>>: Digest for July 15, 2021

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Table of Contents

बाड़मेर. मानसून के सक्रिय होते ही जिले में खरीफ की बुवाई का दौर शुरू हो चुका है। गांव-गांव हल चलने लगे है तो बाजरा, मूंग, मोठ, ग्वार और तिल की बुवाई जोर पकड़ रही है।

एेसे में जरूरी है किसान उच्च गुणवत्तायुक्त बीज का उपयोग करें जिसके कि अधिक उत्पादन मिल सके।

इसको लेकर राजस्थान पत्रिका ने कृषि विशेषज्ञों से बात की तो उन्होंने विभिन्न फसलों की उत्तम किस्मों की जानकारी दी।

कृषि वैज्ञानिक केवीके गुड़ामालानी डॉ. प्रदीप पगारिया ने बताया कि किसान समय पर उत्तम किस्म के बीजों का प्रयोग कर प्रति हैक्टेयर अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं । कम पानी में पकने वाली किस्मों की बुवाई जरूरी है । एेसे में जरूरी है किसान उच्च गुणवत्तायुक्त बीज का उपयोग करें

फसल किस्म का नाम

बाजरा एमपीएमएच 17

एचएचबी 67 ( उन्नत)

एचएचबी 299 ( बायो फोर्टीफाइड)

मूंग जीएम 4

जीएम 6

एमएच 429

शिरवा

मोठ आरएमओ 435

आरएमओ 257

आरएमओ 225

१ग्वार आरजीसी 936

आरजीसी 1037

आरजीसी1066

तिल आरटी 351

अरण्डी जीसीएच7

जीसीएच 8

बाड़मेर. बस्तों के बोझ के साथ पैदल जाकर पढ़ाई करने की गांव के बच्चों की पीड़ा तो बालिकाओं की छूट रही पढ़ाई ने सरपंचों को भी चिंता में डाल रखा है। नव गठित ग्राम पंचायत के पहले सरपंच होने का सौभाग्य तो उन्हें मिल गया लेकिन दो साल बाद भी उच्च माध्यमिक स्कू  ल शुरू नहीं करवाने का उलाहना उनको हर दिन सुनने को मिल रहा है।

अभिभावक तो यह बात कह ही रहे हैं, बच्चे भी उनसे स्कू  ल क्रमोन्नति की मांग करते थे तो उनके चेहरे पर चिंता नजर आती है। जिले में पिछले पंचायतराज चुनाव में ग्राम पंचायतों की तादाद बढक़र ६८९ हो गई। एक साथ दो सौ ग्राम पंचायतें बढ़ी तो नए सरपंच मिले। इसके बाद लगा कि गांव के विकास के साथ शिक्षा में भी फायदा होगा क्योंकि राज्य सरकार के नार्मस के अनुसार ग्राम पंचायत मुख्यालय पर बारहवीं स्कू  ल होनी है।

एेसे में लगा कि जल्द ही स्कू  ल क्रमोन्नत हो जाएंगे, लेकिन दो साल बाद भी स्कू  ल वहीं के वहीं है। जिले की पचास ग्राम पंचायतों में अभी भी आठवीं तक ही पढ़ाई हो रही है तो सौ के पार विद्यालयों में दसवीं तक की शिक्षा ही मिल रही है। इस पर इन नवीन ग्राम पंचायतों के विद्यार्थी आगे की पढ़ाई के लिए अन्यत्र जाने को मजबूर है।

इससे सरपंच भी अनजान नहीं है, वे पैरवी भी कर रहे हैं, लेकिन जब तक शिक्षा विभाग की ओर से पीईईओ क्षेत्र नहीं बनते तब तक स्कू  ल क्रमोन्नत हो भी तो कैसे?

ग्राम पंचायत में उच्च माध्यमिक विद्यालय नहीं है। एेसे में ग्राम पंचायत के विद्यार्थियों को पुरानी ग्राम पंचायत एड सिणधरी पढऩे के लिए पैदल जाना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत मुख्यालय पर सरकार उच्च माध्यमिक विद्यालय क्रमोन्नत करे तो नजदीक में विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा मिलेगी। - वंशीराम मेघवाल, सरपंच ग्राम पंचायत एड मानजी, पंचायत समिति पायला कला

बालिकाओं व बालकों को पढ़ाई के लिए ग्राम पंचायत से दूर पुरानी ग्राम पंचायत मुख्यालय जाना पड़ रहा है। सरकार ग्राम पंचायत मुख्यालय पर उच्च माध्यमिक विद्यालय खोले तो विद्यार्थियों को राहत मिलेगी। बालिकाओं को पढ़ाई छोडऩे को विवश नहीं होना होगा। - कंकुदेवी, सरपंच ग्राम पंचायत गोदारों का सरा, पंचायत समिति सिणधरी

नई ग्राम पंचायत बनी और मुझे सरपंच बनाया तो मेरे मन में एक ही बात थी कि शिक्षा पर ध्यान दूं। इसके लिए उच्च माध्यमिक स्कू  ल जरूरी है, लेकिन दो साल बाद भी विद्यालय क्रमोन्नत नहीं हुआ है। लोग उलाहना दे रहे हैं तो बच्चे भी स्कू  ल क्रमोन्नति की मांग कर रहे हैं।- हरजीराम कुमावत, सरपंच ग्राम पंचायत हड़वा, पंचायत समिति शिव

ग्राम पंचायत हुडों का तला के रामावि बांकाणा तला में पिछले सत्र में कक्षा दसवीं में 48 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए जिसमें 33 लड़कियां व 15 लडक़े थे। हमारी ग्राम पंचायत के 7 किमी नजदीक तक कोई उच्च माध्यमिक विद्यालय नहीं होने के कारण 20 बेटियों ने पढ़ाई छोड़ दी।-नैनाराम बेनीवाल, सरपंच, हुडों का तला, पंचायत समिति चौहटन

बाड़मेर. कहते है कि हौसला हो तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है। बाड़मेर जिले के हीराराम ने भी इसी हौसले के दम पर कोविड को हरा दिया और पूरे 84 दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद मंगलवार को आईसीयू से डिस्चार्ज कर दिया गया।
महामारी की दूसरी लहर का दौर हालांकि उस समय अधिक नहीं था, इस दौरान 4 अप्रेल को दूधिया के रहने वाले 44 साल के हीराराम चपेट में आ गए। उनकी सीटी जांच करवाई तो पहली बार 8, दूसरी बार में 22 और तीसरी जांच में स्कोर 24 तक पहुंच गया। कुल स्कोर 25 होता है, इसमें से 24 तक होना यानि स्थिति बहुत ज्यादा क्रिटिकल हो चुकी थी। चिकित्सकों ने भर्ती करने के बाद 24 घटे निगरानी और देखभाल के साथ मरीज और परिजनों को संबल देते रहे। इसी का नतीजा है कि 84 दिनों बाद कोविड फील्ड अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
इतने दिन कोई कोविड मरीज नहीं रहा भर्ती
संक्रमित हीराराम ने अस्पताल में सबसे लम्बा समय मरीज के नाते बिताया। जबकि चिकित्सकों का कहना है कि दो महीने से ज्यादा अब तक कोई संक्रमित अस्पताल में भर्ती नहीं रहा। लेकिन यह मरीज पूरे 84 दिन भर्ती रहे और यह अब तक के कोविड मरीजों में सबसे लम्बी अवधि का एकमात्र मामला है।
45 दिनो तक हाई फ्लो मास्क
कोविड से करीब-करीब 100 फीसदी डेमेज हो चुके फेंफड़े ऑक्सीजन लेने में भी सक्षम नहीं थे। चिकित्सकों की सघन मानिटरिंग रही। आइसीयू में रखा गया और विशेष रूप से चिकित्सा की जरूरत को देखते हुए मरीज करीब 30 दिन बेन्स सर्किट और 45 दिनों तक हाईफ्लो मास्क पर रहा।
चिकित्सकों और नर्सिंग टीम जुटी रही
संक्रमित का डॉ. दिनेश परमार, डॉ. गोरधनसिंह चौधरी, डॉ. शालू परिहार, डॉ. अनिल सेठिया, डॉ. विक्रम सिंह, डॉ. सुरेश गहलोत, डॉ. सुरेश चौधरी, डॉ. अरविन्द विश्नोई, डॉ. मालदेव, डॉ. चिराग माहेश्वरी, डॉ. चिराग गोदारा की टीम के साथ मेलनर्स प्रथम तुलछाराम चौधरी सहित नर्सिग अशोक शर्मा, सुभाष सोनी, महेश सोनी, ओमप्रकाश माली, महेश जाटोल, अंजू विश्नोई, विमला गौड़, जोगेन्द्र सहारण, ललित, फिरोज खान, नरेश बेनीवाल, भजनलाल सैनी, प्रवीण कुमार, नन्द किशोर, श्याम, अवतार सिंह, मदन सिंह, भजनलाल, राजू, जयकिशन आदि ने 24 घंटे देखभाल और चिकित्सा की।
अब तक 84 दिन कोई संक्रमित नहीं रहा भर्ती
कोई भी संक्रमित 84 दिनों तक महामारी के दोनों दौर में अस्पताल में भर्ती नहीं रहा। मरीज हीराराम का हौसला तथा चिकित्सक और नर्सिग स्टाफ की अच्छी देखभाल और चिकित्सा का नतीजा है कि आज मरीज को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया जा रहा है।
डॉ. बीएल मंसूरिया, पीएमओ बाड़मेर

बाड़मेर. कहते है कि हौसला हो तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है। बाड़मेर जिले के हीराराम ने भी इसी हौसले के दम पर कोविड को हरा दिया और पूरे 84 दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद मंगलवार को आईसीयू से डिस्चार्ज कर दिया गया।
महामारी की दूसरी लहर का दौर हालांकि उस समय अधिक नहीं था, इस दौरान 4 अप्रेल को दूधिया के रहने वाले 44 साल के हीराराम चपेट में आ गए। उनकी सीटी जांच करवाई तो पहली बार 8, दूसरी बार में 22 और तीसरी जांच में स्कोर 24 तक पहुंच गया। कुल स्कोर 25 होता है, इसमें से 24 तक होना यानि स्थिति बहुत ज्यादा क्रिटिकल हो चुकी थी। चिकित्सकों ने भर्ती करने के बाद 24 घटे निगरानी और देखभाल के साथ मरीज और परिजनों को संबल देते रहे। इसी का नतीजा है कि 84 दिनों बाद कोविड फील्ड अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
इतने दिन कोई कोविड मरीज नहीं रहा भर्ती
संक्रमित हीराराम ने अस्पताल में सबसे लम्बा समय मरीज के नाते बिताया। जबकि चिकित्सकों का कहना है कि दो महीने से ज्यादा अब तक कोई संक्रमित अस्पताल में भर्ती नहीं रहा। लेकिन यह मरीज पूरे 84 दिन भर्ती रहे और यह अब तक के कोविड मरीजों में सबसे लम्बी अवधि का एकमात्र मामला है।
45 दिनो तक हाई फ्लो मास्क
कोविड से करीब-करीब 100 फीसदी डेमेज हो चुके फेंफड़े ऑक्सीजन लेने में भी सक्षम नहीं थे। चिकित्सकों की सघन मानिटरिंग रही। आइसीयू में रखा गया और विशेष रूप से चिकित्सा की जरूरत को देखते हुए मरीज करीब 30 दिन बेन्स सर्किट और 45 दिनों तक हाईफ्लो मास्क पर रहा।
चिकित्सकों और नर्सिंग टीम जुटी रही
संक्रमित का डॉ. दिनेश परमार, डॉ. गोरधनसिंह चौधरी, डॉ. शालू परिहार, डॉ. अनिल सेठिया, डॉ. विक्रम सिंह, डॉ. सुरेश गहलोत, डॉ. सुरेश चौधरी, डॉ. अरविन्द विश्नोई, डॉ. मालदेव, डॉ. चिराग माहेश्वरी, डॉ. चिराग गोदारा की टीम के साथ मेलनर्स प्रथम तुलछाराम चौधरी सहित नर्सिग अशोक शर्मा, सुभाष सोनी, महेश सोनी, ओमप्रकाश माली, महेश जाटोल, अंजू विश्नोई, विमला गौड़, जोगेन्द्र सहारण, ललित, फिरोज खान, नरेश बेनीवाल, भजनलाल सैनी, प्रवीण कुमार, नन्द किशोर, श्याम, अवतार सिंह, मदन सिंह, भजनलाल, राजू, जयकिशन आदि ने 24 घंटे देखभाल और चिकित्सा की।
अब तक 84 दिन कोई संक्रमित नहीं रहा भर्ती
कोई भी संक्रमित 84 दिनों तक महामारी के दोनों दौर में अस्पताल में भर्ती नहीं रहा। मरीज हीराराम का हौसला तथा चिकित्सक और नर्सिग स्टाफ की अच्छी देखभाल और चिकित्सा का नतीजा है कि आज मरीज को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया जा रहा है।
डॉ. बीएल मंसूरिया, पीएमओ बाड़मेर

बाड़मेर। जिला कलक्टर ने जिले में निवासरत पाक विस्थापितों की समस्याओं का प्राथमिकता से निराकरण करने के निर्देश दिए है।
कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित पाक विस्थापितों की समस्याओं के समाधान को गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक में जिला कलक्टर लोक बन्धु ने पाक विस्थापितों की कॉलोनियों यथा दानजी की होदी, गेहूं रोड, इन्दिरा कालोनी आदि में बिजली, पानी, चिकित्सा समेत मूलभूत सुविधाओं का विकास करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नागरिकता के संबंध में ऑफलाइन प्राप्त आवेदन पत्रों को ऑनलाइन किया जाए। साथ ही जिला मुख्यालय पर उनके लिए अलग से कॉलोनी बना कर नागरिकता प्राप्त पाक विस्थापितों को भूखण्ड आवंटन किए जाए एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून व अन्य सुविधाएं देने की हिदायत दी।
भूखंडों के आवंटन का लम्बा इंतजार
इस दौरान पाक विस्थापित नागरिकों के प्रतिनिधियों ने पाक विस्थापितों को भूखण्डों का आवंटन, आधार कार्ड बनाने में आ रही समस्याओं के बारे में अवगत कराया तथा समाधान की मांग की। साथ ही उन्होंने पासपोर्ट नवीनीकरण प्रक्रिया के सरलीकरण की बात कहीं। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर ओमप्रकाश विश्नोई, पाक विस्थापित संघ के नरपतसिंह, सीमान्त जन संगठन के रामसिंह सोढ़ा सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

बाड़मेर. गृह रक्षा प्रशिक्षण केन्द्र बाडमेर के स्वयंसेवकों ने समादेष्टा गृह रक्षा बाडमेर राजेन्द्र कुमार जांगिड़ के सानिध्य में बुधवार को सीमा गृह रक्षा दल के प्रशासनिक भवन परिसर में पौधरोपण किया।

राजेन्द्रकुमार जांगिड़ ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण एवं पेड़ों का रक्षा बेहद ही आवश्यक है, इसलिए प्रत्येक स्वयंसेवक एक पौधा अवश्य लगा संरक्षण की जिम्मेदारी निभाएं।

कम्पनी कमाण्डर महेन्द्रंिसंह भाटी ने कहा कि पौधरोपण पर्यावरण को संतुलित रखता है तो पुण्य का कार्य भी है। कम्पनी कमाण्डर हमीरसिंह भाटी ने भी पौधरोपण के फायदों पर प्रकाश डाला।

प्रशिक्षण प्रभारी प्लाटून कमाण्डर भोमसिंह राठौड़ ने धन्यवाद ज्ञापित किया। पौधरोपण में मुख्य आरक्षी दीप सिंह इन्द्रा, स्वयं सेवक मूल सिंह भाटी,मांगूसिंह राजपुरोहित, राण सिंह चौहान उपस्थित रहे।

बाड़मेर. स्थानीय राबाउमाविमाल गोदाम रोड बाड़मेर में राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई की ओर से बुधवार को पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम अधिकारी लीलावंती खत्री ने बताया कि अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी जैतमाल सिंह राठौड़ के मुख्य आतिथ्य, प्रधानाचार्य लक्ष्मीबख्तानीकी अध्यक्षता व विकास समिति सदस्य नवीन सिंघल के विशिष्टआतिथ्य तथा भामाशाह सुरेंद्र राठी की उपस्थिति में पौधरोपण किया गया।

बाड़मेर. स्थानीय राबाउमाविमाल गोदाम रोड बाड़मेर में राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई की ओर से बुधवार को पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम अधिकारी लीलावंती खत्री ने बताया कि अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी जैतमाल सिंह राठौड़ के मुख्य आथित्य, प्रधानाचार्य लक्ष्मीबख्तानीकी अध्यक्षता व विकास समिति सदस्य नवीन सिंघल के विशिष्ट आथित्य तथा भामाशाह सुरेंद्र राठी की उपस्थिति में पौधरोपण किया गया।

लक्ष्मी बख्तानी ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना की स्वयंसेविका पर्यावरण कोरोना व शिक्षा के क्षेत्रों में बहुत अच्छा कार्य कर रही हैं।

पारी प्रभारी पार्वती चौधरी, प्रेमलता पालीवाल, कुलदीप सिंह, नरेश भंसाली, जगदीश मौसलपुरिया, रीता पूनिया, अरुणा सोलंकी ने स्वयंसेविकाओं के साथ मिलकर पौधरोपण कर संरक्षण का संकल्प लिया।

राष्ट्रीय सेवा योजना के सह प्रभारी किशन लाल प्रजापत ने बताया कि इस अवसर पर 2 वर्षीय पाठ्यक्रम का प्रमाण पत्र देकर स्वयं सेविकाओं को सम्मानित किया।

राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की ओर से कोरोना में टीकाकरण को लेकर जन जागरूकता अभियान भी चलाया। स्वयं सेविकाओं ने लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित किया।

बाडमेर.बाड़मेर नगरपरिषद में कचरा निस्तारण की लंबे समय से चल रही समस्या का समाधान होगा।

बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने बताया कि बाड़मेर शहर का कचरा पॉइंट गेहूं गांव में है, वहां लगातार बढ़ रहे कचरे की वजह से ग्रामीणों समस्या हो रही थी। ग्रामीण लंबे समय से कचरा निस्तारण की मांग कर रहे थे हालांकि पूर्व में जयपुर स्तर पर कई बार टेंडर किए, ठेकेदार नही आने की वजह से कचरा प्लांट नही लग रहा था।विधायक जैन ने बताया कि वे ग्रामीणें की इस समस्या के निस्तारण के लिए में लंबे समय से प्रयासरत थे जिस पर अब सफलता मिली है ।

जैन ने कहा कि गेंहू में कचरा निस्तारण के लिए 50 लाख की लागत से ठोस कचरा निस्तारण प्लांट स्वीकृत हो गया और वित्तीय स्वीकृति भी जारी हो गई है। विधायक जैन ने कहा कि प्लांट लगने से वर्षो से पड़े कचरे का निस्तारण हो जाएगा।

साथ ही कचरा निस्तारण पॉइंट तक डामर सडक़का भी नवीनीकरण कार्य स्वीकृत हो गया है जो जल्द ही पूरा होगा।

जैन ने बताया कि इंदिरा कॉलोनी में नवले की चक्की के पास नाला की समस्या से आमजन को परेशानी हो रही थी उसके लिए भी इंदिरा कॉलोनी, तिलक नगर , सर्किट हाउस के पीछे होते हुए मुख्य नाले को जोड़ा जाएगा।

1 करोड़ की राशि की वित्तीय स्वीकृति जारी हुई है। कुड़ला गाांव में सीवर पानी की समस्या के समाधान के लिए कुडला से दुधई नाडी तक नाला निर्माण के लिए 1 करोड़ की राशि खर्च होगी।

बाड़मेर. रामसर उपखंड मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर दूर स्थित गागरिया ग्राम पंचायत के कंटलिया पार गांव में करीब 4 महीने से पानी की समस्या है। इस समस्या को लेकर एक माह पहले ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर पानी आपूर्ति करवाने की मांग की थी, लेकिन यहां अब तक पानी नहीं पहुंच पाया है।
देतानी से गागरिया के लिए शनिवार की रात पानी आपूर्ति लाइन को सुचारू किया, लेकिन रात्रि में कुछ जल माफियाओं ने चलती लाइन के वॉल खोल दिए। ऐसे में पानी कंटालिया जीएलआर में नहीं पहुंच पाया। रात में वॉल खोलने के मामले को लेकर गुस्साए ग्रामीणों ने रविवार को 1 घंटे तक रास्ता रोककर सांकेतिक प्रदर्शन कर जलदाय विभाग एवं स्थानीय प्रशासन से पानी की व्यवस्था सुचारू करने की मांग की।
करीब डेढ़ सौ घरों की आबादी को पिछले 4 महीने से पानी की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जलदाय विभाग एवं उपखंड अधिकारी जल माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। ग्रामीणों को महंगे दामों पर पानी डालने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन हरकत में आए और उन्हें पाने के लिए समस्या का समाधान हो सके इस लिए प्रदर्शन करना पड़ा।
पानी की व्यवस्था सुचारू करवाने एवं अवैध कनेक्शन हटाने के लिए जलदाय विभाग एवं तहसीलदार की संयुक्त कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी लाइन पर हुए अवैध कनेक्शन की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने में बाद उचित कार्यवाही करवाई जाएगी। इसमें पुलिस प्रशासन का भी सहयोग लिया जाएगा।"
सुनील पंवार,उपखंड अधिकारी रामसर

बाड़मेर. रंग-बिरंगे पंख फैला आजादी की खुशी में झूमते मोर जिले के कुड़ी-पटाऊ वन्य क्षेत्र में हर तरफ नजर आते हैं।

मोरों व वन्यजीवों के शिकार की घटनाओं के बावजूद यहां वन्यजीव प्रेमियों की सजगता ने मोरों को जीवन दिया है।

यहीं कारण है कि यहां मोर स्वच्छंद विचरण करते नजर आते हैं। दिनोंदिन बढ़ता मोरों का कुनबा अब लोगों को भी आकर्षित करता है। हाइवे से जुड़े इन गांवों से गुजरने वाले फोटो खींचते हैं तो वन्यजीव प्रेमियों को भी सुकुन मिलता है। मोर का वैज्ञानिक नाम पावो क्रिस्टेटस (लिनिअस) है। इसे अंग्रेजी में ब्ल्यू पीफॉल या पीकॉक और संस्कृत में मयूर कहते हैं।

भारत सरकार ने २५ जनवरी १९६३ को मोरा को राष्ट्रीय पक्षी घोषिात किया। देश में राष्ट्रीय पक्षी मोर का अस्तित्व संकट में है लेकिन बाड़मेर में वन्यजीव प्रेमियों की सजगता से सुखद खबर है।

बाड़मेर के कुड़ी- पटाऊ, ऊमरलाई, भांडियावास में, जहां बिश्नोई बहुल्य क्षेत्र है, मोर वहां बेखौफ होकर विचरण करते हैं।पिहू-पिहू की आवाज के साथ पंख फैला कर नाचते मोर- चटक नीले सुनहरे पंखों को फैला नाचने वाले मोर का नाच देखकर बच्चे-बड़े वन्य जीव प्रेमी सब खुश होते हैं।

सूखे जंगल और मानव बस्ती के आसपास रहने वाले मोरों के पंख भगवान कृष्ण का मोर मुकुट है। पिहू-पिहू की आवाज से मानसून के आने का भेद समझते हैं। सुनहरे पंखों के चलते लोग मोरों का शिकार करते हैं, लेकिन कुड़ी क्षेत्र में वन्य जीव प्रेमी एवं बिश्नोई समाज बड़े प्रेम दुलार से रखते हैं।

इसके चलते इनकी संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। वन विभाग के अधिकारी भी सुरक्षा की चिंता करते हैं और वन्य जीव प्रेमी एवं बिश्नोई समाज दाने-पानी का इंतजाम करते हैं। बढ़ रहा कुनबा- देश में राष्ट्रीय पक्षी मोर का अस्तित्व संकट में है,लेकिन बाड़मेर से सुखद खबर है। मोरों का कुनबा बढ़ गया है। जिले में वन विभाग की ओर से की गई गणना में मोरों की संख्या 85321 है।

मरुस्थल में कम हो रही मोर प्रजाति की अचानक बढ़ोतरी सुखद अहसास करवा रही है। जिले के गिने-चुने गांवों को छोड़ सभी जगह मोरों की तादाद में इजाफा हुआ है। दस साल पहले तक जिले में करीब 50 हजार मोर थे। इस लिहाज से मोरों की संख्या में 35 हजार की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

कुड़ी क्षेत्र में मोर, हरिण, खरगोश,एवं अन्य वन्य जीव स्वच्छंद रूप से विचरण करते नजर आते हैं। वन्य प्राणियों की रक्षा में हमेशा तत्पर रहने वाला विश्नोई समाज पर्यावरण प्रेमी है। पर्यावरण से खास लगाव के चलते ही पेड़-पौधों की रक्षा में भी सदैव हाथ बंटाता रहा है।- राकेश चांपाणी, वन्य जीव एवं संरक्षण प्रेमी कुड़ी

उपखंड में हुई गणना में मोरों का कुनबा बढ़ा है। वन विभाग के प्रयासों के साथ आमजन का वन्य जीवों के प्रति बढ़ते रुझान का नतीजा है। राष्ट्रीय पक्षी के संरक्षण को लेकर सार्थक प्रयास किए जाएंगे। -मंगलाराम बिश्नोई, क्षेत्रीय वन अधिकारी बालोतरा

मोर की संख्या में वन्जीव गणना के अनुसार बढ़ोतरी हुई है। बाड़मेर क्षेत्र में राष्ट्रीय पक्षी मोर की शिकार की घटना भी कम हो रही है। शिकार की रोकथाम के लिए वन विभाग समय-समय पर गश्त कर रही हैं। -सजंयप्रकाश भादू,डीएफओ बाड़मेर

बाड़मेर. जिले में स्माईल-3 और घर में सीखे कार्यक्रम के तहत माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, बीकानेर के सहायक निदेशक धर्मेंद्र दनेवा व सीडीईओ बाड़मेर के सहायक निदेशकनरसिंग प्रसाद जांगिड़ ने विद्यालयों का बुधवार को निरीक्षण किया।

निरीक्षण में संस्था प्रधान एवं सभी शिक्षकगणों को निदेशक ने कोरोनाकाल की विकट परिस्थितियों में चलाए गए कार्यक्रम, विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए ऑनलाइन क्लासेज लेने, विद्यार्थी मैपिंग संबंधी कार्य एवं बोर्ड परीक्षा से संबंधित कक्षाओं में माक्र्स अपडेशन करने के निर्देश दिए।

उन्होंने राउमावि माधासर ब्लॉक बायतु, बालोतरा ब्लॉक के रामावि मंडापुरा, राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय पचपदरा, राउमावि मेवानगर का अवलोकन किया।

सहायक निदेशक माध्यमिक शिक्षा निदेशालय धर्मेन्द्र धनेवा ने बाड़मेर जिले में स्माइल- 3 और आओ घर से सीखे 2.0 कार्यक्रम के तहत पांच-पांच विद्यालयों का निरीक्षण किया।

उन्होंने बाड़मेर, चौहटन, सेड़वा, धनाऊ, गुड़ामलानी, धोरीमन्ना ब्लॉक के सनावड़ा, खुमे की बेरी .अरणीयाली, रामजी का गोल, मंगले की बेरी, छोटू विद्यालयों का किया। जिन विद्यालयों का कार्य संतोषजनक नहीं मिला उनको सुधार के निर्देश दिए।

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