#jay singh dhankar jhunjhunu
चिड़ावा. कई वर्षों से जिले के सैकड़ों खिलाडिय़ों को निखार रहे शारीरिक शिक्षक जयसिंह धनखड़ को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। राजस्थान के झुंझुनूं जिले के राजकीय उमावि देवरोड के वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक और जोडिय़ा (किठाना) हाल चौधरी कॉलोनी निवासी जयसिंह धनखड़ को शिक्षक दिवस पर पांच सितंबर को दिल्ली में राष्ट्रपति के हाथों राष्ट्रीय पुरस्कार मिलेगा। नेशनल पुरस्कार मिलने पर शिक्षामंत्री गोविंदसिंह डोटासरा ने शारीरिक शिक्षक धनखड़ को मोबाइल पर बधाई दी। 23 साल से शारीरिक शिक्षक के पद पर कार्यरत धनखड़ ने शिक्षा और खेल को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग नवाचार किए। शारीरिक शिक्षक धनखड़ ने पदस्थापन स्थल किशोरपुरा और देवरोड में शिक्षा के साथ खेलों को खूब बढ़ावा दिलाया। वे पांच साल से राजकीय उमावि देवरोड में कार्यरत हैं। धनखड़ ने देवरोड में पांच साल में एक अंतरराष्ट्रीय वॉलीबाल खिलाड़ी (जतिन सिंह), 50 राष्ट्रीय और 160 राज्यस्तरीय खिलाड़ी तैयार किए। उन्होंने किशोरपुरा और देवरोड में अथक प्रयासों से राष्ट्रीय स्तर के खेल स्टेडियम तैयार करवाए, जिसमें एथेलेटिक्स ट्रेक, फुटबॉल, वॉलीबाल के फ्लड लाइट युक्त चार कोर्ट, हैंडबॉल, नेटबॉल, बास्केटबाल के मैदान निर्माण के अलावा भारोत्तोलन उपकरण सुविधा को भी बढ़ावा दिलवाया।
देवरोड में करवा चुके नेशनल प्रतियोगिता-
शारीरिक शिक्षक धनखड़ ने देवरोड में दो बार नेशनल वॉलीबाल प्रतियोगिता आयोजन में भी मुख्य योगदान दिया। उन्होंने 2018 में सब जूनियर, 2019 में यूथ नेशनल वॉलीबाल तथा 2019 में 64 वीं राज्यस्तरीय विद्यालयी छात्र एथेलेटिक्स प्रतियोगिता के अलावा कलक्टर की स्कूल विद डिफेंस कोचिंग का भी विद्यालय में संचालन करवाया। जिसके कारण 25 छात्र-छात्राओं का चयन हुआ। उन्होंने विद्यालय और खेल मैदान में आठ से ज्यादा पौधे लगवाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
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चार घंटे नियमित प्रशिक्षण-
धनखड़ ने देवरोड विद्यालय में नियमित रूप से प्रतिदिन चार घंटे खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिया। जिसके लिए सुबह पांच तथा शाम पांच बजे मैदान में पहुंचे। धनखड़ के बड़े भाई रतनवीर धनखड़ और महेंद्र धनखड़ ने बताया कि जयसिंह का खेल और शिक्षा को बढ़ावा देने का जुनून सवार है। उन्होंने बताया कि घर पर जरूरी कार्य होने के बावजूद छात्रों का प्रशिक्षण नहीं छोड़ा। उन्होंने विद्यालय विकास में तीन साल के दौरान सवा लाख के करीब योगदान भी दिया। उन्होंने भामाशाहों को प्रेरित कर 45 लाख से ज्यादा का सहयोग करवाया।
नाम-जयसिंह धनखड़
पिता-रामजीलाल धनखड़
निवासी-जोडिय़ा (किठाना)
जन्मतिथि-15 जुलाई 1973
पदस्थापन-28 अगस्त 1998
वर्तमान कार्यस्थल-राजकीय उमावि, देवरोड (सूरजगढ़)
पुरस्कार-वर्ष 2014 में राज्य शिक्षक पुरस्कार, 18 फरवरी 2021 को संभागीय आयुक्त से सम्मानित, वर्ष 2008 व 2013 में जिलास्तरीय पुरस्कार