोज सैफी/जयपुर।

प्रदेश कांग्रेस में 11 महीनों से भंग जिलाध्यक्षों के पदों पर नई नियुक्तियों को लेकर कांग्रेस आलाकमान ने भले ही कवायद तेज कर दी हो और सीधे नाम दिल्ली मंगाए जा रहे हो, लेकिन प्रदेश में 15 जिले ऐसे हैं। जहां पर जिलाध्यक्षों के नामों को लेकर खींचतान चल रही है।

अपने-अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनाने के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेता आमने-सामने हो गए हैं। दरअसल 15 जिलों में कई जिले ऐसे हैं, जहां पर सचिन पायलट कैंप और अशोक गहलोत कैंप के नेता आमने-सामने हैं तो वहीं कई जिले ऐसे भी है जहां पर केवल अशोक गलत कैंप के लोग ही अपने-अपने समर्थकों को जिला अध्यक्ष बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं।

इन जिलों में दिग्गज आमने सामने

जयपुर शहर
कांग्रेस जिलाध्यक्षों में सबसे प्रभावशाली माने जाने वाले जयपुर शहर जिलाध्यक्ष के लिए अशोक गहलोत खेमे के नेता ही आमने-सामने हैं। जयपुर शहर अध्यक्ष पद के लिए विधायक रफीक खान सबसे प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं। गहलोत कैंप के ही महेश जोशी और प्रताप सिंह खाचरियावास अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनाने की लॉबिंग कर रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा अपने एक समर्थक को जिलाध्यक्ष बनाने के लिए जोर लगाए हुए हैं तो वहीं सचिन पायलट भी अपने समर्थक को जयपुर शहर अध्यक्ष बनाना चाहते हैं। ऐसे में जयपुर शहर अध्यक्ष को लेकर खींचतान बनी हुई है।

जयपुर देहात
जयपुर देहात जिला अध्यक्ष पद को लेकर भी अशोक गहलोत कैंप सचिन पायलट कैंप के बीच खींचतान है । पायलट कैप के मनीष यादव यहां जिला अध्यक्ष बनने की लॉबिंग कर रहे हैं तो वहीं गहलोत कैंप के माने जाने वाले विधायक गोपाल मीणा भी अध्यक्ष बनने के लिए लॉबिंग रहे हैं। इसके अलावा गहलोत कैंप के ही मंत्री लालचंद कटारिया और राजेंद्र यादव अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनाने कर रहे हैं।

अजमेर शहर और देहात
अजमेर शहर और देहात जिलाध्यक्षों को लेकर भी यहां सचिन पायलट कैंप और अशोक गहलोत के सामने-सामने हैं। अजमेर शहर और देहात दोनों जगह सचिन पायलट अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनाना चाहते हैं तो वहीं गहलोत कैंप के माने जाने वाले चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा अजमेर शहर और देहात दोनों पर अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनाने की लॉबिंग कर रहे हैं। ऐसे में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में यहां भी पेच फंसा हुआ है।

भीलवाड़ा
भीलवाड़ा जिले में भी जिलाध्यक्ष बनाने को लेकर खींचतान जारी है। भीलवाड़ा से लोकसभा सांसद रह चुके विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी अपने समर्थक को जिलाध्यक्ष बनाने का प्रयास कर रहे हैं। निवर्तमान जिलाध्यक्ष रामपाल शर्मा भी सीपी जोशी समर्थक हैं तो वहीं गहलोत कैंप के माने जाने वाले विधायक रामलाल जाट और खेल मंत्री अशोक चांदना भी अपने समर्थक को जिलाध्यक्ष बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। ऐसे में भीलवाड़ा में जिलाध्यक्ष बनाए जाने को लेकर गहलोत के नेता ही आमने-सामने हैं।

उदयपुर
उदयपुर जिलाध्यक्ष पद को लेकर भी गहलोत कैंप के नेता ही आमने-सामने हैं। यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले पूर्व सांसद रघुवीर मीणा और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ गिरजा व्यास अपने-अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनाने की लॉबिंग कर रहे हैं।

बांसवाड़ा
बांसवाड़ा जिलाध्यक्ष पद को लेकर भी खींचतान बनी हुई है। यहां भी गहलोत कैंप के ही दिग्गजों के बीच जोर आजमाइश चल रही है। गहलोत के माने जाने वाले वरिष्ठ विधायक महेंद्र सिंह मालवीय और मंत्री अर्जुन बामणिया अपने-अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं।

सीकर
जिलाअध्यक्ष को लेकर सबसे ज्यादा खींचतान सीकर जिले में देखने को मिल रही है। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का गृह क्षेत्र होने के चलते पीसीसी चीफ डोटासरा यहां अपने समर्थक को जिलाध्यक्ष बनाना चाहते हैं लेकिन यहां प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष चौधरी नारायण सिंह, वरिष्ठ विधायक राजेंद्र पारीक, परसराम मोरदिया और दीपेंद्र सिंह शेखावत अपने समर्थकों को जिला अध्यक्ष बनाने के लिए जोर लगाए हुए हैं।


झुंझुनूं
झुंझुनूं जिला अध्यक्ष पद को लेकर भी जोर आजमाइश चल रही है। झुंझुनूं में भी प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा अपने समर्थक को जिलाध्यक्ष बनाना चाहते हैं लेकिन यहां पायलट कैंप के माने जाने वाले बृजेंद्र ओला और अशोक गहलोत कैंप के माने जाने वाले राजकुमार शर्मा अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं।


भरतपुर
भरतपुर जिलाध्यक्ष पद को लेकर भी खींचतान बनी हुई है। यहां भी गहलोत पायलट गुट के नेता आमने-सामने है। सचिन पायलट कैंप के माने जाने वाले वरिष्ठ विधायक विश्वेंद्र सिंह अपने किसी समर्थक को जिलाध्यक्ष बनाने के लिए जोर लगाए हुए हैं तो गहलोत कैंप के माने जाने वाले मंत्री सुभाष गर्ग अपने किसी समर्थक को जिलाध्यक्ष बनाना चाहते हैं। हालांकि सुभाष गर्ग स्वयं राष्ट्रीय लोक दल से विधायक हैं लेकिन सुभाष गर्ग की मुख्यमंत्री से करीबी किसी से छिपी नहीं है। इसके साथ ही गहलोत कैंप की विधायक जाहिदा खान भी अपने समर्थक को जिलाध्यक्ष बनाने के लिए लॉबिंग कर रही हैं।

बीकानेर देहात
बीकानेर देहात अध्यक्ष पद को लेकर भी खींचतान बनी हुई है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी यहां अपने समर्थक को जिलाध्य़क्ष बनाना चाहते हैं तो गहलोत कैंप के माने जाने वाले उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी और पूर्व मंत्री वीरेंद्र बेनीवाल अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनाने के लिए जोर लगाए हुए हैं।

दौसा
दौसा जिलाध्यक्ष पद को लेकर भी यहां गहलोत-पायलट गुट आमने-सामने हैं। सचिन पायलट यहां अपने समर्थक को जिलाध्यक्ष बनाना चाहते हैं तो गहलोत कैंप के माने जाने वाले वरिष्ठ मंत्री परसादी लाल मीणा अपने समर्थक के लिए लॉबिंग कर रहे हैं।

जयपुर। कोविड-19 ने बहुत सारे लोगों की आजीविका को बाधित कर दिया है। इस लिहाज से सबसे अधिक प्रभावित प्रशिक्षण और शिक्षा संस्थान हुए हैं। वहीं, महामारी ने न केवल सभी क्षेत्रों में लोगों के लिए कई अवसरों को बढ़ाया है और कामकाज के लिए नई भूमिकाएं भी पैदा की हैं। मौजूदा परिस्थितियों से खड़ी हुई खाई को पाटने के लिए कई उद्यमी आगे आए हैं और नए विचारों व नई अवधारणाओं के साथ माहौल को दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं। महामारी ने ऐसे कई लोगों के लिए अवसरों का विस्तार किया है जो भेड़ चाल वाली नौकरियों की तलाश में नहीं थे। ऐसे लोग मानव जाति और समाज के लिए कुछ करने का उत्साह रखते थे और ऐसे कॅरियर की तलाश में थे जो मात्र रोजगार से बढ़कर हो। इसे सामान्य शब्दों में सामाजिक उद्यमिता कहा जाता है। एनजीओ, कॉरपोरेट, सरकारी निकाय और यहां तक कि निजी क्षेत्र भी ऐसे व्यक्तियों की तलाश में हैं, जो खुद को कार्यालय के माहौल की चहारदीवारी में सीमित नहीं रखना चाहते, बल्कि चुनौतीपूर्ण कार्य भूमिकाओं की तलाश में हैं, जो केवल लोगों से मिलते हैं बल्कि उनकी बेहतरी के लिए नेटवर्किंग करते हैं।
नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहना है कि क्रॉस सेक्टर पार्टनरशिप के साथ डिजिटल स्किल डवलपमेंट प्रोग्राम के बारे में बड़े पैमाने पर चर्चा हो रही है। इसके अलावा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति और इसके नए मानदंडों ने भी इसमें कई निहितार्थ जोड़े हैं, जिन्होंने कौशल पर विशेष ध्यान देने के साथ पूरी प्रणाली को नया रूप दिया है। हालांकि, कोविड.-9 ने हमें यह अहसास दिलाया कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को ऐसे लोगों की आवश्यकता है, जो 'मानवता की सेवाÓ करने की क्षमता रखते हैं और बदले में कोई अपेक्षा नहीं रखते। कई स्वयंसेवकों और व्यक्तियों के साथ-साथ कॉरपोरेट्स के लोग भी मुश्किल समय में मदद के लिए आगे आए। इस प्रकार, नियोक्ताओं सहित पूरी दुनिया ने महसूस किया कि इस समय ऐसे युवा व्यक्तियों की बहुत आवश्यकता है, विशेष रूप से जिनके पास अच्छे संचार, समस्या समाधान, सामाजिक-भावनात्मक कौशल जैसी सॉफ्ट स्किल्स हैं, साथ ही जो उद्यमशीलता की सोच भी रखते हैं।
संस्थान कौशल कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करें
संस्थानों को अब ऐसे कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जो कौशल पर ध्यान केंद्रित करते हैं, विशेष तौर पर सॉफ्ट स्किल्स पर। जहां अधिकांश स्कूल किताबों के माध्यम से सिखाने की सैद्धांतिक विधि से चल रहे हैं, वे युवाओं को वास्तविक जीवन में पेश आने वाली स्थितियों में डालकर उनका विश्लेषण करें, युवाओं के समस्या सुलझाने के कौशल और क्षमताओं में सुधार करें। ऑफ.साइट जैसी चीजें अब अतीत का हिस्सा है, छात्रों को केस स्टडी या वास्तविक जीवन जैसी स्थितियों से अवगत कराया जाना चाहिए। जहां वे मानवता की सेवा करते हुए उन समस्याओं और चुनौतियों से दो से चार हों, जिनका समाज सामना कर रहा है।
उद्यमिता विकसित करने के लिए डिजिटल कौशल प्रशिक्षण
छोटे शहरों और गांवों में महिलाओं विशेष रूप से युवा लड़कियों और महिलाओं के बीच उद्यमिता विकसित करने के लिए डिजिटल कौशल प्रशिक्षण आयोजित किए जाए। विशेष रूप से युवा महिलाओं के लिए शिक्षक प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रम विकसित हो। यह कार्यक्रम युवा महिलाओं को नेटवर्क बनाने और अपने करीबी दोस्तों और समुदाय की महिलाओं को उद्यमशीलता कौशल का सम्मान करने के लिए सिखाने पर केंद्रित होने चाहिए। हालांकि कुछ कंपनियों ने सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर ऐसा किया है, लेकिन जमीनी स्तर पर प्रशिक्षण देने के लिए ऐसे संगठनों का एक संघ बनाया जाना चाहिए। यह विशेष रूप से दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाना चाहिए, जो महिलाओं के लिए रोजगार पैदा करेगा और उन्हें सशक्तिकरण भी प्रदान करेगा।
महिलाओं और लड़कियों के लिए डिजिटल हॉबी कार्यक्रम
महिलाओं को मल्टी-टास्कर के रूप में जाना जाता है। ऐसे में, जब बच्चे इस महामारी के दौरान घर पर हैं, ऐसे कई कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जा सकता है, जो उनका शौक बढ़ाने में मदद करते हैं। ये उनमें उद्यमशीलता की भावना पैदा करने के साथ उन्हें सशक्त बनाने वाले छोटे उद्यम विकसित करने में मदद कर सकता है। उदाहरण के लिए, कौन घर का बना खाना पसंद नहीं करता, कौन कढ़ाई वाले कप नहीं चाहता या जो घर में बने हुए कागज का बना हुआ सामान पसंद नहीं करता। बच्चे जब अपने हाथों से चीजों को बनाने के लिए ढाले जाते हैं तो वे अपने जीवन और पैसे के मामलों को भी प्रबंधित करने में अधिक जिम्मेदार होंगे। इस तरह के कार्यक्रम निश्चित रूप से उन छात्रों के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं जो अभी भी शैक्षिक स्तर पर हैं और विशेष रूप से दिव्यांगों को सशक्त बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है।
कई एनजीओ और सरकारी निकायों ने अपनी-अपनी योजनाओं को विकसित करके पहल की है। हालांकि, छात्रों को सही मॉडल के साथ जोडऩे और उन्हें वास्तविक जीवन के वातावरण के करीब लाने से निश्चित रूप से समाज के प्रति उनका दृष्टिकोण बदल सकता है। इस प्रकार, अब समय आ गया है कि शैक्षणिक संस्थानों के पाठ्यक्रम को वास्तविक जीवन के मामलों और मॉडलों के माध्यम से छात्रों को सामाजिक रूप से जिम्मेदार बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

फिरोज सैफी/जयपुर।

प्रदेश में कोरोना महामारी का प्रकोप कम होने के बाद अब गहलोत सरकार ने नौकरशाही में बड़े बदलाव की तैयारी है। बताया जा रहा है कि दो दर्जन आईएएस एक दर्जन आईपीएस और 30 से ज्यादा आरएएस अधिकारियों को इधर-उधर करने की तैयारी पूरी हो चुकी है।

विश्वस्त सूत्रों ने भी इसी सप्ताह नौकरशाहों के तबादलों की सूची जारी होने के संकेत दिए हैं। नौकरशाही में बड़े बदलाव के जरिए गहलोत सरकार एक बार फिर गुड गर्वेंनस का संकेत देना चाहती है। जानकारों की माने तो सरकार में उच्च स्तर पर तबादला सूची को लेकर मंथन हो रहा है और जल्द ही नौकरशाही की बड़ी तबादला सूची सामने आ सकती है।

एक दर्जन कलेक्टर्स के नाम तबादला सूची में
विश्वस्त सूत्रों की माने तो गहलोत सरकार जिन आईएएस अधिकारियों को इधर-उधर करना चाहती है उनमें एक दर्जन जिलों के कलेक्टर्स भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि कई कलेक्टर्स के काम से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी खुश नहीं है तो वहीं सरकार के कई मंत्री-विधायकों ने भी कलेक्टर्स के कामकाज को लेकर मुख्यमंत्री को शिकायत की है।

ऐसे में माना जा रहा है कि एक दर्जन कलेक्टर्स को मंत्री-विधायकों की नाराजगी का खमियाजा भुगतना पड़ सकता है। गौरतलब है कि जयपुर कलेक्टर को लेकर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी मोर्चा खोला हुआ है। हाल ही में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में भी खाचरियावास ने जयपुर कलेक्टर को लेकर नाराजगी जाहिर की थी।

एक दर्जन आईपीएस भी होंगे इधर- उधर
वहीं दूसरी ओर सरकार एक दर्जन आईपीएस अधिकारियों का भी तबादला करने जा रही है। इनमें कई जिलों के पुलिस अधीक्षकों को भी बदला जाएगा तो जयपुर और जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट में ही बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

सूची को है मुख्यमंत्री की मंजूरी का इंतजार
सरकार से जुड़े विश्वस्त सूत्रों की माने तो आईएएस-आईपीएस और आरएएस अधिकारियों की तबादला सूची को लेकर सरकार में होमवर्क पूरा हो चुका है और लगभग तबादला सूची बनकर तैयार है, लेकिन तबादला सूची को अभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंजूरी का इंतजार है। मुख्य मुख्यमंत्री गहलोत की मंजूरी के बाद ही तबादला सूची जारी हो जाएगी।

तबादलों के पीछे एक वजह यह भी
दरअसल नौकरशाही में बड़े फेरबदल की तैयारी के पीछे एक वजह सत्तारूढ़ पार्टी के मंत्रियों और विधायकों की नाराजगी भी है । सत्तारूढ़ पार्टी के मंत्री- विधायकों ने भी सरकार पर नौकरशाही में बदलाव करने का दबाव बनाया हुआ है। कई विधायक और मंत्री तो अपने-अपने इलाकों के जिला कलेक्टर और एसपी को बदलने की मांग कई बार मुख्यमंत्री गहलोत से कर चुके हैं। हालांकि तब मुख्यमंत्री गहलोत ने मंत्री-विधायकों को कोरोना महामारी का हवाला देकर शांत करा दिया था।

जयपुर। देश में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ कांग्रेस मुखर हो गई है और अब आंदोलन का एलान कर दिया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राजीव गांधी पंचायती राज संगठन विभाग की ओर से आज शाम चार बजे सहकार मार्ग पर भारत पेट्रोलियम पेट्रोल पंप,मोटर गैराज के पास मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा। इसके साथ ही भाजपा सरकार के खिलाफ सार्वजनिक रूप से हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जाएगा। राजीव गाँधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अमित पूनिया ने बताया कि यह प्रदर्शन सांकेतिक रूप से होगा और इसमें कोरोना गाइडलाइन्स का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। इस अवसर पर संगठन के कार्यकर्ता और राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।

जनता का जीना दूभर— सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भी कल रसोई गैस के दाम बढाने को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की थी। दोनों नेताओ ने अलग अलग बयानों में कहा था कि मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों से छह साल में देश में महंगाई, बेरोजगारी को लेकर बुरी स्थिति बन गई हैै। पेट्रोल और डीजल के दामों में बेतहाशा बढोत्तरी की जा रही है। इनके दाम प्रतिदिन बढाए जा रहे है जिससे सभी वस्तुओं के दामों आसमान छू रहे है और लोगों का जीना बेहाल हो गया है। कोरोना के चलते पहले से ही लोगों की आर्थिक स्थिति खराब है और इसके बाद भी मोदी सरकार लोगों को राहत देने के बजाय उनसे वसूली में लगी हुई है।

सात जुलाई से बड़ा आंदोलन — वहीं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर देश की सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटियों की ओर से सात जुलाई से आंदोलन किया जाएगा। एआईसीसी की ओर से सभी कमेटियों को भेजे गए परिपत्र में कहा गया हैं कि वे सात जुलाई से 17 जुलाई तक अपने अपने प्रदेशों के जिलों में आंदोलन की तैयारियां करें। इसके तहत जिला कांग्रेस कमेटियों को अपने अपने जिलों में धरने प्रदर्शन कर मोदी सरकार की नीतियों का विरोध करना होगा। इसमें लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़े नेता, विधायक, सांसद सहित अन्य जन प्रतिनिधि, पार्टी पदाधिकारी और अन्य नेता शामिल होंगे। पार्टी की ओर से यह भी कहा गया हैं कि इन कार्यक्रमों में कोविड गाइडलाइन की पालना की जानी चाहिए।

जयपुर। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी. पी. जोशी ने विधानसभा की समितियों का गठन कर दिया है। अब इनकी बैठकों को जल्द ही बुलाने की तैयारी है और जल्द ही यह समितियां अपना काम शुरु कर देंगी। सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढा ने पिछले दिनों विधानसभा अध्यक्ष जोशी से कहा था कि विधानसभा की समितियों का गठन जल्द से जल्द किया जाए ताकि वे अपना काम शुरू कर सके।

4 वित्तीय एवं 15 अन्य समितियों का गठन — विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी. पी. जोशी ने विधानसभा की 4 वित्तीय एवं 15 अन्य समितियों का गठन किया है। इनमें परम्परा के अनुसार नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया को जनलेखा समिति का सभापति बनाया गया है। यह समिति सबसे प्रभावी समिति होती है। समितियों में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे,पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी लिया गया है सचिन पायलट खेमे के विधायक हेमाराम चौधरी को राजकीय उपक्रम समिति का चेयरमैन बनाया गया है। हालांकि उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दिया हुआ है लेकिन ये अभी मंजूर नहीं हुआ। पायलट खेमे के ही दीपेंद्र सिंह शेखावत को सदाचार समिति का और बृजेन्द्र ओला को प्रश्न एवं संदर्भ समिति का सभापति बनाया गया है। वैसे इस साल के लिए समितियों का गठन करीब चार माह देरी से हुआ है। इसके पीछे सियासी घमासान और कोरोना की बड़ी वजह रही है। नियम समिति के सभापति खुद विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी होंगे।

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।
गहलोत ने कहा कि वर्तमान दौर में समावेशी और सतत विकास की जिस अवधारणा को सम्पूर्ण विश्व में मान्यता मिली है, उसे सहकार भाव को अपनाकर ही मूर्त रूप दिया जा सकता है। ऐसे में, सहकारिता आंदोलन को अधिक गति देने की आवश्यकता है। राजस्थान में सहकारी संस्थाओं ने कृषि तथा दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में सफलता के नए आयाम स्थापित किए हैं। राज्य सरकार ने प्रदेश में सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए सहकारिता समितियों के सुदृढ़ीकरण तथा नवीन समितियों के गठन सहित अनेक कदम उठाए हैं।

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौर में मानव समाज के सामने नई आर्थिक और सामाजिक चुनौतियां उभरी हैं। विश्व समाज सहकार भाव से एक साथ जुड़कर इन चुनौतियों का सामना कर सकता है। इसी भावना के दृष्टिगत 99वें अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस का प्रेरक वाक्य 'उत्तम पुर्ननिर्माण के लिए एक साथ' रखा गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रदेशवासी तथा राज्य सरकार भी इस संदेश के अनुरूप एक-दूसरे के पूरक के रूप में राजस्थान में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने में सकारात्मक भूमिका निभाएंगे।

राहुल सिंह

जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी घमासान के बीच अब बाड़मेर के तीन कांग्रेस विधायक आज दिल्ली में प्रदेश प्रभारी अजय माकन से मिलेंगे। तीनों विधायक कल दिल्ली पहुंच गए थे और वे कांग्रेस मुख्यालय भी गए थे। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी से भी मिलने का समय मांगा हुआ है। माना जा रहा है कि उनकी सोनिया या राहुल गांधी से नहीं माकन से मुलाकात हो जाएगी जिसमें वे अपनी बात रखेंगे।

सत्ता— संगठन के साथ एनकाउंटर मामले पर चर्चा-

सूत्रों के अनुसार बाडमेर से विधायक मेवाराम जैन, पचपदरा से विधायक मदन प्रजापत और शिव से विधायक अमीन खां कल अचानक दिल्ली पहुंच गए थे। तीनों विधायकों के दिल्ली जाने के बाद राजस्थान में राजनीतिक चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया था और नेता अपने अपने राजनीतिक कयास लगा रहे है। तीनों विधायकों को सीएम अशोक गहलोत का समर्थक माना जाता है।

कमलेश एनकाउंटर मामले की आंच-

सूत्रों के अनुसार तीनों विधायक बाडमेर में हुए कमलेश प्रजापत एनकाउंटर मामले को लेकर एक नेता की भूमिका की जांच के मामले में बात करेंगे। गहलोत सरकार ने इस एनकाउंटर मामले की जांच अब सीबीआई को सौंप दी गई है और सीबीआई अब जल्द ही इसे अपने हाथ में लेगी। पचपदरा से विधायक मदन प्रजापत ने इस मामले की जांच के लिए सीएम गहलोत से मांग की थी। इसके बाद गहलोत ने इसे मंजूर कर मामला सीबीआई को दे दिया था। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएम गहलोत की ओर से भेजी सिफारिश को मान लिया है। बाडमेर में हुए इस एनकाउंटर मामले को लेकर कई राजनीतिक चर्चाएं भी चली थी।

विधायक बोले, आलाकमान से मिलेंगे-
दिल्ली पहुंचे पचपदरा से विधायक मदन प्रजापत ने कहा है कि हमें दिल्ली आए बहुत समय हो गय था इसलिए प्रभारी अजय माकन और आलाकमान से मिलने का समय मांगा है। अब प्रभारी और आलाकमान से मिलेंगे। प्रजापत ने ये भी कहा कि वैसे कोई विशेष काम नहीं था। विधायक अमीन खान ने भी यही बात दोहराई और कहा कि जयपुर में बैठे थे और अब दो दिन के लिए दिल्ली आ गए हैं।

गौरतलब है कि जिले के ही वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी को सचिन पायलट के खेमे का माना जाता है और उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा भी दिया हुआ है। हालांकि इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया है। चौधरी के इस्तीफे देने के बाद प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया था। सीएम गहलोत और पायलट गुट खुलकर बयानबाजी कर रहे थे। शुक्रवार को पायलट समर्थक विधायक वीरेन्द्र सिंह और विधानसभा चुनाव लड़े मनीष यादव ने भी माकन से मुलाकात की थी। अब इन तीनों विधायकों की मुलाकात भी नया घमासान शुरु कर सकती है।

जयपुर।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का एक वायरल ऑडियो अब प्रदेश भाजपा गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। वारयल ऑडियो में राजे अपने एक समर्थक नेता से 'वसुंधरा राजे समर्थक मंच' को जारी रखने की बात करती सुनाई दे रही हैं। हालांकि ऑडियो वायरल होने के बाद समर्थक नेता ने सफाई देते हुए इस बातचीत को गलत संदर्भ में लिया जाना बताया है।

 

 

राजे समर्थक की ये आई 'सफाई'
वायरल ऑडियो में वसुंधरा राजे की बातचीत 'वसुंधरा राजे समर्थक मंच' के जोधपुर जिलाध्यक्ष ताराचंद शर्मा से होना बताया गया है। जबकि शर्मा ने सफाई में कहा है कि 'मैडम' ने ऑडियो में कुछ भी गलत या आपत्तिजनक संवाद नहीं किया है। शर्मा ने कहा कि उनकी बातचीत कोरोना काल के दौरान सामाजिक कार्यों को जारी रखने के संबंध में हुई थी। 'मैडम' ने कुछ भी राजनीतिक बातचीत नहीं की।

 

 

शर्मा ने कहा कि कोरोना काल के दौरान 'वसुंधरा राजे रसोई' का कार्यक्रम चलाया जा रहा था। उस दिन ज़रूरतमंदों को भोजन वितरित किये जाने का कार्यक्रम था। वायरल ऑडियो में राजे इसी कार्यक्रम को जारी रखे जाने की बात कह रही हैं।

 

 

कहीं वर्चस्व की जंग तो नहीं!
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का पुराना ऑडियो वायरल ठीक उस समय हुआ है जब प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया का बिते दिनों एक 22 साल पुराना लेटर वायरल होने का मामला गर्माया हुआ है। यही वजह है कि राजे के ऑडियो वायरल को राजे-पूनिया समर्थकों के बीच वर्चस्व की सियासी जंग के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि दोनों ही मामलों में अब तक ये साफ़ नहीं हुआ है कि लेटर और ऑडियो वायरल किसने और किस मंशा से किये हैं।

 

कहीं वर्चस्व की जंग तो नहीं!
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का पुराना ऑडियो वायरल ठीक उस समय हुआ है जब प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया का बिते दिनों एक 22 साल पुराना लेटर वायरल होने का मामला गर्माया हुआ है। यही वजह है कि राजे के ऑडियो वायरल को राजे-पूनिया समर्थकों के बीच वर्चस्व की सियासी जंग के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि दोनों ही मामलों में अब तक ये साफ़ नहीं हुआ है कि लेटर और ऑडियो वायरल किसने और किस मंशा से किये हैं।

वायरल ऑडियो-- ऐसे चला बातचीत का सिलसिला

तारांचद शर्मा: मैं ताराचंद शर्मा बोल रहा हूँ मैडम, जिलाध्यक्ष वसुंधरा राजे समर्थक मंच से
वसुंधरा राजे : हां-हां, ताराजी बोलिए


ताराचंद शर्मा : मैं जिंकू जी और अंनत जी से जुड़ा हुआ हूं। आज हमारे कार्यक्रम हुए। पवन आसोपाजी ने बहुत अच्छा कार्यक्रम किया।
वसुंधरा राजे : मैं आई तो थी उसमें वर्चुअली।


ताराचंद शर्मा : कार्यक्रम बढ़िया रहा मैडम, आपका श्रेय हमेशा बना रहे हमारे पर,
वसुंधरा राजे: अच्छा किया आप सभी ने मिलके


ताराचंद शर्मा: पिछले छह महीनों से हमारा इतना अच्छा चल रहा है यह मंच..
वसुंधरा राजे : इसको थोड़ा चलाए रखना,राजेंद्र इंदा करेगा..

जयपुर।

जयपुर ग्रेटर नगर निगम में बकाया भुगतान की एवज में कथित कमीशनखोरी का मामला भाजपा के लिए गले की फांस बना हुआ है। नौबत ये आई हुई है कि इस प्रकरण के कटघरे में आए दो 'राम' को बचाने की जुगत में पार्टी अपना पूरा दमखम लगाती नज़र आ रही है। अब तो इस सिलसिले में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया को इस 'मिशन' पर जुट जाने का टास्क दे दिया है।


गौरतलब है कि ग्रेटर नगर निगम में कमीशनखोरी प्रकरण में द जांच के दायरे में हैं। निलंबित मेयर पति राजाराम और आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक निंबाराम के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। राजाराम को जहां एसीबी ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है तो वहीं निंबाराम को भी इसी तरह की कार्रवाई का कभी भी सामना करना पड़ सकता है।


पूनिया को मिला 'ख़ास' टास्क !
सूत्रों की माने तो नई दिल्ली में शनिवार को नड्डा संग पूनिया की मुलाक़ात के दौरान चर्चा का मुख्य फोकस ही जयपुर ग्रेटर नगर निगम में कमीशनखोरी प्रकरण रहा। बताया जा रहा है कि इस मंत्रणा के दौरान डॉ पूनिया ने पहले पूरे प्रकरण को लेकर मौजूदा स्थिति और विभिन्न पहलुओं के बारे में अवगत करवाया। इसके बाद नड्डा ने प्रकरण में नामजद निलंबित मेयर पति व भाजपा नेता राजाराम और आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम के बचाव में हरसंभव प्रयास करने के निर्देश दिए।

 

भूपेंद्र यादव ने दी 'कंसल्टेंसी'
नगर निगम में कमीशनखोरी प्रकरण पर नड्डा से चर्चा करने से पहले दिल्ली पहुंचे डॉ पूनिया ने राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाक़ात की। इन दोनों नेताओं के बीच भी चर्चा का मुख्य विषय निगम में घूसखोरी प्रकरण ही रहा। यादव-पूनिया ने खासतौर पर प्रकरण के कानूनी पहलुओं पर संवाद किया और आगे की रणनीति और संभावनाओं पर मंथन किया। इससे पहले पूनिया प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, संगठन महामंत्री बीएल संतोष, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से भी मुलाक़ात करके इस प्रकरण पर चर्चा कर चुके है।

 

आसान नहीं बचाव में उतरना
निगम घूसखोरी प्रकरण के बाद भाजपा और आरएसएस की खासी किरकिरी हो रही है। आरोपी राजाराम और निंबाराम के पक्ष में उतरकर उनका बचाव करना भाजपा के लिए आसान नहीं है। चौतरफा घिरे होने के बाद भी अपने नेताओं को पाक साफ़ करार देना पार्टी के लिए चुनौती भरी कवायद है।

 

एसीबी की पड़ताल और कार्रवाई के बीच फिलहाल पार्टी अपने वरिष्ठ नेताओं की आक्रामक बयानबाज़ी के सहारे ही इस 'फ्रंटफुट' पर खेलने की कोशिश में है। वहीं न्यायिक राहत पाने के प्रयास भी किये जा रहे हैं।

 

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष 'अंडर प्रेशर' !
निलंबित मेयर के पति राजाराम की गिरफ्तारी के बाद सबसे ज़्यादा प्रेशर में प्रदेशाध्यक्ष डॉ पूनिया को माना जा रहा है। दरअसल, सौम्या गुर्जर की मेयर पद पर नियुक्ति में डॉ पूनिया की ही ख़ास भूमिका रही थी। दो उम्मीदवारों में से एक का चुनाव करने की प्रक्रिया में डॉ पूनिया ने ही सर्वसम्मति बनाकर फैसला लिया था।

 

अब कथित कमीशनखोरी का प्रकरण सामने आने के बाद सौम्या गुर्जर मेयर पद से निलंबित हो चुकी हैं, जबकि उनके पति राजाराम एसीबी की गिरफ्त में हैं। ऐसे में पार्टी गलियारों में पूनिया के 'चुनाव' को लेकर भी चर्चाएं तेज़ हैं। इन सब स्थितियों और इनसे बाहर निकलने की कवायद के बीच पूनिया को 'अंडर प्रेशर' माना जा रहा है।

जयपुर
एसबीआई बैंक की एक और ब्रांच में रखी कैश डिपाॅजिट मशीन ठगों की चपेट में आ गई। इस बार मशीन से एक लाख तीस हजार रुपए निकाले गए हैं कई बार में, कई बैकों के एटीएम कार्ड लगाकर और उनको कैंसिल कराकर। इस बार विद्याधर नगर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। कैश आॅफिसर सुरेश अग्रवाल ने यह केस दर्ज कराया हैं। सैंट्रल स्पाइन विद्याधर नगर में स्थित ब्रांच में रुटीन जांच के दौरान यह जानकारी सामने आई।

जांच के बाद जब कैश का मिलान किया गया तो पता चला कि एक लाख तीस हजार रुपए गायब हैं। जांच पड़ताल के दौरान पता चला कि मशीन से छेडछाड़ कर ये रुपए निकाले गए हैं। अब उक्त अवधी के दौरान मशीन के आसपास आने वाले लोगो के बारे मे जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही हैं। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही सिंधी कैंप थाने में भी केस दर्ज कराया गया था बैंक प्रबंधन की ओर से।

सिंधी कैंप में स्थित ब्रांच से भी इसी तरह से चार लाख 55 हजार रुपए निकाल लिए गए थे। इन दोनो केसेज के अलावा एक महीने के दौरान जयपुर में कई बार इसी तरह से लाखों रुपए निकाले जा चुके हैं लेकिन आरोपियों तक पहुंचना तो दूर उनकी पहचान तक नहीं हो सकी है।

जयपुर
जयपुर के शास्त्री नगर थाने में हनीट्रेप पार्ट 2 केस सामने आया है। पुलिस ने पीड़िता से शिकायत ली है और अब जल्द ही इसे केस में दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। चूंकि मामला आरपीएस अफसर से सीधा जुड़ा हुआ है इस कारण पुलिस अफसर जानकारी देने से बच रहे हैं। बताया गया है कि शिकायत में महिला कांस्टेबल ने आरपीएस अफसर पर गंभीरतम आरोप लगाए हैं और कई सबूत भी सौपें हैं।

पचास लाख रुपए के लिए ब्लेकमेल करने के आरोप लगे थे महिला कांस्टेबल पर
दरअसल साल 2019 में आरपीएस अफसर की आरपीए में ट्रेनिंग के दौरान शास्त्री नगर में कांस्टेबल कौशल्या से मुलाकात हुई थी। तब उसने आर्थिक कमजोरी बताकर स्कूटी की किश्त जमा करवाने की मदद के लिए कहा। तब आरपीएस श्यामसुंदर ने यह किश्त जमा करवाई।

आरपीएस का आरोप है कि उन्होंने करीब 5.64 लाख रुपए कौशल्या और उनके पति के संयुक्त खाते में जमा करवाए। कुछ महीनों बाद ये रुपए लौटाने को कहा तब कौशल्या ने श्यामसुंदर को दुष्कर्म केस में फंसाने की धमकी देकर 10 लाख रुपयों की डिमांड की। इसके बाद सोशल मीडिया पर मैसेज भेजकर 20 लाख और फिर 50 लाख रुपए की डिमांड करना शुरू कर दिया।

तब ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर डीएसपी श्यामसुंदर ने जयपुर पहुंचकर उच्चाधिकारियों से आपबीती कही। फिर शास्त्री नगर में केस दर्ज करवाया। तब पुलिस ने कौशल्या को गिरफ्तार किया और उसे जेल भेज दिया।

अब जेल से जमानत पर आई तो दी शिकायत
करीब डेढ़ से दो महीने पुराने इस मामले में अब नया मोड़ आया है। बताया जा रहा है कि कौशल्या जमानत पर बाहर आ गई हैं और अब उन्होने आरपीएस के खिलाफ कई सबूत देकर केस दर्ज कराया है। परिवाद दे दिया गया है इसके साथ भी कई सबूत अटैच करने की बात कही जा रही है। अब इस पूरे घटनाक्रम के बाद आरपीएस अफसर पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है।

जयपुर
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवकों से ठगी का एक और केस सामने आया है। इस केस में पीड़ित ने अपने रिश्तेदारों, परिचितों से ब्याज और उधार पर बारह लाख रुपए लिए और उसके बाद नौकरी लगने के सपने देखने लगा। लेकिन जब लिस्टें आउट हो गई और उनमें उसका नाम नहीं दिखा तो सपने चकनाचूर हो गए। आरोपियों से रुपए वापस मांगने गया तो मारपीट कर उसे निकाल दिया। बाद में अब पुलिस की शरण में पहुंचा और पुलिस को पूरी जानकारी देकर आरोपियों के खिलाफ नामजद केस दर्ज कराया है। करधनी पुलिस ने जाचं शुरु कर दी है।

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था, लेकिन जाल में फंस गया
करधनी पुलिस ने बताया कि मंगलम सिटी क्षेत्र में रहने वाला युवक रामकुमार प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। इस दौरान उसकी मुलाकात योगेश नायक नाम के एक व्यक्ति से हुई। उसने अपने आप को बड़ा ज्ञानी और पहंुचा हुआ व्यक्ति बताया। बातों में फंसाकर योगेश ने रामकुमार को अपने मंदिर में मिलने बुलाया और वहां अपने पिता की फोटो दिखाई जो पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के साथ थी।

उसके बाद कई बड़े अफसरों से फोन पर बात करने का नाटक किया। जिसमें आरपीएएससी के अफसरों के नाम शमिल है। रामकुमार को आरोपी योगेश ने बताया कि सभी उसके दोस्त हैं और सबका काम उसे ही कराना पडता है। व्यवहार ऐसा है कि आपस में किसी को एक दूसरे का नाम तक नहीं बता सकता। योगेश ने रामकुमार को पत्नी से मिलवाया और बताया कि इसे भी जल्द ही आरपीएएसी मेंबर बनवा रहा हूं। रामकुमार उसकी बातों में आ गया और उसके बाद योगेश ने दूसरा खेल शुरु किया।

एमएमए, एमपी के टिकट फाइनल कराता हूं, इसलिए नंबर नहीं दे सकता, हमेशा सर्विलांस पर रहता है नंबर
आरोपी योगेश की बातों में आने के बार रामकुमार ने बताया कि वह भी सरकारी नौकरियों की तैयारी कर रहा है। तो योगेश ने कहा कि तैयारी करने की जरुरत नहीं है। मेरे पास आ गए हों अब आप। योगेश को रामकुमार ने बताया कि उसने पिछले दिनों कृषि सहायक भर्ती की परीक्षा दी थी। इस पर योगेश ने कहा कि मैं इसी भर्ती में काम करा दूंगा लेकिन बारह लाख रुपए लग जाएंगे। लेकिन शर्तिया काम हो जाएगा और इस बारे में योगेश ने रामकुमार को पांच साफ रुपए के स्टांप पर गारंटी तक लिखकर दे दी।

योगेश के नंबर जब रामकुमार ने मांगे तो योगेश ने फोन नंबर नहीं दिए। उसने कहा कि प्रदेश के ई एमएलए और एमपी मेरे पास आते हैं। खुद बात करते हैं। टिकिट फाइनल कराने में बड़ा योगदान रहता है मेरा, इस कारण नंबर लगातार सर्विलांस पर बना रहता है।

मैं फोन से किसी से भी बात नहीं करता। योगेश की बातों में आकर रामकुमार ने उसे पहले आठ लाख और बाद में चार लाख रुपए दे दिए। लेकिन उसके बाद भी नौकरी नहीं लगी तो शिकायत करने घर पहुंचा। घर जाने पर पत्नी और योगेश ने उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया। अब पुलिस आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच कर रही है।

जयपुर
दौसा के लालसोट में संदिग्ध हालात में पकड़ी गई एक युवती को जयपुर के जवाहर नगर स्थित एक एनजीओ ने अपने यहां शरण दी लेकिन वह एनजीओ से फरार हो गई। जबकि वह मानसिक रुप से बीमार थी।

लेकिन मौका देखकर वह वहां से भाग गई वह भी खिड़की तोड़कर। उसकी तलाश की गई और वह नहीं मिली तो जवाहर नगर पुलिस थाने में केस दर्ज कराया गया। पुलिस ने बताया कि युवती कुछ समय पहले दौसा में पकडी गई थी और उसके बाद उसे जयपुर भेजा गया था। जयपुर में उसका इलाज भी चल रहा था और देखभाल भी की जा रही थी। लेकिन इस बीच वह टाॅयलेट की खिड़की तोडकर फरार हो गई।

पुलिस और एनजीओ को अब यह डर सता रहा है कि कहीं उसके साथ फिर से ज्यादती नहीं हो जाए। इस कारण जयपुर से लेकर दौसा तक उसकी सर्च की जा रही है। उसके फोटो सर्कुलेट किए गए हैं पुलिस थानों में ताकि पुलिस उसे सर्च कर सके। पुलिस ने बताया कि पीड़िता 22 वर्ष की है और छह महीने की गर्भवती है। उम्मीद है कि उसे जल्द ही तलाश लिया जाएगा।

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घरेलू गैस सिलेंडर पर लगातार हो रही बढ़ोतरी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यूपीए के समय 450 रुपए का गैस सिलेंडर मोदी सरकार 838 रुपए में बेच रही है। मोदी सरकार ने पिछले 14 महीने में रसोई गैस सिलेंडर के दाम 255 रुपए बढ़ा दिए हैं। गैस सब्सिडी भी बन्द हो गई है। इससे आमजन खाना पकाने के लिए सिलेंडर छोड़कर पुनः कोयला और लकड़ी के इस्तेमाल को मजबूर हो रहे हैं।

कस्टमाइज पैकेज से डेढ़ लाख करोड़ रुपए के निवेश की संभावना

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में कुछ बड़ी ऊर्जा परियोजनाओं के तहत कस्टमाइज पैकेज स्वीकृत किया है, इससे करीब 1.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश होने की संभावना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मिशन बनाकर काम करते हुए वर्ष 2024-25 तक प्रदेश के लिए तय 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा और 7500 मेगावाट विंड तथा हाइब्रिड एनर्जी उत्पादन के लक्ष्य को निर्धारित समय से पहले ही पूरा करने का प्रयास करें। राजस्थान में 2.7 लाख मेगावाट सोलर और विंड एनर्जी उत्पादन की क्षमता है। हमें इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में नई सोच और तकनीक के साथ काम करना होगा। इससे न केवल प्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ा हब बन सकेगा, बल्कि इससे रोजगार के बड़े अवसरों का सृजन भी संभव होगा।

गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम की बैठक को संबोधित कर रहे थे। प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां सौर ऊर्जा उत्पादन के अनुकूल हैं और यहां वैकल्पिक ऊर्जा क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि विभाग अक्षय ऊर्जा के विकास से जुड़ी बजट एवं अन्य घोषणाओं को समय पर पूरा करने का प्रयास करे। गहलोत ने कहा कि कुसुम योजना के क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए केंद्र सरकार से समन्वय किया जाए, ताकि अपनी भूमि में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के इच्छुक किसानों को कम ब्याज दर पर बिना कोलेटरल सिक्योरिटी के वित्तीय संस्थाओं से ऋण मिल सके। ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि निवेश बढ़ाने के लिए नीतियों में संशोधन भी किया जा रहा है।

विनोद सिंह चौहान/ जयपुर। मानसून की देरी राजस्थान के हजारों मत्स्य पालकों पर भारी पड़ सकती है। बारिश की आस में पिछले महीने ही प्रदेश के सूखे बांध भी ठेके पर चले गए। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के कारण मत्स्य पालकों ने सूखे बांध ठेके पर लिए थे, उन्हें उम्मीद थी कि मानसून की झमाझम में बांध लबालब हो जाएंगे और जमकर मत्स्य पालन हो सकेगा। लेकिन मानसून की बेरूखी ने मत्स्य पालकों के दिल की धड़कन बढ़ा दी है। यदि माससून की मेहर नहींं होती है तो इस सीजन मछली पालन को बड़ा झटका लगेगा और हजारों मत्स्य पालकों के सामने भूखे मरने की नौबत जाएगी। बड़ी बात यह है कि पिछले माह 19 बड़े बांध ठेके पर गए, जिसमें जयपुर जिले के दो सूखे बांध भी शामिल हैं।

मत्स्य पालकों की माने तो पिछले माह मौसम विभाग का पूर्वानुमान था कि राजस्थान मे जमकर बारिश होगी। इसके चलते मत्स्य पालकों ने सूखे बांधों का ठेका ले लिया ताकि बांध भरने के बाद मछली पालन बेहतर होगा और पिछले साल कोरोना के दौरान हुए घाटे की भरपाई हो सकेगी। मानसून की दस्तक भी समय पर हुई, लेकिन झमाझम नहीं हो सकी। उधर, मौसम विभाग लगातार कहता आ रहा है कि मानसून में देरी बढ़ती जा रही है। ऐसे में मत्स्य पालकों की चिंता बढ़ती जा रही है। पानी कम रहा तो सीड कम डाली जाएगी और

राजस्थान मत्स्य पालक विकास संगठन के प्रदेशाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि हमने इस उम्मीद में सूखे बांध ठेके पर लिए हैं कि बारिश अच्छी होगी। मछली का बच्चा पालन हो जाएगा। प्रदेश में पिछले माह 17 जून को 19 बड़े बांधों को ठेके पर दिया गया। इसमें कई सूखे बांध भी ठेके पर गए। जिसमें जयपुर जिले का बुचारा, कानोता और छापरवाड़ा बांध भी शामिल है। बुचारा और छापरवाड़ा सूखे हैं। बुचारा 5 लाख 40 हजार और छापरवाड़ा 13 लाख 27 हजार में एक साल के लिए ठेके पर लिया है।

कानोता 90 लाख रुपए में ठेके पर गया है। कानोता में जलमहल का पानी जाता है, इसके चलते पानी दिखाई दे रहा है। इसके अलावा अलवर जिले में सूखा पड़ा जयसमंद बांध 5 लाख रुपए में ठेके पर गया। सीकर जिले में रायपुर पाटन 5 लाख 62 हजार में ठेके पर गया है, जो फिलहाल सूखा बांध है। टोंक में टोरड़ी सागर 25 लाख 81 हजार में ठेके पर गया, जो सूखा है। मत्स्य पालकों का कहना है कि पानी नहीं आएगा तो मस्त्य पालकों के पैसे डूबेंगे। उधर, सरकार की पालिसी में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है।

अधिकतर बांध सूखने की कगार पर
राजस्थान में पिछले माह ही मानसून ने उपस्थिति दर्ज तो कराई, लेकिन मेहर नहीं बरसाई। उम्मीद तो यह थी कि जल्द ही बारिश ने राजस्थान नहाएगा, लेकिन गर्मी अब तक कहर ढा रही है। मौसम विभाग की माने तो मानसून की सक्रियता प्रदेश में लगभग एक सप्ताह का इंतजार करना होगा। मानसून की आस लम्बी होती जा रही है और उधर, बांध सूखते जा रहे हैं। मत्स्य पालकों का कहना है कि बांध नहीं भरे तो उन पर कर्जे का बोझ जरूर बढ़ जाएगा। इसका असर अगले साल होने वाले ठेेके पर दिखाई देगा।

पिछले माह यह बांध ठेके पर गए

जलाशय का नाम----------------------वर्ष 2021-22 की नीलामी राशि
बुचारा------------------------------5 लाख 40 हजार
कानोता-------------------------------90 लाख 5 हजार
छापरवाड़ा-----------------------------13 लाख 27 हजार
जयसमंद-----------------------------5 लाख
रायपुर पाटन--------------------------5 लाख 6 हजार
टोरड़ी सागर--------------------------25 लाख 81 हजार
झाड़ोल------------------------------35 लाख 11 हजार
अरवड़------------------------------45 लाख 11 हजार
मानसरोवर झील-----------------------9 लाख 58 हजार
साबरमती त. कोटड़ा--------------------5 लाख 5 हजार
इंद्राणी-------------------------------5 लाख 5 हजार
बांक्या खाल--------------------------5 लाख 22 हजार
राजगढ़ मध्यम-----------------------25 लाख 25 हजार
बाबरा-------------------------------5 लाख 25 हजार
ओढामय नदी-------------------------10 लाख 51 हजार
ढीलटापुर चौथ का बरवाड़ा----------------20 लाख
पांचोलास----------------------------6 लाख 13 हजार
नीमझर-----------------------------6 लाख 23 हजार

जयपुर।

पेट्रोल और डीज़ल की तेज़ रफ़्तार से बढ़ती कीमतों के बीच राजस्थान की गहलोत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार की राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने रोडवेज़ की बसों में फिलहाल यात्री किराया नहीं बढ़ाने की घोषणा की है। परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि यह पब्लिक सर्विस घाटे में जरूर है, इसके बावजूद जनकल्याण के लिए समर्पित राजस्थान रोडवेज की बसों के यात्री किराये में वृद्धि नहीं की जाएगी।

 

गौरतलब है कि पेट्रोल-डीज़ल की कामतें बढ़ने के साथ ही रोडवेज में अक्सर यात्री किराय में भी बदलाव किये जाते हैं। रोडवेज के लगातार घाटे को देखते हुए यात्री किराए में वृद्धि होती रही है। हालाँकि इस साल की शुरुआत से पेट्रोल-डीज़ल कीमतों में लगातार वृद्धि के बावजूद यात्री किराया नहीं बढ़ाया गया है।


परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की मौजूदगी में शुक्रवार को शासन सचिवालय में राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की समीक्षा बैठक हुई। इस बैठक में उन्होंने रोडवेज को घाटे से उबारने, सेवानिवृत कर्मचारियों को एकमुश्त बकाया देने, बस स्टैंडों की कायाकल्प करने और बजट घोषणाओं को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। परिवहन मंत्री ने कहा कि रोडवेज की स्थिति मजबूत करने और इलेक्टि्रक बसें चलाने के लिए वित्त विभाग, परिवहन विभाग और राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के अधिकारियों के साथ जल्द बैठक होगी।


परिवहन मंत्री श्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान रोडवेज की बसें राजस्थान का चेहरा हैं। प्रदेशवासियों को सुरक्षित परिवहन सुविधा देना हमारी मुख्य जिम्मेदारी हैं। राजस्थान रोडवेज की बसों को सभी रूटों पर संचालित किया जायेगा।


रोडवेज़ बेड़े में जुड़ेंगी नई बसें
खाचरियावास ने बताया कि रोडवेज को और मजबूत बनाने और गांव-गांव तक परिवहन सुविधा पहुंचाने के लिए जल्द ही 550 नई बसें सम्मिलित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। गत वर्ष रोडवेज के बेडे़े में 875 नई बसें शामिल कर परिवहन सुविधा बढ़ाई गयी थीं।

 

आधारभूत ढाँचे को किया जाएगा और मजबूत
खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड से रोडवेज के आधारभूत ढांचे को और मजबूत करने के अधिक प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कर्मचारियों को समय पर वेतन दिए जाने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये। वहीं उन्होंने कहा कि अस्थियों के विसर्जन के लिए उत्तरप्रदेश जाने वाली मोक्ष कलश योजना की बसों के संचालन के लिए उत्तरप्रदेश सरकार से निरंतर वार्ता चल रही हैं।


ये अधिकारी रहे मौजूद

समीक्षा बैठक में राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के सीएमडी राजेश्वर सिंह, परिवहन विभाग के प्रमुख शासन सचिव अभय कुमार, परिवहन आयुक्त महेंद्र सोनी सहित राज्य पथ परिवहन निगम के अधिकारी उपस्थित रहे।

 

जनता की पीठ में खंजर घोप रही है मोदी सरकार

पेट्रोल-डीजल की दरों में लगातार वृद्धि और रसोई गैस की कीमतें बढ़ने पर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। खाचरियावास ने कहा कि केंद्र सरकार को पेट्रोल और डीजल से लगभग 5 लाख करोड़ की कमाई हो गई लेकिन देश की जनता इस कोरोना महामारी के दौरान पेट्रोल डीजल की महंगाई और रसोई गैस की मूल्य वृद्धि से पूरी तरह से टूट गई है, देश की जनता के सपने चकनाचूर हो गए। महंगाई के मुद्दे पर चुनाव जीतने वाली भाजपा ने जनता की पीठ में लगातार खंजर घोपने का काम किया है।

 

मुकेश शर्मा/जयपुर। जम्मू-कश्मीर में ड्रोन से आतंकी हमला होने का असर राजस्थान में भी दिखा है। अब प्रदेश के आसमान में पुलिस की नजर रहेगी। केन्द्रीय गृह मंत्रालय की सख्ती के बाद राजस्थान में सभी जगह डीसीजीए के एसओपी के दायरे में किसी भी प्रकार का ड्रोन उड़ाने की अनुमति नहीं होगी। इसके लिए एटीसी और डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन से अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति ड्रोन उड़ाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

राजस्थान इंटेलिजेंस ने जम्मू-कश्मीर में आइईडी ड्रोन हमला होने और कोलम्बिया पुलिस द्वारा आतंकियों की आइईडी ड्रोन हमला करवाने की तकनीक पकडऩे के बीच आशंका जताई है कि आतंकी राजस्थान में भी ड्रोन हमला करवा सकते हैं। राजस्थान इंटेलिजेंस ने शुक्रवार को इस संबंध में जयपुर-जोधपुर कमिश्नरेट सहित सभी जिलों को सख्त निर्देश जारी किए हैं।

ग्रीन जोन में भी देनी होगी सूचना
राजस्थान में रेड और यलो जोन के 3 किलोमीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का ड्रोन बिना अनुमति नहीं उड़ाया जा सकेगा। ग्रीन जोन में ड्रोन उड़ाने के लिए डिजिस्काई ऐप पर सूचना देनी होगी।

एटीसी से जिला पुलिस को पहुंचेगी सूची
ड्रोन उड़ाने के लिए एयर ट्रैफिक कन्ट्रोल (एटीसी) और डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन से अनुमति लेने के लिए डिजिस्काई पोर्टल पर आवेदन करना होगा। यहां पर ड्रोन उड़ाने की अनुमति देने या नहीं देने का निर्णय होगा। एटीसी से ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति देने वालों की सूची संबंधित जिला पुलिस व थाने को भेजी जाएगी। इसके आधार पर पुलिस ड्रोन उड़ाने वालों पर नजर रख सकेगी।

अब सभी श्रेणी के ड्रोन उड़ाने की अनुमति लेना अनिवार्य
केन्द्र सरकार ने ड्रोन को पांच श्रेणी में बांट रखा है। इनमें नैनो (250 ग्राम से कम बजन का ड्रोन) सबसे छोटी श्रेणी में है। इसे उड़ाने पर प्राय: अनुमति की जरूरत नहीं थी। अन्य श्रेणी के ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति लेना पहले भी जरूरी था। अब एटीसी के दायरे में नैनो सहित अन्य सभी श्रेणी के ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति लेना अनिवार्य होगा।

इन 5 श्रेणियों में ड्रोन का विभाजन
- नैनो: 250 ग्राम से कम वजन
- माइक्रो: 250 से एक किलो तक
- मिनी: एक किलो से 20 किलो तक
- स्मॉल: 20 किलो से 150 किलो तक
- लार्ज: 150 किलो से अधिक

इसलिए जरूरी
राजस्थान की सीमा पाकिस्तान से सटी है। यहां आए दिन जासूस पकड़े जा रहे हैं। सामरिक व सैन्य क्षेत्र के लिहाज से राजस्थान महत्वपूर्ण है। जम्मू-कश्मीर में लगातार ड्रोन मिलने के बाद अब राजस्थान में ड्रोन पर निगरानी शुरू कर दी गई है। अभी शादियों, पर्यटन स्थल सहित अन्य स्थानों पर बिना अनुमति ड्रोन उड़ाए जा रहे हैं।

गृह मंत्रालय के आदेशानुसार राजस्थान में ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति लेना जरूरी होगा। इसके लिए सभी जिला पुलिस को निर्देश दिए हैं। बिना अनुमति ड्रोन उड़ाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- उमेश मिश्रा, इंटेलिजेंस एडीजी, राजस्थान

ड्रोन बेचने, मरम्मत करने, खरीदने और उड़ाने की अनुमति एयर ट्रैफिक कन्ट्रोल (एटीसी) और डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन से ली जा सकेगी। ड्रोन पर कैसे नजर रखी जाएगी, इस संबंध में कवायद चल रही है।
- राहुल प्रकाश, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, जयपुर कमिश्नरेट

मुंबई। ऑयल और फैट्स का इस्तेमाल एनर्जी लेने और खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए रोजाना खाना पकाने की तैयारी में होता है। इन फैट्स के सोर्स के तौर पर विभिन्न ऑयल सीड्स, वनस्पति तेलों और एनिमल फैट्स का इस्तेमाल होता रहा है। इनमें से पाम ऑयल एतिहासिक रूप से दुनिया में सबसे आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली फैट्स में से एक रहा है।
कोडेक्स एलिमेंटेरियस, फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ) और वल्र्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार पाम ऑयल खाने योग्य उन 17 तेलों में से एक है, जो मानवों द्वारा उपभोग के लिए उपयुक्त हैं। पाम ऑयल में 50 फीसदी सैचुरेटेड फैटी एसिड्स (एसएफए), 40 फीसदी मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स (एमयूएफ) और 10 फीसदी पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स (पीयूएफ) होते हैं।
मनुष्यों पर हुए कई अध्ययनों ने भी बताया है कि टोटल कोलेस्ट्रॉल लेवल पर पाम ऑयल का प्रभाव उदासीन होता है, जिसकी तुलना अनसैचुरेटेड ऑयल्स से की जा सकती है। पाम ऑयल को ऑलिव ऑयल के विकल्प के तौर पर सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि यह हृदय के स्वास्थ्य को ऑलिव ऑयल जैसे ही फायदे देता है। इसकी ऑक्सीडेटिव स्टेबिलिटी पॉलीअनसैचुरेटेड से प्रचुर ऑयल्स की तुलना में ज्यादा होती है और यह प्राकृतिक रूप से हानिकारक ट्रांस-फैटी एसिड्स से मुक्त होता है।
मलेशियन पाम ऑयल काउंसिल के सीईओ, डाटो डॉ. एचजे वान जावावी वान इस्माइल ने कहा कि हमारा मुख्य लक्ष्य है पाम ऑयल पर समझ को बेहतर बनाना, इसके इस्तेमाल को बढ़ाना और इसकी अनगिनत खूबियों और फायदों को स्पष्ट करना। हम भारत में अपनी भागीदारियों के माध्यम से भारतीय वनस्पति तेल के सेक्टर में मलेशियन पाम ऑयल की भूमिका पर जागरूकता निर्मित करना चाहते हैं। हमारी इच्छा है बाजार के कवरेज, पोषण संबंधी फायदों, पर्यावरणीय स्थिरता और वाणिज्यिक सफलता के संदर्भ में मलेशियन पाम ऑयल को सबसे प्रभावशाली वनस्पति तेल के रूप में संरक्षित करना।
मलेशियन सस्टेनेबल पॉम ऑयल (एमएसपीओ) सर्टिफिकेशन स्कीम, मलेशिया की एक राष्ट्रीय योजना है। इस योजना के अंतर्गत एमएसपीओ के मानकों के अनुसार तेल वाले पाम की खेती, स्वतंत्र और संगठित छोटे स्तर की खेती और पाम ऑयल की प्रोसेसिंग करने वाली सुविधाओं का प्रमाणन होता है। एमएसपीओ प्रमाणन का कार्यान्वयन अनिवार्य होना स्थिरता वाले मलेशियन पाम ऑयल के उत्पादन के लिए मलेशिया की प्रतिबद्धता दर्शाता है।

फिरोज सैफी/जयपुर।

अगर प्रदेश में सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय का नया भवन अस्पताल रोड भी बनेगा। बीते 6 माह से प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के लिए शुरू हुई जमीन तलाशने की कवायद जमीन चिन्हित करने के साथ ही जमीन की तलाश अब खत्म हो गई है। सत्ता और संगठन ने बेहद पॉश माने जाने वाले अस्पताल रोड के दो सरकारी बंगलों का चयन किया है जिन पर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय का नया भवन बनेगा।

कांग्रेस नेताओं की मानें पीसीसी मुख्यालय के लिए अस्पताल रोड के अगल-बगल के दो सरकारी बंगलों को चिन्हित कर लिया गया है और जल्द ही प्रदेश कांग्रेस के नाम इन सरकारी बंगलों का अलॉटमेंट भी कर दिया जाएगा। जिसके बाद पीसीसी के नए भवन का निर्माण का काम भी शुरू हो जाएगा।

डोटासरा के कार्यकाल में बनें नया भवन
दरअसल पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा चाहते हैं उनके कार्यकाल में प्रदेश कांग्रेस को नया भवन मिल जाए। साथ ही प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के साथ-साथ जिलों में भी भाजपा की तर्ज पर जिला कांग्रेस और ब्लॉक कांग्रेस कार्यालय बनाए जाएं। अभी जयपुर सहित अधिकांश जिला कांग्रेस कार्यालय किराए के भवनों में चल रहे हैं।

गांधीनगर के बंगलों पर नहीं बनी बात
वहीं दूसरी ओर पीसीसी के नए भवन के लिए प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल सहित अन्य नेताओं ने गांधीनगर के सरकारी बंगलो को भी देखा था लेकिन गांधी नगर के सरकारी बंगलों को कांग्रेस मुख्यालय के उपयुक्त नहीं माना गया। साथ ही इनकी परकोटे से दूरी भी एक वजह रही।

भूमिगत पार्किंग के साथ मल्टी स्टोरी भवन
कांग्रेस गलियारों में चल रही चर्चा के मुताबिक प्रदेश कांग्रेस का नया भवन अत्याधुनिक तकनीक से बना होगा, साथ ही इसमें भूमिगत पार्किंग के साथ मल्टी स्टोरी भवन होगा। इसके अलावा आधुनिक चुनावी वॉर रूम, भव्य मीटिंग रूम , सभा भवन , आधुनिकतम प्रेस कांफ्रेंस रूम , विजीटर्स रूम , सोशल मीडिया के लिए अलग विंग, आधुनिक आईटी सेल के साथ-साथ इस भवन में कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ विभाग प्रकोष्ठों और अग्रिम संगठनों के लिए भी कार्यालय बनाए जाएंगे।

वहीं बनीपार्क स्थित जयसिंह हाइवे पर बने अग्रिम संगठनों के मुख्यालय को जयपुर शहर कांग्रेस और जयपुर देहात कांग्रेस को दिया जाएगा। अभी जयपुर शहर और जयपुर देहात कांग्रेस कार्यालय परकोटे में किराए के भवनों में चल रहे हैं।

वर्तमान मुख्यालय की जगह बनेगा कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स
पार्टी सूत्रों की माने तो चांदपोल स्थित वर्तमान कांग्रेस मुख्यालय के स्थान पर प्रदेश कांग्रेस अपने खर्चे से नया कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स तैयार करवाएगी, और उसे व्यावसायिक गतिविधियों के लिए किराए पर देगी, कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स से होने वाली आय प्रदेश कांग्रेस के खाते में जाएगी।

इसलिए पड़ी जरूरत
दरअसल प्रदेश कांग्रेस का मौजूदा मुख्यालय 60 साल पुराना है और कई जगह से भवन जर्जर अवस्था में भी है, ऐसें में भवन में उन सारी सुविधाओं का अभाव है कि जो एक आधुनिक और सुसज्जित भवनों में होनी चाहिए। साथ ही मुख्यालय चांदपोल पुलिस सामने स्थित एक संकरी गली में है। ये भवन व्यवस्थाओं के लिहाज से काफी छोटा है, मुख्यालय में बड़े आयोजन होने पर कार्यकर्ताओं को बैठने तो क्या पैर रखने की भी जगह नहीं मिलती, साथ ही यहां पार्किंग की समस्या के चलते हमेशा जाम की स्थिति भी बनी रहती है।

लंबे समय तक कांग्रेस का राज, फिर भी अच्छा भवन नहीं
प्रदेश में अधिकांश समय कांग्रेस पार्टी का राज है, बावजूद इसके प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के लिए पार्टी कोई नया भवन तैयार नहीं करा पाई, इसे लेकर कांग्रेस गलियारों में चर्चा खूब है। हालांकि प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के नए भवन की कवायद तत्कालीन अध्यक्ष डॉ चंद्रभान के समय 2012 में शुरू हुई थी, उस दौरान कई स्थानों पर पार्टी के लिए नया भवन देखे जाने के प्रयास किए गए थे। पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट के समय भी नए भवन को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हुआ था, लेकिन फिर उसके बाद ये मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

एआईसीसी ने भी मांगा था पीसीसी की संपत्ति का ब्य़ौरा
इसी साल की शुरूआत में अखिल भारतीय कांग्रेस के कमेटी ने भी पीसीसी से जिला और ब्लॉक लेवल पर प्रदेश की संपत्तियों का रिकॉर्ड मांगा था, इसे लेकर पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने जयपुर आकर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुलाकात भी की थी।



जयपुर, 3 जुलाई
पिछले दिनों हुई डीपीसी (DPC) ने शिक्षा विभाग (Education Department) में इतिहास रच दिया है। पहले विभाग (Department) ने प्रदेश के 323 प्रधानाचार्यों को जिला शिक्षा अधिकारी (District Education Officer) के पद पर पदोन्नति प्रदान की दी लेकिन जब बारी आई कार्यभार ग्रहण करवाने कीतो नियमों की अनदेखी कर पदोन्नत डीईओ को प्रधानाचार्य के पद पर पदभार ग्रहण करवाया गया, जो उनके पूर्व धारित पद हैं। यानी पदोन्नति देकर वरिष्ठ तो बना दिया लेकिन दायित्व अब भी कनिष्ठ अधिकारी का ही दिया गया। वह भी उस स्थिति में जबकि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में डीईओ यानी जिला शिक्षा अधिकारी के पद होते ही नहीं है लेकिन विभागीय अधिकारियों ने आनन फानन में पदोन्नति देते हुए प्रधानाचार्यों को पदोन्नति देते डीईओ तो बना दिया लेकिन उन्हें डीईओ के पद पर कार्यभार ग्रहण नहीं करवाया।
यह आदेश हुए थे जारी
शिक्षा विभाग में जिला शिक्षा अधिकारी और समकक्ष पदों की पिछले दो वर्षों 2019-20 तथा 2020-21 की पदोन्नति में आ रही समस्याओं के समाधान के लिए इन दोनों वर्षों की विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित करवाई गई थी और चयन के आदेश जारी किए गए। उक्त पदोन्नति से 2019-20 में 179 तथा 2020-21 में 144 प्रधानाचार्य चयनित हुए है। इन्हें आदेश दिए गए थे कि उन्हें आगामी आदेशों तक अपने पदस्थापन स्थान पर ही कार्यग्रहण करना है।
कार्यवाही करे सरकार
अखिल राजस्थान विद्यालय शिक्षक संघ अरस्तु ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन भेजकर इस मामले में कार्यवाही किए जाने की मांग की है। अरस्तु के प्रदेशाध्यक्ष रामकृष्ण अग्रवाल ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग में पोपा बाई का राज स्थापित हो चुका है। अभी तक ऐसा पदोन्नति पर पदस्थापन आदेश न तो जारी हुआ नहीं सुना गया कि पूर्व धारित पद पर कार्य ग्रहण कराया गया हो। कभी भी वरिष्ठ, कनिष्ठ के पद पर कार्यग्रहण नहीं कर सकता, लेकिन हुआ यही है। स्कूलों में डीईओ के पद होते ही नहीं। फिर भी कार्यग्रहण करवाया गया है। जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। अच्छा होता पदोन्नत डीईओज को जिलाशिक्षाधिकारी मुख्यालयों या सीडीईओ कार्यालयों पर पर कार्यग्रहण के आदेश जारी किए जाते।
रिटायरमेंट के बाद दिया प्रमोशन
इतना ही नहीं राज्य सरकार ने भीलवाड़ा जिले के 13 प्रिंसिपल को जिला शिक्षा अधिकारी पद पर पदोन्नत किया है। इनमें चार ऐसे प्रिंसिपल हैं, जिन्हें राजकीय सेवा से रिटायर होने के बाद प्रमोशन मिला है। सभी प्रमोशन 2020-21 की रिक्तसीटों के विरुद्ध किए गए हैं। समसा में कार्यरत योगेश पारीक, दिनेश शर्मा, अशोक श्रोत्रिय, महावीर शर्मा, सत्यनारायण काबरा, रमेश शर्मा, रामेश्वर बाल्दी, बंशीलाल कीर, गोपाल सुथार, रविकांत दाधीच, असलम मोहम्मद, राजकुमारी स्वर्णकार, मधु सामरिया को प्रमोशन मिला। इनमें सत्यनारायण काबरा, रविकांत दाधीच,असलम मोहम्मद तथा राजकुमारी स्वर्णकार रिटायर हो चुके हैं। ये चारों डीईओ से सेवानिवृत्त माने जाएंगे और लाभ डीईओ वाले देय होंगे।

जयपुर।

बाड़मेर जिले के गुढ़ामालानी कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी का इस्तीफा मंजूर होगा या नहीं, इस पर अब भी संशय बना हुआ है। मगर विधानसभाध्यक्ष सीपी जोशी ने उनको नई जिम्मेदारी देकर संकेत दे दिए हैं कि उनका इस्तीफा शायद ही मंजूर हो।

सीपी जोशी ने विधानसभा में 4 वित्तीय समितियों और 15 अन्य समितियों का गठन साल 2021-22 के लिए किया है। इसमें चौधरी को राजकीय उपक्रम समिति का सभापति बनाया गया है। हेमाराम को सभापति बनाने से उनके इस्तीफे को लेकर विधानसभा अध्यक्ष की मंशा लगभग साफ हो गई है। चौधरी को विधानसभा सचिवालय की तरफ से सूचना भेजी थी कि इस्तीफे के संबंध में वे लॉक डाउन की बाध्यता हटने के सात दिन में विधानसभा अध्यक्ष से मिलें। लॉक डाउन के बाद चौधरी ने जोशी से मिलने की कोशिश भी की, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हुई। अब जोशी भी सोमवार से सात दिन के दौरे पर जयपुर से बाहर रहेंगे। इस दौरान दोनों की मुलाकात संभव नहीं है। ऐसे में चौधरी के इस्तीफे का मामला ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है।

राठौड़ ने लिखा, गलफांस बना इस्तीफा

मामले को लेकर उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के मुखिया की कार्यप्रणाली के विरुद्ध दुखी मन से चौधरी ने 18 मई को विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा भेजा था लेकिन उनका इस्तीफा सरकार के गले में अभी भी फांस बना हुआ है। सरकार ने विधानसभा में राजकीय उपक्रम समिति का सभापति बनाकर इस गले की फांस को निकालने का असफल प्रयास कर डाला। इन समितियों में स्वयं के विरोधी कांग्रेस खेमे के सदस्यों को अधिक वरीयता देने से कांग्रेस में उभरे असंतोष को आवरण में ढका नहीं जा सकता है। राठौड़ ने कहा कि अब सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न यह है कि अपनी बात पर अडिग रहने वाले चौधरी को राजक्रीय उपक्रम समिति के सभापति के रूप में मनोनीत करने से पूर्व उनकी सहमति ली गई थी ? बिना सहमति के सरकारी मुख्य सचेतक द्वारा विधानसभाध्यक्ष को सभापति के रूप में नाम प्रस्तावित करना कहां तक उचित है ?

Jaipur महाप्रज्ञ सेवा प्रकल्प के अन्तर्गत गुलाब कौशल्या चेरिटेबल ट्रस्ट जयपुर की ओर से असहाय, निर्धन और जरुरतमंद लोगों को 500 राशन सामग्री किट वितरण अभियान के अंतिम चरण में शनिवार को 50 परिवारों को राशन सामग्री किट दिया गया। कोरोना महामारी की वजह से प्रभावित लोगों में कोई भूखा ना सोए, इस उद्रेश्य से इन किट का वितरण किया जा रहा है। इस दौरान आयोजित इस कार्यक्रम में ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी नरेश मेहता, जैन सोश्यल ग्रुप मेट्रो के संस्थापक अध्यक्ष विनोद जैन 'कोटखावदा' सहित कई समाजसेवी उपस्थित थे।
यहां विनोद जैन 'कोटखावदा' ने कहा कि गुलाब कौशल्या चेरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से जन सेवा कार्य किया जाते हैं। कोरोना के इस कठिन समय में जरुरतमंदो को राशन सामग्री किट वितरण करना उत्कृष्ट सेवा कार्य है।

बेजुबान पक्षियों के लिए लगाए परिंडे

संगिनी फोरम जेएसजी मेट्रो, जैन सोश्यल ग्रुप मेट्रो की ओर से बेजुबान पक्षियों के लिए दाना, चुग्गा डाला गया और परिंडे लगाए गए। जेएलएन मार्ग पर पिकॉक गार्डन के पक्षियों के लिए चुग्गा, दाना डाला गया। वहीं गार्डन में और सड़क किनारे लगे पेड़ों पर परिंडे बांधे गए। साथ ही उनकी देखभाल व पानी भरने का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम के अतिथि विनोद, दीपिका जैन 'कोटखावदा', भाग चन्द, रेखा पाटनी, नीरु मेहता थे। इस मौके पर संगिनी फोरम जेएसजी मेट्रो की अध्यक्ष मैना गंगवाल, सचिव अम्बिका सेठी सहित जेएसजी मेट्रो के दम्पति सदस्य मौजूद रहे।



जयपुर, 3 जुलाई
सीबीएसई के स्टूडेंट्स (CBSE students) अपनी माइग्रेशन, मार्कशीट और पासिंग सर्टिफिकेट की डुप्लीकेट प्रति (Duplicate copy of migration, mark sheet and passing certificate) अब एक क्लिक में निकाल सकेंगे। इसके लिए स्टूडेंट्स को सीबीएसई की इन हाउस पोर्टल पर जाना होगा। सीबीएसई ने ऑनलाइन इन हाउस पोर्टल डुप्लीकेट एकेडमिक डॉक्यूमेंट्स सिस्टम (Online In House Portal Duplicate Academic Documents System) (डैड्स) की लॉन्चिंग की है। कोविड को देखते हुए इसकी लॉन्चिंग की गई है, जिससे स्टूडेंट्स की परेशानियां आसानी से दूर हो सकेंगी।
ऐसे करना होगा आवेदन
स्टूडेंट्स को डुप्लीकेट प्रतियां निकालने के लिए वेबसाइट www.cbse.nic.in पर लॉगिन करना होगा। इसके बाद प्रक्रिया और विकल्पों के चयन के लिए https://cbse.in.cbse/web/dads/home.aspx पर आवेदन प्राप्त होने पर क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा शैक्षणिक दस्तावेजों को प्रिंट कर उसे स्पीड पोस्ट के जरिए संबंधित स्टूडेंट को भेज दिया जाएगा। अब तक की व्यवस्था में स्टूडेंट को रीजनल ऑफिस में जाकर एक फॉर्म भरकर और फीस जमा कर अप्लाई करना होता था, लेकिन अब इस नए सिस्टम के आने से ऐसे स्टूडेंट्स परेशान नहीं होंगे। उन्हें काफी आसानी होगी सारा काम घर बैठे हो जाएगा।
पता लगा सकेंगे आवेदन की स्थिति
स्टूडेंट्स ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए अपने आवेदन की स्थिति का पता भी लगा सकते हैं। यह पोर्टल स्टूडेंट्स को डिजिटल कॉपी या दोनों प्राप्त करने का विकल्प भी देगा।


जयपुर, 03 जुलाई। पूर्णिमा यूनिवर्सिटी की ओर से क्वॉलिटी आस्पेक्ट्स एंड अश्योरंस इन हायर एजुकेशन विषय पर दो सप्ताह का फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम आयोजित किया जा रहा है। इसके तहत शनिवार को सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान के वाइस चांसलर प्रो. नीरज गुप्ता का सेशन हुआ। शुरुआत में मेजबान पूर्णिमा यूनिवर्सिटी के प्रेसीडेंट डॉ.सुरेश चंद्र पाधे ने इफेक्टिव टीचिंग और लर्निंग के टिप्स दिए। डॉ. गुप्ता ने टीचिंग में स्टोरी टेलिंग पेडगोजी की भूमिका के बारे में बात की। उन्होंने विज्ञापन, पटचित्रकथा, थ्रीडी स्टोरी टेलिंग बुक्स और पंचतंत्र से मिलने वाली जीवन की सीख के उदाहरण भी दिए।

फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम के तहत प्रतिभागियों को बेहतर टीचर बनने के गुर सिखाए जा रहे हैं। इसमें वक्ताओं ने बताया कि समाज में टीचर का काफी अहम योगदान होता है। पूर्णिमा यूनिवर्सिटी के प्रो. प्रेसिडेंट डॉ. मनोज गुप्ता ने फैकल्टी मेम्बर्स को टीचिंग में सहायक नवीन तकनीकों से हमेशा अपडेट रहने की आवश्यकता पर जोर दिया।

अश्विनी भदौरिया/जयपुर। ग्रेटर नगर निगम की सतर्कता शाखा में एक पद पर दो पुलिस निरीक्षक काम कर रहे हैं। पहले से तैनात राकेश यादव का पदस्थापन काल निगम में पूरा हो गया है, लेकिन वे अब तक यहां से रिलीव नहीं हुए हैं। जबकि, सीआइडी (सीबी) से एक वर्ष के लिए विजेंद्र पूनिया यहां 3 जून को ही आ चुके हैं। दोनों एक ही दफ्तर में बैठ रहे हैं। ऐसे में रोज ऑफिस में उस समय अजीब स्थिति हो जाती है जब एक पुलिस निरीक्षक जल्दी आकर सीट संभाल लेते हैं और जो बाद में आते हैं वो सोफे पर बैठकर काम करते हुए दिन गुजारते हैं। पिछले एक माह से यही हाल है।

अभी तक लगी है नेमप्लेट
इतना ही नहीं, दोनों निरीक्षकों के बीच शीत युद्ध के स्तर तक का अंदाजा ऑफिस के गेट पर नेमप्लेट देखकर लगाया जा सकता है। पहले जिस जगह राकेश यादव की नेमप्लेट लगी थी, वहां पर अब विजेंद्र पूनिया की नेमप्लेट लगी हुई है। बाहर ही राकेश यादव की नेमप्लेट साइड में लगी हुई है।

सुविधाओं को भी ले रहे लाभ
-राकेश यादव एक महीने से निगम की सुविधाओं का भी लाभ ले रहे हैं। न सिर्फ निगम के वाहन का उपयोग कर रहे हैं, बल्कि निगम से एक महीने का अतिरिक्त भुगतान भी उन्हें किया जाएगा।

-उप निरीक्षक दयाराम चौधरी का भी 9 जून को ग्रेटर निगम से सीआइडी (सीबी) में तबादला हो चुका है। इसके बाद भी वे अब तक यहीं पर काम कर रहे हैं।
-दोनों निरीक्षकों के ग्रेटर निगम में रहने से निगम कोष पर दो लाख रुपए से अधिक का मासिक भार भी पड़ रहा है। ये न सिर्फ निगम से सैलरी ले रहे हैं, बल्कि अन्य सुविधाओं का भी लाभ उठा रहे हैं।

आदेश के बाद भी जाने को तैयार नहीं
स्थिति यह है कि निगम से अपने मूल विभाग में कोई जाने को तैयार नहीं है। पुलिस महानिदेशक की ओर से 29 जून को एक आदेश जारी किया गया। इसमें साफ लिखा है कि स्वायत्तशासी संस्थाओं, निगमों, केंद्र सरकार के संगठनों में कार्यरत समस्त कार्मिक, जिनकी प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त हो चुकी है वे अविलम्ब अपनी उपस्थिति मूल यूनिट में प्रस्तुत करें। इसके बाद भी कोई असर नहीं पड़ा।

यहां नहीं चल रही आयुक्त की
सूत्रों की मानें तो आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव की नहीं चल पा रही है। यही वजह है कि एक महीना बीत जाने के बाद भी राकेश यादव रिलीव नहीं हुए हैं। जबकि, एक जून को नौ कांस्टेबलों की प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण होने पर उन्हें मूल विभाग भेज दिया था। उस समय कई कांस्टेबल निगम से नहीं जाना चाहते थे। कुछ ने तो निगम में रहने के लिए सिफारिश भी करवाई थी। लेकिन आयुक्त ने एक की भी नहीं सुनी और सभी को कार्यमुक्त कर दिया था।

जल्द कर देंगे रिलीव
जल्द ही निरीक्षक और उप-निरीक्षक को निगम से कार्यमुक्त किया जाएगा। अभी उप निरीक्षक की जगह कोई आया नहीं है। जैसे ही कोई आता है, दोनों को ही रिलीव कर दिया जाएगा।
-यज्ञमित्र सिंह देव, आयुक्त जयपुर ग्रेटर निगम

जयपुर, 3 जुलाई। मांडना कलाकार डॉ. शकुंतला महावर (Mandana artist Dr. Shakuntala Mahavar) के ऑनलाइन सेशन 'मेकिंग ए मांडना' ('Making a Mandana' ) का शनिवार को समापन हुआ। जिसमें प्रतिभागियों ने पहले से तैयार बेस और मांडना के विभिन्न डिजाइन एलीमेंट्स का उपयोग करके लोक कला के इस सबसे पुराने रूप को सीखा। महवार ने पेंसिल का उपयोग करते हुए कैनवास के एक कोने से दूसरे कोने तक एक लाइन खींचकर शुरुआत की। उन्होंने कहा कि मांडना कला का एक बड़ा नमूना है और इसे कलाकार द्वारा पूरे फर्श घूमते हुए बनाया जाता है। सबसे पहले, कलाकार केवल उस क्षेत्र में डिजाइन बनाना शुरू करता है, जहां उनके हाथ पहुंच सकते हैं। इसके बाद, डिजाइन का और विस्तार किया जाता है। मांडना पर कभी पैर नहीं रखना चाहिए। इसे अशुभ माना जाता है।
उन्होंने बताया कि एक बार मांडना का डिजाइन पूर्ण हो जाने के बाद कोई यह नहीं बता सकता कि डिजाइन कहां से शुरू और कहां समाप्त होता है। उन्होंने विभिन्न प्रकार के मांडना जैसे जैसलमेर, शेखावाटी, लहरिया, डुमरी चौक सहित अन्य का भी प्रदर्शन किया। सोमवार 5 जुलाई को शिल्पगुरु इंदर सिंह कुदरत का 'मेस्मेराइजिंग मीनाकारी' का ऑनलाइन सेशन होगा। सेशन सुंदर मीनाकारी बनाने के लिए आवश्यक विभिन्न सामग्रियों, तकनीकों और कौशल पर केंद्रित करेगा।

Jaipur Corona Update प्रदेश में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में अभी बड़ी कमी दिखाई नहीं दे रही। हर दिन के उतार-चढ़ाव के बाद संक्रमण स्थिर है। जबकि इस दूसरी लहर से पूरी राहत अब भी दूर है। शनिवार को प्रदेश से 90 नए कोरोना पॉजिटिव (Corona Positives) मिले हैं। इनमें भी अलवर जिला अव्वल रहा, जहां से सर्वाधिक 25 नए मरीज दर्ज किए गए, जबकि राजधानी जयपुर में 17 मरीज मिले। हालांकि अन्य जिन जिलों में संक्रमित मिले वहां मरीजों की संख्या 10 से कम रही। प्रदेश के 15 जिले तो ऐसे हैं, जहां से कोई नया मरीज नहीं मिला है। शनिवार को 4 मरीजों की कोरोना से मौत भी हुई। एक्टिव केस घटकर 1260 रह गए हैं।

इन जिलों में संख्या शून्य
अजमेर, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, भीलवाड़ा, चूरू, धौलपुर, डूंगरपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, करौली, पाली, प्रतापगढ़, सवाईमाधोपुर में नए मरीज दर्ज नहीं किए गए हैं।

यह रहा कोरोना का गणित
अलवर में 25, जयपुर में 17, टोंक 7, दौसा 7, जोधपुर 6, श्रीगंगानगर 5, हनुमानगढ़ 4, उदयपुर 4, सीकर 4, बीकानेर 3, झुंझुनूं, बूंदी, चित्तौड़गढ़, भरतपुर, कोटा, नागौर, राजसमंद, सिरोही में एक-एक नया कोरोना पॉजिटिव मिला है।

यहां हुई मौतें
उदयपुर में 2, चित्तौड़गढ़ में 1 और प्रतापगढ़ में एक मरीज की मौत दर्ज की गई है।

जयपुर।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि वैक्सीन को लेकर राहुल गांधी को सबसे पहले राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार से जवाब मांगना चाहिए जहां वैक्सीन जला दी गई, गाड दी गई, डस्टबिन में फेंक दी गई।

पूनियां ने नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत में कहा कि जब देश में एक बड़ा चैलेंज था कि वैक्सीनेशन ठीक तरह से होना चाहिए, सभी सरकारें सहयोग करें। लेकिन राज्य में हजारों वैक्सीन डोजेज खराब हुई। इसको लेकर राज्य सरकार अपनी विफलताएं छुपाने के लिए तर्क देती है, लेकिन इस बारे में राज्य सरकार को जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार किसी बीमारी के इलाज के लिए मात्र 9 महीने में दो-दो स्वदेशी वैक्सीन देश के लगभग 35 करोड़ लोगों को लगना बहुत बड़ी उपलब्धि है। कांग्रेस इसको लेकर ट्विटर पर सियासत करती है, लेकिन देश में दिसंबर 2021 तक 257 करोड़ डोजेज लगने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, इसके लिए केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार प्रतिबद्ध है।

राजस्थान में कोरोना कुप्रबंधन बड़ा मुद्दा

पूनियां ने कहा कि राजस्थान में कोरोना का कुप्रबंधन एक बड़ा मुद्दा है। उससे वैक्सीनेशन भी जुड़ी हुई है। राज्य सरकार ने कहा था कि वैक्सीनेशन के लिए ग्लोबल टेंडर करेंगे, केवल डेढ़ महीने तक इसी मामले को लेकर राज्य सरकार झूलती रही, ऐसे में केन्द्र सरकार ने देश के सभी लोगों के लिए फ्री वैक्सीनेशन का मानवहित में ऐतिहासिक एलान किया। केन्द्र द्वारा वैक्सीन उपलब्ध कराने से प्रदेश के लोगों को वैक्सीन मिल सकी, राजस्थान की सरकार के भरोसे वैक्सीनेशन नहीं हो सकता।

गोविंददेवजी मंदिर रविवार और एकादशी पर दर्शनार्थियों के लिए बंद
— आषाढ़ कृष्ण एकादशी 5 जुलाई को

जयपुर। आषाढ़ कृष्ण पक्ष एकादशी पर 5 जुलाई को योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) मनाई जाएगी। करीब ढाई माह बाद पहला अवसर होगा, जब एकादशी पर गोविंददेवजी मंदिर (Govinddevji Temple) को छोड़कर अन्य मंदिर भक्तों के लिए खुले रहेंगे। शहर के आराध्य गोविंदेदवजी मंदिर कोविड के चलते रविवार और सोमवार को एकादशी पर भक्तों के लिए बंद रहेगा।

गोविंददेवजी मंदिर प्रवक्ता मानस गोस्वामी के अनुसार कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए भक्तों के लिए मंदिर रविवार और एकादशी पर 5 जुलाई को बंद रहेगा। भक्त ठाकुरजी के ऑनलाइन ही दर्शन कर सकेंगे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। एकादशी को मंदिर में ठाकुरजी नटवर वेश में दर्शन देंगे। गोचारण लीला भाव के अनुरूप श्रृंगार किया जाएगा।

एकादशी पर भक्त रखेंगे व्रत
योगिनी एकादशी पर भक्त व्रत रखेंगे और भगवान विष्णु की आराधना कर सुख—समृद्धि की कामना करेंगे।

jaipur वैक्सीन को लेकर राज्य सरकार की ओर से केंद्र को लगातार पत्र लिखे जा रहे हैं। कोरोना टीके (Corona Vaccine) की किल्लत को लेकर केंद्र सरकार को अवगत भी करवाया जा रहा है और ज्यादा से ज्यादा टीकों की मांग की जा रही है। अब राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर राज्य सरकार को प्रदेश के कोटे की 100 प्रतिशत वैक्सीन देने की मांग की है। अभी केंद्र सरकार की ओर से राज्य के लिए निर्धारित कोटे में से 25 प्रतिशत वैक्सीन निजी क्षेत्र के अस्पतालों को दी जाती है, जिसका शुल्क केंद्र सरकार निजी अस्पतालों से लेती है। निजी अस्पताल भी निर्धारित दरों पर लाभार्थियों को टीका लगा रहे हैं।

सरकारी क्षेत्र में रूझान
पत्र में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा है कि राज्य के लोगों में टीकाकरण (Corona Vaccine) को लेकर सरकारी क्षेत्र के केंद्रों की ओर रुझान ज्यादा है, जबकि प्राइवेट अस्पतालों में पैसा देकर टीका लगवाने वालों का प्रतिशत बेहद कम है। जबकि सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर वैक्सीन कम है और लाभार्थी ज्यादा। इसलिए सभी टीके सरकार को देने की मांग की गई है। डॉ. रघु शर्मा का कहना है कि निजी क्षेत्र के अस्पतालों को उनकी मांग के अनुरूप राज्य सरकार की ओर से वैक्सीन दी जाएगी। इस वैक्सीन का भुगतान एनएचए के अकाउंट में भारत सरकार को दे दिया जाएगा।

Jaipur फ्यूचर सोसायटी और एलआईसी की ओर से चल रहे डिजिटल बाल मेला के प्रतिभागी बच्चों से शनिवार को सोशल मीडिया और इंटरनेट से होने वाले मानसिक प्रभाव (Mental Health) पर संवाद किया गया। मनोवैज्ञानिक मनीषा गौड़ ने कहा कि इंटरनेट का नशा दिमाग के साथ-साथ शरीर पर प्रभाव डालता और सोचने की क्षमता पर असर डालता है। ऐसे में बच्चों को एक लिमिट और गाइडलाइन के साथ ही इंटरनेट का यूज करना चाहिए। डॉ. मनीषा गौड़ ने डिजिटल बाल मेला के कोरोनाकाल में चल रहे सेशंस को बच्चों के लिए एक अच्छी पहल बताया। उन्होंने बाल मेला टीम और बच्चों के साथ मनोविज्ञान के लिए गांव और ढाणियों में जागरूकता कैंप लगाने की भी इच्छा जताई। डॉ. मनीषा ने कहा कि बाल मेला 'मेंटल हेल्थ एंबेसेडर' बन सकता है। बच्चों के मानसिक विकास के लिए डिजिटल बाल मेला जैसे नवाचार हमेशा चलते रहने चाहिए।

पेरेंट्स को दिए सुझाव
डॉ. मनीषा ने कहा कि लॉकडाउन में बच्चों के माता-पिता को यह चिंता सताने लगी कि अपने स्कूल, टीचर्स, दोस्त और प्लेग्राउंड से दूर घरों में बंद बच्चों पर इसका मनोवैज्ञानिक असर क्या पड़ेगा। लॉकडाउन की वजह से घरों में बंद बच्चों के व्यवहार में बदलाव दिख रहा है. बच्चों में लॉकडाउन को लेकर सवाल हैं, बैचेनी है और वे चिड़चिड़े हो रहे हैं। ऐसे ही सवालों के जवाब डॉ मनीषा गौड़ ने बच्चों के साथ साझा किए और उन्हें जरूरी सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि इस वक्त में अभिभावकों को बच्चों को डांटने के बजाय धैर्य से काम लेने की ज्यादा जरूरत है। साथ ही उनको शारीरिक रूप से एक्टिव रखना भी बेहद जरूरी है। बच्चे एक्टिव रहेंगे तो तनावमुक्त भी होंगे। इसके अलावा और उनका एक शेड्यूल बना होना चाहिए कि किस वक्त में उन्हें क्या काम करना है। बच्चों को फिलहाल क्रिएटिव कामों से जोड़े रखने की जरूरत है।

जयपुर। प्रदेश में सियासी बयानबाजी और खींचतान के बीच दिल्ली में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन से नेताओं की मुलाकात का सिलसिला जारी है। राजस्थान से इन दिनों कई नेताओं ने दिल्ली में डेरा डाल रखा है। शनिवार को गहलोत खेमे के वरिष्ठ विधायक मेवाराम जैन, अमीन खां और मदन प्रजापत ने प्रदेश प्रभारी अजय माकन से मुलाकात कर प्रदेश के सियासी मुद्दों पर चर्चा की है।

सूत्रों की माने तो प्रदेश प्रभारी अजय माकन के साथ दोपहर 120 बजे हुई आधे घंटे की मुलाकात के दौरान तीनों विधायकों ने जल्द मंत्रिमंडल विस्तार करने की मांग की है। इसके साथ ही तीनों विधायकों ने प्रदेश प्रभारी माकन को राजस्थान के सियासी घटनाक्रम से भी अवगत करवाया।

हालांकि अजय माकन से मुलाकात के बाद वरिष्ठ विधायक अमीन खान ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश प्रभारी अजय माकन से करीब डेढ़ साल से नहीं मिले थे । इसलिए उनसे मिलने का समय मांगा था। उन्होंने हमारी तमाम बातों को गंभीरता से सुना। पार्टी में गुटबाजी के सवाल पर अमीन खान ने कहा कि न तो वे यहां किसी की सिफारिश करने आए थे और न ही शिकायतस वह तो प्रदेश प्रभारी से मुलाकात के लिए दिल्ली आए हुए थे।

तीनों विधायक शुक्रवार को पहुंचे थे दिल्ली
दरअसल बाड़मेर जिले से ही आने वाले मेवाराम जैन, अमीन खां और मदन प्रजापत तीनों विधायक एक साथ शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे थे। शनिवार को उन्होंने प्रदेश प्रभारी अजय माकन से मुलाकात की। हालांकि तीनों विधायक पार्टी के संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल से भी मुलाकात करने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दफ्तर पहुंचे थे लेकिन तीनों ही विधायकों की वेणुगोपाल से मुलाकात नहीं हो पाई।

मुलाकात के लिए लगातार दिल्ली पहुंच रहे नेता
वहीं दूसरी ओर प्रदेश प्रभारी अजय माकन से मुलाकात के लिए प्रदेश कांग्रेस के नेता लगातार दिल्ली पहुंच रहे हैं। गुरूवार को भी सत्ता और संगठन में अनदेखी से नाराज होकर सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले 15 नेताओं में से आधा दर्जन नेता अजय माकन से मुलाकात के लिए पहुंचे थे तो वहीं दांतारामगढ़ से कांग्रेस विधायक वीरेंद्र सिंह और पूर्व सांसद अश्क अली टांक ने भी अजय माकन से मुलाकात की थी।

जयपुर। प्रदेश में उमस और गर्मी से जूझ रहे लोगों के लिए शनिवार का दिन कुछ राहत लेकर आया। दिन में हवाओं की दिशा और बादल छाने से बारिश के आसार बने और भीषण गर्मी से कुछ राहत मिली। दोपहर बाद हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, दौसा और सीकर जिले में बारिश हुई। इधर जयपुर में दिन में बादल और सूरज की लुकाछिपी रही। मौसम विभाग के अनुसार 7 जुलाई के बाद बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाएं उत्तर भारत में पहुंचने लगेंगी। इसके बाद मानसून गतिविधियां बढ़ जाएगी और मानसून सक्रिय होगा।

हनुमानगढ़ जिले के संगरिया क्षेत्र में दोपहर बाद अचानक मौसम बदला और तेज बारिश हुई। तहसील परिसर में लगे बारिश मापी यंत्र में 62 एमएम बरसात रिकॉर्ड की गई है। उपखंड के सभी गांवों में अच्छी बरसात हुई है। शहर की गलियां व सड़के पानी से लबालब हो गईं। अनेक निचले ईलाकों में पानी भर गया। जिसके कारण आवागमन में लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। तेज हवाओं के साथ शनिवार दोपहर जैसे ही बरसात शुरु हुई बिजली गुल हो गई। बरसात के कारण कई विद्युत उपकरण भी खराब हो गए। अनेक जगहों पेड़ गिर गए। बच्चों ने बरसात के बीच प्लास्टिक टंकी को काटकर नाव बनाई और उसमें बैठकर पानी में खूब सैर की। गांवों में भी जमकर बरसात हुई। बरसात से मौसम खुशगवार हो गया। श्रीगंगानगर जिले के रिडमलसर क्षेत्र में तेज हवा के साथ बारिश हुई है। इससे उसम और गर्मी से जूझ रहे लोगों राहत मिली।

सीकर जिले में दोपहर बाद टोडा और इसके बाद बारिश हुई और पहाड़ी नालो में तेज गति से पानी बह निकला। इधर सीकर में दिन में बादल और सूरज की लुकाछिपी रही। हवाओं की दिशा पश्चिम की बजाए पूर्वी होने से कुछ लू से कुछ हद तक निजात मिली। वहीं दौसा जिले के सिकराय क्षेत्र में शाम को मौसम बदला और रिमझिम बरसात हुई। इस बारिश से किसानों की सुख रही फसल को जीवनदान मिला।

Jaipur सीतापुरा स्थित महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी में 23वें इंडियन प्रोस्थोडॉन्टिक्स कन्वेंशन कार्यक्रम का शनिवार को आगाज हुआ। तीन दिवसीय ऑनलाइन कन्वेंशन का आयोजन इंडियन प्रोस्थोडॉन्टिक सोसायटी और महात्मा गांधी डेंटल कॉलेज के तत्वावधान में किया जा रहा है ।
शनिवार को आयोजित उदघाटन समारोह के मुख्य अतिथि यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन डॉ. विकास स्वर्णकार ने कहा कि कोरोना काल दंत चिकित्सकों के लिए बड़ा चुनौती साबित हुआ। अभी तीसरी लहर की संभावना को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसलिए कोविड प्रोटोकॉल की पालना करते हुए उपचार करने की अपनी जिम्मेदारी को निभाना है।

कई पेपर होंगे प्रजेंट
इस पोस्ट ग्रेजुएशन कन्वेंशन में तीन इंटरनेशनल स्पीकर सहित तीन सौ फेकल्टी और डेढ़ हजार से अधिक विद्यार्थी हिस्सा ले रहे हैं। कार्यक्रम में 350 पत्र वाचन, 250 पोस्टर तथा 80 टेबल क्लीनिक प्रेजेंटेशन, 90 शैक्षिक सत्र (गुरु दीक्षा) 27प्री कॉन्फ्रेंस कोर्स, 28 लेक्चर का वर्चुअल आयोजन किया जा रहा है। कन्वेंशन में मुंह के दांत निकालने, दांतो का प्रत्यारोपण, बत्तीसी जबड़े का पुनर्निर्माण एवं आंख का पुनर्निर्माण सरीखे कार्य में नई तकनीकों की जानकारी दी जा रही है। कार्यक्रम का समापन रविवार को होगा। ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन डॉ. नरेंद्र पडियार ने बताया कि इस अवसर पर आईपीए के प्रेसिडेंट डॉ. अक्षय भार्गव, महासचिव डॉ. रूपेश पी. एल, पूर्व अध्यक्ष डॉ. जे आर पटेल, आयोजन समिति के डॉ. गौरव पाल सिंह, साइंटिफिक चेयरपर्सन डॉ. प्रगति कोरानी ने भी संबोधित किया।

जयपुर। पेट्रोल-डीजल की दरों में लगातार हो रही वृद्धि के खिलाफ शनिवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सहकार मार्ग पर स्थित पेट्रोल पंप पर प्रदर्शन करते हुए केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कांग्रेस के जुड़े राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के बैनरतले शनिवार शाम को हुए इस विरोध प्रदर्शन में एक मोटरसाइकिल को खटारा गाड़ी का प्रतीक बनाकर माला पहना कर विरोध दर्ज किया गया।

हालांकि ये विरोध प्रदर्शन सांकेतिक तौर पर किया गया। प्रदर्शन के दौरान राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के कार्यकर्ताओं ने पेट्रोल पंप में लोगों से पेट्रोल-डीजल की दरों में वृद्धि के खिलाफ हस्ताक्षर भी कराए। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष अमित पूनिया ने बताया कि केंद्र सरकार कोरोना महामारी से लड़ने में तो विफल रही है।

इसकी नीतिओं से महंगाई आसमान छू रही है , अर्थव्यस्था चरमराई हुई है और आगे भी कोई राहत इस सरकार के रहते देखने को नहीं मिलेगी। बेरोज़गारी व महंगाई बढ़ने में कोरोना और केंद्र सरकार की बराबर की हिस्सेदारी है। पंचायत राज संगठन अब हर जिला और ब्लॉक लेवल पर पेट्रोल-डीजल की दरों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।

संज्ञान लीजिए मी लॉर्ड

Saturday 03 July 2021 02:29 PM UTC+00 | Tags: opinion

अमित वाजपेयी


यह राजस्थान है। वीरों-बलिदानियों की धरा। शांति-सौहार्द की जमीन। मान-सम्मान की भूमि। अनुशासन यहां की मिट्टी में शुमार रहा है। लेकिन आज के नेता इस प्रदेश को कहां ले जा रहे हैं? लगता ही नहीं कि यहां कानून का राज है और हम लोकतंत्र में जी रहे हैं। आए दिन कोई न कोई माफिया खुद पुलिस पर ही टूट पड़ता है। अब धौलपुर में एक ही दिन में दो जगह बजरी माफिया ने पुलिस पर हमला कर दिया। दोनों ही घटनाओं में सामने आया, माफिया बेखौफ थे और पुलिस सहमी हुई। माफिया ने गोलियां दागने में देर नहीं की, जबकि पुलिस हिचकती रही। सामने माफिया जान लेने पर आमादा था और जनता की रक्षक कहलाने वाली पुलिस उन पर प्रभावी नियन्त्रण करने के बजाय बचाव की मुद्रा में ज्यादा दिखी।

क्या यह पाषाण युग है? जहां न कोई कानून और न कोई तंत्र बल्कि भैंस उसी की, जिसके पास लाठी हो! क्या धौलपुर की घटनाएं ये सवाल खड़े नहीं करतीं? लोकतंत्र में राज कानून का होता है या अपराधियों का? फिर माफिया के हौसले इतने बुलन्द कैसे हो गए कि जिला पुलिस अधीक्षक के काफिले पर ही गोलियां बरसाने लगे? इसके लिए असली जिम्मेदार कौन है? किसने इन माफिया को पनपाया, प्रश्रय दिया? क्या बढ़ता राजनीतिक दखल इस अराजकता का सबसे बड़ा कारण नहीं है? क्या असली गुनहगार वे नेता नहीं हैं, जिन्हें जनता ने कुर्सियों पर बैठाया तो लोकतंत्र की रक्षा के लिए है लेकिन वे इसे खोखला करने पर आमादा हैं?

दरअसल, नेताओं और नौकरशाहों का गठजोड़ ही इस अराजकता की जड़ है। यह गठजोड़ ही अपराधियों को सींचता और हौसला देता रहा है। समय आने पर उपयोग करता और जरूरत पडऩे पर प्रश्रय देता रहा है। इसी कारण तो नशे के कारोबार और तस्करी से आगे बढ़कर खनन, पर्यटन, चिकित्सा और शिक्षा जैसे क्षेत्र में भी माफिया हावी हो रहे हैं। राजस्थान जैसे शान्त राज्य के लिए यह अराजकता की हद है। हद यह भी है कि कानूनी पेचीदगियां इस सिलसिले को तोडऩे नहीं बल्कि आगे बढ़ाने में मदद कर रही हैं। और, कानून के रखवाले तो नेता और नौकरशाह हैं ही, तो पेचीदगियां बरकरार क्यों न रहें? ताकि धौलपुर की तरह खुद पुलिस ही अपराधियों के सामने खौफ खाती रहे। गोली चलाना तो दूर, सख्ती करने से भी हिचके। यह सोचकर कि खुद ही मुकदमेबाजी में न उलझ जाए!

लोकतंत्र में यह स्थिति कतई ठीक नहीं है। यदि विधायिका और कार्यपालिका के बीच गठजोड़ नागरिकों, समाज और कानून-व्यवस्था के खिलाफ लगातार मजबूत हो रहा हो तो न्यायपालिका को आगे आना होगा। न्याय पर हावी होते इस गठजोड़ के खिलाफ संज्ञान लेना होगा। ताकि लोकतंत्र को बचाने के लिए खुद जनता को चौथा पाया न बनना पड़े। क्योंकि जनता ही पाया बन गई, तो बाकी पायों की जरूरत ही खत्म हो जाएगी। लोकतंत्र के लिए यह भी तो ठीक नहीं होगा।

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जयपुर।

डीएलबी निदेाक दीपक नंदी के कार्यालय के लैंडलाइन नंबर से शनिवार को अवकाश के दिन एक फर्जी कॉल करने का मामला सामने आया है। इस फोन के जरिए एक नगरपालिका चेयरमैन को एक फाइल के निस्तारण के निर्देश दिए गए। चेयरमैन ने नंदी को फोन कर बताया तो पता चला की उन्होंने कोई फोन नहीं किया। सीसीटीवी फुटेज में भी कार्यालय से फोन करता कोई नजर नहीं आया। इस पर जांच शुरू हो गई है कि आखिर फोन किसने किया ?

दरअसल नंदी के कार्यालय के लैंडलाइन नंबर से एक नगरपालिका चेयरमैन को तीन बार फोन कर किसी फाइल को जल्द निस्तारण करने के लिए कहा किया। जब नगरपालिका चेयरमैन ने उसी लैंडलाइन पर किया फोन तो किसी ने नहीं उठाया। इस पर चेयरमैन ने दीपक नंदी के मोबाइल पर किया फोन कर कहा "आपने जो काम बताया है वह मैं जल्द कर दूंगा"। इस पर दीपक नंदी चौंक कर बोले "मैंने आपको कौन सा काम बताया"। पूरी बातचीत में मामले का खुलासा हुआ।

सीसीटीवी फुटेज में कोई नहीं आया नजर

मामला सामने आने के बाद पूरे कार्यालय परिसर के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। दिन भर के फुटेज की पड़ताल के बाद कोई भी व्यक्ति कार्यालय परिसर में नहीं पाया। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि क्या किसी आईटी सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से फोन किया गया ? मामले में विभाग अब कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।



जयपुर,3 जुलाई
प्रदेश में समय से पहले मानसून के प्रवेश के बाद भी पूरा राजस्थान बरसात के लिए तरस रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक सात जुलाई से पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में हवाओं का रुख बदलेगा और बारिश की शुरुआत होगी। इसी तरह पश्चिमी राजस्थान में दस जुलाई के बाद तेज हवा के साथ बरसात होगी। इसी बीच शनिवार को प्रदेश के विभिन्न शहरों में कुछ गिरावट हुई है। प्रदेश में सबसे गर्म करौली और चूरू का दिन का तापमान 42.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग ने रविवार को अलवर, सीकर, झुंझुनू, भरतपुर, चूरू, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में कहीं कहीं पर 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना जताई है। इसके बाद दो दिन पूरे प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा। 7 जुलाई को अलवर, सीकर, झुंझुनू, भरतपुर, चूरू और हनुमानगढ़ जिले में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा का अलर्ट जारी किया है।

प्रदेश के विभिन्न भागों का अधिकतम और न्यूनतम तापमान
अजमेर 36.5 28.3
जयपुर 39.3 29.6
कोटा 38.0 28.9
डबोक 33.2 26.9
जैसलमेर 39.9 27.6
जोधपुर 38.1 29.6
बीकानेर 39.9 30.2
चूरू 42.1 30.4
श्रीगंगानगर 41.7 29.3
भीलवाड़ा 35.0 25.8
वनस्थली 39.6 27.6
अलवर 38.4 24.8
पिलानी 41.3 28.2
सीकर 38.2 26.8
चित्तौडगढ़़ 36.4 26.5
फलौदी 41.2 29.6
सवाई माधोपुर 40.9 30.2
धौलपुर 39.2 27.2
करौली 42.1 31.0
पाली 40.4 30.8
नागौर 40.0 29.6
टोंक 39.3 29.1
बूंदी 38.6 28.9

जयपुर। लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे पटवारियों की हड़ताल शनिवार को सरकार से मांगों पर सहमति के बाद समाप्त हो गई। इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पटवारियों के प्रतिनिधिमंडल को उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया।

पटवारियों के लिए पदोन्नति के अवसर बढ़ाने के लिए वरिष्ठ पटवारी का एक अतिरिक्त पद सृजित करने पर सहमति बनी। वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पटवारियों के प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पटवारियों सहित सभी कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए सरकार गंभीर है।

मुख्यमंत्री ने पटवारियों के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि पटवारियों की मांगों पर मुख्य सचिव निरंजन आर्य के साथ हुई वार्ता के बाद जिन बिन्दुओं पर सहमति बनी है, उन पर राज्य सरकार गंभीरता से विचार करेगी। उन्होंने मुख्य सचिव तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों को सहमति के बिन्दुओं पर तत्काल सकारात्मक कदम उठाने और आगे की कार्रवाई को जल्द क्रियान्वित करने के भी निर्देश दिए।


महामारी के दौर में पटवारियों की अहम भूमिका
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधियों के साथ हुई वीसी के दौरान सीएम गहलोत ने आशा व्यक्त की कि इस सहमति के बाद पटवारी पूरी तत्परता के साथ प्रदेशवासियों की सेवा में जुटेंगे। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग के कार्यों के साथ-साथ कोविड-19 महामारी के दौर में संक्रमण के प्रसार को रोकने तथा पीड़ितों को राहत पहुंचाने के काम में भी पटवारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

सीएम ने कहा कि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का निचले स्तर तक प्रचार-प्रसार करने तथा अधिक से अधिक प्रदेशवासियों को इस योजना में पंजीकृत करवाकर जरूरतमंदों को कैशलेस इलाज से लाभान्वित कराने में भी पटवारी अधिक सक्रिय रहकर योगदान दें।

ग्रामीण क्षेत्रों में पटवारी प्रशासन की मजबूत इकाई
राजस्व मंत्री हरीश चैधरी ने कहा कि पटवारी ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन की धरातल पर सबसे मजबूत इकाई के रूप में हर समय सक्रिय रहते हैं। राजस्व विभाग की अपनी जिम्मेदारियों के साथ-साथ वे दूसरे विभागों की योजनाओं और कार्यक्रमों की क्रियान्विति भी अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में राज्य सरकार भी पटवारियों के हितों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। इसी का परिणाम है कि पटवारियों की विभिन्न मांगों पर बातचीत के जरिए सकारात्मक समाधान निकाला गया है।


मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने बताया कि पटवारियों को अतिरिक्त कार्य भत्ते एवं बहुआयामी भत्ते के लिए देय वर्तमान राशि में वृद्धि करने तथा राजस्व विभाग से जुड़ी गैर -वित्तीय समस्याओं के लिए राजस्व सचिव के स्तर पर एक कमेटी गठित कर तीन माह में रिपोर्ट लेकर समस्याओं का निराकरण करने पर भी सहमति बनी है।

घर—घर नल कनेक्शन में विशेष श्रेणी के जिलों और वर्गों को मिलेगी प्राथमिकता
— एसीएस ने की जल जीवन मिशन प्रगति की समीक्षा

जयपुर। जल जीवन मिशन (जेजेएम) (Jal Jivan Mission) के तहत 'घर—घर नल कनेक्शन' में प्रदेश के विशेष श्रेणी के जिलों और वर्गों को प्राथमिकता मिलेगी। इसके साथ ही अधिकारी जिलेवार लक्ष्यों के आधार पर उनकी नियमित मॉनिटरिंग करेंगे। इसके लिए जलदाय विभाग के एसीएस सुधांश पंत शनिवार को निर्देश जारी किए। पंत ने जल भवन में जेजेएम के तहत रेग्यूलर विंग और मेजर प्रोजेक्ट में स्वीकृत परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में जेजेएम में अब तक कवरेज से वंचित गांवों और ढाणियों की डीपीआर तैयार करने के शेष कामों को भी जल्दी पूरा करने के निर्देश दिए।

बैठक में पंत ने कहा कि डीपीआर तैयार करने से लेकर प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति तथा तकनीकी स्वीकृतियों से लेकर निविदा व कार्यादेश जारी करने के कार्यों को समानांतर संचालित करते हुए एक-एक दिन की बचत करने की 'प्रोएक्टिव एप्रोच' को अपनाया जाए। प्रदेश में जल जीवन मिशन के लक्ष्यों को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के लिए फील्ड में सभी अधिकारी दिन-प्रतिदिन निर्णय लेते हुए समय की बचत करें। बैठक में उन्होंने राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति में अनुमोदित ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं को नीति निर्धारण समिति, वित्त समिति और वित्त विभाग में भेजकर आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के भी निर्देश दिए। पंत ने सपोर्ट गतिविधियों की समीक्षा करते हुए ग्राम पंचायत स्तर पर सरपंच और वार्ड पंच की सक्रिय भूमिका से विलेज एक्शन प्लान बनाने, ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति की बैठकों के नियमित आयोजन और सदस्यों के प्रशिक्षण जैसे कार्यों में जन सहभागिता में वृद्धि के भी निर्देश दिए।

मंदिर माफी की 12 बीघा भूमि पर बसा रहे अवैध कॉलोनी
- जेडीए ने कार्रवाई कर कॉलोनी बसाने का प्रयास किया विफल
- बिंदायका फाटक के पास पिंडलोई में कार्रवाई

जयपुर। जेडीए के प्रवर्तन दस्ते ने शनिवार को कार्रवाई करते हुए मंदिर माफी की करीब 12 बीघा भूमि पर अवैध कॉलोनी (Jaipur JDA Illegal colony Action) बसाने का प्रयास विफल किया गया।

मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन रघुवीर सैनी ने बताया कि जोन-12 में बिंदायका फाटक के पास ग्राम पिंडलोई में मंदिर माफी की करीब 12 बीघा भूमि पर अवैध कालोनी बसाने के लिए बनाई गई ग्रेवल सडकों को जोन-12 के राजस्व व तकनिकी स्टाफ की निशादेही पर प्रवर्तन दस्ते ने जेसीबी मशीनों व मजदूरों की सहायता से ध्वस्त कर अवैध कालोनी बसाने के प्रयास को विफल किया गया।

सरकारी भूमि को करवाया अतिक्रमण मुक्त
जेडीए ने जोन 5 में राज नगर महारानी फार्म के पास द्रव्यवती नदी के किनारे खाली पड़ी सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बाउंड्रीवाल का निर्माण करने पर कार्रवाई की। जेडीए दस्ते ने निर्माण में उपयोग में लिए जा रहे औजारों को जब्त कर अतिक्रमण को जेसीबी से ध्वस्त किया।

जवाहर सर्किल थाना पुलिस ने चार शातिर वाहन चोरों को पकड़ा हैं। पुलिस ने उनके कब्जे से चोरी की चार दुपहिया वाहन बरामद किए हैं। आरोपी पलक झपकते ही वाहन चुरा लेते थे।
एडिशनल डीसीपी राजऋषि राज वर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जिले में बढ़ती वाहन चोरी और नकबजनी की वारदातों को रोकने के लिए एसीपी महेन्द्र शर्मा, थानाप्रभारी नेमीचंद के नेतृत्व में टीम गठित की थी। टीम ने कार्रवाई करते हुए मुखबिर की सूचना पर चार शातिर वाहन चोरों को पकड़ लिया। पुलिस ने बताया कि इस संबंध में हिण्डौन करौली निवासी ओमवीर (26) पुत्र साहब सिंह, महुआ दौसा निवासी लोकेश गुर्जर (25) पुत्र रमेश, विसालपुर गुड़गांव हरियाणा निवासी विक्रम सिंह (29) पुत्र किशन सिंह और सेक्टर-13 मालवीय नगर जयपुर निवासी कुलदीप मेहरा (27) पुत्र रामदयाल को गिरफ्तार किया हैं। पुलिस ने उनके कब्जे से चोरी के चार मोटरसाईकिल बरामद की हैं पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह उन्होंने चोरी की गई बाइकों में से तीन जवाहर सर्किल और एक ज्योति नगर थाना क्षेत्र से चुराई हैं। आरोपियों ने पिछले छह महीने में एक दर्जन वाहन चुराना कबूल किया हैं। बदमाशों को पकड़ने के लिए हैड कांस्टेबल सोहन सिंह, कांस्टेबल बनवारी लाल और गजानन्द की विशेष भूमिका रही हैं।

गलता गेट थाना पुलिस ने 15 लाख रुपए के पन्ने लूट के मामले में पर्दाफाश करते पीड़ित को ही गिरफ्तार किया हैं। चाचा का बकाया रुपए देने से बचने के लिए परिवादी ने ही लूट की झूठी कहानी रची थी।
एडिशनल डीसीपी सुमित गुप्ता ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी शिवाजी चौक ब्रह्मपुरी गलता गेट निवासी राकेश तिवारी (28) पुत्र रमेश है। पुलिस ने बताया कि एक जुलाई को भीड़भाड़ वाले इलाके में घर से दुकान लेकर जा रहे एक बैग में से 15 लाख रुपए के पन्ने के लूट होने की सूचना मिली थी। इस संबंध में राकेश तिवारी की तरफ से थाने में लूट का मामला दर्ज करवाया गया था। जिसके बाद थानाप्रभारी सतीश चंद्र के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया था। मामले में कॉल डिटेल एवं घटना से संबंधित लोगों से पूछताछ की गई तो कुछ संदेह हुआ. जिसके आधार पर सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। परिवादी के बैंक खाते की जांच की गई तो किसी भी तरह का कोई बड़ा ट्रांजैक्शन होना सामने नहीं आया। पुलिस ने परिवादी रितेश तिवारी से सख्ती से पूछताछ की तो सामने आया कि रितेश तिवारी ने अपने चाचा से 1 लाख रुपए उधार लिए थे। रितेश के चाचा उस पर रुपए लौटाने के लिए दबाव बना रहे थे। जिसके चलते उसने अपने मालिक की ओर से दिए नगीनों की लूट होने की झूठी कहानी रची और नगीनों को अपने मित्र मनीष को दे दिए। पुलिस ने मनीष के कब्जे से नगीने बरामद कर लिए हैं। फिलहाल पुलिस गिरफ्तार आरोपी रितेश तिवारी से पूछताछ कर रही हैं।

स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने (एसओजी) ने फर्जी कस्टमर केयर अधिकारी बनकर ठगी करने वाले शातिर बदमाश को जामताड़ा (झारखण्ड से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र पुलिस अधीक्षक हिमांशु गर्ग के जयपुर में रहने वाले परिवार से साइबर ठगी की थी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पांच दिन बाद ही झारखंड के जामताड़ा में पकड़ लिया। पुलिस ने उसके कब्जे से 14 लाख रुपए बरामद, कई बैंकों की पास बुक व एटीएम कार्ड बरामद किए हैं। जबकि एक अन्य जालसाज बचकर भाग निकला। वहीं एसओजी टीम ने आरोपी को पकड़ने के लिए जामताड़ा में डेरा डाल रखा हैं। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर अन्य जानकारियां जुटाने में लगी हुई हैं।
एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि जामताड़ा के करमाटांड़ थाना क्षेत्र के पिंडारी गांव निवासी कलीम अंसारी के घर दबिश दी। कलीम घर से भाग गया। जबकि उसके सहयोगी जालसाज विकास मंडल को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के घर से 14 लाख रुपए, साइबर ठगी में काम लिए जाने वाले 8 मोबाइल, 16 सिमकार्ड, 4 एटीएम और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।

लिंक खोलते ही निकल गए 99 हजार रुपए
हरियाणा के आइपीएस हिमांशु गर्ग ने जयपुर स्थित मुक्तानंद नगर में रहने वाले पिता के लिए कुरुक्षेत्र से कोरियर कंपनी द्वारा पार्सल भेजा था। पार्सल नहीं पहुंचने पर चचेरे भाई निमिष गर्ग ने गुगल पर कोरियर कंपनी का नंबर देखकर संपर्क किया, तो बताया गया कि पार्सल पर पता सही करने के लिए 10 रुपए ऑनलाइन जमा कराने होंगे। ऑनलाइन रुपए जमा कराने के लिए जालसाज ने एक लिंक भेजा। लिंक खोलते ही पीडि़त के अकाउंट से 99 हजार रुपए निकल गए।

पानी में फेंक दिए मोबाइल-
फरार आरोपी कलीम अंसारी की तलाश में पुलिस निरीक्षक सज्जन कंवर और पुलिस दल द्वारा अलग अलग जगहों पर छापा मारी जारी हैं। एसओजी के पुलिस दल को देखते ही विभिन्न आरोपियों ने अपने मोबाइल फोन पानी मं फेंक दिए। जामताड़ा के साइबर ठगों से अब तक की यह मौके पर सबसे बड़ी बरामदगी हैं।

जयपुर। अदालती कार्यवाही को लेकर हाईकोर्ट की ओर से वकील पर कार्रवाई का मामला शनिवार तक राजस्थान बार कौंसिल को नहीं मिल पाया। उधर, जानकारी में आया कि अब तक ऐसे लगभग सभी मामलों में प्रमाण के अभाव में बार कौंसिल से कार्रवाई नहीं हो पाई।
हाईकोर्ट ने एक मामले में वकील के भद्दी भाषा प्रयोग करने के मामले को लेकर शुक्रवार को राजस्थान बार कौंसिल से कार्रवाई करने को कहा। कोर्ट ने वकील की भाषा को अवमाननाकारक और अशोभनीय माना है। कोर्ट ने महिला स्टाफ की मौजूदगी में ऐसी भाषा के इस्तेमाल पर कड़ा एतराज जताते हुए ऐसे मामलों में कार्रवाई की आवश्यकता जाहिर की। हालांकि शनिवार तक हाईकोर्ट का यह आदेश राजस्थान बार कौंसिल को नहीं मिल पाया।
बार कौंसिल को पहले भी पहुंचे मामले
भद्दी भाषा के इस्तेमाल सहित विभिन्न प्रकार के मामले पिछले सालों में हाईकोर्ट की ओर से कार्रवाई के लिए राजस्थान बार कौंसिल को भेजे गए, जिनमें जयपुर में हाईकोर्ट का फर्जी आदेश जारी होने में वकील की भूमिका का प्रकरण भी शामिल है। बार कौंसिल से इन मामलों में कार्रवाई नहीं हो पाती। इस पर बार कौंसिल के सदस्यों व पूर्व पदाधिकारियों से बात की गई तो सामने आया कि ऐसे मामलों में हाईकोर्ट से आदेश तो आता है, लेकिन प्रमाण नहीं होता। बार कौंसिल की कमेटी मामला बार कौंसिल भेजने वाले हाईकोर्ट के अधिकारी को सुनवाई के लिए बुलाती है, लेकिन हाईकोर्ट की ओर से कमेटी के सामने अधिकारी हाजिर ही नहीं होता। इसके चलते मामला लंबित रहता है और तय समयसीमा निकलने के कारण मामला बार कौंसिल आॅफ इंडिया के पास चला जाता है। वहां मामला सालों तक अटका रहता है।

जयपुर. प्रदेश की 11 हजार से अधिक पंचायतों में आमजन को दी जा रही सेवाओं की समयबद्ध क्रियान्विती और पंचायतों की जबावदेही तय करने के लिए सरकार 15 अगस्त को सभी ग्राम पंचायतों में सिटीजन चार्टर जारी करेगी। इस चार्टर में हर पंचायत को यह जानकारी देनी होगी कि वहां नागरिकों से संबंधित कितनी प्रकार की सेवाएं दी जा रही हैं और शुल्क, समयबदï्ध प्रक्रिया आदि क्या है।

केन्द्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने पिछले दिनों यह चार्टर जारी किया था। इसके बाद प्रदेश में सभी जिला परिषदों को सरकार ने निर्देश जारी किए हैं। चार्टर हर पंचायत के लिए अलग दस्तावेज होगा, जिसका मॉडल ड्राफ्ट तैयार करने के लिए पंचायती राज विभाग ने विधि परामर्सी आर के भूरिया और बी.डी. कृपलानी को जिम्मेदारी दी है। पूरे प्रदेश में इस प्रक्रिया के लिए उपायुक्त प्रेम सिंह चारण को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

यह भी तय किया गया है कि जिन मामलों में पंचायत स्वयं सीधे सेवा देने में सक्षम नहीं हों तो आमजन के लिए सुविधा प्रदाता का काम भी करेंगी। जन्म-मृत्यु, भूमि संबंधी एवं अन्य प्रमाणपत्र जारी करना, मनरेगा जॉब कार्ड, शिक्षा एवं कौशल प्रशिक्षण, संपत्ति स्वामित्व, अपशिष्ट प्रबंधन, पानी कनेक्शन, नए राशन कार्ड, स्कूल- आंगनबाड़ी प्रबंधन जैसे कई कार्य सिटीजन चार्टर के दायरे में आएंगे।

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