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हाइड्रोलिक सर्वे से सच्चाई आएगी बाहर--गंगनहर से जुड़ी कई नहरें ले रही 20-25 प्रतिशत अतिरिक्त सिंचाई पानी

-45 आरडी से खखां हैड तक 585 क्यूसेक का लॉसेज व यहां की नहरें अधिक सिंचाई मिलाकर 1200 क्यूसेक सिंचाई पानी का हो रहा खेल

पत्रिका पड़ताल--कृष्ण चौहान


श्रीगंगानगर.गंगानगर की लाइफलाइन गंगनहर में सिंचाई पानी को लेकर बवाल मचा हुआ है जबकि दूसरी तरफ गंगनहर की दो दर्जन नहरों में से एक दर्जन से अधिक नहरें क्षमता से 20 से 25 प्रतिशत अधिक सिंचाई पानी ले रही है। जल संसाधन विभाग का तर्क है कि यदि नहरों में अतिरिक्त सिंचाई पानी नहीं छोडऩे पर टेल पर पूरा पानी नहीं पहुंचता है। फिरोजपुर फीडर से निकलने वाले 45 आरडी से खखां हैड तक 100 क्यूसेक पानी का लॉसेज है। जबकि सोमवार को 45 आरड़ी से 2213 क्यूसेक बीकानेर कैनाल गंगनहर में पानी दिया जा रहा था। जबकि खखां हैड पर 1628 क्यूसेक सिंचाई पानी पहुंच रहा है। इस बीच 585 क्यूसेक सिंचाई पानी का लॉसेज हो रहा है और इतना ही पानी गंगनहर से जुड़ी विभिन्न नहरें ले रही है। करीब 1200 क्यूसेक सिंचाई पानी का यह खेल गंगनहर के सिंचाई पानी के पूरे सिस्टम को बिगाड़ कर रखा हुआ है। गुरुवार को कलक्टर,एसपी व जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के सक्षम किसानों की हुई वार्ता में किसानों ने नहरों का हाइड्रोलिक सर्वे करवाने का मुद्दा उठाया था। इससे किस नहर में कितना सिंचाई पानी चल रहा है और नहर की क्षमता व टेल पर पानी आदि की पूरी गणना हो जाएगी। विभाग ने एफ नहर का हाईड्रोलिक सर्वे करवाया गया था जबकि इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई। उल्लेखनीय कि गंगनहर से जुड़ी शिवपुर हैड की नीचे की नहरें जब पक्की बनी तो 15 प्रतिशत सिंचाई पानी बचत का दावा किया गया था।

टेल पर नहीं पहुंचता पूरा पानी

जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि नहरों में क्षमता से अधिक सिंचाई पानी नहीं छोडऩे पर टेल पर पूरा पानी नहीं पहुंचता है। विभाग के अनुसार टेल पर दस हिस्सा पानी होना चाहिए। जबकि टेल पर 12 हिस्सा पानी छोडऩा पड़ता है।
नहरें सिंचाई पानी ज्यादा लेने के मुख्य कारण

-गंगनहर से जुड़ी दो दर्जन नहरें है। इनमें करीब 10 से 15 नहरें ऐसी है जब इनका निर्माण कार्य किया गया था,तब नए इंजीनियर होने की वजह से नहरों को निर्माण कार्य डिजाइन के हिसाब से नहीं हो पाया।

-नहरों में कुछ राजनीतिक रूप से प्रभावशाली किसानों ने विभागीय अधिकारियों पर दबाव बनाकर मोघे बड़े लगवा लिए,जब टेल पर पूरा पानी नहीं पहुंचा तो किसानों ने हल्ला किया तो नहरों में अतिरिक्त सिंचाई देकर टेलों को पूरा किया जा रहा है।
-गंगनहर की कई वितरिकाओं पर मोघे पानी ज्यादा ले रहें,किसानों ने स्थानीय व हाईकोर्ट से स्टै ले लिया,अब विभाग उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।

फैक्ट फाइल

-जिले में कुछ सिंचित क्षेत्र--3,07,572 हेक्टेयर
-गंगनहर पर कुल चक- 1222

-गंगनहर की वितरिकाएं व माइनरों की कुल लंबाई- 1165 किमी.
-बीकानेर की कुल लंबाई-115.32 किमी.

-पंजाब में बीकानेर कैनाल की लंबाई-98.60 किमी.
-बीकानेर कैनाल की राज्य की सीमा में लंबाई-16.72 किमी.

-गंगनहर की कुल लंबाई-80 किमी.
-गंगनहर फीडर-73.16 किमी.

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गंगनहर से दो दर्जन नहरें जुड़ी हुई है। इनमें अधिकांश नहरें बीस से पच्चीस प्रतिशत क्षमता से अधिक सिंचाई पानी ले रही है। इन नहरों का हाईड्रोलिक सर्वे करवाने की मांग कलक्टर व अधीक्षण अभियंता से की है। साथ ही नहरों कुछ मोघे ज्यादा पानी ले रहे हैं तथा स्टै ले रखा है। इनका स्टै हटाने की बात भी प्रशासन के समक्ष रखी थी।

संतवीर सिंह,प्रवक्ता,ग्रामीण किसान मजदूर समिति।

गंगनहर से जुड़ी नहरें अतिरिक्त सिंचाई पानी लेेने का मुद्दा उठाया था। दो दर्जन ऐसे मौघे हैं जो ज्यादा सिंचाई पानी ले रहे हैं। इनका रेकॉर्ड निकाला गया है। इन पर किसानों ने स्टै ले रखा है। इसकी रिपोर्ट कलक्टर को देकर स्टै खारिज करवाने की कार्रवाई करवाई जाएगी। टेल पर पूरा सिंचाई पानी करने के लिए नहरों में पानी छोडऩा पड़ता है।

धीरज चावला,अधीक्षण अभियंता,जल संसाधन विभाग,श्रीगंगानगर।

संयुक्त किसान मोर्चा:गंगनहर में सिंचाई पानी को लेकर 13 को प्रस्तावित महापड़ाव किया स्थगित

-जिला कलक्टर से हुई किसानों के वार्ता

श्रीगंगानगर.गंगनगर में खखां हैड पर सोमवार शाम छह बजे 1626 क्यूसेक सिंचाई पानी मिल रहा था। जबकि रविवार को 1539 क्यूसेक पानी मिल रहा था। 89 क्यूसेक सिंचाई पानी में इजाफा हुआ है। कलक्अर ने किसानों से कहा कि पंजाब से 50 से 100 क्यूसेक और पानी बढऩे की उम्मीद है। पानी चोरी पर अकुंश लगाने के लिए खखां हैड से शिवपुर हैड तक नियमित रूप से गश्त की जा रही है। इस कारण कोई किसान फिलहाल पानी चोरी नहीं कर रहा है।

जिला कलक्टर जाकिर हुैसन,उपखंड अधिकारी उम्मेद सिंह रतनू व जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता धीरज चावला की सोमवार को कलक्ट्रेट सभाकक्ष में संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेता पृथीपाल सिंह संधू,रणजीत सिंह राजू,बार संघ अध्यक्ष विजय रेवाड़,गुरबलपाल सिंह संधू,बलजिंद्र सिंह,गुरजंट सिंह सहित किसानों से सिंचाई पानी,पानी चोरी पर गश्त,पंजाब में पानी चोरी आदि पर वहां कलक्टर व एसपी से मूलाकात सहित विस्तृत चर्चा की गई। इसके बाद किसानों ने प्रशासन के साथ हुई वार्ता से संतुष्ट होने पर 13 जुलाई को गंगासिंह चौक पर प्रस्तावित महापड़ाव को एक बार स्थगित करने का निर्णय किया गया है। किसान नेता संधू ने कहा कि मंगलवार को महापड़ाव स्थगित किया गया है यदि सिंचाई पानी पूरा नहीं मिला तो फिर किसान आंदोलन करने को मजबूर होगा। किसानों की नहर सिंचाई पानी टिकी रहेंगी।

वहीं,श्रीगंगानगर सांसद निहालचंद ने डैमों में सिंचाई पानी कम होने पर चिंता जताई है तथा किसानों को पूरा सिंचाई पानी देने की मांग की है।

श्रीगंगानगर. हिन्दुमलकोट थाना इलाके में शिवपुर हैड के समीप गंगनहर में मंगलवार दोपहर करीब डेढ़ बजे बाद गश्त पर जा रही जल संसाधन विभाग की जीप 403 आरडी के समीप नहर में फिसल गई। हादसे के बाद चालक को तो ग्रामीणों ने निकाल लिया लेकिन जीप में सवार पुलिसकर्मी नहर में बह गया। जिसकी गोताखोर शाम तक तलाश में जुटे है। बाद में मौके पर पुलिस व जल संसाधन विभाग के अधिकारी भी पहुंच गए।


जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता धीरज चावला ने बताया कि गश्ती दल की दो जीप थी। जल संसाधन विभाग की एक जीप में कांस्टेबल पवन कुमार मीणा व विभाग का चालक राकेश कुमार था। जबकि दूसरी जीप में कनिष्ठ अभियंता विजय कांटीवाल व अन्य कर्मचारी थे। गश्ती दल खखां हैड से शिवपुर हैड पर जा रहे थे।

इस बीच आगे वाली जीप 403 आरड़ी पर नहर में फिसल गई। चालक राकेश कुमार तैरना जानता था, इसलिए हाथ पैर मारकर ऊपर आ गया। वहीं आसपास ढाणी के कुछ युवक भी वहां आ गए और चालक राकेश को बाहर निकाल लिया। चालक ने फोन से कनिष्ठ अभियंता विजय कांटीवाल को इसकी सूचना दी गई।

वहीं कांस्टेबल नहर में नहीं निकल पाया और उसका पता नहीं चला। घटना की सूचना पुलिस अधिकारियों को दी गई। मामले की सूचना मिलने पर पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सहीराम बिश्नोई, एसडीएम उम्मेद सिंह रत्नू, तहसीलदार संजय अग्रवाल, सीओ ग्रामीण भंवरलाल सहित पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंच गया।

ग्रामीणों व गोताखोरों की मदद से जीप को नहर से बाहर निकलवाया गया लेकिन कांस्टेबल का पता नहीं चल पाया। काफी देर तक नहर में तलाश के बाद भी कांस्टेबल का पता नहीं लगने पर उसके परिजनों को सूचित किया गया। देर शाम तक पुलिस, गोताखोर, ग्रामीण व अन्य विभागों के अधिकारी नहर में कांस्टेबल की तलाश करते रहे।


जैसलमेर से अभी तबादला होकर आया था कांस्टेबल
- पुलिस लाइन आरआई चंद्रकला ने बताया कि नहर में डूबने वाला कांस्टेबल पवन मीणा (30) 8 जुलाई को ट्रांसफर होकर यहां पुलिस लाइन में ड्यूटी ज्वाइन की थी। कांस्टेबल 2013 बैच में भर्ती हुआ था। कांस्टेबल गांव 13 केएलडी खाजूवाला बीकानेर का रहने वाला है। जहां उसके परिजनों को सूचित कर दिया गया है।


खाना लेने गए थे
- कनिष्ठ अभियंता कांटीवाल ने बताया कि मंगलवार सुबह 6 से दोपहर 2 बजे की पारी में टीम गश्त कर रही थी। जो जीप नहर में गिरी, उस जीप में ही कनिष्ठ अभियंता विजय कांटीवाल व प्यारे लाल, पटवारी विजय कुमार, बेलदार जसवीर सिंह व अन्य स्टाफ सवार था।

कनिष्ठ अभियंता कांटीवाल ने बताया कि कांस्टेबल पवन कुमार व जीप चालक राकेश कुमार को लेकर 383 आरड़ी पुल पर टीम को छोडकऱ खाना लेने के लिए हिंदुमलकोट पुलिस थाना गए। वहां पर गश्ती दल की जीप का इंतजार कर रही थी। इस दौरान खखा हैड़ से विभाग की दूसरी गाड़ी आने पर कनिष्ठ अभियंता व अन्य उस जीप में सवार होकर आगे-आगे चल रहे थे। जबकि यह जीप काफी पिछे चल रही थी।


कांस्टेबल के दो साल का बेटा
- पुलिसकर्मियों ने बताया कि नहर में बहे कांस्टेबल पवन मीणा के चार भाई है। पवन सबसे बड़ा है। उससे छोटा भाई पटवारी है। दो छोटे भाई अभी पढ़ाई कर रहे हैं। माता-पिता खेती करते हैं। कांस्टेबल शादीशुदा है और उसके एक दो साल का बेटा है। पुलिस ने इस मामले की खबर वहां की पुलिस व पूर्व सरपंच के जरिए परिजनों तक पहुंचाई तो उनमें कोहराम मच गया।

पानी चोरी रोकने लगाई थी गश्त
- किसानों ने 30 जून को जिला कलक्टर से वार्ता के दौरान खंखा हैड से शिवपुर हैड तक नहर से पानी चोरी करने की व्यवस्था की मांग की थी। इस पर उसी दिन आदेश जारी हो गए। इस टीम में पुलिसकर्मी, प्रशासनिक कर्मी व जल संसाधन विभाग को शामिल किया गया था। दूसरे दिन से ही टीमों ने वहां गश्त शुरू कर दी थी। कांस्टेबल की ड्यूटी गश्त में एक-दो दिन पहले ही लगी थी।

श्रीगंगानगर. पिछले कई दिन बाद मंगलवार को जिले में 24 वैक्सीनेशन सेंटर पर लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई गई। डोज लगवाने के लिए लोगों में काफी उत्साह है और भीषण गर्मी में पसीना-पसीना होते रहे लेकिन डोज लगवा के ही गए। बुधवार को जिले में 97 सेंटरों पर वैक्सीन की डोज लगाई जाएगी। इनमें से कुछ पर दूसरी डोज लगेगी।


आरसीएचओ एवं वैक्सीन प्रभारी डॉ. एचएस बराड ने बताया कि बुधवार को 18 प्लस आयु के लोगों को 97 सेंटर पर वैक्सीन की डोज लगाई जाएगी। इसके लिए सुबह आठ बजे स्लॉट खुलेगा और 9.30 बजे से शाम 5 बजे तक सेंटरों पर वैक्सीनेशन किया जाएगा।


उन्होंने बताया कि बुधवार के लिए करीब 18 हजार वैक्सीन की डोज है। जिसको लोगों को लगाया जाएगा। मंगलवार को जिले में 24 सेंटरों पर सात हजार लोगों को डोज लगाई गई है। सभी डोज स्लॉट बुक कराने वालों को ही लगाई गई।

7200 लोगों ने डोज लगवाने के लिए स्लॉट बुक किया था और सात हजार डोज लगवाने के लिए सेंटरों पर पहुंचे थे। लोगों में वैक्सीन की डोज को लेकर काफी उत्साह है। लोग भीषण गर्मी में वैक्सीन की डोज लगवाने के लिए कई घंटे तक कतार में खड़े रहते हैं। मंगलवार को भी वैक्सीनेशन सेंटरों पर काफी भीड़ दिखाई दी।

श्रीगंगानगर. सदर थाना पुलिस ने मंगलवार शाम को आरएसबीसीएल शराब गोदाम चक तीन एमएल हनुमानगढ़ सूरतगढ़ बाईपास पर एक कमरे से एक्सपायर हुई शराब की 11 पेटियां बरामद कर एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। इसको लेकर आबकारी विभाग व गोदाम के कर्मचारियों में हडक़ंप मच गया। गिरफ्तार आरोपियों ने गोदाम मैनेजर व सुपरवाइजर के कहने पर शराब कमरे में रखना बताया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।


पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि जिले में अवैध मादक पदार्थ, अवैध शराब व मेडीकेटेड नशा व अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत मंगलवार शाम को सदर थाने के एसआई महेन्द्र सिंह को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कमरे में अवैध शराब रखी हुई है।

इस पर पुलिस जाब्ते ने शराब के आरएसबीसीएल गोदाम चक तीन एमएल हनुमानगढ़ सूरतगढ़ बाईपास के पास बने कमरे में छापा मारा। जहां से पुलिस ने वार्ड नंबर दो बसंती माता मंदिर के पास वाटर वक्र्स के पीछे डबवाली सिरसा हरियाणा निवासी सूरज पुत्र देशराज के कब्जे से पुरानी व एक्सपायर अवैध शराब के पांच पेटी, जिसमें साठ बोतल, चार पेटी, जिसमें 82 अद्दे व दो पेटी, जिसमें 35 अद्दे बरामद किए हैं। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।


पूछताछ के दौरान आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह गोदाम में मजदूरी करता है। यह शराब गोदाम के मैनेजर दिलीप बिश्नोई व सुपरवाइजर मोहन गुनेजा की ओर से रखवाई गई है। दोनों की ओर से कहा गया है कि यह शराब एक्सपायर हो चुकी है, जिसे रेकॉर्ड में नष्ट किया जा चुका है। इसको अब गोदाम में नहीं रख सकते हैं।

इसलिए शराब को वहीं पड़ी रहने दो और मौका मिलने पर हम इस शराब को आगे किसी को बेच देंगे। दोनों ने यह भी कहा कि उसको कोई दिक्कत नहीं आएगी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच रीको चौकी प्रभारी बलवंत कुमार को सौंपी है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। टीम में एसआई के साथ कांस्टेबल श्रवण सिंह, कांस्टेबल दीपक, राजप्रीत सिंह, लक्ष्मण सिंह मौजूद थे। पुलिस अधिकारी इस मामले में अन्य की संलिप्ता की भी गहनता से जांच कर रहे हैं।


थाने के बाहर चक्कर लगाने लगे आबकारी अधिकारी
- गोदाम के पास से शराब बरामदगी के बाद जैसे ही आबकारी विभाग व गोदाम वालों को पता चला तो वहां हडक़ंप मच गया और आबकारी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी सदर थाने के बाहर चक्कर लगाने लगे। इस मामले को हल्का कराने के प्रयास भी किए गए लेकिन पुलिसकर्मी नहीं माने।


डेपूटेशन पर आया है गोदाम मैनेजर
- पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी गोदाम मैनेजर एईएन है और यहां डेपूटेशन पर आया हुआ है। यह आरएसबीसीएल वित्त मंत्रालय के अधीन होता है। वैसे ही देशी शराब का जीएसएम व आबकारी विभाग भी मंत्रालय के अधीन होते हैं। गोदामों में ऊपर से ही अन्य विभागों से डेपूटेशन पर अधिकारी लगाए जाते हैं।


जहरीली भी हो सकती है शराब
- पुलिस अधिकाकारियों ने बताया कि एक्सपायर शराब के जहरीली होने की भी संभावना हो सकती है। जिससे पीने वालों का कोई नुकसान हो सकता है। यह चीपर शराब है, जिसके खराब होने की आशंका रहती है। जबकि उधर, आबकारी सूत्रों का कहना है कि नया साल आने, लेबल व रेट चेंज नहीं होने तथा कंपनी बंद होने की स्थिति में शराब को एक्सपायर मान लेते हैं।

ऐसे में उसको नष्ट करने के लिए कमेटी बनी हुई है। जिसमें मैनेजर, सुपरवाईजर व अन्य शामिल होते हैं। गोदाम में हजारों बोतल शराब को नष्ट किया जाता है। यह शराब संभवतया 2018 में नष्ट की गई शराब में से हो सकती है।

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