>>: Digest for July 27, 2021

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Table of Contents

नागौर/बासनी. जिला मुख्यालय के निकटवर्ती बासनी ग्राम पंचायत में सरपंच पद के लिए रविवार को हुए उपचुनाव में पूर्व उप जिला प्रमुख चांद बीबी ने 4696 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज कर सरपंच पद पर कब्जा जमाया है। चांद बीबी के सामने भाग्य आजमाने वाली पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान की पुत्री शाहीन एवं वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में नागौर विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे पूर्व सरपंच शौकत अली की पुत्रवधू शबनम बानो को कुल तीन हजार वोट नहीं मिले। रात करीब पौने 9 बजे चुनाव परिणाम जारी कर निर्वाचित प्रत्याशी चांद बीबी को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। चुनाव परिणाम जारी होने के बाद चांद बीबी के समर्थकों ने आतिशबाजी कर खुशी जाहिर की।

नागौर उपखंड अधिकारी अमित कुमार चौधरी ने बताया कि बासनी सरपंच के उपचुनाव में कुल 20 हजार 767 मतदाताओं में से 9590 मतदाताओं ने अपने वोट का दिया, जिसमें विजेता रही चांद बीबी को 6656 वोट मिले, जबकि शाहीन को 1960 व शबनम बानो को मात्र 906 वोट मिले। चांद बीबी की जीत का अंतर 4696 वोट का रहा। इससे पहले रविवार सुबह साढ़े 7 बजे शुरू हुआ मतदान शाम साढ़े 5 बजे तक शांतिपूर्वक रूप से चला।

मतदाताओं में नहीं दिखा उत्साह
20 हजार से अधिक मतदाताओं वाली जिले की बड़ी ग्राम पंचायतों में शामिल बासनी में सरपंच के लिए हुए उपचुनाव में रविवार को मतदाताओं ने उत्साह नहीं दिखाया। विधानसभा व लोकसभा के चुनाव में 60 प्रतिशत से अधिक मतदान करने वाले मतदाताओं ने तीन प्रत्याशी मैदान में होने के बावजूद 46.38 प्रतिशत मतदान किया। मतदान को लेकर मतदाताओं में दिखी उदासीनता हर किसी के लिए अचरज वाली बात रही, जबकि निर्वाचन विभाग ने बासनी में 27 मतदान केन्द्र बनाए थे।

पूर्व विधायक नहीं बचा पाए प्रतिष्ठा
टिकट नहीं मिलने पर भाजपा छोडकऱ कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में हार गए थे। इसके बाद गत वर्ष व इस वर्ष जनवरी में हुए पंचायत चुनाव व निकाय चुनाव में टिकट वितरण को लेकर पूर्व विधायक पर काफी आरोप लगे थे। विधानसभा चुनाव में बासनी से एकतरफा वोट लेने वाले पूर्व विधायक ने इस बार सरपंच के उपचुनाव में अपनी बेटी को उतारा, लेकिन जीत नहीं दिला पाए। शाहीन को पूरे दो हजार वोट भी नहीं मिले। बासनी के लोगों का कहना है कि पूर्व विधायक लॉकडाउन के दौरान गांव के लोगों के काम आने की बजाए मुम्बई जाकर बैठ गए। गौरतलब है कि हबीबुर्रहमान पांच बार विधायक व एक बार मंत्री रह चुके हैं।

एसपी-कलक्टर ने किया निरीक्षण
बासनी सरपंच के उप चुनाव को लेकर जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी व एसपी अभिजीतसिंह ने बासनी के मतदान केन्द्रों का निरीक्षण के व्यवस्थाएं जांची तथा मौके पर उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने मतदाताओं से मतदान के लिए आवश्यक फोटोयुक्त दस्तावेज जैसे आधार कार्ड व वोटर आईडी कार्ड साथ लाने की भी जानकारी ली। उन्होंने केन्द्र में उपस्थित पुलिस अधिकारियों से मतदान बूथ में मतदाताओं को कोरोना गाइडलाइन की पालना के लिए निर्धारित दूरी पर खड़े होने का भी निर्देश दिया। उन्होंने मतदान केंद्र में मैदान परिसर में बिना मास्क लगाए हुए मतदाताओं को भी बाहर जाने का निर्देश दिया। उन्होंने मतदान अधिकारियों से मतदान करने वाले मतदाताओं की अंगुली पर अमिट स्याही का निशान गहरा लगाने तथा अंगुली पर पूरा कवर करने का निर्देश दिया।

तैनात रहा पुलिस जाब्ता
20 हजार से अधिक मतदाताओं वाली बासनी ग्राम पंचायत में सरपंच के उप चुनाव फर्जीवाड़े को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने बड़ी संख्या में जाब्ता तैनात किया है। सुबह करीब साढ़े 11 बज पुलिसकर्मियों ने पांच युवतियों व एक युवक को फर्जी मतदान करने जाते समय पकड़ लिया। जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मतदाताओं के वाहन 200 मीटर की दूरी पर लगाए गए नाकों पर रुकवाए गए तथा मतदान प्रक्रिया को सुचारु बनाए रखने के लिए अनावश्यक वाहनों को नाके पर ही दूसरे रूट से निकालने की व्यवस्था की गई।

नागौर. देर से ही सही, लेकिन भाजपा ने नागौर में अपना आधुनिक सुविधाओं से युक्त कार्यालय बना लिया है, जिसमें आधा दर्जन से अधिक रूम, बैठक हॉल, प्रेस कॉन्फ्रेन्स हॉल, ठहरने के लिए रूम आदि बने हुए हैं। कृषि मंडी के पीछे बने भाजपा के तीन मंजिला कार्यालय में लिफ्ट की सुविधा के साथ पूरा एसी (एयर कंडिशनर) है। वहीं प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के कार्यालय में पिछले 61 सालों में एक पत्थर भी नहीं लग पाया है। पार्टी पदाधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस का कार्यालय वर्ष 1959 में तत्कालीन जिलाध्यक्ष हरिराम बागडिय़ा के नेतृत्व में बना और जमीन का पट्टा भी उनके नाम से बनाया गया। एक बैठक हॉल के अलावा दो छोटे-छोटे रूम के अलावा कार्यालय में अच्छे टॉयलेट की भी व्यवस्था नहीं है। वर्तमान हालात तो यह हैं कि पिछले लम्बे समय से कार्यालय का रंग-रोगन भी नहीं हो पाया है, जिसके चलते मकडिय़ों ने जाले बना लिए हैं। गौरतलब है कि आजादी के बाद प्रदेश में ज्यादातर समय कांग्रेस की सरकार रही है।

प्लान बना लिया, लेकिन पैसे नहीं
वर्ष 1959 में बने कांग्रेस कार्यालय भवन के बाद किसी प्रकार का निर्माण नहीं होने से कई बार बैठक हॉल छोटा पड़ जाता है। कार्यकर्ताओं को बैठकों में खड़े रहना पड़ता है। वहीं पत्रकारों से बात करने के लिए अध्यक्ष के कक्ष में जगह नहीं होने पर नेताओं को खड़े रहना पड़ता है। कांग्रेस के उपाध्यक्ष राधेश्याम सांगवा ने बताया कि कांग्रेस कार्यालय परिसर में एक हॉल व दो-तीन कमरे बनाने का नक्शा व प्लान बनकर तैयार है, अब निर्माण कार्य के लिए फंड एकत्र करने के प्रयास चल रहे हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस का कार्यालय शहर के सर्किट हाउस के सामने ही अच्छी लोकेशन पर स्थित है। नागौर में कांग्रेस का कार्यालय शहर के बीच कलक्ट्रेट से मानासर चौराहे की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर स्थित है।

देर से बना, लेकिन आधुनिक सुविधाओं से युक्त बना
नागौर में भाजपा का कार्यालय भले ही काफी देर से बना है, लेकिन अब जो बना है, वह आधुनिक सुविधाओं से युक्त है। जिला भवन निर्माण संयोजक जगबीर छाबा ने बताया कि भाजपा कार्यालय के लिए दिसम्बर 2016 में 2 हजार वर्ग मीटर जमीन का आवंटन कार्यालय के लिए करवाया था। कृषि मंडी के पास इंदास रोड पर नगर परिषद द्वारा आवंटित जमीन के बदले भाजपा ने 21 लाख 86 हजार 300 रुपए तथा 10 वर्षीय वार्षिक लीज के हिसाब से 5 लाख 46 हजार 580 रुपए मिलाकर कुल 27 लाख 32 हजार 880 रुपए जमा करवाए थे। अब लगभग बनकर तैयार हो चुके भाजपा के कार्यालय में एक बैठक हॉल, एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स हॉल, दो कमरे, जिसमें जिलाध्यक्ष के लिए अलग से कमरा, वीआईपी के लिए ठहरने के लिए कमरा आदि बनाए गए हैं। छाबा ने बताया कि वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार कार्यालय बनाया गया है। कार्यालय की जमीन जोधपुर-बीकानेर हाइवे को जोडऩे वाले बायपास से 50 मीटर की दूरी पर है।

नागौर. जिला मुख्यालय के जेएलएन राजकीय अस्पताल में प्रबंधन भगवान भरोसे हैं। कभी सोनोग्राफी मशीन खराब हो जाती है तो कभी बिजली के अभाव में मरीजों को घंटों तक इंतजार करना पड़ता है। ऐसा लगता है मानो अस्पताल में पोपाबाई का राज है। शनिवार को तो अस्पताल के स्टाफ ने लापरवाही की हद ही पार कर दी। जेएलएन अस्पताल में धूद कंवर द्वारा करवाई गई सीटी स्केन की रिपोर्ट में चिकित्सकीय स्टाफ ने रिपोर्ट व फिल्म अलग-अलग दे दी। हद तो तब हो गई, जब डॉक्टर ने उनकी गलती पकडऩे के बाद वास्तविक रिपोर्ट देने के लिए कहा और कर्मचारियों ने उसे गंभीरता से लेने की बजाए मरीज के बेटे को चक्कर कटवाने शुरू कर दिए। मरीज भी कोई आम आदमी नहीं, बल्कि कलक्ट्रेट कार्यालय के कर्मचारी की मां है, जिसके लिए खुद कलक्टर तक ने पीएमओ को मैसेज किया है।

जी हां, कलक्ट्रेट के कर्मचारी स्वरूपसिंह भाटी ने पत्रिका को बताया कि उसकी मां धूद कंवर के लिवर में खराबी होने पर जेएलएन अस्पताल के डॉ. अशोक झाड़वाल ने सीटी स्केन कराने के लिए कहा, जिस पर स्वरूपसिंह ने अपनी मां की जेएलएन अस्पताल में ही 23 जुलाई को सीटी स्केन करवाई। रिपोर्ट आने पर वह डॉक्टर के पास गया तो डॉक्टर ने कहा कि रिपोर्ट अलग है और फिल्म अलग है, इसलिए सही रिपोर्ट मंगवाए। डॉक्टर ने मरीज की पर्ची पर लिखकर भी दिया कि रिपोर्ट वापस मंगवाए। इसके बाद स्वरूपसिंह जब वापस सीटी स्केन करने वाले कर्मचारी के पास पहुंचा तो उसने 2 बजे आने का कहा, 2 बजे गया तो फिर 4 बजे तक देने के लिए कहा, फिर 6 बजे तक और फिर 8 बजे तक करके शनिवार का पूरा दिन निकाल दिया। उसके बाद रविवार सुबह वापस रिपोर्ट लेने गया तो कहा कि अभी नहीं आई है, बाहर से आएगी, तब देंगे। पीडि़त ने बताया कि कर्मचारी द्वारा बार-बार चक्कर कटवाने पर उसने पीएमओ को कहा, फिर भी कोई परिणाम नहीं निकला तो उसने जिला कलक्टर से मैसेज करवाया, लेकिन कर्मचारी के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया।

आम आदमी के साथ क्या होगा
कलक्ट्रेट के कर्मचारी स्वरूपसिंह का कहना है कि जब उनके साथ जेएलएन अस्पताल के कर्मचारी इस प्रकार का व्यवहार कर रहे हैं तो आम आदमी के साथ कैसा बर्ताव करते होंगे, इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। पत्रिका द्वारा इस सम्बन्ध में पीएमओ डॉ. शंकरलाल से बात करने पर उन्होंने बताया कि वे जयपुर आए हुए हैं, इसलिए उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। कार्यवाहक पीएमओ डॉ. आनंद पंवार का फोन बंद बता रहा था।

बड़ा सवाल - रिपोर्ट कैसे बदली
जेएलएन अस्पताल में होने वाली सीटी स्केन को लेकर मरीजों के स्वास्थ्य से किस प्रकार खिलवाड़ किया जाता है, इसका ताजा उदाहरण धूद कंवर का है, जिसमें कर्मचारियों ने रिपोर्ट व फिल्म अलग-अलग दे दी। यदि डॉक्टर ने फिल्म और रिपोर्ट को ध्यान से नहीं देखा होता तो मरीज को जो नुकसान होता, उसकी भरपाई करना मुश्किल हो जाता। ऐसे लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। अचरज की बात तो यह है कि इतनी बड़ी गलती पकड़ में आने के बावजूद कर्मचारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे।

नागौर. कलक्ट्रेट सभागार में सोमवार को आयोजित साप्ताहिक समीक्षा बैठक में जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी की अध्यक्षता में राज्य सरकार की योजनाओं, विकास कार्यों एवं बजट घोषणाओं की क्रियान्विति को लेकर समीक्षा की गई। बैठक में जिला कलक्टर डॉ. सोनी ने विभागीय अधिकारियों से संपर्क पोर्टल पर लंबित अपने विभाग से संबंधित प्रकरणों का निस्तारण शीघ्र करने, सांख्यिकी विभाग द्वारा जिले का करंट प्रोफाइल बनाने, वन क्षेत्र में अवैध खनन की रोकथाम, फसल बीमा योजना, घर-घर औषधि वितरण कार्यक्रम में तेजी लाने, भूमि आवंटन संबंधी प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करने के निर्देश दिए।

बैठक के दौरान विभिन्न विभागों की समस्या के समाधान से संबंधित संपर्क पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों पर विभागवार चर्चा की गई। कलक्टर ने संपर्क पोर्टल के संदर्भ में बताया कि इस पोर्टल का उच्च स्तर पर सतत निरीक्षण किया जा रहा है। इस प्रकार अधिकारी अपने विभाग से संबंधित समस्याओं के समाधान और लंबित प्रकरणों के निस्तारण को लेकर बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करें।

करंट प्रोफाइल बनाने के निर्देश
कलक्टर ने सांख्यिकी विभाग को नागौर जिले का करंट प्रोफाइल, विवरणिका अतिशीघ्र बनाने का निर्देश दिया। जिले के सभी विभागों से संख्यात्मक विवरण लेकर उसके आधार पर तथ्यात्मक व विस्तृत डाटा संकलित करने का भी सुझाव दिया। इसमें जिले के विद्यालय, कॉलेज, आगार, चिकित्सालय, आईटीआई, पॉलिटेक्निक कॉलेज, पंचायत, तहसील, जिले का लिंगानुपात, साक्षरता व क्षेत्रफल आदि विषय समाहित करने के निर्देश दिए।

गोगेलाव रीको को लेकर चर्चा
कलक्टर ने गोगेलाव सहित जिले के नवीन रीको औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने के संबंध में चर्चा की। उन्होंने गोगेलाव क्षेत्र में हैंड टूल्स के लिए अलग से स्थान निर्धारण की दृष्टि से विकल्प तलाश कर तदनुरूप विभागीय पत्राचार करने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में बनने वाले मिनी फूड पार्क के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार करने तथा व्यापारियों व किसानों से संपर्क कर इसकी उपयोगिता व इसके निर्माण से होने वाले लाभ के संबंध में चर्चा करने के निर्देश दिए।

अभय कमांड सेंटर का करें अवलोकन
कलक्टर ने पुलिस विभाग के अधीन स्थापित अभय कमांड सेंटर का अवलोकन करने का विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया, जिसमें लगे हुए 90 कैमरों के माध्यम से अधिकारी अपने-अपने विभाग की विशेष गतिविधियों का पर्यवेक्षण कर सकते हैं। इसके तहत भीड़, सडक़ की खुदाई, सफाई, पानी भराव आदि व्यवस्थाओं का अवलोकन भी संभव हो सकता है।

टॉपर्स विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करें
कलक्टर सोनी ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा के परिणाम जारी होने के बाद सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत टॉपर्स विद्यार्थियों का भी उत्साहवर्धन करने का सुझाव दिया। उन्होंने अल्पसंख्यक विभाग, महिला अधिकारिता विभाग व शिक्षा विभाग को समन्वित रूप से टॉपर्स बालिकाओं, अल्पसंख्यक बालिकाओं को प्रोत्साहन करने की गतिविधियां व प्रेरणादायी कार्यक्रम अतिशीघ्र आयोजित करने का निर्देश दिया।

नागौर. रामद्वारा केशव दास महाराज बगीची बख्तासागर में चातुर्मास की कथा भागवत पर प्रवचन करते हुए मंहत जानकीदास महाराज ने भागवत कथा में प्रतिपाद्य विषय का वर्णन किया । मंहत ने कहा कि भागवत में निष्काम भक्ति का वर्णन किया गया है। भागवत शास्त्र निष्काम भक्ति का विषय है। जहां कपट होता है वहां भक्ति नहीं होती । संसार का कोई सुख भोगने की इच्छा रखना यह कपट है। भगवान की भक्ति तो करते हैं साथ ही ऐसी इच्छा भी रखते हैं कि मुझे बहुत ज्यादा सुख मिलेगा। भोग प्राप्त करना भक्ति का फल नहीं है, भक्ति का फल संसार का भोग नहीं है । भक्ति का फल भगवान है । भगवान की भक्ति भगवान के लिए करनी चाहिए। मंदिर में जाकर भगवान के पास लोग पैसा मांगते ह। ैं भगवान के पास मांगना अच्छा नहीं होता है। मांगने से प्रेम कम होता है, देने से प्रेम बढ़ता है। भक्ति का अर्थ है भगवान के साथ प्रेम करना। भक्ति में लेने की इच्छा नहीं होती है। भक्ति में सब कुछ देने की इच्छा होती है। भगवान से जो कुछ नहीं मांगता है , उसे भगवान अपनी दृष्टि देते हैं। भगवान को अपेक्षा की दृष्टि से देखना चाहिए। इस दौरान बाबा मि_ूदास ,संत मांग दास ,संत कल्याणदास ,संत लक्यानंद , भंवराराम ढाका ,सत्यनारायण सेन, सोहनलाल कच्छावा, सत्यनारायण सेठ, मदनलाल कच्छावा, मोहनराम सांखला आदि मौजूद थे।
कृषि एवं उद्यानिकी में नवाचार करने वाले किसान होंगे सम्मानित
नागौर. कृषि विभाग की ओर से आत्मा परियोजना की ओर से जिला एवं पंचायत समिति स्तर पर प्रगतिशील काश्तकारों का सम्मान के लिए चयन किया जाएगा। उपनिदेशक गुंजन आसवानी ने बताया कि राज्य, जिला एवं पंचायत समिति स्तरीय प्रत्येक पुरस्कार में क्रमश: 50 हजार, 25 हजार एवं 10 हजार रूपये तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। इसमें हेतु जिले की प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर गतिविधियों में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, जैविक खेती और नवाचारी खेती आदि में एक-एक कृषक मिलाकर कुल पांच कृषकों का चयन होगा। पंचायत समिति स्तर पर चयनित कृषकों में से 10 सर्वश्रेष्ठ कृषकों को प्रत्येक गतिविधि के लिए दो कृषक को जिला स्तर पर चयनित किया जाएगा। राज्य स्तर के पुरस्कार के लिए जिला स्तर पर प्रथम स्तर के चयनित सर्वश्रेष्ठ कृषकों में से प्रत्येक गतिविधिवार में दो-दो कृषकों यानी कि कुल 10 कृषक का चयन किया जाना है। जिन कृषकों को पूर्व में आत्मा योजनान्तर्गत अथवा अन्य किसी भी योजना में किसी भी स्तर पंचायत समिति, जिला एवं राज्य स्तर पर सम्मानित हो चुके कृषकों को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। कृषक इसके लिए आवेदन पत्र अपने स्थानीय कृषि पर्यवेक्षक, सहायक कृषि अधिकारी, सहायक निदेशक कृषि विस्तार मेड़तासिटी व कुचामनसिटी, सहायक निदेशक उद्यान नागौर व पशुपालन विभाग को प्रस्तुत कर सकते हैं।



 

नागौर. सावन मास के पहले सोमवार के अवसर पर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बाराणी में सुबह 58 पौधे लगाए गए। इस मौके पर भामाशाह सांवताराम नायक ने सिंचाई के लिए पन्द्रह सौ फुट पाइप देने की घोषणा की। प्रधानाचार्य मगनाराम गोदारा ने कहा कि ग्रामीणों के सहयोग से विद्यालय की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी हुई है। गर्मी के दिनों में भामाशाह भंवराराम की ओर से प्रति माह तीन-तीन टेंकर पानी के उपलब्ध कराया जाता है। आबादी पर्याप्त होते हुए भी गांव में शिक्षा व नौकरी के क्षेत्र में युवाओं की संख्या कम है । इस पर अभिभावकों को चिंतन मनन किए जाने की आवश्यकता है । उन्होंने बच्चों के शैक्षिक दृष्टि से मोबाइल का प्रयोग किए जाने पर पर्याप्त सावधानी , सावचेती व निगरानी रखने की जरूरत पर भी बल दिया । ग्राम विकास अधिकारी भंवरा राम गोदारा ने पौध रोपण किस प्रकार से करना चाहिए इसकी पद्धति की जानकारी देते हुए विद्यालय को अपेक्षित सहयोग करने का भी ग्रामवासियों से आग्रह किया । उन्होंने अभिभावकों से बालकों को उच्च माध्यमिक कक्षा के बाद आगे की पढ़ाई के लिए भी पर्याप्त अवसर देने का आह्वान किया। इसमें मेघाराम सारण, मघाराम गोदारा , पूर्व गणेशाराम , परमेश्वर सारण , भूराराम धुंधवाल , नरपत सिंह , मोहनराम , खेराजराम मेघवाल , मदनराम जांदू , गजेसिंह चंद्रावत , लूणसिंह , शैतानराम , मुकेश गोदारा , केसाराम गोदारा , आसाराम गोदारा , हरीराम मेघवाल , हिम्मताराम सारण , मोटाराम सारण , मदन राम मेघवाल , हनुमान नायक व तिलोकराम सारण आदि थे।

नागौर. रामपोल सत्संग भवन में चल रहे चातुर्मास कथा के दौरान कथावाचक संत रमताराम महाराज ने कहा कि संत तो चलते फिरते प्रयागराज तीर्थ के समान है। उद्धरण देते हुए बताया कि जैसे प्रयागराज में गंगा यमुना सरस्वती नदियों का त्रिवेणी संगम है। उसी प्रकार संतो के जीवन में भी त्रिवेणी संगम है। जिस संत के जीवन में भक्ति की गंगा कर्म की यमुना और ब्रह्मविद्या की सरस्वती बहती हो। ऐसा संगम संतों के साथ होता है। प्रयागराज में जाने के लिए व्यक्ति को अनेक साधन जुटाने पड़ते हैं, लेकिन संत रूपी प्रयागराज में बिना किसी साध्य को जुटाए धर्म अर्थ काम मोक्ष ऐसे फल व्यक्ति को मिलते हैं। इस अवसर पर रामनामी महंत मुरलीराम महाराज ने कहा कि संत कभी भी व्यक्ति को दर्शन देकर व्यक्ति के भाग्य को बदल सकते हैं। प्रयागराज में अक्षयवट का पेड़ है, उसी प्रकार संत रूपी प्रयागराज में हमारा अटल विश्वास ही उस अक्षय वट के बराबर है। इसलिए संतों का आदर करना चाहिए। संत रूपी प्रयागराज में व्यक्ति का जीवन परिवर्तन हो जाता है। संतो के साथ से कौवा कोयल और बुगला हंस बन जाता है। यह सारीरिक नही, परंतु अपितु आंतरिक परिवर्तन होता है। इस दौरान साध्वी मोहनी बाई बाल संत रामगोपाल महाराज, नंदकिशोर बजाज, कांतिलाल कंसारा, ललित कुमार कंसारा, राम अवतार शर्मा, नंदलाल प्रजापत आदि थे।

नागौर. रणधवल राजपूत समाज संगठन की ओर से राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री एवं समाज कल्याण विभाग को संबोधित ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया गया कि दमामी विशुद्ध राजपूत हैं। दमामी समाज अन्य पिछड़ा वर्ग कि क्रम संख्या 56 पर अंकित है ऐसे में अन्य पिछडा वर्ग की क्रम संख्या 56 कि जाति को षड्यंत्र पूर्वक अनुसूचित जाति कि क्रम सँख्या 23 के साथ दर्ज करना न्यायोचित नही है। वर्ष 2013 में सरकार की ओर से इसके आगे मुस्लिम तथा गैर मुस्लिम जोडकऱ धर्म व समाज को खतरे में डालने का काम किया गया। इसकी वजह से न केवल स्कूलों में प्रवेश के दौरान बल्कि नौकरियों में भी काफी दिक्कतों का सामना करना है। इसी वजह से पटवारी भी प्रमाणपत्र को लेकर भ्रम की स्थिति में रहते हैं। समाज के सम्मान के लिए कई बार ज्ञापन दिया गया था। दमामी राजपूत है जो शुद्ध राजपूत जाति से है। इस लिए हमे दमामी रहने दिया जाए तथा दमामी वर्ग के साथ जुड़ा गैर मुस्लिम हटा कर हिंदू रणधवल राजपूत नाम जोड़ा जाए जिसका संगठन के पास पुख्ता सबूत प्राचीन इतिहास मौजूद है इस संदर्भ सहित उल्लिखित प्रमाण भी हैं। रणधवल राजपूत संगठन के जिलाध्यक्ष दिलीप सिंह दहिया, हरेंद्र सिंह पंवार, विक्रम सिंह नरेंद्र सिंह प्रकाश सिंह भाटी गणेश सिंह राणा बनवारी सिंह चौहान जितेंद्र सिंह कच्छावा महावीर सिंह आदी मौजूद थे।
रणधवल राजपूत समाज ने दिया ज्ञापन

 

नागौर. आचार्य जयमल जैन मार्ग स्थित जयमल जैन पौषधशाला में श्वेतांबर स्थानकवासी जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में चातुर्मासिक कार्यक्रम में प्रवचन में जयगच्छीय जैन साध्वी बिंदुप्रभा ने कहा कि जीवन शाश्वत नहीं है। सत्ता और दौलत शाश्वत नहीं है। रिश्ते भीे शाश्वत नहीं है सभी क्षणभंगुर है। इस परिवर्तनशील विश्व में केवल धर्म ही शाश्वत है। जो दुर्गति में गिरने वाले को धारण करें वह धर्म कहलाता है। महाभारत के अनुसार जिसका लक्षण अहिंसा है, वहीं धर्म है। मनुष्य अपनी स्थिति में चल रहा है। पृथ्वी अपनी धुरी पर स्थिर है। सूर्य अपने मंडल में गतिशील है। हवा चल रही है। अग्नि जल रही है। ऋतुएं अपना अपना प्रभाव समयानुसार दिखा रही है। ये संतुलन धर्म के कारण है। साध्वी ने कहा कि शरीर के पोषण के लिए धन आवश्यक है, और आत्मा के पोषण के लिए धर्म आवश्यक है। धर्म उत्कृष्ट मंगल है। मंगल वह है जिससे विघ्न दूर हो। सांसारिक एवं आध्यात्मिक दोनों ही दृष्टि से मंगल का महत्व है। हर एक साधक का जीवन धर्ममय होने से खुशहाली गगन चूम लेती है। धर्म माता की तरह पोषण करती है। पिता की तरह रक्षा और मित्र की तरह प्रसन्न रखता है तथा संकट से बचाता है।
प्रश्नोत्तरी के विजेता पुरस्कृत
प्रवचन में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर रीता ललवानी, रेखा सुराणा, तोषिना ललवानी एवं मनोज ललवानी ने दिए। प्रवचन की प्रभावना एवं प्रश्नोत्तर प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत करने के लाभार्थी किशोरचंद, पवनकुमार, अरिहंत पारख थे। पांचीदेवी ललवानी के तेले तप की तपस्या का बहुमान रीता ललवानी ने तेले तप की बोली से किया। आगंतुकों के भोजन का लाभ नरपतचंद, प्रमोद, सुनील ललवानी ने लिया। संघ मंत्री हरकचंद ललवानी ने बताया कि मंगलवार को जयगच्छीय जैन संत पदमचंद्र महाराज के 58वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में एकासन तप का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर नरेन्द्र चौरडिय़ा, निर्मलचंद चौरडिय़ा, किशोर सुराणा, पार्षद दीपक सैनी आदि श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थीं।

नागौर. सावन का पहला सोमवार 26 जुलाई को सौभाग्य एवं शोभन योग में पड़ रहा है। इसके साथ ही भोले के भक्तों के लिए सावन मेंं सोमवार व्रत की शुरुआत हो गई। पहले सोमवार पर शहर के मंदिरों में भोले के अभिषेक के लिए श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। इसको ध्यान में रखते हुए शिव मंदिरों में भगवान एकलिंग के अभिषेक आदि अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के लिए तैयारियां पहले से कर ली गई थी। मंदिर के पुजारियों का कहना है कि कोविड को ध्यान में रखते हुए दर्शनों की व्यवस्था की गई। शहर के प्रतापसागर तालाब, पुराना शहर, बंशीवाला आदि मंदिरों में महामृत्युंजय जाप, रुद्राभिषेक, जलाभिषेक आदि के के साथ ही भोले के जयकारों के बीच मंत्रों के स्वर गूंजते रहे। इस बार सावन माह में कुल चार सोमवार पड़ रहे हैं। पहला सावन सोमवार 26 जुलाई, दूसरा सावन सोमवार 2 अगस्त, तीसरा सावन सोमवार 9 अगस्त और चौथा सावन सोमवार 16 अगस्त को रहेगा। पंडित सुनील दाधीच ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में सोमवार को व्रत रखने और भगवान शंकर की पूजा करनेवाले जातक को मनवांछित जीवन साथी प्राप्त होता है और जीवन में सुख समृद्धि बढ़ती है। विवाहिताएं श्रावण मास के सोमवार को व्रत रखती हैं तो उन्हें भगवान शंकर सौभाग्य का वरदान देते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पूरे श्रावण माह में भगवान शिव की पूजा, महामृत्युंजय मंत्र जाप व अभिषेक आदि से बाधा, रोग, शोक व कर्ज से मुक्ति मिलती है। साथ ही 5 अगस्त गुरुवार को प्रदोष तथा 20 अगस्त शुक्रवार को प्रदोष व्रत रहेगा
इसलिए है सावन मास का महत्व
महादेव आते हैं ससुराल शिव पुराण के अनुसार महादेव सावन में भूलोक पर अवतरित होकर अपने ससुराल गये थे व वहां उनका स्वागत अध्र्य और जलाभिषेक से किया गया था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक वर्ष सावन महीनें में भगवान शिव अपने ससुराल आते हैं। भगवान शिव एक लोटे जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं। सच्चे मन से भोलेनाथ की पूजा करने से व्यक्ति को जीवन के सारे कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। व्यक्ति को कोई भी कष्ट हो भोलेनाथ की शरण में जाने से सबसे छुटकारा मिल जाता है। भगवान शिव पर जल, दूध, भांग, शहद, चंदन आदि चीजें अर्पित की जाती है। भोलेनाथ की पूजा में शिवलिंग अभिषेक और उन पर अर्पित करने वाली इन चीजों का अलग-अलग महत्व है।

नागौर. डाक विभाग की ओर से लोगों की आस्था को ध्यान में रखते हुए पवित्र गंगाजल उपलब्ध कराने की योजना पर अघोषित तौर पर हुई अनियमित आपूर्ति के चलते इसके उद्देश्य पर पानी फिरता नजर आने लगा है। कारण एक साल का लंबा अर्सा होने के बाद गंगाजल डाकघरों में पहुंचा। अनियमित आपूर्ति होने की वजह से कइयों को लगा कि अब यह योजना विभाग ने बंद कर दी, नतीजतन गंगा जल के लिए लोगों का डाकघरों में पहुंचना कम हो गया। इससे लोगों का इसके लिए न केवल इसको लेने आने वालों की संख्या औसतन बेहद कम हो गई, बल्कि जरूररतमंदों को गंगा जल के लिए भटकना पड़ रहा है।
डाक विभाग की ओर से करीब दो साल पूर्व डाकघरों के माध्यम से गंगाजल उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई। ताकी लंबी दूरी एवं अनावश्यक खर्च से बचने वालों या किन्हीं कारणों से गंगा जल जाकर ले आने में असमर्थ लोगों को भी इसकी उपलब्धता कराई जा सके। इसके लिए योजना की शुरुआत में वर्ष 2019 में गगाजल की छोटी एवं मध्यम आकार की 40 से ज्यादा बोतलें आई। डाकघरों में गंगाजल आने के बाद कई जगहों पर लोगों ने इसकी तत्परता से खरीद भी की। इसके बाद से विभाग की से 2020 तक गंगाजल की कोई आपूर्ति नहीं की जा सकी। इस समयावधि में लोगों ने डाकघरों के कई चक्कर लगाए, लेकिन लोगों को गंगाजल नहीं मिल पाया। कारण विभाग की ओर से बताया गया कि आपूर्ति नहीं हो रही है। इसके चलते लोगों का क्रमश: गंगाजल के लिए डाकघरों में आना बेहद कम हो गया। जानकारी के अभाव में लोगों की गंगाजल के लिए डाकघरों से दूरी बन गई। एक साल का लंबा अर्सा होने के बाद इस वर्ष मार्च एवं चालू माह जुलाई में इसकी आपूर्ति की गई। आपूर्ति होने के बाद गंगा जल की डाकघरों में उपलब्धता होने के बाद भी अब तक इसके खरीद की स्थिति औसत से भी बेहद कम रही।
कब, कितना गंगा जल की आपूर्ति हुई
वर्ष 2019 के दिसंबर माह में 48 बोतल गंगाजल
वर्ष 2021 में मार्च माह में 96 बोतल
वर्ष 2021 के जुलाई माह में 192 बोतल
बोर्ड लगाना चाहिए
इस संबंध में शहरवासियों में विजय, रमाशंकर, दिनेश, रामराज से बातचीत हुई तो इनका कहना था कि डाक विभाग को उत्पाद बिक्री के बाकायदा बोर्ड आदि डाकघरों में लगाने चाहिए। ताकी लोगों को पता चल सके कि यहां पर योजनाओं से संबंधित उत्पाद की उपलब्धतता है कि नहीं। पूर्व में कई बार जाने के बाद बाद यही पता चला कि गंगाजल नहीं है। गंगाजल नहीं उपलब्ध था तो फिर इसकी विभाग की ओर से सूचना डाकघर परिसर में ही चस्पॉ करानी चाहिए थी।
इनका कहना है...
डाकघरों में गंगाजल की उपलब्धतता है। इसकी पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति हुई है। कोई भी डाकघर में आकर इसकी खरीद कर सकता है। पूर्व में कोविड के चलते आपूर्ति नहीं हो पाई थी। अब स्थिति सामान्य है।
रमाशंकर, जिला डाक अधीक्षक नागौर

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