>>: Digest for July 27, 2021

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Table of Contents

कोटा. भामाशाह मंडी में सोमवार को विभिन्न कृषि जिंसों की 40 हजार बोरी आवक हुई। गेहूं 25, सोयाबीन 300, धनिया 100 रुपए प्रति क्विंटल भाव तेज रहे। लहसुन की आवक करीब 10,000 कट्टे की रही। लहसुन नया 1600 से 8500 रुपए प्रति क्विंटल बिका। किराना बाजार में वायदा बढऩे से खाद्य तेलों में तेजी रही।

भाव : गेहूं मील 1600 से 1761, गेहूं टुकड़ी एवरेज 1760 से 1850, गेहूं बेस्ट टुकड़ी 1850 से 2001, सोयाबीन 7500 से 9200, सरसों 6200 से 6950, धान सुंगधा 1800 से 2200, धान (1509) 1800 से 2300, धान पूसा वन 2300 से 2530, धान (1121) 2100 से 2601, मक्का 1600 से 1750, अलसी 6800 से 7300, तिल्ली 6500 से 7500, ग्वार 3000 से 3850, मैथी 5500 से 6200, कलौंजी 16000 से 18500, जौ 1500 से 1700, ज्वार 1300 से 3000, मसूर 4800 से 5200, चना 4400 से 4751, चना गुलाबी 4200 से 4650, चना मौसमी 4200 से 4600, चना कांटा 4000 से 4550, उड़द 3000 से 6500, धनिया पुराना 4500 से 5800, धनिया नया बादामी 5700 से 6100, धनिया ईगल 6100 से 6400, धनिया रंगदार नया 6000 से 7000 रुपए प्रति क्विंटल रहे।

खाद्य तेल (भाव 15 किलो प्रति टिन): सोया रिफाइंड: फॉच्र्यून 2460, चम्बल 2410, सदाबहार 2375, किचन लाइट 2235, दीपज्योति 2410, सरसों स्वास्तिक 2700, अलसी 2530 रुपए प्रति टिन।
मूंगफली: ट्रक 2835, स्वास्तिक निवाई 2590, कोटा स्वास्तिक 2510, सोना सिक्का 2640 रुपए प्रति टिन।

देसी घी: मिल्क फूड 5900, कोटा फ्रेश 5800, पारस 5900, नोवा 5850, अमूल 6300, सरस 6550, मधुसूदन 6350 रुपए प्रतिटिन।
वनस्पति घी: स्कूटर 1700, अशोका 1700 रुपए प्रतिटिन।
चीनी: 3430-3470 प्रति क्विंटल।

चावल व दाल: बासमती चावल 5600-7200, पौना 4500-5200, डबल टुकड़ी 3800-4300, टुकड़ी 2400-3000, गोल्डन बासमती साबुत 5200-7000, पौना 3000-3800, डबल टुकड़ी 2500- 3000, कणी 2000-2500, तुअर 8500-9700, मूंग 6700-7200, मूंग मोगर 7200-8000, उड़द 7500-8300, उड़द मोगर 7500-9200, मसूर मलका 7000-7600, चना दाल 5800-6100, पोहा 2700-3700 रुपए प्रति क्विंटल।

सोने-चांदी में तेजी
कोटा. स्थानीय सर्राफा बाजार में सोमवार को सोने-चांदी के भावों में तेजी रही। चांदी 200 रुपए तेजी के साथ 68,500 रुपए प्रति किलो बोली गई, जबकि जेवराती सोना 50 रुपए तेजी के साथ भाव 49,250 रुपए प्रति दस ग्राम रहे।

भाव: चांदी 68,500 रुपए प्रति किलोग्राम, कैडबरी सोना प्रति 10 ग्राम 49,250 रुपए, शुद्ध सोना प्रति 10 ग्राम 49,500 रुपए बिका। टैक्स व अन्य खर्चे अलग।

अंडा बाजार
कोटा. अंडा कारोबार में फार्मी अंडा 510 रुपए प्रति सैकड़ा, 160 रुपए प्रति प्लेट, 70 रुपए दर्जन।

कोटा /झालावाड़ .
राजस्थान के चेरापूंजी कहे जाने वाले क्षेत्र झालावाड़ ( Cherrapunji of Rajasthan) में इस बार का सावन झूमकर आया है। तीन दिन से तेज बरसात से क्षेत्र की नदियां उफान पर हैं और बांध छलक रहे हैं। सावन के पहले सोमवार को भी हाड़ौती में बादल जमकर बरसे। झालावाड़ के कालीसिंध बांध के गेट खोलकर लगातार पानी की निकासी की जा रही है। कोटा, बूंदी व बारां क्षेत्र में बरसात का दौर जारी रहा। कालीसिंध बांध के 3 गेटों को खोलकर 35 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। गागरीन बांध की चादर चल रही है।


चम्बल व शिप्रा नदी उफान पर-
झालावाड़ शहर में सुबह से ही सावन की झड़ी लगी रही। जिले में चंवली, आहू, कालीसिंध आदि नदियां उफान पर रही। मध्यप्रदेश में हो रही तेज बरसात से राजस्थान-मध्यप्रदेश की सीमा पर बहने वाली चम्बल व शिप्रा नदी उफान पर चल रही है।
कोटा : चम्बल के बांधों में पानी की आवक जारी-
कोटा में दोपहर बाद कुछ देर के लिए तेज बारिश हुई। गांधीसागर के जंगल क्षेत्र में रविवार शाम हुई भारी बारिश से ताकली नदी में पानी की आवक हुई। जिससे नदी में उफ ान आ गया। खेड़ली की रपट पर तीन-चार फ ीट पानी बहने के कारण खेडली-अमजार मार्ग सोमवार अलसुबह पांच बजे से बंद हो गया, जो दोपहर एक बजे पानी उतरने पर बहाल हुआ। चम्बल पर बने सबसे बड़े बांध गांधीसागर में 24 घंटे में 4 फीट पानी की आवक दर्ज की गई। यहां डेढ़ इंच बारिश दर्ज की गई। राणाप्रताप सागर में भी एक फीट पानी की आवक हुई। जवाहरसागर बांध में 16 मिमी बरसात दर्ज की गई। कोटा बैराज पर 3 मिमी बारिश दर्ज की गई। जिले के चेचट क्षेत्र में दिनभर रुक रुककर बारिश की झड़ी लगी रही।


गागरीन बांध पर चादर चली-
झालावाड़. झालावाड़ जिले में लगातार दूसरे दिन सोमवार को भी दिनभर बारिश का दौर जारी रहा। झालावाड़ जिले तथा मध्यप्रदेश में जोरदार बारिश होने से क्षेत्र में बहने वाली प्रमुख नदियों उफ ान पर चल रही है। पिड़ावा क्षेत्र में गागरीन बांध क्षेत्र में 24 घंटे में 10 इंच बारिश दर्ज की गई है। गागरीन बांध पर चादर चल रही है।


दूसरे दिन भी फंसे रहे जायरीन, सभी सुरक्षित-
झालावाड़ शहर के पास स्थित गागरोन किले के रास्ते की पुलिया पर करीब 23 फीट पानी बह रहा है। इस कारण गागरोन दरगाह पर जियारत करने गए 98 जायरीन दूसरे दिन भी फं से रहे। नदी में बहाव तेज होने के कारण प्रशासन ने दरगाह में ही सुरक्षित रहने को कहा है। पुलिया से पानी का उतार होने के बाद ही जायरीन आ सकेंगे।


कालीसिंध बांध: 35 हजार क्यूसेक पानी की निकासी
कालीसिंध बांध के तीन गेट खोलकर 35 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। भीमसागर क्षेत्र के राजपुरा गांव में बरसाती नालों में उफ ान आने से घरों में पानी भर गया। आहु चंवली लिंक नहर के पहली बार 20 सेंटीमीटर गेट खोलकर 250 क्यूबिक मीटर पानी की निकासी की गई है। इससे आहू-चंवली लिंक नहर में पानी ओवरफ्लो होने से पिड़ावा क्षेत्र के सारंग का खेड़ा गांव के किसानों की सैंकड़ों बीघा की फसलें जलमग्न हो गई।
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यह रास्ते बंद-
- गंगधार उपखण्ड क्षेत्र में स्थित छोटी काली नदी में जोरदार पानी की आवक हो रही है। जिले के कुंडला मार्ग अवरूद्ध हो गया है।
-अकलेरा क्षेत्र में जोरदार बारिश से पिपलिया-घाटोली रोड पर आवागमन बंद रहा।

बारां : छबड़ा में हुई साढ़े तीन इंच बारिश

-पार्वती, परवन व काली सिंध नदियों में उफान
-हीकड़ दह हुआ लबालब, पार्वती नहर में जलप्रवाह
जिले में सोमवार को भी बारिश का दौर जारी रहा, छबड़ा उपखंड मुख्यालय पर सुबह 8 से शाम 5 बजे तक 88 मिमी (साढ़े तीन इंच) बारिश बारिश रिकॉर्ड की गई। बीते चार दिनों में छबड़ा उपखंड क्षेत्र में यह दूसरा अवसर रहा जब तीन इंच से अधिक बारिश हुई।

पार्वती व परवन पर चादर-

जल संसाधन विभाग के कनिष्ठ अभियंता प्रवीण जोशी ने बताया कि शाम को पार्वती नदी के किशनपुरा डेम पर 1.22 मीटर, परवन नदीके शेरगढ़ बांध पर 2.75 तथा इसी नदी की तुलसां लिफ्ट सिंचाई परियोजना के बांध पर 1.29 मीटर की चादर चल रही है।

बूंदी : सावन के पहले सोमवार को बरसे बदरा-
जिले में बादल मेहरबान रहे। बूंदी, नैनवां, केशवरायपाटन, नोताड़ा में जोरदार बारिश हुई। बूंदी शहर में रुक-रुक कर बारिश हुई। वहीं नैनवां में जमकर बरसात होने से किसान के चेहरे खिल गए।

टिप्पणी- के. आर. मुण्डियार

कोटा समेत पूरे प्रदेश में इन दिनों जितने भी कार्यक्रम व आयोजन हो रहे हैं। उसने शामिल होने वाले अधिकतर लोग बिना मास्क नजर आ रहे हैं। कहीं पर भी दो गज की दूरी नहीं दिख रही। ऐसा लग रहा है कि हम सभी ने कोरोना की जंग जीत ली है। हम सूरमा बन चुके हैं, अब कोई महामारी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। फिर मास्क लगाने की क्या जरूरत है। यदि ऐसा सोचकर हम या कोई और लोग मास्क लगाने व दो गज की दूरी से बच रहे हैं तो यह हमारी व उनकी बहुत बड़ी गलतफहमी है।

देश-दुनिया को झकझोर चुके कोरोना का कहर अभी गया नहीं है। दो लहर का भयानक कहर हम झेल चुके हैं। कई लोगों ने इस कहर में अपनों को खो दिया। कई घरों के चिराग बुझ गए तो कइयों के तो पालनहार ही नहीं बचे। मुखिया विहिन परिवारों व अनाथ छोटे बच्चोंं पर क्या बीत रही होगी। कितने दुखों के पहाड़ झेल रहे होगे, उस दर्द को महसूस करेंगे तो शायद हम लापरवाही नहीं बरतेंगे। दूसरी लहर में जो खौफनाक कहर हमने देखा, सरकारी या निजी अस्पतालों के क्या हालात थे। कई मिन्नतों व सिफारिशों के बावजूद अस्पतालों में बैड तक नहीं मिल पा रहे थे। ऑक्सीजन को लेकर मारामारी बची थी। बैड व ऑक्सीजन के अभाव में कई लोगों ने अस्पतालों के दहलीज पर ही दम तोड़ दिया था। वो भयानक मंजर भूलना नहीं चाहिए। देश में जिस तरह लापरवाही बढ़ रही है, उससे अब तीसरी लहर आने की आशंका लगातार बढ़ रही है। तीसरी लहर की भयावहता दूसरी लहर से भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है। दिल्ली एम्स के चिकित्सा विशेषज्ञ इस संबंध में अलर्ट जारी कर चुके हैं।


पहली व दूसरी लहर से बचाव के लिए केन्द्र व राज्य सरकारों ने लॉकडाउन लगाने सहित अन्य प्रयास किए। लेकिन जनता की आवाज पर ही सबकुछ अनलॉक कर दिया। इसके विपरीत राहत पाने की आड़ में हम लापरवाह होकर कोरोना बचाव की गाइडलाइन भूल बैठे हैं। प्रदेश के किसी भी शहर की कोई भी जगह देख लीजिए, हर जगह गाइडलाइन की धज्जियां उड़ रही है। सरकार ने जिन शर्तों व नियमों के साथ लॉकडाउन खोला था, उसकी पालना कहीं पर भी नहीं हो रही है।

यदि फिर से संक्रमण बढ़ेगा हम सरकार को ही कोसेंगे। आखिर सरकार व सिस्टम को ही हम कब तक कोसेंगे। सरकार बार-बार चेतावनी दे रही है, फिर भी हम मानने व समझने को तैयार ही नहीं है। लापरवाही इस कदर बढ़ रही है कि सरकारी कार्यालयों में अफसर व राजनीति से जुड़े लोग भी गाइडलाइन की पालना नहीं कर रहे। इन दिनों कोटा समेत प्रदेश भर में नगर निगमों में मनोनीत किए गए पार्षदों के सम्मान समारोह चल रहे हैं। अधिकतर कार्यक्रमों में लोग बिना मास्क नजर आ रहे हैं। यह तय मानिए कि ऐसा करके हम अपने शहर को फिर से महामारी की ओर धकेल रहे हैं। जो भी लोग गाइडलाइन तोड़ रहे हैं, वो अपने समाज व अपने परिवार के दुश्मन ही है। नियम तोड़ रहे ऐसे लोगों को टोकना-रोकना भी चाहिए।


पत्रिका की सभी से विनम्र अपील है कि अपने बच्चों, परिवार की सुरक्षा की खातिर मास्क लगाना नहीं छोड़ें। अपना नम्बर आने पर कोविड बचाव की वैक्सीन की दोनों डोज जरूर लगाएं। सेनेटाइजर व साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। अच्छे खान-पान के साथ जीवन को संयमित रखें। दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी की पालना को भूलें नहीं। बचाव के संकल्प याद रखेंगे तो हम बचे रह पाएंगे।

कोटा. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयास से एक बार फिर संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी में सुविधाओं का विस्तार होगा। कोटा का पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र जल्द ही पूर्ण पासपोर्ट सेवा केंद्र में अपग्रेड हो जाएगा। ऐसा होने के बाद कोटा में तत्काल पासपोर्ट बनवाने की सुविधा मिलेगी। सत्यापित करने वाले अधिकारी कोटा में ही पदस्थापित होने से पासपोर्ट जारी किए जाने के समय में भी कमी आएगी। लोकसभा अध्यक्ष बिरला से मिलने आए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने इस पर सहमति दी है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से 5 मार्च 2017 को कोटा में पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट केंद्र की स्थापना हुई। फिलहाल यहां तत्काल पासपोर्ट बनवाने की सुविधा नहीं है। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर सोमवार को जब बिरला से भेंट करने उनके कक्ष में आए तो दोनों के बीच अनेक विषयों पर बात हुई।
चर्चा के दौरान डॉ. एस. जयशंकर ने कोटा स्थित पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र को नए सुविधाजनक भवन में स्थानांतरित कर उसे पूर्ण पासपोर्ट सेवा केंद्र बनाने, कोटा में ही तत्काल पासपोर्ट बनवाने की सुविधा तथा सत्यापन अधिकारी भी पदस्थापित करने पर सहमति जताई। इस दिशा में तेजी से कार्य करने के लिए भी आश्वस्त किया।

कोटा-बूंदी सहित कई जिलों को फायदा
लोकसभा अध्यक्ष बिरला के प्रयासों का लाभ कोटा-बूंदी ही नहीं आसपास के लगभग 9 जिलों के नागरिकों को मिलेगा। कोटा में अभी तक तत्काल पासपोर्ट बनवाने की सुविधा नहीं होने से लोगों को जयपुर जाना पड़ता था। कोटा में पूर्ण पासपोर्ट सेवा केंद्र बनने के बाद तत्काल पासपोर्ट बनवाने के लिए कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़, चित्तौडगढ़़, भीलवाड़ा, उदयपुर, राजसमंद, प्रतापगढ़, डूंगरपुर जिलों के लोग भी जयपुर की दूरी अधिक होने के कारण कोटा को प्राथमिकता देंगे।

विद्यार्थियों-कामगारों को धोखाधड़ी से बचाएंगे
बातचीत के दौरान लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने डॉ. जयशंकर से नौकरी या शिक्षा के लिए विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों पर भी चर्चा की। बिरला ने कहा कि कोटा-बूंदी समेत पूरे राजस्थान में अनेक विद्यार्थी और व्यक्ति इस तरह की वारदात का शिकार हो चुके हैं। डॉ. जयशंकर ने आश्वस्त किया कि इस तरह के मामलों से बचने के लिए जल्द ही जागरूकता अभियान प्रारंभ किया जाएगा।

कोटा. कोरोनाकाल में जब लोगों की सांसों पर संकट आया, तब चिकित्सक और मेडिकल टीम के साथ ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों ने दिन रात बिना रुके सिलेंडर भरने और उसकी आपूर्ति जारी रखने के काम किया। काम करते-करते उनके हाथों में छाले पड़ गए, लेकिन लोगों की जान बचाने के लिए वे अपनी पीड़ा भूल कर दिन रात काम में जुटे रहे। ऑक्सीजन सप्लाई में जुटे कार्मिकों के सम्मान के लिए सोमवार को एमबीएस अस्पताल के गार्डन में समारोह आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि कोटा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना और अस्पताल अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना ने ऑक्सीजन आपूर्ति में महत्वपूर्ण योगदान निभाने वाले प्रतिनिधियों का स्मृति चिन्ह देकर और माला पहनाकर स्वागत किया। आरएमआरएस के सदस्य क्रांति तिवारी ने कहा कि हमें ऐसे सभी लोगों को याद करना चाहिए, जो भले ही फ्रंट लाइन में नहीं आए, लेकिन उन्होंने कोरानाकाल में लोगों की जान बचाने के लिए काम किया। उन सबका सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा के जन्मदिन के उपलक्ष्य में यह कार्यक्रम रखा गया। इस मौके पर डॉ. विजय सरदाना ने कहा कि ऑक्सीजन की आपूर्ति से जुड़े कार्मिकों ने दिन रात अपनी तकलीफ को भूल कर रोगियों को बचाने के लिए काम किया। डॉ. नवीन सक्सेना ने समारोह को संबोधित किया। कार्यक्रम में एडवोकेट मनीष गुर्जर, रिंकू गुर्जर, धीरेन्द्र शर्मा, राहुल मिश्रा, सिद्धार्थ तिवारी, आमीन रंगरेज, प्रिंस बाबा, हर्ष शर्मा, तौसीफ खान, कमल मित्तल, शिवम चंद्रावत, शंकर बैरागी, बबलू राठौड़ अशोक मेघवाल भी मौजूद रहे।

कोटा. रोडवेज कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को डीसीएम रोड स्थित बस स्टैंड पर प्रदर्शन किया। इसमें सेवानिवृत्त व सेवारत कर्मचारी शामिल हुए। कर्मचारियों ने राजस्थान रोडवेज के श्रमिक संगठनों का संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर प्रदेश भर में कर्मचारियों को समय पर वेतन दिलवाने की मांग, सेवानिवृत्त कमचारियों को बकाया भुगतान करने,सातवां वेतनमान लागू करने,एक घंटे तक प्रदर्शन किया व नारे बाजी कर सरकार को चेताया।

कर्मचारियों ने बताया कि सरकार का रोडवेज की ओर ध्यान नहीं है। कर्मचारियों को न तो समय पर वेतन मिल रहा है, न ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बकाया भुगतान किया जा रहा है। रोडवेज सेवानिवृत्त कर्मचारी ऐसोसिएशन के मूलक राज ने बताया कि कर्मचारियों को अभी तक सातवें वेतन का लाभ नहीं मिल रहा है। विभाग में कर्मचारियों की भर्तियां भी नहीं हो रही है।

पूर्ववर्ती प्रदेश सरकार के समय में कर्मचारियों ने हड़ताल की थी तो वर्तमान सरकार के प्रतिनिधियों ने कर्मचारियों की मांगों को मानने के प्रति आश्वस्त किया था, लेकिन एक भी मांग को पूरा नहीं किया गया। सरकार को चेताने के लिए अभी तो एक घंटे का प्रदर्शन किया है, मांगों पर विचार नहंीं किया तो आंदोलन किया जाएगा। इससे पूर्व प्रदर्शन के दौरान एटक के प्रदेश महासचिव माधोलल जाट, विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी बहादुर सिंह, राधे मोहन,राजेन्द्र गोचर, दिनेश आजाद, रूप सिंह नरुका समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

कोटा. राजीव गांधी भवन स्थित कोटा उत्तर नगर निगम के जन स्वास्थ्य कार्यालय में आग लगने की घटना के तीसरे दिन सोमवार को जांच शुरू हो गई। यह बात भी सामने आई है कि नगर निगम में लगे फायर फाइटिंग सिस्टम के उपकरण नहीं होने के कारण आग बुझाने में मदद नहीं मिली और दमकल बुलाकर आग बुझानी पड़ी। फायर फाइटिंग सिस्टम के कुछ उपकरण चोरी होने के डर से उन्हें खोलकर सुरक्षित जगह रख दिया था। जांच रिपोर्ट में इस विषय को भी शामिल किया जाएगा। महापौर मंजू मेहरा ने बताया कि पुलिस उपाधीक्षक जसवीर मीना के नेतृत्व में बनाई जांच समिति में कोटा उत्तर और कोटा दक्षिण निगम के स्वास्थ्य अधिकारी, दोनों निगमों के सहायक विद्युत अभियंता और अग्निशमन अधिकारियों को शामिल किया है। यह जांच कमेटी सात दिन में रिपोर्ट देगी। अब से हर माह आग से बचाव के इंतजाम जांचे जाएंगे और नियमित मॉकड्रिल की जाएगी। इसके अलावा निगम भवन में लगे उपकरणों की जांच की जाएगी। उपाधीक्षक जसवीर मीना ने बताया कि जिस कक्ष में आग लगी उसमें किन-किन अधिकारियों से संबंधित दस्तावेज थे, उनसे इसकी सूचना मांगी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या-क्या दस्तावेज जले हैं।

कोटा. राजस्थान में हाड़ौती अंचल नदियों का स्थल माना जाता है। प्रदेश की एकमात्र सदानीरा नदी चम्बल भी हाड़ौती में पूरे प्रवाह से बहती है। इसकी कई सहायक नदियां हैं, जो बारिश में उफान पर आ जाती है। इस बार भी सावन के पहले सोमवार को बादल जमकर बरसे। कोटा में दोपहर बाद कुछ देर के लिए तेज बारिश हुई। उसके बाद बादल छाए रहे और उमस का जोर बढ़ गया। जिले के चेचट क्षेत्र में दिनभर रुक रुककर बारिश की झड़ी लगी रही। गांधीसागर के कैचमेंट क्षेत्र में हुई भारी बारिश से ताकली नदी में पानी की आवक हुई। जिससे नदी में उफ ान आ गया। खेड़ली की रपट पर तीन-चार फ ीट पानी बहने के कारण खेड़ली-अमझार मार्ग अलसुबह पांच बजे से बंद हो गया। चम्बल पर बने सबसे बड़े बांध गांधीसागर में 24 घंटे में 4 फीट पानी की आवक दर्ज की गई। यहां डेढ़ इंच बारिश हुई। राणाप्रताप सागर में एक फीट पानी की आवक हुई। जवाहरसागर बांध में 16 मिमी और कोटा बैराज पर 3 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं झालावाड़ जिले में लगातार दूसरे दिन सोमवार को दिनभर बारिश का दौर जारी रहा। झालावाड़ जिले तथा मध्यप्रदेश में जोरदार बारिश होने से क्षेत्र में बहने वाली प्रमुख नदियां उफ ान पर चल रही हैं। पिड़ावा क्षेत्र में गागरीन बांध क्षेत्र में 24 घंटे में 10 इंच बारिश दर्ज की गई है। गगरीन बांध पर चादर चल रही है। जिले में चंवली, आहू, कालीसिंध आदि नदियां उफ ान पर रही। मध्यप्रदेश में हो रही बरसात से राजस्थान-मध्यप्रदेश की सीमा पर बहने वाली चम्बल व शिप्रा नदी उफ ान पर चल रही है। कालीसिंध बांध के तीन गेट खोलकर 35 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई। झालावाड़ शहर के पास स्थित गागरोन की पुलिया पर करीब 23 फ ीट पानी बह रहा है। इस कारण गागरोन दरगाह पर जियारत करने गए 98 जायरीन दूसरे दिन भी फं से रहे। नदी में बहाव तेज होने के कारण प्रशासन ने दरगाह में ही सुरक्षित रहने को कहा है। जायरीनों की ठहरने और भोजन की व्यवस्था की गई है।

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