>>: Digest for July 05, 2021

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पाली। कोविड स्वास्थ्य सहायक भर्ती के लिए शनिवार को सीएमएचओ कार्यालय में अभ्यर्थियों के दस्वेजों की जांच की गई। दस्तावेज जांच कराने के लिए बड़ी संख्या में अभ्यर्थी उमड़े। उनको धूप व गर्मी में तीन से चार घंटे तक कतार में खड़े रहना पड़ा। हालात यह थे कि पीने को पानी तक नहीं मिला।

कोविड स्वास्थ्य सहायक भर्ती के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, विधवा, दिव्यांग आदि को दस्तावेजों की जांच के लिए बुलाया गया था। दस्तावेज लेकर सुबह ही सीएमएचओ कार्यालय के बाहर अभ्यर्थियों की कतार लग गई। जोधपुर मार्ग के दोनों तरफ लम्बी लाइन में अभ्यर्थी परिजनों के साथ खड़े रहे। दस्जावेजों की जांच सुबह दस बजे जीएनएम प्रिंसिपल केसी सैनी, डिप्टी सीएमएचओ विकास मारवाल, ज्वालाप्रकाश उदावत, चाल्र्स जेकब, रताराम चौहान आदि के निर्देशन में 20 दलों ने शुरू की। जो शाम को करीब साढ़े छह बजे तक चली। इस दौरान 500 अभ्यर्थियों के दस्तावेज ही जांचे जा सके। जबकि जांच कराने के लिए 800 से अधिक अभ्यर्थी पहुंचे थे। इस पर दस्जावेज जांच का एक दिन बढ़ाते हुए 300 अभ्यर्थियों को रविवार को बुलाया गया।

पानी तक की व्यवस्था नहीं
अभ्यर्थियों को सीएमएचओ कार्यालय के बाहर ही रोका गया। भवन के भीतर पांच से दस जनों को प्रवेश दिया गया। ऐसे में अभ्यर्थी अपनी बारी के इंतजार में धूप में ही खड़े रहे। वहां उनके लिए पानी तक की व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में अभ्यर्थी व उनके परिजन प्यास व गर्मी से बेहाल हो गए।

नहीं रखी गई सोशल डिस्टेंसिंग
कोविड को सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क लगाकर ही रोका जा सकता है। इसका प्रचार चिकित्सा विभाग कर रहा है, लेकिन दस्तावेज जांच कराने के लिए लगी कतार और सीएमएचओ कार्यालय में इस बात का ख्याल नहीं रखा गया। कार्यालय के मुख्य गेट पर खड़े पुलिसकर्मियों ने भी लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग रखने या मास्क लगाने को नहीं कहा।

पाली। कोविड 19 से बचाव के लिए दो दिन बाद एक बार फिर शनिवार को टीकाकरण साइट पर वैक्सीन लगाई गई, लेकिन जिन स्थानों पर सेंटर बनाए जा रहे है। उन जगह की चिकित्सा विभाग या प्रशासन की ओर से जांच तक नहीं हो रही। इसकी पोल शहर के नया गांव स्थिति बनाए गए वैक्सीनेशन सेंटर पर खुली। वहां पर टीक लगाने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़े, लेकिन उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। स्थिति यह थी कि सेंटर पर भीषण गर्मी के बावजूद पंखें तक नहीं थे। ऐसे में चिकित्साकर्मियों के साथ लोग पसीने से लथपथ हो गए। उनके कपड़े तक पसीने से भीग गए। वैक्सीनेशन सेंटर के बाहर भी छाया की व्यवस्था नहीं होने से लोगों को धूप में खड़े रहना पड़ा।

पानी के कैम्पर भी बाद में आए
वैक्सीनेशन सेंटर पर आने वाले लोगों को वैक्सीन लगाने के बाद आधा घंटे बैठना होता है। इसके बावजूद वहां पानी की व्यवस्था नहीं की गई। लोग प्यास से व्याकुल रहे। इसके बाद क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने अधिकारियों को फोन लगाकर पानी की व्यवस्था करवाई। कैम्पर भेजे गए तो पानी पीने के लिए गिलास या लोटा नहीं भेजा गया। ऐसे में लोगों को सीधे कैम्पर के नल से ही प्यास बुझानी पड़ी।

सोशल डिस्टेंसिंग भी तार-तार
वैक्सीनेशन सेंटर पर सोशल डिस्टेंसिंग भी तार-तार रही। वहां वैक्सीन लगाने आए लोग एक-दूसरे से सटकर खड़े रहे, लेकिन किसी ने उनको टोका नहीं। कई लोग तो ऐसे भी थे। जिन्होंने मास्क तक नहीं लगाया।

सेंटर पर नहीं की गई व्यवस्था
वैक्सीनेशन सेंटर पर किसी तरह की व्यवस्था नहीं की गई। चिकित्साकर्मी वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद 11 बजे तक ही पसीने व गर्मी से बेहाल हो गए। ऐसी ही स्थिति वैक्सीन लगाने पहुंचे लोगों की रही। -विक्रमपालसिंह, पार्षद

बिना सुविधा बनाया सेंटर
कोविड टीकाकरण के लिए बिना सुविधा देखे ही सेंटर बना दिया गया। अधिकारियों को बार-बार फोन लगाने पर भी ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने फोन रिसीव करना तक बंद कर दिया। -तालिब अली चूड़ीगर, पार्षद

पाली। पाली शहर के हाउसिंग बोर्ड निवासी विवाहिता को शादी का झांसा देकर व बड़े-बड़े सपने दिखाकर एक कांस्टेबल उसे भगा ले गया और 19 दिन तक उदयपुर, माउंट आबू, सुमेरपर की होटलों में बलात्कार करता रहा। महिला ने शादी की तो आरोपी ने उसे बेरहमी से पीटा। आखिर महिला ने सुमेरपुर में होटल से ही फोन कर पुलिस को आपबीती बताई। औद्योगिक क्षेत्र थाना पुलिस ने उसे दस्तयाब किया। आरोपी के खिलाफ पाली शहर के औद्योगिक क्षेत्र थाने में अपहरण व बलात्कार का मामला दर्ज किया गया है। इधर, कांस्टेबल को इसकी भनक लगी तो वह खुद औद्योगिक थाने पहुंच गया, जहां उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया। मामले में रविवार को एसपी कालूराम रावत ने आरोपी कांस्टेबल को निलंबित कर दिया है और उसके खिलाफ जांच के आदेश जारी किए गए हैं। जांच पाली ग्रामीण उप अधीक्षक को सौंपी गई है। न्यायालय ने कांस्टेबल को रिमाण्ड पर भेज दिया।

तीन माह पूर्व सम्पर्क में आई, फिर शादी का झांसा
औद्योगिक क्षेत्र थाने के उप निरीक्षक व जांच अधिकारी नरेन्द्र सिंह ने बताया कि विवाहिता पाली के हाउसिंग बोर्ड में रहती है। गत दिनों उसका पड़ोसन से नाली का विवाद था, इस बीच वह हाउसिंग बोर्ड चौकी में पुलिस कार्रवाई करने गई। वहां विवाहिता कांस्टेबल अजय पाल के सम्पर्क में आ गई। कांस्टेबल ने उसके मोबाइल नम्बर ले लिए और मदद का झांसा देकर दोस्ती कर ली। फिर मोबाइल पर बातें करता रहा और विवाहिता का शादी का झांसा दिया। इसके बाद वह उसे भगा ले गया और अलग-अलग होटलों में रखकर बलात्कार किया। जब विवाहिता से बेरहमी से मारपीट की तो महिला रोने लगी। इस बीच सुमेरपुर होटल में कांस्टेबल विवाहिता को बंद कर गया, वह दस मिनट में वापस आने का बोलकर गया, विवाहिता ने पीछे से पुलिस को कॉल कर आपबीती बताई। पुलिस ने होटल पर पहुंच उसे दस्तयाब किया।

आरोपी कांस्टेबल खुद पहुंचा थाने
आरोपी कांस्टेबल जब शनिवार को सुमेरपुर होटल पहुंचा तो कमरे में विवाहिता नदारद मिली। जब उसे जानकारी मिली की पाली पुलिस उसे ले गई तो खुद भी औद्योगिक थाने पहुंच गया। पीडि़ता का रविवार को बांगड़ अस्पताल में मेडिकल करवाया गया, उसके शरीर पर चोटों के निशान भी है।

आरोपी कांस्टेबल भी विवाहित, ढाई साल की बच्ची भी
हाउसिंग बोर्ड निवासी विवाहिता भी पिछले करीब डेढ़ साल से पीहर में रह रही है। उसने अपने पति व ससुराल पक्ष के लोगों के खिलाफ दहेज प्रताडऩा का परिवाद भी महिला थाने में दे रखा हैं। महिला की शादी 17 वर्ष पहले हुई थी। जिससे उसे एक सात साल का बच्चा भी है। इधर, आरोपी कांस्टेबल भी विवाहित है और उसकी पत्नी गांव में रहती है। उसके ढाई साल की पुत्री भी है। वह यहां पुलिस लाइन में रहता था। सिग्मा चेतक में उसकी ड्यूटी थी।

बीस दिन पहले विवाहिता की मां ने दर्ज करवाई थी गुमशुदगी
11 जून को आरोपी कांस्टेबल उसे भगाकर ले गया। विवाहिता के घर से बिना बताए निकल जाने पर 13 जून को उसकी मां ने औद्योगिक थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। तब से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी, इस बीच शनिवार रात को वह सुमेरपुर में मिल गई।

कांस्टेबल चल रहा था गैर हाजिर
आसोप जोधपुर निवासी आरोपी कांस्टेबल अजयपाल भाकल (25) पुत्र बाबूलाल भाकल की 18 दिसम्बर 2015 को प्रथम नियुक्ति पाली में हुई थी। 19 मई 2021 से आरोपी कांस्टेबल गैर हाजिर चल रहा हैं। इसको लेकर उसको कई बार नोटिस भेजे गए, लेकिन एक बार भी उसने जवाब नहीं दिया।

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