>>: Digest for July 15, 2021

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Table of Contents

ओवरलोड वाहनों से क्षतिग्रस्त हुई सड़क
सरकार को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान
नमाना. नमाना से बूंदी मार्ग दिन रात इतने ओवरलोड वाहन निकलते हैं। जिनके चलते पूरा मार्ग क्षतिग्रस्त हो चुका है। नमाना पेट्रोल पंप से लेकर बस स्टैंड तक तो मार्ग की हालत इतनी खराब है कि पैदल चलना भी दुश्वार है। फिर भी पुलिस व परिवहन विभाग ने इन वाहनों पर आज दिन तक कोई कार्रवाई नहीं की। जिसका खामियाजा अब लोगों को भुगतना पड़ रहा है। क्षेत्र के आधा दर्जन गांव में खनन कार्य होने के चलते यहां से खनन परिवहन होता है। हर रोज 1 दर्जन से अधिक ट्रक व ट्रेलर पत्थर लेकर कोटा या बूंदी निकलते हैं। इन ट्रकों पर इतना अधिक पत्थर होता है कि पूरी सड़क क्षतिग्रस्त हो गई हैं। सरकार को भी लाखों रुपए का राजस्व का नुकसान हो रहा है।

बिजली तार टूटने से उपकरण जले, गांव की बिजली गुल
कापरेन . क्षेत्र के अनन्तपुरा गांव में मंगलवार शाम को आई बरसात के दौरान तेज अंधड़ से 11 केवी एलटी लाइन का तार टूट गया। जिससे करीब 25 घरों में बिजली का वॉल्टेज बढऩे से उपकरण जल गए। ग्रामीण जुगदी गुप्ता, रामेश्वर, योगेंद्र, दामोदर, द्वारकालाल ने बताया कि घरों में फ्रिज, कूलर, टीवी व पंखें जल गए। ग्रामीणों ने इसकी सूचना बिजली निगम के अभियंताओं को दी।

नैनवां में 72 घंटों में मिल रहा पानी
जलदाय विभाग का फिर बिगड़ा जलापूर्ति प्रबंधन
नैनवां. जलदाय विभाग का जलापूर्ति प्रबंधन बिगड़ा होने से एक बार फिर कस्बे की जलापूर्ति व्यवस्था गड़बड़ा गई। जलस्रोतों से पर्याप्त पानी मिलने के बाद भी कस्बे में 72 घंटों में आधे घंटे पानी मिल रहा है। जलदाय विभाग पाइबालापुरा पेयजल योजना के नलकूपों में पानी की कमी होना बताकर 72 घंटों में जलापूर्ति कर रहा है। जबकि पेयजल योजना पर आठ नलकूप पानी दे रहे हंै।
नलकूपों में पाइप बढ़ाया जाकर जल उत्पादन क्षमता बढ़ाने के स्थान पर जलदाय विभाग ने दो दिन में होने वाली जलापूर्ति को सप्ताह में तीन दिन ही जलापूर्ति करना शुरू कर दिया। जलदाय विभाग के अनुसार पाइबालापुरा पेयजल योजना के नलकूपों से साढ़े 6 लाख लीटर, टैंकरों से भी साढ़े 6 लाख, टोडापोल के नलकूपों से दो लाख, आवासन मंडल व बंजारा बस्ती के दो नलकूपों से प्रतिदिन एक लाख लीटर पानी मिलना बताया।
जलदाय विभाग विभिन्न जलस्रोतों से प्रतिदिन 15 लाख लीटर पानी उत्पादन होना बता रहा है। उसके बाद भी सप्ताह में तीन दिन ही आधे घंटे जलापूर्ति की जा रही है। जलदाय विभाग के कनिष्ठ अभियंता डीपी चौधरी ने बताया पाइबालापुरा पेयजल योजना पर 15 नलकूपों से आठ नलकूपों से ही पानी मिल पा रहा है। अन्य नलकूपों में पानी की कमी हो गई। दो नलकूपों में पाइपों की कमी की जानकारी मिली है। पाइप बढ़ाकर दोनों नलकूपों की जल आवक क्षमता बढ़ाई जाएगी।

ऊंटगाड़ी पर निकले सेवादल कार्यकर्ता, बढ़ती महंगाई पर जताया आक्रोश
बूंदी. बढ़ती महंगाई के खिलाफ मंगलवार को यहां जिला मुख्यालय पर कांग्रेस सेवादल ने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस के दामों में वृद्धि के विरोध में सेवादल कार्यकर्ता ऊंटगाड़ी के साथ बाजारों में प्रदर्शन करते हुए निकले। पेट्रोल सौ रुपये लीटर पार होने पर बाइक को ऊंटगाड़ी में रखकर लाए। रसोई गैस सिलेण्डर महंगा होने पर भोजन चूल्हे पर पकाते हुए निकले।
इस अनूठे विरोध प्रदर्शन के साथ जिला कलक्ट्रेट के बाहर पहुंचे, जहां प्रधानमंत्री के खिलाफ रोष प्रकट किया। कांग्रेस प्रदेश सचिव भरत शर्मा व सेवादल जिलाध्यक्ष मेहमूद अली ने कहा कि पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस के दामों में लगातार वृद्धि हो रही, जिससे आमजन की कमर टूट गई। केंद्र सरकार को इनपर लगाम लगाकर इनके दाम कम करने चाहिए। प्रदर्शन में सभापति मधु नुवाल, उप सभापति लटूर भाई, सेवादल प्रभारी अमित सूद, महिला प्रभारी चंदा शर्मा, पार्षद हेमंत वर्मा, महिला जिलाध्यक्ष कैलाश गौड़, जिला संगठक बृजमोहन महावर, राजेंद्र पुरोहित, देवेश कलोसिया आदि मौजूद रहे।

अस्पताल की भूमि पर चला पीला पंजा
आशियाना टूटने के बाद बिलख पड़े कई लोग
जजावर. कस्बे के नव क्रमोन्नत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए आवंटित भूमि में हो रहे अतिक्रमण को नैनवां उपखंड अधिकारी व तहसीलदार की मौजूदगी में हटाया गया।
जानकारी के अनुसार जो आवंटित भूमि खसरा संख्या 2027 रकबा 4-11 बीघा जिसका सीमाज्ञान 23 जून को किया जा चुका था। मंगलवार को आवंटित भूमि को फिर से चिह्नित कर अतिक्रमण हटाया गया। यहां मौजूद पुलिसकर्मी व अधिकारियों ने समझाइश कर एक महिला को शांत कराया। तहसीलदार ने बताया कि इस दौरान अतिक्रमी की ओर से 6 जुलाई को रात्रि में आवंटित भूमि पर ईंटों से चिनाई कर टीनशेड डालकर तैयार किया गया अस्थाई अतिक्रमण व चबूतरे को जेसीबी मशीन की सहायता से हटा दिया। हालांकि यहां आशियाना टूटने के बाद कई लोग रोते बिलखते हुए नजर आए। इस दौरान नैनवां उपखंड अधिकारी श्योराम, तहसीलदार अमितेश मीणा, कानूनगो दिनेश शृंगी, जजावर पटवारी बलवीर सिंह चौधरी, सीसोला पटवारी मायाराम मीणा, जजावर अस्पताल चिकित्सा प्रभारी डॉ.इरफान, एएसआई देवलाल के साथ नैनवां पुलिस मौजूद थी।

शिक्षकों ने एकत्र की राशि, भवन की करा रहे मरम्मत
सुवासा. लाडपुर गांव की गणेशपुरा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों ने एक अनूठा उदाहरण पेश कर 21 हजार रुपये का अनुदान विद्यालय भवन की मरम्मत के लिए दिया।
प्रधानाध्यापक लोकेश मीणा ने बताया कि विद्यालय में दो कमरे बहुत समय से जर्जर हो रहे थे, बरसात में छत से पानी टपकने की परेशानी थी। भामाशाह का सहयोग भी नहीं मिल पा रहा था। तब सभी स्टाफ ने मिलकर बराबर पैसों का संकलन करके 21 हजार रुपये जमा किए। इससे कक्षा-कक्षों की मरम्मत कराने का काम शुरू किया।
अध्यापक रामस्वरूप मीणा, नंदकिशोर मीणा, रमेशचंद मेघवाल, मुकेश गोस्वामी, राजेंद्र मेवाड़ा, जावेद अंसारी, बद्री मीणा, राजकुमारी शर्मा ने सहयोग किया।

 


शुरू नहीं हो सका पशु चिकित्सालय भवन निर्माण कार्य, लोगों में रोष
सुवासा. लाड़पुर पंचायत मुख्यालय पर पशु चिकित्सालय भवन निर्माण के लिए 12 लाख रुपए स्वीकृत होने के बावजूद भी कुछ लोगों के विरोध चलते 2 साल बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं होने से ग्रामीणों में रोष है। जबकि पंचायत के द्वारा पशु चिकित्सालय का 3 साल पहले ही पट्टा जारी किया जा चुका है। जानकारी के अनुसार तालेड़ा उपखंड मजिस्ट्रेट के द्वारा गठित टीम सोमवार को लाडपुर पहुंची। जिसमें तालेड़ा तहसीलदार विकास अधिकारी केशवरायपाटन पुलिस थाने का जाप्ता व अस्पताल के अधिकारी भी मौजूद रहे। फिर भी पशु चिकित्सालय की नींव खुदाई का कार्य शुरू नहीं हो पाया और प्रशासन बिना कार्रवाई के वापस लौट गया। जिससे ग्रामीणों में रोष है। ग्रामीण महावीर, राजेंद्र, विजय राम मीणा ने बताया कि ग्रामीणों की बार-बार शिकायत के बाद भी अधिकारी बिना कार्रवाई कर वापस चले जाते हैं। कुछ लोगों के कारण कार्य अटका हुआ है। लाडपुर सरपंच राम शंकर बैरवा ने बताया कि गांव के कुछ लोगों के द्वारा जानबूझकर के व्यवधान उत्पन्न किया जा रहा है।
कई बार प्रशासन को लिखने के बाद भी अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है। लाडपुर पशुधन सहायक आसाराम ने बताया कि मई 2017 में पंचायत के द्वारा अस्पताल के लिए पट्टा जारी किया हुआ है, लेकिन मौके पर जगह कम है व पास में आंगनबाड़ी बनी हुई है। जिसकी खिडक़ी भी पशु चिकित्सालय की जगह की ओर आ रही है। ऊपर एलटी लाइन गुजर रही है। उच्च अधिकारियों को मामले को अवगत करा दिया है। समस्या का निस्तारण होने पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा ।

अंकुरित पौध सूखने लगी, लाखों रुपए खर्च कर बोया था बीज
किसानों को क्षेत्र में अच्छी बारिश का इंतजार
गोठड़ा. आधा आषाढ़ गुजरने के बाद क्षेत्र में इंद्रदेव की मेहरबानी नहीं हो रही, इसके कारण सब्जियों की पौध क्यारियों में ही सूखने लग गई।
क्षेत्र के धोवड़ा, मेंडी, पायरा, लुहारिया, सरसोद, गोठड़ा, रोणिजा, कुम्हरला बालाजी, छाबडिय़ों का नयागांव, रामनिवास, अमरपुरा सहित दर्जनों गांवों में किसान जायद फसल के रूप में सब्जियों के बीज क्यारियों में तैयार कर उन्हें खेतों में लगाने के लिए बारिश का इंतजार कर रहे है, लेकिन मानसून की बेरुखी के चलते सैकड़ों किसान परेशान हो रहे है।
किसानों ने बताया कि समय रहते बारिश नहीं आई तो सब्जियों के अंकुरित पौधे क्यारियों में ही सूख जाएंगे। जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
जल स्तर गिरा, सूखने लगे नलकूप
क्षेत्र के गांवों में लगातार जलस्तर भी गहराता जा रहा है। कई स्थानों पर तो मवेशियों को पानी पीलाने व पीने के पानी का इंतजाम हो पा रहा है। जलस्तर 200 से ढाई सौ फीट नीचे चला गया है। जायद, खरीफ की फसलें बारिश पर ही निर्भर रहती है। जिसके कारण किसान कुओं एवं ट्यूबेल से सब्जियों की फसल की सिंचाई करते है, तो 2 से 3 दिन में ही खेत तेज धूप एवं गर्मी के कारण सूख जाता है और उन्हें वापस सिंचाई करने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में किसान अब करें तो क्या करें।
सब्जियों का महंगा बीज बोया
किसानों ने इस बार अच्छी बारिश की उम्मीद को लेकर अपने खेतों में बाजार से महंगे महंगे दामों पर हाइब्रिड सब्जियों के बीज खरीदकर लाए और उन्हें उपचारित कर क्यारियों में बोया। बारिश की बेरुखी के चलते अब किसानों को कुओं एवं नलकूप का सहारा लेकर बीज को नष्ट होने से बचाने का जतन कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि गोभी का बीज एक बीघा के लिए 2 से 4 हजार का पड़ता है। टमाटर का बीज 15 सौ से 2 हजार के बीच, मिर्च का बीज दो हजार से 25 सौ रुपए प्रति बीघा का आता है।
25 फीसदी से अधिक पौधे हुए खराब
मानसून की बेरुखी के चलते एवं समय पर बारिश नहीं आई। जिसके कारण जिन किसानों ने क्यारियों में टमाटर, पत्ता गोभी, फूलगोभी, बैंगन एवं मिर्च आदि के बीज की बुवाई की थी। उनमें से करीब 25 फीसदी बीज बारिश की देरी के चलते नष्ट होने के कगार पर पहुंच गए। यहां बड़ी संख्या में किसानों ने मक्का की फसल भी की जो भी सूखने लग गई।

किसानों के अरमानों पर फिर रहा पानी
बडाखेडा. आषाढ़ माह बीतने को आया, लेकिन मानसून की मेहरबानी नहीं हो रही। ऐसे में काश्तकारों की चिंता बढ़ गई। झुलसा देने वाली धूप व बारिश के अभाव में किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया। अभी क्षेत्र में बुवाई पूरी नहीं हो सकी।
पापड़ी, जाड़ला, लबान, माखीदा, सखावदा, बसवाडा, पाली, बहडावली गांव में पड़त खेतों को देखकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई देने लगी। किसान सुरेन्द्र शर्मा, बुद्धिप्रकाश मीणा, साहब लाल गुर्जर, पवन मीणा ने बताया की करीब 100 बीघा जमीन पर फसल बुवाई के लिए बारिश का इंतजार पूरा नहीं हो रहा। क्षेत्र में दो वर्षों से मानसून समय पर नहीं पहुंच रहा। बीते वर्ष टिड्डी दल के हमले व बारिश के अभाव में सोयाबीन, उड़द, मक्का की फसलों ने अपना दम खेत में ही तोड़ दिया था। इसका नुकसान आज तक पूरा नहीं हुआ। इस बार फिर मानसून की बेरुखी को लेकर किसानों को चिंता सता रही। कोरोना महामारी के चलते फसलों के साथ खाद, कीटनाशक भी महंगा हो गया। किसानों के लिए डीजल की खरीद कर सिंचाई करना बूते से बाहर हो गया।

 

बारिश नहीं होने से किसान चिंतित
हिण्डोली. क्षेत्र के गांव में 13 जुलाई तक बारिश का संयोग नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ गई। यहां पर जनवरी से अब तक मात्र 51 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई, जबकि गत वर्ष 13 जुलाई तक 178 मिलीमीटर बारिश हो चुकी थी।
जानकारी के अनुसार मंगलवार को भी चिलचिलाती धूप निकलने से ग्रामीण, किसान चिंतित नजर आए, यहां पर बारिश नहीं होने से किसान मायूस होने लग गए। इस बार एक भी तेज बारिश नहीं हुई। ऐसे में क्षेत्र के सभी नदी नाले, बांध तालाब में पानी की आवक नहीं हुई।

ऐसे तो कैसे सहेज पाएंगे जलस्रोत, अतिक्रमियों पर नहीं होती कार्रवाई
मॉडल तालाब में हो विकसित
अतिक्रमी तालाब में मिट्टी डालकर कर रहे अतिक्रमण
नोताड़ा. कस्बे के देईखेड़ा जाने वाली सडक़ व गांव के समीप में स्थित भैरू सागर तालब पर अतिक्रमण करने वालों की होड़ मची हुई है, लेकिन अतिक्रमियों पर कोई कार्रवाई नहीं होने से इनके हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। साथ ही पारम्परिक जलस्रोत का आकार सिकुड़ता जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर ग्राम पंचायत द्वारा हर बार तालाब के किनारे लगी रेवडिय़ां व कचरे के ढेरों को जेसीबी से हटवाकर फिंकवा दिया जाता है, लेकिन कचरा डालने वाले मानने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब तो तालाब के किनारे कचरा डालने के साथ यहां पर लोगों ने तालाब में मिट्टी डालकर अतिक्रमण करना शुरू कर दिया है। यहां मिट्टी भरकर बाड़े बना लिए हैं। जिसमें जानवरों को बांध रहे हैं और खरेडिय़ां बनाकर भूसा भरा जा रहा है। वहीं किसी ने पत्थर डाल कर, तो किसी ने कण्डे थेपकर अतिक्रमण कर रखा है।
भराव क्षमता भी घट रही
कस्बे के इस तालाब के किनारे पंचायत की मोटर लगी हुई है, जो दिनरात चलती है। इस वजह से यह तालाब हमेशा पानी से भरा रहता है। इसमें एक कोने पर ड्रम रखा हुआ है। अधिक पानी होने पर उसमें से निकल कर ड्रेन में चला जाता है। तालाब में अतिक्रमण की मिट्टी जाने से गहराई घटती जा रही हैं।
मॉडल तालाब के रूप में है विकसित
ग्रामीण रामसिंह चौधरी, मुकेश बोहरा, मनोज साहू, वार्ड पंच नरेश सेन, बनवारी सेन आदि ने बताया कि यह तालाब गांव के समीप स्थित है और देईखेड़ा, रघुनाथपुरा, खेडीया दुर्जन, लक्ष्मीपुरा की ओर से आने वाले रास्ते यहां आकर मिलते हैं। ऐसे में मॉडल तालाब बनाकर इसका सौन्दर्यकरण हो जाता है तो यह विकसित हो सकता है।
पहले भी जेसीबी लगाकर रेवडिय़ा कचरे के ढेर हटाए जा चुके हैं, लेकिन लोग फिर वापस कचरा डाल रहे हैं। अतिक्रमियों से भी एक बार नोटिस भिजवाकर अतिक्रमण हटाने की समझाइश करेंगे। जिसके बावजूद भी नहीं मानते हैं तो अग्रिम कार्रवाई करेंगे।
रामदेव पहाडिय़ा, सरपंच ग्राम पंचायत नोताडा धरावन

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