>>: Digest for July 13, 2021

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राजसमंद. राष्ट्रीय राजमार्ग-578 पर ब्लैक स्पॉट बन चुके जेके सर्कल पर आने वाले समय में हादसों का खतरा घट जाएगा। राजसमंद-भीलवाड़ा फोरलेन पर जेके सर्कल पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने 25 करोड़ रुपए के बजट से अण्डरपास का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है, जो जनवरी-2022 तक पूरा करने का दावा किया जा रहा है।
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर हरीश कुमार ने बताया कि अण्डरपास स्वास्तिक सिनेमा क्षेत्र से रेलवे स्टेशन की ओर जाने वाले मार्ग पर बनेगा, जिसकी लम्बाई करीब 30 मीटर की होगी। इसकी ऊंचाई साढ़े पांच मीटर होगी। मौजूदा सड़क के स्तर से ऊंचा यह अण्डरपास बनेगा। इसके अलावा हाइवे के दोनों ओर समानांतर एक-एक किमी लम्बी सर्विस लेन भी बनेगी, ताकि वाहनचालक सीधे हाइवे पर आने से दुर्घटना की आशंका से खतरा बच सकें।
सम्भव है पहले सर्विस रोड बनाकर हाइवे का यातायात डायवर्ट कर बीच में अण्डरपास का निर्माण शुरू किया जाएगा। सर्विस रोड के लिए अलग से जमीन अवाप्ति की जरूरत नहीं है। फोरलेन निर्माता व देखरेख के लिए जिम्मेदार कम्पनी सद्भाव कंस्ट्रक्शन ही यह काम शर्तों के आधार पर करेगी। इस कम्पनी के पास निर्माण-संचालन व हस्तांरण प्रक्रिया (बीओटी) के तहत राजसमंद-भीलवाड़ा हाइवे का वर्ष 2016 से वर्ष 2046 तक 30 साल के लिए जिम्मा है।

घटेगा दुर्घटना का खतरा
यह अण्डरपास बनने से इस हाइवे का यातायात प्रभावित नहीं होगा। जिन लोगों को शहर से स्टेशन रोड की ओर जाना है, उन्हेें हाइवे क्रॉस किए बिना आगे बढऩे का रास्ता मिल जाएगा। वर्तमान में रोड क्रॉस करते समय आए दिन हादसे होते रहते हैं। कई हादसों में लोग जान गवां चुके हैं और कई घायल हुए हैं।

फैक्ट फाइल
31 जनवरी तक छह माह में काम पूरा करने का है दावा
25 करोड़ रुपए है लागत अण्डरपास के प्रोजेक्ट की
5.5 मीटर ऊंचाई होगी अण्डरपास की, जिसके ऊपर से हाइवे गुजरेगा
30 मीटर होगी लम्बाई

सांसद ने किया भूमि पूजन, मोदी-गडकरी का शुक्रिया
राजसमंद. सांसद दीयाकुमारी ने जेके अंडरपास का भूमि पूजन व शिलान्यास किया। समारोह को सम्बोधित करते हुए सांसद ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आभार जताया और कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए मूलभूत सुविधाओं का होना जरूरी है। सड़क योजनाओं का मूर्तरूप लेना आवश्यक है। सांसद ने कहा कि गोमती-ब्यावर फोरलेन योजना का काम भी इसी माह में शुरू हो जाएगा। उन्होंने प्रताप सर्किट योजना जल्द शुरू करवाने का प्रयास करने की बात कही। ब्रॉडगेज, पर्यावरण, टुरिज्म, वाइल्ड लाइन सेंचुरी पर भी बोलते हुए कहा कि इस सम्बंध में सरकार से लागातार मांग की जा रही है।
ये भी थे मौजूद : कुम्भलगढ़ विधायक सुरेन्द्र सिंह राठौड़, राजसमन्द विधायक दीप्ति माहेश्वरी, जिलाध्यक्ष वीरेंद्र पुरोहित, भाजपा नेता कर्णवीर सिंह राठौड़, जिला प्रमुख रतनी देवी, जिला उपाध्यक्ष गोपालकृष्ण पालीवाल, मीडिया संयोजक मधुप्रकाश लड्ढा, श्यामसुंदर मोरवड़, महेश पालीवाल, अशोक रांका, सुरेश पालीवाल, मान सिंह बारहठ, श्रीकिशन पालीवाल, देशबंधु रांका, गिरिराज काबरा, प्रदीप खत्री, कमलेश कोठारी, नर्बदाशंकर पालीवाल, गणेश पालीवाल, सुभाष पालीवाल व महेश आचार्य सहित कई लोग उपस्थित थे।

कुंभलगढ़. ऐतिहासिक दुर्ग परिसर में चल रही अवैध व्यवसायिक गतिविधियों एवं अवैध निर्माण को लेकर केलवाड़ा पुलिस ने शनिवार को एक व्यक्ति के खिलाफ प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम १९५८ एवं १९५९ तथा संशोधित अधिनियम २०१० के तहत मामला दर्ज किया है। थानाधिकारी शैतानसिंह नाथावत ने बताया कि भारतीय पुरातत्व विभाग उदयपुर की शाखा से प्राप्त रिपोर्ट के बाद दुर्ग परिसर में अवैध रूप से व्यवसाय एवं निर्माण गतिविधियां करने वाले लोगों को बुलाकर भविष्य में दुबारा ऐसा कृत्य नहीं करने के लिए पाबंद किया गया था। लेकिन, फिर भी दुर्ग निवासी अहमद खां पुत्र अब्दुल खां ने नवनिर्माण करा लिया। इस पर भारतीय पुरातत्व विभाग के कार्मिक धर्मेन्द्र पुत्र हरिसिंह कोली ने अहमद खां के विरुद्ध प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम १९५८, १९५९ एवं संशोधित अधिनियम २०१० के तहत मामला दर्ज कराया। इसके बाद केलवाड़ा थानाधिकारी नाथावत रविवार शाम को दुर्ग परिसर मौका मुआयाना करने पहुंचे एवं निर्माण स्थल की फोटोग्राफी कर के आए। थानाधिकारी नाथावत ने बताया कि दुर्ग परिसर में अवैध कारोबार, अतिक्रमण एवं निर्माण करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
ये हैं नियम : प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम १९५८ के मुताबिक कोई भी व्यक्ति जो कि संरक्षित क्षेत्र का स्वामी हो, या संरक्षित क्षेत्र का अधिभोगी हो। फिर भी संरक्षित क्षेत्र के भीतर किसी भवन का संनिर्माण या ऐसे क्षेत्र में कोई खनन खदान क्रिया उत्खनन विस्फोट या किसी प्रकार की कोई क्रिया नहीं कर सकता। ना ही केन्द्र सरकार की अनुज्ञा के बिना ऐसे क्षेत्र या उसके किसी भाग का निर्बन्धन उपयोग कर सकता है। संरक्षित क्षेत्र के भीतर उपधारा (१) के उपबंधो के उंल्लघन में कोई व्यक्ति यदि निर्मित भवन को विनिर्दिष्ट कालावधि के भीतर हटाने या आदेश की अनुपालना में इनकार करता है, या मानने में असफल रहता है तो कलक्टर सीधा उस निर्माण को हटवा सकता है। साथ ही दोषी व्यक्ति ऐसे हटाए जाने वाले खर्चें का खुद उत्तरदायी होता है।

राजसमंद. सांसद आदर्श ग्राम तासोल योजना में चयनित वर्ष 2014-15 के तासोल में अब तक शुरू नहीं हुए कामों को लेकर सांसद दीया कुमारी ने जिम्मेदार अधिकारियों को आड़े हाथों लिया। जिला परिषद में हुई समीक्षा बैठक में सांसद ने पशु चिकित्सालय का जीर्णोद्धार, नाला नहर निर्माण, शिक्षक पोस्टिंग, स्वागत द्वार एवं चौराहा, गांवों को ग्रामीण बस सेवा से जोडऩे जैसे कार्यों पर चर्चा करते हुए सांसद ने कहा कि जो कार्य गाइडलाइन में नहीं हैं, उन कार्यों को दर्शाया ही क्यों जाता है? अगर दर्शाया जाता है तो किसी भी मद में यह काम पूरा होना चाहिए। सांसद ने सीईओ निमिषा गुप्ता से कहा कि बहुत से कार्य जो अप्रारम्भ अवस्था में है, उनको डीएमएफटी मद से भी पूरे किए जाने चाहिए। आदर्श ग्राम तासोल में कार्य की धीमी गति पर नाराजगी जाहिर करते हुए कार्य की गति बढ़ाने के निर्देश दिए। बैठक में आदर्श ग्राम तासोल के अलावा बामणिया कला, जनावाद, शिशोदा के कार्यों पर भी विस्तार से जानकारी लेते हुए सभी विभागीय अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। बैठक में जिला प्रमुख रतनी देवी जाट, कुम्भलगढ़ विधायक सुरेन्द्र सिंह राठौड़, उप प्रमुख सोहनी देवी सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद थे।

खाद्य सुरक्षा: गेहूं नहीं मिलने पर सांसद, विधायक को महिलाओं ने घेरा
रिछेड़. क्षेत्र के थुरावड़ गांव में सांसद दीया कुमारी एवं कुंभलगढ़ विधायक सुरेन्द्रसिंह राठौड़ ने गा्रमीणाों से संपर्क किया। यहां पर पात्र परिवारों को गेहूं नहीं मिलने को लेकर आक्रोशित महिलाओं ने दोनों जनप्रतिनिधियों का घेराव किया। इस पर सांसद ने सभी पात्र परिवारों को गेहूं और घरों तक पानी पहुंचाने को आश्वस्त किया। उन्होंने कहा कि वे इस क्षेत्र के दौर पर फिर आएंगी और उससे पूर्व समस्याओं का समाधान हो जाएगा तथा बाकी समस्याओं को लेकर फिर से बात की जाएगी। विधायक राठौड़ ने कहा कि बेड़च नाका बांध के लिए 25 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं, लेकिन काम चालु नही हो पाया है, जिसके लिए वे संघर्ष कर कार्य हर हालत में शुरू करवाएंगे। इस दौरान सरपंच पनकीदेवी ने थुरावड़ से सुथारों की भागल तक सीसी रोड, ऑवली भागल से भील बस्ती थुरावड़ तक सड़क का डामरीकरण कराने की मांग का ज्ञापन सौंपा। यहां प्रधान कमला देवी दसाणा, उपप्रधान शान्तिलाल भील, ग्राम विकास अधिकारी दिनेश झाझरिया, जिपस सोनीदेवी परमार, ओलादर भाजपा मंडल अध्यक्ष बबरसिंह चदाणा, समाजसेवी केसरसिंह दसाणा, अजयसिंह, नाथुसिंह, विक्रमपुरी, सुमेर पालीवाल, लच्छीराम भील मौजूद थे।

राजसमंद पत्रिका. देश के वरिष्ठ पर्यावरण वैज्ञानिक और राजपूताना सोसायटी ऑफ नेचुरल हिस्ट्री के संस्थापक भरतपुर निवासी डॉ. एस.पी.मेहरा ने कहा कि द्वारिकाधीशजी की नगरी में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को अपने में समेटनी वाली राजसमंद झील जैव विविधता से समृद्ध है और इसके संरक्षण-संवर्धन करने के लिए स्थानीय निवासियों को आगे आना चाहिए।
डॉ. मेहरा रविवार को यहां राजसमंद झील संरक्षण-संवर्धन के लिए नवगठित राज परिंदे नेचर क्लब के सदस्यों के नेचर ट्रेकिंग कार्यक्रम में सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महाराणा राजसिंह द्वारा बनवाई झील प्राचीन काल से ही अपनी विशालता के साथ-साथ नैसर्गिक समृद्धता के लिए जानी-पहचानी जाती है। झील के पूर्वी भाग में अभी भी बड़ी संख्या में देशी बबूल और अन्य ऐसे वृक्ष हैं, जो स्थानीय और प्रवासी परिंदों के प्रजनन के लिए अनुकूल पर्यावास उपलब्ध कराते हैं। ऐसे में इसे ईको ट्यूरिज्म के लिए विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि देशी बबूल का संरक्षण किया जाए, वहीं पक्षियों के लिए अनुकूल प्रजातियों के पौधों का रोपण भी किया जाए।
डॉ. मेहरा के साथ पहुंचे पक्षी विशेषज्ञ प्रीति मुर्डिया, विनय दवे ने सदस्य नरेन्द्र पालीवाल, पंकज शर्मा सूफी, एडवोकेट नीलेश पालीवाल, हिमांशु चंद्रावत, मनोज साहू हाड़ा, कैलाश सांचीहर, अनमोल शर्मा आदि के साथ बर्ड वॉचिंग की और जैव विविधता पर डाटा संकलित किया। उन्होंने झील किनारे और आसपास के क्षेत्र में उपलब्ध वृक्षों, झाडिय़ों, झील में स्थित वनस्पति, पानी की गुणवत्ता, प्रदूषण स्थिति, झील किनारे कृषि कार्य, झील भराव क्षमता, (एफटीएल), केचमेंट एरिया सहित झील से सटे क्षेत्र में सरीसृप, मेंढक, टेरिस्टेरियल बड्र्स आदि के बारे में जानकारी संकलित की। विशेषज्ञों ने यहां बर्ड फेस्टिवल आयोजित करने का सुझाव दिया।

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