>>: Digest for July 17, 2021

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Table of Contents

दिल्ली-मुम्बई रेलमार्ग व कोटा-दौसा मेगा हाइवे के बीच बसा देईखेड़ा
300 वर्ष पुराना गांव, नहीं बन रहे आवासीय पट्टे
मनीष बैरागी
श्चड्डह्लह्म्द्बद्मड्ड.ष्शद्व
नोताडा. बूंदी से 85 किलोमीटर दूर लाखेरी उपखंड का देईखेड़ा कस्बा दिल्ली-मुम्बई रेलमार्ग व कोटा दौसा मेगा हाईवे के बीच बसा है। गांव की बसावट करीब 300 वर्ष पुरानी बताई। गांव में प्राचीन लक्ष्मीनाथ का मंदिर बना है। महादेव मंदिर परिसर में 300 वर्ष पुरानी मूर्तियां आज भी विद्यमान हैं। जिनमें से कुछ खंडित हो गई।
ग्रामीण दिनेश व्यास ने बताया कि पुरातत्व विभाग इन मूर्तियों को आधार बनाकर इनका पता लगाए तो गांव की स्थापना व पुरातन संस्कृति का पता चलेगा। गांव में अब भी खुदाई के दौरान वर्षों पुरानी वस्तूएं निकलती है। यहां बने प्राचीन महादेव मंदिर में वर्षों से अखण्ड ज्योति जलती है।
यों हुआ नामकरण
75 वर्षीय बुजुर्ग केसरीलाल मीणा, 70 वर्षीय माधोलाल मीणा, अशोक मीना ने बताया कि गांव में बहु संख्यक आबादी मीणा समाज की है, जिसमें पांकल खेड़ा सीसवाली से दो भाई देवा व खेड़ा यहां आकर बसे थे। आज सबसे ज्यादा उनके ही परिवार है।
पांकल परिवार में आज भी उनकी पीढिय़ां चलती आ रही है। दोनो भाइयों के नाम देवा व खेड़ा को जोडकऱ इस गांव का नाम देईखेड़ा रखा बताया जाता है। इधर, क्विदंली के अनुसार देई और खेड़ा अलग-अलग बस्तिया थी जो बदलते समय के साथ मिलकर एक हो गई। नाम देईखेड़ा हो गया।
गांव में ये सुविधा उपलब्ध
गांव में पुलिस थाना, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बैंक, विद्यालय, पानी की टंकी जैसी सुविधाएं उपलब्ध है।
प्राचीन बावड़ी
गांव में प्राचीन बावड़ी है, जिसमें सात दरवाजे और 700 सीढिय़ां हैं। यह चार दशक पहले तक यह बावड़ी पेयजल का प्रमुख स्रोत थी। अब संरक्षण के अभाव में जर्जर हो गई। गांव से कुछ दूरी पर देवनारायण का बाग है, जिसमें करीब तीन-चार सौ पेड़ लगे हैं।
गांव को मिला युवा सरपंच, विकास की उम्मीद
ग्राम पंचायत देईखेडा को इस बार 23 वर्षीय युवा सरपंच राजकुमार मीना मिले। मीना को राजनीति पिता से विरासत में मिली। सरपंच के पिता महावीर मीणा भी इस पंचायत से सरपंच रहकर वर्ष 2005 से 2010 तक बूंदी के जिला
प्रमुख रहे।
गांव की प्रमुख समस्याएं
गांव में 80 लाख रुपये की लागत से करीब एक दशक पहले बनी पानी की टंकी से जलापूर्ति होती थी, लेकिन योजना का संचालन सही नहीं हो रहा।
गांव से क्षेत्र के करीब तीन दर्जन गांव जुड़े हैं ऐसे में उच्च माध्यमिक स्तर का बालिका विद्यालय होना चाहिए।
गांव में सिवायचक जमीनें पर्याप्त मात्रा में नहीं होने से सरकारी भवनों के निर्माण के लिए ठोस नहीं मिल रही।

बीएड अंतिम वर्ष के छात्रों पर कॉलेज डाल रहे आर्थिक बोझ
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन
बूंदी. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को कलक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया और बीएड एवं डीएलइएड विद्यार्थियों की मांग रखी।
संगठन के जिला संयोजक सुमित आर्य की अगुवाई में राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि बीएड अंतिम वर्ष के छात्रों पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है, ऐसे में शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों की ओर से अंतिम वर्ष की फीस जमा कराने का अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है, जबकि बीएड के छात्रों ने प्रथम वर्ष की फीस 36600 फरवरी माह 2021 में जमा करवाई है। ऐसे में अंतिम वर्ष की जुलाई में दोबारा फीस जमा कराना संभव नहीं है।
इसलिए फीस जमा कराने की तिथि आगे बढ़ाई जाए या फीस में छूट मिले। इकाई अध्यक्ष राहुल सोनी एवं योगेश ने बताया कि डीएलइएड के छात्रों की मांग है कि 2019 में पाठयक्रम में प्रवेश लिया था, जबकि पाठयक्रम अवधि दो वर्षीय ही है, जबकि तीसरे वर्ष भी पाठयक्रम भगवान भरोसे चल रहा है। ऐसे में पाठयक्रम की परीक्षा जल्द आयोजित करवाई जाए, जिससे छात्रों को 2021 की रीट भर्ती परीक्षा में शामिल होने का अवसर मिल सके। ज्ञापन की प्रति जिला कलक्टर को सौंपी। इस दौरान अंतिमा नागर, इल्मा, आर्यन माहेश्वरी, हरिओम लोधा, देवराज मीणा, अंतिम राजवंशी, कमल नामा, रामकल्याण गुर्जर, गुलाबशंकर वर्मा, अंतिमा नागर, कुलदीप जोनवाल, यशस्वी जांगिड़ आदि मौजूद थे।

बिजली गुल, सहायक अभियंता कार्यालय पर केपाटन विधायक 2 घंटे धरने पर बैठी
दर्जनों गांव की विद्युत आपूर्ति कई घंटों तक बंद होने से उपजा आक्रोश
लाखेरी. केशवरायपाटन विधानसभा क्षेत्र के गेण्डोली व घाट का बराना क्षेत्र में 2-3 दिन से दर्जनों गांव की विद्युत आपूर्ति कई घंटों तक बंद होने को लेकर विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने गुरुवार को जयपुर विद्युत वितरण निगम के सहायक अभियंता कार्यालय पर ताला लगाया और 2 घंटे तक गेट के बाहर धरने पर बैठी रही।
विधायक मेघवाल शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ दोपहर 12 बजे निगम के इंद्रगढ़ रोड स्थित सहायक अभियंता कार्यालय पहुंची और कर्मचारियों को बाहर निकाल कर गेट पर ताला लगा दिया। कार्यकर्ताओं के साथ विधायक मेघवाल गेट के सामने धरने पर बैठ गई। इस दौरान सहायक अभियंता मुकेश चौहान फिल्ड में गये हुए थे और सूचना पाकर इंद्रगढ के सहायक अभियंता शैलेन्द्र अग्रवाल धरना स्थल पर पहुंचे। बाद में सहायक अभियंता चौहान भी पहुंचे और वार्ता शुरू की। इस दौरान कार्यकर्ता जमकर नारेबाजी करते रहे। विधायक का कहना था कि घाट का बराना क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांव दो दिन से बिना बिजली के रह रहे, उन गांवों में बिजली नहीं आने से पीने का पानी तक मुहैया नहीं हो रहा। बावजूद निगम का ध्यान नहीं जा रहा। सूचना पाकर उपखण्ड अधिकारी प्रमोद कुमार भी धरना स्थल पर पहुंचे और वार्ता की। मेघवाल ने बताया कि केशवरायपाटन विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत घाट का बराना, लबान, झालीजी का बराना, बोरदा काछियान, अरनेठा आदि पंचायतों के लगभग 60-65 गांव पिछले 3 दिनों से अंधेरे में रहे।
इस दौरान भाजपा मंडल के अध्यक्ष महेंद्र शर्मा, भाजपा नेता परमानंद सैनी, देवकीनंदन पांडे, ग्रामीण मंडल अध्यक्ष रामसिंह चौधरी, घाट का बराना सरपंच कृष्णमुरारी मीणा, भाजपा प्रवक्ता राजेंद्र माहेश्वरी, महावीर पारेता, मोहन दयालानी, विष्णु शर्मा आदि मौजूद थे।
निगम ने गंभीरता से नहीं लिया
मंगलवार शाम अचानक घाट का बराना ग्रिड स्टेशन के पावर ट्रांसफार्मर में तकनीकी खराबी आने से स्टेशन से जुड़े 13 गांव की विद्युत आपूर्ति ठप हो गई। बिजली ठप होने के बाद भी निगम के स्थानीय अभियंता सुबह होने का इंतजार करते रहे।
जड़े भ्रष्टाचार के आरोप
विधायक मेघवाल व कार्यकर्ताओं ने उपखण्ड अधिकारी के सामने निगम के सहायक अभियंता मुकेश चौहान को जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने निगम में हर कार्य की ऊपर की राशि बांधने, बिना लेनदेन के कोई काम नहीं होने, लाइनमैनों के स्वयं काम नहीं कर एवजी रखने, बिजली के बिलों में मनमानी राशि वसूलने आरोप लगाए।

आठ हजार भेड़ें निष्क्रमण के लिए जंगलों में पहुंच गई, सुरक्षा के लिए चौकियों पर नहीं लगे जवान
7000 से अधिक भेड़ें पहुंच चुकी
नमाना. मानसून सत्र शुरू होते ही भेड़ निष्क्रमण के लिए मारवाड़ से भेड़ पालक नमाना क्षेत्र के जंगलों में पहुंचने लग गए। अब तक 8000 के लगभग भेड़े निष्क्रमण के लिए जंगल में पहुंच गई। इस बार क्षेत्र के जंगलों में बने प्वाइंटों पर एक भी पुलिस जवान नहीं लगाया गया, जबकि क्षेत्र में 7000 से अधिक भेड़े पहुंच चुकी। पशुपालन विभाग के अनुसार इस बार बरसात देर से होने के बाद भी जून के महीने में भेड़ निष्क्रमण के लिए भेड़ पालक अपनी भेड़ों को लेकर जंगल में पहुंचने लगे। 15 जुलाई तक 7000 भेड़ गरड़दा के जंगलों व आसपास के क्षेत्रों में पहुंच गई।
इस बार 3000 अधिक भेड़े निष्क्रमण लिए आई
पशुपालन विभाग के अनुसार इस बार 15 जुलाई तक पिछले वर्ष की तुलना में 3000 से अधिक भेड़ जंगलों में पहुंची। गत वर्ष 15 जुलाई तक 4185 भेड़ निष्क्रमण के लिए आई थी, इस बार 15 जुलाई तक क्षेत्र में 7000 भेड़ निष्क्रमण लिए पहुंच गई।
4 अस्थाई चौकियां, लेकिन एक पर भी जवान नहीं
जिला प्रशासन की ओर से भेड़ निष्क्रमण के दौरान थाना क्षेत्र के जंगलों मेंं चार जगह अस्थाई पुलिस चौकी बनाई गई, जिसमें जिला प्रशासन की ओर से अभी तक एक भी जवान नहीं लगाया गया। पशुपालन विभाग के अनुसार नमाना थाना क्षेत्र के गरड़दा, ग्वार, भैरूपुरा बरड़ में बांकी व लोईचा, डाबी थाने के पलका, सदर थाना के गोलपुर गांव में पॉइंट बनाए गए, जिन पर पुलिस कांस्टेबल लगाए जाने थे, लेकिन 15 जुलाई बीतने के बाद भी पुलिस अधिकारियों ने भेड़ निष्क्रमण के कार्य को हल्के में लिया है।
भेड़ निष्क्रमण का कार्य शुरू हो गया, अब तक क्षेत्र के जंगलों में 7000 भेड़ आ चुकी। जिनके नियमित टीकाकरण व जांच की जा रही है। कोविड-19 की पालना भी भेड़ पालकों को से करवाई जा रही है। अस्थाई चौकियों पर अभी तक कोई जवान उपलब्ध नहीं है, जिसकी सूचना जिला प्रशासन को दे दी गई।
कमलेश मीणा, भेड़ निष्क्रमण चेक पोस्ट प्रभारी, गरड़दा

अभियंता व जनप्रतिनिधियों ने नलकूपों की देखी स्थिति
नैनवां. जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने नैनवां कस्बे की जलापूर्ति में सुधार के उपाय शुरू कर दिए। विभाग के अभियंता बुधवार को जनप्रतिनिधियों के साथ पाइबालापुरा पेयजल योजना के नलकूपों में पानी की स्थिति की जानकारी लेने पहुंचे। विभाग के अधिशासी अभियंता राजेन्द्र भागर्व, कनिष्ठ अभियंता डीपी चौधरी, नगरपालिका के उपाध्यक्ष आबिद हुसैन, राजकुमार गुर्जर व युवराज गुर्जर ने नलकूपों के साथ पम्पहाउस की मोटरों के संचालन की स्थिति देखी।
अधिशासी अभियंता ने नलकूपों का डिस्चार्ज बढ़ाने के लिए पानी दे रहे नलकूपों में पाइप बढ़ाने के निर्देश दिए। 72 घंटों पर पहुंची जलापूर्ति को 48 घंटों पर लाने के लिए पचास टैंकर बढ़ाने के भी आदेेश जारी करवाए।

 

भू-जलस्तर गिरने से जल संकट
सुवासा. क्षेत्र के बाजाड़ पंचायत के छपावदा गांव में भू-जलस्तर गिरने से जल संकट पैदा हो गया। सरकारी और निजी हेडपंप हवा फेंकने लग गए। मजबूरन लोगों को पानी की टंकी पर तडक़े से कतारों में खड़ा होना पड़ गया।
ग्रामीण रामरतन बैरवा, बद्रीलाल बैरवा, चौथमल बैरवा, अजय लाल गुर्जर, दुर्गालाल गुर्जर ने बताया कि गांव में पानी का स्तर डेढ़ सौ फीट नीचे चला गया। कतारों में पानी को लेकर कई बार झगड़े हो चुके। जिम्मेदार पानी के लिए टैंकर से जलापूर्ति शुरू कराएं। ग्रामीणों ने बातया कि उनकी समस्या पर गौर नहीं किया गया तो सडक़ जाम करने को मजबूर होंगे।

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