>>: Digest for July 08, 2021

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Table of Contents

नागौर. चिलचिलाती व कड़ी धूप की तपिश से मार जहां हर कोई परेशान है, वहीं कंवलीसर गांव के हनुमानराम पूनिया ने प्यास के लिए भटकते पशुओं की प्यास बुझाना ही अपना ध्येय बना लिया। पूनिया पिछले तीन सालों से गर्मी आते ही सक्रिय हो जाते हैं। खेलियों में टेंकरों के माध्यम से पानी डालते रहते हैं। अधिकाधिक पशुओं को लाभ पहुंचाने की नीयत से दानदाताओं से भी सहयोग लिया गया। गांव के शिक्षक रामनिवास बिश्नोई बताते हैं कि पूनिया का जुनून है कि एक भी पशु प्यास से भटके नहीं। इसलिए गर्मी से बेपरवाह वह खुद ही कंवलीसर से आठ किलोमीटर दूर जाकर जोधियासी से टेंकर में पानी भरकर लाना इनके दैनिक जीवन का अहम हिस्सा बन गया है। इनके नेक उद्देश्य को देखते हुए भामाशाहों ने भी इनका सहयोग करना शुरू कर दिया। परिणाम स्वरूप ज्यादा पशुओं को भी इसका लाभ मिलने लगा। यही नहीं, ग्रामीणों की ओर से कई बार वर्षा से संचित जल भी इस कार्य के लिए उपलब्ध कराए जाने का काम भी शुरू कर दिया गया। नतीजतन अब पशुओं को पानी पीने के लिए भटकना नहीं पड़ता है।
पौधरोपण के साथ देखभाल का संकल्प
नागौर. फिड़ौद के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में युवाओं ने अभियान के तहत पौधरोपण किया। अब तक 251 पौधे लगाए जा चुके हैं। पौधरोपण करने के साथ ही इस दौरान युवाओं ने इसकी महत्ता समझाई। इसके साथ ही इनकी देखभाल का भी संकल्प लिया गया। इसमें रिक्षपाल सिरोही, अनिल भाकल, नेमीचंद, सुरेन्द्र सेन, नरेश, आशाराम, दामोदर एवं हनुमान आदि मौजूद थे।

नागौर. घरेलू कनेक्शनों पर बकाया हजारों में पहुंच गया तो फिर विभाग की ओर से कनेक्शन काटने के लिए डिस्कॉम के कर्मचारी पहुंच जाते हैं, लेकिन सरकारी स्तर पर यह बकाए की राशि भले ही करोड़ों में पहुंचने पर भी इनकी सेहत पर कोई असर नहीं होता है। बताते हैं कि सरकारी विभागों की यह बकाए की राशि ही यदि डिस्कॉम को पूरी तरह से जमा हो जाए तो फिर एक दिन में ही इसकी माली हालत बदल जाएगी। स्थिति यह है कि पुलिस विभाग हो या फिर स्थानीय अथवा जिला प्रशासन! इन सभी पर डिस्कॉम का बकाया करोड़ों में पहुंच गया है, लेकिन बजट के अभाव का रोना रोने का जुमला पूरे साल चलता रहता है। नतीजतन कइयों का बकाया पिछले दो साल के अंतराल में डेढ़ से दो गुना ज्यादा बढ़ गया है। इनमें से सर्वाधिक बकाएदारों में रेलवे, पुलिस, पीएचडीई एवं प्रशासनिक विभाग आदि की ओर से किसी भी मद में आमजन पर बकाया होने की स्थिति इनका पूरा अमला वसूली के लिए पहुंच जाता है, लेकिन खुद का बकाया कब अदा करेंगे इसका पता किसी को नहीं है। सरकारी विभाग होते भी इनकी ओर से बकाया बिल राशि जमा करने की जहमत नहीं उठाई गई। डिस्कॉम के अधिकारियों का कहना है कि बकाए की वसूली के लिए अलग से टीमें लगा रखी है। हालांकि इनमें से कुछ विभागों ने यथासमय कुल बकाए में से कुछ बकाया अदा किया, लेकिन यह अदायगी ऊंट के मुंह में जीरा की तरह रही। नतीजतन बकाएदारों की सूची में जिम्मेदार सरकारी विभागों के नाम आज भी शामिल नजर आते हैं। हालांकि विभाग की ओर से अवैध कनेक्शनों व बिजली चोरी के खिलाफ चले अभियान में भी लाखों के राजस्व का इजाफा हुआ है, लेकिन फिर भी स्थिति कोई विशेष अंतर नहीं आ पाया।
बिजली का उपभोग करने के बाद भी बिल नहीं जमा होने के चलते डिस्कॉम की उपभोक्ताओं पर बकाया राशि अरबों में पहुंच गई है। इनमें सरकारी विभागों से लेकर घरेलू, व्यवसायिक एवं कृषि आदि क्षेत्रों के उपभोक्ता शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि उपभोग राशि की अदायगी कराने के लिए किए गए तमाम प्रयास के बाद वसूली की स्थिति का प्रतिशत तो सुधरा है, लेकिन सरकारी बकाया का पूरा भुगतान होने की स्थिति में डिस्कॉम बेहद ही अच्छी स्थिति में आ जाएगा।
वर्ष 2021 में सरकारी विभागों पर बकाए की स्थिति
पीएचडीई 34.07 करोड़
जेजेवाई साढ़े 12.36 करोड़
म्यूनिसिपल्टी बोर्ड 13.02 करोड़
सरपंचों के जल कनेक्शन-21.80 करोड़
रेलवे/बीएसएलएल 1.43
पुलिस 49 लाख
प्रशासन 1.13 करोड़
घरेलू 136 करोड़
अघरेलू 29 करोड़ 22 लाख
कृषि 82 करोड़ 77 लाख
औद्योगिक 30 करोड़ 29 लाख
वर्ष 2019 में सरकारी विभागों की बकाया स्थिति
किसका, कितना बकाया
बकाएदार बकाया
पीएचडीई 22 करोड़
जेजेवाई साढ़े 11 करोड़
म्यूनिसिपल्टी बोर्ड 7 करोड़ 62 लाख
सरपंचों के जल कनेक्शन-11 करोड़ 28 लाख
रेलवे 2 करोड़ 10 लाख
पुलिस 41 लाख
प्रशासन 58 लाख
घरेलू 129 करोड़
अघरेलू 29 करोड़ 22 लाख
कृषि 76 करोड़ 58 लाख
औद्योगिक 27 करोड़ 71 लाख

फिर भी नहीं कर रहे जमा
डिस्कॉम के अधिकारियों का कहना है कि संबंधित बकाएदार विभागों के शीर्षस्थ अधिकारियों को इस संबंध में कई बार अवगत कराया गया। प्रशासनिक बैठकों में भी बकाया राशि जमा किए जाने के मुद्दे पर चर्चा हुई। हर बार केवल यह कह दिया जाता है कि जमा करा दिया जाएगा, लेकिन बजट का अभाव बताते हुए राशि जमा नहीं हो पाती है।
बकाया राशि करोड़ों में पहुंची
डिस्कॉम के अनुसार घरेलू उपभोक्ताओं का भी बकाया 136 करोड़ पहुंच गया है, जबकि वर्ष 2019 में यह 129 करोड़ था। इस तरह से औसतन घरेलू बकाया सात करोड़ और बढ़ गया। अघरेलू का भी 29 करोड़ 22 लाख है। इनके लिए भी विभाग की ओर से वसूली के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि वसूली में अब सुधार तो हुआ है, लेकिन बकाया राशि शतप्रशित जमा होने की स्थिति में विभाग की ओर से और बेहतर संसाधनों के साथ उपभोक्ताओं को सुविधा दी जा सकती है।
इनका कहना है...
सर्किल का बकाया बकाया राशि की वसूली के लिए डिस्कॉम ने विशेष नीति बनाई है। सभी बकाएदारों से वसूली होगी। बकाया नहीं जमा करने वालों के खिलाफ विधिक प्रक्रिया के तहत कदम उठाए जा रहे हैं।
अधीक्षण अभियंता, आर. बी. सिंह डिस्कॉम अजमेर-नागौर

नागौर. हथियार का लाइसेंस चाहने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। हर किसी को जान का खतरा है और उसे आत्मरक्षा के लिए पिस्टल या बंदूक चाहिए। या यूं कहें कि हथियार रखना स्टेटस सिम्बल बन रहा है।

आलम यह है कि जिले में लाइसेंस तो चार हजार ही हैं पर अवैध हथियार बेशुमार। गत शुक्रवार को पकड़े पांच बदमाशों से दो अवैध देसी पिस्टल फिर इनके मास्टर माइण्ड से एक अवैध देसी पिस्टल बरामद हुई है। यानी नागौर अवैध हथियारों का कारोबार करने वालों की सैरगाह बनता जा रहा है। यदा-कदा अवैध हथियार पकडक़र खुद की पीठ थपथपाने वाली पुलिस इनके सप्लायर तक नहीं पहुंच पाती। नतीजतन मामले में एफआर लग जाती है।


सूत्रों के अनुसार दो दिन पहले जोधपुर रोड पर होटल के बाहर हवाई फायरिंग का मामला हो या कुचामन के लिचाणा और दधवाड़ा में युवकों के गोली मारकर आत्महत्या की बात। कुछ महीने पहले गोटन थाना इलाके में लेडी डान के गुर्गे पकड़े गए, हथियार बरामद हुए तो डीडवाना, मकराना समेत अन्य कस्बों में भी अवैध हथियार का कारोबार फल-फूल रहा है। लाडनूं में तीन-चार महीने पहले हथियार बनाने का कारखाना तक पकड़ा गया। पिछले पांच साल में पुलिस की पकड़ धीमी रही, जबकि लूटपाट-हत्या में यही अवैध हथियार शातिरों के काम आए। अवैध हथियारों की घुसपैठ को पुलिस रोक नहीं पा रही।

कुछ समय पहले ही कुचामनसिटी की कृषि मंडी के पीछे शनि मंदिर के पास मोटरसाइकिल पर सवार तीन बदमाशों ने सट्टा कारोबारी के घर पर अंधाधुंध फ ायरिंग की और भाग छूटे। तकरीबन एक साल पहले डीडवाना में एक होटल में फायरिंग कर वहां के कर्मचारी को घायल कर दिया। जोधपुर रोड पर करीब तीन महीने पहले होटल मालिक के पुत्र ने कर्मचारी पर गोली चला दी, जिससे उसकी मौत हो गई। वो अवैध पिस्टल भी मात्र दस हजार में खरीदी गई थी।


सूत्र बताते हैं कि बीकानेर में पकड़े एक बदमाश के साथ नागौर के दो हिस्ट्रीशीटर भी अवैध हथियार खरीदने के आरोप में पकड़े गए थे। और तो और बाहरी राज्यों से भी पिस्टल लेने वाले कुछ पुलिस के हत्थे आए। बावजूद इसके मुख्य सप्लायर तक पहुंच पाने में पुलिस विफल ही रही। देसी-विदेसी पिस्टल रखने का शौक बढ़ता जा रहा है। फेसबुक-सोशल साइट पर भी कुछ इसी तरह के हथियार लहराते हुए दिखे और हल्ला होते ही पोस्ट डिलीट करने के मामले सामने आए।
यहां से होती है सप्लाई
सूत्रों का कहना है कि अब तब अवैध हथियारों के साथ गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में हरियाणा, पंजाब, यूपी और मध्यप्रदेश से इनकी सप्लाई होने की बात सामने आई। पुलिस ने टीमें इधर-उधर भेजी भी, पर खाली हाथ ही लौटी। कुछ स्थानीय बदमाश भी अवैध हथियार सप्लाई में सक्रिय हैं। ये कमीशन पर हथियार बेचते हैं। पिछले दिनों होटल मालिक के पुत्र ने अवैध पिस्टल से फायरिंग कर कर्मचारी को मार दिया। यह पिस्टल पंजाब से कोई दस हजार रुपए में बेच गया था।

इनका कहना
हथियार लाइसेंस के नियम कड़े होते हैं। यह भी सामने आया कि इसके नियम की पालना में कुछ लापरवाही बरतते हैं। लाइसेंस देने से पहले जांच की लंबी प्रक्रिया होती है। अवैध हथियार मिलने पर कानूनी कार्रवाई के लिए अनुमति देते हैं। बिना लाइसेंस के खाली कारतूस रखना भी अपराध है।
डॉ जितेंद्र सोनी, कलक्टर नागौर

नागौर. जिले के फ्लोराइड प्रभावित गांवों के ग्रामीणों को मीठा और शुद्ध पानी पिलाने के लिए लाखों रुपए खर्च कर लगाए गए आरओ प्लांट में किए गए भ्रष्टाचार की परतें एक के बाद एक करके खुल रही हैं। जिला मुख्यालय के निकटवर्ती डेह में लगाए गए आरओ प्लांट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। पत्रिका की ग्राउण्ड रिपोर्ट में सामने आया कि डेह कस्बे में मार्च 2018 में नहरी पानी पहुंच गया, इसके बावजूद कमीशन के चक्कर में पीएचईडी के अधिकारियों व ठेकेदार ने मिलीभगत कर आरओ प्लांट लगा दिया और वो भी कस्बे के आबादी क्षेत्र से एक किलोमीटर दूर, जहां आरओ प्लांट लगाने का कोई औचित्य नहीं रह गया है। ठेकेदार ने खुद की सुविधा के लिए नहर परियोजना व मातासुख पेयजल परियोजना के पम्प हाउस परिसर में ही आरओ लगा दिया, जहां ग्रामीण पहुंच ही नहीं पाते हैं, क्योंकि आरओ प्लांट के एक किलोमीटर की परिधि में कोई घर या ढाणी नहीं है। इसके चलते प्लांट के पानी की खपत शून्य है।

अधिकारी अनजान या फिर लापरवाह
जिले में विभिन्न चरणों में लगाए गए 450 से आरओ प्लांट में से सैकड़ों ऐसे हैं, जो लम्बे समय से बंद पड़े हैं और अधिकारी एयर कंडिशनर कमरों में बैठकर धरातल की वस्तुस्थिति जाने बिना ही ठेकेदारों को रखरखाव का भुगतान कर रहे हैं। राजस्थान पत्रिका द्वारा पिछले तीन दिन में प्रकाशित खबरों के बाद एक दर्जन से अधिक लोगों ने गांवों में बंद आरओ प्लांट के फोटो भेजकर लोगों की परेशानी से अवगत कराया है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या वाकई अधिकारी खराब या बंद पड़े आरओ प्लांट की वस्तुस्थिति से अनजान हैं या फिर जानबूझकर लापरवाह बने हुए हैं।

सैकड़ों गांवों में पहुंचा नहरी पानी
जिले में नहरी परियोजना का काम भी तेजी से चल रहा है, जिसके चलते जिले के कई गांवों में पानी पहुंच चुका है, जहां आरओ प्लांट की आवश्यकता नहीं है। खुद जलदाय विभाग के अधिकारी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि जिले में अब तक सैकड़ों आरओ प्लांट की जगह नहरी पानी पहुंच चुका है, जहां अब आरओ का पानी कोई नहीं पी रहा है, इसलिए विभाग को प्लांट के संधारण का खर्चा बंद कर प्लांट दूसरी जगह पर शिफ्ट करना चाहिए।

आरओ प्लांट का कोई औचित्य नहीं
डेह में करीब तीन साल पहले लगाया गया आरओ प्लांट कस्बे से इतना दूर है कि कोई भी ग्रामीण वहां पानी लेने नहीं जाता। अधिकारियों ने साइट का सलेक्शन ही गलत किया, जिसके कारण जनता के लाखों रुपए बर्बाद हो गए। आरओ गांव में लगाते तो लोगों को मीठा पानी मिलता। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए वसूली की जानी चाहिए, ताकि दूसरे अधिकारी ऐसी गलती करने से पहले सोचें।
- जगवीर छाबा, भाजपा नेता, डेह

नागौर. डकैती की साजिश रचते जिन पांच बदमाशों को कोतवाली थाना पुलिस ने गत गुरुवार की देर रात गिरफ्तार किया था, उनमें से दो कुछ दिन पहले अपने साथियों के साथ एटीएम उखाडक़र ले गए थे, उसमें करीब पंद्रह लाख थे। इनके दो साथी सोमवार को बिलाड़ा थाना पुलिस ने गिरफ्तार किए थे तब जाकर यह खुलासा हुआ। सूत्रों के अनुसार 24 जून की रात दो-ढाई बजे भावी गांव एटीएम उखाडऩे की वारदात में भी पांच बदमाश शामिल थे। ओलवी निवासी बीरबलराम उर्फ अक्षय चाहर व राकेश भील को बिलाड़ा थाना पुलिस ने सोमवार की रात गिरफ्तार किया। वारदात में शामिल अन्य तीन में से दो उम्मेदाराम पुत्र गणपतराम जाट, डीडवाना के पास जैसला निवासी धर्मेन्द्रसिंह हैं जो चार-पांच दिन पहले कोतवाली पुलिस ने मेला मैदान में डकैती की साजिश रचते पकड़े थे। एटीएम उखाडऩे में पांचवा आरोपी लादूराम है जिसकी भी तलाश की जा रही है।


गत 24 जून की रात दो-ढाई बजे भावी गांव में ये पांचों यूको बैंक का एटीएम उखाडकऱ एसयूवी में डालकर ले गए थे। एटीएम में 15.22 लाख 500 रुपए थे। सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी पहलूओं से मिले सुराग के आधार पर कई संदिग्धों से पूछताछ की गई। इन पांचों को नामजद किया गया था।


दीपक सोनी समेत छह को भेजा जेल

डकैती की साजिश रचते गुरुवार को कोतवाली थाना पुलिस ने सुभाष (38) पुत्र हरिकिशन निवासी ईन्नाणा हाल अरावली वन विभाग के पीछे नागौर, पवन बेनीवाल (25) पुत्र निम्बाराम निवासी बरणगांव, दिनेश (25) पुत्र निम्बाराम निवासी बरणगांव थाना सदर नागौर, धर्मेन्द्र (२६)पुत्र ईश्वरसिंह निवासी जैसलान थाना जसवतगढ नागौर और.उम्मेदराम (22) पुत्र गणपतराम निवासी तिलवासनी थाना पीपाड़ सिटी जिला जोधपुर को गिरफ्तार किया था। उसके बाद इनको चार दिन के रिमाण्ड पर लिया गया। पूछताछ के बाद इनके मास्टर माइण्ड दीपक सोनी को भी देसी पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया था। पहले पांचों बदमाशों से पुलिस ने दो देसी पिस्टल मय 13 जिंदा कारतूस व दो मोटरसाइकिल जब्त की थी। मामला पुलिस थाना कोतवाली में दर्ज किया गया जबकि अनुसंधान सदर थानाधिकारी को सौंपा गया था। मंगलवार को इन सभी को कोर्ट में पेश किया गया जहां से इन्हें जेल भेज दिया गया।

जेल में सम्पर्क, फिर बनाई गैंग और रची साजिश
गिरफ्तार आरोपी पहले से परिचित हैं। बोरूंदा थाने में दर्ज एक मामले में राकेश भील को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया गया था, जहां उसका सम्पर्क धर्मेन्द्रसिंह से हुआ था। बीरबल ने लादूराम जाट से और राकेश ने उम्मेदाराम को मिलाया था। फिर गैंग बनी। मौज-मस्ती व ऐश का जीवन जीने के कारण सभी पर कर्जा हो गया था। ऐशो आराम व कर्जा चुकाने के लिए एटीएम लूट की साजिश रची थी।

लादूराम की एसयूवी व राकेश की बाइक से बिलाड़ा व आस-पास के एटीएम की रैकी की थी। राकेश का ससुराल और बीरबल का गांव भावी के पास है। इसलिए यूको बैंक के एटीएम की 15 दिन पहले से रैकी शुरू की गई थी। एटीएम में रुपए डालने से लेकर आने-जाने वालों पर नजर रखी थी।

नागौर. पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस व रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम बढऩे पर आसमान छूने लगी महंगाई के विरोध में जिला महिला कांग्रेस ने जिला कलक्टर पर नेहरू उद्यान में धरना देकर केन्द्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष गीता सोलंकी के नेतृत्व में महिलाओं ने धरना स्थल पर लकड़ी के चूल्हे पर चाय बनाई तथा खाली सिलेण्डर को उल्टाकर मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। जिलाध्यक्ष सोलंकी ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों से आज सबसे ज्यादा महिलाएं परेशान हैं, क्योंकि पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस के दाम बढऩे से रसोई का पूरा बजट बिगड़ गया है। उन्होंने कहा कि यदि महिला दु:खी होगी तो पूरा देश दु:खी रहेगा।
धरने को ब्लॉक अध्यक्ष बीदामी देवी, नजमुनिशा, सुनीता चौधरी, शबाना बानो के साथ कांग्रेस महासचिव मोतीलाल चंदेल, ओमप्रकाश इनाणियां, ब्लॉक अध्यक्ष दिलफराज खान, हीरालाल भाटी, महावीर कोठारी ने संबोधित कर केन्द्र सरकार को कोसा। धरने में विमला विश्नोई, सुशीला, शमीम बानो सहित अन्य महिलाएं शामिल हुई।

इसी प्रकार प्रदेश में पेट्रोल-डीजल, बिजली, खाद्य सामग्री के दामों में हुई बढ़ोतरी के खिलाफ आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम कलक्टर को ज्ञापन सौंपा।

महंगाई के विरोध में एएसपी के कार्यकर्ताओं ने सौंपा ज्ञापन
नागौर. आजाद समाज पार्टी (एएसपी) के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को राजस्थान प्रदेश में पेट्रोल-डीजल, बिजली व खाद्य सामग्री की बढ़ती कीमतों तथा महिलाओं के साथ बढ़ रहे अत्याचार की रोकथाम को लेकर विरोध प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा।
एएसपी के जिलाध्यक्ष गरीब मोहम्मद के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि पेट्रोल-डीजल पर देश में सर्वाधिक वेट राजस्थान में है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर वेट में अभूतपूर्व बढ़ोतरी करने के बाद राज्य सरकार और भाजपा द्वारा बढ़ी कीमतों के खिलाफ किए जा रहे विरोध प्रदर्शन महज नोटंकी है। कोरोना काल में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी कर लोगों को परेशानी में डाला जा रहा है, इसके कारण महंगाई बढ़ रही है। कार्यकर्ताओं ने प्रदेश में बढ़ रहे महिला अत्याचारों व दलित अत्याचारों पर भी रोक लगाने की मांग की।

भारतीय किसान यूनियन का महंगाई के विरुद्ध प्रदर्शन आज
नागौर. संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर 8 जुलाई को जिला मुख्यालय पर भारतीय किसान यूनियन टिकैत द्वारा महंगाई के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। यूनियन के जिलाध्यक्ष अर्जुनराम लोमरोड़ ने बताया कि गुरुवार दोपहर सवा 12 बजे डीजल-पेट्रोल व रसोई गैस की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने, किसानों की फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने व तीनों कृषि कानून वापस लेने के तीन सूत्रीय मांग पत्र को लेकर कलक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

नागौर. कोविड से उपजी कठिन हालात का फायदा काश्तकारों को मिला है। दौरान-ए-कोविड किसानों को सहकारी भूमि विकास बैंक की ओर राहत पहुंचाने की नीयत से एकमुश्त समझौता योजना एवं पांच प्रतिशत अनुदान योजना में समय सीमा बढ़ाकर राहत पहुंचाई गई। इसी तरह से इस बार बैंक का लक्ष्य 1400 लाख ऋण का वितरण था, लेकिन वितरण 1110.55 लाख रुपए ही किया जा सका। निर्धारित लक्ष्य से 79.32 प्रतिशत पर आंकड़ा जाकर स्थिर हो गया। बैक के अधिकारियों का कहना है कि योजनागत ऋण वितरण में पात्रों की स्क्रीनिंग कर ऋण वितरण दिया गया, ताकी कोई पात्र इस सुविधा से संचित न रह सके। बैंक की ओर से दोनों योजनाओं में एक हजार से पात्र ऋणियों को लाभ दिया गया। बैंक प्रशासन के अनुसार पहले एकमुश्त समाधान योजना की तिथि 31 मार्च थी, लेकिन बाद में कोविड के चलते इसे 30 जून तक बढ़ा दिया गया। इसी तरह से पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना में भी किसानों को राहत दी गई। वर्ष 2020-21 में एकमुश्त समझौता योजना में कुल 740 प्रकरण थे। इसकी स्क्रीनिंग करने के पश्चात इनमें से 198 पात्र ऋणियों को 89.75 लाख रुपए की राहत दी गई। वर्ष 2020-21 में पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना में भी किसानों को 67.89 लाख की राशि का फायदा मिला। इनमें शामिल 831 पात्र ऋणियों को निर्धारित मापदंडों के तहत 67.89 लाख के राशि की राहत मिली।
इनका कहना है...
कोविड के दौरान उपजी कठिन स्थितियों को देखते हुए एकमुश्त समझौता योजना एवं पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना में एक हजार से पात्र ऋणियों को लाभ पहुंचा गया है।
जयपाल गोदारा, सचिव, जिला नागौर सहकारी भूमि विकास बैंक

नागौर. प्रदेश में बाल्यकाल में दस्त रोग की रोकथाम एवं प्रबंधन (आईडीसीएफ) 2021 कार्यक्रम 7 जुलाई से 6 अगस्त तक चलाया जा रहा है। इसमें बच्चों को डायरिया से बचाव करने के लिए जागरूक किया जाएगा। डायरिया की चपेट में आने वाले बच्चों को किस प्रकार से उपचार देना है और क्या सावधानी बरतनी है, इन सब बातों को लेकर आमजन में जागरुकता लाने का काम होगा।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मेहराम महिया ने बताया कि डायरिया 5 साल से छोटे बच्चों में मृत्यु का एक मुख्य कारण है। राजस्थान में 5 वर्ष से छोटे उम्र के बच्चों में एक वर्ष में करीब 2 बार डायरिया होने की आशंका होती है। डायरिया से होने वाली मृत्यु अथवा जटिलताओं की संभावना प्राय: गर्मियों में एवं मानसून के मौसम में रहती है। मुख्य रूप से शहरी बस्तियों एवं सामाजिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर लोग प्रभावित होते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान, आईडीसीएफ की समस्त गतिविधियों को प्रत्येक स्तर पर अभियान के रूप में किया जाएगा।

अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शीशराम चौधरी ने बताया कि आगामी 6 अगस्त तक सशक्त दस्त नियंत्रण कार्यक्रम की गतिविधियां विशेष सावधानी के साथ आयोजित की जानी है। इस अभियान के तहत तीन लाख से अधिक बच्चों को ओआरएस के पैकेट व जिंक की गोली वितरित की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत दस्त रोग के प्रबंधन में ओआरएस एवं जिंक को बढ़ावा देने के साथ-साथ देखभालकर्ता के व्यवहार एवं सोच में गलत भ्रांतियों को दूर कर, डायरिया से बचाव एवं उपचार के तरीके में परिवर्तन लाना है। संस्था स्तर पर बच्चों में दस्त रोग के ईलाज के लिए मानक चिकित्सकीय प्रोटोकॉल का अनुसरण करना है। समुदाय में घरेलू स्तर (5 साल से छोटे बच्चों) पर ओआरएस एवं जिंक की उपलब्धता एवं उपयोग को बढ़ाना है। चिकित्सा संस्थान पर निर्जलीकरण के इलाज संबंधी सेवाएं सुनिश्चित करना है।

एडीशनल सीएमएचओ चौधरी ने बताया कि इस अभियान के तहत ऐसे स्थानों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जहां शहरी बस्तियां है और ऐसे उपकेंद्र जहां एएनएम उपलब्ध नहीं है। नोमेडिक साइट्स, ईंट भट्टे एवं ऐसे समुदाय जिन्हें बीमार होने का खतरा अधिक है, वहां पर एएनएम एवं आशा के पास ओआरएस एवं जिंक की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। आशा ऐसे सभी घर जिनमें 5 वर्ष से छोटे बच्चे हैं, उनमें प्रति बच्चे को एक ओआरएस का पैकेट वितरित करेगी। साथ ही इसे बनाने का तरीका एवं उपयोग की विधि सिखाएगी।

नागौर. विश्व हिंदू परिषद नागौर की ओर से पाक्षिक सत्संग कार्यक्रम का आयोजन माही दरवाजा स्थित हनुमान गणपति मंदिर की सारस्वत बगीची में हुआ। अध्यक्षता केंद्रीय स्पाइस बोर्ड के सदस्य भोजराज सारस्वत ने की। इसमें कलाकार सुदेश सारस्वत ने गणपति वंदना से कार्यक्रम की शुरूआत की। बाबूलाल लोयल, आकाशवाणी कलाकार मांगीलाल देवड़ा, भजन गायक अनिल सारस्वत, परिषद के सह जिला मंत्री मेघराज राव, ने भजनों की प्रस्तुति दी। परिषद के विभाग मंत्री पुखराज सांखला ने हनुमान चालीसा के पाठ कर कार्यक्रम का समापन किया। परिषद के जिला अध्यक्ष रामेश्वर सारस्वत ने आभार व्यक्त किया । इसमें बजरंग लाल ओझा, मुरली भाटी, छोटू बोराणा, मांगीलाल बिश्नोई, रामप्रसाद सारस्वत, तथा मंदिर के पुजारी आदि मौजूद थे।
पौधरोपण के साथ देखभाल का संकल्प
नागौर. फिड़ौद के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में युवाओं ने अभियान के तहत पौधरोपण किया। अब तक 251 पौधे लगाए जा चुके हैं। पौधरोपण करने के साथ ही इस दौरान युवाओं ने इसकी महत्ता समझाई। इसके साथ ही इनकी देखभाल का भी संकल्प लिया गया। इसमें रिक्षपाल सिरोही, अनिल भाकल, नेमीचंद, सुरेन्द्र सेन, नरेश, आशाराम, दामोदर एवं हनुमान आदि मौजूद थे।
बच्चों प्रवेश के लिए आवेदनों की लगी होड़
नागौर. महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय इंग्लिश मीडियम बख्तासागर में कक्षा 1 से 8 तक की खाली सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रक्रिया शुरू होने के बाद अभिभावकों में अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए होड़ लग गई है। अब तक साढ़े तीन सौ से ज्यादा अभिभावक अपने बच्चों के प्रवेश के लिए आवेदन कर चुके हैं। प्रधानाचार्य मदनलाल शर्मा ने बताया कि आवेदन की अंतिम तिथि 15 जुलाई है। अब तक 350 से अधिक अभिभावकों ने आवेदन किया है। खाली सीटों पर लॉटरी के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा। उच्च माध्यमिक स्तर के इस विद्यालय में डिजिटल क्लासरूम,खेलकूद,पुस्तकालय, प्रयोगशाला सहित सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है। वर्तमान में जूम एप्प के माध्यम से लाइव ऑनलाइन कक्षाएं नियमित रूप से चल रही है।

नागौर. विश्व हिंदू परिषद नागौर की ओर से पाक्षिक सत्संग कार्यक्रम का आयोजन माही दरवाजा स्थित हनुमान गणपति मंदिर की सारस्वत बगीची में हुआ। अध्यक्षता केंद्रीय स्पाइस बोर्ड के सदस्य भोजराज सारस्वत ने की। इसमें कलाकार सुदेश सारस्वत ने गणपति वंदना से कार्यक्रम की शुरूआत की। बाबूलाल लोयल, आकाशवाणी कलाकार मांगीलाल देवड़ा, भजन गायक अनिल सारस्वत, परिषद के सह जिला मंत्री मेघराज राव, ने भजनों की प्रस्तुति दी। परिषद के विभाग मंत्री पुखराज सांखला ने हनुमान चालीसा के पाठ कर कार्यक्रम का समापन किया। परिषद के जिला अध्यक्ष रामेश्वर सारस्वत ने आभार व्यक्त किया । इसमें बजरंग लाल ओझा, मुरली भाटी, छोटू बोराणा, मांगीलाल बिश्नोई, रामप्रसाद सारस्वत, तथा मंदिर के पुजारी आदि मौजूद थे।
पौधरोपण के साथ देखभाल का संकल्प
नागौर. फिड़ौद के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में युवाओं ने अभियान के तहत पौधरोपण किया। अब तक 251 पौधे लगाए जा चुके हैं। पौधरोपण करने के साथ ही इस दौरान युवाओं ने इसकी महत्ता समझाई। इसके साथ ही इनकी देखभाल का भी संकल्प लिया गया। इसमें रिक्षपाल सिरोही, अनिल भाकल, नेमीचंद, सुरेन्द्र सेन, नरेश, आशाराम, दामोदर एवं हनुमान आदि मौजूद थे।
बच्चों प्रवेश के लिए आवेदनों की लगी होड़
नागौर. महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय इंग्लिश मीडियम बख्तासागर में कक्षा 1 से 8 तक की खाली सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रक्रिया शुरू होने के बाद अभिभावकों में अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए होड़ लग गई है। अब तक साढ़े तीन सौ से ज्यादा अभिभावक अपने बच्चों के प्रवेश के लिए आवेदन कर चुके हैं। प्रधानाचार्य मदनलाल शर्मा ने बताया कि आवेदन की अंतिम तिथि 15 जुलाई है। अब तक 350 से अधिक अभिभावकों ने आवेदन किया है। खाली सीटों पर लॉटरी के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा। उच्च माध्यमिक स्तर के इस विद्यालय में डिजिटल क्लासरूम,खेलकूद,पुस्तकालय, प्रयोगशाला सहित सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है। वर्तमान में जूम एप्प के माध्यम से लाइव ऑनलाइन कक्षाएं नियमित रूप से चल रही है।


-मुखबिर प्रोत्साहन योजना के सभी 41 प्रकरण खारिज
-बाहरी राज्यों की अवैध शराब पकडऩे पर मिलता है रिवार्ड, पुलिस ने यहीं की शराब पर मांग लिया प्रोत्साहन

-आबकारी नियमों से अनजान रहकर कर दिया गलत धारा में मामला दर्ज

शराब पकड़वाने वालों को मुखबिर प्रोत्साहन योजना के तहत रिवार्ड दिलाने की अजीब कोशिश पर खाकी की खूब किरकिरी हुई। इसके सभी 41 दावे खारिज कर दिए गए। इनमें 40 दावे तो अपने राजस्थान की शराब पकड़वाने के ही बना दिए, जबकि ये बाहरी राज्य से आने वाली अवैध शराब जब्त कराने पर दिए जाते हैं।

सूत्रों के अनुसार हर साल अवैध शराब पकड़वाने पर मुखबिर प्रोत्साहन योजना के तहत सूचना देने वालों को इनाम दिया जाता है। बाहरी राज्यों से आने वाली अवैध शराब की जानकारी देने पर मुखबिर को माल का दो फीसदी, जबकि वाहन के कीमत की आठ फीसदी राशि बतौर कमीशन/इनाम दी जाती है। इसके लिए कमेटी बनी हुई है। इसमें अतिरिक्त आबकारी आयुक्त (जोन) के अलावा एसपी व जिला आबकारी अधिकारी होते हैं। उसके बाद दावों की स्थित देखकर उनका निस्तारण किया जाता है। बाहरी राज्यों से आने वाली अवैध शराब पकड़वाने वालों को इनाम राशि दी जाती है। गौरतलब है कि आबकारी हो या पुलिस, इस योजना के तहत बाहर से आने वाली शराब को पकडऩे के अलग-अलग मामले/दावे बनाती है। पुलिस के दावे एसपी तो आबकारी के जिला आबकारी अधिकारी के जरिए आगे कमेटी के पास भेजे जाते हैं।

फालतू के 40 दावे

सूत्रों ने बताया कि ये सभी दावे पुलिस की ओर से तत्कालीन एसपी श्वेता धनखड़ को पेश किए गए। मजे की बात तो यह कि कुल 41 में से चालीस मामले तो इसके लिए बनते ही नहीं थे। पुलिस ने प्रोत्साहन योजना के लिए राजस्थान में यहीं की पकड़ी अवैध शराब के दावे पेश कर दिए। पुलिस अवैध शराब कोई भी हो पकड़ सकती है पर मुखबिर प्रोत्साहन योजना के तहत बाहरी राज्यों से आने वाली शराब प$कड़वाने पर यह मिलता है। अज्ञानता के चलते पुलिस के काबिल अफसरों ने ऐसी दरियादिली दिखाई कि उसे मुंह की खानी पड़ी। पुलिस को मुखबिर प्रोत्साहन योजना की पूरी जानकारी ही नहीं है, शायद तभी उसने अपनी शराब को बड़ी कार्रवाई बताकर इनाम का दावा कर डाला।

गलत धारा में दर्ज कर खोया इनाम

सूत्रों का कहना है कि इप 41 दावों में ले-देकर एक पर ही प्रोत्साहन मिलना था पर पुलिस की गलती ने इसे भी खो दिया। हुआ यूं कि हरियाणा निर्मित शराब का एक ट्रक पकड़ा गया। पुलिस ने कार्रवाई कर शाबाशी भी खूब ली। और तो और इनाम का दावा भी ठोक दिया पर यहां भी उसे मुंह की खानी पड़ी। दरअसल पुलिस ने यह मामला गलत धाराओं में दर्ज कर लिया था। दरअसल यह आबकारी अधिनियम की धारा 14/57 के तहत दर्ज होना चाहिए था पर पुलिस ने इसे 19/54 की धारा में दर्ज कर लिया। धारा 19/54 का मतलब यह शराब राजस्थान में वैध पर निर्धारित मात्रा से अधिक जबकि बाहरी राज्य की निर्मित अवैध शराब मिलने पर गलत धारा में मामला दर्ज हुआ तो प्रोत्साहन मिलता कैसे। यही नहीं इसकी वीडियोग्राफी तक पुलिस ने नहीं करवाई।

न नियमों की जानकारी न कार्रवाई की समझ

सूत्र बताते हैं कि आबकारी नियमों की जानकारी पुलिस को नहीं है न ही उसे कार्रवाई की प्रक्रिया की समझ। आमतौर पर बाहरी राज्यों की पकड़े जाने वाली अवैध शराब की पूरी वीडियोग्राफी करनी होती है। इसके बाद अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज किया जाता है। असल बात यह है कि पुलिस ऐसे किसी मामले को पकडऩे पर वीडियोग्राफी ही नहीं करती। पुलिस को यह तक मालूम नहीं है कि व्यक्ति खुद के उपभोग के लिए कितनी शराब रख सकता है। कई मामलों में पुलिस उसे भी अवैध बताकर मामला बना देती है। गत अप्रेल में कोतवाली थाना इलाके में एक जने से 17 बीयर बोतल पकडकऱ पुलिस ने इसे अवैध बताते हुए मामला दर्ज कर लिया था, जबकि स्वयं के उपभोग के लिए कोई भी व्यक्ति करीब 23 बीयर बोतल रख सकता है। अमूमन पुलिस दो-चार बोतल मिलने पर ही लोगों को डराती-धमकाती है।

इनका कहना है

मुखबिर प्रोत्साहन योजना के तहत 41 मामले थे, इनमें एक भी इस पर खरा नहीं उतरा। योजना के तहत बाहरी राज्यों की अवैध शराब पकड़वाने पर मुखबिर को माल का दो तो गाड़ी की कीमत की आठ फीसदी राशि दी जाती है।

-मोहनराम पूनिया, जिला आबकारी अधिकारी नागौर

कैप्शन..नागौर. पकड़ी गई दो गाड़ी अवैध शराब (फाइल फोटो)

राजोद ग्राम में सरपंच ओमप्रकाश डोडवाडिय़ा, पूर्व सरपंच नाथूराम बिश्रोई, पूर्वसरपंच भंवरसिंह राजोद, नेहरूराम बिश्रोई, हरीश बड़वाल सहित ग्रामीणों ने सांसद का स्वागत किया। जनसुनवाई में ग्रामीणों ने राजोद में नहरी पानी की सुचारू जलापूर्ति के लिए उच्च जलाशय निर्माण, राजोद के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की चार दिवारी ऊंचाईकरण, बोर्ड परीक्षा केन्द्र खुलवाने, पुनास फांटा राष्ट्रीय राजमार्ग 89 से राजोद होते हुए मोटूस तक मिसिंग लिंक सडक़ निर्माण की मांग की। सांसद ने विद्यालय की चारदीवारी निर्माण के लिए सांसद कोष से शीघ्र राशि जारी करने की घोषणा की। इसी प्रकार पुनास में ग्रामीमों ने बच्छवारी से पुनास सडक़ डामरीकरण, श्मशानभूमि के रास्ते का निर्माण की मांग की । इस अवसर पर भाजपा बुटाटी मण्डल अध्यक्ष पुखराज सेवदा, मीडिया प्रभारी महेन्द्र सिंह बच्छवारी, पंचायत समिति सदस्य कैलाश कंवर, भगतव सिंह, आनन्द सिंह सहित ग्रामीणों ने सांसद का अभिनन्दन किया। सांसद ने स्थानीय विकास निधी से श्मशान भूमि के रास्ते पर सी सी ब्लॉक लगवाने की घोषणा की। प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना या राज्य स्तरीय योजनाओं से सडक़ों के निर्माण का आश्वासन दिया।
मंगल गीतों से स्वागत

ग्राम पंचायत निम्बड़ी चांदावता में सांसद दिया कुमारी, पूर्व सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक, मेड़ता प्रधान सन्दीप चौधरी सहित जनप्रतिनिधि, डेगाना तहसीलदार व विकास अधिकारी उपस्थित रहे। इस दौरान सरपंच इंद्रा देवी भाम्बु व विद्यालय की बालिकाओं ने सिर पर कलश रखकर स्वागत गीत प्रस्तुत किया। सरपंच ने सांसद का शॉल ओढाकर स्वागत किया। ग्रामीणों ने निम्बड़ी चांदावतां से बुटाटी मार्ग को डामरीकरण सडक़ बनाने की मांग की। सांसद ने हर सम्भव प्रयास कर सडक़ बनवाने का आश्वासन दिया। बालिकाओं ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में भ्रमण पथ बनाने की मांग की। इस मौके पर मुंडवा ब्लॉक सरपंच संघ के मीडिया प्रभारी दिनेश भाम्बू, भंवर सिंह जिला महामंत्री, भेरुन्दा प्रधान जसवंत सिंह, डेगाना कृषि उपज मंडी के पूर्व अध्यक्ष सीताराम भाट, भाजपा बुटाटी मंडल अध्यक्ष पुखराज सेवदा सहित कई जनप्रतिनिधियों ने सडक़ों सहित अन्य समस्याओं के त्वरित समाधान की मांग की। राजोद में जनसुनवाई के बाद सांसद ने विद्यालय परिसर में पौधरोपण किया।


डिस्कॉम के अधिकारियों का कहना है कि करीब पांच माह में सभी जगहों पर स्मार्ट मीटर लगाने का काम पूरा कर दिया जाएगा। मीटर लगने के बाद रिडिंग की आए दिन शिकायतों पर विराम लगने की उम्मीद जताई गई है। मीटर में प्रीपेड एवं पोस्ट पेड के दो ऑप्शन में से कोई भी एक आप्शन उपभोक्ता चुन सकता है। मीटर लगने के बाद फिर रिडिंग इलेक्ट्रानिक सिस्टम पर ऑटोमेटिक होती रहेगी।
डिस्कॉम ने गत जून माह से नागौर, कुचामन, नावां, मकराना एवं परबतसर में उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेज किया है। मीटर लगाने का काम भारत सरकार की उपक्रम कंपनी डब्लूएसएल डिस्कॉम की देखरेख में कर रही है। साथ में एक अन्य कंपनी कार्वी भी इसी में लगी हुई है। नागौर शहर में कुल 21 टीमें स्मार्ट मीटर लगाने का काम कर रही है। घरों एवं कार्यालयों आदि में यह क्षेत्रवार मीटर लगाने के काम जुटे हैं। शहर में उपभोक्ताओं की संख्या करीब 22 हजार 350 है। हालांकि अब तक तीन हजार से ज्यादा मीटर लग चुके हैं, लेकिन उपभोक्ताओं की ज्यादा संख्या को देखते हुए इसमें और तेजी लाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। शहर में कलक्ट्रेट से लेकर गांधी चौक तक घरों में मीटर लगाने के बाद अब अजमेरी गेट, करणी कॉलोनी सहित दो दर्जन से अधिक अन्य क्षेत्रों में भी स्मार्ट लगने का काम चालू हो गया है।

मोबाइल पर ही मिल जाएगा बिजली बिल
स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को प्रतिदिन बिजली खपत की जानकारी उनके खुद के मोबाइल पर मिल जाएगी। यही नहीं, अब मीटर रीडिंग के लिए डिस्कॉम की ओर से कोई नहीं आएगा। इलेक्ट्रानिक डिवाइस पर हुई रीडिंग को आधार बनाकर बिजली का बिल दिया जाएगा। मीटर में बीएसएनएल की सिम लगी रहेगी। मीटर से छेड़छाड़ की कोशिश होने पर भी यह सूचना निकटवर्ती विद्युत केन्द्र सहित जिला स्तरीय कार्यालय में पहुंच जाएगी। उपभोक्ताओं को यह सुविधा रहेगी कि वह घर में जलती लाइट छोडकऱ गए हैं तो मोबाइल के माध्यम से सबस्टेशन से संपर्क कर बिजली की आपूर्ति बंद कराई जा सकती है।

शिकायत डिस्कॉम में ही होगी
मीटर से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत उपभोक्ता डिस्कॉम में कर सकता है। हालांकि संबंधित कंपनी के प्रतिनिधि भी नागौर बैठेंगे, लेकिन उपभोक्ताओं की मीटर संबंधी शिकायतें डिस्कॉम के माध्यम से ही इनके पास जाएगी। मीटर की करीब दस साल तक गारंटी रहेगी। अधिकारियों का कहना है कि एक बार पूरे जिले में स्मार्ट मीटर लगने का काम पूरा होने के बाद फिर कागजों का बिल आना भी बंद हो जाएगा।

इनका कहना है...
नागौर शहर में अब तक तीन हजार से ज्यादा स्मार्ट मीटर लग चुके हंै। इसे लगाने के लिए संबंधित कंपनी की ओर से कुल 21 टीमें लगी हुई हैं। शेष उपभोक्ताओं के यहां भी चार से पांच माह में स्मार्ट मीटर लग जाएंगे।

अर्जुनसिंह राठौड़, सहायक अभियंता, डिस्कॉम, नागौर

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